Friday, April 19, 2013

हेल्दी हूं, मोटी नहीं -रानी चटर्जी

रानी चटर्जी इस धारणा की धज्जी उड़ाती हैं कि शोबिज में छरहरे बदन वाली लड़कियां राज करती हैं. थुलथुल काया, एक्स बॉयफ्रेंड पवन सिंह और सिनेमा में अपने कामयाबी के सफर के बारे में इस शीर्ष अभिनेत्री ने रघुवेन्द्र सिंह को बताया

जब मिली ऋतिक रोशन से
मैं ऋतिक रोशन की बहुत बड़ी फैन थी. मेरे घर के बगल में एक को-ऑर्डिनेटर रहते थे. मैं उनसे कहा करती थी कि अंकल, मुझे किसी शूटिंग पर लेकर चलना. उस वक्त में स्कूल में थी. दसवीं की पढ़ाई कर रही थी. रविवार का दिन था. वो अंकल मुझे लेकर बांद्रा के महबूब स्टूडियो में गए. वहां ऋतिक रोशन, अभिषेक बच्चन और करीना कपूर के साथ मैं प्रेम की दीवानी हूं फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. मैंने उनका ऑटोग्राफ लिया और वह मेरे लिए उस वक्त सबसे कीमती चीज थी. उसी दौरान मेरी मुलाकात केके गोस्वामी से हुई. वे विकराल और गबराल सीरियल में काम करते थे. उनकी हाइट छोटी थी. मैंने उनसे विनती करके किसी प्रकार उनका फोन नंबर लिया. मैं हफ्ते में एक बार उन्हें फोन करती थी और पूछती थी कि सीरियल में क्या नया होने वाला है. 

मोटापे की वजह से मिली पहली फिल्म
भोजपुरी की एक फिल्म बन रही थी ससुरा बड़ा पइसावाला. उसके निर्देशक केके गोस्वामी के दोस्त थे. उस फिल्म में काम करने के लिए कोई तैयार नहीं हो रहा था. उन्होंने अपनी समस्या केके जी को बताई, तो उन्होंने उनसे कहा कि मैं एक लडक़ी को जानता हूं, उसने कभी एक्टिंग नहीं की है, लेकिन तुम अगर उससे काम करवा सकते हो, तो ठीक है. जब भी मैं गोस्वामी जी से मिलने उनके सेट पर जाती थी, तो वे कहते थे कि मैं तुम्हें किसी सीरियल में काम जरूर दिलवाऊंगा. मुझे नहीं पता था कि उनकी वजह से मुझे फिल्म मिल जाएगी. डायरेक्टर का मेरी मम्मी के पास फोन आया. मैं स्कूल से लौटी, तो मम्मी फौरन मुझे लेकर डायरेक्टर से मिलने चली गईं. मेरी हाइट तब चार फुट, पांच इंच थी और मैं मोटी थी. मेरे मोटापे की वजह से मुझे पहली फिल्म मिली, क्योंकि मेरे हीरो उसमें मनोज तिवारी थे, जिनकी सेहत अच्छी-खासी थी.

सबीहा से बनी रानी 
मेरा असली नाम सबीहा शेख है. मैं मुंबई के एक मुस्लिम परिवार से आती हूं. सबीहा से रानी चटर्जी बनने की भी मजेदार कहानी है. गोरखपुर (यूपी) में गोरखनाथ का एक मंदिर है. उसमें ससुरा बड़ा पइसावाला का मुहूर्त था. मुझे याद है 3 नवंबर का दिन था. इसी दिन मेरा जन्मदिन भी पड़ता है. भोले शंकर की मूर्ति के पास एक शॉट लेना था. डायरेक्टर मेरे पास आए और कहा कि बेटा, तुम मुस्लिम हो. अगर तुमने अपना असली नाम बता दिया, तो पुजारी हमें शॉट नहीं लेने देगा. उन्होंने कहा कि जो तुम किरदार निभा रही हो, उसका नाम रानी है, तुम अपना असली नाम रानी बता देना. मैंने मीडिया के साथ इंटरव्यू में अपना नाम रानी बता दिया. चटर्जी कैसे बनी, वह भी बताती हूं. हमारे प्रोड्यूसर सुजीत इंटरव्यू दे रहे थे. बगल में मेरा मेकअप चल रहा था. उनसे पूछा गया कि रानी किस कास्ट की हैं, तो उन्होंने चटर्जी बता दिया. मैं उनका मुंह देखती रह गई. एक इंटरव्यू के दौरान तो एक पत्रकार ने मेरे पूरे खानदान का नाम पूछा था. मैं बुरी तरह फंसी गई थी. मैंने रीयल लाइफ में एक्टिंग करनी शुरू कर दी कि चक्कर आ रहा है. मैंने सिर पकडक़र कहा कि मैं बाद में इंटरव्यू दूंगी.

रातों की नींद उड़ गई
मेरी पहली फिल्म ससुरा बड़ा पइसावाला सुपरहिट हो गई और मैं स्टार बन गई. लेकिन मुझे इस बात का एहसास होने में बहुत वक्त लगा. पहली फिल्म से मैं लोगों की आंखों में आ गई और सबने मेरे बारे-बारे में तरह-तरह की बातें करनी शुरू कर दीं. जैसे- इसे डांस नहीं आता, हिल ही नहीं सकती, एक्टिंग नहीं आती. मुझे कई फिल्मों से निकाल दिया गया. मनोज तिवारी के साथ भी मेरा नाम जोड़ा जाता था कि हमारे बीच कुछ चल रहा है. मैं इन अफवाहों से परेशान थी. ससुरा बड़ा पइसावाला के बाद मैंने इंडस्ट्री छोड़ दी थी. मनोज तिवारी ने मुझे फोन करके वापस बुलाया. उन्होंने बताया कि इस फिल्म में दो हीरोइनें हैं एक निगेटिव और एक पॉजिटिव. जब मैं सेट पर पहुंची, तो पता चला कि मुझे विधवा का रोल दिया गया है. किसी नए लडक़े को मेरे अपोजिट कास्ट किया गया था. मैं सेट पर रोती थी. उसमें जो कलाकार थे, वह सब मुझे डॉमिनेट करते थे, जो मुझसे सहन नहीं होता था. मैंने ठान लिया कि अपने आप को प्रूव करके ही रहूंगी. मैंने तय किया कि किसी बड़े स्टार के साथ फिल्म साइन नहीं करूंगी. केवल उसी फिल्म में काम करुंगी, जिसमें मेरा रोल बड़ा होगा. उस दौरान अगर मेरी मम्मी (गुलजार शेख), जो आज भी हर वक्त मेरे साथ रहती हैं, का सपोर्ट नहीं मिला होता, तो मैं आज यहां नहीं होती. 

किसी ने सपोर्ट नहीं किया
आज मैं जो कुछ हूं, उसी फैसले की वजह से हूं. मुझे कभी किसी स्टार, डायरेक्टर या प्रोड्यूसर ने सपोर्ट नहीं किया. उस फैसले के बाद राजकुमार पांडे की छैला बाबू पहली फिल्म थी, जिसे मैंने साइन किया और उसके बाद मुझे पीछे पलटकर देखने की जरूरत नहीं पड़ी. मैंने अधिकतर महिला प्रधान फिल्में कीं, जिन्हें लोगों ने बहुत पसंद किया. मैंने पिछले नौ सालों में लगभग चालीस फिल्में कर ली हैं. अपनी फिल्मों दामिनी, दुर्गा, तोहार नइखे कौनो जोड़ दू बेजोड़ बाड़ू हो, मुन्नीबाई नौटंकीवाली, पियवा बड़ा सतावेला को मैं चाहूंगी कि सब लोग देखें. इनमें से किसी में आपको मेरा एक्शन, तो किसी में कॉमेडी, किसी में रोमांस, तो किसी में महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला का जबरदस्त किरदार देखने को मिलेगा. अगर आप मेरी आने वाली फिल्मों शेरनी, रानी चली ससुराल, नागिन, ज्योति बनल ज्वाला, गंगा जमुना सरस्वती भी देखें, तो वे भी महिला प्रधान फिल्में हैं.

स्लिम हुए, तो दर्शकों ने नकार दिया
मैं सुडौल बदन में विश्वास करती हूं. ना कि फीगर्स के नंबर्स में. ऐसा बदन होना चाहिए, जो आंखों को अच्छा लगे. मैं खुद दुबली-पतली लड़कियों को देखना नहीं पसंद करती हूं. बीच में मैंने अपना वजन 59 किया था, लेकिन उस वक्त दर्शकों ने मुझे पसंद नहीं किया. मेरे फेसबुक और ट्विटर पर बुरे कमेंट्स आए. लोगों ने यहां तक कहा कि रानी को खाना खाने को नहीं मिल रहा है. मैं कभी बिकनी नहीं पहनूंगी, क्योंकि मुझे नहीं लगता कि दो-चार इंटरव्यूज के अलावा और कुछ मिलता है. मैं किसिंग सीन भी नहीं कर सकती, क्योंकि मुझे इसका अनुभव नहीं है. डरती हूं कि कहीं लोग यह न कहना शुरू कर दें कि रानी को स्मूङ्क्षचग करने नहीं आता. मेरी नैचुरैलिटी के लिए लोग मुझे पसंद करते हैं. मैं हमेशा एक दायरे में रहकर ईमानदारी से काम करूंगी.

पवन सिंह ने किया बदनाम
मेरा दिल सिर्फ एक बार आया था, लेकिन बहुत बेकार जगह पर आया था. मैं बहुत बेवकूफ थी. चुनाव गलत हो गया. उसने मेरी जिंदगी बर्बाद करके रख दी. मैं बहुत प्रैक्टिकल हूं. शायद इसीलिए उस इंसान के साथ ज्यादा जुड़ी नहीं थी. हां, हम दोनों अच्छे दोस्त थे. हम साथ में खाना भी खाते थे. हमारे घरेलू संबंध बन गए थे. लेकिन उस बंदे ने सबसे कहा कि हम शादी करने वाले थे, हम साथ में रहते थे. इतनी बेहूदा बातें मैंने अपने बारे में कभी नहीं सुनी थीं. एक दिन सुबह को मैं जगी, तो एक मैसेज आया कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में किसी ने आपको मारने के लिए पन्द्रह लाख रुपए की सुपारी दी है. मरण प्रयोग करने के लिए. मैं डर गई, क्योंकि मैं इन सबमें यकीन करती हूं. मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. उस बंदे ने मुझे पांच दिन तक लगातार फोन करके परेशान किया कि तुम मुझे ज्यादा पैसे दो, तो मैं उसे मार दूंगा. उसने कहा कि आप अच्छे इंसान हो और मैं नहीं चाहता कि मेरे हाथों किसी अच्छे इंसान की मौत हो. मैं आपका फैन भी हूं. मैंने कहा कि मैं तुम्हें पैसे दे रही हूं, तुम मुझे छोड़ दो. पुलिस ने उस आदमी को गिरफ्तार कर लिया. उसके बाद तो हंगामा हो गया. लोगों को केवल इतना पता था कि मेरा और पवन सिंह का झगड़ा है, लेकिन... आप यकीन करेंगे कि उसने माफीनामा लिखकर मुझे दिया. मैं शॉक थी कि कोई बंदा इतना नीचे कैसे गिर सकता है!
                                               देवरा बड़ा सतावेला में रवि किशन के साथ
भोजपुरी को अश्लील कहना बंद करें!
मुझे बहुत दुख होता है जब लोग भोजपुरी फिल्मों को डाउन मार्केट कहते हैं. एक्टर्स को इज्जत नहीं देते हैं. कुछ लोग तो यह तक कहते हैं कि सी ग्रेड फिल्म में काम करने से अच्छा है, तो भोजपुरी फिल्म में काम कर लो. कहा जाता है कि भोजपुरी फिल्मों की अभिनेत्रियां अंग प्रदर्शन करती हैं. लेकिन क्या फिल्मों के आगे भोजपुरी लगाना जरूरी है? हर भाषा की फिल्म की हीरोइन एक्सपोज करती हैं. मैं नाम नहीं लूंगी. कहा जाता था कि भोजपुरी में केवल आइटम नंबर्स होते हैं. लेकिन आज आप हिंदी फिल्में ले लीजिए, उनमें क्या होता है? दबंग हो या कोई और फिल्म, सबमें भोजपुरी का टच होता है. भोजपुरी को उसका हक और सम्मान दें. इस सिनेमा की बदौलत आज मेरे पास बंगला, गाड़ी आदि है.




1 comment:

Sarik Khan Filmcritic said...

very Nice


http://sarikkhan.blogspot.in/