Wednesday, October 29, 2008

एक प्रेम के रूप अनेक

-रघुवेंद्र सिंह
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में विजय, राहुल, राज और प्रेम ऐसे नाम हैं, जिन्हें बार-बार फिल्मों में देखा गया है, लेकिन गौर से देखा जाए, तो इनमें से प्रेम को छोड़कर कोई भी नाम उतना लोकप्रिय नहीं हुआ कि ब्रैंड बन जाए। आज फिल्म इंडस्ट्री का लगभग हर कलाकार प्रेम का किरदार निभाने की इच्छा रखता है। वैसे, प्रेम है ही ऐसा कि उससे हर किसी को प्यार हो जाए। वह भारतीय संस्कारों का संवाहक, सभ्य, मृदुभाषी, सीधा, सरल, खूबसूरत और नाम के अनुरूप प्रेम की प्रतिमूर्ति है। अब तो लोग समझ ही गए होंगे कि हम जाने-माने फिल्मकार सूरज बड़जात्या की फिल्म के नायक प्रेम की बात कर रहे हैं, जिन्होंने सन 1989 में फिल्म मैंने प्यार किया से प्रेम को आम लोगों के बीच स्थापित किया। उस वक्त के मासूम सलमान खान से शुरू हुआ प्रेम का सिलसिला आज चॉकलेटी अभिनेता शाहिद कपूर तक पहुंच चुका है। जल्द ही प्रेम का एक और रूप सबके सामने आने वाला है। हर दिल अजीज प्रेम के सफर पर एक नजर..
प्रेम और सलमान
सलमान खान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के पहले वह अभिनेता हैं, जिन्होंने सूरज बड़जात्या के प्रेम को सर्वप्रथम रुपहले पर्दे पर साकार किया। युवा प्रेम कहानी पर आधारित फिल्म मैंने प्यार किया में सलमान प्रेम चौधरी की भूमिका में थे और उनकेअॅपोजिट भाग्यश्री सुमन के किरदार में थीं। फिल्म की कहानी ने हर दिल को छुआ। प्रेम-सुमन की प्रेम कहानी ने बॉक्स-ऑफिस पर रिकॉर्ड बिजनेस किया। प्रेम के किरदार के लिए सलमान को उस साल का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला। सलमान दूसरी बार प्रेम के रूप में सूरज की 1994 में आई फिल्म हम आपके हैं कौन में दिखे। इस बार उनका साथ दे रही थीं माधुरी दीक्षित। माधुरी फिल्म में निशा की भूमिका में थीं। पहले प्रेम की तुलना में इस फिल्म का प्रेम ज्यादा लोकप्रिय हुआ। यह प्रेम देवर बनकर अपनी भाभी की बहन के ऊपर डोरे डालता दिखा। उसकी छेड़खानियां सबको पसंद आई। सूरज और प्रेम ने एक बार फिर अपना कमाल कर दिखाया।
सूरज बड़जात्या ने सलमान को वर्ष 1999 में फिल्म हम साथ साथ हैं में फिर प्रेम के रूप में पेश किया, लेकिन इस बार पहले की तरह प्रेम का जादू नहीं चल पाया! वैसे, इसमें प्रेम को कोई दोष नहीं दिया जा सकता, कहानी ही अलग थी। शायद यही वजह है कि यह फिल्म सूरज की पहली दो फिल्मों की तरह कमाल नहीं कर पाई। इस फिल्म के बाद सूरज ने सलमान को प्रेम के रूप में कभी कास्ट जरूर नहीं किया, लेकिन सलमान का प्रेम से ऐसा जुड़ाव हुआ कि वे बाद में आई अपनी कई फिल्मों जैसे अंदाज अपना-अपना, जुड़वा, चल मेरे भाई, कहीं प्यार न हो जाए, नो एन्ट्री, पार्टनर, मैरीगोल्ड और मैंने प्यार क्यों किया में प्रेम बनकर ही लोगों के सामने आए।
रितिक-अभिषेक बने प्रेम
सलमान खान से निराश होने के बाद सूरज बड़जात्या ने जवां दिलों की धड़कन रितिक रोशन और अभिषेक बच्चन को अपनी फिल्म मैं प्रेम की दिवानी हूं में प्रेम के रूप में पेश किया। इस बार प्रेम के हाव-भाव से लेकर बातचीत करने के अंदाज तक में भारी बदलाव देखने को मिला। सूरज ने इस फिल्म में अपने प्रेम के साथ जमकर प्रयोग किए। उनके दोनों प्रेम आधुनिकता के रंग में रंगे नजर आए। शायद पिछली फिल्म की असफलता से मायूस सूरज प्रेम को एक नए रूप में ढालना चाहते थे, लेकिन अफसोस, सूरज को कामयाबी नहीं मिली, दर्शकों ने उनके नए प्रेम को नकार दिया। सूरज की इस फिल्म के लिए काफी आलोचना भी हुई थी, क्योंकि उनकी फिल्में और उनके किरदार हमेशा संस्कारों के सीमित दायरे में गुफ्तगू करते दिखते थे, जबकि इस बार उन्होंने सारी सीमाओं को तोड़ दिया था। सूरज को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने चार साल का वक्त लिया और एक बार फिर अपने पुराने प्रेम के साथ फिल्म विवाह लेकर लौटे।
शाहिद में प्रेम की छवि
सलमान के बाद अभिनेता शाहिद कपूर ने प्रेम को सही तरीके से पर्दे पर पेश करने में सफलता पाई। जिस रूप में दर्शक प्रेम को देखना चाहते थे, सूरज ने उसे फिल्म विवाह में ठीक वैसे ही पेश किया। इस बार सूरज ने सीमाओं में रहकर प्यार और अहसास की दास्तान दर्शाई। विवाह में प्रेम और पूनम का सगाई से शादी तक का खूबसूरत सफर सबको बेहद भाया। शाहिद को प्रेम की संजीदा भूमिका निभाने के लिए जमकर सराहना भी मिली। इस फिल्म के बाद शाहिद कपूर इंडस्ट्री के अच्छे कलाकारों की फेहरिस्त में कुछ पायदान और ऊपर पहुंच गए।
अब सोनू बने प्रेम
राजश्री की नई फिल्म एक विवाह ऐसा भी में प्रेम फिर नजर आएगा। इस बार प्रेम के रूप में नजर आएंगे सोनू सूद। उनके साथ हैं ईशा कोप्पिकर, लेकिन अफसोस की बात यह है कि फिल्म का निर्देशन सूरज बड़जात्या नहीं कर रहे हैं। उन्होंने अपनी इस फिल्म के निर्देशन की जिम्मेदारी कौशिक घटक को सौंपी है, जो उनके लिए धारावाहिक वो रहने वाली महलों की का निर्देशन कर चुके हैं। प्रेम का किरदार निभाना सोनू सूद अपने लिए सम्मान की बात मानते हैं। वे कहते हैं, मेरे लिए प्रेम बनना सम्मान की बात है। मैंने सूरज बड़जात्या की सभी फिल्में देखी हैं, लेकिन मैं जो प्रेम का किरदार निभा रहा हूं, वह बिल्कुल अलग है। मुझे उम्मीद है कि प्रेम के रूप में दर्शक जरूर पसंद करेंगे।

Friday, October 24, 2008

ऐक्टिंग से ज्यादा जरूरी है पढ़ाई: अविनाश मुखर्जी

-रघुवेंद्र सिंह
छोटे पर्दे के लोकप्रिय बाल कलाकारों में ग्यारह वर्षीय अविनाश मुखर्जी का नाम तेजी से उभरकर सामने आया है। उल्लेखनीय है कि अविनाश को यह लोकप्रियता कलर्स चैनल के चर्चित धारावाहिक बालिका वधू के केंद्रीय पात्र जगदीश से मिली है। वैसे, अविनाश भी यह बात स्वीकार करते हैं कि मैंने इस धारावाहिक से पहले बालाजी के कई धारावाहिकों में छोटी-छोटी भूमिकाएं की थीं। मैंने एनडीटीवी इमेजिन के धारावाहिक राजकुमार आर्यन में राजकुमार के बचपन का रोल किया था, लेकिन मुझे सही पहचान बालिका वधू के चरित्र जगदीश से ही मिली है। आज मेरे स्कूल की प्रिसिंपल, दोस्त, पड़ोसी, रिश्तेदार और यहां तक कि मम्मी-पापा भी मुझे कभी-कभी जगदीश ही कहकर बुलाते हैं। दरअसल, मैं बड़ा होकर फेमस होना चाहता था और सच तो यह है कि भगवान ने मेरी वह ख्वाहिश पूरी कर दी।
गौरतलब है कि बालिका वधू भारतीय समाज में व्याप्त बाल विवाह की समस्या पर आधारित एक धारावाहिक है। अविनाश का कहना है कि यह धारावाहिक साइन करने से पहले मुझे पता नहीं था कि बाल विवाह क्या होता है? जब मैंने इसकी स्क्रिप्ट पढ़ी, तब इस बारे में कुछ जानकारी मिली। बाद में मुझे पापा ने बाल विवाह के बारे में विस्तार से समझाया। अब मैं सोचता हूं कि वे मम्मी-पापा कितने निष्ठुर होते हैं, जो अपने बच्चों की नन्ही उम्र में शादी करके उन्हें न केवल खुद से दूर कर देते हैं, बल्कि उनसे पढ़ने और खेलने-कूदने का हक भी छीन लेते हैं! शायद हमारा धारावाहिक देखकर लोगों की आंखें खुल जाएंगी। मेरा मानना है कि सीरियल देखकर लोग अपने बच्चों का बचपन नहीं छीनेंगे और जब ऐसा होगा, तभी हमारी मेहनत सफल होगी।
उल्लेखनीय है कि बालिका वधू को आरंभ हुए तीन माह ही हुए हैं और इतनी कम अवधि में यह प्राइम टाइम में नंबर वन पर आ गया है। इसकी लोकप्रियता में अविनाश और आनंदी की भूमिका निभा रहीं बाल कलाकार अविका गौर के अभिनय का अहम योगदान है। अपनी को-स्टार अविका के बारे में अविनाश कहते हैं कि मैं और अविका इसके पूर्व राजकुमार आर्यन में साथ काम कर चुके हैं। उसमें हम दोनों राजकुमार और राजकुमारी के लीडिंग रोल में थे। बालिका वधू साइन करने के बाद जब मुझे पता चला कि अंबिका भी इसमें है, तो मैं बहुत खुश हुआ। हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं। हम दोनों सेट पर फुर्सत के वक्त खूब धमा-चौकड़ी मचाते हैं। साथ बैठकर पढ़ते भी हैं।
अविनाश मुंबई के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा छह के छात्र हैं। वैसे, वे रहने वाले दिल्ली के हैं। अविनाश बताते हैं कि मेरे पापा देव मुखर्जी ऐक्टर हैं। उन्होंने बालाजी के लगभग सभी धारावाहिकों में काम किया है। मैं उन्हें देखकर ऐक्टिंग में आने के लिए प्रेरित हुआ। दरअसल, जब पापा दिल्ली घर आते थे, तो हमारी सोसाइटी के लोग उनसे मिलने आते थे। उन्हें लोग पहचानते थे। एक दिन मैंने पापा से कहा कि मैं भी आप की तरह फेमस होना चाहता हूं, इसलिए मैं भी ऐक्टर बनूंगा। मेरी किस्मत अच्छी थी और हम जल्द ही मुंबई शिफ्ट हो गए।
अविनाश आगे कहते हैं कि आज आलम यह है कि मुझे दिन में कम से कम पांच शो के ऑफर आते हैं, लेकिन स्कूल की वजह से मैं कोई शो साइन नहीं करता। अभी मेरे लिए ऐक्टिंग से ज्यादा जरूरी है पढ़ाई। छोटे पर्दे पर अपने मासूम अभिनय से लोगों का मन मोह रहे अविनाश जल्द ही शाहरुख खान के साथ बड़े पर्दे पर नजर आएंगे। वे बताते हैं कि मैंने मनिका शर्मा की फिल्म कल्पवृक्ष की है। उसमें एक गाना शाहरुख के साथ शूट हुआ है। यह फिल्म दिसंबर में आएगी।

लगता है, जल्द ही छुट्टी हो जाएगी: नाना पाटेकर

-रघुवेंद्र सिंह
सफल फिल्म वेलकम के बाद अभिनेता नाना पाटेकर अपनी नई फिल्म हॉर्न ओके प्लीज से एक बार फिर दर्शकों को हंसाने की कोशिश करेंगे। वे इस फिल्म में सत्ताईस साल के युवक गोविंदा की भूमिका में हैं, जो पेशे से ट्रक ड्राइवर है। अपने से आधे उम्र के युवक की भूमिका को जीवंत करने का अनुभव बांटते हुए नाना कहते हैं, यह किरदार निभाना मेरे लिए चुनौतीपूर्ण रहा। दरअसल, इस वक्त मेरी उम्र सत्तावन साल है और यह किरदार सत्ताईस साल के युवक का है। मुझे इतनी कम उम्र के युवक की एनर्जी लाने के लिए न केवल बहुत मेहनत करनी पड़ी, बल्कि मुझे यंग दिखने के लिए खूब मेकअप भी करना पड़ा।
नाना आगे कहते हैं, इस वक्त फिल्म इंडस्ट्री में बहुत अच्छा माहौल है। हम जैसे सीनियर कलाकारों को ध्यान में रखकर फिल्मों की कहानियां लिखी जा रही हैं। बीच में ऐसा वक्त भी आया था कि हमारे लिए फिल्मों में योग्य किरदार ही नहीं होते थे! यही वजह थी कि मैंने बीच में फिल्मों से दूरी बना ली थी। राकेश सारंग निर्देशित हॉर्न ओके प्लीज के केंद्र में नाना ही हैं। कहानी के बारे में वे विस्तार से बताते हैं, इसकी कहानी ट्रक ड्राइवर गोविंदा पर केंद्रित है। गोविंदा हमेशा बच्चे की तरह व्यवहार करता है। वह दो सौ ट्रक का मालिक हो जाने के बाद भी ट्रक से ही सफर करता है। उसके घर में मर्सिडीज कार है, लेकिन वह उसे ट्रक में रखकर चलता है। मेरी पत्नी की भूमिका रिमी सेन निभा रही हैं। उनके अलावा, मुजम्मिल इब्राहिम भी प्रमुख भूमिका में हैं। मैंने वेलकम की तरह इस फिल्म में भी कॉमेडी करने की कोशिश नहीं की है। यह सिचुएशनल कॉमेडी है। निर्देशक राकेश सारंग के बारे में नाना कहते हैं, मैं राकेश को बहुत समय से जानता हूं। दरअसल, उनके पिता कमलाकर सारंग और मैं थिएटर के दिनों में साथ थे। राकेश ने उस वक्त स्टेज पर मेरी जो एनर्जी देखी थी, उसको ध्यान में रखकर हॉर्न ओके प्लीज की कल्पना की। बहरहाल, मैंने अपनी तरफ से उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश की है।
युवा कलाकार मुजम्मिल और रिमी के साथ काम करने के अनुभव के बारे में नाना कहते हैं, आज के कलाकारों के साथ यदि आपको काम करना है, तो बहुत तैयारी के साथ सेट पर जाना पड़ेगा। आज के कलाकार सेट पर बहुत अच्छे से होमवर्क करके आते हैं। आपने पीछे क्या अचीव किया है? उसे भूल जाइए। मुजम्मिल, हरमन, इमरान, फरहान ये सब जितनी तेजी से अपना स्थान बना रहे हैं, ऐसा लग रहा है कि हम लोगों की जल्द ही छुट्टी हो जाएगी। (अपने स्टाइल में ठहाका लगाते हैं नाना) मुझे लग रहा है कि मैं दो साल बाद रिटायर हो जाऊंगा।
नाना इस बात से बेहद खुश हैं कि उनकी तिरंगा और क्रांतिवीर फिल्म वाली इमेज अब बदल चुकी है। वे कहते हैं, हाल के दिनों में मैंने जिस तरह के किरदार निभाए हैं, उनसे दर्शकों के बीच मेरी छवि अलग बन गई है। अब दर्शक मुझे हर तरह के किरदार में स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। चर्चा है कि नाना के बेटे फिल्म निर्देशन में कदम रखने जा रहे हैं? वे कहते हैं, यह सच है। मैं मल्हार की पहली फिल्म में भी काम कर रहा हूं। उसने बहुत बढि़या कहानी चुनी है। अब मैं उसकी फिल्म की शूटिंग का इंतजार कर रहा हूं। नाना अपनी आने वाली फिल्मों के बारे में कहते हैं, अब शागिर्द आएगी। मैं पाठशाला, तुम मिलो तो सही, ना ना करते प्यार, एक-द पॉवर ऑफ वन, इट्स माई लाइफ और राजनीति में काम कर रहा हूं। इन्हें पूरी करके मैं एक साल का ब्रेक लूंगा।

Sunday, October 19, 2008

अब भी डांटती है मम्मी: हंसिका

[रघुवेंद्र सिंह]

चुलबुली और शरारती मुस्कान वाली हंसिका मोटवानी वर्ष 2004 तक दर्शकों के बीच बाल कलाकार के तौर पर लोकप्रिय थीं। बीते वर्ष वे अचानक 'आपका सुरूर' में हिमेश रेशमिया के अपोजिट लीडिंग एक्ट्रेस के रूप में दिखीं और बाद में उन्होंने गोविंदा के साथ फिल्म 'मनी है तो हनी है' द्वारा बड़े पर्दे पर हलचल मचायी। सप्तरंग के पाठकों को अपने बचपन से जुड़ी बातें बता रही हैं हंसिका मोटवानी-
[मम्मी को किया बहुत तंग]
मैं बचपन में बहुत शरारती थी, लेकिन मैं बाहर के लोगों को कम अपनी मम्मी को अधिक तंग करती थी। मैं बाहरी लोगों से बहुत कम बात करती थी। मेरी शरारतों के लिए मम्मी मुझे बहुत डांटती थीं। कभी कभी तो वे मेरी जमकर पिटाई भी कर देती थीं। एक सच यह भी है कि मैं अपनी मम्मी के बिना एक पल नहीं रह सकती हूं। मैं आज भी उन्हें हमेशा अपने साथ सेट पर लेकर जाती हूं।
[पढ़ाई को लेकर गंभीर हूं]
मैं बचपन से ही पढ़ने में अच्छी रही हूं। सब लोग जानते हैं कि दस साल की छोटी उम्र से एक्टिंग में सक्रिय हूं। मैं तभी से अपनी किताबें लेकर सेट पर जाती हूं। मुझे जैसे ही शॉट से फुरसत मिलती है, तुरंत पढ़ने बैठ जाती हूं। इस साल मैंने ग्यारहवीं की परीक्षा दी है। आजकल तो इंटरनेट की सुविधा है। अब लैपटॉप ही मेरी पुस्तक बन गई है। मैं जब सेट पर होती हूं तो नेट के जरिए पढ़ाई कर लेती हूं।
[बचपन से रहा ऊँचा सपना]
मैंने बचपन से सिर्फ एक ही सपना देखा है और वह है एक्टिंग फील्ड में ऊँचा मुकाम हासिल करना। यही वजह है कि मैं अपना ज्यादातर समय एक्टिंग में लगाती हूं। मैंने आजतक एक्टिंग के अलावा किसी अन्य प्रोफेशन के बारे में सोचा ही नहीं है। मैं मरते दम तक एक्टिंग करती रहूंगी। इस क्षेत्र में मैं ऐसा मुकाम बनना चाहती हूं कि आने वाली पीढि़यां मेरे जैसा बनने का लक्ष्य बनाएं।
[आज भी बच्ची हूं]
लोग कहते हैं कि मैं बड़ी हो गई हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं मानती। मेरी उम्र अभी मात्र सत्रह साल है। मैं आज भी बच्ची हूं। मेरी मम्मी आज भी मुझे बहुत डांटती हैं। वे आज भी मुझे नैतिक शिक्षा देती हैं, जिसका मैं अनुसरण करती हूं। बस, अब मैं पहले की तुलना में शरारतें कम करती हूं!

अचानक मिली जिम्मेदारी: जुगल हंसराज

[रघुवेंद्र सिंह]
जुगल हंसराज ने अपने मित्र आदित्य चोपड़ा के कहने पर निर्देशन की दुनिया में कदम रखा है। इस फिल्म में रोमियो, लैला एवं अन्ना प्रमुख भूमिका में हैं, जिन्हें क्रमश सैफ अली खान, करीना कपूर एवं जावेद जाफरी ने अपनी आवाज दी है।
अभिनेता से निर्देशक बनने का फैसला कैसे कर लिया?
यह जिम्मेदारी मुझे मेरे मित्र आदित्य चोपड़ा ने सौंप दी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं निर्देशक बनूंगा। एक दिन अचानक उन्होंने मुझे दफ्तर बुलाया और कहा कि एक एनीमेशन फिल्म बनाना चाहता हूं। आप कोई कहानी सुझाइये। कुछ दिन बाद जब मैं उनके पास कहानी लेकर गया तो उन्होंने कहा कि इसे आप ही डायरेक्ट कीजिए।
अब तक आयी एनीमेशन फिल्मों से यह किन मायनों में अलग है?
हॉलीवुड के प्रोडक्शन हाउस वॉल्ट डिज्नी के सहयोग से यह फिल्म बनायी गई है। सबसे खास बात यह है कि इसकी कहानी किसी ग्रंथ, पुराण या फिर वेद से नहीं ली गई है। सैफ, करीना एवं जावेद जाफरी की आवाज एनीमेशन फिल्म में सुनने का अनुभव सबके लिए नया होगा।
अभिनय से दूरी क्यों बना ली? क्या अब सिर्फ निर्देशन ही करेंगे?
मैंने अभिनय से दूरी नहीं बनायी है। मैं तो उत्साहपूर्वक फिल्मों में काम कर रहा था, लेकिन दर्शकों ने मुझे निराश कर दिया। मैं दर्शकों से शिकायत नहीं कर रहा हूं। एक्टर के तौर पर मैंने शेखर कपूर से लेकर सूरज बड़जात्या जैसे निर्देशकों के साथ काम किया है। आज भी मुझे अच्छे ऑफर आएं तो मैं जरूर अभिनय करूंगा। भविष्य में निर्देशन के बारे में अभी मैंने तय नहीं किया है।

मुझे कोई हड़बड़ी नहीं है-उर्मिला मतोंडकर

[रघुवेंद्र सिंह]
उर्मिला मतोंडकर इत्मीनान से केवल अच्छी फिल्में साइन कर रही हैं। अपने कॅरियर के मौजूदा दौर को वे खुशनुमा मानती हैं। वे कहती हैं, अब मैं उस स्थान पर पहुंच चुकी हूं जहां मुझे किसी को दिखाने लिए काम करने की आवश्यकता नहीं है। अब मैं केवल ऐसी फिल्में कर रही हूं जिनमें गुणवत्ता हो। ठीक आमिर खान की तरह। मुझमें और आमिर में यह बहुत बड़ी समानता है। हम दोनों ने ही कॅरियर के शुरुआती दिनों से विविधता भरे काम किए हैं।
सतीश कौशिक निर्देशित कर्ज में उर्मिला हिमेश रेशमिया के साथ ग्लैमरस अंदाज में स्क्रीन शेयर करती नजर आ रही हैं। उर्मिला कहती हैं, मैंने कर्ज के लिए अपनी स्वीकृति इसीलिए दी क्योंकि कामिनी का किरदार मेरे लिए बड़ी चुनौती थी। इस किरदार को सिमी ग्रेवाल स्ट्रांग फीमेल विलेन के तौर पर निभा चुकी है। कामिनी के किरदार के लिए न केवल मुझे फिल्म इंडस्ट्री, बल्कि बाहर के लोगों से भी बहुत अच्छा रेस्पांस मिल रहा है।
अब उर्मिला की निगाहें अपने चहेते को-स्टार संजय दत्त के साथ वाली फिल्म ईएमआई पर टिकी हैं। सौरभ कादरा निर्देशित ईएमआई की कहानी बैंक से लोन लेने वाले लोगों पर आधारित है। इसमें छह किरदारों की कहानी साथ चलती है जो एक-दूसरे से जुड़े हैं। फिल्म एवं अपने किरदार के विषय में उर्मिला बताती हैं, फिल्म का विषय गंभीर है, लेकिन सौरभ ने इसे बड़े चुटीले अंदाज में पेश किया है। यह हल्की-फुल्की कॉमेडी फिल्म है। मैं इसमें प्रेरणा का किरदार निभा रही हूं। प्रेरणा बहुत सिंपल लड़की है। उसके आगे-पीछे कोई नहीं है। वह तकलीफ में जिंदगी जी रही है। उसने बैंक से लोन ले रखा है। लोन लेने के बाद उसकी मुश्किलें कम होती हैं या बढ़ जाती हैं? यह देखना दिलचस्प होगा। संजय इसमें लोन लेने वाले लोगों से वसूली करते हैं।
संजय दत्त के साथ लंबे समय बाद स्क्रीन शेयर करने की बात से उर्मिला बेहद उत्साहित हैं। वे संजय के साथ आखिरी बार फिल्म खूबसूरत में दिखी थी। उर्मिला कहती हैं, संजय के साथ ईएमआई में मैंने लगभग नौ साल के बाद काम किया है। सिर्फ उनमें एक बदलाव आया है। अब वे बहुत शांत रहते हैं।
उर्मिला की बीते कुछ साल की फिल्मों पर नजर डालें तो पाते हैं कि उन्होंने प्योर कॉमर्शियल फिल्मों से दूरी बना रखी थी। उन्होंने पिंजर, मैंने गांधी को नहीं मारा और बस एक पल जैसी फिल्में कीं। इस बाबत उर्मिला कहती हैं, एक एक्टर होने के नाते हमारी कुछ सामाजिक जिम्मेदारी भी बनती है। ऐसी फिल्मों के जरिए हम लोगों तक कुछ संदेश पहुंचाते हैं। ऐसी फिल्मों से आत्म संतुष्टि भी मिलती है।
उर्मिला ने फिल्म ईएमआई में नए निर्देशक सौरभ कादरा के साथ काम किया है। नए निर्देशक की बात पर वे कहती हैं, मैंने कभी इस बात पर ध्यान नहीं दिया। मेरे हिसाब से नए निर्देशक बहुत बढि़या फिल्म बना सकते हैं। सौरभ अपनी सोच को लेकर स्पष्ट थे। मुझे उनकी यह बात अच्छी लगी और मैंने उनके साथ काम करने का निर्णय ले लिया। मैंने अपने अब तक के कॅरियर में अधिकतर नए निर्देशकों के साथ काम किया है। मेरे हिसाब से नए निर्देशक बहुत बढि़या फिल्म बना सकते हैं और अनुभवी निर्देशक घटिया फिल्म बना सकते हैं। मैं अपने शुरुआती दिनों से सिर्फ स्क्रिप्ट पर ध्यान देती आई हूं। वैसे भी किसी भी फिल्म की सफलता में निर्देशक की अहम भूमिका होती है। फिर चाहे वह निर्देशक नया हो या पुराना।
उर्मिला ने एक एनीमेशन फिल्म साइन की है। वे कहती है, अभी उसके बारे में बात करना जल्दबाजी होगी। मैं नहीं चाहती कि बगैर शूटिंग प्रारंभ हुए किसी भी फिल्म के बारे में कुछ ऐसा कहूं जिसकी शुरुआत न हुई हो।

Friday, October 17, 2008

पूरी तैयारी के साथ आई हूं: श्वेता कुमार

[रघुवेंद्र सिंह]
उर्मिला मातोंडकर और हिमेश रेशमिया अभिनीत फिल्म कर्ज से निर्माता-निर्देशक इन्द्र कुमार की बेटी श्वेता कुमार ऐक्टिंग की दुनिया में आ रही हैं। उल्लेखनीय है कि यह 1980 में आई सुभाष घई की ऋषि कपूर, टीना मुनीम और सिमी गरेवाल अभिनीत सुपरहिट फिल्म कर्ज की रिमेक है। सतीश कौशिक निर्देशित नई फिल्म में श्वेता टीना मुनीम वाले किरदार यानी टीना की भूमिका में नजर आएंगी। प्रस्तुत है नई अभिनेत्री श्वेता से बातचीत के मुख्य अंश..।
आपने ऐक्टिंग को करियर बनाने का निर्णय कब लिया?
दरअसल, मैंने जब से होश संभाला, तभी से यह तय कर लिया था कि मुझे ऐक्टिंग में ही करियर बनाना है। इसके लिए मैंने बचपन से ही तैयारी करनी आरंभ कर दी थी और यही वजह है कि मैंने किशोर नमित कपूर के यहां से अभिनय का प्रशिक्षण लिया। सरोज खान से क्लासिकल डांस, श्यामक डावर और सबीना खान से हिप-हॉप डांस भी सीखा। मैंने सबीना के साथ डेढ़ साल असिस्टेंट कोरियोग्राफर के रूप में काम भी किया है। मैं पूरी तैयारी के साथ इस फील्ड में आई हूं।
आपने पापा से खुद को लॉन्च करने के लिए नहीं कहा?
> नहीं। मैंने इस बारे में उनसे कभी बात नहीं की। वैसे, वे स्वयं मुझे लॉन्च करने की योजना बना रहे थे। मुझे याद है, उस वक्त वे धमाल की शूटिंग में व्यस्त थे। वे प्रतिदिन शूटिंग खत्म होने के बाद घर आते और तुरंत स्क्रिप्ट लेकर बैठ जाते। स्क्रिप्ट फाइनल करने ही वाले थे कि भूषण कुमार की ओर से कर्ज का ऑफर आ गया। पापा ने स्क्रिप्ट देखी, कलाकारों के बारे में पूछताछ की और फिर मुझे इस फिल्म से शुरुआत करने के लिए हां कह दिया।
आपने सुभाष घई की कर्ज कितनी बार देखी है?
यह फिल्म साइन करने के पहले मैंने कर्ज एक बार देखी थी। उस वक्त मैं बहुत छोटी थी। हां, फिल्म साइन करने के बाद मैंने कर्ज अनगिनत बार देखी। अब तो कर्ज के हर एक दृश्य और संवाद लगभग याद हो गए हैं।
कई बार कर्ज देखने का आशय क्या था? क्या आपने टीना मुनीम को कॉपी करने का प्रयास किया है?
बिल्कुल नहीं। मेरा कर्ज को बार-बार देखने का आशय यह नहीं था। दरअसल, मैं यह देखना और समझना चाहती थी कि टीना मुनीम ने अपने किरदार को किस तरह निभाया है! टीना का किरदार निभाना चुनौती थी। मैं जानती हूं कि लोग मेरी तुलना टीना मुनीम से जरूर करेंगे। आशा है, मैं लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरूंगी। वैसे, इसमें दर्शकों को टीना कम, श्वेता यानी मेरी झलक ज्यादा देखने को मिलेगी।
ऐक्टिंग करना आसान लगा या मुश्किल?
इस फिल्म में मुझे ऐक्टिंग करने का मौका ही कहां मिला है? रानी मुखर्जी ने ब्लैक में जिस तरह का काम किया है, मेरे हिसाब से वही रियल ऐक्टिंग है। मैंने कर्ज में बहुत कम ऐक्टिंग की है।
आप हिमेश रेशमिया को ऐक्टर, संगीतकार या गायक के किस रूप में ज्यादा पसंद करती हैं?
वे तीनों रूपों में कमाल हैं। मैंने उनकी पहली फिल्म आपका सुरूर देखी है। उसमें उन्होंने अच्छा काम किया था, लेकिन कर्ज में उन्होंने उसकी तुलना में कई गुना ज्यादा अच्छा अभिनय किया है। इसमें उनका अभिनय देखकर लोग चौंक जाएंगे। उन्होंने शूटिंग के दौरान मेरी बहुत मदद की। वे एक अच्छे सह-कलाकार भी हैं।
सतीश कौशिक के निर्देशन में काम करने का अनुभव कैसा रहा?
सतीश जी कमाल के निर्देशक हैं। उनके बारे में सबसे अच्छी बात यही है कि वे बहुत अच्छे ऐक्टर भी हैं, इसीलिए एक कलाकार की मानसिकता को वे अच्छी तरह समझते हैं। मुझे याद है, मैं अपना पहला शॉट देने से पहले बहुत नर्वस थी। सतीश जी ने उस वक्त मजाकिया बातें करके माहौल इतना हल्का बना दिया कि मैंने हंसते-हंसते अपना शॉट दे दिया।
आप किस कलाकार के साथ स्क्रीन शेयर करने की ख्वाहिश रखती हैं?
मैं शाहरुख खान की प्रशंसक हूं। उनके साथ काम करना मेरा सपना है। मैं उनके साथ काम करना चाहती हूं।
आपने नई फिल्म साइन की है?
मैं पापा के निर्देशन में अगली फिल्म कर रही हूं। वह रोमांटिक कॉमेडी है। उसमें मैं सोलो हीरोइन हूं। पापा जल्द ही उसकी घोषणा करेंगे। फिल्म की शूटिंग जनवरी तक शुरू होगी।

फिल्मसिटी में भोपाल

[रघुवेंद्र सिंह]
भोपाल शहर की तंग गलियां, छोटे-बड़े मकान, एक तरफ मंदिर, दूसरी तरफ मजार। सांप्रदायिक सौहा‌र्द्र की आकर्षक तस्वीर खींचते इस शहर के लक्ष्मी निवास में रहती है चांदनी। ये आकर्षक तस्वीर राजश्री प्रोडक्शन की सोनू सूद एवं ईशा कोप्पिकर अभिनीत नई फिल्म एक विवाह ऐसा भी के सेट की हैं, जो मुंबई के फिल्मसिटी के कालिया मैदान में लगाया गया था।
सूरज बड़जात्या के मुताबिक, हमारी फिल्मों में नायक-नायिका की भांति उनके घर भी किरदार समझे जाते हैं। उस घर में प्रत्येक वह छोटी चीज रखी जाती है, जो दर्शक को उस क्षेत्र की अनुभूति करा सके।
एक विवाह ऐसा भी का सेट डिजायन किया है संजय दवाड़े ने। विवाह का सेट भी संजय ने डिजायन किया था। संजय बताते हैं, सेट तैयार करने से पूर्व मैं सूरज जी और फिल्म के निर्देशक कौशिक घटक के साथ भोपाल गया। वहां के लोकल को-ऑडिनेटर की मदद से हमने भोपाल की गलियों और घरों का गहन अवलोकन किया। वहां के घर कैसे बने हैं? उनका डिजाइन क्या है? घरों में सामान कैसे रखे गए हैं? गलियों की क्या स्थिति है? इन सारी चीजों को हम अपने कैमरे में कैद कर मुंबई ले आए। उसके बाद हमने एक विवाह ऐसा भी का सेट तैयार किया। सेट को तैयार करने में हमें एक महीने का वक्त लगा था। इसमें हमने एक ट्रेन का सेट भी तैयार किया था, जहां चांदनी और प्रेम के बीच गीत फिल्माया गया।

Wednesday, October 15, 2008

हेमा के जन्मदिन को खास बनाएंगी एषा-आहना

-रघुवेंद्र सिंह
मुंबई। ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी कल 60 बरस की हो जाएंगी। उनके 60वें जन्मदिन को अविस्मरणीय बनाने के लिए उनकी दोनों बेटियां एषा और आहना उनके लिए मुंबई में सरप्राइज पार्टी का आयोजन करने की योजना बना रही हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, एषा और आहना बृहस्पतिवार रात में अपने गोरेगांव स्थित बंगले पर हेमा मालिनी के लिए सरप्राइज पार्टी रख रही हैं। उस पार्टी में उनके परिवार के सदस्य एवं खास दोस्त उपस्थित होंगे।
हालांकि हेमा मालिनी हमेशा की तरह इस वर्ष भी अपना जन्मदिन सादगी से सेलीब्रेट करना चाहती हैं। वे एषा और आहना की योजना से अनभिज्ञ हैं। हेमा मालिनी के मुताबिक, मैं अपना जन्मदिन बहुत सादगी से सेलीब्रेट करूंगी। मैं कल सुबह अपनी दोनों बेटियों के साथ तिरूपति बालाजी के दर्शन करने जाऊंगी। मैं वहां अपने परिवार एवं संसार के हित के लिए खास पूजा करूंगी।

Tuesday, October 14, 2008

जॉन के हॉट लुक पर फिदा बिपाशा

[रघुवेंद्र सिंह]
अभिनेत्री बिपाशा बसु के बॉयफ्रेंड जॉन अब्राहम आजकल दोस्ताना के अपने हॉट और सेक्सी लुक को लेकर बेहद चर्चा में हैं। जॉन की इस चर्चा से उनसे अधिक उनकी गर्लफ्रेंड बिपाशा खुश हैं। उनकी खुशी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिपाशा जब भी दोस्ताना के प्रोमो देखती हैं, वे जॉन को फोन करके उस बारे में सूचित करती हैं। यही नहीं हर बार वे जॉन की तारीफ भी करती हैं।
जॉन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, दोस्ताना का प्रोमो आउट होने के बाद जॉन के पास पहला फोन बिपाशा बसु का आया। बिपाशा ने जॉन की आकर्षक बॉडी के लिए बधाइयां दीं। बिपाशा के इस व्यवहार से जॉन खुश तो हुए ही, लेकिन हैरान भी।
दरअसल, जॉन बिपाशा से ऐसी प्रतिक्रिया की अपेक्षा नहीं कर रहे थे। इसकी वजह यह थी कि जॉन की कोई भी बात बिपाशा से छिपी नहीं है। बहरहाल, अब तो जॉन को बिपाशा से ऐसी तारीफ सुनने की आदत हो चुकी है। उल्लेखनीय है, मॉडलिंग से फिल्मों में आने वाले जॉन अब्राहम पहली फिल्म जिस्म से ही अपनी हॉट बॉडी के लिए जाने जाते हैं।
दोस्ताना जॉन की दूसरी ऐसी फिल्म है, जिसकी चर्चा उनकी बॉडी की वजह से हो रही है। गौरतलब है कि जॉन ने दोस्ताना में बेयर बॉडी शॉट देने के लिए काफी तैयारी की थी। अपनी बॉडी को आकर्षक आकार देने के लिए उन्होंने खास तौर पर लांस एंजिल्स से माइक र्यान नाम के फिटनेस ट्रेनर को बुला रखा था।
बहरहाल, जॉन की दोस्ताना में हॉट बॉडी देखने के बाद उनके महिला प्रशंसकों के साथ ही पुरुष प्रशंसकों की तादाद में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। ज्ञात हो, धूम के बाद करण जौहर निर्मित दोस्ताना दूसरी फिल्म है, जिसमें जॉन अब्राहम और अभिषेक बच्चन साथ नजर आएंगे। इसमें दोनों दोस्त की भूमिका में हैं। जॉन का कहना है कि इस फिल्म के प्रदर्शन के बाद उनकी और अभिषेक की जोड़ी शाहरुख और काजोल की तरह खूब लोकप्रिय होगी।

Monday, October 13, 2008

दोस्त बनाने से डरती हूं: रिमी सेन

-रघुवेंद्र सिंह
अभिनेत्री रिमी सेन दे ताली के बाद अपनी नई फिल्म हॉर्न ओके प्लीज के जरिए एक बार फिर दर्शकों को हंसाने आ रही हैं। वे इस फिल्म में पहली बार दोहरी भूमिका निभाती दिखेंगी। दोहरी भूमिका की चर्चा चलते ही वे बेहद उत्साहित होकर बताती हैं, दोहरी भूमिका निभाने का अनुभव मेरे लिए बहुत रोमांचक रहा। इसमें एक तरफ मैं नाना पाटेकर की पत्नी रिया की भूमिका में नजर आऊंगी और दूसरी तरफ मुजम्मिल इब्राहिम की गर्लफ्रेंड सिया की भूमिका में। दरअसल, ये दोनों किरदार एक-दूसरे के बिल्कुल अपोजिट हैं। रिया पारंपरिक भारतीय महिला है। वह साड़ी पहनती है और सिंदूर लगाती है, जबकि सिया मॉडर्न लड़की है। वह शॉर्ट स्कर्ट पहनकर खूब मौज-मस्ती करती है। दोहरी भूमिका निभाने में मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई, क्योंकि मुझे तो सिर्फ अपने किरदारों की बॉडी लैंग्वेज और बातचीत करने के अंदाज पर ही ध्यान देना था।
उल्लेखनीय है कि राकेश सारंग निर्देशित फिल्म हॉर्न ओके प्लीज सिचुएशनल कॉमेडी फिल्म है। इसकी कहानी एक ट्रक ड्राइवर गोविंदा पर केंद्रित है। गोविंदा दो सौ ट्रक का मालिक होने के बावजूद ट्रक में ही सफर करता है। उसके पास मर्सिडीज कार है, लेकिन वह उसे ट्रक में रखकर घर से बाहर निकलता है। गोविंदा की भूमिका नाना पाटेकर निभा रहे हैं। नाना जैसे सीनियर कलाकार की पत्नी की भूमिका निभाने के बारे में रिमी कहती हैं, मैंने जब इस फिल्म की स्क्रिप्ट सुनी थी, तब अपने किरदार को लेकर थोड़ी हिचकी थी, लेकिन बाद में उसे चुनौती मानकर स्वीकार कर लिया। मैंने नाना के साथ काम करते हुए बहुत एंज्वॉय किया। मैं उनके साथ काम करने का मौका अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती थी।
नाना के बारे में कहा जाता है कि वे मूडी स्वभाव के कलाकार हैं? रिमी कहती हैं, वे बहुत अच्छे इनसान हैं। यह मेरी उनके साथ दूसरी फिल्म है। उनके साथ पहले हैट्रिक फिल्म में काम कर चुकी हूं। उनके अभिनय के बारे में मैं क्या कहूं? वे फिल्म इंडस्ट्री के उम्दा कलाकारों में से एक हैं। मेरा उनके साथ काम करने का अनुभव बहुत अच्छा रहा।
उल्लेखनीय है कि रिमी ने अपने करियर की शुरुआत प्रियदर्शन की कॉमेडी फिल्म हंगामा से की थी। अब तक वे ज्यादातर कॉमेडी फिल्मों में ही नजर आई हैं? रिमी तर्क देती हैं, ऐसी बात नहीं है, क्योंकि मैंने डिफरेंड जॉनर की फिल्में की हैं। मेरी बागबान, धूम, क्योंकि और जॉनी गद्दार कॉमेडी फिल्में नहीं थीं। हालांकि अब मैं गंभीर फिल्में करना चाहती हूं। जल्द ही मेरी तिग्मांशु धूलिया निर्देशित फिल्म शागिर्द आएगी। वह एक क्राइम थ्रिलर है। उसमें मैं जर्नलिस्ट का किरदार निभा रही हूं। फिल्म में दर्शक मेरे अभिनय के नए पहलू से परिचित होंगे। मुझे उम्मीद है कि कॉमेडी फिल्मों की मेरी भूमिकाओं की तरह दर्शक मेरी इन फिल्मों के किरदारों को नहीं भूलेंगे। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में आए बंगाली बाला रिमी सेन को पांच साल हो चुके हैं। उनके खाते में कई सफल फिल्में तो हैं, लेकिन उन्हें कभी सफल अभिनेत्रियों या श्रेष्ठ अभिनेत्रियों की सूची में शामिल नहीं किया गया। ऐसा क्यों? थोड़ी देर के लिए भावुक तो हो जाती हैं रिमी, फिर कहती हैं, मैं सिर्फ अपना काम करने में यकीन रखती हूं। मैं शीर्ष अभिनेत्रियों की सूची की तरफ ध्यान नहीं देती। अब तक मैंने वही किया है, जिसे मेरे दिल ने मंजूरी दी। वैसे भी मैं जिस स्थान पर हूं, खुश हूं।
रिमी अब तक यशराज कैंप, रवि चोपड़ा और प्रियदर्शन जैसे बड़े बैनर और बड़े निर्देशकों की फिल्मों में काम कर चुकी हैं। बावजूद इसके वे राकेश सारंग जैसे नए निर्देशक के साथ काम करने में जरा भी नहीं हिचकीं? जवाब में रिमी कहती हैं, मैं यह कभी नहीं देखती कि निर्देशक कौन है। मुझे फिल्म की स्क्रिप्ट और अपना किरदार पसंद आता है, तो मैं उस फिल्म में काम करने से नहीं हिचकती। राकेश सारंग की फिल्म की स्क्रिप्ट मुझे अच्छी लगी। उनके साथ काम करके मजा भी आया। वे इंटेलिजेंट फिल्ममेकर हैं। रिमी की व्यक्तिगत जिंदगी की बात करें, तो वे कभी अन्य अभिनेत्रियों की तरह फिल्मी पार्टियों में दिखती नहीं हैं। उन्होंने इंडस्ट्री के अपने किसी खास दोस्त के बारे में भी कभी नहीं बताया। रिमी कहती हैं, मेरा फिल्म इंडस्ट्री में कोई दोस्त नहीं है, क्योंकि मैं इंडस्ट्री के लोगों को दोस्त बनाने से डरती हूं। मेरे कुछ अच्छे दोस्त जरूर हैं, जो मुझे बहुत समय से जानते हैं। दरअसल, मैं खाली समय उन्हीं के साथ बिताती हूं। रिमी के पास इस वक्त हॉर्न ओके प्लीज के अलावा, कई और फिल्में हैं। उनके बारे में वे बताती हैं, इसके बाद मेरी फिल्म शागिर्द आएगी। फिलहाल मैं अहमद खान की फिल्म यहां के हम सिकंदर, पंकज आडवाणी की संकट सिटी और तिग्मांशु धूलिया की एक और फिल्म कर रही हूं। कुछ अन्य फिल्मों को लेकर भी बात चल रही है, लेकिन उनके बारे में मैं अभी बात नहीं कर सकती।

बॉडी दिखाने में झिझक कैसी: मुजम्मिल इब्राहिम

-रघुवेंद्र सिंह
गत वर्ष सुपरमॉडल मुजम्मिल इब्राहिम ने भट्ट कैंप की फिल्म धोखा से अभिनय जगत में प्रवेश किया था और एक सच यह भी है कि फिल्म में पुलिस इंस्पेक्टर जैद अहमद की भूमिका के लिए उन्हें खूब तारीफ भी मिली। अब मुजम्मिल फिल्म हॉर्न ओके प्लीज के जरिए सबको हंसाने आ रहे हैं। राकेश सारंग निर्देशित इस फिल्म में वे दोहरी भूमिका में हैं। बातचीत मुजम्मिल से..
आपने हॉर्न ओके प्लीज के रूप में कॉमेडी विषय को ही क्यों चुना?
मेरी कॉमेडी फिल्म करने की कोई योजना नहीं थी। दरअसल, राकेश ने जब मुझे इसकी स्क्रिप्ट सुनाई, तो मुझे कहानी इतनी अच्छी लगी कि मैं उन्हें मना नहीं कर सका। वैसे, इस फिल्म की एकखूबी यह भी है कि इसमें दर्शकों को सिचुएशनल कॉमेडी का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा। यह अंगूर जैसी कॉमेडी फिल्म है। इसमें कुछ भी जबरन करने की कोशिश नहीं की गई है।
इसकी कहानी और अपने किरदार के बारे में बताएंगे?
इसकी कहानी एक ट्रक ड्राइवर गोविंदा पर केंद्रित है। उसका मानना है कि हर लड़के को उसका प्यार मिलना चाहिए। मैं फिल्म में दोहरी भूमिका निभा रहा हूं। मेरे एक किरदार का नाम अजय और दूसरे का रॉकी है। अजय अपना प्यार खो बैठा है। गोविंदा उसका प्यार वापस लाने में उसकी मदद के लिए सामने आता है। दिलचस्प बात यह है कि अजय जिस लड़की सिया से प्यार करता है, वह गोविंदा की पत्नी रिया की जुड़वा बहन है। गोविंदा जब सिया और अजय को एक करने का प्रयास करता है, तो क्या होता है? कैसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं? यह देखकर दर्शक खूब हंसेंगे। रिमी सेन भी फिल्म में दोहरी भूमिका में हैं।
डबल रोल करना मुश्किल लगा होगा?
नहीं, यह मेरे लिए चैलेंजिंग रहा। एक ही फिल्म में जब किसी कलाकार को दो किरदार निभाने होते हैं, तब उसके सामने दोनों किरदारों के साथ न्याय करने की चुनौती होती है। बहुत-सी बातों पर ध्यान देना पड़ता है। मुझे अपने किरदारों के लिए काफी होमवर्क करना पड़ा, लेकिन मजा आया।
नाना पाटेकर मूडी ऐक्टर माने जाते हैं। उनके साथ काम करना सहज लगा?
बिल्कुल लगा। वे मेरे पसंदीदा ऐक्टर हैं। मैंने उनके साथ काम करते हुए बहुत एंज्वॉय किया। हां, पहले दिन मैं जरूर उनसे डरा हुआ था, लेकिन नाना ने मिलते ही मुझे गले लगाया और कहा कि मैंने धोखा देखी है। बाद में उन्होंने मेरी उम्र पूछी, तो पता चला कि मैं उनके बेटे से एक साल छोटा हूं। फिर तो पूरी फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होंने मुझे बेटे की तरह ट्रीट किया।
राकेश सारंग के निर्देशन में काम करने का अनुभव कैसा रहा?
उनके साथ काम करने का अनुभव सुखद रहा। वे बेहद सुलझे हुए निर्देशक हैं। वे किसी बात को लेकर चीखते-चिल्लाते नहीं हैं। उन्होंने हमें अपने हिसाब से काम करने की छूट दी थी।
सुना है कि आपने हॉर्न ओके प्लीज में सिक्स पैक एब दिखाया है?
हां। मैं मॉडल हूं। मेरी बॉडी मेरा प्लस प्वॉइंट है। उसका फिल्म में इस्तेमाल हुआ है। सिक्स पैक एब है, तो फिर दिखाने में झिझक कैसी?
सीरियस के बाद कॉमेडी फिल्म। आप अगली फिल्म में किस अंदाज में होंगे?
थ्रिलर। मेरी अगली फिल्म अंडरव‌र्ल्ड पर होगी। जल्द ही साइन करने वाला हूं।

Sunday, October 12, 2008

सूरत से नहीं, सीरत से सबका दिल जीतूंगा: हिमेश रेशमिया

[रघुवेंद्र सिंह]
अभिनेता के तौर पर हिमेश रेशमिया की दूसरी फिल्म कर्ज प्रदर्शन के लिए तैयार है। यह फिल्म सन् 1980 में आयी ऋषि कपूर की सुपरहिट फिल्म कर्ज का रीमेक है। प्रस्तुत है हिमेश रेशमिया से इस फिल्म, उनके कॅरियर एवं भावी योजनाओं को लेकर बातचीत-
नई कर्ज किन मायनों में पुरानी कर्ज से अलग है?
इसकी कहानी वही है। बाकी सब कुछ नया है। सुभाष घई ने ऋषि जी, सिमी ग्रेवाल एवं टीना मुनीम को लेकर अपने तरीके से कर्ज बनायी थी, जबकि सतीश कौशिक की टीम एवं उनका कर्ज को फिल्माने का अंदाज बिल्कुल अलग है। मेरा दावा है कि नई कर्ज दर्शकों का मनोरंजन करने में खरी साबित होगी।
मोंटी के किरदार के बारे में क्या कहते हैं?
ऋषि कपूर जैसे मोस्ट हैंडसम एक्टर ने मोंटी के किरदार को जीवंत कर दिया है। मैं ऋषि जी के नजदीक कहीं नहीं ठहरता हूं। वैसे, मैंने अपनी तरफ से इस किरदार को बेहतरीन बनाने की भरपूर कोशिश की है। मोंटी के किरदार के लिए मैंने अपना दस किग्रा वजन कम किया है। इसके लिए मुझे अपनी पसंदीदा आइसक्रीम एवं पिज्जा का त्याग करना पड़ा। मुझे अपनी टोपी उतारनी पड़ी। मेरे बाल गायब हो गए थे। मैंने हेयर ट्रांसप्लांट करवाया।
पुरानी कर्ज कितनी दफा देखी है? क्या आपने ऋषि कपूर को कॉपी करने का प्रयास किया है?
मैं पुरानी कर्ज तीस बार देख चुका हूं। जहां तक ऋषि जी को कॉपी करने का प्रश्न है तो वह मैं चाहकर भी नहीं कर सकता। मैंने रोल वही किया है, लेकिन उसे अपने तरीके से जीया है। मैं दिखता अच्छा नहीं हूं, एक्टर अच्छा नहीं हूं, डांसर अच्छा नहीं हूं, लेकिन मैंने एक्टिंग, डांस, एक्शन सब कुछ दिल से किया है। मैं सूरत से नहीं सीरत से सबका दिल जीतूंगा।
खुद की आलोचना करके ऐसा लग रहा है कि आप अपना बचाव कर रहे हैं?
मैं सच को स्वीकार कर रहा हूं। कह सकते हैं कि मैं खुद का बचाव भी कर रहा हूं, लेकिन जो पब्लिक पैसा खर्च करके मेरी फिल्म देखने जाएगी, उन्हें कर्ज अच्छी नहीं लगी, मेरा काम अच्छा नहीं लगा तो वे मुझे जूते भी मार सकते हैं। मैं बचकर भाग नहीं सकता। वैसे, ऋषि जी ने कहा है कि मेरी कर्ज भी हिट होगी।
उर्मिला मातोंडकर के साथ काम करने के अनुभव के बारे में बताएं?
मैं जितनी फिल्मों में अभिनय कर रहा हूं उनमें नई लड़कियां ही है। उर्मिला मातोंडकर पहली स्टार कलाकार हैं। मैं कोई बड़ा हीरो नहीं हूं। यह वजह है कि मेरे साथ बड़ी अभिनेत्रियां नहीं होती हैं। मैं खुद उनके साथ काम करने से डरता हूं। उर्मिला ने मेरे साथ काम करके मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया है। उनके साथ काम करने का अनुभव अविस्मरणीय है। वे सीनियर होने के बावजूद सबसे पहले सेट पर आती थीं।
आपने टोपी पहननी क्यों छोड़ दी?
मैं अपनी सहूलियत से ज्यादा प्रशंसकों की खुशी का ख्याल रखता हूं। मैं एक ही लुक में दोबारा दिख कर सबको बोर नहीं करना चाहता था। मैं हर दो साल बाद अपना म्यूजिक, अपना लुक और अपना काम करने का तरीका बदल देता हूं।
संगीतकार और सिंगर के तौर पर सफलता हासिल करने के बाद अब आप सफल अभिनेता कहे जाने लगे हैं। अपनी सफलता का श्रेय किसे देंगे?
सब ईश्वर की देन है। मैं अपनी मेहनत से ज्यादा ऊपर वाले की रहमत को मानता हूं। उसी की देन है कि आज मुझे हर क्षेत्र में कामयाबी मिल रही है। मैं कर्म से ज्यादा भाग्य में यकीन करता हूं। आप लाख हाथ-पैर मारते रहिए, यदि आपकी किस्मत में नहीं लिखा होगा तो आपको वह चीज कदापि नहीं मिलेगी।
भाग्य की बात कहकर आपको नहीं लगता कि आप लोगों को मेहनत न करने का संदेश दे रहे हैं?
मेरा ऐसा कहने का यह अर्थ बिल्कुल नहीं है कि लोग मेहनत करना छोड़ दें। मैं यदि ईश्वर और किस्मत की बात कर रहा हूं तो मैं चौबीस घंटे में से बीस घंटे मेहनत भी करता हूं। सफलता के लिए कड़ी मेहनत, अच्छी सोच और अपनी क्षमताओं का सही ज्ञान होना बेहद आवश्यक है।
कर्ज के बाद किन फिल्मों में नजर आएंगे?
फरवरी माह तक मेरी टी-सीरीज की पूजा भंट्ट निर्देशित फिल्म कजरारे प्रदर्शित होगी। इसके अतिरिक्त मैं जॉन मैथ्यू की फिल्म ए न्यू लव इश्टोरी, अष्टविनायक की फिल्म मुड़ मुड़ के ना देख एवं सतीश कौशिक की एक अन्य फिल्म हे गुज्जू में काम कर रहा हूं। प्रशांत चढ्डा के साथ भी एक फिल्म के लिए बात चल रही है। मैं अपनी प्रत्येक फिल्म में नए लुक एवं नए अंदाज में दर्शकों के समक्ष आऊंगा।

बेटे के निर्देशन में अभिनय करेंगे नाना पाटेकर

[रघुवेंद्र]
अभिनेता नाना पाटेकर के बेटे मल्हार फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखने जा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनकी पहली फिल्म में नाना पाटेकर केंद्रीय भूमिका में होंगे। नाना बेटे के निर्देशन में काम करने को लेकर बेहद उत्सुक हैं। वे कहते हैं, मैं मल्हार को अपना खास दोस्त मानता हूं। उसने जब मुझसे कहा कि वह फिल्म निर्देशित करना चाहता है तो मैं बहुत खुश हुआ। साथ ही मैंने उससे स्पष्ट कह दिया कि मेरी इज्जत का ख्याल रखना। उसने मुझे यकीन दिलाया है कि वह बेहतरीन फिल्म बनाएगा। उसे इंग्लिश फिल्में देखने का बहुत शौक है। उसने मुझे अपनी स्क्रिप्ट सुनायी। मुझे कहानी बहुत अच्छी लगी। मैंने उसकी फिल्म में काम करने के लिए हां कह दिया है। वह जल्द ही अपनी फिल्म की घोषणा करेगा।

ऐश्वर्या फिर देंगी योद्धा का साथ

[रघुवेंद्र सिंह]
चर्चित फिल्म जोधा-अकबर में वीर योद्धा अकबर बने रितिक रोशन का साथ देने के बाद ऐश्वर्या राय बच्चन अब बिग स्क्रीन पर एक नए योद्धा के साथ चहलकदमी करती नजर आएंगी। दिलचस्प बात यह है कि वह योद्धा उनके पति अभिषेक बच्चन हैं। जी हां, अभिषेक-ऐश्वर्या की जोड़ी को फिल्म गुरू में पेश कर चुके फिल्मकार मणिरत्नम इन दोनों को लेकर नई फिल्म रावण बना रहे हैं। अब शीर्षक रावण से आप यह मत समझिएगा कि यह फिल्म रामायण के खलनायक रावण की जिंदगी से प्रेरित है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मणिरत्नम की फिल्म रावण का रामायण महाकाव्य से कोई संबंध नहीं है। दरअसल, यह फिल्म जंगल के एक योद्धा की कहानी है। अभिषेक बच्चन फिल्म में योद्धा की प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। ऐश्वर्या फिल्म में क्लासिकल सिंगर का किरदार निभा रही हैं। अभिनेता रवि किशन उनके छोटे भाई बने हैं। ऐश्वर्या फिल्म में अभिषेक के अपोजिट हैं, जबकि रवि को अभिनेत्री तेजस्विनी कोल्हापुरी का साथ मिला है। करीब डेढ़ सौ सकोरड़ रुपए के बजट वाली इस फिल्म में उपरोक्त कलाकारों का लुक बिल्कुल अलग है। इनके अतिरिक्त फिल्म में गोविंदा भी अहम किरदार में नजर आएंगे।
इन दिनों अभिषेक के साथ रावण की शूटिंग में व्यस्त रवि किशन बताते है कि रावण उनकी पिछली सभी फिल्मों से बिल्कुल अलग है। इसमें अभिषेक, मेरा एवं अन्य कलाकारों का लुक दर्शकों के लिए चौंकाने वाला होगा। आजकल हम लोग कोचीन में इस फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं। इसके बाद श्रीलंका जाएंगे। अगले चार माह तक हम लोग लगातार इस फिल्म की शूटिंग करेंगे।
बहरहाल, अब यह देखना रोचक होगा कि रावण में जंगल के योद्धा बने अभिषेक के साथ ऐश्वर्या की रीयल लाइफ जोड़ी को दोबारा दर्शकों का गुरू जैसा रिस्पांस मिलता है या नहीं।

काश फिर लौट आएं वे दिन: मिनिषा लांबा

[रघुवेंद्र सिंह]
धरती के स्वर्ग कश्मीर की खूबसूरत अप्सरा हैं अभिनेत्री मिनिषा लांबा, जो इन दिनों दिलकश अदाकारी और मासूम मुस्कुराहट से सबका दिल जीत रही हैं। मिनिषा का जन्म कश्मीर की खूबसूरत वादियों में हुआ और उनका चुलबुला बचपन दिल्ली में गुजरा। बचपन की यादों को उन्होंने शेयर किया 'सप्तरंग' के साथ-
[खूब लड़ती थी भाई से]
मैं बचपन में दूसरों से ज्यादा मतलब नहीं रखती थी। मैं अपने छोटे भाई करन के साथ ज्यादा रहती थी। हम दोनों मिलकर खूब मौज-मस्ती और शैतानियां करते थे। स्कूल से वापस आते ही हम क्रिकेट खेलने में जुट जाते थे और तब तक क्रिकेट खेलते थे, जब तक या तो सूरज नहीं छुप जाता था या फिर हमारी गेंद नहीं गुम हो जाती थी। मैं सबसे ज्यादा अपने भाई के साथ लड़ती थी। हम आपस में तो खूब लड़ते थे, लेकिन कोई बाहरी मेरे भाई को कुछ कह देता तो मैं उससे बिना कुछ सोचे-समझे भिड़ जाती थी। यह नहीं देखती थी कि वह मुझसे बड़ा है या छोटा। आज मैं सबसे ज्यादा अपने भाई को ही प्यार करती हूं।
[पढ़ाई और खेल को समान महत्व]
मैं पढ़ने में एवरेज स्टूडेंट थी। मेरी टीचर अक्सर क्लास में कहा करती थीं कि मिनिषा में बहुत पोटेंशियल है, लेकिन वह ध्यान लगाकर नहीं पढ़ती है। अगर वह ध्यान लगाकर पढ़े तो और अच्छे अंकों से पास होगी। दरअसल, मैं उतना ही पढ़ती थी जितना जरूरी होता था। मैं किताबी कीड़ा नहीं थी। मैं ऐसा स्टूडेंट बनना ही नहीं चाहती थी, जो दिन-रात किताबों में घुसा रहे। मैं पढ़ाई और खेलकूद को समान रूप से महत्व देती थी। मेरे मम्मी-पापा कहते थे कि पढ़ाई जितना ही जरूरी खेलकूद भी है।
[बड़े प्यार से हुई परवरिश]
मेरे मम्मी-पापा ने बड़े प्यार से मेरी परवरिश की है। वे हमेशा मेरे साथ नरमी से पेश आते थे। हाँ, अगर मैं कोई गलती कर देती थी तो वे मेरे साथ सख्ती से पेश आने में नहीं हिचकते थे। मुझे अपने मम्मी-पापा के सख्त रूप का ज्यादा सामना नहीं करना पड़ा, क्योंकि मैं गलत काम करती ही नहीं थी। हमारे घर में शुरू से कुत्ते पाले जाते रहे हैं। एक कुत्ता तो अब पन्द्रह साल का हो चुका है। मैं आज भी जब घर जाती हूं तो उसके साथ खूब खेलती हूं। वह मेरे बचपन का साथी है।
[मिस करती हूं बचपन]
मैं अपने बचपन को आज बहुत मिस करती हूं। मैं बचपन में सोचा करती थी कि जल्दी से बड़ी हो जाऊं ताकि बड़ों जैसी हरकतें कर सकूं, लेकिन आज लगता है कि काश, फिर से बचपन में चली जाऊं। काश वे दिन लौट आएं। बहरहाल, हर उम्र का अपना मजा होता है। मैं जिंदगी के इस दौर का भी भरपूर लुत्फ उठा रही हूं। जो अभी बच्चे हैं, उनसे कहना चाहूंगी कि अपने बचपन को जमकर एंज्वॉय कीजिए। ऐसे लम्हे जिंदगी में दोबारा नहीं आते।

Friday, October 10, 2008

राजीव ने साइन की प्रीतीश नंदी की खान

-रघुवेंद्र सिंह
मुंबई। पहली फिल्म आमिर से चर्चित हुए अभिनेता राजीव खंडेलवाल ने प्रीतीश नंदी कम्युनिकेशन की फिल्म खान साइन की है। वे इस फिल्म में हॉर्स रेस जॉकी की भूमिका में नजर आएंगे।
आजकल राजीव इसके लिए घुड़सवारी का प्रशिक्षण ले रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पीएनसी की फिल्म खान की कहानी हॉर्स रेसिंग पर आधारित है। फिल्म में खान उनके घोड़े का नाम है। इसका निर्देशन शिराज भट्टाचार्य करेंगे। राजीव खंडेलवाल खबर की पुष्टि करते हुए कहते हैं कि यह सच है कि मैं प्रीतीश नंदी की फिल्म खान साइन कर रहा हूं। अभी बातचीत चल रही है। मुझे फिल्म की स्क्रिप्ट बहुत अच्छी लगी है। उसमें मेरा किरदार हॉर्स रेस जॉकी का है। आजकल मैं उसी की खातिर घुड़सवारी सीख रहा हूं। फिलहाल, मैं अपनी दूसरी फिल्म पीटर गया काम से की शूटिंग आरंभ होने का इंतजार कर रहा हूं।

मुझे किसी को मनाना नहीं पड़ा: अतुल अग्निहोत्री

-रघुवेंद्र सिंह
अभिनेता से निर्देशक बने अतुल अग्निहोत्री की दूसरी फिल्म हेलो प्रदर्शन के लिए तैयार है। गौरतलब है कि 2004 में अतुल ने पहली बार निर्देशन की कमान संभाली थी और सलमान खान, प्रीति जिंटा और भूमिका चावला को लेकर फिल्म दिल ने जिसे अपना कहा बनाई थी। हेलो युवा लेखक चेतन भगत के चर्चित इंग्लिश नॉवेल वन नाइट ऐट द कॉल सेंटर पर आधारित है। प्रस्तुत है अतुल अग्निहोत्री से बातचीत..
आप पहली फिल्म की रिलीज के बाद कहां गायब हो गए थे?
मैं अपनी दूसरी फिल्म के लिए विषय की खोज कर रहा था। बाद में जब चेतन भगत के नॉवेल पर फिल्म बनाने का फैसला हुआ, तो उसकी तैयारी में जुट गया। मैं पिछले तीन सालों से इसके निर्माण में व्यस्त था, जो अब पूरा हुआ है।
इस उपन्यास पर फिल्म बनाने का खयाल कैसे आया?
दरअसल, मैं अपनी दूसरी फिल्म भारतीय दर्शकों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए भी बनाना चाहता था। इसलिए मैं किसी ऐसी कहानी की तलाश में था, जो मेरी इस ख्वाहिश को अंजाम दे सके। फिर मुझे चेतन के नॉवेल के बारे में सूझा। मैंने गौर किया कि उनका नॉवेल 16 वर्ष से 30 वर्ष की उम्र के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हुआ है और उनके नॉवेल का विश्व की लगभग हर भाषा में अनुवाद हो चुका है। बस, मुझे उनकी कहानी में अपनी मंजिल दिखी और मैंने नॉवेल पर फिल्म बनाने का निर्णय लिया।
क्या आपने कहानी में कुछ बदलाव किया है?
मैंने कहानी में थोड़ा-सा बदलाव किया है। उसकी वजह माध्यम है। जब किसी पुस्तक के पात्र स्क्रीन पर आते हैं, तो बदलाव होना स्वाभाविक हो जाता है। वैसे, मैंने जो भी बदलाव किए हैं, उनमें चेतन की पूरी सहमति रही है।
इसकी मेकिंग के समय आपकी स्वतंत्रता भी बाधित हुई?
निश्चित रूप से हुई। मुझे चेतन की कहानी और उनके पात्रों की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए ही निर्देशन करना पड़ा है।
फिल्म की कहानी संक्षेप में बताएं और इसमें अपना प्रिय पात्र?
इसकी कहानी एक रात की है। कॉल सेंटर में काम करने वाले कुछ युवाओं को शाम सात बजे भगवान का फोन आता है। उसके बाद क्या होता है, यह देखना रोचक होगा। इसकी कहानी इतनी रोचक है कि विश्व का हर शख्स खुद को इससे रिलेट करेगा। मुझे फिल्म का चरित्र श्याम बहुत प्रिय है। यह किरदार शरमन जोशी निभा रहे हैं।
सलमान खान-कैटरीना कैफ को मेहमान भूमिका के लिए तैयार कराना कितना मुश्किल लगा?
बिल्कुल नहीं। मैंने फिल्म बनाने से पहले अपने हर कलाकार मित्र को नॉवेल की एक-एक प्रति खरीद कर दी थी। नॉवेल पढ़ने के बाद सब खुद-ब-खुद मेरे पास फिल्म में काम करने का प्रस्ताव लेकर आ गए। सबने अपनी मर्जी और खुशी से इसमें काम किया है। मुझे किसी को मनाना नहीं पड़ा।
आगे की क्या योजनाएं हैं?
अभी हेलो के अलावा, मैं कुछ और सोच ही नहीं रहा हूं। चार साल का गैप लेकर मैंने रिस्क लिया है। इस फिल्म के रिजल्ट पर मेरी आगे की योजनाएं निर्भर हैं।

Wednesday, October 8, 2008

वीर में योद्धा बनेंगे सलमान

-रघुवेंद्र सिंह
मुंबई। लोकप्रिय रोमांटिक हीरो सलमान खान अनिल शर्मा निर्देशित फिल्म वीर में एक बहादुर योद्धा की भूमिका में नजर आएंगे। इस तरह की भूमिका में दर्शक सलमान को पहली बार देखेंगे। यह सलमान की पहली पीरियड फिल्म है। फिल्म से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक, सलमान खान द्वारा लिखित वीर सन् 1820 से 1930 के बीच की कहानी है। इसकी कहानी पिंडारी जमात पर आधारित है, जो उस समय पैसे लेकर जंग के मैदान में लड़ाई करते थे। सलमान फिल्म में ऐसे ही योद्धा वीर की केंद्रीय भूमिका निभा रहे हैं। वे फिल्म में ब्रिटिश शासकों से लोहा लेते दिखाई देंगे।
सलमान खान का फिल्म में लुक बेहद दिलचस्प होगा। इस फिल्म की शूटिंग लंदन, राजस्थान एवं मुंबई के स्टूडियो में की जाएगी। अभी कुछ दिन पहले सलमान ने मुंबई के महबूब स्टूडियो में फिल्म के एक गाने की शूटिंग की। उल्लेखनीय है, अनिल शर्मा निर्देशित वीर में सलमान के अपोजिट नई लड़की जरीना खान और हॉलीवुड के कई नामचीन कलाकार अभिनय करते दिखाई देंगे। सलमान खान को वीर योद्धा की भूमिका में दर्शक अगले साल सिनेमाघरों में देख सकेंगे।

Tuesday, October 7, 2008

मुझे देख दर्शक हैरान हो जाएंगे: फरदीन खान

-रघुवेंद्र सिंह
पिछले साल सितंबर में आई फिल्म डार्लिग के बाद फरदीन खान पता नहीं कहां गायब हो गए! उनकी कोई भी फिल्म न तो इस बीच आई और न ही वे किसी बात को लेकर चर्चा में रहे। आखिर वे थे कहां? फरदीन ने तुरंत जवाब दिया, मैं गायब नहीं हुआ था। दरअसल, मैं फिल्म एसिड फैक्ट्री की शूटिंग में व्यस्त था। आज भी उसी को लेकर बिजी हूं। यह मेरे करियर की बेहद खास फिल्म है। जब दर्शक मुझे इस फिल्म में देखेंगे, तो निश्चित रूप से हैरान हो जाएंगे। उस वक्त लोग समझेंगे कि मैं क्यों कुछ समय के लिए सबकी नजरों से ओझल रहा!
गौरतलब है कि संजय गुप्ता निर्मित फिल्म एसिड फैक्ट्री के निर्देशक सुपर्ण वर्मा हैं। इसमें फरदीन के अलावा, इरफान खान, आफताब शिवदासानी, डिनो मोरिया, मनोज बाजपेयी, डैनी और दीया मिर्जा अहम भूमिका में हैं। वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि एसिड फैक्ट्री संजय गुप्ता की 2002 में प्रदर्शित फिल्म कांटे का सीक्वल है? फरदीन इस बात से इनकार करते हैं, फिल्म को कांटे का सीक्वल कहना गलत होगा। हां, यह जरूर कहा जा सकता है कि कांटे जिस मोड़ पर खत्म हुई थी, वहां से इसकी कहानी शुरू हुई है।
फिल्म की कहानी का जिक्र करते हुए फरदीन आगे कहते हैं, यह एक ऐक्शन थ्रिलर फिल्म है, जिसकी कहानी सात गैंगस्टरों के इर्दगिर्द घूमती है। मैं भी एक गैंगस्टर का किरदार निभा रहा हूं और इस तरह का किरदार पहली बार निभा रहा हूं। सच कहूं, तो मैंने जब इस फिल्म की स्क्रिप्ट सुनी, तो खुद को फिल्म करने से रोक ही नहीं सका। इसका सबसे बड़ा प्लस प्वॉइंट है इसकी स्क्रिप्ट। फिल्म दर्शकों के लिए सरप्राइज होगी। फिल्म में मेरे ही नहीं, बल्कि डिनो, आफताब, इरफान, मनोज, दीया सभी के नए रूप से दर्शक परिचित होंगे।
सुनने में आ रहा है कि इस खास भूमिका के लिए फरदीन ने अपना वजन घटाया है! इस बारे में वे कहते हैं, मैंने अपना वजन कम जरूर किया है, लेकिन यह कहना गलत होगा कि मैंने इस खास किरदार के लिए ऐसा किया है। दरअसल, मेरा वजन थोड़ा बढ़ गया था, इसीलिए मैंने मेहनत करके उसे कम किया है।
निर्देशक सुपर्ण के साथ काम करने का अनुभव बांटते हुए फरदीन कहते हैं, मैं उन्हें बहुत पहले से जानता हूं। उन्होंने मेरी फिल्म जांनशीं का स्क्रिन-प्ले लिखा था। उसके अलावा, मैं उनके साथ फिल्म एक खिलाड़ी एक हसीना में भी काम कर चुका हूं। उनके काम करने के अंदाज से पहले से ही मैं वाकिफ था। उल्लेखनीय है, आजकल इस फिल्म की शूटिंग जोर-शोर से चल रही है। संजय गुप्ता इस फिल्म को जल्द से जल्द रिलीज करने की इच्छा रखते हैं।
फरदीन एसिड फैक्ट्री की सफलता को लेकर अभी से आश्वस्त हैं, मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि फिल्म की स्क्रिप्ट पर भरोसा है। उल्लेखनीय है कि फरदीन के पास इस वक्त कई फिल्में हैं, जिनमें रूमी जाफरी की लाइफ पार्टनर, मुदस्सर अजीज की दूल्हा मिल गया, पुनीत सिरा की जय-वीरू, युसूफ खान की सब वे और उनके होम प्रोडक्शन की फिल्म कुर्बानी है, जिसे फिरोज खान निर्देशित करेंगे। फरदीन कहते हैं, अब मेरी एक के बाद एक लगातार फिल्में आती रहेंगी।

Sunday, October 5, 2008

किसी एक्टर का हाथ थाम कर नहीं आयी हूं: ईशा कोप्पिकर

[रघुवेंद्र सिंह]

ईशा कोप्पिकर एक वर्ष के अंतराल के बाद अतुल अग्निहोत्री की फिल्म हैलो से सिल्वर स्क्रीन पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने जा रही हैं। यह फिल्म चेतन भगत के चर्चित अंग्रेजी उपन्यास वन नाइट एट दि कॉल सेंटर पर बनी है। ईशा फिल्म में एक ग्लैमरस मॉडल की भूमिका में नजर आएंगी। प्रस्तुत है ईशा से बातचीत-
आप इधर बड़े पर्दे के साथ ही मीडिया की नजरों से भी गायब थीं?
मैं अपनी फिल्म एक विवाह ऐसा भी और राइट या रांग की शूटिंग में व्यस्त थी। वैसे भी अब मुझे बिना वजह मीडिया के बीच रहना नहीं भाता है।
अब आपको खल्लास गर्ल की इमेज से निजात मिल गई है?
हां, जो मेरे लिए बड़ी खुशी की बात है। पहले मैं देखती थी कि मेरे हर इंटरव्यू की शुरुआत लोग खल्लास गर्ल शब्द से ही करते थे, लेकिन आजकल ऐसा नहीं होता है। हमारी इंडस्ट्री का चलन है कि आप जो काम करते हैं, उसके अनुसार आपकी छवि बनती जाती है। उसके बाद अन्य लोग सोचते हैं कि वह कलाकार सिर्फ उसी तरह का काम कर सकता है, जो गलत सोच है। मैं खुश हूं कि मेरे बारे में कुछ फिल्मकारों ने अलग सोचा और उन्होंने मुझे मेरी छवि के विपरीत भूमिकाएं दीं।
क्या हैलो में मॉडल का किरदार आपकी छवि के विपरीत है?
मैं फिल्म में ईशा नाम की लड़की का किरदार निभा रही हूं। वह कॉल सेंटर में काम करती है। उसका लक्ष्य मॉडलिंग इंडस्ट्री में कदम जमाना है। ईशा का किरदार ग्लैमरस जरूर है, लेकिन दर्शकों ने मुझे अब तक ऐसी भूमिका में नहीं देखा है। मैंने इस किरदार को पूरी तरह एंज्वॉय किया, क्योंकि मैं स्वयं मॉडल रह चुकी हूं। मेरी बदलती छवि के बीच की यह कड़ी है।
फिल्म की कहानी क्या है? क्या यह फिल्म दर्शकों का मनोरंजन करने में सफल होगी?
फिल्म एक कॉल सेंटर में घटी एक रात की कहानी है। इसके केंद्र में मैं, श्याम, प्रियंका, वरूण, राधिका और स्वामी हैं। सबकी अपनी समस्याएं हैं और सभी अपनी उन समस्याओं से छुटकारा पाने के प्रयास में जुटे हैं। एक रात अचानक उन्हें एक कॉल आता है और फिर उसके बाद क्या होता है? यह देखना रोचक होगा। यह फिल्म प्यार, परिवार, महत्वाकांक्षा और कॉल सेंटर में काम करने के वातावरण पर प्रकाश डालती है। मैंने चेतन भगत का उपन्यास पढ़ा है। उसकी कहानी मुझे बहुत अच्छी लगी। कहानी बिल्कुल नयी है और उसे कहने का अंदाज जुदा है। उम्मीद है, यह फिल्म दर्शकों का मनोरंजन करने में सफल होगी।
अतुल अग्निहोत्री के निर्देशन में काम करने के अनुभव के बारे में बताएं?
अतुल बहुत शांत स्वभाव के शख्स हैं। वे हमेशा अपने काम के प्रति समर्पित रहते हैं। किसी काम को लेकर हल्ला नहीं मचाते। यदि एक्टर रीटेक लेता है तो वे गुस्सा नहीं होते, बल्कि उससे उसकी दिक्कतों को पूछकर उसका निवारण करने का प्रयास करते हैं। उनके साथ काम करने का अनुभव बहुत अच्छा रहा।
फिल्मों का चयन करते वक्त किन बातों पर अधिक ध्यान देती हैं?
मेरे लिए स्क्रिप्ट सबसे महत्वपूर्ण है। यदि स्क्रिप्ट दमदार हो और निर्देशक नए हों तो मुझे फर्क नहीं पड़ता। मैं वह फिल्म कर लूंगी। मैं यह नहीं देखती कि मेरे साथ एक्टर कौन है? मुझे अपने रोल से मतलब होता है। मैं यहां तक किसी एक्टर का हाथ थाम कर नहीं आयी हूं। अपने दम पर आयी हूं। आगे का सफर भी अपने दम पर तय करूंगी।
हैलो के बाद आप किन फिल्मों में नजर आएंगी?
इसके बाद मेरी मनोज तिवारी के निर्देशन में बनी फिल्म हैलो डार्लिग, जानू बरूआ की हर पल, ललित मराठे निर्देशित शबरी, राजश्री की एक विवाह ऐसा भी एवं नीरज पाठक की राइट या रांग प्रदर्शित होगी। इन सभी फिल्मों में मेरी अलग-अलग भूमिकाएं हैं। हैलो डार्लिग में मैं जहां एक हरियाणवी लड़की बनी हूं, वहीं शबरी में झोपड़पंट्टी में रहने वाली काली-कलूटी लड़की का किरदार में हूं।
इनमें से किस फिल्म के प्रदर्शन का आपको इंतजार है?
मेरे लिए राजश्री की फिल्म एक विवाह ऐसा भी बहुत खास है। उस फिल्म में मेरे ऊपर बहुत मेहनत की गई है। मैं उसमें चांदनी की केंद्रीय भूमिका में हूं। उस फिल्म की रिलीज के बाद दर्शकों के बीच मेरी एक अलग छवि बनेगी। मैं हर घर की बेटी बन जाऊंगी।

पर्सनल एवं प्रोफेशनल लाइफ से खुश हूं: संजय दत्त

[रघुवेंद्र सिंह]
निजी जिंदगी की तमाम परेशानियों से उबरकर अभिनेता संजय दत्त संजय गढ़वी निर्देशित फिल्म किडनैप में लोगों का मनोरंजन कर रहे है। संजय इस फिल्म में बिजनेसमैन विक्रांत रैना की दमदार भूमिका में नजर आ रहे हैं। संजय कहते हैं, इस साल की यह मेरी पहली बड़ी रिलीज है। यही वजह है कि मैं इस फिल्म को लेकर बेहद उत्साहित हूं।
किडनैप में संजय अपने किरदार के बारे में कहते हैं, मैंने इस फिल्म में विक्रांत रैना का किरदार निभाया है। इस किरदार को जीने का अनुभव मेरे लिए बिल्कुल नया था। मैंने इस तरह का किरदार पहली बार किया है। इस फिल्म को लेकर मुझे अब तक जैसा रिस्पांस मिला है, मुझे लग रहा है कि लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं।
इस माह के अंतिम सप्ताह में संजय की उनके खास मित्र सुनील शेंट्टी निर्मित फिल्म ईएमआई प्रदर्शित होगी। उसमें संजय बैंक एंजेंट की भूमिका में दिखाई देंगे। संजय कहते हैं, वह मेरी लाइफ का सबसे फनी कैरेक्टर है। मैं उसमें सत्तार भाई का किरदार निभा रहा हूं। मैंने उस किरदार को निभाने से पहले काफी तैयारी की। दरअसल वह एक रीयल लाइफ शख्स का किरदार है, जो मुंबई में लोन लेने वाले लोगों से वसूली करता है। मैं भी फिल्म में लोगों से वसूली करता नजर आऊंगा। मुन्नाभाई के बाद वह मेरा पहला बेहद मजेदार किरदार है। लोग उस फिल्म एवं मेरे किरदार को पसंद करेंगे, ऐसी मुझे उम्मीद है।
उल्लेखनीय है, संजय दत्त की गिनती फिल्म इंडस्ट्री के उन चुनिंदा कलाकारों में की जाती है जो मीडिया से मुखातिब होने में हिचकते हैं। वैसे इधर संजय के व्यवहार में काफी परिवर्तन आया है। वे प्रोफेशनल लाइफ के साथ अब अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में भी खुलकर बात करने लगे हैं। पत्नी मान्यता का जिक्र होने पर संजय कहते हैं, मान्यता ने जब से मेरी जिंदगी में प्रवेश किया है, मैं कई सकारात्मक बदलाव महसूस कर रहा हूं। वे मेरा और मेरी बेटी त्रिशाला का बहुत ख्याल रखती हैं। मान्यता मेरा घर और दफ्तर दोनों संभालने में सक्षम हैं। मैं जल्द ही अपनी आत्मकथा लिखने वाला हूं। मान्यता उसमें भी मेरा हाथ बंटाने के लिए तैयार हैं।
संजय अपनी आत्मकथा के बारे में विस्तार से बताते हैं, मेरी जिंदगी में शुरू से ही बहुत उतार-चढ़ाव रहे हैं। मैं उन सभी लम्हों को अपनी आत्मकथा में ईमानदारी से समेटने का प्रयास करूंगा।
पिछले कई महीनों से संजय दत्त के राजनीति में जाने की अटकलें लगायी जा रही हैं। क्या वाकई संजय अपने पिता सुनील दत्त की तरह राजनीति में कदम रखेंगे? जवाब में संजय कहते हैं, राजनीति में जाना मुश्किल नहीं है, मुश्किल है राजनेता के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वहन करना। मेरे पास जिस दिन जनता की सेवा करने के लिए पर्याप्त समय होगा, मैं अवश्य राजनीति मैं जाऊंगा। फिलहाल मैं अपनी फिल्मों की शूटिंग में बहुत व्यस्त हूं।
संजय के पास इस वक्त कई बड़ी फिल्में हैं। जिनमें संजय गुप्ता की अलीबाग, सुजॉय घोष की अलादीन, सोहम शाह की लक, एंथोनी डिसूजा की ब्लू, अनिल कपूर की शॉर्टकट, राजकुमार हिरानी की मुन्नाभाई चले अमेरिका सहित कई फिल्मों के नाम शामिल हैं।
संजय दत्त यह कहते हुए अपनी बात समाप्त करते हैं, यह मेरी जिंदगी का अच्छा दौर चल रहा है। मैं इस वक्त अपने पसंदीदा लोगों के साथ काम कर रहा हूं। मैं अपनी पर्सनल एवं प्रोफेशनल लाइफ से खुश हूं।

Friday, October 3, 2008

अब तिहरी भूमिका में दिखेंगे हिमेश

-रघुवेंद्र सिंह
मुंबई। आपका सुरूर फेम निर्देशक प्रशांत चढ्डा की नई फिल्म तिड़वा में हिमेश रेशमिया तिहरी भूमिका में नजर आएंगे। हिमेश रेशमिया ने बताया कि पहले प्रशांत चढ्डा आपका सुरूर-टू बनाने की योजना बना रहे थे। मैंने अब टोपी पहननी छोड़ दी है, इसलिए आपका सुरूर-टू नहीं बन सकती।
प्रशांत मेरे पास तिहरी भूमिका वाली फिल्म तिड़वा का प्रस्ताव लेकर आए। तिड़वा की कहानी बहुत ही मजेदार है। मैं खुश हूं कि वे मुझे लेकर तिहरी भूमिका वाली फिल्म बनाने जा रहे हैं। वैसे, मैं बहुत जल्द सतीश कौशिक के साथ फिल्म हे गुज्जू की शूटिंग शुरू करने जा रहा हूं। उस फिल्म में मैं दोहरी भूमिका निभा रहा हूं। वह कॉमेडी फिल्म है। उल्लेखनीय है, गत वर्ष प्रशांत चड्डा की फिल्म आपका सुरूर से संगीतकार-गायक हिमेश रेशमिया ने बतौर अभिनेता बिग स्क्रीन पर दस्तक दी थी।

ऐंजल हैं कैटरीना!

[रघुवेंद्र सिंह]
चर्चा है कि खूबसूरत अभिनेत्री कैटरीना कैफ अतुल अग्निहोत्री की फिल्म हैलो में गॉड की भूमिका में हैं। क्या यह सच है? निर्देशक अतुल जवाब में कहते हैं- नहीं, यह सच नहीं है। वह अपनी बात रखते हुए आगे कहते हैं, ईश्वर कल्पना से परे है। उसे एक इंसान के रूप में पेश करना मेरे लिए संभव नहीं है। कैटरीना कैफ फिल्म में गॉड की भूमिका नहीं निभा रही हैं। वह फिल्म में ऐंजल बनी हैं।
उल्लेखनीय है अतुल अग्निहोत्री की फिल्म हैलो युवा लेखक चेतन भगत के चर्चित इंग्लिश नॉवेल वन नाइट एट दि कॉल सेंटर पर बनी है। अतुल आगे कहते हैं, दरअसल उस नॉवेल में गॉड को चित्रित किया गया है। यही वजह है कि लोग कैटरीना को गॉड मान रहे हैं। कैटरीना को फिल्म में मैंने एक ऐसे किरदार में पेश किया है जो रहस्यमय है। मैं उनके किरदार को ऐंजल का नाम देना उचित समझूंगा। मैं अनगिनत बार इस बात का खंडन कर चुका हूं, लेकिन मीडिया मेरी बात मानने को तैयार नहीं है।
अतुल ने कैटरीना से जुड़ी एक दिलचस्प बात का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि अब हमारे परिवार में सभी लोग कैटरीना को ऐंजल कहकर ही बुलाते हैं। दरअसल, कैटरीना रीयल लाइफ में बेहद पाक दिल और नेक इंसान हैं। वह कभी किसी का अहित करने के बारे में सोच तक नहीं सकती हैं। उनकी मौजूदगी सबके चेहरे पर मुस्कराहट बिखेर देती हैं। उनकी इन खूबियों को देखते हुए ही मैंने अपनी फिल्म में उन्हें ऐंजल की भूमिका में कास्ट किया। सच मानिए, हैलो देखने के बाद दुनिया कैटरीना को ऐंजल कहकर ही पुकारेगी। ज्ञात हो, कैटरीना कैफ के साथ अभिनेता सलमान खान भी फिल्म में मेहमान भूमिका में नजर आएंगे। वह फिल्म में लेखक चेतन भगत का किरदार निभा रहे हैं। यह फिल्म आगामी दस अक्टूबर को प्रदर्शित होगी।