Thursday, July 31, 2008

धर्मेद्र नें जारी किया चमकू का संगीत | खबर

-रघुवेंद्र सिंह
मुंबई। मंगलवार की शाम मुंबई में अभिनेता धर्मेद्र ने अपने होम-प्रोडक्शन की फिल्म चमकू का संगीत रिलीज किया। उल्लेखनीय है इस फिल्म में उनके छोटे बेटे बॉबी देओल और अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा प्रमुख भूमिका में हैं। धर्मेद्र संगीत रिलीज के अवसर पर भावुक दिखे। उन्होंने कहा, ऐसे बहुत कम मौके आते हैं जब हम सपरिवार आपके बीच होते हैं। मैं ऐसे वक्त की तलाश में रहता हूं। खैर, ऐसे मौके अब आते रहेंगे। मेरे लिए आज का दिन बेहद खास है। हम चमकू आगामी 22 अगस्त को रिलीज कर रहे हैं। इसे सिनेमाघर में जाकर देखें और सफल बनाएं। अपनी बात खत्म करने के कुछ समय बाद धर्मेद्र ने फिर माइक लिया। उन्होंने कहा कि वे अपने दिल की कुछ बात कहना चाहते हैं। फिर उन्होंने स्वरचित एक कविता सुनाई। उसकी शुरूआत की पंक्तियां थीं-तब हसरत थी परवाज लूं, सबको लेकर उडूं.।
उल्लेखनीय है फिल्म चमकू के संगीत रिलीज केअवसर पर धर्मेद्र, सन्नी देओल, बॉबी देओल, प्रियंका चोपड़ा, आर्य बब्बर, रोजा, संगीतकार मोंटी शर्मा, गीतकार समीर और टी-सीरीज प्रमुख भूषण कुमार एवं किशन कुमार उपस्थित थे। यहां फिल्म के निर्देशक कबीर कौशिक नहीं आए थे।

Wednesday, July 30, 2008

मैं जॉनी नहीं हूं: नील

-रघुवेंद्र सिंह
अभिनेता नील नितिन मुकेश इन दिनों मधुर भंडारकर की फिल्म जेल के कारण चर्चा में हैं। बेहद खुश हैं वे अपने करियर से। इसीलिए वे कहते हैं, मैं वाकई खुद को लकी मानता हूं। अब मेरी कोशिश यही होगी कि अपने निर्देशकों के विश्वास पर खुद को सही साबित करूं।
फिल्म जेल में नील की क्या भूमिका है, इस सवाल पर वे बताते हैं, मधुर की पिछली फिल्मों की तरह जेल भी सच बयां करेगी। मैं इसमें एक सामान्य युवक पराग का किरदार निभा रहा हूं। पराग नौकरी करता है और अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशी-खुशी जीवन जी रहा है। अचानक उसकी जिंदगी में एक घटना घटती है और वह जेल में आ जाता है। उसके बाद जेल के अंदर उसके साथ क्या होता है? यही फिल्म में है।
नील इंडस्ट्री के उन खुशकिस्मत कलाकारों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी पहली फिल्म से लोकप्रियता की बुलंदियां छू लीं। इस वक्त उनके पास सुधीर मिश्रा, कबीर खान, मधुर भंडारकर, केन घोष और जहांगीर सुरती की फिल्में हैं। क्या यह सब उनकी खुद की सूझ-बूझ से संभव हुआ या पापा का मार्गदर्शन काम आ रहा है? नील भावविभोर हो जाते हैं, पापा बहुत ही साधारण इनसान हैं। सच तो यह है कि उन्होंने कभी मुझ पर अपनी सोच नहीं थोपी और न ही कभी प्रेशर डाला। मैं खुद बहुत सोच-विचार कर फिल्मों का चयन करता हूं। सबसे पहले देखता हूं कि निर्देशक कौन हैं, क्योंकि निर्देशक ही फिल्म का कैप्टन होता है। अभी मेरा करियर आरंभ हुआ है, इसलिए अछे निर्देशकों की फिल्में करना जरूरी है, क्योंकि उसी हिसाब से मेरा करियर मोल्ड होगा। उसके बाद मैं अपना कैरेक्टर देखता हूं। मेरा कैरेक्टर छोटा है या बड़ा, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। दरअसल, फिल्म में मेरे किरदार की कितनी अहमियत है, यह मेरे लिए ज्यादा मायने रखता है! नील की सुधीर मिश्रा निर्देशित फिल्म तेरा क्या होगा जॉनी बनकर तैयार है। इसमें उनके साथ हैं सोहा अली खान। फिल्म के बारे में नील कहते हैं, इसमें मैं जॉनी नहीं हूं। इसमें मेरे किरदार का नाम है परवेज। यह छोटा, लेकिन बहुत मजेदार किरदार है। यह फिल्म मेरे लिए बेहद खास है। जल्द ही इसके रिलीज होने की संभावना है। फिल्म में सुधीर जी ने मुंबई को एक अलग ही अंदाज में दर्शाया है।
हाल में नील ने फिल्म फ्रीज के लिए अपनी आवाज में एक गाना रिकॉर्ड कराया है। यानी नील ने अभिनय के बाद अब गायकी में भी कदम रख दिया है। वे कहते हैं, गायकी मेरे खून में है यह दुनिया जानती है। भला मैं कब तक उससे दूर रहता! मैंने फ्रीज में प्रीतम की धुन पर गीत गाये हैं।

रणबीर कैटरीना की प्रेम कहानी

-रघुवेंद्र सिंह
दीपिका पादुकोण के सांवरिया रणबीर कपूर इन दिनों कैटरीना कैफ को लेकर चर्चा में है। दरअसल रणबीर और कैटरीना आजकल राजकुमार संतोषी की फिल्म अजब प्रेम की गजब कहानी की शूटिंग कर रहे हैं। इस फिल्म में ये दोनों हॉट रोमांटिक पेयर के रूप में नजर आएंगे। दिलचस्प बात यह है कि रणबीर और दीपिका अक्सर अपनी रीयल लाइफ लव स्टोरी को लेकर चर्चा में रहते हैं और अब जब इनकी एक साथ पहली फिल्म बचना ऐ हसीनो प्रदर्शन के लिए तैयार है, तो रणबीर कैटरीना की वजह से सुर्खियों में आ रहे है। यह बात हैरानगी का विषय है। बहरहाल, रणबीर और दीपिका का पता नहीं। हां, कैटरीना और रणबीर की जोड़ी को अभी से हिट जरूर माना जा रहा है। शायद यही वजह है कि एक बड़े निर्माता ने इनकी पहली फिल्म की शूटिंग कंप्लीट होने से पूर्व ही इन दोनों को अपनी फिल्म के लिए साइन कर लिया है।
फिलहाल रणबीर कपूर अभिनेत्री कैटरीना के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं और इसकी वजह उनकी गर्लफ्रेंड दीपिका पादुकोण बतायी जा रही है। हालांकि कैटरीना रणबीर के साथ दूसरी फिल्म साइन करने की बात को बताने से परहेज नहीं कर रही हैं। हाल में हुई एक मुलाकात में कैटरीना ने रणबीर कपूर के बारे में बात करते हुए कहा, मुझे यह सुनकर खुशी होती है कि लोग अभी से मेरी और रणबीर की जोड़ी के बारे में चर्चा कर रहे हैं। मैं उनके साथ राजकुमार संतोषी की फिल्म अजब प्रेम की गजब कहानी में काम करते हुए खूब एंजॉय कर रही हूं। वे बहुत अच्छे एक्टर है। मैं उनके साथ इस फिल्म में पहली बार पूरी तरह से एक रोमांटिक किरदार में दिखाई दूंगी। आपको यह जानकर खुशी होगी कि हाल में मैंने रणबीर के साथ एक और फिल्म साइन की है। जल्द ही उसके बारे में संबंधित प्रोडक्शन हाउस घोषणा करेगा। मैं पहले ही मीडिया में उस फिल्म के बारे में बात करके उनकी योजना पर पानी नहीं फेरना चाहती।
अब देखना यह होगा कि अभिनेत्री कैटरीना कैफ के मामले में चुप्पी साधे रणबीर की दीपिका के साथ ऑन स्क्रीन जोड़ी ऑडियंस को कितना पसंद आती है। फिलहाल तो रणबीर के साथ दूसरी फिल्म साइन करके कैटरीना ने दीपिका को पीछे छोड़ दिया है।

Monday, July 28, 2008

ऐक्टिंग में कर सकता हूं वापसी: अमोल पालेकर

-रघुवेंद्र सिंह
चर्चित फिल्मकार अमोल पालेकर ने 2005 में शाहरुख खान और रानी मुखर्जी को लेकर फिल्म पहेली का निर्माण किया था। अब वे नई फिल्म दुमकटा लेकर आ रहे हैं, जो कि उनकी निर्देशित पहली कॉमेडी फिल्म है। वे इस फिल्म से अपने पसंदीदा फिल्मकार ऋषिकेष मुखर्जी और बासु चटर्जी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। पेश है, इस फिल्म को लेकर अमोल पालेकर से हुई बातचीत के प्रमुख अंश..
आपकी फिल्म दुमकटा में क्या खास बात है?
बच्चों की एक कॉमेडी फिल्म है यह। हाल ही में मैंने इसकी शूटिंग खत्म की है। इसे सपरिवार देखा जा सकता है। मुझे सपरिवार कहना इसलिए जरूरी लग रहा है, क्योंकि आज जब किसी फिल्म को बच्चों की फिल्म कहा जाता है, तो हम उसे एक स्थान पर स्लॉट कर देते हैं और यह मान लेते हैं कि वह फिल्म बड़ों का मनोरंजन नहीं कर सकती! लोग मुझसे अक्सर यही सवाल करते रहते हैं कि आपने जैसी फिल्मों में काम किया है, वैसी फिल्में क्यों नहीं बनाते? यह फिल्म उनका जवाब है। इसमें कोई हंगामा, ड्रामेबाजी और ऊटपटांग बात नहीं है। यह फिल्म मेरे फेवॅरिट निर्देशक बासु चटर्जी और ऋषिकेश मुखर्जी को मेरी तरफ से श्रद्धांजलि है।
दुमकटा की कहानी क्या है?
फिल्म की कहानी एक शहरी जोड़े और उनके दो बच्चों के इर्दगिर्द घूमती है। इससे ज्यादा मैं अभी कहानी के बारे में जानकारी नहीं दे सकता। अपनी इस फिल्म से मैं दो नए बच्चों खुश और असीम को इन्ट्रोड्यूस कर रहा हूं। दोनों ने कमाल का काम किया है। इसमें ओमपुरी, सचिन खेड़ेकर और शेरनाज पटेल ने भी काम किया है।
बच्चों के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
बच्चों के साथ काम करने में मुझे कभी कोई दिक्कत हुई ही नहीं। मैंने काफी अरसे पहले बच्चों को लेकर एक सीरियल कच्ची धूप बनाया था, जिसे आज भी लोग याद करते हैं। अब एक बार फिर बच्चों के साथ काम करने का मौका मिला है। बच्चों के साथ काम करने में मुझे बहुत मजा आया।
आपने अभिनय से दूरी क्यों बना ली?
कई कारण हैं इसके। पहला यह कि मैं जिस तरह की फिल्मों से जुड़ा था, यानी समानांतर सिनेमा, वह मुझे खत्म होता प्रतीत हुआ। इसलिए मेरी रुचि स्वत: अभिनय से कम हो गई। दूसरा कारण यह भी है कि मैं जिस तरह के किरदार निभा चुका था, ठीक उसी तरह की भूमिकाओं के प्रस्ताव मेरे पास आ रहे थे, जबकि मैं अपने दर्शकों को कुछ नया देना चाहता था। मेरी उम्र के हिसाब से जैसे चैलेंजिंग रोल मुझे चाहिए थे, वे मुझे नहीं मिले। ये दो प्रमुख कारण हैं, जिनकी वजह से मैंने ऐक्टिंग से खुद को दूर कर लिया।
यानी आपको कुछ नया करने का मौका मिले, तो आप ऐक्टिंग में वापस आ सकते हैं?
बिल्कुल, लेकिन मुझे उस किरदार में एक डर महसूस होना चाहिए कि क्या मैं उसे कर पाऊंगा? यानी उस किरदार में चुनौती होनी चाहिए। मैं जानता हूं कि ऐक्टिंग में वापस आना मेरे लिए बहुत बड़ा रिस्क होगा, क्योंकि यदि मैं असफल हो गया, तो सब लोग मुझ पर हंसेंगे कि देखो, अमोल पालेकर यह नहीं कर पाए! अपने लिए मैं बस यही डर चाहता हूं।
नए निर्देशकों के साथ काम करेंगे?
मैं जब अपने करियर के चरम पर था, उस वक्त नए निर्देशकों के साथ काम करने से नहीं डरा, तो फिर आज डर कैसा? लोगों को नए निर्देशकों केसाथ काम करने में असफलता का डर रहता था, लेकिन सच तो यह है कि मुझे यही चीज एक्साइट करती है। आज नए डायरेक्टर प्रशंसनीय काम कर रहे हैं। मुझे उनके साथ काम करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।
आप फिल्म पहेली के बॉक्स-ऑफिस पर असफल होने की क्या वजह मानते हैं?
क्या सिर्फ बॉक्स-ऑफिस ही सफलता का एकमात्र मापदंड है? मुझे पर्सनली पहेली का बहुत अच्छा स्पिॉन्स मिला था। निर्माता शाहरुख ने उस वक्त मुझसे यही कहा था कि उन्होंने इस फिल्म से खूब पैसा बनाया और इसीलिए वे बहुत खुश भी हैं। मेरी ऑडियंस ने फिल्म को खूब एंज्वॉय किया। श्याम बेनेगल और जावेद अख्तर जैसे लोगों ने फिल्म की सराहना की। अब जब पहेली से सब लोग खुश हैं, फिर मुझे और क्या चाहिए? हर फिल्म की सफलता की अलग-अलग परिभाषा होनी चाहिए, यह हम भूल गए हैं। यदि आप पहेली की कमाई की तुलना ओम शांति ओम से करेंगे, तो ओम शांति ओम मैंने तो नहीं बनाई! मैं और शाहरुख दोनों फिल्म की कमाई से खुश हैं। बाकी उसकी सफलता को लेकर किसी के दिमाग में यदि कंफ्यूजन है, तो मुझे पता नहीं!
आज जब आप पीछे मुड़कर देखते हैं, तो किसी चीज का पछतावा होता है?
नहीं, क्योंकि जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो मुझे खुशी होती है कि मैं एक ऐक्टर के रूप में अच्छी फिल्में कर सका। इंडस्ट्री के टॉप के निर्देशकों और तकनीशियनों के साथ काम कर सका। एक डायरेक्टर के रूप में जैसी फिल्में बनाना चाहता था, बिना किसी समझौते के बनाई। अपनी शर्तो पर काम किया। शायद यही वजह है कि लोग आज भी मुझे दिल-ओ-जान से प्यार करते हैं।
आगे की क्या योजना है?
अभी तो बस फिल्म दुमकटा को रिलीज करने की तैयारी कर रहे हैं। बाकी कुछ नहीं है।

Saturday, July 26, 2008

छुटपन में थी मैं शरारती नंबर वन: प्रीति जिंटा



[रघुवेंद्र सिंह]
प्रीति जिंटा बड़े पर्दे पर अक्सर गंभीर भूमिकाएं जीवंत करती दिखती हैं, जबकि रीयल लाइफ में वे चुलबुली, बिंदास और नटखट स्वभाव की हैं। अपनी हरकतों से वे दोस्तों और सह-कलाकारों को खूब तंग करती हैं। आओ जानते हैं प्रीति के बचपन की बातें, उन्हीं की जुबानी!
[बहुत शैतान थी मैं]
मैं बचपन में बहुत शैतान थी। मेरी कोई सहेली नहीं थी। मेरे सारे दोस्त लड़के थे। लड़कों के साथ खेलना और शैतानियां करना मेरी आदत थी। मेरे दोनों भाइयों की वजह से लड़कों से मेरी दोस्ती हुई। मेरे भाई और उनके दोस्त जो शरारतें किया करते थे, मैं उसमें नंबर वन रहती थी। ऐसे में जाहिर सी बात है कि मुझे थप्पड़ भी खूब पड़ते थे।
[लड़कों जैसी हुई परवरिश]
मैं पढ़ाई में तो अच्छी थी ही, साथ ही खेल-कूद एवं स्कूल की एक्स्ट्रा-करीकुलर एक्टिविटीज में जमकर हिस्सा लेती थी। मैं किताबी कीड़ा नहीं थी। मेरे टीचर हैरान हो जाते थे कि मैं खेल-कूद के साथ इतने अच्छे मा‌र्क्स कैसे लाती हूं? उस समय कंप्यूटर और इंटरनेट नहीं था। हम लोग आउटडोर गेम ज्यादा खेलते थे। पापा ने मुझे लड़की की तरह कभी ट्रीट नहीं किया। वह मुझे मेरे भाइयों के साथ कराटे सीखने भेजते थे। हां, मम्मी मुझे हमेशा लड़कियों की तरह देखना चाहती थीं।
[कथक क्लास में कराटे]
एक बार क्या हुआ कि मम्मी ने कथक सीखने के लिए डांस क्लास में मेरा एडमिशन करवा दिया। वहां किसी बात पर एक लड़की से मेरी बहस हो गई। फिर मैंने वहां कत्थक सीखने की बजाय सबकी जमकर पिटाई कर दी। मेरा कराटे सीखना वहां पहली बार काम आया। फिर मम्मी ने कभी मुझे कथक सीखने नहीं भेजा।
[बचपन मतलब फन]
मुझे नहीं लगता कि आज के बच्चे अपने बचपन को उतना एंज्वॉय कर पाते हैं। दस साल की उम्र में वे पन्द्रह साल के दिखने लगते हैं। आज के बच्चे वक्त से पहले बड़े हो जा रहे हैं। मैं खुश हूं कि हम उस वक्त दुनिया में आए, जब लोग जिंदगी आराम से जीते थे। हर पल को जीने के लिए लोगों के पास वक्त होता था। बचपन मतलब फन और मैं आज भी खूब मस्ती करती हूं।


दर्शील के साथ मंच पर थिरके आमिर


-रघुवेंद्र सिंह
मुंबई। फिल्म गुलाम में अपनी आवाज में गीत आती क्या खंडाला गाकर रानी मुखर्जी को खंडाला आने का न्यौता दे चुके अभिनेता आमिर खान का कहना है कि वे बहुत बुरे सिंगर हैं। हालांकि इसके बावजूद वे गाने का मौका अपने हाथ से नहीं गंवाते। शुक्रवार को आमिर मुंबई में अपनी फिल्म तारे जमीन पर की डीवीडी लांच करने फिल्म के मुख्य बाल कलाकार दर्शील सफारी के स्कूल ग्रीन लांस पहुंचे थे। वहां बेहद शालीन और साधारण कार्यक्रम में स्कूल की प्राध्यापिका मिसेज बजाज के हाथों आमिर ने फिल्म तारे जमीन पर की डीवीडी लांच कराई।
आमिर ने डीवीडी लांच करने के मौके पर बच्चों के साथ मिलकर तारे जमीन पर का लोकप्रिय गीत बम-बम बोले गाया और दर्शील सफारी के साथ मंच पर जमकर थिरके भी। उसके तुरंत बाद बच्चों ने आमिर से उनके भांजे इमरान खान की फिल्म जाने तू या जाने ना के पॉपुलर गीत पप्पू कांट डांस साला गाने की गुजारिश की। आमिर बच्चों की यह गुजारिश सुनकर काफी हैरान हुए। आमिर ने कहा कि उन्हें यह गाना अच्छी तरह याद नहीं है। शंकर महादेवन एवं बच्चों ने आमिर का साथ दिया और फिर आमिर के साथ हर बच्चा कह उठा पप्पू कांट डांस साला। चलते-चलते आमिर खान ने दर्शील सफारी को हिदायत दी कि वे हमेशा जमीन पर रहें। तभी उनके चाहने वाले उनके करीब होंगे।
उल्लेखनीय है कि फिल्म तारे जमीन पर की डीवीडी लांच कार्यक्रम में अभिनेता, निर्माता-निर्देशक आमिर खान के अलावा दर्शील सफारी, टिस्का चोपड़ा, संगीतकार शंकर-एहसान-लॉय और टी-सीरीज प्रमुख भूषण कुमार मौजूद थे।

दर्शील के स्कूल में लांच होगी तारे जमीं.. की डीवीडी | खबर

-रघुवेंद्र सिंह
मुंबई। आमिर खान अपनी चर्चित फिल्म तारे जमीन पर की डीवीडी कल फिल्म के मुख्य बाल कलाकार दर्शील सफारी के स्कूल में लांच करने जा रहे हैं। दर्शील का स्कूल ग्रीन लॉन मुंबई के वार्डन रोड पर स्थित है। आमिर ने फिल्म की डीवीडी दर्शील की प्रिंसिपल के हाथों से लांच कराने का फैसला किया है। दरअसल आमिर का मानना है कि प्रिंसिपल और अध्यापकों का बच्चों की शिक्षा और जीवन निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। फिर दर्शील की प्रिंसिपल ने तो दर्शील को उसके अभिनय के सपने को पूरा करने का मौका देकर दूसरों के लिए उदाहरण पेश किया है। उल्लेखनीय है कि आमिर गत छह महीने से फिल्म तारे जमीन पर की डीवीडी तैयार करने में जुटे हुए थे। उनकी फिल्म की स्पेशल डीवीडी में बैकग्राउंड स्कोर, फिल्म से निकाले गए दृश्य और वे क्यों फिल्म का हिस्सा नहीं बन पाए, उसके कारण, आमिर खान द्वारा इस विषय पर फिल्म बनाने की वजह, ईशान की दो खास पेंटिंग और पर्दे के पीछे की सौ खास तस्वीरें मौजूद हैं। साथ ही आमिर खान की शिक्षकों, प्राध्यापकों और पैरेंट्स के साथ बच्चों की प्रमुख समस्याओं पर चर्चा इस डीवीडी का हिस्सा है।
उल्लेखनीय है कि आमिर खान की निर्देशक के तौर पर तारे जमीन पर पहली फिल्म है। यह फिल्म अध्यापक और छात्र की संवेदनशील कहानी पर बनी है। आमिर ने इसमें अध्यापक निकुंभ और दर्शील सफारी ने ईशान की प्रभावी भूमिका निभाई है। टी-सीरीज के बैनर तले रिलीज हो रही तारे जमीन पर की डीवीडी की कीमत पांच सौ रूपए है।

Wednesday, July 23, 2008

पड़ोसन में गोविंदा की जगह अब परेश रावल

-रघुवेंद्र सिंह
मुंबई। सन् 1960 की सुपरहिट फिल्म पड़ोसन के बनने वाले रीमेक में अब महमूद द्वारा जीवंत मास्टर जी की भूमिका को गोविंदा की बजाय परेश रावल निभाएंगे। दरअसल अभिनेता गोविंदा ने मास्टर जी की भूमिका को निभाने से मना कर दिया है। उल्लेखनीय है कि शेमारू इंटरटेनमेंट सुपरहिट कॉमेडी फिल्म पड़ोसन का रीमेक बना रही है और इसका निर्देशन हेरा-फेरी, फिर हेरा-फेरी, गरम मसाला और भागमभाग जैसी कई सुपरहिट फिल्मों का लेखन कर चुके नीरज वोरा करेंगे। संजय दत्त को फिल्म में किशोर कुमार की भूमिका के लिए साइन किया गया है, जबकि सुनील दत्त के किरदार को अभिनेता रितेश देशमुख निभाएंगे।
शेमारू इंटरटेनमेंट के ज्वांइट एमडी अतुल मारू के मुताबिक, गोविंदा से हम लंबे समय से महमूद वाली भूमिका के लिए बात कर रहे थे लेकिन उन्होंने इस किरदार को करने में असमर्थता जतायी है। अब महमूद द्वारा जीवंत मास्टर जी की भूमिका के लिए परेश रावल को साइन किया गया है। परेश इस भूमिका को लेकर बेहद उत्साहित हैं। इसके अलावा हम जल्द ही अन्य कलाकारों के चयन की घोषणा करने वाले हैं।

कॉमेडी करना मुश्किल नहीं: रुसलान मुमताज

-रघुवेंद्र सिंह
मुंबई। पिछले साल आई फिल्म एमपी3 से हिंदी फिल्म जगत में एक नए चॉकलेटी हीरो रुसलान मुमताज ने एंट्री ली। हाल में निखिल पंचमिया की निर्माणाधीन फिल्म मस्तंग मामा के सेट पर तरंग ने रुसलान से उनकी फिल्मों, करियर और भावी योजनाओं पर बातचीत की..
सुना है कि आप फिल्म जाने कहां से आई है को लेकर उत्साहित हैं?
मैंने निखिल आडवाणी की पिछले दोनों फिल्में देखी हैं। दरअसल, उनकी फिल्में गुणवत्ता वाली होती हैं। यही वजह है कि मैं उनकी फिल्म जाने कहां से आई है को लेकर उत्साहित हूं। मुझे जब उनकी फिल्म का ऑफर मिला, मैं बहुत खुश हुआ। यह रोमांटिक-कॉमेडी है। इसमें रोमांस वाला पार्ट मैं और कॉमेडी वाला पार्ट रितेश देशमुख कर रहे हैं। लेखक मिलाप जवेरी इस फिल्म से निर्देशन में आ रहे हैं। वैसे, मैं फिल्म मस्तंग मामा को लेकर भी उत्साहित हूं।
मस्तंग मामा किस तरह की फिल्म है और उसमें आपका रोल क्या है?
यह मेरी पहली कॉमेडी फिल्म है। कहानी छब्बीस वर्षीय मामा और आठ साल के भांजे के इर्दगिर्द घूमती है। इसमें मैं मामा की भूमिका में हूं। मामा बिल्कुल निकम्मा है। अचानक उस पर अपने भांजे को संभालने की जिम्मेदारी आ जाती है। अब ये दोनों एक साथ होते हैं, तो कैसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं और उनसे वे कैसे निपटते हैं, यही इसकी कहानी है। इसमें मेरे अॅपोजिट कुलराज रंधावा हैं।
कॉमेडी करना आसान लगा या मुश्किल?
मुझे मुश्किल बिल्कुल नहीं लगा। मैं एमपी3 के रोहन के किरदार की तरह ही इसमें मामा के किरदार को एंज्वॉय कर रहा हूं। मैं हर तरह के अभिनय में खुद को सहज पाता हूं। इसलिए मेरे लिए मुश्किल कुछ भी नहीं है।
क्या वजह है कि सतीश कौशिक निर्देशित फिल्म तेरे संग की रिलीज लगातार खिसक रही है?
दरअसल, पिछले दिनों उस फिल्म की शूटिंग के दौरान मुझे घुटने में चोट लग गई थी। इसी वजह से दो महीने तक फिल्म की शूटिंग रुक गई। फिर सतीश जी कर्ज की शूटिंग में व्यस्त हो गए। उसके बाद मस्तंग मामा करने लगा, लेकिन अब वह फिल्म पूरी हो चुकी है।
ब्रिटिश फिल्मकार क्रिस्टोफर माइल्स की फिल्म की शूटिंग कब शुरू हो रही है?
किसी कारणवश फिल्म कि शूटिंग अगले साल खिसक गई है। वैसे भी हिंदी फिल्में हमेशा मेरी प्राथमिकता होंगी।

एशा का हाईजैक


-रघुवेंद्र सिंह
मुंबई। ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी की बेटी व चर्चित अभिनेत्री एशा द्योल आजकल अपनी नयी फिल्म हाईजैक का खूब बखान कर रही है। दरअसल, कॅरियर के गिरते ग्राफ से निराश एशा को अब इस फिल्म से थोड़ी सफलता की आस बँधी है। एशा इस फिल्म में पहली बार एयर होस्टेस की भूमिका में नजर आएंगी। इस फिल्म एवं अपने किरदार के बारे में एशा उत्साहपूर्वक कहती हैं, यह एक्शन-थ्रिलर फिल्म है और मैंने इसमें बहुत दमदार अभिनय किया है। पहले मैं सोचती थी कि एयर होस्टेस का काम बड़ा आसान होता है। उसे यात्रियों के साथ केवल एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना होता है, लेकिन अब मेरी धारणा बदल गई है। मुझे इस फिल्म से बहुत उम्मीदें है। मैंने शाइनी और निर्देशक, कुणाल ने फिल्म में बहुत मेहनत की है।
मुझे पक्का यकीन है कि यह फिल्म ऑडियंस को पसंद आएगी।
अपनी मम्मी हेमा जैसी सफलता पाने में नाकामयाब रहीं एशा दो साल से एक हिट फिल्म के लिए तरस रही है।
2005 में आई फिल्म शादी नंबर वन से बॉक्स-ऑफिस पर शुरू हुआ उनका असफलता का सिलसिला अभी तक थमा नहीं है। कहा जा रहा है कि स्टार पुत्री एशा अपने कॅरियर को बचाने के लिए आजकल संघर्ष करने में जुटी हुई है। सोचने वाली बात यह है कि हेमा मालिनी जैसी अनुभवी मम्मी के होने के बावजूद एशा कैसे फिल्मों के चुनाव में गलती कर जाती है।
इस शुक्रवार रिलीज हो रही गणेश आचार्य की मल्टीस्टारर फिल्म मनी है तो हनी है में एषा ने एक गेस्ट अपियरेंस किया है। हालांकि एशा इसके बारे में कोई चर्चा नहीं कर रही है। बहरहाल अब एशा के कॅरियर की डूबती नैय्या को फिल्म हाईजैक पार लगाने में कामयाब होती है या नहीं, यह अगस्त में फिल्म की रिलीज के बाद ही पता चलेगा।

शिल्पा ने दिया योग ज्ञान

-रघुवेंद्र सिंह
मुंबई। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी आजकल अपनी योगा डीवीडी शिल्पाज योग को हर तरह से प्रमोट करने में जुटी हुई हैं। इसी सिलसिले में वे मंगलवार को मुंबई के एक होटल में पहुंचीं, जहां उनकी डीवीडी की मूवी रेंटल कंपनी बिगफ्लिक्स डॉट कॉम के साथ ब्रॉडबैंड अधिकार के टाइअप की घोषणा की गई। शिल्पा ने इस अवसर पर कहा कि योग हमारी ऐतिहासिक धरोहर है। इसे युवा पीढ़ी तक पहुंचाना आवश्यक है। अफसोस की बात यह है कि योग की जितनी लोकप्रियता विदेशों में है, उतनी इसके उद्गम स्थल भारत में नहीं है। योग को लोग धर्म विशेष से जोड़कर देखते हैं जबकि यह किसी विशेष धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है। योग फिटनेस से जुड़ा हुआ है।
शिल्पा ने आगे कहा कि ब्रिटेन में पिछले दिनों मुझसे वहां की मीडिया ने पूछा कि क्या योग हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ है? मैंने उन्हें समझाया कि योग को भगवान से नहीं, फिटनेस से जोड़कर देखिए। इसे हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई हर धर्म के लोग कर सकते हैं और देश-विदेश में करते भी हैं।
योग को अपनी फिटनेस का राज बताते हुए शिल्पा ने कहा कि योग का सबसे बेहतरीन उदाहरण रेखा हैं। आज योग की बदौलत ही वे इतनी खूबसूरत और जवान दिखती हैं। रेखा ने उन्हें योग की डीवीडी की लांचिंग के बाद मुबारकबाद दी थी।

Tuesday, July 22, 2008

यश चोपड़ा की फिल्म में शाहरूख-कैटरीना


-रघुवेंद्र सिंह
मुंबई। सफलता और शोहरत की बुलंदियां छू रहीं अभिनेत्री कैटरीना कैफ अब जल्द ही यशराज कैंप की एक फिल्म में शाहरूख खान के साथ अभिनय करती नजर आएंगी। कैटरीना कैफ को यह फिल्म यश चोपड़ा की तरफ से उनके जन्मदिन के तोहफे में मिली है। सूत्रों के मुताबिक, कैटरीना के जन्मदिन के दिन यश चोपड़ा ने फोन करके कैटरीना को जन्मदिन की बधाई दी एवं उन्होंने कैटरीना को उपहार में एक फिल्म दी। उन्होंने कहा कि उस फिल्म में उनके अपोजिट शाहरूख खान होंगे। यश चोपड़ा की तरफ से जन्मदिन के उपहार में शाहरूख के साथ फिल्म पाकर कैटरीना खुशी से फूली नहीं समा रही थीं। कैटरीना को जन्मदिन के अवसर पर मिले सभी उपहारों में उनके लिए यह एक खास उपहार था।
उल्लेखनीय है कि कैटरीना कैफ के पास यशराज कैंप की एक फिल्म पहले से है। इस फिल्म का निर्देशन कबीर खान कर रहे हैं और इसमें उनके अपोजिट जॉन अब्राहम और नील नितिन मुकेश हैं। फिलहाल कैटरीना कैफ को यह चिंता सता रही है कि उनकी जन्मदिन पार्टी में सलमान खान के साथ हुई लड़ाई के बाद शाहरूख उनके साथ यशराज कैंप की वह फिल्म करेंगे या नहीं।

Monday, July 21, 2008

लोगों को यह हॉट लुक पसंद आएगा: शर्लिन चोपड़ा


-रघुवेंद्र सिंह
लोगों को यह हॉट लुक पसंद आएगा: शर्लिन चोपड़ा चर्चित ऐड गुरु प्रह्लाद कक्कड़ के पिछले साल आए चर्चित म्यूजिक एलबम आउट्रेजियस में अभिनेत्री शर्लिन चोपड़ा का एक नया हॉट लुक सबके सामने आया। उस एलबम में शर्लिन मदहोश करने वाले अंदाज में इस तरह थिरकीं कि वे रातोंरात चर्चा में आ गई। वे एक बार फिर अपने नए म्यूजिक एलबम दर्द-ए-शर्लिन से सभी के दिलों में बस जाने की तमन्ना लिए हाजिर हो रही हैं।
ग्लैमर जगत की नई अदाकारा शर्लिन कहती हैं, मेरा पहला म्यूजिक एलबम सिर्फ क्लास के लोगों के लिए जरूर था, लेकिन यह नया एलबम हर वर्ग के लिए है। इसमें मैं भारतीय लुक में हूं। इसमें दर्शकों को सेंसुअॅलिटी के साथ सेक्सुअॅलिटी भी देखने को मिलेगी। शर्लिन का नया म्यूजिक एलबम टी-सीरीज कंपनी रिलीज कर रही है। दर्द-ए-शर्लिन के बारे में वे विस्तार से बताती हैं, इस म्यूजिक एलबम में कुल आठ गीत हैं।इसका पहला गाना सिर्फ मेरे ऊपर फिल्माया गया है। यह गाना फिल्म दस नंबरी से लिया गया है। इसके बोल हैं मुझे दर्द रहता है..। इस गाने को फिल्म में हेमा मालिनी पर फिल्माया गया है। इसके ओरिजिनल बोल में कुछ अंग्रेजी पंक्तियां जोड़ी गई हैं। वह हिस्सा मैंने गाया है। इस गाने में मेलोडी, रोमांस और हिप-हॉप की खुशबू है। इसके अलावा, बाकी सात गाने टी-सीरीज ने अपनी तरफ से रखे हैं, जो उनके हिट नंबर्स हैं।
शर्लिन आगे जोड़ती हैं, दरअसल, मैं यही चाहती थी कि मेरे एक ही गाने को एलबम के रूप में रिलीज किया जाए, लेकिन टी-सीरीज के प्रमुख भूषण कुमार को मेरा आइडिया पसंद ही नहीं आया और इसीलिए उन्होंने कहा कि विदेशों में इस तरह का कॉन्सेप्ट प्रचलन में जरूर है, लेकिन यहां यह काम नहीं करेगा। फिर उन्होंने इस गाने केसाथ अपने हिट गीतों को जोड़कर रिलीज करने की बात कही। हां, इस प्वॉइंट पर मार्केटिंग के हिसाब से मुझे उनकी बात उचित जरूर लगी। इस बार वीडियो का निर्देशन रेमो फर्नाडिस ने किया है। छह जुलाई से इसके प्रोमो ऑनएयर होंगे। उसके एक सप्ताह बाद इसे रिलीज करने की योजना है। मैं इस एलबम से हर उम्र के लोगों केदिल में बस जाना चाहती हूं।
उल्लेखनीय है कि शर्लिन ने अपने करियर की शुरुआत बी और सी-ग्रेड फिल्मों से की थी। उस वक्त उनका नाम था मोना सिंह। इस वक्त शर्लिन चोपड़ा के पास यशराज कैंप की शाहिद कपूर और रानी मुखर्जी स्टारर बड़ी फिल्म और जगमोहन मूंदड़ा की एक फिल्म है। इसके अलावा, शर्लिन अपने होम प्रोडक्शन की फिल्म आगे से यू टर्न में अभिनय कर रही हैं। अब तक के सफर के बारे में शर्लिन कहती हैं, मैंने आरंभ में कुछ गलतियां जरूर कीं, लेकिन गलतियां तो सभी करते हैं! उसका मतलब यह नहीं होता कि आप रुक जाएं! मैं उनसे सीख लेकर काबिलियत के दम पर आगे बढ़ रही हूं। मैं बहुत खुश हूं। दरअसल, मैं दुनिया को यह बताना चाहती हूं कि यदि कोई बच्चा अपनी क्लास में बी या सी-ग्रेड में पास होता है, तो उसका मतलब यह नहीं होता कि वह पढ़ने में अच्छा नहीं है। मेरे इस कथन को मेरी आने वाली फिल्में सच साबित करेंगी। इस साल के अंत तक दुनिया को शर्लिन के रूप में एक चमकते सितारे का दीदार जरूर होगा।
इस एलबम के बाद शर्लिन यशराज कैंप की फिल्म के लिए एक माह की ट्रेनिंग लेंगी। उसके बाद वे अगस्त में उस फिल्म की शूटिंग आरंभ करेंगी। शर्लिन कहती हैं, लोगों का कहना है कि यशराज की फिल्म में मेरा केमियो रोल है, जबकि यह बात गलत है। रानी मुखर्जी और शाहिद कपूर के साथ मेरा फिल्म में महत्वपूर्ण रोल है। शर्लिन यह कहते हुए अपनी बात समाप्त करती हैं, अब मैं सिर्फ प्रतिष्ठित बैनर और लोगों के साथ ही काम करूंगी।

नाम वाले ही बदनाम होते है: गोविंदा


रघुवेंद्र सिंह
गोविंदा इस वक्त अपने कॅरियर की दूसरी पारी की सफलता को एंज्वॉय कर रहे हैं। वे इंडस्ट्री के चुनिंदा व्यस्ततम कलाकारों में से एक हैं। आगामी एक साल के भीतर उनकी छह बड़ी फिल्में प्रदर्शित होंगी। गोविंदा इन दिनों गणेश आचार्य निर्देशित मल्टीस्टारर कॉमेडी फिल्म मनी है तो हनी है को लेकर उत्साहित हैं। प्रस्तुत है गोविंदा से बातचीत-
[गणेश आचार्य की पहली फिल्म स्वामी का हिस्सा बनने से आपने मना कर दिया था। फिर उनकी इस फिल्म मनी है तो हनी है से जुड़ने की क्या वजह है?]
गणेश आचार्य की फिल्म स्वामी गंभीर किस्म की थी और मैं अब गंभीर फिल्में नहीं करना चाहता। यही वजह है कि मैंने उनकी उस फिल्म को करने में अपनी असमर्थता प्रकट की थी। यह फिल्म मेरी टाइप की है। इस फिल्म की स्क्रिप्ट मुझे अच्छी लगी। किरदार मुझे पसंद आया, इसलिए मैंने गणेश की इस फिल्म का हिस्सा बनने का निर्णय लिया।
[इसका तात्पर्य है कि अब दर्शक आपको गंभीर स्वभाव की फिल्मों में अभिनय करते नहीं देखेंगे?]
फिलहाल तो नहीं। इन दिनों मैंने जितनी फिल्में साइन की हैं वे सभी विशुद्ध रूप से कॉमेडी फिल्में नहीं हैं। प्रत्येक फिल्म में मेरा किरदार और कहानी एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है। भविष्य के बारे में मैं अभी कुछ नहीं कह सकता।
[फिल्म का शीर्षक मनी है तो हनी है दुनिया की एक कड़वी सच्चाई की तरफ इशारा कर रहा है। आपकी क्या राय है?]
आज की दुनिया की यह शत-प्रतिशत कड़वी सच्चाई है कि जिसके पास मनी यानी पैसा है, वह जिंदगी के हर सुख का भोग कर रहा है। हम सब लोग उसी मनी के पीछे दिन-रात भागते रहते हैं। गणेश आचार्य ने अपनी इस फिल्म में इस बात को बड़े कॉमिक अंदाज में दर्शाया है। कहानी कुछ युवा दोस्तों की है जो ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं क्योंकि सब जानते हैं कि मनी है तो हनी है। मैं इसमें बॉबी अरोरा का किरदार निभा रहा हूं। वह मानता है कि मनी है तभी लड़कियां उसके पास होंगी।
[सत्रह वर्षीय अभिनेत्री हंसिका मोटवानी को जब आपकी लीडिंग लेडी के तौर पर इन्ट्रोड्यूज किया गया। आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी?]
मैं चौंक गया था। मैंने गणेश से कहा कि आप कास्टिंग के बारे में एक बार गंभीरता से सोच लें। उन्होंने मुझसे कहा कि दिक्कत क्या है? वह आपके साथ बिल्कुल फिट लगेगी। उन्होंने उस वक्त मुझसे एक बड़ी अच्छी बात कही कि यार, आप किसी का काम क्यों छीन रहे हो? वह लड़की जब आपके साथ काम करने के लिए तैयार है तो आप क्यों ना कह रहे हो। उसके बाद जब मैंने पहले दिन का शूट देखा तब मुझे हंसिका की अभिनय क्षमता का पता चला। मुझे यकीन है कि फिल्म देखने के बाद हमारी जोड़ी को कोई बेमेल नहीं कहेगा।
[कोरियोग्राफर गणेश आचार्य की निर्देशन क्षमता के बारे में आप क्या कहेंगे?]
गणेश अभी सीखने के प्रोसेस से गुजर रहे हैं। उनमें एनर्जी बहुत है। यह एक वजह है कि उनकी इस फिल्म में ताजगी फील होती है। मेरे सुझावों को वे बड़े गौर से सुनते थे। आशा है कि उनकी इस फिल्म को दर्शक पसंद करेंगे। मुझे उनके साथ काम करके बहुत मजा आया। मैं एक बात विशेष तौर पर कहना चाहूंगा कि सीखने की कोई सीमा नहीं होती। मैंने देखा कि रवि चोपड़ा जैसे सीनियर निर्देशक आज भी कुछ न कुछ सीखते रहते हैं।
[आपको इंडस्ट्री में आए हुए तेईस साल हो गए। आज पीछे पलटकर देखते हैं तो क्या महसूस करते हैं?]
ऐसा लगता है कि जैसे मैं अभी-अभी इंडस्ट्री में आया हूं। मैं खुद को एक न्यू कमर समझता हूं। मेरे पिछले तेईस साल अभिनय और जीवन की बारीकियां सीखने में गुजर गए। सच बताऊं, मैंने इधर एक साल में जो कुछ सीखा है वह पिछले तेईस साल में नहीं सीख सका। लगता है कि अब मां सरस्वती मुझमें प्रस्फुटित हुई हैं। मुझ से बीते कल में काफी गलतियां हुई। उनसे सीख लेकर अब तक मैंने जो कुछ नहीं किया है, वह सब करने की कोशिश कर रहा हूं।
[आप राजनीतिक फ्रंट पर असफल कहे जाते हैं। क्या आप इस बात को स्वीकार करते हैं?]
मैंने लोकसभा में बैठकर एक टिपीकल एमपी की तरह बहस नहीं की, इसका मतलब यह नहीं है कि मैंने अपनी राजनैतिक जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया। आप जाकर मेरे क्षेत्र में पता कर लें। पिछले पच्चीस सालों से जिन समस्याओं का वहां निवारण नहीं हो रहा था। उन सभी समस्याओं को मैंने अपने कार्यकाल में खत्म कर दिया। हां, इधर मेरी सक्रियता कम हो गई है। मैंने बीच में सोनिया गांधी से मुलाकात की और उनसे कहा कि अब मैं धीमी रफ्तार से आगे बढ़ना चाहता हूं। मैं जानता हूं कि नाम वाले ही बदनाम होते हैं।
[इधर आपकी सक्रियता फिल्मों में ज्यादा बढ़ गई है?]
इस समय मैं इंडस्ट्री का एकमात्र ऐसा कलाकार हूं जिसकी काफी समय बाद एक साल के अंदर छह फिल्में रिलीज होंगी। मनी है तो हनी है के बाद मेरी रवि चोपड़ा की फिल्म बंदा ये बिंदास है आएगी। इसके अलावा मैं इस समय मैं और मिसेज खन्ना, लूट, चाय गरम, चल चला चल, डू नॉट डिस्टर्ब आदि कई फिल्में कर रहा हूं। एक बंगाली फिल्म के लिए भी बात चल रही है। मेरी पहली फिल्म सन् 86 में आई थी तो मेरा दर्शकों से वादा है कि 86 साल की उम्र तक मैं फिल्मों में सक्रिय रहूंगा।
[यदि मौका मिले तो क्या आप फिर छोटे पर्दे पर वापसी करेंगे?]
मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि मनी है तो हनी है। उम्मीद है कि आप मेरी बात समझ गए होंगे।

Saturday, July 19, 2008

भगवान आज बारिश कर दो: आएशा टाकिया [बचपन ]


-रघुवेन्द्र सिंह
मैं बचपन में सीधी-सादी, शालीन और ईमानदार लड़की थी। किसी को तंग नहीं करती थी। अपने काम से मतलब रखती थी। पड़ोसी, रिश्तेदार या फैमिली फ्रेंड जब हमारे घर आते तो मम्मी-पापा के सामने मेरी प्रशंसा करते और फिर अपने बच्चों से कहते, ''देखो, आएशा कितनी प्यारी और संस्कारी लड़की है। तुम भी इसके जैसे बनो।'' मुझे अच्छी तरह याद है, मेरी अच्छाइयों की वजह से सब मुझसे बहुत प्यार करते थे। मैं सबकी लाड़ली थी।

मैं पढ़ने में अच्छी थी। मेरी टीचर क्लास में सब बच्चों से कहतीं थीं, ''आएशा इज द बेस्ट गर्ल इन क्लास।'' मेरे पैरेंट्स को स्कूल से कभी मेरी शिकायत सुनने को नहीं मिली। इन बातों के लिए वे मुझ पर गर्व करते थे। मैं स्कूल से छूटने के बाद जब घर पहुंचती तो बैग रखकर सीधे दोस्तों के साथ खेलने निकल जाती थी। मैं और मेरे दोस्त उस वक्त अक्सर भगवान से मनाते कि भगवान आज बारिश कर दो। हमारी छुंट्टी हो जाएगी और फिर हम खूब सारी मस्ती करेंगे।

मैंने बचपन में कभी मम्मी को किसी चीज के लिए परेशान नहीं किया। उस वक्त मुझे किसी बात पर गुस्सा भी नहीं आता था, लेकिन आज छोटी सी बात पर बड़ी जल्दी गुस्सा आ जाता है। मम्मी कहती भी हैं कि तुम बचपन में ज्यादा अच्छी थी। मैं बचपन में उनके ज्यादा करीब थी। मैं कभी उनसे दूर नहीं होती थी। वे मुझे छोड़कर जाना भी चाहतीं तो मैं उन्हें छोड़ती नहीं थी। उनसे दूर होकर मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता। आज भी जब मैं शूटिंग कर रही होती हूं तो मम्मी मेरे साथ होती हैं। वे मेरी अच्छी दोस्त हैं।

बचपन में मैं महत्वाकांक्षी नहीं थी। किसी तरह के सपने नहीं देखती थी। मैंने उस वक्त सोचा भी नहीं था कि बड़ी होकर मुझे एक्ट्रेस बनना है। बस, मैं हर दिन को एंज्वॉय करती थी। आज भी मैं अपने बचपन को मिस नहीं करती हूं क्योंकि मेरी मम्मी कहती हैं कि तुम आज भी बच्ची हो!

मैं नहीं चाहता कि लोग किस्मत पर यकीन करें: अजीज मिर्जा


-रघुवेंद्र सिंह
फिल्मकार अजीज मिर्जा ने पांच वर्ष के लंबे अंतराल के बाद फिल्म किस्मत कनेक्शन का निर्देशन किया है। हैरानी की बात तो यह है कि इस फिल्म में उनके पसंदीदा अभिनेता शाहरुख खान नहीं हैं। अब तक उन्होंने अपनी सभी फिल्मों राजू बन गया जेंटिलमैन, यस बॉस, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी और चलते-चलते में शाहरुख को लीड रोल में लिया था, लेकिन इस बार शाहरुख की जगह शाहिद कपूर ने ले ली है। प्रस्तुत हैं, अजीज मिर्जा से किस्मत कनेक्शन को लेकर हुई बातचीत के अंश..।
आपने फिल्म चलते चलते के बाद पांच साल तक निर्देशन से दूरी बनाए रखी। क्यों?
कोई खास वजह नहीं है। दरअसल, मैं शुरू से ही बहुत इत्मीनान से काम करता रहा हूं। मेरी पिछली फिल्मों में भी ऐसे ही चार-पांच साल का गैप रहा है। मैं इस बात में बहुत यकीन रखता हूं कि जब जो होना होता है, वह तभी होता है। इस फिल्म केमामले में भी यही बात लागू हुई, क्योंकि मैं किसी और सब्जेक्ट पर काम कर था। एक दिन बेटी राहिला मेरे पास इस फिल्म का कॉसेप्ट लेकर आई और फिर इसके बनने का सिलसिला शुरू हो गया।
किस्मत कनेक्शन किस तरह की फिल्म है और इसकी कहानी क्या है?
मेरी पिछली फिल्मों की तरह यह भी साफ-सुथरी एक रोमांटिक फिल्म है। इसकी कहानी के केंद्र में एक युवक है राज मल्होत्रा, जो आर्किटेक्ट की डिग्री लिए नौकरी तलाश रहा है। हमेशा किसी-न-किसी वजह से मिलने वाला सुनहरा मौका उससे छिन जाता है। प्रिया से मुलाकात के बाद कैसे उसकी जिंदगी बदलती है, यही इसकी कहानी है।
क्या फिल्म लोगों को किस्मत में विश्वास करने का संदेश देती है?
नहीं, मेरी फिल्म किसी तरह का संदेश नहीं देती है। दरअसल, यह दर्शकों पर निर्भर है कि वे फिल्म से क्या लेकर जाते हैं! मैं नहीं चाहता कि लोग किस्मत पर यकीन करें, खासकर युवा। एक कहावत है, हरकत में ही बरकत होती है। आज के बच्चों को मेहनत करने की जरूरत है। बूढ़े लोग किस्मत पर यकीन कर सकते हैं।
शाहरुख के बजाय शाहिद कपूर को लेकर फिल्म बनाने की वजह क्या है?
बस, फिल्म की कहानी। दरअसल, मैंने यह फिल्म शाहिद को ही दिमाग में रखकर लिखी थी। मैं फिल्म इश्क विश्क में शाहिद के काम से बहुत प्रभावित हुआ था। तभी से उसके साथ काम करने के लिए उत्सुक था।
आपके मुताबिक शाहरुख और शाहिद में कितनी समानता है? क्या दोनों की तुलना करना उचित है?
दोनों बहुत परिश्रमी हैं। इनमें खास बात यह है किहर कलाकार की एक सीमा होती है। किसी विशेष शॉट के बाद आप उस अमुक कलाकार से और कुछ उम्मीद नहीं कर पाते, जबकि इन दोनों से आप बेहतरीन शॉट के बाद भी एक और बेहतरीन शॉट की अपेक्षा कर सकते हैं। दोनों को अच्छा कलाकार मानता हूं।
शाहिद और विद्या बालन की जोड़ी को लोग बेमेल कह रहे हैं?
इस फिल्म की रिलीज के बाद लोगों की यह धारणा बदल जाएगी। शाहरुख और जूही की जोड़ी को लेकर लोगों ने शुरू में ऐसा ही कहा था। बाद में उनकी जोड़ी हिट हो गई। मेरे हिसाब से शाहिद-विद्या की जोड़ी एकदम फिट है।
भविष्य की क्या योजनाएं हैं?
मेरी फिलहाल कोई योजना नहीं है। हो सकता है कि मैं अपने लिए जल्द ही कोई फिल्म बनाऊं, या फिर संभव है कि शाहरुख के प्रोडक्शन हाउस रेड चिलीज के लिए कोई फिल्म निर्देशित करूं! अभी कुछ नहीं कह सकता।

गोविंदा ने सम्मान दिया: हंसिका मोटवानी

-रघुवेंद्र सिंह
गायक-संगीतकार हिमेश रेशमिया के अॅपोजिट फिल्म आपका सुरूर में रिया का लीड रोल निभाकर हंसिका मोटवानी ने लोगों को हैरत में डाल दिया था। उस वक्त किसी को यह विश्वास ही नहीं हुआ था कि यह वही हंसिका हैं, जो कई धारावाहिक और फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में नजर आ चुकी हैं। दरअसल, अब हंसिका अपनी दूसरी फिल्म मनी है तो हनी है में एक बार फिर अपने से लगभग तीन गुने उम्र के अभिनेता गोविंदा के साथ सबको चौंकाने आ रही हैं। गणेश आचार्य के निर्देशन में बनी इस फिल्म में वे गोविंदा की नायिका हैं। लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि गोविंदा और हंसिका की जोड़ी बड़े पर्दे पर कितनी फिट दिखेगी! गोविंदा, फिल्म, करियर और व्यक्तित्व को लेकर हंसिका से पिछले दिनों बातचीत हुई। प्रस्तुत हैं उसके अंश..
गोविंदा के अॅपोजिट जब फिल्म मनी है तो हनी है ऑफर हुई, तो आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या हुई थी?
मैं बहुत खुश इसलिए हुई, क्योंकि गोविंदा जैसे सीनियर कलाकार के साथ काम करने का अवसर मिलना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। मैं लकी हूं कि अपनी दूसरी फिल्म में मुझे उनकी नायिका बनने का मौका मिला है।
गोविंदा से आप उम्र में बहुत छोटी हैं। वे सेट पर आपके साथ बच्चे की तरह बर्ताव करते थे या फिर साथी कलाकार की तरह बराबरी का दर्जा देते थे?
उन्होंने मुझे को-आर्टिस्ट जैसा दर्जा दिया, यानी पूरा सम्मान दिया। कभी मेरे साथ ऐसे पेश नहीं आए कि मुझे इस बात का अहसास हो कि मैं उनसे उम्र में काफी छोटी हूं। अच्छा शॉट देने पर वे तारीफ कर मेरा उत्साह बढ़ाते थे और गलती होने पर समझाते भी थे। उनके साथ काम करके मुझे ऐसा लगा, मानो मैंने पांच साल किसी ऐक्टिंग स्कूल में ट्रेनिंग ली हो।
फिल्म मनी है तो हनी है की कहानी और उसमें आपका किरदार क्या है?
यह एक कॉमेडी फिल्म है। इसकी कहानी छह लोगों के इर्द-गिर्द घूमती है। सभी की अपनी-अपनी और अलग कहानी है। उन सबको एक एसएमएस जोड़ता है। अचानक उन्हें खूब ढेर सारा रुपया मिल जाता है। उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी उतना पैसा नहीं देखा होता है। उन पैसों को लेकर वे किस तरह उलझ जाते हैं। यही फिल्म की कहानी है। यह फिल्म बताएगी कि एकता में कितनी शक्ति है! मैं इसमें टेलीविजन ऐक्ट्रेस आशिमा कपूर का किरदार निभा रही हूं। वह टीवी की बड़ी ऐक्ट्रेस है और फिल्मों में काम करने की इच्छुक है।
फिल्म में कई बड़े सितारे हैं। आपको उनके बीच खोने का डर नहीं लगा?
बिल्कुल नहीं, क्योंकि फिल्म में हर कलाकार का अपना अलग किरदार है और उसका अलग व्यक्तित्व है। मैंने स्क्रिप्ट में अपने किरदार के बारे में अच्छी तरह जानकारी ले ली थी। मुझे पता था कि मेरा रोल कितना बड़ा और फिल्म में कितना महत्वपूर्ण है। इसलिए मेरे मन में असुरक्षा की कोई भावना नहीं है।
गणेश आचार्य के निर्देशन में काम करने का अनुभव कैसा रहा?
वे बेहतरीन कोरियोग्राफर होने के साथ ही बहुत अच्छे निर्देशक भी हैं। उनकी पहली फिल्म स्वामी से यह फिल्म बिल्कुल अलग है। इस फिल्म को देखकर दर्शक दंग रह जाएंगे। मुझे उनके निर्देशन में काम करके बहुत मजा आया।
आप अभी पढ़ाई कर रही हैं। दिन-रात शूटिंग के बाद पढ़ाई के लिए कितना वक्त निकाल पाती हैं?
मैंने हाल ही में ग्यारहवीं की परीक्षा दी है और रिजल्ट का इंतजार कर रही हूं। जब मेरे एग्जाम हो रहे होते हैं, तब ज्यादा पढ़ाई करती हूं। वैसे, मैं प्रतिदिन शूटिंग के बाद एक घंटा बैठकर जरूर पढ़ती हूं। यह मेरी दिनचर्या का हिस्सा है। जब घर पर होती हूं, तो किताबों से और बाहर होती हूं, तो नेट पर पढ़ाई करती हूं।
यदि आप ऐक्ट्रेस न होतीं, तो क्या होतीं?
मैंने ऐक्टिंग के अलावा, आज तक किसी अन्य प्रोफेशन के बारे में कभी नहीं सोचा है। ऐसे में मेरे लिए यह बता पाना मुश्किल होगा कि मैं ऐक्ट्रेस न होती तो क्या होती!
आपका ड्रीम रोल कौन-सा है?
कोई नहीं। मैं खुद एक दिन कोई ऐसा रोल निभाऊंगी, जो औरों का ड्रीम रोल बन जाएगा।
आपकी आने वाली अन्य फिल्में कौन-कौन-सी हैं?
इस समय मैं एम.एस. राजू की एक तेलुगू फिल्म की शूटिंग कर रही हूं। यह अभी अनाम है। इसके अलावा, अभी मेरी अन्य फिल्मों के बारे में कुछ तय नहीं है, इसलिए उनके बारे में मैं कोई बात नहीं कर सकती।

Wednesday, July 16, 2008

बिना मेहनत के कुछ हासिल नहीं होता: विद्या बाल्न


-रघुवेंद्र सिंह
विद्या बाल्न इन दिनों अपनी नई फिल्म किस्मत कनेक्शन और शाहिद कपूर की वजह से काफी चर्चा में हैं। दरअसल विद्या ने अजीज मिर्जा की फिल्म किस्मत कनेक्शन की शूटिंग जब से आरंभ की है, तब से उनका नाम शाहिद के साथ जोड़ा जा रहा है। प्रस्तुत है विद्या बाल्न से फिल्म, शाहिद कपूर और भावी योजनाओं पर खास बातचीत
आप और शाहिद क्या वाकई एक-दूसरे से प्रेम करते हैं?
नहीं। यदि हम एक-दूसरे से प्यार करते तो उसे छुपाते नहीं। हम दोनों शादी-शुदा नहीं हैं जो हमें किसी से छुपाने की जरूरत है। मुझे जिस दिन मेरा सच्चा प्यार मिल जाएगा, सारी दुनिया को उसके बारे में बताऊंगी। अब लोगों को शाहिद और मुझे लेकर इस तरह की बातें कहनी बंद कर देनी चाहिए।
शाहिद कपूर और आपकी जोड़ी को बेमेल कहा जा रहा है। आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
मुझे यह बात समझ में नहीं आ रही है कि रीयल लाइफ में हम दोनों की जोड़ी को लोग बनाने के प्रयास में जुटे हैं और स्क्रीन की बात आते ही कहते हैं कि हम दोनों की जोड़ी फिट नहीं है। मगर मुझे इस बात की कोई शिकायत नहीं है। फिल्म देखने के बाद हमारे बारे में लोगों की धारणा बदल जाएगी। हमारी ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री लोग जरूर पसंद करेंगे।
कहा जा रहा है कि आपने अजीज मिर्जा से स्वयं इस फिल्म के लिए संपर्क किया था?
पहले अजीज जी के ऑफिस से मेरे मैनेजर संजय को फोन आया कि अजीज मिर्जा आपसे मिलना चाहते हैं। मैं उस वक्त विदेश में शूटिंग कर रही थी। मुंबई लौटने के तुरंत बाद मैं अजीज जी से मिली। उन्होंने कहा कि स्क्रिप्ट तैयार नहीं है। वे मुझे बाद में बताएंगे। उस वक्त मैंने उनसे कहा कि मैं आपके साथ काम करना चाहती हूं। अगर मुझे फिल्म का रोल सूट नहीं करेगा तो मैं उन्हें फिल्म में असिस्ट करूंगी। दरअसल मैं अजीज जी की फिल्मों की दीवानी हूं।
फिल्म की कहानी एवं अपने किरदार के विषय में बताएं?
यह प्रिया और राज की कहानी है जिनके बीच बिल्कुल नहीं बनती है। हमारे यहां कहा गया है कि जब दो लोगों की जोड़ी बननी होती है तो लाख कोशिश कर लें उन्हें जुदा नहीं कर सकते और जोड़ी नहीं बननी होती है तो कितनी भी कोशिश कर लें, नहीं बनती है। यही कहानी का सार है। मैं इसमें प्रिया का किरदार निभा रही हूं। प्रिया चुलबुली और खुशमिजाज स्वभाव की लड़की है। उसे जिंदगी से बहुत प्यार है। वह हमेशा खुश रहती है और दूसरों को खुश देखना चाहती है।
क्या आप किस्मत कनेक्शन जैसी बात में यकीन करती हैं?
इस दुनिया में बहुत कम लोग हैं जो किस्मत कनेक्शन की बात में यकीन नहीं करते हैं। मैं किस्मत कनेक्शन में यकीन करती हूं, लेकिन उससे ज्यादा अपनी मेहनत पर विश्वास करती हूं।
अजीज मिर्जा के निर्देशन में काम करने का अनुभव कैसा रहा?
वह सेट पर हमें अपने बच्चों की तरह ट्रीट करते थे। किसी से भेदभाव नहीं करते थे। मैं लकी हूं कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला।
अपने अब तक के कॅरियर से कितनी संतुष्ट हैं?
मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे हम पांच धारावाहिक के बाद इंडस्ट्री में और काम मिलेगा। बिना किसी सपोर्ट के आज मैं सिर्फ दर्शकों के प्यार की वजह से यहां हूं। मैं प्रदीप दादा, विधु विनोद चोपड़ा और उन सभी लोगों की शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मुझ में विश्वास किया और अपने साथ मुझे काम करने का मौका दिया। मैं अपने अब तक के सफर से खुश हूं, लेकिन पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं क्योंकि अभी मुझे और आगे जाना है।
इसके बाद आप और किन फिल्मों में दर्शकों के बीच होंगी?
मैं विशाल भारद्वाज की फिल्म इश्किया और संजय लीला भंसाली की फिल्म चिनाब गांधी कर रही हूं। इनके अलावा मैंने काफी समय पहले मिलन लूथरिया की फिल्म बीहड़ साइन की थी। इस साल के अंत तक उसके फ्लोर पर जाने की उम्मीद है। मैं बता दूं कि इन सभी फिल्मों में दर्शक हर बार विद्या बालान को नए अंदाज में देखेंगे।

हरदम खिलखिलाती है ऐश्वर्या


-रघुवेंद्र सिंह
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन के व्यक्तित्व का एक अहम् पहलू उनका हमेशा हँसते-मुस्कुराते रहना है। शायद यही एक वजह है कि उनके इर्द-गिर्द रहने वाले लोग हमेशा पॉजिटिव फील करते हैं। ऐश्वर्या की खासियत यह भी है कि वे कभी अपनी परेशानियों को अपने चेहरे पर नजर नहीं आने देती है। इस बात का ताजा उदाहरण पिछले सप्ताह मुंबई में आयोजित बच्चन परिवार के अनफॉरगेटेबल व‌र्ल्ड टूर की प्रेस कांफ्रेस में देखने को मिला। जहां ऐश्वर्या अस्वस्थ होने के बावजूद हर वक्त अपने चिर-परिचित अंदाज में हँसती खिलखिलाती नजर आई। दरअसल ऐश्वर्या अनफॉरगेटेबल व‌र्ल्ड टूर के लिए रिहर्सल करते-करते बीमार पड़ गई थीं, लेकिन ऐश्वर्या के चेहरे की चमक और उनके हँसते हुए बात करने के अंदाज से महसूस ही नहीं हो रहा था कि वे अभी-अभी बिस्तर से उठकर आई हैं। हालांकि ऐश्वर्या की इस खासियत को कुछ लोग बनावटी भी कहते हैं।
अपने व्यक्तित्व की इस खासियत के बारे में ऐश्वर्या ने कहा कि मेरे व्यक्तित्व को लेकर लोगों की अलग-अलग राय हो सकती है। फिलहाल मैं इस व‌र्ल्ड टूर को लेकर बहुत उत्साहित हूं। शादी के बाद यह मेरा पहला व‌र्ल्ड टूर है। फिर मेरे साथ पापा और अभिषेक हैं, इसलिए मैं इसके लिए जी-जान से मेहनत कर रही हूं। मुझे पापा और अभिषेक का पूरा सहयोग मिल रहा है। पिछले दिनों मेरी तबियत ज्यादा खराब हो गई थी, तब अभिषेक मेरे डांस स्टेप्स सीख कर आते थे। फिर घर पर मुझे सिखाते थे। चूंकि मेरा पूरा परिवार इस व‌र्ल्ड टूर से जुड़ा हुआ है, इसलिए यह मेरे लिए बेहद खास बन जाता है। ऐश्वर्या की मुस्कुराने की अदा पर सारी दुनिया फिदा थी ही, अभिषेक भी उनके दीवाने हो गए। तभी तो अभिषेक कहते हैं कि यदि ऐश्वर्या टूर के दौरान अस्वस्थ महसूस करेंगी, तो वे उनके हिस्से का डांस भी कर लेंगे। वे उनकी प्यारी जीवन संगिनी जो हैं।

सलमान मेरे अच्छे मित्र भर हैं: कैटरीना कैफ


-रघुवेंद्र सिंह
निर्माता-निर्देशकों की लकी हीरोइन कैटरीना कैफआज हर वर्ग की चहेती अभिनेत्री बन चुकी हैं। उनकी खूबसूरती, आकर्षक व्यक्तित्व, अदाकारी और स्टाइल का सुरूर सबके सिर चढ़ कर बोल रहा है। इस वक्त कैटरीना इंडस्ट्री की सफल और महंगी अभिनेत्रियों में से एक हैं, लेकिन उन्हें इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। वे विनम्रता से चुपचाप आगे बढ़ती जा रही हैं। दरअसल, उन्हें किसी बात का जरा-सा भी गुरूर नहीं है। कैटरीना कहती हैं, किस बात का गुरूर? आज मैं जो कुछ भी हूं, सिर्फ दर्शकों के प्यार की वजह से हूं। मुझे किसी बात का घमंड नहीं है। मैं आभारी हूं कि लोगों ने अपना प्यार देकर मुझे इस मुकाम पर पहुंचाया है। मैं चाहूंगी कि आप सबका साथ हमेशा बना रहे।
कैटरीना कैफ के बारे में बहुत कम लोग यह जानते हैं कि उनके करीबी उन्हें केके कहकर बुलाते हैं। उनके करीबी लोगों की मानें, तो यह नाम उन्हें सलमान खान ने दिया है। कैटरीना ने फिल्म बूम से जब हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था, तब उनके अभिनय और संवाद अदायगी की जमकर आलोचना हुई थी। दर्शकों और फिल्म आलोचकों ने कैटरीना को अस्वीकार कर दिया था, लेकिन उन्होंने उन आलोचनाओं को स्वीकार किया और गलती सुधारने की ठानी। उनके अनुसार, मेरा इस इंडस्ट्री में कोई गॉडफादर नहीं था। इसी वजह से मुझसे शुरू में कुछ गलतियां भी हुई और मैंने उन्हें स्वीकार भी किया। मैं इस बात में यकीन करती हूं कि मेहनत से सब कुछ हासिल किया जा सकता है। मैंने वही किया। अब मैं पीछे मुड़कर नहीं देखती। अपने आने वाले कल पर ज्यादा ध्यान देती हूं, ताकि मुझसे फिर कोई गलती न हो जाए!
कहा जाता है कि आज इंडस्ट्री में कैटरीना सिर्फ सलमान खान की वजह से टिकी हुई हैं। इस बारे में वे तर्क देती हैं, यह कहना सरासर गलत है किमैं किसी एक शख्स की वजह से आज यहां टिकी हूं। सलमान मेरे अच्छे मित्र हैं, बस। मेरे यहां तक के सफर में कई लोगों का साथ रहा है। मेरे और सलमान को लेकर तो पता नहीं लोग क्या-क्या कहते हैं! कितनी बार लोग हमारी शादी तक तय करा चुके हैं! मैं ऐसे सवालों का न जाने कितनी बार जवाब दे चुकी हूं। मैं सलमान को एक अच्छा इनसान और अच्छा को-आर्टिस्ट मानती हूं।
कैटरीना चौदह वर्ष की छोटी उम्र से मॉडलिंग जगत में सक्रिय हैं। हाल ही में उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ने विश्व की सबसे सेक्सी महिला घोषित किया। कैटरीना सारी उपलब्धियों का श्रेय हमेशा अपने प्रशंसकों को ही देती हैं। वे रिअॅल लाइफ में बहुत ही साफ दिल और नेक इनसान हैं। पिछले पांच सालों से उनका मेकअप कर रहे मेकअपमैन सुभाष बताते हैं, कैटरीना में बहुत अपनापन है। वे अपने स्टाफ का बहुत खयाल रखती हैं। मुझे आज भी याद है वह दिन। फिल्म नमस्ते लंदन के सेट पर हम लोग उनका जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे थे। वहां फिल्म की पूरी यूनिट मौजूद थी, लेकिन उन्होंने केक काटने के बाद सबसे पहले मुझे खिलाया। इस एक छोटी-सी बात से अंदाजा लग जाता है कि वे किस स्वभाव की हैं! उल्लेखनीय है कि कैटरीना की अब तक की ज्यादातर सफल फिल्में अक्षय कुमार के साथ ही हुई हैं। इस वक्त वे ऊटी में राजकुमार संतोषी की फिल्म अजब प्रेम की गजब कहानी की शूटिंग में व्यस्त हैं।
आने वाले दिनों में कैटरीना की कई बड़ी फिल्में रिलीज होंगी। उन फिल्मों के बारे में वे कहती हैं, सबसे पहले मेरी फिल्म सिंह इज किंग रिलीज होगी। उसके बाद युवराज, हेलो और अजब प्रेम की गजब कहानी आएंगी। इन फिल्मों के अलावा, मैंने यशराज बैनर की एक फिल्म साइन की है। मुझे उम्मीद है कि मेरी इन फिल्मों को भी दर्शकों का प्यार मिलेगा।

मैं नहीं चाहता कि लोग किस्मत पर यकीन करें: अजीज मिर्जा


-रघुवेंद्र सिंह
फिल्मकार अजीज मिर्जा ने पांच वर्ष के लंबे अंतराल के बाद फिल्म किस्मत कनेक्शन का निर्देशन किया है। हैरानी की बात तो यह है कि इस फिल्म में उनके पसंदीदा अभिनेता शाहरुख खान नहीं हैं। अब तक उन्होंने अपनी सभी फिल्मों राजू बन गया जेंटिलमैन, यस बॉस, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी और चलते-चलते में शाहरुख को लीड रोल में लिया था, लेकिन इस बार शाहरुख की जगह शाहिद कपूर ने ले ली है। प्रस्तुत हैं, अजीज मिर्जा से किस्मत कनेक्शन को लेकर हुई बातचीत के अंश..।
आपने फिल्म चलते चलते के बाद पांच साल तक निर्देशन से दूरी बनाए रखी। क्यों?
कोई खास वजह नहीं है। दरअसल, मैं शुरू से ही बहुत इत्मीनान से काम करता रहा हूं। मेरी पिछली फिल्मों में भी ऐसे ही चार-पांच साल का गैप रहा है। मैं इस बात में बहुत यकीन रखता हूं कि जब जो होना होता है, वह तभी होता है। इस फिल्म केमामले में भी यही बात लागू हुई, क्योंकि मैं किसी और सब्जेक्ट पर काम कर था। एक दिन बेटी राहिला मेरे पास इस फिल्म का कॉसेप्ट लेकर आई और फिर इसके बनने का सिलसिला शुरू हो गया।
किस्मत कनेक्शन किस तरह की फिल्म है और इसकी कहानी क्या है?
मेरी पिछली फिल्मों की तरह यह भी साफ-सुथरी एक रोमांटिक फिल्म है। इसकी कहानी के केंद्र में एक युवक है राज मल्होत्रा, जो आर्किटेक्ट की डिग्री लिए नौकरी तलाश रहा है। हमेशा किसी-न-किसी वजह से मिलने वाला सुनहरा मौका उससे छिन जाता है। प्रिया से मुलाकात के बाद कैसे उसकी जिंदगी बदलती है, यही इसकी कहानी है।
क्या फिल्म लोगों को किस्मत में विश्वास करने का संदेश देती है?
नहीं, मेरी फिल्म किसी तरह का संदेश नहीं देती है। दरअसल, यह दर्शकों पर निर्भर है कि वे फिल्म से क्या लेकर जाते हैं! मैं नहीं चाहता कि लोग किस्मत पर यकीन करें, खासकर युवा। एक कहावत है, हरकत में ही बरकत होती है। आज के बच्चों को मेहनत करने की जरूरत है। बूढ़े लोग किस्मत पर यकीन कर सकते हैं।
शाहरुख के बजाय शाहिद कपूर को लेकर फिल्म बनाने की वजह क्या है?
बस, फिल्म की कहानी। दरअसल, मैंने यह फिल्म शाहिद को ही दिमाग में रखकर लिखी थी। मैं फिल्म इश्क विश्क में शाहिद के काम से बहुत प्रभावित हुआ था। तभी से उसके साथ काम करने के लिए उत्सुक था।
आपके मुताबिक शाहरुख और शाहिद में कितनी समानता है? क्या दोनों की तुलना करना उचित है?
दोनों बहुत परिश्रमी हैं। इनमें खास बात यह है किहर कलाकार की एक सीमा होती है। किसी विशेष शॉट के बाद आप उस अमुक कलाकार से और कुछ उम्मीद नहीं कर पाते, जबकि इन दोनों से आप बेहतरीन शॉट के बाद भी एक और बेहतरीन शॉट की अपेक्षा कर सकते हैं। दोनों को अच्छा कलाकार मानता हूं।
शाहिद और विद्या बालन की जोड़ी को लोग बेमेल कह रहे हैं?
इस फिल्म की रिलीज के बाद लोगों की यह धारणा बदल जाएगी। शाहरुख और जूही की जोड़ी को लेकर लोगों ने शुरू में ऐसा ही कहा था। बाद में उनकी जोड़ी हिट हो गई। मेरे हिसाब से शाहिद-विद्या की जोड़ी एकदम फिट है।
भविष्य की क्या योजनाएं हैं?
मेरी फिलहाल कोई योजना नहीं है। हो सकता है कि मैं अपने लिए जल्द ही कोई फिल्म बनाऊं, या फिर संभव है कि शाहरुख के प्रोडक्शन हाउस रेड चिलीज के लिए कोई फिल्म निर्देशित करूं! अभी कुछ नहीं कह सकता।

Thursday, July 10, 2008

सलमान मेरे अच्छे मित्र भर हैं: कैटरीना कैफ


निर्माता-निर्देशकों की लकी हीरोइन कैटरीना कैफआज हर वर्ग की चहेती अभिनेत्री बन चुकी हैं। उनकी खूबसूरती, आकर्षक व्यक्तित्व, अदाकारी और स्टाइल का सुरूर सबके सिर चढ़ कर बोल रहा है। इस वक्त कैटरीना इंडस्ट्री की सफल और महंगी अभिनेत्रियों में से एक हैं, लेकिन उन्हें इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। वे विनम्रता से चुपचाप आगे बढ़ती जा रही हैं। दरअसल, उन्हें किसी बात का जरा-सा भी गुरूर नहीं है। कैटरीना कहती हैं, किस बात का गुरूर? आज मैं जो कुछ भी हूं, सिर्फ दर्शकों के प्यार की वजह से हूं। मुझे किसी बात का घमंड नहीं है। मैं आभारी हूं कि लोगों ने अपना प्यार देकर मुझे इस मुकाम पर पहुंचाया है। मैं चाहूंगी कि आप सबका साथ हमेशा बना रहे।
कैटरीना कैफ के बारे में बहुत कम लोग यह जानते हैं कि उनके करीबी उन्हें केके कहकर बुलाते हैं। उनके करीबी लोगों की मानें, तो यह नाम उन्हें सलमान खान ने दिया है। कैटरीना ने फिल्म बूम से जब हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था, तब उनके अभिनय और संवाद अदायगी की जमकर आलोचना हुई थी। दर्शकों और फिल्म आलोचकों ने कैटरीना को अस्वीकार कर दिया था, लेकिन उन्होंने उन आलोचनाओं को स्वीकार किया और गलती सुधारने की ठानी। उनके अनुसार, मेरा इस इंडस्ट्री में कोई गॉडफादर नहीं था। इसी वजह से मुझसे शुरू में कुछ गलतियां भी हुई और मैंने उन्हें स्वीकार भी किया। मैं इस बात में यकीन करती हूं कि मेहनत से सब कुछ हासिल किया जा सकता है। मैंने वही किया। अब मैं पीछे मुड़कर नहीं देखती। अपने आने वाले कल पर ज्यादा ध्यान देती हूं, ताकि मुझसे फिर कोई गलती न हो जाए!
कहा जाता है कि आज इंडस्ट्री में कैटरीना सिर्फ सलमान खान की वजह से टिकी हुई हैं। इस बारे में वे तर्क देती हैं, यह कहना सरासर गलत है किमैं किसी एक शख्स की वजह से आज यहां टिकी हूं। सलमान मेरे अच्छे मित्र हैं, बस। मेरे यहां तक के सफर में कई लोगों का साथ रहा है। मेरे और सलमान को लेकर तो पता नहीं लोग क्या-क्या कहते हैं! कितनी बार लोग हमारी शादी तक तय करा चुके हैं! मैं ऐसे सवालों का न जाने कितनी बार जवाब दे चुकी हूं। मैं सलमान को एक अच्छा इनसान और अच्छा को-आर्टिस्ट मानती हूं।
कैटरीना चौदह वर्ष की छोटी उम्र से मॉडलिंग जगत में सक्रिय हैं। हाल ही में उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ने विश्व की सबसे सेक्सी महिला घोषित किया। कैटरीना सारी उपलब्धियों का श्रेय हमेशा अपने प्रशंसकों को ही देती हैं। वे रिअॅल लाइफ में बहुत ही साफ दिल और नेक इनसान हैं। पिछले पांच सालों से उनका मेकअप कर रहे मेकअपमैन सुभाष बताते हैं, कैटरीना में बहुत अपनापन है। वे अपने स्टाफ का बहुत खयाल रखती हैं। मुझे आज भी याद है वह दिन। फिल्म नमस्ते लंदन के सेट पर हम लोग उनका जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे थे। वहां फिल्म की पूरी यूनिट मौजूद थी, लेकिन उन्होंने केक काटने के बाद सबसे पहले मुझे खिलाया। इस एक छोटी-सी बात से अंदाजा लग जाता है कि वे किस स्वभाव की हैं! उल्लेखनीय है कि कैटरीना की अब तक की ज्यादातर सफल फिल्में अक्षय कुमार के साथ ही हुई हैं। इस वक्त वे ऊटी में राजकुमार संतोषी की फिल्म अजब प्रेम की गजब कहानी की शूटिंग में व्यस्त हैं।
आने वाले दिनों में कैटरीना की कई बड़ी फिल्में रिलीज होंगी। उन फिल्मों के बारे में वे कहती हैं, सबसे पहले मेरी फिल्म सिंह इज किंग रिलीज होगी। उसके बाद युवराज, हेलो और अजब प्रेम की गजब कहानी आएंगी। इन फिल्मों के अलावा, मैंने यशराज बैनर की एक फिल्म साइन की है। मुझे उम्मीद है कि मेरी इन फिल्मों को भी दर्शकों का प्यार मिलेगा।
-रघुवेंद्र सिंह

Tuesday, July 8, 2008

हमसे भी बहुत सी गलतियां हुई हैं: प्रीति जिंटा


हाल ही में समाप्त हुए आईपीएल क्रिकेट मैच में अभिनेत्री प्रीति जिंटा एक बिजनेस वूमेन की भूमिका में दिखीं। दरअसल, वहां दुनिया ने उन्हें पंजाब किंग्स इलेवन टीम के ओनर के रूप में देखा। वहां यानी क्रिकेट के मैदान में वे हर पल नॉन-ग्लैमरस अंदाज में अपनी टीम की हौसलाअफजाई करते दिखीं, लेकिन अब वे ग्लैमर की दुनिया में लौट आई हैं। उनकी चर्चा इसलिए भी हो रही है, क्योंकि साल के अंत तक उनकी चार चर्चित फिल्में प्रदर्शित होंगी, लेकिन उसके पहले प्रीति बच्चन परिवार के साथ एक अनफॉरगेटेबॅल व‌र्ल्ड टुअॅर के जरिए अपनी दिलकश अदाओं से लोगों को मदहोश करने की तैयारी में व्यस्त हैं। कैसे कर रही हैं तैयारी?
अनफॉरगेटेबॅल व‌र्ल्ड टुअॅर को बच्चन परिवार का शो कहा जा रहा है। क्या आपको यह नहीं लगता कि पूरे शो में सिर्फ तीनों बच्चन ही छाए रहेंगे?
किसी शो में जब तीन खान होते हैं, तो उसे खान का शो कहा जाता है। उसी तरह इस शो में तीन बच्चन हैं, इसीलिए इसे बच्चन परिवार का शो ही कहा जाएगा। मुझे इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या मेरे मित्र हैं। मैं उनके साथ इस व‌र्ल्ड टुअॅर से जुड़कर खुश हूं। वैसे, इस शो में अक्षय कुमार, रितेश देशमुख, माधुरी दीक्षित और शिल्पा शेट्टी भी हैं। मैं उनके साथ स्टेज शेयर करने की बात को लेकर बहुत उत्साहित भी हूं।
यह टुअॅर कब से शुरू हो रहा है और आप इसमें किन गीतों पर परफॉर्म करने वाली हैं?
आगामी अट्ठारह जुलाई को टोरंटो में इसका शुभारंभ होगा। मैं इस शो में किन-किन गीतों पर परफॉर्म करने वाली हूं, उसके बारे में फिलहाल कुछ भी नहीं बता सकती। विजक्रॉफ्ट कंपनी शो की रूपरेखा और कुछ नए कॉन्सेप्ट पर काम कर रही है। हम लोग अपने हिट गीतों पर परफॉर्म करने के साथ ही कुछ नया करने के प्रयास में व्यस्त हैं। शो की कोरियोग्राफी कर रहे हैं श्यामक डावर।
आप पहले शाहरुख खान के शो टेम्पटेशन से जुड़ी हुई थीं। इस साल उनके शो के बजाय बच्चन परिवार के शो से जुड़ने की क्या वजह है?
दरअसल, मुझे शाहरुख के शो के बारे में पता नहीं था! कुछ दिन पहले मुझे पता चला है कि उनका भी शो आरंभ होने जा रहा है। एमसटर्डम में उनका सिर्फ एक शो हो रहा है। बच्चन परिवार के शो से जुड़ने की कोई खास वजह नहीं है। अभी आईपीएल खत्म हुआ था कि मेरे पास इस शो का ऑफर आया। हफ्ते के पांच दिन हम मस्ती करेंगे और सिर्फ वीकेंड में दो दिन शो होगा। मुझे बहुत खुशी हुई। आईपीएल की थकान केबाद मैं पूरा एंज्वॉय करने के मूड में थी। इसलिए मैंने तुरंत हामी भर दी।
शाहरुख खान आपके खास दोस्त हैं। यह कैसे संभव है कि उन्होंने आपको अपने शो के बारे में नहीं बताया?
मुझे लगता है कि हम आईपीएल में इतने ज्यादा व्यस्त हो गए थे कि इन बातों पर चर्चा ही नहीं कर पाए। इसमें कोई दो राय नहीं कि शाहरुख मेरे अच्छे दोस्त हैं, लेकिन सच यही है कि मुझे उन्होंने अपने शो के बारे में नहीं बताया। मैं पिछली बार उनके शो में थी। रानी मुखर्जी, सैफ अली खान और शाहरुख हम सभी ने खूब मस्ती की थी। बहरहाल, बच्चन परिवार भी मेरे लिए प्रिय है।
आईपीएल में हार का दुख जरूर होगा। क्रिकेट से जुड़ने का अनुभव कैसा रहा?
अपनी टीम की परफॉर्मेस से मैं खुश हूं। इतनी सारी टीमों को पीछे छोड़ते हुए हम फाइनल के करीब पहुंचे, यह बड़ी बात है। मैंने अपनी टीम के साथ बहुत एंज्वॉय किया। आईपीएल में इस बार हमसे बहुत सारी गलतियां हुई, हमने उन गलतियों से सीख ली। अब अगले साल होने वाले मैच में हम और बेहतर तैयारी के साथ उतरेंगे। इस बार हमें सिर्फ तीन महीने का वक्त मिला था, लेकिन अगले आईपीएल के लिए हमारे पास एक साल का समय है।
आईपीएल में एक टीम खरीदने के बाद आप ऐक्ट्रेस के साथ अब बिजनेस वूमेन बन गई। अनुभव बताएंगी?
मैंने अपनी नई भूमिका को पूरी तरह एंज्वॉय किया। सच तो यह है कि पूरे आईपीएल के दौरान लोगों को ऐक्ट्रेस प्रीति से रूबरू होने का मौका ही नहीं मिला। मैं वहां जींस और टी-शर्ट पहने अलग अंदाज में थी। मैं चौबीस घंटे सिर्फ टीम केबारे में सोचती और उनका उत्साहव‌र्द्धन करती रही। मैंने सुबह से लेकर शाम तक अपनी टीम केसाथ बहुत पसीना बहाया। परिवार बन गई थी मेरी टीम। मेरा मानना है, जब आप किसी काम को लेकर पैसिनेट हों, तभी उसे करें। मैं क्रिकेट को लेकर पैसिनेट थी। अब अगले साल होने वाले आईपीएल को लेकर मैं बहुत एक्साइटेड हूं।
आपकी पहचान ऐक्ट्रेस के रूप में है और आप इधर फिल्मों से एकदम गायब हो गई हैं। आपको नहीं लगता कि दर्शकों के साथ नाइंसाफी हो रही है?
नहीं, ऐसी बात नहीं है, क्योंकि साल 2009 की शुरुआत तक मेरी पांच फिल्में रिलीज होंगी। आईपीएल की व्यस्तता के चलते मैं फिल्मों से कुछ वक्त के लिए दूर जरूर हुई थी, लेकिन ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब एक के बाद एक मेरी पांच फिल्में रिलीज होने जा रही हैं। इनमें जानू बरुआ की हर पल, समीर कार्णिक की मल्टीस्टारर फिल्म हीरोज, रितुपर्णो घोष की दि लास्ट लीयर, दीपा मेहता की फिल्म हैवन ऑन अर्थ रिलीज होगी और 2009 के शुरू में मेरी फिल्म मैं और मिसेज खन्ना आएगी। उम्मीद है, मेरे प्रशंसक इन फिल्मों में मुझे अलग किस्म की भूमिकाओं में देखकर खुश होंगे।
-रघुवेंद्र सिंह

Monday, July 7, 2008

बचना ऐ हसीनों में हॉट मॉडल बनीं बिपाशा

मुंबई। यशराज बैनर की सिद्धार्थ आनंद निर्देशित फिल्म बचना ऐ हसीनों में अभिनेत्री बिपाशा बसु मुंबई की एक हॉट मॉडल की भूमिका में नजर आएंगी। फिल्म में उनके लुक की अभी से काफी चर्चा है। निर्देशक सिद्धार्थ आनंद के मुताबिक, फिल्म बचना ऐ हसीनों रोमांटिक कॉमेडी है। यह एक युवक की अट्ठारह से तीस साल के उम्र के बीच के सफर की दास्तान है। इसमें रणबीर कपूर उस युवक राज की प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। बिपाशा बसु फिल्म में मुंबई की हॉट एंड सेक्सी मॉडल की भूमिका निभा रही हैं। मिनिषा लांबा छोटे शहर की लड़की का किरदार निभा रही हैं और दीपिका पादुकोण विदेश में रहने वाली लड़की की भूमिका में हैं।
मॉडल टर्न ऐक्ट्रेस बिपाशा बसु के बारे में सिद्धार्थ कहते हैं, मुझे बिपाशा के साथ शूटिंग करते समय काफी झिझक महसूस होती थी। दरअसल बिपाशा फिल्म में मॉडल बनी हैं। उन्हें मुझे छोटे-छोटे कपड़े पहनने के लिए कहते वक्त अजीब लगता था। वे सीनियर ऐक्ट्रेस हैं। दीपिका और मिनिषा से मेरी अच्छी दोस्ती थी।
उल्लेखनीय है कि फिल्म बचना ऐ हसीनों आगामी पन्द्रह अगस्त को रिलीज होगी। सिद्धार्थ आनंद की बतौर निर्देशक यह तीसरी फिल्म है। इसके पहले वे सलाम-नमस्ते और ता रा रम पम का निर्देशन कर चुके हैं।
-रघुवेंद्र सिंह

पैसे या फेम के लिए फिल्में नहीं कर रहा: जायद

जायद खान ने पिता बनने के बाद फिल्मों से कुछ समय के लिए दूरी बना ली थी। वह अपना ज्यादातर समय बेटे जिदान के साथ व्यतीत कर रहे थे। एक विराम के बाद पुन: जायद की सक्रियता फिल्मों में बढ़ गई है। उनकी अपूर्व लाखिया के निर्देशन में बनी फिल्म मिशन इस्तानबुल प्रदर्शन के लिए तैयार है। जायद से फिल्म, उनके निजी जीवन और कॅरियर के संबंध में बातचीत-

[क्या यह सच है कि निर्देशक अपूर्व ने आपसे मिशन इस्तानबुल में मेहमान भूमिका के लिए संपर्क किया था?]

जी हां। अपूर्व पहली बार जब मुझसे इस फिल्म के संबंध में मिलने आए तो उन्होंने कहा कि यार, तुझे मेरी फिल्म में एक मेहमान भूमिका निभानी है। मैंने उनसे कहा कि मेहमान भूमिकाएं वे कलाकार करते हैं जो बहुत ज्यादा व्यस्त होते हैं और मेरे पास इस वक्त कोई फिल्म नहीं है। अच्छा होगा अगर आप अपनी फिल्म में मुझे फुल लेंथ किरदार निभाने का मौका दें। वे उस वक्त मुझसे बिना कुछ कहे चुपचाप चले गए। फिर एक सप्ताह बाद वे मेरे पास जर्नलिस्ट विकास सागर का किरदार निभाने का प्रस्ताव लेकर आए।

[फिल्म को साइन करने की सबसे बड़ी वजह क्या है?]

इसका विषय, मेरा किरदार और निर्देशक अपूर्व लाखिया। मैं इस फिल्म में पहली बार एक टीवी जर्नलिस्ट का किरदार निभा रहा हूं। अपूर्व ने जब पहली बार मुझे फिल्म की स्क्रिप्ट सुनाई थी, उसी वक्त मेरा दिल इस फिल्म पर आ गया था। यही वजह है कि मैंने अपूर्व से फिल्म में फुल लेंथ किरदार निभाने की इच्छा जाहिर की। यह फिल्म आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे को अलग अंदाज में पेश करती है।

[फिल्म के प्रोमो में आप स्टाइलिश अंदाज में स्टंट और एक्शन करते हुए नजर आ रहे हैं। किसी टीवी जर्नलिस्ट को हकीकत में क्या आपने ऐसे कारनामें करते हुए देखा है?]

ठीक आपकी तरह मैंने भी अपूर्व के सामने ऐसा ही सवाल किया था, जब उन्होंने मुझसे ये दृश्य करने की बात कही थी। मैं स्क्रिप्ट में अपने किरदार विकास को एक्शन करते हुए पढ़कर हैरान हुआ था। मैंने उनसे कहा कि जर्नलिस्ट रीयल लाइफ में ऐसे काम नहीं करते हैं। जवाब में उन्होंने मुझसे कहा कि अगर हम पर्दे पर जर्नलिस्ट को रीयल लाइफ की तरह पेश करेंगे तो वो मजेदार नहीं लगेगा इसलिए ग्लैमर और एक्शन वगैरह उसके किरदार में जोड़ा गया है।

[अपने किरदार की तुलना किस टीवी जर्नलिस्ट से करना पसंद करेंगे?]

राजदीप सरदेसाई से। उन्हीं की तरह विकास बेहद कांफिडेंट है। मैंने अपनी भूमिका को जीवंत करने से पहले उनके हाव-भाव को काफी गौर से देखा। कई अन्य टीवी पत्रकारों को मैंने ध्यान से देखा।

[अपूर्व बेहद रफ एंड टफ निर्देशक कहे जाते हैं। उनके निर्देशन में काम करने का अनुभव कैसा रहा?]

अपूर्व में जुनून है। कोई एक्शन सीन हमें करना होता तो वे पहले खुद करके दिखाते। बिल्कुल नहीं डरते कि उन्हें चोट लग सकती है। उनकी खासियत यह भी है कि वे अपने एक्टर्स को बहुत प्यार देते हैं इसीलिए हमें लगता है कि उन्हें निराश नहीं कर सकते। उन्होंने शूटिंग के दौरान मेरे साथ साइकोलॉजिकल गेम बहुत खेला। मुझसे कहते कि यार तुम्हारी फिल्म है, देख लो क्या करना है? अब ऐसे में आप क्या कर सकते हैं। कुल मिलाकर मैंने उनके साथ काम करते हुए बहुत एंज्वॉय किया।

[पिता बनने पर जो खूबसूरत अहसास होता है उसे किसी तरह व्यक्त करेगे?]

कहा जाता है कि बच्चा जब तक छह महीने का नहीं हो जाता, तब तक पिता को उसके करीब होना चाहिए। वह उनको छूना चाहता है। उनकी खुशबू को आत्मसात करता है। इससे पिता-पुत्र के रिश्ते को मजबूती मिलती है।

[निजी जीवन की बात करें तो पिता बनने के बाद आप क्या बदलाव महसूस कर रहे हैं?]

मैं पिता बनने के बाद डोमेस्टिक इंजीनियर बन गया हूं। सच कहूं तो जब से मेरा बेटा मेरी जिंदगी में आया है, मेरी कुंडली ही बदल गई है। वो मेरे लिए खूबसूरत तोहफा है। उसी के लिए मैंने अब स्मोकिंग भी छोड़ दी है। जब मेरा बेटा मेरे करीब होता है तो ऐसा लगता है जैसे दुनिया की सारी खुशी मेरे पास है। अभी कुछ दिनों के लिए मैं बाहर शूट पर जा रहा हूं। उसे वहां बहुत मिस करूंगा। [आपने इधर फिल्में करनी काफी कम कर दी हैं। वजह क्या है?]

हाल में जब मैंने अपने कॅरियर पर नजर डाली तो देखा कि जिस समय मैं ज्यादा फिल्में कर रहा था, मुझसे गलतियां ज्यादा हो रही थीं। यही वजह है कि अब मैंने फिल्में करनी कम कर दी हैं। फिल्म निर्माण टीम वर्क है, इसलिए मैं कोई फिल्म साइन करने से पहले अब सही स्क्रिप्ट और सही टीम अवश्य देखता हूं। सबका मेल होना मुश्किल है। यह एक वजह है कि इधर मेरी फिल्में कम आ रही हैं। मैं फिल्में पैसे या फेम के लिए नहीं कर रहा हूं बल्कि शौक है इसलिए कर रहा हूं। अब मैं सिर्फ अच्छी फिल्में ही करूंगा।

[मिशन इस्तानबुल के बाद किन फिल्मों में दिखाई देंगे?]

इस वक्त मैं सुभाष घई की युवराज और एंथोनी डिसूजा की फिल्म ब्लू कर रहा हूं। दोनों फिल्मों का जॉनर अलग है और इनमें मेरी भूमिकाएं भी अलग हैं। मैं खुश हूं कि मुझे युवराज में जहां सुभाष घई जैसे बड़े फिल्मकार के निर्देशन में काम करने का मौका मिल रहा है, वहीं फिल्म ब्लू में अपने पसंदीदा एक्शन हीरो संजय दत्त के साथ स्क्रीन शेयर करने का अवसर मिल रहा है।

[रघुवेंद्र सिंह]

Saturday, July 5, 2008

बिग बी जाएंगे एक्टिंग की पाठशाला


मुंबई। लीना यादव के निर्देशन में बनने वाली फिल्म तीन पत्ती की शूटिंग से पूर्व होने वाले वर्कशाप का हिस्सा अमिताभ बच्चन बनेंगे। उल्लेखनीय है कि इस फिल्म में बिग बी के साथ आर माधवन और कई नए कलाकार अभिनय कर रहे हैं। नए कलाकारों के साथ ही आर माधवन भी तीन पत्ती की शूटिंग से पूर्व मुंबई में होने वाले वर्कशॉप में एक्टिंग गुरू बैरी जॉन से अभिनय की बारीकियां सीख रहे हैं। गत एक महीने से चल रहे इस वर्कशॉप के अंतिम चरण का हिस्सा अमिताभ बच्चन भी बनेंगे। वे अपने साथ काम करने जा रहे नए कलाकारों को अभिनय के गुर सिखाएंगे। शाहरूख खान को अभिनय का प्रशिक्षण दे चुके बैरी जॉन अपने वर्कशॉप में अमिताभ बच्चन की उपस्थिति की खबर से उत्साहित हैं। उन्होंने कहा,मैं बहुत एक्साइटेड हूँ। हालांकि,इन दिनों अमित जी बेहद व्यस्त हैं फिर भी,कुछ समय निकालकर वे हमारे वर्कशाप में आएंगे। अभिनय की दुनिया में अमित जी का अनुभव निश्चित रूप से नए कलाकारों के लिए सहायक होगा। उल्लेखनीय है कि लीना यादव निर्देशित तीन पत्ती की शूटिंग जल्द ही प्रारंभ हो जाएगी। लीना यादव ने इससे पूर्व संजय दत्त,जाएद खान और ऐश्वर्या राय अभिनीत शब्द में अपनी निर्देशन क्षमता का परिचय दिया था।
-रघुवेन्द्र सिंह


कैटरीना का जन्मदिन मनाने ऊंटी जाएंगे सलमान
document.title="कैटरीना का जन्मदिन मनाने ऊंटी जाएंगे सलमान खबरें";

मुंबई। अभिनेता सलमान खान आगामी सोलह जुलाई को गर्लफ्रेंड कैटरीना कैफ का जन्मदिन मनाने ऊंटी जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कैटरीना इन दिनों ऊंटी में राजकुमार संतोषी की फिल्म अजब प्रेम की गजब कहानी की शूटिंग कर रही हैं। इस फिल्म में उनके को-स्टार रणबीर कपूर हैं। कैटरीना सोलह जुलाई को भी वहां शूटिंग कर रही होंगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कैटरीना शूटिंग में मशरूफियत के बावजूद आजकल अपना जन्मदिन मनाने की तैयारियों में जुटी हुई हैं। दरअसल उस दिन उनके कई करीबी मित्र मुंबई से वहां पहुंचेंगे। यही वजह है कि कैटरीना अभी से अपने जन्मदिन की तैयारी कर रही हैं। सबसे खास बात यह है कि उनकी जन्मदिन पार्टी को खास बनाने के लिए सलमान खान ऊंटी पहुंच रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कैटरीना और सलमान के रिश्तों में दरार की बात को लेकर गत दिनों काफी चर्चा हुई थी, लेकिन हाल ही में इन दोनों ने फिल्म सिंह इज किंग की म्यूजिक रिलीज पार्टी में एक साथ पहुंचकर अफवाहों पर विराम लगा दिया।

-रघुवेंद्र सिंह

21 जुलाई से आएगा कलर्स

मुंबई। मनोरंजन की दुनिया में छोटे पर्दे के दर्शकों का मनोरंजन करने के उद्देश्य से नया हिंदी एंटरटेनमेंट चैनल कलर्स आ रहा है। बुधवार को मुंबई में शानदार अंदाज में इस चैनल का लांच समारोह आयोजित किया गया।
कलर्स के लांचिंग समारोह में चैनल के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर राजेश कामथ ने कहा, यह चैनल वायकॉम इंक और नेटवर्क 18 की संयुक्त पेशकश है। आगामी इक्कीस जुलाई को शाम सात बजे से हमारा चैनल दर्शकों के बीच होगा। हम हर वर्ग के दर्शकों की पसंद का ख्याल रखते हुए मनोरंजक और सामाजिक सरोकार के कार्यक्रम लेकर आ रहे हैं। इसमें अक्षय कुमार का रियलिटी शो फीयर फैक्टर खतरों के खिलाड़ी जहां युवा वर्ग को आकर्षित करेगा, वहीं साजिद खान का शो साजिद सुपरस्टार हर उम्र के दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करेगा। दूसरी तरफ हम बाल विवाह जैसी समस्या पर बालिका वधु और अंतर्जातीय संबंधों की खिलाफत करते समाज का आईना दिखाता शो जीवन साथी पेश कर रहे हैं। इसके साथ ही देशप्रेम पर आधारित शो मोहे रंग दे और भक्ति भाव में डूबा शो जय श्रीकृष्ण ला रहे हैं।
कलर्स के सीईओ राजेश कामथ ने चैनल के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देने के साथ ही बड़े आत्मविश्वास के साथ कहा कि आने वाले कुछ ही दिनों में हमारे चैनल के कार्यक्रम टॉप शो बनेंगे।
-रघुवेंद्र सिंह

बचपन में खुद को सुपरस्टार समझती थी: रिया सेन


मैं बचपन में चुलबुली नहीं थी। अपने-आप में खोई रहती थी। दूसरों से कोई मतलब नहीं रखती थी। अब महसूस करती हूं कि इसी वजह से उस वक्त मेरे ज्यादा दोस्त नहीं थे। उस समय बड़ी बहन राइमा ही मेरी सबसे अच्छी दोस्त थीं। उन्हीं से मैं अपनी हर बात शेयर करती थी। खेलने-कूदने से लेकर लड़ाई-झगड़ा तक सब उन्हीं से करती थी।
मुझे बचपन में दो चीजों का बहुत शौक था। एक तो लजीज पकवान खाने का और दूसरा मेकअप करने का। मैं बचपन में आईने के सामने घंटों बैठकर मम्मी की मेकअप किट से सामान निकालकर मेकअप करती थी। उनकी विग पहन लिया करती थी और फिर लोगों को दिखाती थी कि देखो, मैं भी मम्मी की तरह एक्ट्रेस बन गई। मैं बचपन में इस वक्त से ज्यादा सुंदर थी। उस समय लोग मुझसे कहा करते थे कि तुम बड़ी होकर एक्ट्रेस बनोगी। लोगों की वह बात सुनकर मैं खुद को सुपरस्टार समझने लगती थी। लगता है इन बातों का ही असर है जो आज मैं एक्ट्रेस बन गई हूं।
मुझे मम्मी के साथ पार्टियों में जाने का भी बहुत शौक था। मैं इंतजार करती रहती थी कि कब पार्टी में जाना है।
मैं बचपन में मम्मी को बहुत तंग किया करती थी। उसके बावजूद उन्होंने कभी मुझे हाथ नहीं लगाया। उन्होंने कभी डांटा भी नहीं। वे मुझ पर कभी गुस्सा नहीं करती थीं। हां, जब मैं समय पर कोई काम नहीं करती थी तब वे जरूर खीझ जाती थीं। किसी तरह की गलती होने पर वे मुझे बहुत समझाती थीं।
मैं आज बचपन को मिस नहीं करती हूं, बल्कि उम्र के इस पड़ाव यानी युवावस्था को बहुत एंज्वॉय कर रही हूं। अभिनेत्री होने का बहुत बड़ा फायदा यह है कि मुझे अपना बचपन जीने का बार-बार मौका मिलता है। मैं दिन भर इंतजार करती रहती हूं कि कब शूटिंग खत्म हो और मैं सीधे घर भागूं। घर पहुंचते ही मैं राइमा के साथ धमाल मचाना शुरू कर देती हूं। उसके साथ ही हम दोनों का बचपन वापस लौट आता है।
[रघुवेंद्र सिंह]