Monday, June 30, 2008

वजन घटाने में जुटे फरदीन

अभिनेता फरदीन खान ने जबसे संजय गुप्ता की फिल्म एसिड फैक्ट्री साइन की है, तबसे वे अपनी फिटनेस को लेकर कुछ ज्यादा ही सचेत हो गए हैं। फरदीन के बारे में चर्चा है कि वह इस फिल्म में शाहरुख खान की तरह सिक्स पैक एब्स में नजर आने वाले हैं। इसके लिए वे आजकल शाहरुख के उसी फिटनेस ट्रेनर प्रशांत की देखरेख में जिम में खूब पसीना बहा रहे हैं। बहरहाल, हाल ही में फरदीन खान से जब एक फिल्मी इवेंट में भेंट हुई तो हमने उनसे इस बाबत पूछा। फरदीन ने सिक्स पैक एब्स की बात पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन हां उन्होंने अपनी फिटनेस के सिलसिले में खुलकर बात की।
फरदीन ने कहा कि मैं एसिड फैक्ट्री में एक गैंगस्टर की भूमिका निभा रहा हूं। जिसके लिए मुझे काफी तैयारी करनी पड़ी है। इसी के तहत मैंने अपनी फिटनेस पर काफी ध्यान दिया है। यह सच है कि मैं गत कुछ महीनों से अपना वजन कम करने में जुटा हुआ हूं। इसमें मैं फिटनेस ट्रेनर प्रशांत की मदद ले रहा हूं। दरअसल फिल्म में हमारा एक खास लुक है। उस लुक के हिसाब से हमें खुद को तैयार करना पड़ रहा है। मेरी पूरी कोशिश है कि दर्शक फिल्म एसिड फैक्ट्री में मेरे नए लुक से रूबरू हों।
बहरहाल, फरदीन ने यह तो स्वीकार कर लिया कि वह अपना वजन घटा रहे हैं, लेकिन उन्होंने सिक्स पैक एब्स की बात को अभी तक राज ही रखा है। शायद वे अपने प्रशंसकों को पर्दे पर अचानक सिक्स पैक एब्स दिखाकर चौंकाने के मूड में हैं।
[रघुवेंद्र सिंह]

सोनू से नाखुश नहीं है ईशा


राजश्री की फिल्म एक विवाह ऐसा भी में प्रमुख नायिका की भूमिका निभा रहीं ग्लैमरस गर्ल ईशा कोप्पिकर अपने को-स्टार सोनू सूद से नाखुश बताई जा रही हैं। दरअसल ईशा खुद को अभिनेता सोनू सूद की तुलना में ज्यादा पापुलर मानती हैं। सूत्रों की मानें तो ईशा ने आरंभ में ही निर्माता सूरज बड़जात्या से अपने अपोजिट किसी बड़े कलाकार को कास्ट करने की गुजारिश की थी, लेकिन सूरज राजी नहीं हुए। बहरहाल अब सेट पर इनके दरम्यान दूरियां होने की बात कही जा रही है।
इस संदर्भ में जब ईशा से बात हुई, तो उन्होंने बड़ी सफाई से अपना मत रखा। ईशा ने कहा, सोनू के साथ काम करके मैं बहुत खुश हूं। किसने ऐसी बात कही है कि मैं नाखुश हूं? हां, यह बात सच है कि मैंने फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले सोनू को लेकर थोड़ी असहमति व्यक्त की थी। सूरज जी ने जब मुझे यह फिल्म ऑफर की तो मैं बड़ी खुश हुई, लेकिन जब उन्होंने बताया कि इसमें मेरे अपोजिट सोनू सूद होंगे, तो मेरी खुशी कम जरूर हो गई। मैंने सूरज जी से कहा कि मेरे अपोजिट सोनू को कास्ट करना क्या उचित होगा? इस पर उन्होंने मुझे विश्वास दिलाया कि इसकी फिक्र मत करो। मैं जानता हूं कि तुम दोनों की जोड़ी पर्दे पर खूब जमेगी। तुम बस दिल लगाकर अपना काम करती जाओ। अब मुझे लगता है कि उस वक्त वाकई मैं गलत थी। सच कह रही हूं, सोनू जैसा को-स्टार पाकर मैं बहुत खुश हूं। सोनू अब मेरे अच्छे दोस्त है। मुझे उम्मीद है कि हमारी जोड़ी दर्शकों का दिल जीतने में जरूर कामयाब होगी।
उल्लेखनीय है सूरज बड़जात्या की फिल्म एक विवाह ऐसा भी में ईशा कोप्पिकर पहली बार नॉन ग्लैमरस भूमिका में नजर आएंगी। इस फिल्म में वह भोपाल शहर की लड़की चांदनी की भूमिका निभा रही है, जबकि सोनू उनके अपोजिट प्रेम का किरदार निभा रहे हैं।
[रघुवेंद्र सिंह]

बहुत मिस करती हूं उन शरारतों को: मंदिरा बेदी

बचपन में हर बच्चा शरारती होता है, लेकिन मैं कुछ ज्यादा ही शरारतें किया करती थी। ऐसा मेरे मम्मी-पापा कहते है। मेरी शैतानी हरकतों से पूरा घर-मोहल्ला परेशान रहता था। कभी-कभी तो मेरे मम्मी-पापा को मुझे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता था। इतना तंग करने के बावजूद, मुझे याद है उन्होंने कभी मुझ पर हाथ नहीं उठाया बल्कि हमेशा प्यार से समझाया।
अनुशासन उनकी पहली सीख थी। इसके अलावा वे पढ़ाई से लेकर खेल-कूद, रिश्ते-नाते और वक्त की कीमत; सबकी अहमियत भी समझाते थे। सच कहूं तो उस वक्त उनकी वो बातें मुझे अच्छी नहीं लगती थीं, लेकिन आज उनकी वैल्यू समझ में आती है। आज जीवन के हर मोड़ पर वो बातें कहीं न कहीं काम आती है।
मैं पढ़ने से ज्यादा खेलकूद पर ध्यान देती थी, फिर भी मेरे हर सब्जेक्ट में अच्छे मा‌र्क्स आते थे। सिवाय गणित के। गणित में मैं बहुत कमजोर थी। अक्सर मैं अपना गणित का पेपर घर लाती ही नहीं थी, लेकिन मेरी चोरी पैरेट-टीचर्स डे पर पकड़ जाती थी, जब मम्मी-पापा और मेरे टीचर्स एक-दूसरे से रू-ब-रू होते थे। उसके बाद मुझे डांट खानी पड़ती थी। मैं फिर भी सुधरी नहीं। दोबारा वही सब करती थी।
आज बचपन की उन मौज-मस्तियों को, उन शरारतों को और मम्मी-पापा की उन बातों को बहुत मिस करती हूं। सोचती हूं कि काश मेरा बचपन फिर से वापस लौट आए। मेरे बच्चे नहीं है। मुझे जब भी अपने बचपन को जीने की चाहत होती है, अपने भैया के बच्चों के पास सिंगापुर चली जाती हूं। उनके साथ खूब मौज-मस्ती करती हूं।
आज क्या है कि हम सबने इतनी तरह-तरह की चादरे ओढ़ ली है कि बचपन को चाहकर भी जी नहीं पाते। बचपन में एक सच्चाई होती है, इंसान को उसे खोना नहीं चाहिए। मेरे अंदर आज भी एक बच्ची छुपी हुई है जो मौका मिलते ही बाहर निकलकर आ जाती है। आज भी मौका मिलते ही मैं अपने पैरेट्स को तंग करने लग जाती हूं!

सबका दुलारा था मोहल्ले में: विवेक ओबेराय

बचपन में बहुत शरारती था। मेरी शरारतों से मम्मी-पापा तो परेशान रहते ही थे, साथ ही पूरा मोहल्ला भी परेशान रहता था। इसके बावजूद मुझे सब बहुत प्यार करते थे।
मैं अपने मोहल्ले में सबका दुलारा था। आपको पता है, मैं मुश्किल से बस नाश्ता ही अपने घर पर कर पाता था। मेरा लंच किसी पड़ोसी के घर पर और डिनर किसी और के यहां होता था। आप सोच रहे होंगे कि मैं सबके घर पर खुद जाता था, जबकि ऐसा नहीं है। सब मुझे जबरन उठा ले जाते थे। कहते कि आज तुम्हारी पसंद की डिश बनाई है। बस मैं उनके साथ हो लेता था। वो सारे मेरी हरकतों से तंग भी रहते थे और बिना मेरे रह भी नहीं पाते थे।
मेरी शरारतों की बात सुनकर आपको लग रहा होगा कि मैं पढ़ने में कमजोर रहा होऊंगा। सचमुच मेरा पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता था। उस वक्त मेरी खेलने में ज्यादा व्यस्तता होती थी। इसके बावजूद पता नहीं कैसे, मेरे अच्छे मा‌र्क्स आ जाते थे। इससे मेरे मम्मी-पापा को यह संतोष रहता था कि चलो मस्ती करता है, लेकिन मा‌र्क्स तो अच्छे लाता है। इसीलिए मुझे कभी मार नहीं पड़ती थी।
अभी सोचता हूं तो महसूस करता हूं कि मैं अपनी शरारतों के बीच समय निकाल कर पढ़ लेता था। तभी तो अच्छे मा‌र्क्स आते थे। पढ़ना कोई भारी काम तो है नहीं, फट से हो जाती है पढ़ाई। ज्यादातर अभिभावक चाहते है कि उनके बच्चे बचपन की सारी गतिविधियां छोड़ कर सिर्फ पढ़ते ही रहे। ऐसा दबाव नहीं होना चाहिए।
अब मैं बड़ा हो गया हूं, ऐसा लोग कहते है। मैं खुद ऐसा नहीं मानता। आज भी कभी जब मौका मिलता है तो मैं अपने बचपन को जी लेता हूँ। बचपन की यादों में पता नहीं, ऐसी क्या बात होती है कि उन्हे हम पूरी उम्र नहीं भूल पाते। आज मुझे बस एक चीज की कमी खलती है और वह यह कि अब पहले इतनी फुरसत नहीं मिलती!
[रघुवेन्द्र सिंह]

अपने दम पर आगे बढ़ रहा हूं: रणविजय


रणविजय एम टीवी के लोकप्रिय वीजे हैं। उन्होंने ग्लैमर इंडस्ट्री में अपने सफर का आगाज चार साल पहले एम टीवी के ही शो रोडीज से किया था। शो का विजेता बनने के बाद वे आम लोगों की भीड़ से निकलकर खास लोगों की फेहरिस्त में शुमार हो गए।
रणविजय इस बात को स्वीकार करते हुए कहते हैं, रोडीज का विजेता बनने के बाद मेरी जिंदगी बदल गई। मेरे परिवार की पांच पीढि़यां आर्मी में हैं। मैं भी वहीं जा रहा था। सब कुछ फाइनल हो गया था। मैंने रिटेन, मेडीकल, इंटरव्यू सब पास कर लिया था। उसी वक्त मुझे रोडीज की एंकरिंग के लिए संपर्क किया गया। मैंने तुरंत शो को होस्ट करने का निर्णय ले लिया। लेकिन जब मैंने पापा से इस बारे में बताया तो उन्होंने ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि लोग एक अच्छा कॅरियर चाहते हैं। वह तुम्हे मिल रहा है और तुम उसे छोड़कर ऐसी जगह जाने की बात कर रहे हो जहां तुम्हारे आगे-पीछे हमारा कोई परिचित नहीं है। बाद में उन्होंने मुझे इजाजत दे दी।
रोडीज की मेजबानी के बाद आजकल रणविजय एम टीवी के नए शो स्पि्लट्सविला को होस्ट कर रहे हैं। शो के बारे में रणविजय कहते हैं, यह बड़ा रोचक शो है। इस तरह का शो किसी भारतीय चैनल पर पहली बार प्रसारित हो रहा है। दरअसल इसमें बीस लड़कियां और दो लड़के हैं। वह बीस लड़कियां उन दो लड़कों को हर तरह से अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश करेंगी। अंत में जो दो लड़कियां उन दोनों लड़कों का दिल जीत लेंगी, उन्हें पांच-पांच लाख रुपये की विजेता राशि के साथ एम टीवी के पहले कपल शो को होस्ट करने का मौका मिलेगा। हमें दर्शकों की तरफ से शो के प्रति बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। उम्मीद कर रहे हैं कि हमारा यह शो भी रोडीज की तरह ही बेहद लोकप्रिय होगा।
पच्चीस वर्षीय रणविजय जल्द ही सिनेमा के बड़े पर्दे पर एक्टिंग करते हुए नजर आएंगे। हाल ही में उन्होंने रमेश कक्कड़ की फिल्म टॉस साइन की है। उस फिल्म के बारे में रणविजय कहते हैं, यह फिल्म तीन दोस्तों की कहानी है। मैं उसमें गोवा के एक मस्त युवक रायन का किरदार निभा रहा हूं। वह खुद कुछ नहीं करता है। किस्मत के भरोसे बैठा रहता है। उसमें मेरे साथ अस्मित पटेल, प्रशांत राज, राजपाल यादव आदि हैं। उसके निर्देशक रमेश कक्कड़ हैं। इसके अलावा मैं एक फिल्म मुंबई इलेवन कर रहा हूं। मुंबई इलेवन बड़ी दिलचस्प फिल्म है। इसमें ग्यारह अलग-अलग कहानियां एक साथ दिखाई जाएंगी।
टेलीविजन और फिल्मों के साथ ही रणविजय मॉडलिंग की दुनिया में भी सक्रिय हैं। उनका कॅरियर ग्राफ तेजी से ऊपर की तरफ बढ़ रहा है। रणविजय बेहद खुश हैं। वे कहते हैं, मुझे इस बात की खुशी है कि इंडस्ट्री में किसी अपने के न होने के बावजूद मैं अपने दम पर आगे बढ़ रहा हूं। मैं अपने बलबूते नाम, पैसा, इज्जत सब कुछ कमा रहा हूं। आज मेरे पापा-मम्मी इस बात के लिए मुझ पर गर्व करते हैं कि बिना किसी गॉडफादर के मैं यहां तक पहुंचा हूं। इतना नाम कमाया है। इससे बढ़कर मेरे लिए खुशी की बात और क्या हो सकती है। मैं चाहता हूं कि बस आप सबका प्यार मुझे यूं ही मिलता रहे।
[रघुवेंद्र सिंह]

अपने निर्णय खुद लेती हूं: आएशा


आएशा टाकिया उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में एक है जिन्होंने हमेशा अपनी शर्तो पर काम किया है। उन्होंने कभी ऐसे दृश्य नहीं दिए जिन्हें वे अपने मम्मी-पापा, बहन और दोस्तों के साथ बैठकर न देख सकें। उनकी जायज शर्ते ही हैं जो उन्हें अन्य अभिनेत्रियों से अलग खड़ा करती हैं। अब आएशा पहली बार फिल्म दे ताली में एक टॉम ब्वॉय अमू की दिलचस्प भूमिका में नजर आने वाली हैं। आएशा दर्शकों की प्रतिक्रिया जानने के लिए अत्यंत उत्साहित हैं। पेश है आएशा से इस फिल्म, उनके कॅरियर और शादी की योजना को लेकर खास बातचीत-
[फिल्म दे ताली में आप पहली बार एक टॉम ब्वॉय लड़की का किरदार निभा रही हैं?]
जी, हां। मेरे किरदार का नाम अमू है। दरअसल यह फिल्म तीन दोस्तों पगलू, अमू और अभि की कहानी है। तीनों बेस्ट फ्रेंड हैं। अमू, पगलू और अभि साथ ही पली-बढ़ी है इसलिए वह हमेशा लड़कों जैसे व्यवहार करती है। वह खुद को लड़की मानती ही नहीं है। पगलू और अभि के साथ वह हमेशा मौज-मस्ती करती रहती है। पहली बार मैंने इस तरह का किरदार निभाया है। सच मानिए मुझे बहुत मजा आया।
[अमू से खुद को कितना रिलेट कर पाती हैं?]
ज्यादा नहीं, क्योंकि मैं बिल्कुल टॉम ब्वॉय नहीं हूं। मैं उस किस्म की लड़की नहीं हूं जो काम खत्म होने के बाद लड़कों के साथ मौज मस्ती करने का प्लान बनाए या फिर लड़कों के साथ लड़कों की तरह बर्ताव करे। हां, मैंने अमू को एंज्वॉय खूब किया।
[आप अपनी शर्तो पर काम करती हैं। दिक्कत नहीं आती?]
अपनी शर्त पर चलने वाले हर शख्स को हमेशा दिक्कत का सामना करना पड़ता है। मुझे भी कभी कभार ऐसी छोटी मोटी दिक्कतें आती हैं, लेकिन मैं उस दिन के बारे में सोच कर खुश होती हूं कि जब मैं फिल्मों से दूर हो जाऊंगी तो अपनी शर्तो पर काम करने की बात से खुश रहूंगी। किसी बात का पछतावा नहीं होगा। संतुष्टि होगी कि जो चाहा वही किया।
[अपनी शर्ते आपने स्वेच्छा से तय की हैं या फैमिली के दबाव में?]
मैं अपने निर्णय खुद लेती हूं। मैंने जबसे होश संभाला है तबसे मैं अपने डिसीजन खुद लेती आ रही हूं। मुझे क्या करना है? इतना तो मैं जानती हूं। मुझपर मेरे परिवार का कोई दबाव नहीं है।
[क्या आप शादी के बाद फिल्मों को अलविदा कह देंगी?]
मैंने अभी तक अपनी शादी की तारीख तय नहीं की है। जिस दिन वह तय हो जाएगी उसके बाद फिल्मों से अलविदा कहने या न कहने की बात पर चर्चा करूंगी। जल्दी क्या है?
[फरहान के साथ आप रेस्टोरेंट बिजनेस में कदम रखने जा रही हैं?]
हां। रेस्टोरेंट बिजनेस मेरा और फरहान का सपना रहा है। गोवा से हम इसकी शुरुआत करने जा रहे हैं। हमारा पन्द्रह कमरों का एक्सक्लूजिव होटल बनाने का प्लान है जिसमें बेहद खास रेस्टोरेंट और कॉफी शॉप होगा। मैं खुश हूं कि फरहान जैसा जानकार शख्स मेरा बिजनेस पार्टनर है।
[सीरियस और कॉमर्शियल सिनेमा में आप क्या पसंद करती हैं?]
मुझे कॉमर्शियल और खासकर रोमांटिक फिल्में ज्यादा पसंद हैं। मैं ऐसी फिल्में ही देखना पसंद करती हूं, लेकिन जब तक आप सीरियस फिल्में नहीं करते, लोग आपको गंभीरता से नहीं लेते। मैंने जब डोर जैसी सीरियस फिल्म की, तबसे मेरे बारे में लोगों की राय बदल गई। अब मैं एक्शन फिल्म करना चाहूंगी।
[निर्देशक इम्तियाज अली और आप दोबारा एकजुट नहीं हुए। क्या आप दोनों फिर साथ काम करने वाले हैं?]
इम्तियाज ने बीच में मुझसे एक फिल्म को लेकर संपर्क किया था। उसमें मेरे अपोजिट बॉबी द्योल थे, लेकिन तारीख की समस्या के चलते बात बन नहीं पाई। अब वे फिर कब मुझे लेकर फिल्म बनाएंगे, मैं कैसे कह सकती हूं? इम्तियाज बहुत टैलेंटेड निर्देशक हैं। हर कलाकार की तरह मैं भी उनके साथ काम करने की इच्छुक हूं।
[दे ताली के बाद आप किन फिल्मों में दिखेंगी?]
इसके बाद प्रभुदेवा के निर्देशन मे बनी वांटेड डेड ऑर एलाइव आएगी। उसमें मेरे अपोजिट सलमान खान हैं। उसमें मैंने जमकर डांस किया है। चूंकि प्रभुदेवा डायरेक्टर हैं तो मुश्किल डांस स्टेप्स का होना लाजमी है। उस फिल्म को लेकर मैं बहुत उत्साहित हूं। उसके बाद नागेश कुकनूर की फिल्म तस्वीर रिलीज होगी। एक अहमद खान की फिल्म पाठशाला है। उसमें मैं टीचर बनी हूं।
[रघुवेंद्र सिंह]

करीना का हंगामा


फिल्म जब वी मेट की अपार सफलता के बाद अभिनेत्री करीना कपूर ने सफलता की नई बुलंदियों को छू लिया है। अभी तक करीना ने चुलबुली और बिंदास लड़की गीत की भूमिका के लिए इस साल के फिल्म पुरस्कारों पर तो कब्जा किया ही था, अब वे विज्ञापन की दुनिया में भी चोटी पर काबिज हो गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, करीना ने एक साबुन के विज्ञापन के लिए पांच करोड़ की राशि मेहनताने के तौर पर ली है। इतनी बड़ी राशि के आसपास अब तक सुष्मिता सेन और ऐश्वर्या राय बच्चन ही पहुंच पाई हैं, जो कि मॉडलिंग से अभिनय की दुनिया में आई हैं।
विज्ञापन जगत के विशेषज्ञों की मानें, तो करीना इस वक्त मॉडलिंग जगत में टॉप के मॉडल और एक्टर्स को टक्कर दे रही हैं। कीमत के मामले में भी वे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े अभिनेताओं को चुनौती दे रही है। करीना की लोकप्रियता हाल के दिनों में इस कदर बढ़ी है कि बड़ी-बड़ी कंपनियां उन्हें अपने प्रोडक्ट के इंडोर्समेंट के लिए साइन करना चाहती है। आजकल करीना को यूथ आइकॉन के तौर पर भी देखा जाने लगा है। करीना अपने कॅरियर के इस खुशनुमा दौर पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहती हैं, मैं सफलता के इस दौर को हर तरह से एंजॉय कर रही हूं। हर एक्ट्रेस इस तरह की सफलता पाने का इंतजार करती है। मुझे वह मिली है। भला मैं खुश क्यों नहीं होऊंगी। इन दिनों काम के चलते मेरी व्यस्तता इतनी बढ़ गई है कि मुझे स्वयं के लिए वक्त नहीं मिलता है।
अपनी बढ़ती लोकप्रियता को लेकर करीना बेहद सजग है। फिलहाल वे ऐसी कोई फिल्म नहीं साइन करना चाहतीं, जिससे उनकी लोकप्रियता एवं कीमत पर असर पड़े। करीना कहती है, मैं फिल्मों के मामले में बहुत चूजी हो गई हूं। आने वाले दिनों में मेरी अक्षय के साथ कमबख्त इश्क, सलमान के साथ मैं और मिसेज खन्ना, आमिर के साथ इडियट, सैफ के साथ एजेंट विनोद और करण जौहर की एक अनाम फिल्म है। इन फिल्मों की सफलता को लेकर मैं काफी आशान्वित हूं। आशा व्यक्त की जा रही है कि इन फिल्मों की रिलीज के बाद करीना का मॉडलिंग और एक्टिंग की दुनिया में और हंगामा होगा अर्थात उनकी मार्केट वैल्यू और आसमान छुएगी।
[रघुवेंद्र सिंह]

अध्ययन, अमिता और नकुल बने जर्नलिस्ट


अनिल देवगन की आज रिलीज हो रही फिल्म हाल-ए-दिल से तीन युवा चेहरे अध्ययन सुमन, अमिता पाठक और नकुल मेहता अभिनय जगत में कदम रखने जा रहे हैं। त्रिकोणीय प्रेम कहानी पर बनी इस फिल्म में अध्ययन जहां शरारती युवक रोहित की भूमिका निभा रहे हैं, वहीं नकुल जिंदादिल युवक शेखर के किरदार में हैं और अमिता इनकी लव इंटरेस्ट संजना की भूमिका निभा रही हैं। इन तीनों फ्रेश चेहरों में अध्ययन और नकुल बचपन से ही बड़े पर्दे पर दिखना चाहते थे, जबकि अमिता के दिल में जर्नलिस्ट बनने की चाहत थी। बडे़ पर्दे पर अपने एक्टिंग का जलवा बिखरने को तैयार इन युवा कलाकारों को हमने जर्नलिस्ट बनने का एक मौका दिया। आइए देखते हैं कि इन्होंने एक-दूसरे की कैसी पोल-खोल की।
[अमिता के सवाल]
अध्ययन से: सुना है कि आपके और अमिता के बीच सेट पर लड़ाई होती थी। इस पर क्या कहेंगे?
अध्ययन: आपने बिल्कुल सही सुना है। वे मुझे अपना आईना नहीं देती थीं, इसीलिए मैं उनसे लड़ता था।
नकुल से: फिल्म में आपने शेखर के रूप में अपने प्यार के लिए जो कुछ किया है, क्या रीयल लाइफ में वैसा करेंगे?
नकुल: जरूर, लेकिन वो लड़की अमिता जितनी ही खूबसूरत होनी चाहिए। मैं उससे ज्यादा हद पार कर जाऊंगा।
[नकुल के सवाल]
अमिता से: आप असल जिंदगी में रोहित जैसा लड़का पसंद करेंगी या शेखर जैसा?
अमिता: एक ही इंसान में उन दोनों की क्वालिटी हो सकती है। शायद मुझे वैसा लड़का मिल जाए।
अध्ययन से: सुनने में आ रहा है कि आपने शेखर के रोल के लिए लड़ाई की थी। सच्चाई क्या है?
अध्ययन: झूठ है। मुझसे लोग यह भी पूछते हैं कि फिल्म में लीड कौन कर रहा है? मैं कहता हूं कि स्क्रिप्ट इसकी लीड है। शेखर का किरदार निभाने वाले नकुल मेरे अच्छे दोस्त हैं। मैं उनसे लड़ूंगा क्यों?
[अध्ययन के सवाल]
अमिता से: आप रोहित और शेखर में किसे पसंद करती हैं?
अमिता: मैं दोनों को पसंद करती हूं। यूं कहूं तो मैं दोनों से ही प्यार करती हूं।
नकुल से: अमिता के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
नकुल: शानदार। अमिता से अच्छी मेरी को-स्टार हो ही नही सकती थी। मैं उनसे यदि दस रिहर्सल के लिए कहता था, तो वे बिना कुछ कहे तुरंत तैयार हो जाती थीं। शायद कोई और ऐक्ट्रेस होती तो मुझे इतनी सहूलियत नहीं होती।
-रघुवेंद्र सिंह

फिर जाऊंगा स्कूल: जायद खान


मैं बचपन में ज्यादा नहीं, बस थोड़ा सा शरारती था। अपने पड़ोसियों और दोस्तों को कम, मैं मम्मी-पापा को अधिक तंग करता था। उसके बावजूद उन्होंने कभी मुझ पर हाथ नहीं उठाया। हमेशा प्यार से समझाया।
मेरी पढ़ाई को लेकर वे ज्यादा चिंतित रहते थे। मैं पढ़ने में अच्छा था, लेकिन वे चाहते थे कि मैं और अधिक मा‌र्क्स से पास होऊं। मेरे खेलने-कूदने पर पाबंदी लगाकर पढ़ने-लिखने पर ज्यादा ध्यान देने को कहा जाता। जब परीक्षा आती थी तब तो पूछिए ही मत। क्या हालत हो जाती थी?
आपको एक बार की बात बताता हूं। मेरी परीक्षा चल रही थी। मैं अच्छे नंबरों से पास होऊं, इसके लिए मम्मी-पापा शिरडी साई बाबा के दरबार में दुआ करने गए थे। वे लोग वहां से जब मेरे लिए दुआ मांगकर वापस लौटे तो पाया कि मैं घर में हूं ही नहीं। उन्होंने सोचा कि मेरी परीक्षा चल रही है, मैं अपने कमरे में बैठकर पढ़ रहा होऊंगा या फिर ट्यूशन गया होऊंगा, लेकिन जब उन्होंने पता किया कि मैं हूं कहा तो वे हैरान रह गए। आप सुनकर हंसेंगे। उस वक्त मैं जॉगर्स पार्क में दोस्त के साथ बैठा गप्पें मार रहा था। उस दिन मुझे बहुत डांट पड़ी और साथ में मार भी पड़ी थी।
आज जब मैं फुरसत के पलों में बचपन की उन बातों को याद करता हूं तो खूब हंसता हूं। अपने बचपन को मिस करता हूं, सिर्फ इसलिए क्योंकि अब वे फुरसत के पल और एक्जाम का प्रेशर नहीं है। शरारतें तो शू¨टंग के दौरान कर ही लेता हूं। मैं जल्द ही वक्त निकालकर फिर से अपने स्कूल जाने वाला हूं, जहां अपने अध्यापकों और दोस्तों से मिलूंगा। एक्टर होने के नाते मुझे कभी-कभार बचपन को जीने का मौका मिल ही जाता है। अब मैं पिता भी बन चुका हूं। अपने बेटे जिदान के साथ फिर से बचपन को जी रहा हूं। मुझे बहुत मजा आ रहा है।
[रघुवेंद्र सिंह]

Saturday, June 28, 2008

फिल्म प्रचार के लिए सड़क पर उतरीं रानी


मुबंई। लोकप्रिय अभिनेत्री रानी मुखर्जी शुक्रवार की सुबह अपनी फिल्म थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक के प्रचार के लिए मुंबई की सड़कों पर आम लोगों के बीच पहुंचीं। उन्होंने ऑटो रिक्शा चालकों और पान की गुमटी लगाने वाले लोगों से मुलाकात की और उन्हें कीमती गिफ्ट दिए। साथ ही उन्होंने उनसे अपनी नई रिलीज थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक को सिनेमाघर में जाकर देखने का आग्रह किया।
प्रचार के इस अनूठे तरीके के विषय में बात करते हुए रानी ने कहा, मैं अपनी फिल्म थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक में परी की भूमिका निभा रही हूं जो लोगों को खुशियां बांटती है। वही काम मैं रीयल लाइफ में कर रही हूं। मैं आम लोगों से मिलकर, उन्हें गिफ्ट देकर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयास कर रही हूं। मुझे यह सब करके बहुत मजा आ रहा है। वैसे भी हमें यह सब करने का अवसर मिलता ही कहां है?
उल्लेखनीय है कि रानी मुखर्जी की फिल्म थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक शुक्रवार को रिलीज हुई। रानी ने शुक्रवार पूरे दिन अलग-अलग स्थानों पर जाकर अपनी इस फिल्म का जमकर प्रचार किया। सबसे पहले वे जुहू स्थित माणिक दास कूपर हाई स्कूल गईं। उसके बाद मीठीबाई कॉलेज पहुंची। इन जगहों पर वे बच्चों और युवाओं से मिलीं एवं उन्हें लैपटॉप, म्यूजिक सिस्टम, टेलीविजन और अन्य कीमती सामान गिफ्ट स्वरूप दिए। बता दें रानी ने इन्हीं शिक्षण संस्थाओं से अपनी पढ़ाई की है। दोपहर में वे सड़क पर आम लोगों के बीच रहीं। फिर शाम को वे वृद्धाश्रम गईं। वहां बुजुर्गो से मिलीं। और अंत में वे मुंबई के मलाड स्थित एक मॉल में पहुंचीं और वहां फिल्म का जमकर प्रचार किया।
बहरहाल, रानी मुखर्जी जैसे बड़े सितारों को अपनी फिल्मों की रिलीज के समय ही आम लोगों की याद आती है और वे केवल तभी इस तरह सड़कों पर उतरते हैं। वरना इनकी एक झलक मिलना सपने सरीखा होता है। देखते हैं कि रानी का फिल्म प्रचार का यह अनूठा तरीका उनकी फिल्म के लिए कितना लाभप्रद साबित होता है।
-रघुवेंद्र सिंह

Friday, June 27, 2008

दर्शक मेरा दूर तक साथ देंगे: हिमेश रेशमिया


आजकल हिमेश रेशमिया अपनी पोनी टेल को लेकर ठीक उसी तरह चर्चा में हैं, जिस तरह से वे एक साल पहले अपनी कैप को लेकर थे। दरअसल, उनके सारे प्रशंसक यह सुनकर हैरान हैं कि वे अब टोपी की बजाय चोटी में नजर आएंगे! सबके मन में अब एक ही सवाल उमड़ रहा है कि क्या टोपी की तरह हिमेश की चोटी भी चलन में आ जाएगी? सवाल के जवाब में हिमेश अपना तर्क देते हैं, मुझे यह नहीं पता कि मेरी चोटी को मेरे प्रशंसक पसंद करेंगे या नहीं और मेरा नया लुक चलन में आ पाएगा या नहीं! लेकिन हां, मैं इतना जरूर जानता हूं कि समय के साथ बदलाव बहुत जरूरी है। चाहे वह किसी भी क्षेत्र फिल्म, फैशन, गीत, संगीत, कला की बात हो। सच तो यह है कि मैं नहीं चाहता कि दर्शक मेरे एक ही लुक को ज्यादा दिन तक झेलें। यही वजह है कि मैं अपने ऊपर खूब मेहनत करके खुद को बदलने में लगा हुआ हूं। बाकी फाइनल रिजल्ट तो फिल्म की रिलीज के बाद ही आएगा!
संगीतकार, गायक और अभिनेता हिमेश एक साल के बाद दर्शकों के सामने आने को फिर से तैयार हैं। उनकी दूसरी फिल्म कर्ज लगभग तैयार है। हिमेश नर्वस हैं। वे कहते हैं, फिल्म के मामले में मैं प्रेशर महसूस कर रहा हूं। जो रोल मैं इसमें कर रहा हूं, उसे ऋषि कपूर जैसे खूबसूरत हीरो निभा चुके हैं, इसलिए डर लग रहा है कि पता नहीं दर्शक मुझे उस अंदाज में स्वीकार करेंगे या नहीं! बहरहाल, मैं अपनी तरफ से पूरी मेहनत कर रहा हूं। मैंने इस फिल्म में खूबसूरत दिखने का हर संभव प्रयास किया है। स्क्रीन पर स्पेशल इफेक्ट का प्रयोग तो हुआ ही है, साथ ही डॉक्टरों की भी मदद ली है। मेरी बहन रूपा ने भी इस फिल्म में मेरे लुक को लेकर बहुत मेहनत की है।
सतीश कौशिक निर्देशित कर्ज में हिमेश उर्मिला मातोंडकर और नवोदित ऐक्ट्रेस श्वेता कुमार के साथ दिखेंगे। हिमेश ने कहा, यह फिल्म सत्रह अक्टूबर को रिलीज होगी। पहली फिल्म आपका सुरूर में गंभीर भूमिका निभा चुके हिमेश जॉन मैथ्यू की फिल्म ए न्यू लव स्टोरी में एक टपोरी की भूमिका में नजर आएंगे। इस फिल्म में वे पहली बार ऐक्शन और स्टंट सीन करते दिखेंगे। हिमेश बताते हैं, मैं उसमें सुक्कू भाई नाम के एक टपोरी का किरदार निभा रहा हूं। इसमें मेरे खूब सारे स्टंट सीन हैं। स्टंट के लिए एक स्पेशल टीम बुलाई गई थी। मैंने स्टंट करते हुए काफी एंज्वॉय किया। पूजा भट्ट की कजरारे में मेरे कई फाइटिंग सीन हैं। मैंने बचपन में यह सब बड़े-बड़े कलाकारों को पर्दे पर करते हुए देखा था। अब वही सब करने को मिल रहा है, तो अच्छा लग रहा है। लगता है, जैसे कोई सपना सच हो गया है।
संगीतकार और गायक के रूप में खुद को साबित कर चुके हिमेश अब खुद को ऐक्टर के रूप में भी साबित करने की पूरी कोशिश में जुटे हैं। वे कहते हैं, मैंने अभी तक जो फिल्में साइन की हैं, सभी में अलग अंदाज में दिखूंगा। किसी फिल्म में सीरियस, किसी में कॉमेडी और किसी में ऐक्शन करता नजर आऊंगा। अब जब ऐक्टर बन ही गया हूं, तो क्यों न हर तरह की भूमिकाओं में खुद को साबित कर अभिनय की दुनिया में अच्छा मुकाम बनाएं!
हिमेश के पास इस वक्त कुल पांच फिल्में हैं। वे उनके बारे में बताते हैं, मैं अभी जिन फिल्मों को कर रहा हूं, उनमें सबसे पहले कर्ज आएगी। उसके बाद जॉन मैथ्यू की ए न्यू लव स्टोरी, फिर पूजा भट्ट की कजरारे, उसके बाद मुड़ मुड़ के ना देख और अगले साल तक आपका सुरूर-2 आएगी। हिमेश यह कहते हुए अपनी बात खत्म करते हैं, मैं इन फिल्मों को लेकर बहुत मेहनत कर रहा हूं। आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा हूं। उम्मीद है, दर्शक हमेशा मेरे साथ रहेंगे, मेरा दूर तक साथ देंगे।
-रघुवेंद्र सिंह

Thursday, June 26, 2008

हे गुज्जू में हिमेश की दोहरी भूमिका | खबर


मुंबई। रॉकस्टार हिमेश रेशमिया टीवी 18 की सतीश कौशिक के निर्देशन में बनने वाली फिल्म हे गुज्जू में दोहरी भूमिका में नजर आएंगे। पहले टीवी 18 प्रोडक्‍शन की इस फिल्म का नाम गुज्‍जू भाई रखा गया था, लेकिन अब इसका नाम हे गुज्‍जू होगा। हिमेश पहली बार इस फिल्म में दोहरी भूमिका में नजर आएंगे। इसमें उनका लुक एवं अंदाज पूरी तरह से गुजराती रंग में रंगा होगा। यानी फिल्म का किरदार हिमेश की रीयल लाइफ के काफी नजदीक होगा।
उल्लेखनीय है कि हिमेश रेशमिया गुजराती हैं और वे खुद को हमेशा गूज्‍जू भाई कहकर संबोधित करते हैं। फिल्म के नाम परिवर्तन और दोहरी भूमिका के बाबत जब हिमेश रेशमिया से संपर्क किया गया तो उन्‍होंने कहा, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि फिल्म हे गुज्‍जू का मेरी हकीकत की जिंदगी से कोई नाता नहीं है। यह पूरी तरह से धमाल कॉमेडी फिल्म है और यह सच है कि मैं इसमें पहली बार दोहरी भूमिका निभा रहा हूं। इस फिल्म की शूटिंग शुरू होने का मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। मुझे इस फिल्म में पुन सतीश कौशिक के निर्देशन में काम करने का अवसर मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि हिमेश रेशमिया ने सतीश कौशिक के निर्देशन में बन रही फिल्म कर्ज की शूटिंग समाप्‍त कर ली है। कर्ज आगामी 10 अक्‍टूबर को रिलीज होगी। हे गुज्‍जू हिमेश और सतीश कौशिक की जोड़ी की दूसरी फिल्म होगी। इस वक्‍त हिमेश जॉन मैथ्‍यू मथान की फिल्म ए न्‍यू लव इश्टोरी की मुंबई में शूटिंग कर रहे हैं।
-रघूवेंद्र सिंह

Wednesday, June 25, 2008

बेटे प्रतीक से नाराज हुए राज बब्बर


मुंबई। आमिर खान प्रोडक्शन की फिल्म जाने तू या जाने ना से बेटे प्रतीक के ऐक्टिंग में डेब्यू करने के निर्णय से उनके पिता राज बब्बर नाराज हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, प्रतीक ने पापा राज से बिना पूछे ही आमिर खान की यह फिल्म साइन कर ली। उन्होंने फिल्म साइन करने के बाद अपने पापा को इस बारे में बताया। राज बब्बर बेटे प्रतीक के इस निर्णय से बेहद खफा हुए। उन्होंने इस बात की नाराजगी व्यक्त की कि फिल्म साइन करने से पहले कम से कम उनसे एक बार पूछ तो लेना चाहिए था।

एक मुलाकात में प्रतीक ने इस बाबत अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, हां सच है कि मैंने पापा से बिना पूछे यह फिल्म साइन की। मैंने जब उनको बताया कि मैंने फलां फिल्म साइन की है तो वे मुझ पर बहुत गुस्सा हुए। लेकिन पापा को मुझ पर भरोसा है। वे जानते हैं कि मैं कोई भी निर्णय बहुत सोच-समझकर लेता हूं।

सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि चर्चित अदाकारा स्मिता पाटिल और राज बब्बर के बेटे प्रतीक फिल्म जाने तू या जाने ना का हिस्सा है, इस बात की जानकारी आमिर खान को थी ही नहीं। प्रतीक के मुताबिक, अभी कुछ दिन पहले मेरी मुलाकात आमिर खान से हुई। मैंने जब उन्हें अपना परिचय दिया, तो वे हैरान रह गए।

उल्लेखनीय है कि आमिर अपनी फिल्म जाने तू या जाने ना से अपने लाडले भांजे इमरान खान को लांच कर रहे हैं। प्रतीक न तो फिल्म के किसी प्रमोशनल सांग और न ही पोस्टर में नजर आ रहे हैं।

-रघुवेंद्र सिंह

Saturday, June 21, 2008

अक्षय ने डराया कैटरीना को!


अभिनेता अक्षय कुमार के बारे में यह सर्वविदित है कि वे शूटिंग के दौरान अपने साथी कलाकारों के साथ खूब हंसी-मजाक करते हैं। दरअसल, अपने साथी कलाकारों के साथ मजाक करने और उनकी खिंचाई करने का एक भी अवसर वे अपने हाथ से जाने नहीं देते। कहते हैं, हाल ही में अक्षय को कैटरीना की खिंचाई करने का एक सुनहरा मौका तब हाथ लगा, जब ये दोनों इजिप्ट में फिल्म सिंह इज किंग की शूटिंग कर रहे थे।
दरअसल, हुआ यह कि कैटरीना वहां पिरामिड के सामने शॉर्ट स्कर्ट में शूटिंग कर रही थीं। उसी वक्त वहां पुलिस आई और उन्होंने शूटिंग पर रोक लगा दी। अचानक वहां पुलिस को देख कैटरीना बुरी तरह घबरा गई।
उसी समय अक्षय की नजर कैटरीना पर पड़ी। उन्होंने देखा कि कैटरीना काफी घबराई हुई हैं। उन्हें शरारत सूझी और वे बड़े गंभीर होकर कैटरीना के पास गए। कैटरीना ने उनसे पूछा, आखिर माजरा क्या है, शूटिंग क्यों रोक दी गई? जवाब में अक्षय ने बड़े सीरियस मूड में कहा, चूंकि आप शॉर्ट स्कर्ट में यहां शूटिंग कर रही हैं, इसीलिए ऐसा हुआ है! दरअसल, ऐसा करना यहां कानूनन अपराध है। अब आपको पुलिस पकड़कर ले जाएगी। सच तो यह है कि इस मामले में हम लोग आपकी कोई मदद नहीं कर पाएंगे।
अक्षय की यह बात सुनकर कैटरीना को डर के मारे पसीना आ गया। उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या किया जाए! उन्होंने फटाफट निर्देशक अनीस बज्मी से संपर्क किया। अनीस से उन्होंने पूछा, क्या वाकई मुझसे कोई बड़ी गलती हुई है? अनीस ने उन्हें समझाया, ऐसी कोई बात नहीं है। उनके ऐसा कहने के बाद मामला शांत हो गया और पुलिस भी चली गई। उसके बाद अक्षय की हंसी नहीं रुकी। उन्हें हंसते देख कैटरीना समझ गई कि यह उन्हीं की शरारत थी। वे जान-बूझकर उन्हें डरा रहे थे।
वैसे, ऐसा वाकया पहली बार नहीं हुआ है, क्योंकिअक्षय ने कैटरीना के साथ इस तरह का मजाक कई बार किया है। यह इन दोनों यानी सिंह इज किंग अक्षय-कैटरीना की साथ वाली चौथी फिल्म है। कैटरीना आज भी उस पल को याद करके हंस पड़ती हैं। वे मानती हों या नहीं, लेकिन दुनिया जानती है कि अक्षय कुमार को यूं ही खिलाड़ी नहीं कहा जाता!
-रघुवेंद्र सिंह

नहीं दिखा धूम धड़ाका | फिल्म समीक्षा

मुख्य कलाकार : अनुपम खेर, समीर दत्तानी, शाद रंधावा, आरती छाबरिया, शमा सिकंदर, गुलशन ग्रोवर, सतीश शाह व सतीश कौशिक
निर्देशक : शशि रंजन
तकनीकी टीम : निर्माता-शशि रंजन, संगीत-रूप कुमार राठौड़, गीत-शकील आजमी एवं परवीन कुमार अश्क, संवाद-अश्विनी धीर
मुंबई। बालीवुड में आजकल कामेडी फिल्मों का असफल दौर चल रहा है। फिल्मकार कहानी और स्क्रिप्ट पर बिना ध्यान दिए कामेडी के नाम पर दर्शकों को कुछ भी परोस रहे हैं। शशिरंजन ने फिल्म धूम धड़ाका के मामले में भी ऐसा ही कुछ किया है।
धूम धड़ाका को उन्होंने सिचुएशनल कामेडी फिल्म बनाने की कोशिश की है। जिसकी शुरुआत होती है बैंकाक में हो रही एशियाई डान की गंभीर मीटिंग से। जहां मुंबई के एक इलाके की जिम्मेदारी को लेकर डान मुंगीलाल और उसके विरोधी के बीच तनातनी होती है। आखिरकार तय होता है कि जिसका कोई वारिस हो, उसी का गैंग में दबदबा रहेगा। मुंगीलाल झूठ बोलता है कि उसका वारिस है, जबकि उसने शादी ही नहीं की है। उसे तीस दिन का वक्त दिया जाता है।
मुंगी अपने जिगरी दोस्त जिग्नेश के साथ मुंबई अपने भांजे कमल को ढूंढने आता है। जिग्नेश के कहने पर मुंगी एक लोकल जासूस को ढूंढने का जिम्मा सौंप बैंकाक वापस लौट जाता है। उसके बाद कमल के रूप में राहुल, शिबानी और रणबीर मुंगी के घर में आते हैं। सबका मकसद उसकी करोड़ों की जायदाद हथियाना है। मुंगी समझ नहीं पाता कि कौन असली कमल है? वह सबकी परीक्षा लेता है। अंत में बड़े नाटकीय तरह से कहानी को अंजाम दिया जाता है।
शशि रंजन ने जो कहानी चुनी है, उसके साथ वह पर्दे पर न्याय करने में असफल रहे हैं। अश्वनी धीर के संवाद कामचलाऊ किस्म के हैं। समीर दत्तानी और शाद रंधावा कामेडी में नहीं जमे हैं। आरती और शमा सिकंदर के रोल में दम नहीं है। अनुपम खेर का काम अच्छा है। कुल मिलाकर धूम धड़ाका में इसके नाम जैसी कोई बात नहीं है।
-रघुवेंद्र सिंह

भ्रम: अंदाज नया, पर दम नहीं

मुख्य कलाकार : डिनो मोरिया, मिलिंद सोमन, शीतल मेनन, सिमोन सिंह

निर्देशक : पवन कौल

तकनीकी टीम : बैनर- मैग्ना फिल्म्स, निर्माता- नारी हीरा, संगीतकार- प्रीतम, सिद्धार्थ- सुहास

पवन कौल ने इस बार भ्रम के जरिए रोमांटिक थ्रिलर में हाथ आजमाया है। कहानी में नयापन है। कहने के अंदाज में नयापन है, लेकिन मनोरंजन के हिसाब से फिल्म उतनी दमदार नहीं है कि दर्शकों को अंत तक बांधकर रख सके।

भ्रम की कहानी के केंद्र में सुपरमॉडल अंतरा त्यागी और शांतनु रावल हैं। अंतरा माडलिंग के क्षेत्र में शीर्ष स्थान रखती है। अंतरा के चमकते चेहरे के पीछे कोई ऐसा सच छुपा है, जो उसे हमेशा परेशान करता है। मर्दो से उसे घृणा है। उन्हें वह अपने करीब फटकने नहीं देती।

शांतनु बिजनेस टायकून देव का छोटा भाई है। उस पर लड़कियां जान छिड़कती हैं। एक दोस्त के जरिए शांतनु की मुलाकात अंतरा से होती है। एक-दो ऐसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं, जो इन्हें करीब ला देती हैं। दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठते हैं। शांतनु अंतरा को अपने भैया-भाभी से मिलवाने ले जाता है। अंतरा जब शांतनु के भाई देव से मिलती है, तो उसे उसका अतीत याद आ जाता है। वह देव को इन्दर कहकर संबोधित करती है और उस पर पर अपनी बड़ी बहन की हत्या का आरोप लगाती है। यहीं से शांतनु के परिवार में बिखराव आ जाता है। अंतत: शांतनु हकीकत का पता लगाता है। फिल्म का अंत बेहद नाटकीय ढंग से होता है। मॉडल की भूमिका में शीतल मेनन उम्मीद जगाती हैं। मिलिंद सोमण का अभिनय ठीक है। काफी समय बाद सिमोन सिंह अच्छी भूमिका में दिखी हैं। उन्होंने अपने दृश्यों के साथ पूरी तरह न्याय किया है। प्रीतम का संगीत निराश करता है। चूंकि फिल्म की लेखक महिला हैं, इसलिए अभिनेत्रियों के हिस्से कुछ यादगार संवाद आए हैं।

-रघुवेंद्र सिंह

क्रेजी 4: हंसी-खेल में हकीकत से सामना | फिल्म समीक्षा

मुख्य कलाकार : जूही चावला, इरफान खान, अरशद वारसी, राजपाल यादव, सुरेश मेनन, दीया मिर्जा, रजत कपूर, जाकिर हुसैन
निर्देशक : जयदीप सेन
तकनीकी टीम : बैनर- फिल्मक्राफ्ट प्रोडक्शन्स, निर्माता- राकेश रोशन, संगीतकार- राजेश रोशन, गीतकार- जावेद अख्तर, पटकथा एवं संवाद-अश्रि्वनी धीर
निर्माता राकेश रोशन की कामेडी फिल्म क्रेजी 4 आज के शिक्षित, सभ्य और समझदार समाज पर करारा व्यंग्य करती है। मानसिक रूप से संतुलित और उच्च शिक्षा प्राप्त लोग हकीकत में कितने पागल हैं और अपने स्वार्थ के लिए कैसे अपनों को ही मुसीबत में डालने से नहीं हिचकते, यही बात इसमें समझाने की कोशिश की गई है।
निर्देशक जयदीप सेन ने फिल्म में चार लोगों की कहानी दिखाई है। डाक्टर सोनल एक मेंटल हास्पिटल की जानी-मानी डॉक्टर हैं। उनकी देखरेख में गंगाधर, डा. मुखर्जी, डब्बू और राजा चार मरीज हैं। दिमागी रूप से बीमार उन चारो मरीजों को डा. सोनल दिल से ठीक करना चाहती हैं। इसके लिए वह उन्हें बाहर की दुनिया में लेकर जाती हैं। लेकिन रास्ते में ही उनका किडनैप हो जाता है। तब वे मरीज कैसे डाक्टर को तलाशते हैं और वे जब समझदारों की दुनिया में प्रवेश करते हैं तो क्या-क्या घटित होता है, इसको निर्देशक जयदीप सेन ने बड़ी सहजता से पर्दे पर पेश किया है।
फिल्म कोई मिल गया और कृष में राकेश रोशन को असिस्ट कर चुके जयदीप सेन ने एक सीधी-सादी कहानी के माध्यम से समाज को महत्वपूर्ण संदेश दिया है। वह अपनी पहली फिल्म से ही अच्छे निर्देशकों की लिस्ट में शुमार हो गए हैं। इरफान खान ,अरशद वारसी, राजपाल यादव, जूही चावला और सुरेश मेनन का काम सराहनीय है। रजत कपूर और दीया मिर्जा छोटी भूमिकाओं के बावजूद अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहे हैं। फिल्म में राखी सावंत और शाहरुख खान का आयटम नंबर सिचुएशन के हिसाब से रखा गया है। रितिक रोशन का आयटम नंबर फिल्म के अंत में आता है। राजेश रोशन के संगीत से सजे आयटम गीत फिल्म में जान फूंकने का काम करते हैं।
- रघुवेंद्र सिंह

शाहरुख ने नही बताया व‌र्ल्ड टूर के बारे में: प्रीति


मुंबई। अभिनेत्री प्रीति जिंटा इस साल शाहरूख खान के व‌र्ल्ड टूर टेम्पटेशन की बजाय बच्चन परिवार के व‌र्ल्ड टूर अनफॉरगेटेबल का हिस्सा बनी हैं। चूंकि प्रीति शाहरूख खान की बेहद करीबी मित्र मानी जाती हैं इसलिए सबको उनका बच्चन परिवार के साथ जुड़ना हैरानी की बात लग रही है। सबके मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर क्या वजह रही जो प्रीति ने खास मित्र शाहरूख के व‌र्ल्ड टूर की बजाय बच्चन परिवार के व‌र्ल्ड टूर का हिस्सा बनना पसंद किया?
हाल में हुई मुलाकात में प्रीति ने इस बाबत सफाई देते हुए कहा, इसमें कोई शक नहीं है कि शाहरूख मेरे अच्छे दोस्त हैं, लेकिन मुझे उन्होंने अपने व‌र्ल्ड टूर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। सच तो यह है कि मुझे अभी कुछ दिन पहले ही उनके टूर के बारे में जानकारी मिली है। मैं साल 2004 में उनके व‌र्ल्ड टूर का हिस्सा रह चुकी हूं। उस समय रानी, सैफ और शाहरूख के साथ मैंने खूब एंज्वॉय किया था। अमिताभ बच्चन, अभिषेक और ऐश्वर्या भी शाहरूख की तरह ही मेरे प्रिय हैं। मुझे उम्मीद है कि शाहरूख के टूर की तरह ही उनके साथ अनफॉरगेटेबल व‌र्ल्ड टूर का अनुभव मेरे लिए यादगार होगा।
उल्लेखनीय है कि बच्चन परिवार का अनफॉरगेटेबल व‌र्ल्ड टूर आगामी 18 जुलाई से आरंभ होने जा रहा है। इस व‌र्ल्ड टूर में अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन के अतिरिक्त अक्षय कुमार, प्रीति जिंटा, माधुरी दीक्षित, शिल्पा शेट्टी और रितेश देशमुख शामिल हैं।
-रघुवेंद्र सिंह

Thursday, June 19, 2008

अपने निर्णय से खुश हूं: निशा रावल



मॉडलिंग से ऐक्टिंग में आने वाले कलाकारों की फेहरिस्त में एक नया नाम शामिल हुआ है निशा रावल का, जो मुंबई की हैं। वे गत पांच वर्षो से मॉडलिंग में सक्रिय हैं। आमिर खान के साथ वे कोक के कॉमर्शियल सहित कई अन्य बड़े ब्रैंड के विज्ञापनों में काम कर चुकी हैं। अब तक निशा सोनू निगम, लकी अली, राघव सच्चर और गुरदास मान जैसे लोकप्रिय गायकों के म्यूजिक वीडियो में नजर आ चुकी हैं। उनकी पहली फिल्म है टोनी जुनेजा निर्देशित हंसते-हंसते। प्रस्तुत हैं निशा से हुई बातचीत के अंश..
मॉडलिंग से ऐक्टिंग में आना क्या पहले से तय था?
नहीं। पहले से कुछ भी तय नहीं था। मैं बचपन में पायलट बनना चाहती थी, लेकिन किस्मत मॉडलिंग में लेकर आ गई। फिर मॉडलिंग में आने के बाद ऐक्टिंग के ऑफर आने लगे और मैंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। दरअसल, सब अपने आप ही होता चला गया।
फिल्म हंसते-हंसते कैसे मिली?
दरअसल, हुआ यह कि निर्देशक टोनी जुनेजा ने मुझे सोनू निगम के म्यूजिक वीडियो चंदा की डोली में देखा। उन्हें मेरा लुक अच्छा लगा। उन्होंने फिल्म हंसते-हंसते के लिए बुलाया और मैं सिलेक्ट हो गई।
इस फिल्म को स्वीकारने की वजह?
फिल्म की टीम का मजबूत होना। टोनी जैसे निर्देशक और जिमी शेरगिल जैसे ऐक्टर का इसमें होना। जैसी पब्लिसिटी ये लोग कर रहे हैं, मैं बहुत खुश हूं। मैं इस फिल्म से शुरुआत करने केअपने निर्णय से खुश हूं।
फिल्म और अपने किरदार के बारे में बताएंगी?
यह एक कॉमेडी फिल्म है। मैं इसमें न्यूयॉर्क में पली-बढ़ी लड़की माया फर्नाडीज की भूमिका निभा रही हूं। माया बिंदास लड़की है और वह नील से बहुत प्यार करती है। नील की भूमिका में जिमी शेरगिल हैं। अंत में ये दोनों मिलते हैं या नहीं, यही सस्पेंस है। यह एक ऐसी फिल्म है, जिसे हर वर्ग का दर्शक पसंद करेगा।
जिमी शेरगिल के बारे में क्या कहेंगी?
जिमी बहुत स्वीट इनसान हैं। शूटिंग के दौरान उन्होंने मुझे इस बात का कभी अहसास ही नहीं होने दिया कि मैं नई हूं। उन्होंने मेरी बहुत हेल्प की। उनके जैसे लोग फिल्म इंडस्ट्री में बहुत कम हैं। मैं उन्हें अपने पहले को-आर्टिस्ट के रूप में पाकर खुश हूं।
आप बालाजी के किसी सीरियल में पहले काम कर चुकी हैं?
हां, मैंने बालाजी के सीरियल केसर में काम किया है। वह मेरा लर्निग पीरियड था। मैं टाइप कास्ट नहीं होना चाहती थी, इसलिए जल्दी ही छोटे पर्दे को अलविदा कह दिया।
क्या फिर छोटे पर्दे पर आने का इरादा है?
फिलहाल नहीं। अभी मैं फिल्मों में अपना करियर संवारना चाहती हूं। भविष्य के बारे में अभी कुछ नहीं कह सकती।
आपकी आने वाली अन्य फिल्में?
हंसते-हंसते के बाद मेरी फिल्म रफूचक्कर और फिर जैक एन झोल आएगी। हाल ही में मैंने हंसते-हंसते की टीम के साथ एक फिल्म पकड़ो-पकड़ो साइन की है। अभी इसकी कॉस्टिंग चल रही है। इत्तफाक ही कहेंगे कि ये सभी कॉमेडी फिल्में हैं।


-रघुवेंद्र सिंह

जान-बूझकर फिल्मों से दूरी बनाई: मंदिरा बेदी



अभिनेत्री मंदिरा बेदी जल्द ही बड़े पर्दे पर क्रिकेटर अनिल कुंबले की एक जबरदस्त प्रशंसक का किरदार निभाती नजर आएंगी। उनकी इस फिल्म का नाम है मीराबाई नॉट आउट। उसके बाद वे संजय झा की फिल्म मुंबई चकाचक में लोगों को अपने शहर को साफ रखने की हिदायत देती दिखेंगी। मंदिरा इन दोनों फिल्मों को लेकर बेहद उत्साहित जरूर हैं, लेकिन फिलहाल वे स्टार प्लस के कार्यक्रम जो जीता वही सुपर स्टार को होस्ट करने में मशगूल हैं और साथ ही निक चैनल केसाथ जुड़कर फंडू बच्चों को सुपरस्टार बनाने की पहल भी कर रही हैं। मंदिरा से उनकी फिल्मों, छोटे पर्दे और क्रिकेट को लेकर हमने की खास बातचीत। प्रस्तुत हैं उसके अंश..
आपकी दो फिल्में मीराबाई नॉट आउट और मुंबई चकाचक रिलीज होने वाली हैं। उनके बारे में बताएंगी?
पूरी तरह क्रिकेट पर आधारित है मीराबाई नॉट आउट। मैं इसमें अनिल कुंबले की फैन बनी हूं। मीरा मेरे किरदार का नाम है। यह बड़ी मजेदार फिल्म है। मीरा के किरदार को जीने में मुझे बड़ा मजा आया, क्योंकि मैं रिअॅल में क्रिकेट की बहुत बड़ी फैन हूं और इस बारे में मुझे कुछ कहने की जरूरत ही नहीं है।
..और मुंबई चकाचक?
इस फिल्म से जुड़ने की एक मात्र वजह है उसका मैसेज। मैंने अपने कुछ पढ़े-लिखे दोस्तों को गाड़ी के शीशे खोलकर सड़क पर सामान फेंकते हुए देखा है। अब जब शिक्षित लोग ऐसा कर रहे हैं, तो अशिक्षित लोगों से क्या उम्मीद करेंगे? यह फिल्म लोगों को अपने शहर को साफ रखने का संदेश देती है। मैं उसमें अनारकली के किरदार में हूं, जो एक सामाजिक संगठन के लिए काम करती है।
आपका नाता फिल्मों से उतना मजबूत नहीं हो पाया। वजह?
मैंने जान-बूझकर ऐसा किया है। दरअसल, अपनी फिल्मों की फेहरिस्त लंबी-चौड़ी करने केचक्कर में मैं कभी नहीं पड़ी। सच तो यह है कि मैं यूं ही किसी भी फिल्म का हिस्सा बनकर अपना नाम नहीं खराब करना चाहती थी। हां, चूंकिमेरे पास कुछ दमदार रोल वाली फिल्में आई, इसलिए मैं उनसे खुशी-खुशी जुड़ भी गई। मैं सिर्फ गुणवत्ता वाले काम ही करना चाहती हूं।
आज कॉमेडी फिल्मों का दौर है। आपका ऐसी फिल्मों से जुड़ने का कोई विचार है?
कॉमेडी के बारे में मैं गंभीरता से सोच रही हूं। मेरे पास ऐसी किसी अच्छी फिल्म का प्रस्ताव आता है, तो मैं जरूर करूंगी। हाल ही में मैं जब सिद्धू जी के साथ पंजाबी शो कर रही थी, तब बहुत हंसी। वहां भी मुझसे कई लोगों ने इस बारे में कहा था। मैं स्टैंडअप कॉमेडी करना चाहती हूं।
हाल ही में जो जीता वही सुपर स्टार शो के मंच पर प्रतियोगी राहुल वैद्य ने आपको प्रपोज किया था। उस बारे में क्या कहेंगी?
इस उम्र में जब कोई यंग लड़का आपको प्रपोज करे, तो वह आपके लिए एक कॉम्प्लीमेंट होता है। खैर, जब राहुल ने मेरे लिए गीत गाना शुरू किया, उस वक्त मुझे समझ में ही नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं! शर्म के मारे मेरी नजरें ऊपर नहीं उठ रही थीं। सब कुछ एकदम अचानक हुआ था। प्री-प्लैन्ड कुछ नहीं था। यही वजह है कि मेरे होश उड़ गए थे।
क्रिकेट और आपके बीच फासले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसा क्यों?
ऐसी कोई बात नहीं है। मैं पहले भी क्रिकेट से प्यार करती थी और आज भी करती हूं। हां, यह अलग बात है कि आजकल टीवी में क्रिकेट पर बहस नहीं कर रही हूं। हालांकि बाहर मैं अब भी वही काम करती हूं। आपका इशारा जिस तरफ है, मैं समझ रही हूं, वह शिकायत जल्द ही दूर हो जाएगी।
भविष्य में दर्शक आपको किन फिल्मों और टीवी शो में देखेंगे?
हाल ही मैं निक चैनल के कार्यक्रम निक फंडू सुपरस्टार से जुड़ी हूं। इस तरह का शो मैं पहली बार कर रही हूं। यहां दर्शक मुझे एकदम फंडू अंदाज में देखेंगे। इसके अलावा, फिल्मों में मीराबाई.. और मुंबई चकाचक के बाद मैं मैराथन और अलीबाग में भी नजर आऊंगी।


-रघुवेंद्र सिंह

जमकर हंसाएगी फिल्म भूतनाथ: प्रियांशु चटर्जी



अनुभव सिन्हा की फिल्म तुम बिन में शेखर मल्होत्रा का रोल करने वाले प्रियांशु चटर्जी को लोग आज भी भूले नहीं हैं। उनकी आखिरी फिल्म उत्थान दो साल पहले आई थी। अब एक गैप के बाद वे विवेक शर्मा की फिल्म भूतनाथ में दिखाई देंगे। अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और जूही चावला जैसे सितारों से सजी इस फिल्म को लेकर प्रियांशु बेहद उत्साहित हैं।
फिल्म भूतनाथ के बारे में प्रियांशु कहते हैं, बहुत मजेदार फिल्म है यह, क्योंकि यह लोगों को जमकर हंसाएगी और आंख भी नम करेगी। इसकी कहानी मूल रूप से एक शरारती लड़के बंकू और भूतनाथ के इर्द-गिर्द घूमती है। मैं इसमें गोवा में रहने वाले युवक विजयनाथ का किरदार निभा रहा हूं। विजय अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। पढ़ाई के सिलसिले में वह विदेश जाता है, लेकिन वापस नहीं लौटता। बीच में अचानक उसके पैरेंट्स की तबियत बिगड़ जाती है। ऐसी स्थिति में वह कैसे अपने परिवार से वापस जुड़ता है? यही देखने वाली बात है। निर्देशक विवेक शर्मा ने मेरे किरदार को फिल्म में महत्वपूर्ण जगह दी है।
प्रियांशु के बारे में कहा जा रहा है कि भूतनाथ में उनका रोल काफी छोटा है। इस बात से प्रियांशु नाराज हो जाते हैं, नहीं, ऐसी बात नहीं है, क्योंकिमेरा किरदार फिल्म का एक अहम हिस्सा है। मैं फिल्म साइन करते वक्त यह नहीं देखता कि मेरा रोल छोटा है या बड़ा, बल्कि मैं यह देखता हूं कि स्क्रिप्ट कितनी अच्छी है और उसमें मेरी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है! भूतनाथ में मुझे अपना किरदार दमदार लगा, तभी मैंने विवेक को हां कहा। वैसे, यदि सच कहूं, तो निस्संदेह निर्देशक ने फिल्म में अमित जी, शाहरुख, जूही और मेरे किरदार के साथ न्याय किया है।
सच तो यह है कि प्रियांशु ने फिल्म तुम बिन से जिस शानदार तरीके से अपने करियर की शुरुआत की थी, उनसे दर्शकों को काफी उम्मीदें हो गई थीं, लेकिन उनकी पिछली सभी फिल्मों ने व्यवसाय के मामले में निराश ही किया। प्रियांशु कहते हैं, किसी फिल्म की सफलता-असफलता केलिए एक शख्स को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। फिल्म की सफलता के पीछे टीम वर्क का अहम योगदान होता है। मैं फिल्म की असफलता के लिए अकेले जिम्मेदार नहीं हूं। अपनी तरफ से मैं हमेशा अच्छा काम करने की कोशिश करता हूं। लोग देखें, अभी तक मुझे जितनी भी फिल्में मिली हैं, मैंने उनमें अच्छा काम किया है। मैं खुद को खुशनसीब मानता हूं कि अब तक मुझे अच्छे लोगों के साथ और अच्छी फिल्में करने का अवसर मिला। यही वजह है कि मैं अपने अब तक के करियर से खुश हूं।
पिछले दिनों यह खबर सुनने को मिली थी कि प्रियांशु एकता कपूर के एक लोकप्रिय सीरियल से छोटे पर्दे पर आने वाले हैं। वे स्पष्ट करते हैं, यह खबर गलत थी। दरअसल, मेरा और एकता कपूर का रिलेशन लव-हेट का है। उन्होंने पहले मुझे दो फिल्मों का ऑफर दिया था, लेकिन समय के अभाव के चलते मैं उनके साथ काम नहीं कर सका। उसके बाद एक दिन अचानक उनके ऑफिस से मेरे पास फोन आया कि क्या आप सीरियल में काम करना चाहते हैं? मैंने उन्हें कहा कि मेरे पास फिल्मों के लिए वक्त नहीं है, आप सीरियल की बात कर रहे हो? फिर पता नहीं मीडिया में यह बात किसने उछाल दी! फिलहाल मैं छोटे पर्दे के लिए कुछ नहीं कर रहा हूं, लेकिन हां, यदि कुछ दिलचस्प काम मिलेगा, तो जरूर करूंगा। टीवी अब बहुत चमक गया है। मैं एक बढि़या टॉक शो होस्ट करना चाहता हूं। ऐसा कुछ ऑफर आता है, तो मैं जरूर करूंगा। वैसे भी शो होस्ट का काम ऐक्टिंग से थोड़ा हटकर है।
प्रियांशु के पास भूतनाथ के अलावा, दो और फिल्में भी हैं। इन दोनों फिल्मों के बारे में वे बताते हैं, इनमें से एक रंजीत कपूर की व्यंग्य से भरपूर कॉमेडी फिल्म यहां सब ठीक है और दूसरी नंदिता सिंह की मैं, रॉनी और जॉनी कर रहा हूं। इन दोनों फिल्मों में मैं दर्शकों को अलग-अलग अंदाज में नजर आऊंगा। अब मैं फिल्मों का चयन बहुत सोच-समझकर कर रहा हूं। केवल वे फिल्में ही साइन कर रहा हूं, जिनमें मुझे कुछ नयापन और दमदार रोल दिखता है!


-रघुवेंद्र सिंह

मुझे दर्शकों की पसंद की परख है: कैटरीना कैफ



एक वक्त वह भी था, जब कैटरीना कैफ को केवल सलमान खान की गर्लफ्रैंड के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब वे पहचान के उस सीमित दायरे से बाहर आ चुकी हैं। दरअसल, अब वे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की बेहतरीन, महंगी और लोकप्रिय अभिनेत्री बन चुकी हैं। यह सब मुमकिन कर दिखाया है कैटरीना ने अपनी लगन, मेहनत और समर्पण से। आश्चर्य की बात तो यह है कि जिन निर्देशकों के साथ आज कलाकार एक बार काम करने को तरसते हैं, सच तो यह है कि कैटरीना के पास उन फिल्मकारों की लंबी कतार लगी हुई है। अब वे निर्णय लेती हैं कि उन्हें किसके साथ काम करना है और किसके साथ नहीं! अपने इस मुकाम का श्रेय कैटरीना किसी एक को नहीं देती हैं। वे तर्क देती हैं, मैं अगर यह कहूं कि किसी एक शख्स की वजह से यहां तक पहुंची हूं, तो यह पूरी तरह से गलत ही होगा। मुझसे जुड़े हर व्यक्ति ने हमेशा मेरी मदद की है। चाहे वे विपुल शाह हों या डेविड धवन या फिर अनीस बज्मी। मेरा मानना है कि जिंदगी के सफर में जो भी मिलता है, सबका कहीं न कहीं आपकी सफलता में योगदान होता है। इसीलिए किसी एक व्यक्ति को श्रेय नहीं दिया जा सकता।
पिछले दो सालों से कैटरीना बॉक्स-ऑफिस पर लगातार एक के बाद एक सफल फिल्में दे रही हैं, लेकिन उन पर इस सफलता का कोई घमंड नहीं है, बल्कि फल लगने के बाद जिस तरह वृक्ष झुक जाता है, ठीक उसी तरह वे बेहद विनम्र भी होती जा रही हैं। इसका एक जीता-जागता उदाहरण है। दरअसल, पिछले दिनों जब कैटरीना मुंबई के फिल्मसिटी में सुभाष घई की फिल्म युवराज की शूटिंग कर रही थीं, तो उसी दौरान जरीना नाम की एक जूनियर आर्टिस्ट से उनकी दोस्ती हो गई। घई उस लड़की को कैटरीना के डुप्लीकेट के रूप में गाने के बीच में इस्तेमाल कर रहे थे। उस लड़की के व्यवहार से कैटरीना बेहद प्रभावित हुई। बात यहीं खत्म नहीं हुई। उन्होंने वहीं अपने फोटोग्राफर को बुलवाया और उस लड़की का फोटो शूट करवाया और चर्चा है कि अब उसकी सिफारिश सलमान से करने में जुटी हुई हैं। वे सलमान से उसे होम-प्रोडक्शन फिल्म वीर में कास्ट करने की बात कह रही हैं। अब सलमान उस लड़की को अपनी फिल्म में कास्ट करें या न करें, यह बाद की बात है, लेकिन यह पहल कर कैटरीना ने अपने व्यक्तित्व के एक नए पहलू से सबको परिचित करा दिया है। दरअसल, उन्होंने यह साबित कर दिया कि वे महज एक अच्छी अभिनेत्री ही नहीं हैं, बल्कि बहुत अच्छी इनसान भी हैं।
कैटरीना अपने लिए फिल्मों का चयन बहुत सोच-समझकर करती हैं। कहते हैं कि उनकी सफलता के पीछे उनके इन निर्णयों की अहम भूमिका है। वे पूरक प्रश्न करती हैं, मैं ऐसी फिल्में भला क्यों करूं, जिन्हें देखने दर्शक थिएटर तक आएं ही नहीं! मुझे अपने दर्शकों की पसंद की परख है। मैं जानती हूं कि वे मुझे किस तरह के किरदार में देखना चाहते हैं, इसीलिए मैं हमेशा उनकी पसंद का खयाल रखते हुए ही कोई फिल्म साइन करती हूं। कुछ समय पहले कहा जाता था कि कैटरीना के लिए फिल्मों का चुनाव सलमान खान करते हैं, लेकिन कैटरीना ने खुले तौर पर ऐसी बातों का खंडन कर दिया और अपने अस्तित्व का अहसास करा दिया।
अपनी व्यक्तिगत जिंदगी को लेकर कैटरीना हमेशा दुनिया के सामने कोई बात करने से बचती रही हैं। जब अफवाहों का बाजार ज्यादा गर्म हो जाता है, तो वे सामने आकर सफाई देने से हिचकती भी नहीं हैं। हाल में सलमान से शादी होने की बात और बहन इसाबेल के फिल्मों में आने तक की अफवाहों का उन्होंने खुलकर खंडन किया। स्टाइलिश कैटरीना सक्सेसफुल मॉडल बनने के बाद अब एक सफल ऐक्ट्रेस बन चुकी हैं, लेकिन उनके दिल में एक ख्वाहिश अभी भी दबी हुई है। उसके बारे में उन्होंने हाल ही में खुलासा किया, मैं अपने नाम से वस्त्रों की एक ब्रैंड लॉन्च करना चाहती हूं। इसके लिए मैं जाने-माने फैशन डिजाइनर रॉकी एस से टाइअप करूंगी, लेकिन अभी इसमें काफी वक्त लगेगा। ऐसा इसलिए किमैं पूरी तैयारी के साथ इस क्षेत्र में कदम रखना चाहती हूं।
कैटरीना की एक के बाद एक कई बड़े फिल्मकारों की फिल्में प्रदर्शित होने वाली हैं। उनके बारे में वे बताती हैं, सबसे पहले मेरी अनीस बज्मी के निर्देशन में बनी फिल्म सिंह इज किंग रिलीज होगी, जिसमें मेरे साथ अक्षय कुमार हैं। उसके बाद सुभाष घई की युवराज और फिर अतुल अग्निहोत्री की फिल्म हेलो आएगी। इनके अलावा, मैंने यशराज बैनर की एक अनाम फिल्म, स्टूडियो 18 की अनीस बज्मी और प्रियदर्शन के निर्देशन में बनने वाली दो अनाम फिल्में, अष्टविनायक की फिल्म ब्लू और राजकुमार संतोषी की अजब प्रेम की गजब कहानी साइन की है। अब यदि उनकी फिल्मों पर गौर करें, तो दिखता है कि सफलता की बुलंदियों को छूती कैटरीना नंबर वन अभिनेत्री बनने की राह पर तेजी से अग्रसर हैं।
-रघुवेंद्र सिंह

मजेदार इनसान हैं राजपाल: रितुपर्णो सेनगुप्ता



फिल्म दहन में अभिनय के लिए सन् 1998 में श्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुकीं अभिनेत्री रितुपर्णो सेनगुप्ता बांग्ला फिल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री हैं। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने तीसरा कौन और मैं, मेरी पत्नी और वो जैसी चुनिंदा फिल्में कीं और दर्शकों में अपनी एक अच्छी पहचान बना ली। रितुपर्णो लीक से हटकर भूमिकाएं करने के लिए जानी जाती हैं। हाल ही में उनकी फिल्म सिर्फ रिलीज हुई, जिसमें उनके काम को समीक्षकों ने काफी सराहा। यहां रितुपर्णो हमें बता रही हैं अपने पसंदीदा को-आर्टिस्ट के बारे में..

संवेदनशील कलाकार हैं केके मेनन।

मैंने उनके साथ दो फिल्मों मैं, मेरी पत्नी और वो और सिर्फ में काम किया है। उनके साथ काम करते हुए मैंने अत्यंत सहजता महसूस की। वे अपने साथी कलाकार के हिसाब से काम करते हैं। उनकी एक खासियत यह भी है कि कितना भी मुश्किल सीन क्यों न हो, वे घबराते नहीं हैं। रिहर्सल पर भी उतना जोर नहीं देते और बड़ी सरलता से काम को अंजाम दे देते हैं। अब जब ऐसा कलाकार आपका को-आर्टिस्ट हो, तो किसी को काम करने में कोई दिक्कत कैसे आ सकती है? उनके साथ के मेरे सारे दृश्य खुद-ब-खुद अच्छे हो जाते थे। मैंने उनके साथ काम करते हुए खूब एंज्वॉय किया। उम्मीद है, वे भविष्य में और अच्छा काम करेंगे।

बांग्लादेश के ऐक्टर हैं फिरदौस।

मैंने उनके साथ बहुत-सी फिल्मों में काम किया है। गंभीर किस्म के रोल करना उन्हें बिल्कुल नहीं भाता। वे ज्यादातर रोमांटिक भूमिकाएं करना ही पसंद करते हैं। रोमांटिक भूमिकाओं को वे जिस तरह जीवंत करते हैं, लोग उनके दीवाने हो जाते हैं। रोमांटिक रोल करने में उनका कोई जवाब नहीं है। सेट पर काम के साथ-साथ मौज-मस्ती करना भी उनकी आदत है। फिरदौस बेहद साफ दिल और नेक इनसान हैं। उनके साथ काम करके मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं उनकी गिनती अपने अच्छे दोस्तों में करती हूं।

राजपाल यादव: उनके साथ मुझे फिल्म मैं, मेरी पत्नी और वो में काम करने का अवसर मिला, जो कि एक अलग तरह की फिल्म थी। उस फिल्म में हमारी केमिस्ट्री बहुत अच्छी रही। राजपाल का उसमें बड़ा खूबसूरत किरदार था। अब तो वे ज्यादातर कॉमेडी फिल्में कर रहे हैं। वे जिस तरह कॉमिक रोल करते हैं, उसी तरह गंभीर रोल भी कर लेते हैं। उनके साथ काम करने का मेरा अनुभव बिल्कुल अलग रहा। वे बहुत मजेदार इनसान भी हैं। उन्होंने जितनी मेहनत करके इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई है, वह सचमुच प्रशंसनीय है।

और बढ़ेगा एनिमेशन फिल्मों का बाजार


सन 2005 में आई वी.जी. सामंत की फिल्म हनुमान की जबरदस्त बॉक्स-ऑफिस सफलता के बाद एनिमेशन फिल्मों के निर्माण में हिंदी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक जमकर दिलचस्पी ले रहे हैं। यही वजह है कि यदा-कदा थिएटरों में दिखने वाली एनिमेशन फिल्मों की अब लाइन लगी हुई है।
एनिमेशन फिल्मों का आगमन
वी.जी. सामंत ने सन 2005 में पूरी तरह से एनिमेटेड फिल्म हनुमान बनाई। हनुमान हिट हुई। उसके बाद एक के बाद एक निर्माता एनिमेशन फिल्मों के निर्माण की घोषणा करने लगे। निर्माता रवि चोपड़ा कहते हैं, यह सिने विधा अभी भारतीय दर्शकों के लिए नई है। लोग इनके प्रति सकारात्मक उत्साह दिखा रहे हैं। यही वजह है कि इनके निर्माण में तेजी से वृद्धि हो रही है। उल्लेखनीय है गत तीन सालों में कृष्णा, माई फ्रेंड गणेशा, बाल गणेश, रिटर्न ऑफ हनुमान प्रदर्शित हो चुकी हैं।
आए बड़े-बड़े निर्माता
आगामी कुछ सालों में यशराज, एडलैब्स, यूटीवी, परसेप्ट पिक्चर कंपनी, पिरामिड साइमिरा जैसे नामी बैनरों की बड़ी एनिमेशन फिल्में रिलीज होंगी। हाल-फिलहाल रिलीज होने वाली फिल्म की बात करें, तो सबसे पहले शेमारू एंटरटेनमेंट की फिल्म घटोत्कच आएगी। उसके बाद विमल शाह की दशावतार और फिर यशराज कैंप की कई बड़े सितारों के आवाज से सजी फिल्म रोडसाइड रोमियो रिलीज होगी। दिलचस्प बात यह है कि इन फिल्मों में सामान्य हिंदी फिल्मों की तरह ही महंगे गीत-संगीत, आकर्षक नृत्य और बड़े कलाकार जुड़ रहे हैं। जुगल हंसराज निर्देशित रोडसाइड रोमियो इसका ताजा उदाहरण है, जिसमें करीना कपूर और सैफ अली खान सरीखे सितारों की आवाज गूंजेगी। उसके बाद रायजादा रोहित जयसिंह वैद्य की महायोद्धा राम, कुमार मंगत की टूनपुर का सुपरहीरो, करण जौहर की कुछ-कुछ होता है, एल्कॉम एंटरटेनमेंट की चीटी-चीटी बैंग बैंग, गोविंद निहलानी की कमलू, मनमोहन शेट्टी की रजनीकांत के प्रोडक्शन हाउस के साथ निर्मित सुल्तान-द वारिअॅर, रवि चोपड़ा की हम पांच आदि फिल्में प्रदर्शित होंगी। करण जौहर की तरह ही फिरोज नाडियाडवाला अपनी फिल्मों हेरा-फेरी और फिर हेरा-फेरी का एनिमेशन वर्जन और रामायण व महाभारत फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं। प्रीतीश नंदी अपनी रिलीज हो चुकी फिल्मों खाकी, एक खिलाड़ी एक हसीना, चमेली, प्यार के साइड इफेक्ट्स का एनिमेशन वर्जन बनाने में जुटे हुए हैं। इस बाबत पूछने पर प्रीतीश नंदी कहते हैं, मुझे लगता है कि दर्शक इन फिल्मों के एनिमेशन वर्जन का आनंद उठाएंगे। एनिमेशन एक मजेदार सिने विधा है। बाकी तो दर्शक ही तय करेंगे कि हम लोग भविष्य में ऐसा कदम उठाएं या नहीं! यू टीवी मोशन पिक्चर्स आगामी महीनों में अलीबाबा, अर्जुन और ड्रीमब्लैंकेट नाम की एनिमेशन फिल्में बनाने की योजना बना रहा है। इसके अतिरिक्त अनुभव सिन्हा श्लोक नाम की एनिमेशन फिल्म, परसेप्ट पिक्चर कंपनी जंबो और द इंडियन फिल्म कंपनी तीन हॉरर फिल्मों की घोषणा करने वाला है। इन फिल्मों का बजट दस-पन्द्रह करोड़ रुपये बताए जा रहे हैं।
एनिमेशन फिल्मों का सिक्वल
हिंदी फिल्मों का सिक्वल बनाने का साहस जुटाने में निर्माताओं को सालों लग गए, लेकिन एनिमेशन फिल्मों का सिक्वल अभी से बनने लगा है। वी.जी. सामंत की फिल्म हनुमान का सिक्वल रिटर्न ऑफ हनुमान रिलीज भी हो चुका है। माई फ्रेंड गणेशा के निर्माता अपूर्व शाह आजकल गणेश रॉक्स न्यूयॉर्क बना रहे हैं।
बाजार और भविष्य
विशेषज्ञों की मानें, तो सन 2009 तक भारतीय एनिमेशन फिल्म बाजार नौ सौ मिलियन डॉलर का हो जाएगा। निर्माता रवि चोपड़ा कहते हैं, एनिमेशन फिल्में अभी धीमी गति से आगे बढ़ रही हैं। आने वाले समय में ये फिल्में अच्छा बिजनेस करेंगी। ट्रेड विश्लेषक तरण आदर्श कहते हैं, एनिमेशन फिल्मों का बाजार भविष्य में बहुत फलेगा-फूलेगा और पैसा भी खूब कमा कर देगा।
-रघुवेंद्र सिंह

आदेश श्रीवास्तव की सारेगामापा में वापसी

मुंबई। प्रसिद्ध संगीतकार आदेश श्रीवास्तव जी टीवी के लोकप्रिय रियलिटी शो सारेगामापा में एक बार फिर बतौर जज नजर आएंगे। साल 2005 में इस कार्यक्रम में जज रहे आदेश तीन साल के बाद कार्यक्रम में वापसी करने जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, सारेगामापा में इस बार निर्णायकों को लेकर काफी बदलाव किया गया है। पिछले साल कार्यक्रम में जज रहे बप्पी लाहिरी, इस्माइल दरबार और विशाल-शेखर इस बार निर्णायक दल में नहीं होंगे। उनके स्थान पर आदेश श्रीवास्तव, शंकर महादेवन और प्रीतम को साइन किया गया है। पूर्व की तरह हिमेश रेशमिया इस साल भी कार्यक्रम के मंच पर बतौर जज अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
इस बाबत जब सारेगामापा कार्यक्रम की क्रिएटिव हेड पायल पटेल से बात की गई तो उन्होंने कुछ स्पष्ट कहने से मना कर दिया। हां, संगीतकार आदेश श्रीवास्तव ने अपनी वापसी की खबर पर सहमति व्यक्त की। साथ ही उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मैं जज के तौर पर रियलिटी शो सारेगामापा में अपनी वापसी से खुश हूं।
उल्लेखनीय है कि सारेगामापा चैलेंज 2008 का प्रसारण आगामी जुलाई माह से आरंभ होगा। इन दिनों शो की शूटिंग चल रही है।
-रघुवेंद्र सिंह

अभी तक सीधी सादी लड़की मिली नहीं: विवेक


विवेक ओबेराय ने फिल्म शूटआउट ऐट लोखंडवाला में गैंगस्टर माया डोलस के किरदार को जिस दमदार अंदाज में जीया, उसके लिए उन्हें खूब सराहना मिली। उस फिल्म की रिलीज के बाद वे माया भाई के नाम से पॉपुलर भी हो गए। शूटआउट.. के विवेक और निर्देशक अपूर्व लखिया की जोड़ी फिल्म मिशन इस्तानबुल में भी है। प्रस्तुत है विवेक ओबेराय से हुई बातचीत के अंश..।
बीच में अचानक कहां गायब हो गए थे?
मैं परिवार और दोस्तों के साथ अपनी जिंदगी जी रहा था। बीच में काम इतना अधिक आ गया था कि फुर्सत ही नहीं मिलती थी! सब लोग मुझसे शिकायत करने लगे थे। एक दिन मैंने भी महसूस किया कि जिंदगी की आपाधापी में हमें मेहनत से कमाए पैसे को खर्च करने के लिए ही वक्त नहीं मिलता! मैं अपनों के साथ उन पैसों से जिंदगी जीने में बिजी था।
इस दौरान क्या आपने अपने करियर की समीक्षा की?
पीछे मुड़कर देखना मैं पसंद नहीं करता। हमेशा आगे की सोचता हूं। मैंने इस दौरान अपने आने वाले कल के बारे में विचार किया कि मुझे कैसे आगे बढ़ना है। किनके साथ और कैसी फिल्में करनी है? हां, मैंने यह रिअॅलाइज जरूर किया कि बीच में दो-तीन साल मैंने खराब फिल्में कीं, लेकिन खुश हूं कि मेरे दर्शक आज भी मुझसे प्यार करते हैं। मुझे उम्मीद है, मिशन इस्तानबुल की रिलीज का वे मेरी तरह ही बेसब्री से इंतजार कर रहे होंगे।
मिशन इस्तानबुल को लेकर आप काफी उत्साहित हैं। इसकी वजह?
कई वजहें हैं। पहली वजह है इसकी स्क्रिप्ट। जब पहली बार मुझे इसकी स्क्रिप्ट सुनाई गई थी, तब फिल्म से प्यार हो गया। मैंने तुरंत अपूर्व को हां कह दिया। दूसरी वजह मेरा किरदार है, जो बहुत ही स्टाइलिश है। मेरे चरित्र का नाम रिजवान खान है। मैं काफी समय से इस तरह का किरदार निभाना चाहता था। रिजवान ऐसे-ऐसे कारनामे करता है, जिसकी लोग कल्पना नहीं कर सकते। तीसरी वजह अपूर्व हैं, जिन पर मैं एक डायरेक्टर के रूप में बहुत यकीन करता हूं।
रिजवान के लिए आपको काफी तैयारी करनी पड़ी होगी?
हां। फिल्म में मेरे कई फाइटिंग सीन हैं। उसके लिए मैंने फाइटिंग की बाकायदा ट्रेनिंग ली। तुर्कीश लैंग्वेज सीखी, जो मेरे लिए काफी मुश्किल था। मैं अपने किरदार के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहता था, इसलिए मैंने यह सब किया। वैसे, मुझसे ज्यादा जाएद को तैयारी करनी पड़ी है।
क्या यह नेगॅटिव कैरेक्टर है? काफी समय से आप रोमांटिक भूमिका में नहीं दिखे?
रिजवान का किरदार पॉजिटिव है। वह अच्छा इनसान है, लेकिन बुरे लोगों के साथ बहुत बुरे तरीके से पेश आता है। जहां तक रोमांटिक भूमिका की बात है, तो मैं खुद साथिया के आदित्य को मिस करता हूं। मैं चाहता हूं कि उस तरह का किरदार फिर करूं। मेरे प्रशंसक उस रूप में मुझे ज्यादा पसंद करते हैं।
फिल्मों का चयन करते वक्त आप किन बातों का खयाल रखते हैं?
एक ऐक्टर के रूप में जो फिल्में मुझे चुनौती देती हैं, मैं वही फिल्में करता हूं। मिशन इस्तानबुल में मुझे वह बात दिखी। अभी करण जौहर की एक फिल्म कर रहा हूं। उस फिल्म में भी मुझे वह चैलेंज महसूस हुआ।
नंबर वन की रेस में खुद को कहां पाते हैं?
मैं इस तरह की रेस में विश्वास नहीं करता। जहां भी हूं, अपनी पोजिशन से खुश हूं। मैं कोई फिल्म यह बात दिमाग में रखकर नहीं साइन करता कि यह मुझे फलां नंबर की पोजिशन पर ले जाएगी।
कब तक शादी करने की योजना है?
अभी तक मुझे मेरी पसंद की लड़की मिली ही नहीं है। शादी किससे करूं? जिस दिन कोई अच्छी और सीधी-सादी लड़की मिल जाएगी, उससे शादी कर लूंगा। बहरहाल, अपनी सिंगल जिंदगी से खुश हूं।
आप और कौन-सी फिल्में कर रहे हैं?
एक करण जौहर की फिल्म कर रहा हूं, जिसमें मेरे साथ सैफ अली खान और करीना कपूर हैं। उसके अलावा, एक और बड़ी फिल्म साइन की है। उसमें मैं अपने किरदार के लिए आजकल मार्शल ऑर्ट सीख रहा हूं। उसमें धमाकेदार किरदार में नजर आऊंगा।
-रघुवेंद्र सिंह