Tuesday, March 15, 2011

शोले संग छोले ने बनाया हीरो


रणवीर सिंह को फिल्म इन्डस्ट्री  और आवाम ने स्वीकार कर लिया है. उन्हें साल के सभी फिल्म समरोहों में बेस्ट मेल डेब्यु और स्टार आफ टुमारो के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. आत्म विश्वास से लबरेज, खुशमिजाज और बातुनी युवा अभिनेता रणवीर सिंह से बातचीत-

जिस स्टार रणवीर को आज दुनिया देख रही है, उन्हें तैयार होने में कितना समय लगा?
पहले तो मैं कहना चाहुंगा कि मैं स्टार तो हूँ नही. मैं एक्टर हूँ. मेरा लक्ष्य लोगों का मनोरंजन करना है. रणवीर हमेशा से ऐसा ही था. लोग उसकी तरफ देखते नही थे. 
बैंड बाजा बारात की कामयाबी के बाद व्यक्तित्व और सोच में क्या बदलाव आया है?
अब इतना काम हो गया है कि फुरसत नहीं मिलती। सोता कम हूं, सोचता ज्यादा हूं। फैमिली और दोस्तों के लिए वक्त कम निकाल पाता हूं।
हिंदी सिनेमा से पहला परिचय कब हुआ? पहली फिल्म कौन सी याद है?
शोले. यह फिल्म मैंने बचपन में कई बार देखी। मैं दादी के घर जाता था। उनके पास वीसीआर और सिर्फ शोले का कैसेट था। दादी छोले-ब्रेड बनाती और मैं खाते हुए शोले देखता था। मैं तब केजी में था और हर दो दिन में इसे जाकर देखता था। कह सकते हैं कि शोले मेरी पहली फिल्म क्लास थी।
कब लगा कि एक्टिंग के सिवाय और कुछ नहीं कर सकते?
मैं इंडियाना यूनिवर्सिटी में एडवरटाइजिंग की पढ़ाई करने गया था। वहां सारी क्लास फुल थी। मैं एक्टिंग की क्लास में घुस गया। प्रोफेसर ने क्लास में आते ही कहा कि सब लोग बारी-बारी से परफॉर्म करके दिखाओ। मैं खड़ा हुआ और दीवार फिल्म का डायलॉग बोलने लगा, 'उफ्फ तुम्हारे उसूल, तुम्हारे आदर्श.।' मैंने हिंदी में डायलॉग बोला तो किसी को समझ में नहीं आया, लेकिन सबको लगा कि मैंने जोश के साथ परफॉर्म किया। उस क्लास में मैंने खुद से कहा कि रणवीर अब एक्टिंग में घुस जाओ, जो होगा देखा जाएगा।
कितना लंबा संघर्ष रहा?
साढ़े तीन साल। मैं ब्लूमिंगटन से डिग्री लेकर लौटा तो पता नहीं था कि ब्रेक कैसे मिलेगा। थिएटर में एक्टिंग सीखने की कोशिश की, पर वहां देखा कि तीन साल गधा मजदूरी करने के बाद सामने आने का मौका मिलता है। मैं एक्टिंग क्लास में गया, लेकिन वहां जो एक्टिंग सिखाई जा रही थी वह 1980 में आउटडेटेड हो गई थी। मैं शाद अली का असिस्टेंट डायरेक्टर बन गया। सोच लिया था कि छोटे रोल नहीं करूंगा। छब्बीस की उम्र तक रूकूंगा। चौबीस की उम्र में मुझे यशराज से लीड रोल करने के लिए फोन आ गया।
यशराज बैनर की नई फिल्म 'लेडीज वर्सेज रिकी बहल' में किस अंदाज में दिखेंगे?
रिकी बहल एक कॉन आर्टिस्ट है। वह लड़कियों को चकमा देकर उनके पैसे लेकर भाग जाता है। खुश हूं कि बैंड बाजा बारात की टीम इसमें भी है। अनुष्का हैं, मनीष शर्मा हैं। इस बार हम बैंड बाजा बारात से अलग ट्राय कर रहे हैं।
उम्मीद थी कि बिंट्टू इस कदर लोगों को पसंद आएगा?
मैं उम्मीद नहीं कर रहा था। बिंट्टू जमीन से जुड़ा था। वह कूल नहीं था। मैं चौंक गया जब लड़कियां मुझे अट्रैक्टिव पाने लगीं। मैं एक अवॉर्ड फंक्शन के लिए सिंगापुर गया। वहां लड़कियों ने मुझ पर अटैक कर दिया। मेरे कपड़े फाड़ दिए। चुटकियां काट रही थीं। बस, किसी तरह मेरी इज्जत बच गई!
-रघुवेंद्र सिंह   

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