Friday, January 30, 2009

खूब पिटा हूँ पापा से-आदित्य नारायण/बचपन

लोकप्रिय पा‌र्श्वगायक उदित नारायण के बेटे आदित्य नारायण छोटी उम्र से ही अभिनय एवं गायन की दुनिया में सक्रिय हैं। आजकल वे जी टी.वी. के रियैलिटी शो 'सा रे गा मा पा' में बतौर एंकर नजर आ रहे हैं। वे जल्द ही विक्रम भंट्ट की फिल्म 'शापित' में मुख्य भूमिका निभाते दिखाई देंगे। आदित्य पाठकों को बता रहे हैं अपने नटखट बचपन के बारे में-
[चलता था सीना तान के]
मैं बचपन में बहुत घमंडी और नकचढ़ा था। स्कूल एवं सोसायटी के बच्चों के बीच हमेशा कॉलर ऊपर करके चलता था। मैं खुद शैतानियां करता था और इल्जाम दूसरों पर लगा देता था। दरअसल, मुझे नन्हीं उम्र में इस बात का एहसास था कि मैं मशहूर गायक उदित नारायण का बेटा हूं। साथ ही, मैं बचपन से ही एक्टिंग और सिंगिंग कर रहा था, इसलिए भी अपनी उम्र के बच्चों के बीच सीना तान के चलता था।
[साथ रखता था प्रैंक बॉक्स]
मैं बचपन में प्रैंक बॉक्स हमेशा साथ रखता था। अरे, प्रैंक बॉक्स से याद आया। मैं उस वक्त कक्षा नौ में था। मेरा मुंबई के उत्पल सांघवी स्कूल में एडमिशन हुआ था। एक दिन मराठी भाषा की क्लास चल रही थी और मैं बोर हो रहा था। तभी मेरे हाथ प्रैंक बॉक्स लग गया और मैंने कैंची निकाली। इसके बाद मैंने आगे बैठे लड़के के सिर के पीछे के बाल अजीब ढंग से काट दिए। उसने टीचर से शिकायत कर दी और मेरी मम्मी को स्कूल बुलाया गया। मैं डरा था कि मम्मी मुझे बहुत डांटेंगी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। स्कूल से वापस लौटते वक्त मम्मी ने हंसते हुए कहा कि मैंने भी अपने स्कूल में एक बार ऐसा ही किया था। उसके बाद हम दोनों खूब हंसे।
[रोज शिकायत आती थी घर पर]
मुझे बचपन में पापा से बहुत मार पड़ती थी, जबकि मम्मी केवल डांट कर छोड़ देती थी। दरअसल, कोई न कोई प्रतिदिन मेरी शिकायत लेकर घर आ जाता था। पापा को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आती थी। यही वजह है कि मुझे उनके हाथों मार खानी पड़ती थी। मैं बचपन में मम्मी के अधिक करीब रहा। मैं मम्मी का दुलारा था।
[हर कक्षा में आया फ‌र्स्ट क्लास]
मुझे छोटी उम्र में ही संगीत से प्यार हो गया था। मैं स्कूल की पढ़ाई में भी अच्छा था। मैंने बारहवीं तक हर कक्षा प्रथम दर्जे में पास की है। हिंदी, अंग्रेजी और विज्ञान मेरे पसंदीदा विषय थे। अभी मैं ग्रेजुएशन फाइनल ईयर का छात्र हूं। मैं बचपन में डिस्कवरी चैनल अधिक देखता था। उस वक्त क्रिकेट मेरा पसंदीदा खेल था।
[अभी गया नहीं बचपन]
मैं दुनिया की नजरों में जरूर बड़ा हो गया हूं, लेकिन सच कहूं तो मेरा बचपन अभी गया नहीं है। बस, जिंदगी को देखने का नजरिया बदल गया है। आज मैंने इक्कीस साल की उम्र में अपनी कमाई से मकान, गाड़ी और एक स्टूडियो खरीद लिया है। मैं चाहूंगा कि मेरी तरह ही बच्चे कम उम्र में अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पाने के लिए जी-तोड़ मेहनत करें।
[रघुवेंद्र सिंह]

Wednesday, January 28, 2009

विवादों पर पुस्तक लिखेंगी: तनुश्री

अभिनेत्री तनुश्री दत्ता एक्टिंग की वजह से कम, किसी न किसी विवाद की वजह से अक्सर चर्चा में बनी रहती हैं। उन्हें विवादों में रहना अच्छा लगता है। फिल्मी दुनिया से जुड़े लोगों का मानना है कि इससे एक तो सरलता से उन्हें मीडिया कवरेज मिल जाती है और दूसरे उनके द्वार पर निर्माताओं की कतारें लग जाती हैं।
बहरहाल, अब तनुश्री ने अपनी जिंदगी से जुड़े विवादों को एक पुस्तक में समेटने का मन बनाया है। तनुश्री कहती हैं, मैंने तय किया है कि मैं जल्द ही अपनी जिंदगी से जुड़े विवादों पर पुस्तक लिखना आरंभ करूंगी। उस पुस्तक में मुझसे जुड़े विवादों की सच्चाई के बारे में सही जानकारी होगी। मैंने पुस्तक का शीर्षक क्रॉनिकल्स ऑफ तनुश्री रखने का फैसला किया है। मेरे प्रशंसक इस पुस्तक के जरिए मेरे व्यक्तित्व से अच्छी तरह परिचित हो सकेंगे। मुझे करीब से जान सकेंगे।
ज्ञात हो बीते साल तनुश्री दत्ता वरिष्ठ कलाकार नाना पाटेकर के साथ लड़ाई को लेकर चर्चा में थीं। उन्होंने राकेश सारंग की फिल्म हॉर्न ओके प्लीज के एक आइटम सांग की शूटिंग के दौरान नाना पाटेकर पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। वैसे यह फिल्म अभी तक प्रदर्शित नहीं हो पायी है।
सुनने में आया है कि बीते दिनों तनुश्री दत्ता ने उस फिल्म के न प्रदर्शित होने की खुशी में एक शानदार पार्टी दी थी, जिसमें उन्होंने अपने करीबी मित्रों को आमंत्रित किया था। तनुश्री बिंदास अंदाज में कहती हैं, अब मुझे विवादों से निपटना अच्छी तरह आ गया है, इसलिए मैं किसी बात से घबराती या डरती नहीं हूं।
बहरहाल देखते हैं कि तनुश्री खुद से जुड़े विवादों पर पुस्तक लिखकर अब कौन से नए विवाद को जन्म देती हैं। वैसे, उनके द्वारा लिखित क्रॉनिकल्स ऑफ तनुश्री का इंतजार सबको रहेगा।
[रघुवेंद्र सिंह]

Monday, January 26, 2009

मुझे अध्ययन से प्यार हो गया है: कंगना राणावत

अब तक कंगना राणावत को ज्यादातर फिल्मों में लोगों ने उनकी भूमिका के लिए पसंद किया है। उनकी फिल्म फैशन में सोनाली की भूमिका को लोगों ने दिल में बसा लिया। वे इसके जरिए दर्शकों में अपनी अच्छी जगह बना गई। अब उनकी चर्चा भट्ट कैंप की नई फिल्म को लेकर हो रही है।
कंगना फिल्म राज-द मिस्ट्री कंटीन्यूज को बेहद स्पेशल मानती हैं। इसकी दो अहम वजह हैं। उन वजहों के बारे में कंगना बताती हैं, राज मेरी पहली हॉरर फिल्म है और इसी की शूटिंग केदौरान मुझे अध्ययन सुमन से प्यार हो गया। मैं काफी समय से हॉरर फिल्म करना चाहती थी, इसीलिए मैंने यह फिल्म साइन की, लेकिन मुझे नहीं पता था कि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान मुझे मेरा हमसफर मिल जाएगा और यह मेरी जिंदगी की सबसे स्पेशल फिल्म बन जाएगी। इस फिल्म और इसकी शूटिंग को मैं कभी नहीं भूल सकती।
मोहित सूरी निर्देशित राज-द मिस्ट्री कंटीन्यूज की कहानी सुपर मॉडल नंदिता के इर्दगिर्द घूमती है। यह भूमिका कंगना निभा रही हैं। उल्लेखनीय है कि ऐसी ही भूमिका में वे अपनी पिछली फिल्म फैशन में भी दिखी थीं। कंगना स्पष्ट करती हैं, फिल्म फैशन की सोनाली और राज-2 की नंदिता में सिर्फ प्रोफेशन की समानता है। नंदिता मासूम और कमजोर लड़की है। वह अपनी जिंदगी के फैसले स्वयं नहीं कर पाती। साथ ही, यह एक हॉरर फिल्म भी है। इसमें नंदिता भूत-प्रेत से परेशान रहती है। यह मेरे करियर की सबसे चुनौतीपूर्ण भूमिका है। मैंने इस फिल्म में अपना बेस्ट दिया है। मुझे यकीन है कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जरूर सफल होगी।
राज- द मिस्ट्री कंटीन्यूज में कंगना के साथ इमरान हाशमी और अध्ययन सुमन दोनों हैं, लेकिन कंगना यह जानने के लिए ज्यादा उत्सुक हैं कि उनकी और अध्ययन की केमिस्ट्री को दर्शकों का कैसा रेस्पॉन्स मिलता है! कंगना कहती हैं, फिल्म का एक खास आकर्षण मेरी और अध्ययन की जोड़ी भी है। हालांकि इस फिल्म में हम दोनों के बीच जैसी केमिस्ट्री दिखाई गई है, वैसी रिअॅल-लाइफ में बिल्कुल नहीं है। अध्ययन के साथ मेरे ऑन स्क्रीन और ऑफ स्क्रीन रिश्ते में जमीन-आसमान का अंतर है।
अध्ययन सुमन से अपने प्यार की शुरुआत के बारे में कंगना बताती हैं, मुझे और अध्ययन को करीब लाने में हम दोनों के एक कॉमन मित्र की खास भूमिका है। दरअसल, राज-2 की शूटिंग के दौरान अध्ययन अक्सर मेरे पास आते और मुझसे ऐक्टिंग के टिप्स लेते थे। वे मेरे सामने शर्मीले बनकर रहते थे। मुझसे कुछ कहते नहीं थे। शूटिंग के दौरान वे न केवल मुझे छुप-छुपकर देखते थे, बल्कि मेरी हरकतों पर नजर भी रखते थे। बाद में वे अपने दोस्त से सारी बातें कहते थे। फिर वह (दोस्त) आकर मुझे सारी बातें बता देता था। मैं अध्ययन की बातें सुनकर बहुत आनंदित होती थी। अध्ययन बहुत ईमानदार, नेकदिल और मासूम इनसान हैं। उनकी यही छोटी-छोटी बातें मुझे भा गई और एक दिन मुझे उनसे प्यार हो गया। मैंने तय कर लिया है कि शादी अध्ययन से ही करूंगी, लेकिन अभी नहीं। इस वक्त करियर संवारना हम दोनों के लिए बहुत जरूरी है। वैसे, कंगना का करियर शानदार तरीके से आगे बढ़ रहा है। राज-2 के बाद इस साल उनकी रितिक रोशन के साथ वाली फिल्म काइट्स भी आएगी। कंगना खुशी व्यक्त करती हैं, मेरा आने वाला कल शानदार है। मुझे यकीन है कि काइट्स की रिलीज के बाद मेरे करियर में बड़ा बदलाव आएगा। मुझे परफॉर्मेस ओरिएंटेड फिल्में मिलेंगी। पिछले दिनों मैंने वॉर्नर ब्रदर्स की एक बड़े बजट की अंग्रेजी फिल्म साइन की है। उसके अलावा, टी-सीरीज की एक फिल्म भी कर रही हूं। यानी अब हिंदी फिल्मों के साथ ही मेरे लिए अंग्रेजी फिल्मों के भी दरवाजे खुल गए हैं। मैं बहुत खुश हूं। इस वक्त मेरी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में सब कुछ अच्छा हो रहा है।
-रघुवेंद्र सिंह

Saturday, January 24, 2009

हर कदम पर मिला अभिभावकों का साथ: ईशा शरवनी/बचपन

ईशा शरवनी ने सुभाष घई की फिल्म 'किसना' से बॉलीवुड में कदम रखा। उसके बाद 'वे दरवाजा बंद रखो', 'रॉकी', 'गुड ब्वॉय-बैड ब्वॉय', 'यू मी और हम' और 'लक बाई चांस' आदि फिल्मों में नजर आयीं। अभिनेत्री होने के साथ ही ईशा कुशल नृत्यांगना भी हैं। वे अब तक बाइस देशों में नृत्य प्रदर्शन कर चुकी हैं। वे अपने नटखट बचपन के बारे में बता रही हैं-
खूब शरारत करती थी
मैं बचपन में दोस्तों के साथ मिलकर खूब शरारत करती थी और जमकर मौज-मस्ती करती थी। किसी की सुनती नहीं थी, हमेशा मन की करती थी। यही वजह है कि मुझे मम्मी-डैडी की डांट भी खूब पड़ती थी। हाँ, मम्मी-डैडी ने मुझ पर कभी हाथ नहीं उठाया। मैं गलती करती थी तो वे प्यार से मुझे समझाते थे।
बनना चाहती थी बहुत कुछ
मैं पढ़ाई में अच्छी थी। हिस्ट्री और बायोलॉजी मेरे पसंदीदा सब्जेक्ट थे। इसके साथ ही मैं खेलने में भी तेज थी। मैं बचपन में बहुत कुछ बनने के सपने देखती थी। मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे हमेशा मम्मी-डैडी का सपोर्ट मिला। मैंने जब डांसर बनने की इच्छा जाहिर की तो मम्मी-पापा ने मुझे वह करने की छूट दी, जब इंजीनियर बनने की बात कही तो उन्होंने उसमें भी सपोर्ट किया और मैंने जब कहा कि मैं एक्टिंग करना चाहती हूं तो उन्होंने फिर मेरा उत्साह बढ़ाया। ऐसे पैरेंट्स बहुत कम बच्चों को मिलते हैं।
घूमती रहती थी देश-विदेश
मेरे मम्मी-डैडी कला की दुनिया से जुड़े हैं। मम्मी नृत्यांगना हैं और पापा म्यूजीशियन। वे कार्यक्रमों के सिलसिले में देश-विदेश घूमते रहते थे। उनके साथ-साथ मैं भी हर जगह जाया करती थी। वाकई, मेरी लाइफस्टाइल बहुत शानदार थी। मैंने अपनी जिंदगी का काफी समय वृंदावन में गुजारा है। दरअसल, मम्मी वेदों पर शोध के सिलसिले में काफी समय तक वहां रही थीं।
अच्छे कामों के लिए याद रखे दुनिया
मैंने मम्मी-डैडी के गुणों को आत्मसात करने की कोशिश की है। अब स्टेज शो में उनका साथ देती हूं। मैंने लक्ष्य बनाया है कि मैं भारत की संस्कृति, सभ्यता और नृत्य से युवा पीढ़ी को जोडूंगी। मैं एक्टिंग को गंभीरता से नहीं लेती, नृत्य मेरे लिए प्राथमिकता है। मैं चाहती हूं कि जब मैं दुनिया छोड़कर जाऊं तो लोग अच्छे कार्य के लिए मुझे याद रखें।
बहुत याद आता है बचपन
मैं हर पल जीने में यकीन करती हूं। मैंने बचपन के दिनों को खूब एंज्वॉय किया और अब जिंदगी के इस पड़ाव को भी एंज्वॉय कर रही हूं। सच कहूं तो बचपन के दिन बहुत याद आते हैं। दरअसल उस समय किसी बात की चिंता नहीं होती थी। वैसे, मैं अभी बच्ची ही हूं और मुझे लंबी दूरी तय करनी है!
[रघुवेंद्र सिंह]

Thursday, January 22, 2009

घर की बात है में दिखेंगे शाहरूख के दोस्त | खबर

मुंबई। शाहरूख खान अपने अपने सभी खास दोस्तों को होम प्रोडक्शन के धारावाहिक घर की बात है का हिस्सा बनाना चाहते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, शाहरूख खान रेड चिलीज के धारावाहिक घर की बात है को बेहद स्पेशल बनाना चाहते हैं। यही वजह है कि वे अपने सभी दोस्तों को इसमें मेहमान भूमिका निभाने के लिए राजी कर रहे हैं। बीते दिनों जूही चावला, इरफान खान और श्रेयस तलपड़े ने घर की बात है की शूटिंग की, और बहुत जल्द अर्जुन रामपाल और फराह खान भी अपने हिस्से की शूटिंग करेंगे। ये सभी लोकप्रिय चेहरे इस धारावाहिक में मेहमान भूमिका में नजर आएंगे। उल्लेखनीय है, शाहरूख खान निर्मित सीरियल घर की बात है का प्रसारण 30 जनवरी से एनडीटीवी इमेजिन पर शुरू होगा। इसमें राज बब्बर की बेटी जूही बब्बर केंद्रीय भूमिका निभा रही हैं।
-रघुवेंद्र सिंह

Wednesday, January 21, 2009

रिस्क लेने में मजा आता है: इमरान हाशमी

इन दिनों बेहद खुश हैं इमरान हाशमी। उनकी ख्वाहिश मोहित सूरी की फिल्म राज-द मिस्ट्री कंटीन्यूज से पूरी हो रही है। वे अपनी खुशी व्यक्त करते हैं, मैंने फिल्म गैंगस्टर की शूटिंग के दौरान मुकेश भट्ट से यह कहा था कि एक हॉरर फिल्म करना चाहता हूं। मुझे इस बात का एहसास नहीं था कि वे मेरी ख्वाहिश इतनी जल्दी पूरी कर देंगे! खुशी की बात यह है कि मैंने राज.. की शूटिंग मोहित के निर्देशन में की है। मोहित निर्देशित राज.. को भट्ट कैंप की 2002 में आई सुपर हिट फिल्म राज का सिक्वल कहा जा रहा है? इमरान इस बात से इनकार करते हैं, यह राज का सिक्वल नहीं है। चूंकि वह भी भट्ट कैंप की फिल्म थी, इसीलिए उस नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी कहानी और किरदार का उस फिल्म से कोई नाता नहीं है। यह उससे अलग है। इमरान फिल्म की कहानी का जिक्र करते हैं, इसकी कहानी एक सुपर मॉडल नंदिता के इर्दगिर्द है, जो अपने करियर और निजी लाइफ में बहुत खुश है। वह एक डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर से प्यार करती है। उसकी जिंदगी में तब भूचाल आता है, जब वह पेंटर पृथ्वी यानी मुझसे मिलती है। दरअसल, पृथ्वी की पेंटिंग में सच्चाई उतर आती है। उसके बाद क्या होता है, मैं नहीं बता सकता। फिल्म बताती है कि बुराई इनसान के अंदर ही होती है। राज.. में इमरान एक बार फिर कंगना राणावत के साथ हैं। उनके अलावा, फिल्म में अध्ययन सुमन भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। वे कहते हैं, मैंने कंगना के साथ गैंगस्टर में काम किया था। वे फिल्म इंडस्ट्री की बेहतरीन ऐक्ट्रेस हैं। अध्ययन अभी नए हैं, लेकिन उन्होंने भी फिल्म में कमाल का काम किया है। उम्मीद है, यह फिल्म 2002 में आई राज से बड़ी हिट होगी।
इमरान जब से फिल्मों में आए हैं, वे भट्ट कैंप की फिल्मों में ही काम कर रहे हैं! रफ्तार उनकी पहली फिल्म है, जो परसेप्ट पिक्चर कंपनी की है। इस बारे में वे कहते हैं, मुझे अन्य प्रोडक्शन हाउस से अच्छी फिल्में सही में नहीं मिल रही थीं, लेकिन जन्नत की सफलता के बाद मेरे पास अच्छी फिल्मों के ऑफर आ रहे हैं। जन्नत मेरे करियर के लिए बहुत लाभदायक साबित हुई। उसकी सफलता ने मुझको लेकर लोगों में बनी राय बदल दी है। अब मुझे सीरियल किसर की इमेज से भी छुटकारा मिल गया है। मैं खुश हूं।
इमरान का लक्ष्य मनोरंजक फिल्में करना है। उनकी विश लिस्ट में बड़े निर्देशक और बड़ी ऐक्ट्रेस का नाम नहीं है! वे कहते हैं, मैंने अब तक ज्यादातर नए लोगों के साथ ही काम किया है। बड़े निर्देशक और बड़ी हीरोइनों के साथ काम करने की इच्छा मेरी है ही नहीं! मुझे स्क्रिप्ट दमदार लगेगी, तो मैं नए लोगों के साथ भी काम करता रहूंगा।
राज.. के बाद इमरान परसेप्ट पिक्चर कंपनी की रफ्तार और भट्ट कैंप की फिल्म तुम मिले की शूटिंग में व्यस्त हो जाएंगे। वे कहते हैं, फिल्म रफ्तार में मेरे साथ नेहा धूपिया और सागरिका घाटगे हैं और विशेष फिल्म्स की तुम मिले में सोहा अली खान के साथ नजर आऊंगा। वैसे, एक राज की बात यह है कि मैं जल्द ही एक बड़े प्रोडक्शन हाउस की फिल्म साइन करने वाला हूं।
-रघुवेंद्र सिंह

Monday, January 19, 2009

अब सिर्फ लोगों को हंसाऊंगा: तुषार कपूर

तुषार कपूर की दो फिल्मों का प्रदर्शन आने वाले दिनों में होना तय हुआ है, जिसमें नीरज पाठक निर्देशित रन भोला रन और रूमी जाफरी की फिल्म लाइफ पार्टनर शामिल है। तुषार खुशी व्यक्त करते हुए कहते हैं, यह एक सुखद संयोग है कि नए साल की मेरी पहली रिलीज कॉमेडी फिल्म रन भोला रन होगी। नीरज पाठक निर्देशित यह फिल्म फरवरी में आ रही है। उसके बाद लाइफ पार्टनर आएगी। अब मैं सिर्फ दर्शकों को हंसाना चाहता हूं। मैं जान चुका हूं कि दर्शक मुझे कॉमेडी फिल्मों में देखना अधिक पसंद करते हैं। उनकी पसंद को मैं नजरअंदाज कर जोखिम नहीं ले सकता।
चर्चा है कि इसी साल तुषार कपूर के होम प्रोडक्शन की वर्ष 2005 में आयी सुपरहिट फिल्म क्या कूल हैं हम के सीक्वल का भी लुत्फ दर्शक ले सकेंगे। तुषार स्वीकृति देते हैं, सच है कि हम इसी साल बालाजी प्रोडक्शन की हिट फिल्म क्या कूल हैं हम का सीक्वल बना रहे हैं। उसे गोलमाल और गोलमाल रिट‌र्न्स जैसी सफल कॉमेडी फिल्मों का निर्देशनकर चुके रोहित शेंट्टी निर्देशित करेंगे। मेरा और रितेश देशमुख का नाम उस फिल्म के लिए फाइनल हो चुका है। बहुत जल्द उस फिल्म के निर्माण की औपचारिक घोषणा की जाएगी। संभव है कि क्या कूल हैं हम-पार्ट टू में पुरानी फिल्म के सभी कलाकार नजर आएं।
बता दें, वर्ष 2006 में आयी कॉमेडी फिल्म गोलमाल में गूंगे लकी की मजेदार भूमिका के लिए तुषार को आइफा और जीफा पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। अब वे उस फिल्म के सीक्वल गोलमाल रिट‌र्न्स में गूंगे लकी की भूमिका के लिए एक बार फिर इस साल के बेस्ट कॉमिक एक्टर के विभिन्न पुरस्कारों के लिए नामांकित हो रहे हैं। तुषार मुस्कुराते हुए कहते हैं, पुरस्कार पाकर हर कलाकार खुशी महसूस करता है। मैं भी खुश होता हूं। मुझे खुशी इस बात की ज्यादा है कि गोलमाल रिट‌र्न्स में मेरा काम लोगों को अच्छा लगा। लोगों का पैसा वसूल हो गया। मुझे उम्मीद है कि नया साल मेरे लिए खुशियों भरा होगा।
बहरहाल, तुषार की आने वाली फिल्मों की फेहरिस्त देखने के बाद तय हो जाता है कि वे सिर्फ कॉमेडी फिल्में ही करेंगे। तुषार कहते हैं, मैंने बीते वर्षो में कॉमेडी से अलग जॉनर की फिल्में की हैं और भविष्य में भी करना चाहता हूं, लेकिन दमदार स्क्रिप्ट और मजबूत रोल होना चाहिए। मुझे निर्देशक पर भरोसा होना चाहिए। अब मैं बहुत सोच-विचार कर ही किसी फिल्म के लिए स्वीकृति दूंगा। फिलहाल, मैं कॉमेडी फिल्मों पर ही फोकस कर रहा हूं। -रघुवेंद्र सिंह

अभिनय से निर्देशन मुश्किल लगा: नंदिता दास

नंदिता दास निर्देशित पहली फिल्म फिराक में नसीरूद्दीन शाह, परेश रावल, संजय सूरी, दीप्ति नवल, टिस्का चोपड़ा और शहाना गोस्वामी मुख्य भूमिका में हैं। पिछले दिनों इस फिल्म का प्रदर्शन टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में किया गया। प्रस्तुत है, फिल्म के संदर्भ में नंदिता दास से बातचीत-
फिल्म निर्देशन का इरादा पहले से था या अभिनय से दिल हट रहा है?
मेरे मन में काफी समय से फिल्म निर्देशित करने का विचार था। बस, सही सब्जेक्ट की खोज में थी। अभिनय से बोर होने की बात तो संभव ही नहीं है, क्योंकि आई लव एक्टिंग।
फिराक किस तरह की फिल्म है?
मैं अपनी फिल्म को किसी श्रेणी में नहीं रखना चाहती। मैंने एक अच्छी फिल्म बनाई है। यह गुजरात में 2002 में हुए दंगों के एक महीने बाद की कहानी है। इसमें हमने दंगे नहीं दिखाए हैं। दंगे के बाद की उस जिंदगी पर प्रकाश डाला है जब लोग फिर से जीवन को संवारने-संभालने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें पांच अलग-अलग कहानियां एक साथ चलती हैं। सारी कहानियां एक-दूसरे में गुथी हैं। यह एक संवेदनशील फिल्म है।
पहली फिल्म के लिए आपने गंभीर विषय का चुनाव क्यों किया?
मुझे यह सब्जेक्ट अच्छा लगा। मैं अर्थपूर्ण सिनेमा से जुड़ी रही हूं और उसी तरह का सिनेमा बनाना चाहती हूं। इसलिए फिराक जैसी अर्थपूर्ण फिल्म बनाई है।
निर्देशन का अनुभव कैसा रहा? अभिनय और निर्देशन में क्या ज्यादा मुश्किल है?
फिल्म बनाने की मेरी जर्नी बहुत ही चैलेंजिंग, स्ट्रेसफुल और मजेदार रही। मुझे कई खंट्टे-मीठे अनुभवों से गुजरना पड़ा। एक एक्टर के तौर पर हम सोचते है कि फिल्म डायरेक्ट करना मुश्किल काम नहीं है। अब मैं ऐसा नहीं सोचती, बल्कि अब निर्देशकों को देखने का मेरा नजरिया बदल गया है। निर्देशक पर एक्टर से ज्यादा जिम्मेदारी होती है। निर्देशक को फिल्म के प्री-प्रोडक्शन से लेकर पोस्ट प्रोडक्शन तक ध्यान देना पड़ता है, जबकि एक्टर सिर्फ अपनी लाइनों पर ही ध्यान देते हैं। मुझे निर्देशन अभिनय से मुश्किल लगा।
आप एक्ट्रेस के तौर पर हमेशा सीरियस फिल्में ही करती हैं। क्या वजह है कि आप कॉमर्शियल फिल्में नहीं करतीं?
मेरे बारे में लोगों की यह धारणा बन चुकी है कि नंदिता दास सिर्फ सीरियस फिल्में ही करती है। मैं एक एक्टर हूं और हर तरह की फिल्मों का हिस्सा बनना चाहूंगी। फिलहाल, मैं जो काम कर रही हूं, उससे खुश हूं।
आगे की क्या योजना है?
फिलहाल तो अपनी फिल्म फिराक को लोगों तक पहुंचाना चाहती हूं। मैंने दिल से एक अच्छी फिल्म बनाई है और चाहती हूं कि पब्लिक उसे आकर देखे और अपनी राय दे।

-रघुवेंद्र सिंह

मैं बदलाव चाहती हूं: अमृता राव

अमृता राव ने बेहद कम समय में जॉन मैथ्यू मथान, सूरज बड़जात्या और श्याम बेनेगल जैसे निर्देशकों के साथ काम करके अपना अलग स्थान बना लिया है। इन दिनों अमृता नए निर्देशक अजित पाल मंगत की फिल्म विक्ट्री को लेकर चर्चा में हैं। क्रिकेट पर बनी इस फिल्म में अमृता लव स्टोरी 2050 के अभिनेता हरमन बावेजा के साथ नजर आएंगी। प्रस्तुत है, अमृता राव से बातचीत-
विक्ट्री अजित पाल की पहली फिल्म है और इसके नायक हरमन बावेजा भी नए हैं। ऐसे में आपको फिल्म का हिस्सा बनते समय झिझक महसूस नहीं हुई?
बिल्कुल नहीं। मुझे इस फिल्म की स्क्रिप्ट अच्छी लगी। खास बात यह है कि यह क्रिकेट पर बनी है। सब लोग जानते हैं कि यह खेल दुनिया में लोकप्रिय है। मैं खुद बचपन से क्रिकेट की दीवानी हूं। मुझे अजित ने पहली बार जब फिल्म की स्क्रिप्ट सुनाई तभी मैंने निश्चय कर लिया था कि यह फिल्म मैं हर कीमत पर करूंगी। मैं गर्व महसूस कर रही हूं कि मैं विक्ट्री का हिस्सा बनी हूं।

फिल्म की कहानी क्या है? आप किस तरह की भूमिका निभा रही हैं?
इसकी कहानी जैसलमेर के छोटे से गांव के युवक विजय सिंह शेखावत की है। विजय के पिता का सपना है कि उनका बेटा भारतीय क्रिकेट टीम के लिए बैटिंग करे। विजय जी-जान लगाकर पिता के सपने को पूरा करता है और पूरे देश का नायक बन जाता है, लेकिन ग्लैमर व‌र्ल्ड की चकाचौंध उसे भ्रमित कर देती है। मैं इसमें विजय की बेस्ट फ्रेंड नंदिनी की भूमिका निभा रही हूं। एक इंसान की सफलता की जर्नी में उसके परिवार और दोस्तों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विजय अपने सम्मान को वापस कैसे पाता है? यह देखना दिलचस्प होगा।
अब तक की भूमिकाओं से कितनी अलग है नंदिनी?
नंदिनी जैसलमेर की है। वह मेडिकल स्टूडेंट है। मेरा फिल्म में लुक बहुत सिंपल है। मैंने करियर के आरंभिक दिनों से ही विविधतापूर्ण भूमिकाएं करने की कोशिश की है। मैंने मॉडर्न कॉलेज गर्ल से लेकर विवाहित महिला की परिपक्व भूमिकाएं सफलता से निभायी हैं। मुझे नहीं लगता है कि वेलकम टू सज्जनपुर की कमला को कोई भूला पाएगा। नंदिनी इन सबसे बहुत अलग है। दिलचस्प बात है कि मैं हमेशा खुद से ही आगे निकलने की होड़ में रहती हूं। मैं किसी से प्रतियोगिता नहीं रखती। ऐसे में मेरे लिए भूमिकाओं का चयन करना काफी मुश्किल होता है।
विक्ट्री में कई क्रिकेटर हैं। आप किसके साथ स्क्रीन शेयर करती दिखेंगी?
मैं पूरी फिल्म में क्रिकेट के मैदान से दूर नजर आऊंगी। मेरी इच्छा थी कि मैं क्रिकेटरों के साथ सीन करूं, लेकिन निर्देशक ने मौका ही नहीं दिया। मुझे इस बात की शिकायत है। इसमें ब्रेट ली, हैडेन, शोएब मलिक, वकार युनूस, हरभजन सिंह, दिनेश कार्तिक सहित तीस से अधिक क्रिकेटर हैं। पहली बार एक फिल्म में इतनी बड़ी संख्या में क्रिकेटर दिखेंगे। वैसे, मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि मैं क्रिकेट पर बनी बढि़या फिल्म का हिस्सा बन सकी।
आपके फेवरेट क्रिकेट खिलाड़ी कौन हैं? क्या आप क्रिकेट देखती हैं?
सचिन मेरे फेवरेट खिलाड़ी हैं। मुझे याद है, मैं कक्षा नौ में थी। उस वक्त व‌र्ल्ड कप चल रहा था। मैं पढ़ाई छोड़कर क्रिकेट देखती थी और हर वक्त दोस्तों के साथ क्रिकेट को लेकर चर्चा करती थी। अब फिल्मों में व्यस्तता की वजह से मैच देखने का वक्त नहीं मिलता है। वैसे, नए खिलाड़ियों में मुझे धौनी का खेल बहुत अच्छा लगता है। वे आज के यूथ के आइकॉन हैं।
शॉर्टकट में आप पहली बार ग्लैमरस भूमिका में दिखेंगी। क्या सीधी-सादी और शालीन भूमिकाएं करके ऊब चुकी हैं?
ऐसी बात नहीं है। मैंने हमेशा सिर्फ अच्छी भूमिकाएं की हैं और मुझे उसके लिए सराहा भी गया है। मुझे अपनी तारीफ सुनना पसंद है, लेकिन अब मैं थोड़ा बदलाव चाहती हूं। मैं कुछ नया करना चाहती हूं और शॉर्टकट मेरा नया कदम है। उसमें मेरे साथ अक्षय खन्ना और अरशद वारसी हैं। उसके बाद डॉ चन्द्र प्रकाश द्विवेदी की फिल्म कुणाल में भी मैं बिल्कुल नए अंदाज में दिखूंगी। और कुछ फिल्में हैं जिनकी चर्चा बाद में होगी।
-रघुवेंद्र सिंह

Sunday, January 18, 2009

किसी की सिफारिश पर काम नहीं मिलता: अध्ययन सुमन

शेखर सुमन के बेटे अध्ययन सुमन अब, भंट्ट कैंप में प्रवेश कर चुके हैं। इस कैंप की उनकी पहली फिल्म राज द मिस्ट्री कंटीन्यूस है। इस फिल्म को राज-टू भी कहा जा रहा है। मोहित सूरी निर्देशित यह फिल्म हॉरर श्रेणी की है। अध्ययन इसे अपनी डेब्यू फिल्म मान रहे हैं। पिछले साल आयी अपनी पहली फिल्म हाल-ए-दिल को वे बुरे सपने की भांति भुला चुके हैं। अध्ययन से बातचीत-
राज टीएमसी,विषयवस्तु से अधिक कंगना और आपके प्रेम-प्रसंग को लेकर चर्चा में है। क्या ये फिल्म की पब्लिसिटी का हिस्सा है?
जी नहीं। मैं और कंगना सचमुच एक-दूसरे से प्यार करते हैं। यह हमारा निजी मामला है और हम इसे अपने तक ही रखना चाहते हैं, लेकिन मीडिया मनमानी कर रहा है। हमें बुरा लगता है, जब लोग हमारे काम को छोड़कर बाकी सारी बातें लिखते हैं और चौंकाने वाली बात यह है कि वो सब बातें झूठ होती हैं। मुझे नहीं लगता कि किसी के रिश्ते को भुनाकर फिल्म को लाभ पहुंचाया जा सकता है।
क्या राज-टीएमसी सुपरहिट फिल्म राज का सीक्वल है? इसकी कहानी के बारे में बताएं।
इस फिल्म का राज से कोई नाता नहीं है। यह सुपरमॉडल नंदिता की कहानी है। वह एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर यश दयाल से प्यार करती है। उसकी जिंदगी में तब भयानक बदलाव आता है जब उसकी मुलाकात पेंटर पृथ्वी से होती है। दरअसल, वह भूत-प्रेत में बहुत यकीन करती है और यही बात उसके लिए खतरनाक साबित होती है। यह फिल्म संदेश देती है कि इंसान के अंदर की बुराई ही भूत होती है।
आपकी क्या भूमिका है? कंगना और आपके बीच कैसी केमिस्ट्री देखने को मिलेगी?
मैं इसमें यश दयाल की भूमिका निभा रहा हूं। उसकी उम्र 25 वर्ष है। मेरे लिए इस भूमिका को निभाना काफी मुश्किल रहा, क्योंकि यश उम्र में मुझसे पांच वर्ष बड़ा है। वह फ्रीलंास जर्नलिस्ट भी है। पृथ्वी की भूमिका इमरान हाशमी निभा रहे हैं।
कंगना की किस खासियत ने आपका दिल चुरा लिया?
उनकी खुद्दारी ने। वे आत्मविश्वास से भरी तेज-तर्रार लड़की हैं। उन्होंने मेहनत के बल पर इंडस्ट्री में अपना सम्मानित स्थान बनाया है। वे जब हिमाचल से मुंबई आयी थीं, तब उनका यहां कोई परिचित नहीं था। अपने दम पर उन्होंने सब कुछ हासिल किया है। वे हमेशा काम को प्राथमिकता देती हैं। उनकी यही सब बातें मुझे भा गईं। वे मेरे लिए बहुत स्पेशल हैं और भविष्य में भी रहेंगी।
चर्चा है कि पापा शेखर की सिफारिश पर आपको भंट्ट कैंप में एंट्री मिली है। सच्चाई क्या है?
किसी की सिफारिश पर यहां कोई काम नहीं देता और न ही नाम के दम पर काम मिलता है। पापा की वजह से मुझे सिर्फ हाल-ए-दिल मिली थी। अब मेरी काबिलियत की बदौलत मुझे फिल्में मिल रही हैं। भंट्ट साहब ने कहा भी था कि उन्होंने समाज सेवा सेंटर नहीं खोल रखा है। मैं डिजर्व करता हूं इसलिए वे मुझे साइन कर रहे हैं।
आपकी पहली फिल्म हाल-ए-दिल थी। फिर राज टीएमसी को डेब्यू फिल्म कैसे कह रहे हैं?
मैं हाल-ए-दिल के बारे में बात नहीं करना चाहता। मैं उस फिल्म को भुला चुका हूं। राजटी टीएमसी मेरी परफेक्ट लांच है। भंट्ट साहब इसमें मुझे इंट्रोड्यूस का क्रेडिट भी दे रहे हैं। इस फिल्म से मेरी सही शुरुआत हो रही है। -रघुवेंद्र सिंह

बूढ़ी नहीं बनेंगी कैटरीना | खबर

मुंबई। जवां दिलों की धड़कन कैटरीना कैफ का करियर इन दिनों शिखर पर है। इसी वजह से कैटरीना ऐसी कोई भूमिका नहीं निभाना चाहती, जो उनके प्रशंसकों को निराश करे। इसी के चलते कैटरीना ने विपुल शाह की फिल्म में उम्रदराज दिखने का रोल ठुकरा दिया है।
नमस्ते लंदन व सिंह इज किंग जैसी हिट फिल्में बना चुके विपुल शाह कैटरीना के लिए खासे भाग्यशाली साबित हुए हैं। हाल ही में शाह एक और फिल्म का प्रस्ताव लेकर कैटरीना के पास पहुंचे। इसमें भी उनके जोड़ीदार अक्षय कुमार ही थे। पहले तो कैटरीना उनके प्रस्ताव को सुनकर बेहद खुश हुईं, लेकिन जब विपुल ने उन्हें उनकी भूमिका के बारे में बताया तो वे हैरान रह गईं। दरअसल फिल्म में पति-पत्नी की भूमिका निभा रहे अक्षय कुमार और कैटरीना को इंटरवल के बाद बूढ़ा दिखाया जाना था।
कैटरीना ने विपुल से साफ कह दिया कि वह बूढ़ी औरत की भूमिका निभाकर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहतीं। हां, यदि फिल्म की कहानी में कोई बदलाव कर लें तो वह उनकी फिल्म जरूर करेंगी। विपुल ने कैटरीना को समझाने की कोशिश की। यहां तक कि नए रोल के ज्यादा चुनौतीपूर्ण होने की बात भी कही। लेकिन कैटरीना ने उनके हर तर्क को खारिज कर दिया। अब सुनने में आ रहा है कि कैटरीना वाली भूमिका विपुल ने ऐश्वर्या राय बच्चन को दे दी है।
-रघुवेंद्र सिंह

फिल्मों में वापसी करेंगे रणधीर कपूर | खबर

मुंबई। पिछले छह साल से बड़े पर्दे से नदारद रहे रणधीर कपूर जल्द ही एक्टिंग करते नजर आएंगे। फिल्मी दुनिया में उनकी वापसी की जानकारी खुद उनके छोटे भाई अभिनेता ऋषि कपूर ने दी है। उन्होंने बताया है कि हाल ही में रणधीर ने विपुल शाह की नई फिल्म साइन की है। ऋषि कपूर अपने भाई रणधीर की वापसी से बेहद खुश हैं।
फिल्म नमस्ते लंदन में विपुल शाह के साथ काम कर चुके ऋषि कपूर बताते हैं कि विपुल ने रणधीर को बहुत अच्छी भूमिका के लिए साइन किया है। वह लोग जल्द ही फिल्म की शूटिंग शुरू करेंगे। उल्लेखनीय है कि आखिरी बार रणधीर बड़े पर्दे पर 2003 में हनी ईरानी की फिल्म अरमान में नजर आए थे। वैसे इस वक्त कपूर खानदान के रणबीर, करिश्मा व करीना कपूर का बड़े व छोटे पर्दे पर बोलबाला है और अब इस फेहरिस्त में रणधीर कपूर का नाम भी शामिल होने जा रहा है। अब देखना यह कि फिल्मों में वापसी के बाद अपने दर्शकों का दिल जीतने में रणधीर कितने कामयाब होते हैं? -रघुवेंद्र सिंह

Friday, January 16, 2009

डरता था सनी भैया से-अभय देओल/ बचपन

अभय देओल भले ही देओल खानदान से आते हैं, लेकिन उनकी पहचान चाचा धर्मेद्र और उनके बेटों सनी और बॉबी से बिल्कुल जुदा है। निर्माता-निर्देशक अजित सिंह देओल के बेटे अभय मुंबई में पले-बढ़े हैं। यहां वे पाठकों से अपने बचपन की खुशनुमा यादों और शरारतों को शेयर कर रहे हैं-
[संयुक्त परिवार का शरारती बच्चा]
मैं संयुक्त परिवार में पला-बढ़ा हूं। मेरे घर में परंपरा, संस्कार, आदर्श आदि का बहुत ख्याल रखा जाता है। मुझे बचपन में ही परिवार की परंपराओं, रीति-रिवाजों और नैतिक बातों से अवगत करा दिया गया था। मुझे याद है, परिवार में हम सात बच्चे थे। मैं चचेरे भाई बॉबी के अधिक करीब रहा। उन्हीं के साथ खेलता-कूदता था और उन्हीं के साथ मिलकर शरारतें करता था। मैं परिवार का सबसे शरारती बच्चा माना जाता था। मैं सनी भैया से बहुत डरता था।
[पढ़ाई के लिए खूब डांट खायी]
मैं पढ़ने में औसत था। मेरा पसंदीदा विषय अंग्रेजी था। मम्मी-पापा चाहते थे कि मैं अपनी कक्षा का सबसे तेज छात्र बनूं। पढ़ाई के लिए मुझे मम्मी-पापा और टीचर से खूब डांट पड़ती थी। कभी-कभी तो मार भी पड़ती थी। सच कहूं तो मेरा मन खेलने में अधिक लगता था। मैं इंतजार करता था कि जल्दी से स्कूल में छुंट्टी हो और मैं खेलने के लिए भागूं। बॉबी के बिना बचपन में मैं कुछ नहीं करता था। हम दोनों एक जान दो शरीर थे। मैं बिल्डिंग के बच्चों के साथ क्रिकेट खेलता था।
[मम्मी से कहता था मन की बातें]
मैं अधिकतर समय बॉबी के साथ रहता था, लेकिन अपनी मन की बातें मम्मी से कहता था। मुझे कुछ चाहिए होता था या कोई शिकायत करनी होती थी तो मैं मम्मी से रात में सबके सोने के बाद कहता था। उन्होंने मुझे सही और गलत के बीच फर्क समझाया। वे मेरी सबसे अच्छी दोस्त थीं। उनकी परवरिश की ही देन है जो मैं आज सही रास्ते पर चल रहा हूं।
[नन्हीं उम्र में हुआ बिग स्क्रीन से प्यार]
मैं बचपन से ही खुद को बिग स्क्रीन पर देखना चाहता था। यह मेरे परिवार के माहौल का असर था। मैं चाचा धर्मेद्र और सनी भैया की फिल्में देखते हुए बड़ा हुआ हूं। उन्हीं की तरह मैं खुद को बड़े पर्दे पर देखना चाहता था। मुझे उनकी फिल्में अच्छी लगती थीं, लेकिन कभी उनके जैसा काम करने की इच्छा नहीं हुई। यही वजह है कि आज मैं अलग तरह की फिल्में कर रहा हूं।
[बहुत जल्दी बड़ा हो गया]
मैं बचपन में सोचता था कि जल्दी से बड़ा हो जाऊं, ताकि मुझ पर किसी की बंदिश न रहे और मैं अपने मन का हर काम कर सकूं, लेकिन आज मैं सोचता हूं कि जल्दी बड़ा नहीं होना चाहिए था। मैं बच्चों से कहूंगा कि वे मेरी तरह जल्दी बड़े होने की कोशिश न करें। अपने मम्मी-पापा की बातें सुनें, दिल से पढ़ाई करें और खूब सपने देखें।
[रघुवेंद्र सिंह]

अब शाहिद को चूमेंगी प्रियंका चोपड़ा

मुंबई। खबर है कि प्रियंका चोपड़ा ने पहली फिल्म ऐतराज के बाद अब विशाल भारद्वाज की फिल्म कमीने में एक बार फिर चुंबन दृश्य दिए हैं। शाहिद कपूर के साथ उनका चुंबन दृश्य अभी से बेहद हॉट हो गया है।
दिलचस्प बात यह है कि प्रियंका ने ब्वॉयफ्रेंड हरमन बावेजा के साथ फिल्म लव स्टोरी 2050 में चुंबन दृश्य देने से इनकार कर दिया था। साथ ही, उन्होंने करण जौहर की फिल्म दोस्ताना में भी चुंबन दृश्य देने से इनकार कर दिया था, इसीलिए उस फिल्म में अभिषेक बच्चन और जॉन अब्राहम के ऊपर चुंबन दृश्य फिल्माया गया था।
मिली जानकारी के मुताबिक, प्रियंका चोपड़ा पहले शाहिद कपूर के साथ चुंबन दृश्य देने में सहज महसूस नहीं कर रही थीं। विशाल भारद्वाज ने उन्हें समझाया कि वह दृश्य कहानी की मांग है, इसलिए उन्हें करना ही पड़ेगा। बाद में प्रियंका शाहिद के साथ चुंबन दृश्य करने के लिए तैयार तो हो गयीं, लेकिन उन्होंने बाद में विशाल से वह दृश्य हटाने की गुजारिश की। विशाल ने ऐसा करने से इंकार कर दिया क्योंकि उनके मुताबिक वह दृश्य फिल्म की कहानी को अलग मोड़ देता है।
-रघुवेंद्र सिंह

Thursday, January 15, 2009

लवर ब्वॉय नहीं बनना चाहता: आदित्य नारायण

आदित्य नारायण बचपन से ही एक सपना देखते आ रहे हैं और वह सपना है शाहरुख खान की तरह सुपर स्टार बनने का। वैसे, उन्होंने अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए पहला कदम उठा लिया है। वे बहुत जल्द विक्रम भट्ट के निर्देशन में अपनी पहली फिल्म शापित की शूटिंग आरंभ करने जा रहे हैं। आदित्य कहते हैं, मैं बचपन में जब लोगों से कहता था कि बड़ा होकर शाहरुख की तरह सुपर स्टार बनना चाहता हूं, तो लोग मुझ पर हंसते थे, लेकिन अब मुझे धीरे-धीरे यकीन होने लगा है कि मैं अपने उस सपने को पूरा कर लूंगा, क्योंकि विक्रम भट्ट की फिल्म से मेरे उस सफर का आगाज होने जा रहा है।
आदित्य फिल्म शापित के बारे में बताते हैं, यह एक एडवेंचरस लव स्टोरी है, जिसमें डार्क शेड भी है। मेरे अॅपोजिट इसमें नई ऐक्ट्रेस हैं। लोग इसे आइडल डेब्यू जरूर नहीं मानेंगे, लेकिन मैं इसे परफेक्ट डेब्यू मानता हूं। दरअसल, इस फिल्म में मैं एक यंग लड़के की भूमिका निभा रहा हूं, जिसके कई सारे अच्छे-बुरे पहलू हैं। सच कहूं, तो मैं लवर ब्वॉय नहीं बनना चाहता, इसीलिए यह फिल्म साइन की है। इसमें मेरे किरदार से लोग न केवल प्यार करेंगे, बल्कि नफरत भी करेंगे। मैं फिल्म की शूटिंग शुरू होने का उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं।
आदित्य आजकल शापित की भूमिका के लिए जमकर तैयारी कर रहे हैं और उसी तैयारी की वजह से वे अब जी टीवी के चर्चित रिअॅलिटी शो सारेगामापा से दूरी बनाने जा रहे हैं। वे दिल की बातें शेयर करते हैं, दरअसल शुरू से ही मेरा लक्ष्य बड़ा पर्दा रहा है और अब मुझे लगता है किसही वक्त आ गया है। यही वजह है कि मैंने सारेगामापा का अगला सीजन होस्ट न करने का निर्णय लिया है। अब मैं पूरी तरह अपना ध्यान फिल्मों पर केंद्रित कर रहा हूं। अपने लुक पर मेहनत कर रहा हूं और जिम भी जा रहा हूं। उल्लेखनीय है कि आदित्य नन्हीं उम्र में परदेस और जब प्यार किसी से होता है फिल्मों में ऐक्टिंग कर चुके हैं। वे हंसते हुए कहते हैं, उसी वक्त फिल्मों में काम करने की इच्छा जागी।
लोकप्रिय गायक उदित नारायण के बेटे आदित्य की अब अपनी पहचान बन चुकी है। वे बेहद खुश हैं। वे कहते हैं, इक्कीस साल की उम्र में अपने पैरों पर खड़ा होना बहुत बड़ी बात है। इस उम्र में युवा अपना करियर बनाने की सोचते भी नहीं हैं। मैंने अपनी कमाई से मकान और गाड़ी खरीद ली है। अपना एक स्टूडियो भी बना लिया है। पापा मेरी इस कामयाबी से बहुत खुश हैं। अब वे मुझे दोस्त की तरह ट्रीट करते हैं, लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि अपनी जिंदगी में कितनी भी तरक्की क्यों न कर लूं, पापा की बराबरी नहीं कर पाऊंगा! उनके जैसा बनना असंभव है। मैं उनके जैसा इनसान बन जाऊं, यही मेरे लिए काफी होगा।
सभी जानते हैं कि आदित्य ऐक्टर और होस्ट होने के साथ ही अच्छे गायक भी हैं। वे बचपन से ही गायकी की दुनिया में सक्रिय रहे हैं। बहुत कम लोग जानते होंगे कि वे लेखक भी हैं। आदित्य फरवरी में युनिवर्सल म्यूजिक कंपनी के बैनर तले अपना म्यूजिक एलबम आगाज लॉन्च करने जा रहे हैं। उन्होंने एलबम के सभी गीत खुद लिखे हैं। आदित्य बताते हैं, यह सच है कि मुझे लिखने का शौक है। आगाज एलबम इंटनेशनल मार्केट को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। उम्मीद है कि यह हर वर्ग के श्रोताओं को पसंद आएगा। वैसे, मैं आजकल एक फिल्म की स्क्रिप्ट भी लिख रहा हूं, लेकिन अभी उसके बारे में बात नहीं करूंगा।

Wednesday, January 14, 2009

माई नेम इज खान फ़िल्म से शाहरुख़-काजोल की पहली तस्वीरें


-रघुवेंद्र सिंह
मुंबई। १५ जनवरी। शाहरुख़ खान-काजोल की लोकप्रिय रोमांटिक जोड़ी करण जौहर की नयी फ़िल्म माई नेम इज खान में बेहद दिलचस्प अंदाज़ में दिखायी देगी। करण जौहर ने बुधवार को लॉस एंजिल्स से फ़िल्म की पहली तस्वीरें अपने फेसबुक अकाउंट में डाली। हम ये तस्वीरें ख़ास अपने पाठकों के लिए यहाँ दे रहे हैं।
ज्ञात हो, माई नेम इज खान न्यूयार्क में हुए ९/११ की घटना के बाद की कहानी पर बन रही है। इस फ़िल्म में शाहरुख़-काजोल पति-पत्नी की भूमिका में नज़र आयेंगे।

सिंकदर खेर ने साइन की सिन सिटी

मुंबई। चर्चित फिल्मकार महेश भट्ट की पत्नी सोनी राजदान यूटीवी मोशन पिक्चर्स की फिल्म सिन-सिटी का निर्देशन करने जा रही हैं। इस फिल्म में सिकंदर खेर और मुग्धा गोड्से मुख्य भूमिका में होंगे। सिन-सिटी की स्क्रिप्ट शगुफ्ता रफीक लिख रही हैं। वे अब तक वो लम्हे, आवारापन, धोखा, शोबिज और राज-द मिस्ट्री कंटीन्यूज फिल्मों की पटकथा लिख चुकी हैं। ज्ञात हो, सोनी राजदान ने 2005 में अस्मित पटेल और पाकिस्तान की एक्ट्रेस मीरा को लेकर फिल्म नजर बनायी थी। शगुफ्ता रफीक के मुताबिक, सिन-सिटी पुलिस महकमे के भ्रष्टाचार की कहानी है। सोनी राजदान को कहानी बहुत पसंद आयी। उन्होंने इसे निर्देशित करने का निर्णय लिया है। इसमें सिकंदर खेर और मुग्धा गोडसे को मुख्य भूमिका के लिए साइन किया गया है।
उल्लेखनीय है, बीते साल अनुपम खेर के बेटे सिकंदर खेर की पहली फिल्म वुडस्टॉक विला प्रदर्शित हुई थी। उसके बाद वे समर 2007 में नजर आए। अभिनेता सिकंदर खेर ने खबर की पुष्टि की। उन्होंने कहा, हां, सच है कि मैं सोनी राजदान के निर्देशन में बनने वाली फिल्म सिन सिटी कर रहा हूं।
-रघुवेंद्र सिंह

दिल की आवाज पर भरोसा करता हूं: अभय देओल | मुलाकात

अभय देओल सनी और बॉबी देओल से केवल अलग पहचान ही नहीं बना रहे हैं, बल्कि वे धीरे-धीरे मुख्यधारा की कॉमर्शिअॅल फिल्मों से अलग छोटे बजट की अर्थपूर्ण फिल्मों का हिस्सा बन रहे हैं। हाल ही में उनकी ऐसी ही फिल्म ओए लकी लकी ओए प्रदर्शित हुई। वे इस फिल्म में लकी चोर की दिलचस्प भूमिका में दिखे। फिल्म के प्रदर्शन के साथ ही अभय ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रखने की घोषणा की। उनकी होम प्रोडक्शन कंपनी फॉरबिडेन फिल्म्स की पहली फिल्म जंक्शन होगी। पिछले दिनों अभय से मुलाकात हुई। प्रस्तुत हैं, उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश..
ओए लकी लकी ओए में आपके काम की सराहना हुई। ऐसे रोल का चुनाव आप कैसे करते हैं?
फिल्म को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। मैं बहुत खुश हूं। यह फिल्म आम दर्शक और फिल्म समीक्षकों को बहुत पसंद आई। मेरे पास रोजाना अलग तरह की फिल्मों के प्रस्ताव आते हैं। मैं सबकी स्क्रिप्ट ध्यान से सुनता हूं, लेकिन स्वीकृति उसी को देता हूं, जिसे मेरा दिल कहता है। मैं रोल को दिल से जीता हूं और हमेशा अपने दिल की आवाज पर भरोसा करता हूं। कुल मिलाकर दिल से लिया गया मेरा एक और निर्णय सफल हुआ।
आपने सनी और बॉबी देओल की तरह कभी ऐक्शन फिल्में नहीं कीं और न ही कॉमर्शिअॅल फिल्में करते हैं। वजह..?
मैं कॉमर्शिअॅल फिल्में करने से डरता हूं। सच तो यह है कि मैं खुद को उन फिल्मों के लिए उपयुक्त नहीं समझता। यही वजह है कि उस तरह की फिल्में नहीं कर रहा हूं। मुझे सनी और बॉबी भैया की फिल्में अच्छी लगती हैं। उनकी फिल्मों को बड़ी संख्या में दर्शक भी मिलते हैं, लेकिन मैं खुश हूं कि अब मेरी फिल्मों यानी पैरेलल सिनेमा को भी खूब दर्शक मिल रहे हैं। वैसे, यह भी एक सच है कि हाल के दिनों में फार्मूला फिल्मों का बाजार गिरा है।
क्या आप तय करके आए थे कि सिर्फ छोटे बजट की फिल्में ही करेंगे?
मैं ऐसी कोई रणनीति बनाकर ऐक्टिंग में नहीं आया था। सब अपने-आप हुआ है। मेरी किस्मत अच्छी है कि आज मल्टीप्लेक्स आ गए हैं। मैं जिस तरह की फिल्में कर रहा हूं, उन्हें दर्शक मिल रहे हैं। शुरू में पैरेलल फिल्मों में काम करने के मेरे निर्णय के कारण न केवल परिवार के लोग डर गए थे, बल्कि सच तो यह है कि मैं खुद भी डरा हुआ था, लेकिन बाद में मुझे सफलता मिली, तो अब परिजन बहुत खुश हैं।
इतनी जल्दी आपने फिल्म निर्माण में आने का निर्णय कैसे ले लिया? आप कैसी फिल्में बनाएंगे?
मेरे मित्र अतुल सब्बरवाल ने मुझे एक कहानी सुनाई। मुझे कहानी इतनी पसंद आई कि उसे बनाने का निर्णय ले लिया। मैंने फिल्म निर्माण में आने की योजना नहीं बनाई थी। मेरे दिल ने कहा और मैं इसमें आ गया। फिल्म जंक्शन को अतुल निर्देशित करेंगे। उसमें मैं छोटी भूमिका में नजर आऊंगा। नायक की मुख्य भूमिका में दूसरे कलाकार हैं। मैंने अभी तय नहीं किया है कि मैं किस किस्म की फिल्मों का निर्माण करूंगा! वैसा करने से मैं सीमा में बंध जाऊंगा और यह मुझे पसंद नहीं है।
हाल में आपने ब्लॉग लिखना आरंभ किया है। किसी से प्रेरित हुए या आपको लेखन का शौक है?
मैं किसी से प्रेरित होकर ब्लॉग नहीं लिख रहा हूं। मुझसे फिल्म ओए लकी.. की निर्माता कंपनी यूटीवी ने ऐसा करने के लिए कहा। मुझे फिल्म के प्रचार का उनका यह तरीका अच्छा लगा और मैंने ब्लॉग लिखना शुरू कर दिया। मुझे ब्लॉगिंग का शौक नहीं है। हां, मुझे लिखने-पढ़ने का शौक जरूर है। मैं कविताएं लिखता हूं।
आपने ब्लॉग में लिखा है कि फिल्मों का प्रचार करना पसंद नहीं है। आपको नहीं लगता कि फिल्म का प्रचार ऐक्टर का महत्वपूर्ण काम है?
मुझे एक ही सवाल का बार-बार जवाब देना अच्छा नहीं लगता। मेरे हिसाब से ऐक्टर का काम है ऐक्टिंग करना। फिल्म का प्रचार करना निर्माता का काम है, लेकिन आज फिल्म के प्रचार में ऐक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। मैं इस बात को स्वीकार करता हूं, लेकिन दिल से कह रहा हूं कि मुझे फिल्मों का प्रचार करना अच्छा नहीं लगता।
चर्चा है कि अनुराग कश्यप को फिल्म देव डी बनाने का आइडिया आपने ही दिया था?
हां, मैंने ही अनुराग को यह फिल्म बनाने का आइडिया दिया था। उसमें देवदास बेहद आधुनिक अंदाज में दिखाई देगा। मेरी अगली फिल्म यही है।
-रघुवेंद्र सिंह

Monday, January 12, 2009

रावण में लक्ष्मण बनेंगे निखिल द्विवेदी | खबर

मुंबई। माई नेम इज एंथोनी गोंजाल्विस फेम अभिनेता निखिल द्विवेदी मणिरत्नम की चर्चित फिल्म रावण में लक्ष्मण की आधुनिक भूमिका में नजर आएंगे। ज्ञात हो, आजकल मणिरत्नम झांसी के निकट ओरछा स्थान पर दो हजार जूनियर कलाकारों के साथ रावण की शूटिंग कर रहे हैं।
यूनिट के एक सदस्य के मुताबिक, निखिल द्विवेदी ने 6 जनवरी को ओरछा में फिल्म की यूनिट को ज्वाइन किया। उन्हें फिल्म में लक्ष्मण की आधुनिक भूमिका के लिए साइन किया गया है। अभिषेक बच्चन की तरह उनका भी फिल्म में दिलचस्प लुक है। उन्हें लक्ष्मण की भूमिका के लिए अपने बाल एकदम छोटे करवाने पड़े हैं। उल्लेखनीय है, मणिरत्नम की फिल्म रावण में अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, गोविंदा, विक्रम, निखिल द्विवेदी, रवि किशन और तेजस्विनी कोल्हापुरे मुख्य भूमिकाओं में हैं। कहा जा रहा है कि यह मणिरत्नम के करियर की सबसे उल्लेखनीय फिल्म है। मणिरत्नम ने सभी कलाकारों से विस्तृत अनुबंध साइन करवाया है। कोई भी कलाकार रिलीज से पूर्व फिल्म की कहानी एवं अपनी भूमिका के बारे में बात नहीं कर सकता है। निखिल मणिरत्नम के साथ काम करके बेहद उत्साहित हैं।
-रघुवेंद्र सिंह

Sunday, January 11, 2009

मैंने संघर्ष नहीं देखा: कोंकणा सेन

कोंकणा शर्मा को अब तक साधारण, लेकिन दमदार और बेहद प्रभावी भूमिकाओं में देखा गया है। मिस्टर एंड मिसेज अय्यर, पेज थ्री, 15 पार्क एवेन्यू, ओंकारा, ट्रैफिक सिग्नल और मेट्रो उनकी ऐसी ही कुछ अविस्मरणीय फिल्में हैं। कोंकणा इन फिल्मों से मिली समृद्ध अभिनेत्री की अपनी पहचान से खुश भी हैं। कोंकणा अब ग्लैमरस भूमिकाओं का रूख कर रही हैं। जोया अख्तर की फिल्म लक बाई चांस को उनका पहला कदम माना जा रहा है। लक बाई चांस और भावी योजनाओं के बारे में बता रही हैं कोंकणा-
लक बाई चांस में आपने पहली बार ग्लैमरस भूमिका की है। क्या अब साधारण और ग्लैमर विहीन भूमिकाओं से उब चुकी हैं?
ऐसी बात नहीं है। मैं पहले न तो सोच-विचार कर ग्लैमर विहीन भूमिकाएं कर रही थी और न अब रणनीति बनाकर ग्लैमरस भूमिकाएं करने जा रही हूं। ये तो निर्माताओं से पूछना पड़ेगा कि वे पहले मुझे ग्लैमरस भूमिकाएं क्यों नहीं दे रहे थे? मैं तो ऐसी भूमिकाएं पाकर बहुत खुश हूं। मैं इसे अपना सौभाग्य मानती हूं।
तब्बू और करीना इस फिल्म में काम करने से मना कर चुकी थीं। फिर आपने कैसे स्वीकृति दे दी?
मुझे लक बाई चांस की स्क्रिप्ट बहुत अच्छी लगी। दरअसल, जोया की यह फिल्म हमारी यानी फिल्म इंडस्ट्री की कहानी है। इसमें दिखाया गया है कि यहां टैलेंट ही सब कुछ नहीं होता। थोड़ा-बहुत लक का होना भी जरूरी है। तभी आप स्टार बन सकते हैं। जोया ने तीन-चार साल पहले इस फिल्म की कहानी लिखी थी और मुझे ये जानकारी भी थी कि तब्बू और करीना इस फिल्म के लिए ना कह चुकी हैं, लेकिन मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा। मैं इस फिल्म का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं।
आप एक्ट्रेस की भूमिका निभा रही हैं। आपकी रीयल लाइफ से यह भूमिका कितना मेल खाती है?
सच है कि मैं इस फिल्म में एक्ट्रेस की भूमिका निभा रही हूं, लेकिन उसका मेरी रीयल लाइफ से कोई नाता नहीं है। मैं इसमें कानपुर की लड़की सोना मिश्रा बनी हूं। वह बहुत महत्वाकांक्षी है। वह एक्ट्रेस बनना चाहती है। अपने लक्ष्य के लिए वह संघर्षरत भी है। उसके सपने पूरे होते हैं या नहीं, यही उसकी जर्नी है। मुझे अपनी लाइफ में संघर्ष नहीं करना पड़ा था। मुझे कॉलेज के दौरान ही दो बंगाली फिल्मों में काम करने का मौका मिल गया और कॉलेज की पढ़ाई खत्म होते ही मिस्टर एंड मिसेज अय्यर में काम किया। उस फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। मैंने संघर्ष देखा ही नहीं है।
इसमें आपके नायक फरहान अख्तर हैं। उनके साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
फरहान बहुत अच्छे निर्देशक हैं, यह बात हम सबको पता थी। उन्होंने रॉक ऑन से साबित कर दिया कि वे बहुत अच्छे एक्टर और सिंगर भी हैं। मैंने उनके साथ काम करते हुए बहुत सहज महसूस किया। वे बहुत हेल्पफुल रहे। वे फिल्म निर्माण की विधा से अच्छी तरह परिचित हैं इसलिए वे सबकी सुविधानुसार अपना काम करते थे।
बतौर निर्देशक यह जोया की पहली फिल्म है। उनकी फिल्म साइन करते समय आप झिझकीं नहीं?
नहीं। मैंने पहले भी बहुत सारे नए निर्देशकों के साथ काम किया है। जोया को मैं काफी समय से जानती हूं। वे अनुभवी हैं। वे इस फिल्म की लेखक भी हैं और एक लेखक अपनी कहानी को अच्छे तरीके से पर्दे पर उतार पाता है। मुझे उनके साथ काम करके मजा आया।
इस साल आप किन-किन फिल्मों में दिखेंगी? क्या अपेक्षाएं हैं नए साल से?
लक बाई चांस के बाद इस साल मेरी अयान मुखर्जी की रणबीर कपूर के साथ वेक अप सिद, नीरज पाठक की राइट या रांग, रितुपर्णो घोष की सनग्लास और विनोद मित्रा की मेरीडियन फिल्में आएंगी। हाल में मेरी छोटे बजट की फिल्म द प्रेसीडेंट इज कमिंग प्रदर्शित हुई। मैं हमेशा कुछ नया करने में विश्वास करती हूं। इस साल मेरी ऐसी ही फिल्में प्रदर्शित होंगी, जिनमें दर्शक मुझे जुदा अंदाज में देखेंगे।
-रघुवेंद्र सिंह

इच्छा जैसी बहुत सी लड़कियां है:स्पर्श

सच है कि स्पर्श के सादगीपूर्ण दमदार अभिनय ने कलर्स चैनल के धारावाहिक उतरन को बहुत कम समय में लोकप्रिय बना दिया है। नन्हीं स्पर्श उतरन की इच्छा, अपने शरारती बचपन और आने वाले कल की योजनाओं के बारे में बता रही हैं-
[इच्छा से अलग हूं]
मैं और इच्छा एक-दूसरे के विपरीत हैं। हमारे बीच कोई समानता नहीं है। मैं अमीर परिवार की लड़की हूं। मैं मुंबई के अंबरनाथ स्थित केंद्रीय विद्यालय में कक्षा चार की छात्रा हूं। मुझे शतरंज खेलना अच्छा लगता है। इच्छा दूसरों की सहानुभूति पर जी रही है। हां, मासूमियत हम दोनों में एक जैसी है। मैंने अपने घर के पास इच्छा जैसी बहुत लड़कियों को देखा है। इस कारण मैं इच्छा का किरदार निभा पायी।
[पढ़ाई में अव्वल हूं]
मैं एक्टिंग के साथ पढ़ाई पर भी खूब ध्यान देती हूं। मैं सेट पर अपनी किताबें लेकर जाती हूं। फुरसत मिलते ही पढ़ाई करने बैठ जाती हूं। मैं पढ़ाई में बहुत अच्छी हूं। मैंने अब तक सभी कक्षाएं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की हैं। मेरी मम्मी टीचर हैं और पापा आर्मी ऑफिसर हैं। वे दोनों पढ़ाई के मामले में बहुत सख्त हैं। वे मुझे समझाते रहते हैं कि अभी मेरे लिए पढ़ाई ज्यादा जरूरी है। जब मैं पढ़ाई की तरफ ध्यान नहीं देती हूं तो वे मुझे बहुत डांटते हैं और जब गुस्सा हो जाती हूं तो प्यार से समझाते हैं।
[एक्टिंग मेरा शौक है]
मुझे एक्टिंग करना अच्छा लगता है इसलिए यह काम कर रही हूं। हालांकि मम्मी-पापा ने मुझे एक्टिंग करने के लिए प्रेरित किया। मम्मी ही मुझे उतरन के ऑडिशन में लेकर गई थीं। मुझे अंदाजा नहीं था कि मैं इतनी जल्दी पॉपुलर हो जाऊंगी। लोग मुझे पहचानने लगेंगे। रिश्तेदार, पड़ोसी और फ्रेंड सभी मेरे काम की सराहना करते हैं। मैं अमिताभ अंकल, शाहिद भैया और हेमा आंटी जैसे बड़े सितारों के साथ काम जरूर करना चाहती हूं।
[पैसे का हिसाब नहीं रखती]
मैं सिर्फ एक्टिंग पर ध्यान देती हूं। मुझे पता ही नहीं है कि मेहनताने के तौर पर मुझे कितने पैसे मिलते हैं। पैसों का हिसाब मम्मी रखती हैं। मुझे जब जिस चीज की जरूरत होती है, वे ही लाकर दे देती हैं। दरअसल, मैं अपने मम्मी-पापा की इकलौती बेटी हूं इसलिए वे मुझे बहुत प्यार करते हैं। मेरी हर ख्वाहिश पूरी करते हैं। वैसे, बता दूं कि मैं पैसों के लिए एक्टिंग नहीं कर रही हूं। मैं इस क्षेत्र में अपना भविष्य भी नहीं देखती।
[उतरन के बाद]
मैं बड़ी होकर आईएएस अधिकारी बनना चाहती हूं। अपने देश के लिए ऐसा काम करना चाहती हूं कि मेरे मम्मी-पापा मुझ पर गर्व करें। मैं आईएएस अधिकारी बनकर गरीबों की सहायता करूंगी। उसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी इसलिए मैंने तय किया है कि उतरन खत्म होने के बाद मैं एक्टिंग नहीं करूंगी। मैं जी-जान से पढ़ाई करूंगी और अपने इस सपने को सच साबित करके दिखाऊंगी।

प्रियंका के नक्शेकदम पर करीना

फैशन और दोस्ताना की कामयाबी के बाद प्रियंका चोपड़ा शीर्ष अभिनेत्रियों के लिए भी प्रेरणा बन गई हैं। उनकी अदाकारी और हुस्न का ऐसा डंका बजा है कि उनकी चार साल पुरानी दुश्मन करीना कपूर तक उनके नक्शेकदम पर चलने से खुद को नहीं रोक पायी हैं। जी हां, मधुर भंडारकर की फैशन में मॉडल की चुनौतीपूर्ण भूमिका निभाकर सराहना बटोरने वाली प्रियंका की भांति अब करीना साजिद नाडियाडवाला की अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म कमबख्त इश्क में सुपरमॉडल की भूमिका निभाती नजर आएंगी। हालांकि उनका किरदार प्रियंका के फैशन के किरदार से थोड़ा अलग है।
प्रियंका जहां छोटे शहर से मुंबई मॉडल बनने आती हैं, वहीं करीना अंतरराष्ट्रीय स्तर की मॉडल बनने का संघर्ष करती दिखेंगी। करीना आजकल अपनी भूमिका के लिए खूब मेहनत करने में जुटी हैं। दरअसल, करीना हर हालत में खुद को प्रियंका से बेहतर साबित करना चाहती हैं। वह नहीं चाहतीं कि फिल्म के प्रदर्शन के बाद जब उनकी तुलना उनकी दुश्मन प्रियंका से हो, तो वह किसी भी मामले में कम साबित हों।
यही वजह है कि करीना ने अपने रोल की डिमांड पर अपने चर्चित साइज जीरो तक का त्याग कर दिया है और आजकल वह अपना वजन जोर-शोर से बढ़ाने में जुटी हैं। दिलचस्प बात यह है कि करीना की नजर में प्रियंका एक्ट्रेस नहीं हैं। उन्हें एक्टिंग नहीं आती। वह सिर्फ खूबसूरत गुड़िया भर हैं। यही वजह है कि दर्शक उन्हें देखना पसंद करते हैं। करीना केवल काजोल और खुद को एक्ट्रेस मानती हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि करीना खुद को प्रियंका से बेहतर साबित करने में कितना सफल होती हैं। गौरतलब है कि कमबख्त इश्क में करीना के अपोजिट है अक्षय कुमार। इसकी फिल्म की खास बात है यह है कि द व‌र्ल्ड इज नॉट इनफ से शोहरत हासिल करने वाली बांड गर्ल डेनिस रिच‌र्ड्स एवं हॉलीवुड अभिनेता सिल्वेस्टर स्टायलोन भी संक्षिप्त भूमिका निभा रहे है। यह फिल्म मई में रिलीज होने की संभावना है।
[रघुवेंद्र सिंह]

Friday, January 9, 2009

बहादुरी के लिए मिला था राष्ट्रपति पुरस्कार: मुजम्मिल इब्राहिम/बचपन

सुपरमॉडल मुजम्मिल इब्राहिम का बचपन कश्मीर की खूबसूरत वादियों में बीता है। वे पहले मॉडलिंग और अब एक्टिंग व‌र्ल्ड में तेजी से पहचान बना रहे हैं। फिल्म 'धोखा' और 'हॉर्न ओके प्लीज' में अभिनय करने वाले मुजम्मिल अपने बचपन की सुनहरी यादों को पाठकों से बांट रहे हैं-
[बचपन से था होनहार]
मैं बचपन से होनहार रहा हूं। मैंने हमेशा सबका प्यार पाया है। इसकी सबसे बड़ी वजह मेरा व्यवहार और नेक काम थे। मुझे दस साल की उम्र में राष्ट्रपति के हाथों बहादुरी का पुरस्कार मिला था। मैंने नदी में डूबते हुए एक बच्चे की जान बचाई थी। अब तक मुझे कुल 57 पुरस्कार मिल चुके हैं। मुझे स्कूल में हमेशा ही सबसे अनुशासित छात्र का पुरस्कार दिया जाता था। मेरा रूम प्रमाणपत्रों और पुरस्कारों से सजा हुआ है।
[बुरी लगती थी नसीहतें]
मैं बचपन में ज्यादा शरारतें नहीं करता था। अपनी पढ़ाई और खेल में व्यस्त रहता था। मेरी पढ़ाई एक कान्वेंट स्कूल में हुई है। मैं स्कूल का होनहार छात्र था। मम्मी-पापा मुझे हमेशा समझाते रहते थे। वे मुझे नसीहतें देते रहते थे। उस वक्त उनकी वह बातें बहुत बुरी लगती थीं, लेकिन आज उन बातों का मोल समझ आता है। मेरे मम्मी-पापा ने कभी मुझ पर हाथ नहीं उठाया। उनकी नसीहतों की देन है जो आज मैं अच्छे रास्ते पर चल रहा हूं और हर तरह की बुराई से दूर हूं।
[मम्मी के अधिक करीब रहा]
मैं शुरू से अपनी मम्मी के अधिक करीब रहा हूं। उन्हें मैं सबसे अधिक प्यार करता हूं। उनके बिना मैं एक दिन भी नहीं रह सकता। मैं मम्मी के लिए कुछ भी कर सकता हूं। मुझे याद है। मैं नौवीं कक्षा में था। किसी ने मम्मी के नाम पर शर्त लगा दी। मुझे बिना रस्सी को छुए हुए झील पार करनी थी। मैंने अपनी मम्मी के लिए वह भी किया। मैं आज भी सब कुछ अपनी मम्मी के लिए ही करता हूं।
[सोचा नहीं था एक्टर बनूंगा]
मैं पढ़ने में होनहार था, इसलिए मेरे मम्मी-पापा चाहते थे कि मैं बड़ा होकर इंजीनियर बनूं। मैं भी जी-जान से मम्मी-पापा के सपनों को पूरा करने में लगा रहा, लेकिन नसीब मॉडलिंग और फिर अब एक्टिंग में लेकर आ गया है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं बड़ा होकर एक्टर बनूंगा। हां, मेरे फ्रेंड जरूर कहते थे कि तुम्हे एक्टिंग में जाना चाहिए।
[याद आता है बचपन]
मैं बचपन को बहुत मिस करता हूं। दोस्तों के साथ बिताए खंट्टे-मीठे पल याद करता हूं तो दिल करता है कि फिर से उन्हीं दिनों में चला जाऊं। कश्मीर का सुनहरा मौसम, वहां का खाना, दोस्तों के साथ खेले खेल; मैं सबको मिस करता हूं। मुझे याद नहीं कि आखिरी बार मैंने कब कोई खेल खेला था। अब सारे दोस्त बिछड़ चुके हैं। अपनी-अपनी नौकरियों और जिंदगियों में व्यस्त हैं!
-रघुवेंद्र सिंह

Thursday, January 8, 2009

सलामत रहे आमिर सलमान का दोस्ताना

-रघुवेंद्र सिंह
सलमान खान और आमिर खान का दोस्ताना देखकर आजकल हर कोई यही कह रहा है कि भाई, दोस्ती हो तो सलमान-आमिर जैसी। इन दिनों कोई उनकी दोस्ती की मिसाल दे रहा है, तो कोई कसमें खा रहा है। हम बता दें, सलमान और आमिर की दोस्ती चौदह साल पहले फिल्म अंदाज अपना अपना की शूटिंग के दौरान हुई थी और पिछले दिनों आमिर की फिल्म गजनी के प्रदर्शन के वक्त प्रकाश में आई। इन दोनों के साथ हाल में दिलचस्प बातचीत भी हुई। प्रस्तुत हैं, उसके प्रमुख अंश..
इडियट किसने कहा..?
सर्वविदित है कि सलमान खान बेहद गुस्सैल स्वभाव के हैं। उन्हें छोटी-छोटी बातों पर बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है। उनके गुस्से का कहर जब बरपता है, तब सारी दुनिया तमाशा देखती है, लेकिन यह क्या? आमिर खान ने तो उन्हें पिछले दिनों इडियट यानी बेवकूफ कह दिया! वह भी फिल्म इंडस्ट्री का इडियट नंबर दो। सलमान को इस बात की जानकारी जब दी गई, तो उनकी भौंहें तन गई। उन्होंने गुर्राते हुए पूछा, किसने मुझे इडियट कहा? जब बताया गया कि आमिर ने ऐसा कहा है, तो उनका गुस्सा तुरंत गायब हो गया और उनके चेहरे पर मीठी मुस्कान दौड़ गई। उन्होंने खुद को इडियट स्वीकार करते हुए कहा, आमिर भी पता नहीं क्या-क्या बोलते रहते हैं। यदि वे ऐसा कहते हैं, तो सच ही होगा!
असली सुपर स्टार कौन?
इन दिनों फिल्म इंडस्ट्री में यह बहस छिड़ी हुई है कि कौन असली सुपर स्टार है? आमिर खान का कहना है, वैसे तो सबकी अपनी-अपनी राय हो सकती है, लेकिन मैं सलमान को असली सुपर स्टार मानता हूं। मुझे याद है, जब हम अंदाज अपना अपना की शूटिंग कर रहे थे, तब वे हमेशा सेट पर दोपहर को आते थे, जबकि यूनिट के अन्य लोग सुबह ही आ जाते थे। ऐसा एक सुपर स्टार ही कर सकता है। हम तो मजदूर हैं। आमिर के दोस्त सलमान इस बात से खुश हो गए। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, मैं आमिर को उम्दा ऐक्टर मानता हूं। मैंने उनकी फिल्म गजनी देखी है। उन्होंने अच्छा काम किया है।
पेंटिंग ने किया कमाल
सलमान खान अच्छे पेंटर हैं, यह बात सारी दुनिया जानती है, लेकिन आमिर को इस बात पर यकीन नहीं था। वे सलमान को अच्छा पेंटर मानने के लिए तैयार नहीं हुए, इसीलिए दूसरी ओर सलमान ने मित्र को अपनी प्रतिभा पर यकीन दिलाने के लिए उनकी दो पेंटिंग्स बना दी, जो फिल्म गजनी के आमिर के लुक से प्रेरित थी। आमिर ने जब वह पेंटिंग देखी, तो उनकी प्रतिक्रिया कुछ ऐसी थी, सलमान कमाल के आर्टिस्ट हैं, इसे मैं उनकी पेंटिंग देखने के बाद मान गया। पहले मुझे उनकी प्रतिभा पर संदेह था। सलमान आमिर के इन शब्दों को सुनकर बेहद खुश हुए। उन्होंने प्रतिक्रिया में कहा, मैंने बहुत मेहनत से उनके लिए पेंटिंग बनाई थी। मुझे खुशी है कि वे उन्हें पसंद आई।
फिर साथ दिखेंगे आमिर-सलमान
सलमान खान और आमिर खान की रियल लाइफ केमिस्ट्री आजकल अच्छी हो चुकी है। अब इस केमिस्ट्री को दोनों बड़े पर्दे पर भी देखने के लिए इच्छुक हैं। दोनों आजकल मिलकर राजकुमार संतोषी को मनाने में जुटे हुए हैं कि वे अंदाज अपना अपना का सिक्वल बनाएं। हाल में सलमान और आमिर संतोषी से मिले। सलमान ने बताया, मैं आमिर के साथ काम करना चाहता हूं। वे भी ऐसा चाहते हैं। हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि उस फिल्म का सिक्वल बने। हालांकि उस फिल्म में मैं अब पहले की तरह यंग तो नहीं दिखूंगा, लेकिन हां, उह और आउच जरूर करूंगा..।

Wednesday, January 7, 2009

रहमान ने मनाया अनूठे अंदाज में जन्मदिन

मुंबई। प्रसिद्ध संगीतकार ए आर रहमान ने बीती शाम अपना 42वां जन्मदिन यहां चर्चित फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर के म्यूजिक रिलीज के साथ सेलीब्रेट किया। वे चेन्नई से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए यहां फिल्म की टीम एवं मीडिया के साथ सीधे जुड़े। डैनी बॉयल निर्देशित स्लमडॉग मिलियनेयर का संगीत ए आर रहमान ने तैयार किया है। रहमान को इस फिल्म में बेहतरीन संगीत देने के लिए गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड के लिए नामांकित किया गया है। यहां म्यूजिक रिलीज के मौकेपर फिल्म के कलाकार अनिल कपूर, इरफान खान, फिल्म की सह-निर्देशक लवलीन टंडन, टी-सीरिज प्रमुख भूषण कुमार और फॉक्स स्टार स्टूडियो के सीईओ विजय सिंह उपस्थित थे।
चेन्नई से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत में ए आर रहमान ने कहा, मेरे लिए आज का दिन बेहद खास है। आज मैं 42 साल का हो गया हूं और आज ही स्लमडॉग मिलियनेयर का संगीत रिलीज किया जा रहा है। इस फिल्म के लिए मुझे गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड के लिए नामांकित किया गया है। मैं आज रात लॉस एंजिल्स के लिए रवाना हो रहा हूं। उम्मीद कर रहा हूं कि मैं यह पुरस्कार जीतूंगा और भारत को गौरवान्वित करूंगा। रहमान ने आगे कहा, चूंकि मुहर्रम चल रहा है इसलिए मैं नॉनवेज नहीं खा सकता हूं। यही वजह है कि मैं बहुत साधारण तरीके से अपना जन्मदिन सेलीब्रेट कर रहा हूं। डैनी बॅायल के साथ काम करने का अनुभव बांटते हुए रहमान ने कहा, डैनी मेरे मित्र हैं। उनके साथ काम करने का अनुभव शानदार रहा।
उल्लेखनीय है, स्लमडॉग मिलियनेयर को अब तक कई शहरों के फिल्म समीक्षकों और समारोहों के पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। खास बात यह है कि भारत में यह फिल्म आगामी 23 जनवरी को अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी रिलीज हो रही है। हिंदी में इसका नाम स्लमडॉग करोड़पति होगा।
-रघुवेंद्र सिंह

Tuesday, January 6, 2009

झलक दिखला जा में जज बनेंगी जूही

मुंबई। लोकप्रिय अभिनेत्री जूही चावला भी अब छोटे पर्दे का रुख करने जा रही हैं। वे जल्द ही सोनी चैनल के रियलिटी शो झलक दिखला जा-3 में जज की भूमिका में नजर आएंगी। सूत्रों के मुताबिक, झलक दिखला जा-3 के लिए जूही चावला ने स्वीकृति दे दी है, जबकि संजय लीला भंसाली और सरोज खान से अभी बातचीत चल रही है। जल्द ही इन सभी के नाम की औपचारिक घोषणा की जाएगी। फिलहाल, शो के लिए प्रतियोगियों का चुनाव किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है, गत 28 वर्षो से फिल्मों में सक्रिय जूही चावला का यह पहला टीवी शो है। उनके मैनेजर संजय ने इस संदर्भ में कहा, सच है कि झलक दिखला जा की टीम से हमारी बातचीत चल रही है। बहुत जल्द इस बारे में जानकारी दी जाएगी। वैसे, जूही चावला इस माह के अंत में प्रदर्शित हो रही फिल्म लक बाई चांस में एक दिलचस्प भूमिका में नजर आएंगी।
-रघुवेंद्र सिंह

Monday, January 5, 2009

जस्ट आपके लिए से रवीना की वापसी

मुंबई। लोकप्रिय अभिनेत्री रवीना टंडन साउथ की महिला निर्देशक रेवती एस वर्मा की हिंदी फिल्म जस्ट आपके लिए से एक बार फिर बड़े पर्दे पर वापसी करने जा रही हैं। वे इस फिल्म में वकील की दमदार भूमिका में नजर आएंगी। उल्लेखनीय है, जस्ट आपके लिए रेवती एस वर्मा की तमिल भाषा में बनी चर्चित फिल्म जून आर का हिंदी रीमेक है। वर्ष 2005 में आयी जून आर में साउथ के सुपर स्टार सूर्या और लोकप्रिय अभिनेत्री ज्योतिका प्रमुख भूमिका में थे। रवीना टंडन अभिनेत्री खूशबू द्वारा निभायी गयी भूमिका को निभाती दिखेंगी। उनके अतिरिक्त फिल्म में जया बच्चन और आएशा टाकिया भी हैं।
रवीना टंडन जस्ट आपके लिए से अपनी वापसी को लेकर बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने खबर की पुष्टि करते हुए कहा, सच है कि मैं रेवती वर्मा की फिल्म साइन करने जा रही हूं। मैं फिल्म में वकील की भूमिका निभा रही हूं। मैं इस साल दो-तीन अन्य फिल्में साइन कर रही हूं। मैंने तय किया है कि अब मैं कोई टीवी शो नहीं करूंगी। उल्लेखनीय है, जस्ट आपके लिए का निर्माण कैटरीना कैफ के मेकअप आर्टिस्ट सुभाष सिंह के हरिओम साईं प्रोडक्शन के बैनर तले हो रहा है। उन्होंने बताया कि सूर्या की भूमिका के लिए जॉन अब्राहम और बॉबी देओल से बात चल रही है। यह फिल्म फरवरी माह के अंत तक शूटिंग फ्लोर पर जाएगी। वे बहुत जल्द फिल्म की स्टार कास्ट की औपचारिक घोषणा करेंगे।
-रघुवेंद्र सिंह

भारत में फिल्म निर्माण के गुर सिखाएंगे रिक बैनेट

मुंबई। हॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक रिकबैनेट अब हिंदुस्तान में लोगों को फिल्म निर्माण और अभिनय के गुर सिखाएंगे। वे बीती शाम यहां कीओन इंटरनेशनल फिल्म अकादमी के लांच समारोह में उपस्थित थे। रिक इस संस्थान से बतौर प्रोग्राम डिजायनर जुड़े हैं। उनकी देख-रेख में ही यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की नामचीन शख्सियतों द्वारा छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा। रिक बैनेट ने बातचीत में कहा, भारत विश्व में सर्वाधिक फिल्मों का निर्माण करता है। हम यहां के लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की फिल्म निर्माण की विधा सिखाएंगे। आगामी मार्च माह से छात्र यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। रिक बैनेट ने आगे कहा, मैं हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कुछ लोगों के संपर्क में हूं। एक फिल्म और टीवी शो के निर्माण के लिए मेरी बातचीत चल रही है। उल्लेखनीय है, रिक बैनेट अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त टोरंटो फिल्म स्कूल के भी प्रोग्राम डिजायनर हैं। वे बैलेंस ऑफ पॉवर और होस्टेज फॉर ए डे जैसी फिल्मों के निर्देशन के लिए जाने जाते हैं।
-रघुवेंद्र सिंह

Sunday, January 4, 2009

हर क्षेत्र में खुद को साबित करना चाहता हूं: फरहान अख्तर

[रघुवेंद्र सिंह]
फरहान बेहद खुश हैं और उत्साहित भी, लेकिन उनकी दुनिया यहीं सीमित नहीं होती। आज कल फरहान एनडीटीवी इमेजिन के एंटरटेनमेंट शो ओए इट्स फ्राइडे में मेजबान की भूमिका में नजर आ रहे हैं। प्रस्तुत है, फरहान अख्तर से ओए इट्स फ्राइडे के अनुभव और उनकी आगामी फिल्म लक बाई चांस के संदर्भ में बातचीत-
ओए इट्स फ्राइडे की खासियतों को किन शब्दों में बयान करेंगे?
इस शो का कोई फॉरमैट नहीं है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यही है। यह पहला यूथ ओरिएंटेड एंटरटेनमेंट शो है। इसका एकमात्र उद्देश्य दर्शकों का मनोरंजन करना है।
आप शो से कब तक जुड़े रहेंगे? भविष्य में किन क्षेत्र के लोगों को आपके शो पर देख सकते हैं?
मेरी जब तक इच्छा होगी, मैं शो से जुड़ा रहूंगा। अपनी फिल्मों की शूटिंग की व्यस्तता की वजह से मैं इसे बीच में छोड़ भी सकता हूं। मेरी गैर मौजूदगी में इसे कोई अन्य सेलीब्रिटी होस्ट करेगा। बाद में मैं दोबारा शो में वापस आ जाऊंगा। प्रोडक्शन टीम को मुझ पर और मुझे उन पर पूरा भरोसा है। हमारी आपस की समझ बहुत अच्छी है।
आपकी फिल्म लक बाई चांस कब तक प्रदर्शित होगी? उसमें आप किस अंदाज में दिखेंगे?
लक बाई चांस जनवरी के अंत तक प्रदर्शित होगी। उसे मेरी बहन जोया अख्तर ने निर्देशित किया है। मैं उस फिल्म को लेकर बहुत उत्साहित हूं। उस फिल्म में मैं रॉक ऑन से बिल्कुल जुदा अंदाज में नजर आऊंगा। उसमें मेरा लुक भी अलग है। मेरे ओपोजिट कोंकणा सेन शर्मा हैं। हमारे अतिरिक्त फिल्म में रितिक रोशन, जूही चावला, ईशा शरवानी, डिंपल कपाडि़या की भी दिलचस्प भूमिका है।
भावी योजनाएं क्या हैं? अपने निर्देशन में बनने वाली नई फिल्म की घोषणा कब तक करेंगे?
फिलहाल, मैं लक बाई चांस के प्रदर्शन का इंतजार कर रहा हूं।

Friday, January 2, 2009

सब मुझ पर बहुत गुस्सा हुए: तनुश्री दत्ता/बचपन

[रघुवेंद्र सिंह]
तनुश्री दत्ता झारखंड के जमशेदपुर शहर में पली-बढ़ी हैं। बचपन से तेज-तर्रार और महत्वाकांक्षी तनुश्री ने मिस इंडिया और फिर हिंदी फिल्मों की हसीन दुनिया तक का सफर तय किया। उन्हें 'ब्रेन विद ब्यूटी' कहा जाता है। वे यहां सप्तरंग के पाठकों से अपने बचपन की सुनहरी यादों को बांट रही हैं-
[बहुत डरती थी माँ से]
नन्हीं उम्र में मैं बहुत शरारतें करती थी। इसी वजह से मुझे मम्मी की खूब डांट पड़ती थी। वे मुझे पढ़ाई करने के लिए कहती थीं और मैं खेलने के लिए आतुर रहती थी। मैं अपनी माँ को खुश रखने के लिए ही पढ़ाई करती थी। मैं पहली से दसवीं तक हमेशा अपनी कक्षा में फ‌र्स्ट आयी। यदि छमाही परीक्षा में मेरे अंक कम आते थे तो मेरी रात की नींद गायब हो जाती थी, क्योंकि फिर दोस्तों के साथ बाहर जाकर छुंट्टी मनाने की परमिशन नहीं मिलती।
[हमेशा अव्वल रही पढ़ाई में]
मैं पढ़ने में शुरू से तेज थी। आपको यकीन नहीं होगा, मुझे विलियम शेक्सपियर के उपन्यासों के संवाद पेज नंबर के साथ याद रहते थे। मेरे पसंदीदा विषय हिंदी, इतिहास और जीवविज्ञान थे। मैं पढ़ाई के साथ खेलकूद एवं स्कूल-कॉलेज की अन्य प्रतियोगिताओं में खूब हिस्सा लेती थी। खेल में मुझे टेबल टेनिस और ट्रैकिंग पसंद था। मैंने वाद-विवाद, कविता लेखन, डांस आदि की प्रतियोगिताओं में ढेरों पुरस्कार जीते हैं।
[वे पल नहीं भूलूंगी]
मैंने ग्रेजुएशन पूना के सी.सी. कॉलेज से किया है। वहां मैं हॉस्टल में रहती थी। हॉस्टल की एक शरारत मैं आज तक नहीं भूल पायी हूं। 26 जनवरी के दिन हम सभी को सुबह ही तैयार होकर परेड के लिए ग्राउंड में पहुंचना होता था। मैं 25 जनवरी की रात दो बजे अपने दोस्तों के साथ बाहर से आयी। मुझे शरारत सूझी और मैंने उसी वक्त सभी सीनियरों को जगा दिया और कहा कि सुबह हो गई है। सभी नहा-धोकर तुरंत तैयार हुए और ग्राउंड में पहुंच गए। वहां कुछ देर खड़े होने के बाद सभी को एहसास हुआ कि अरे, अभी तो काफी रात है। सब मुझ पर बहुत गुस्सा हुए, लेकिन मैं दोस्तों के साथ खूब हंसी।
[बड़ी होकर खुश हूं]
जब मैंने 2004 में मिस इंडिया का खिताब जीता, तब मुझे पहली बार एहसास हुआ कि मैं बड़ी हो गई हूं। अब मैं पहले की तरह कोई भी गैर जिम्मेदाराना हरकत नहीं कर सकती। जिम्मेदारियां आते ही मेरा बचपन मुझसे पीछे चला गया, लेकिन मैं बड़ी होकर खुश हूं। अब मैं अपना हर मनचाहा काम कर सकती हूं। कभी-कभी बचपन मिस करती हूं, क्योंकि मैं भी इंसान हूं।
[जी भर के जीएं बचपन]
मैंने अपना बचपन खूब एंज्वाय किया। मैं बच्चों से कहूंगी कि वे बचपन के एक भी पल को जाया न करें। अपने माता-पिता की इज्जत करें और उनकी हर बात मानें, क्योंकि वे आपके हित के लिए ही डांटते या फिर आप पर हाथ उठाते हैं। ऐसा काम करें कि आपके माता-पिता का सिर समाज में गर्व से ऊंचा हो जाए। मन लगाकर पढ़ाई करें और सोच-समझकर ही अपना कॅरियर चुनें!

Thursday, January 1, 2009

उनका प्यार ही मेरी ऊर्जा है: विद्या बालन/जन्मदिन 1 जनवरी पर विशेष

-रघुवेंद्र सिंह
सहज और सरल स्वभाव वाली अभिनेत्री विद्या बालन मुस्कराहट को अपना अमूल्य गहना मानती हैं। वे हमेशा प्रसन्न रहती हैं और अपने इर्द-गिर्द के लोगों को भी प्रसन्न देखने की इच्छा व्यक्त करती हैं। आज विद्या जीवन के नए वर्ष में प्रवेश कर रही हैं। अपने जन्मदिन के मौके पर वे अपने व्यक्तित्व के कुछ अलग पहलुओं से रूबरू करा रही हैं इस मुलाकात में..।
सबसे जुदा हूं: मैं बहुत इमोशनल लड़की हूं। हर बात दिल से सोचती हूं और इसीलिए मैं लोगों को जज भी दिल से ही करती हूं। यही वजह है कि मैं अक्सर लोगों को पहचानने में धोखा खा जाती हूं। पापा कहते रहते हैं, विद्या अब प्रैक्टिकल हो जाओ, लेकिन मैं खुद को बदल नहीं पाती। यह समस्या है, लेकिन क्या करूं! मैं ऐसी ही हूं। मेरे इस स्वभाव की वजह से ही शायद लोग मुझे पसंद करते हैं और प्यार भी करते हैं।
प्रतिस्पर्धा नहीं रखती: मैं जिंदगी अपने तरीके से जीती हूं। किसी से प्रतिस्पर्धा नहीं रखती। मेरी प्रतिस्पर्धा खुद से रहती है। मैं हमेशा खुद से आगे निकलने की होड़ में रहती हूं। यदि आप किसी से प्रतिस्पर्धा का भाव रखते हैं, तो आपके मन में उसके प्रति मैल आ जाता है। मैं शांत स्वभाव की हूं। अपना काम ईमानदारी से करती हूं और भगवान में विश्वास करती हूं। मेरा मानना है कि किस्मत में जो भी लिखा होगा, उसे मुझसे कोई नहीं छीन सकता।
मेहनत से पाया सब कुछ: मैंने अपनी पहचान बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है। किसी की मदद नहीं ली। हम पांच धारावाहिक के बाद मुझे नहीं लग रहा था कि कोई फिल्मों में काम देगा! मैं निराश हुई थी, लेकिन उस वक्त भी हिम्मत नहीं हारी। मैं लगातार प्रयास करती रही। प्रदीप दादा का साथ मिला और अपनी मंजिल की तरफ बढ़ चली। पहली फिल्म परिणीता से ही दर्शकों ने स्वीकार कर लिया। मैं दर्शकों की शुक्रगुजार हूं। उनका प्यार मेरा उत्साह और बढ़ाता रहा। उनका प्यार ही मेरी ऊर्जा है।
जाना है बहुत दूर: मैंने अब तक जो चाहा, मुझे वह सब मिला है। आज मेरे पास नाम, पैसा, शोहरत और लोगों का प्यार है। इसके लिए मैं भगवान की शुक्रगुजार हूं। मैं बहुत खुश हूं, लेकिन सच कहूं, तो संतुष्ट नहीं हूं। अभी तक जितना मिला है, उससे अधिक पाने की चाह है। मैं महत्वाकांक्षी लड़की हूं। हमेशा सीखने में यकीन करती हूं। लोगों का प्यार और साथ मिलता रहा, तो मेरा सफर बहुत लंबा चलेगा।