Thursday, April 30, 2009

अक्षय बनना आसान नहीं: रितेश देशमुख/ पसंदीदा सह-कलाकार

अभिनेता रितेश देशमुख आर्किटेक्ट भी हैं। उन्होंने कभी यह नहीं सोचा था कि एक दिन हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लोकप्रिय कलाकार बन जाएंगे। दरअसल, एक्टिंग में आने से पहले उनका फिल्मी दुनिया में कोई परिचित नहीं था, लेकिन जैसे-जैसे वे अभिनय का सफर तय करते गए, उनके दोस्त और साथी कलाकारों की संख्या एक के बाद एक बढ़ती चली गई। उन्होंने फिल्मों में अधिकतर मोस्ट पॉपुलर कलाकारों के साथ ही काम किया है। यहां वे अपने फेवॅरिट को-आर्टिस्ट के बारे में बता रहे हैं।
अभिषेक बच्चन : मुझे अभिषेक के साथ दो फिल्मों नाच और ब्लफ मास्टर में काम करने का अवसर मिला। बहुत मजा आया उनके साथ काम करके। ब्लफ मास्टर की शूटिंग के दौरान हम दोनों ने सेट पर खूब मस्ती की। उस वक्त की कई बातें, आज भी जब हम मिलते हैं, तो शेयर करके खूब हंसते हैं। अभिषेक को मैं अपना अच्छा दोस्त इसलिए भी मानता हूं, क्योंकि वे दिल के साफ हैं, साथ ही अच्छे इंसान भी। एक्टर तो वे नि:संदेह अच्छे हैं ही। मैं क्या कहूं उनके अभिनय के बारे में? वे तो मुझसे सीनियर हैं। हाल में आई उनकी फिल्में मुझे अच्छी लगीं। उम्मीद है, जल्द ही उनके साथ काम करने का फिर मौका मिलेगा।
जेनीलिया डी-सूजा: मेरी पहली फिल्म तुझे मेरी कसम जेनीलिया के साथ थी। वे मेरी पहली साथी कलाकार थीं। यही वजह है कि मैं उन्हें अपना फेवॅरिट को-आर्टिस्ट मानता हूं। पहली को-आर्टिस्ट होने के नाते वे मुझे हमेशा याद रहेंगी। बाद में जेनिलिया के साथ मुझे दोबारा फिल्म मस्ती में काम करने का अवसर मिला। उनकी अदाकारी मुझे अच्छी लगती है। वक्त के साथ उनके अभिनय में परिपक्वता आ गई है। वे काफी अच्छा काम कर रही हैं। फिल्म मेरे बाप पहले आप और जाने तू.. में उन्होंने बढि़या काम किया है। लोग उनके काम की तारीफ करते हैं। आशा है, वे अभिनय की दुनिया में अपना अलग स्थान जरूर बनाएंगी।
अक्षय कुमार: फिल्म हे बेबी में अक्षय के साथ काम करते हुए मैंने बहुत एंज्वॉय किया। वे समय के बडे़ पाबंद हैं। टाइम से सेट पर आते थे और अपना काम करते थे। उनसे मैंने सीखा कि एक एक्टर को अपने हर सीन पर कैसे ध्यान देना चाहिए! एक लाइन में यदि सिर्फ चार शब्द हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप बस उसे ऐसे ही बोल दें। उन चार शब्दों के साथ आप कमाल का अभिनय कर सकते हैं। अक्षय का अनुभव उनके काम में साफ झलकता है। मैंने गौर किया है कि उनके दिमाग में यह बात चलती रहती है कि दर्शकों को क्या पसंद आएगा? वे दर्शकों की पसंद को ध्यान में रखकर काम करते हैं। उन्होंने रोमांटिक, ऐक्शन, कॉमिक हर तरह की भूमिकाओं में खुद को साबित किया है। मुझे नहीं लगता कि कोई अक्षय कुमार बन सकता है!

-रघुवेंद्र सिंह

Wednesday, April 29, 2009

फिर छोटे पर्दे पर दिखेंगी किरण खेर | खबर

मुंबई। लोकप्रिय चरित्र अभिनेत्री किरण खेर कलर्स के नए रियलिटी शो इंडियाज गॉट टैलेंट में जज की भूमिका में दिखाई देंगी। वे लंबे अंतराल के बाद छोटे पर्दे पर नजर आएंगी। इसके पहले किरण खेर जीटीवी का टॉक शो पुरूष क्षेत्र (1994-96), स्टार प्लस का किरण खेर टूडे (1997) और डीडी न्यूज के लिए जागते रहो विद किरण खेर (1999) शो कर चुकी हैं। वर्ष 2000 में वे सोनी के सीरियल कन्यादान में अभिनय करती दिखी थीं।
मिली जानकारी के मुताबिक, इंडियाज गॉट टैलेंट अनूठा मनोरंजक रियलिटी शो है। इसमें एक्टिंग, डांसिंग, जादूगरी, कॉमेडी, लोक कला आदि किसी भी कला में माहिर शख्स हिस्सा ले सकते हैं। इस कांसेप्ट पर बना शो विदेशों में काफी लोकप्रिय हुआ है। किरण खेर को शो का कांसेप्ट मजेदार लगा। उन्होंने इस शो में जज की भूमिका के लिए हां कह दिया है। जल्द ही शो का प्रसारण कलर्स चैनल पर होगा।

Tuesday, April 28, 2009

असली स्टार थे फिरोज खान | स्मृति

जन्म- 25 सितंबर 1939
मृत्यु- 27 अप्रैल 2009
मुंबई। स्टाइलिश एक्टर एवं फिल्म मेकर फिरोज खान के देहांत से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में शोक व्याप्त है। सोमवार सुबह तड़के डेढ़ बजे बंगलौर स्थित अपने फार्म हाउस पर उन्होंने अंतिम सांसें लीं। वे ७० वर्ष के थे। जैकी श्रॉफ उन्हें याद करते हैं, फिरोज जी असली स्टार थे। उनके जैसी स्टाइल और खुद्दारी किसी एक्टर में नहीं है। उन्होंने खुद को कभी बेचा नहीं। वे किसी की शादी या प्राइवेट फंक्शन में कभी नहीं नाचे। हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री में उनका स्थान कोई नहीं ले पाएगा। मुझे इस बात का अफसोस है कि मैं उनके साथ काम नहीं कर सका। हम दोनों एक साथ फिल्म गैर इलाका में काम करने वाले थे। बाद में उन्होंने मुझे अपनी फिल्म मर्यादा पुरूषोत्तम राम में रावण की भूमिका के लिए साइन किया। उसमें राम की भूमिका रितिक रोशन निभाने वाले थे, लेकिन किसी कारणवश वह फिल्म बन न सकी। बाद में उन्होंने मुझे अपनी फिल्म कुर्बानी के रीमेक के लिए संपर्क किया। मैंने हां कह दिया था। वे उस फिल्म की तैयारी में लगे हुए थे, पर अफसोस की वह अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनकी वह ख्वाहिश अधूरी रह गयी।
फिरोज खान निर्देशित आखिरी फिल्म जांनशीं थी। अभिनेत्री सेलिना जेटली खुद को भाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें उनके साथ काम करने का मौका मिला। फिरोज खान के बारे में सेलिना कहती हैं, फिरोज जी मेरे मेंटोर और फ्रेंड थे। वे मुझे सेलिना बेबी कहकर बुलाते थे। उनके साथ काम करते हुए मैंने एक्टिंग और जीवन के बारे में बहुत सारी बातें सीखीं। वे आज भले ही मेरे साथ नहीं हैं, लेकिन उनकी बातें और यादें हमेशा मेरी हिम्मत बनकर साथ रहेंगी। मैं उम्मीद करती हूं कि ईश्वर के दरबार में मैं फिर उनसे मिलूंगी। 8
युवा फिल्मकार विवेक शर्मा की फिरोज खान से पहली मुलाकात दस वर्ष पहले महेश भट्ट के एडीटिंग स्टूडियो में हुई थी। उस क्षण को वे याद करते हैं, फिरोज खान को घोड़ों का शौक था। वे घंटों घोड़ों के ऊपर बात करते थे। वे पहले ही बता देते थे कि रेस में कौन सा घोड़ा जीतेगा और कौन हारेगा। आज उस पल को याद करता हूं तो उनका स्टाइलिश अंदाज सामने आ जाता है। वे आधुनिक एवं दूरदर्शी फिल्म मेकर थे। उन्होंने हिंदी सिनेमा के संगीत को कलरफुल बनाया। उन्होंने जीवन के अंतिम समय तक स्टाइलिश फिल्में बनायीं।
-रघुवेन्द्र सिंह

Monday, April 27, 2009

नई पीढी के फ़िल्म पत्रकार/ लेख

पिछले दिनों एक इवेंट में मेरी मुलाक़ात वरिष्ठ पत्रकार से हुई। मैंने उनसे यूँ ही पूछ दिया की नई पीढी के फ़िल्म पत्रकारों के बारे उनकी क्या राय हैं? उन्होंने दो टूक जवाब दिया-आज के फ़िल्म पत्रकारों को सिनेमा के इतिहास और भूगोल के बारे में कोई जानकारी नही है। इवेंट्स में वे इतने बचकाना सवाल पूछते हैं की शर्म आ जाती है। दुःख की बात तो यह है की आज लड़के-लड़कियाँ फ़िल्म पत्रकारिता में किसी और मकसद से आते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य फ़िल्म इंडस्ट्री में प्रवेश करना होता है। फ़िल्म पत्रकारिता को वे जरिया बनाते हैं। फ़िल्म पत्रकारिता में एक या दो साल रहने के बाद nirmata -nirdeshakon से उनके अच्छे सम्बन्ध बन जाते हैं, फिर वे स्क्रिप्ट लेखन या एक्टिंग में चले जाते हैं। उनका लक्ष्य फ़िल्म पत्रकारिता में नाम कमाना नही होता। यह कारण है की बीते वर्षों में कोई नया नाम फ़िल्म पत्रकारिता में उभरकर सामने नही आया है। आप गौर करके देख लें।

वरिष्ठ पत्रकार की बात मुझे सच लगी। एक वाकया मुझे याद आ रहा है। kuch महीने पहले मैं फिल्मसिटी में एक स्क्रिप्ट लेखन सेमिनार में हिस्सा लेने गया था। वहां कई नामी डायरेक्टर आए थे। मेरे साथ एक न्यूज़ ऐजेंसी के patrakaar मित्र थे। मैं विपुल शाह से सवाल कर रहा था की वे बीच में टपक पड़े । उन्होंने अपना परिचय दिया और सवाल पूछने की बजाये कहने लगे की सर मैंने एक स्क्रिप्ट लिखी है। खास आपके लिए। आप टाइम बताएं मैं कब सुना सकता हूँ? विपुल शाह हतप्रभ रह गए। मैं ख़ुद चौक गया। मैंने तुंरत वहां से किनारा कर लिया। sach kahun to मुझे शर्म aa गई। मैंने अपने उस मित्र से बाद में पुछा की तुम पत्रकार हो? उसने कहा की गुस्सा होने की ज़रूरत नही है। मेरा लक्ष्य फ़िल्म लेखन है। पता नही कल नौकरी हो न हो। सो आज उसका फायदा उठा लेते हैं।

युवा फ़िल्म mekar vivek शर्मा ने अपने ब्लॉग में इस बात को uthayi है। वे likhte हैं- आज के नए bachche jinhe बोलना तक नही आता वे lekh लिख रहे हैं। मैं link प्रेषित कर रहा हूँ, आप पढ़ सकते हैं.http://viveksharma.bigadda.com/?p=386

vakayi नई पीढी के पत्रकारों को sochane और samjhne की ज़रूरत है। वरना हम अपनी आने vali पीढी को सिनेमा के बारे में क्या jankaari देंगे। hamein apani नींव majbut banani होगी। यदि आप फ़िल्म पत्रकारिता में आने की सोच रहे हैं तो इतनी taiyari के साथ ayiye की फ़िल्म industry और आम लोग आपको सुने और पढ़ें।

-raghuvendra singh

Saturday, April 25, 2009

नि:स्वार्थ है हमारी दोस्ती: रुसलान मुमताज | रिश्ते

कम लोग जानते हैं कि एमपीथ्री फेम रुसलान मुमताज और फिल्म हाल-ए-दिल के नकुल मेहता बेस्ट फ्रेंड हैं। इनकी मित्रता छह वर्ष पहले एक नाटक की वजह से हुई थी। आज स्थिति यह है कि जब कोई निर्माता रुसलान से दो हीरो वाले प्रोजेक्ट के लिए संपर्क करता है, तो वे दूसरे हीरो के लिए नकुल का नाम तुरंत सुझा देते हैं। उन्होंने सतीश कौशिक की फिल्म तेरे संग में अपनी भूमिका के लिए नकुल को साइन करने की बात कह दी थी। यहां रुसलान अपने बेस्ट फ्रेंड नकुल से जुड़ी खास बातें शेयर कर रहे हैं तरंग से..।
इत्तफाकन हुई मुलाकात : मेरी और नकुल की पहली मुलाकात इत्तफाकन हुई। वे एक नाटक कर रहे थे। उन्होंने उसके लिए पूरी तैयारी भी कर ली थी, लेकिन अचानक उन्हें अमेरिका जाना पड़ा। उस नाटक के सर्वेसर्वा ने नकुल की भूमिका के लिए मुझसे संपर्क किया। नाटक का मंचन होने में एक सप्ताह का वक्त था। नकुल ने एक सप्ताह के भीतर मुझे नाटक के लिए पूरी तरह से ट्रेंड कर दिया। उस रिहर्सल के दौरान हमारी दोस्ती हुई। उसके बाद हमें एक विज्ञापन में साथ काम करने का अवसर मिला। फिर वक्त के साथ हमारी दोस्ती और मजबूत होती गई।
सुख-दुख शेयर करते हैं : फिल्मों में आने के पहले नकुल अक्सर मेरे घर आते थे। हम दोनों सलमान-आमिर और शाहरुख-सलमान की जोड़ी को ध्यान में रखकर सीन लिखते और फिर उसे हम परफॉर्म भी करते थे। हमें बहुत मजा आता था। हम दोनों साथ पार्टियों में जाते हैं। एक साथ खुशी बांटते हैं और मुश्किल में भी साथ रहते हैं। नकुल दिल के अच्छे हैं। वे हमेशा दूसरों के हित की सोचते हैं। हम दोनों में यही समानताएं हैं, जिनकी वजह से हम साथ हैं।
मदद के लिए तैयार : मेरी और नकुल की दोस्ती नि:स्वार्थ है। हम एक-दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। नकुल को जब पहली फिल्म हाल-ए-दिल मिली थी, तो मैं बहुत खुश हुआ था। हमने उस पल को सेलिब्रेट किया। मेरे पास जब किसी फिल्म का प्रस्ताव आता है और मुझे लगता है कि मैं फिल्म के लिए फिट नहीं हूं, तो मैं निर्माताओं को नकुल का नाम सुझा देता हूं। सतीश कौशिक अपनी फिल्म तेरे संग में मुझे साइन करने को लेकर दुविधा में फंसे, तो मैंने कहा कि आप नकुल को साइन कर लें। नकुल ने हाल-ए-दिल में अध्ययन सुमन की भूमिका के लिए मेरा नाम सुझाया था। साथ काम करने की
ख्वाहिश: फिल्म इंडस्ट्री में सब कुछ मिल सकता है, लेकिन सच्चा और अच्छा दोस्त मिलना मुश्किल है। मैं लकी हूं कि मुझे नकुल जैसा प्यारा दोस्त मिला। हम अपने बीच किसी भी तरह की गलतफहमी को टिकने नहीं देते। यही वजह है कि हमारी दोस्ती कायम है। मैं चाहूंगा कि यह दोस्ती भविष्य में भी बरकरार रहे। हमारी ख्वाहिश किसी फिल्म में साथ काम करने की है। उम्मीद है, जल्द ही हमारी यह ख्वाहिश पूरी हो जाएगी।

-रघुवेन्द्र सिंह

Thursday, April 23, 2009

देख भाई देख में पिता संग दिखेंगे अध्ययन सुमन | खबर

मुंबई। वर्ष 1993 में दूरदर्शन पर प्रसारित लोकप्रिय कॉमेडी सीरियल देख भाई देख पर इसी नाम से फिल्म बनने जा रही हैं। इस फिल्म में शेखर सुमन और अध्ययन सुमन की पिता-पुत्र की जोड़ी पहली बार साथ नजर आएगी।
फिल्म का निर्देशन आनंद महेंद्रू करेंगे। उन्होंने ही सीरियल का निर्देशन किया था। अभी तक अभिनेत्री का चयन नहीं हो पाया है। अध्ययन सुमन पिता शेखर सुमन के साथ काम करने का मौका पाकर बेहद उत्साहित हैं। वे खुशी जाहिर करते हैं, देख भाई देख अपने समय का सर्वाधिक लोकप्रिय सीरियल था। उसने टीवी की दुनिया में क्रांति ला दी थी। उस सीरियल पर बन रही फिल्म में अभिनय करने का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। मेरे लिए खुशी की एक बड़ी वजह पापा के साथ स्क्रीन शेयर करना है। देख भाई देख रोमांटिक कॉमेडी फिल्म होगी। उसकी कहानी आर्मी बैकग्राउंड पर बेस्ड होगी। मैं फिल्म में शेखर सुमन के बेटे की भूमिका निभा रहा हूं।
-रघुवेन्द्र सिंह

Wednesday, April 22, 2009

आने से उसके आई बहार

अध्ययन सुमन और कंगना राणावत की प्रेम कहानी का आगाज दोस्ती से शुरू हुआ और उस दोस्ती ने प्रेम का रूप कब अपना लिया, यह हम दोनों को पता ही नहीं चला! इस वक्त अध्ययन और कंगना की गिनती फिल्म इंडस्ट्री के हॉट लव-कपल में की जा रही है। अध्ययन अपनी सबसे अच्छी दोस्त और गर्लफ्रेंड कंगना से उनके कैसे रिश्ते हैं, उस पर चर्चा कर रहे हैं तरंग से..
कंगना बिना अधूरा था : फिल्म इंडस्ट्री के गलियारों में ही मैं पला-बढ़ा हूं। बचपन से ही लड़कियां मेरी दोस्त हुआ करती थीं। अब तक के जीवन में मैं कभी कंगना जैसी लड़की से नहीं मिला था। वे जब से मेरी जिंदगी में आई हैं, सब कुछ अच्छा लगने लगा है और उनके आने से जिंदगी में बहार आ गई है। सच कहूं, तो पहले मुझे एक अजीब-सा अधूरापन महसूस होता था। लगता था कि जिंदगी में किसी चीज का अभाव है, लेकिन कंगना ने उस अधूरेपन को खत्म कर दिया है।
एक-दूसरे को समझते हैं : कंगना से मेरी मुलाकात फिल्म राज-द मिस्ट्री कंटीन्यूज की शूटिंग के दौरान हुई। पहली मुलाकात में ही मैं उनकी तरफ आकर्षित हो गया, लेकिन वे मुझसे सीनियर थीं, इसलिए उनके पास जाने की हिम्मत ही नहीं होती थी। मैं उन्हें छुप-छुप कर देखा करता और अपने दोस्तों से उनके बारे में बातें करता था, लेकिन एक कॉमन दोस्त ने मेरी पोल खोल दी। उसके बाद धीरे-धीरे हम दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगीं। जब हम एक-दूसरे को अच्छी तरह समझ गए, तो साथ-साथ चलने का फैसला कर लिया। अब न केवल मैं कंगना की हर पसंद-नापसंद को जानता हूं, बल्कि वे भी मुझे अच्छी तरह समझती हैं। सच कहूं, तो हम दोनों को एक-दूसरे का साथ भाता है।
करियर है प्राथमिकता : अभी हम दोनों की शादी करने की योजना नहीं है, क्योंकि अभी मेरे करियर की शुरुआत हुई है और कंगना इस वक्त तेजी से आगे भी बढ़ रही हैं। यही वक्त है, जब वे और ऊंचाई छू सकती हैं इसलिए ऐसे वक्त में हम शादी करके अपने करियर का सत्यानाश नहीं करना चाहते! वैसे, कंगना भी मुझे यही सलाह देती हैं। हमारे पास शादी करने के लिए काफी समय है। अभी हम लव-लाइफ को एंज्वॉय कर रहे हैं। हम दोनों के पैरेंट्स को भी जल्दबाजी नहीं है।
गर्व है : मैं गर्व महसूस करता हूं कि कंगना मेरी खास दोस्त हैं। उनके जैसी खुद्दार लड़कियां मैंने कम देखी हैं। उन्होंने अपने दम पर फिल्म इंडस्ट्री में जो मुकाम और पहचान बनाई है, वह दूसरों के लिए प्रेरणा हो सकती है। वे भारतीय संस्कारों में यकीन करती हैं। दूसरों का आदर करना जानती हैं। मैं चाहूंगा कि वे ऐसी ही रहें। प्रोफेशनल लाइफ में ऐसे ही आगे बढ़ती रहें और सफलता की नई ऊंचाइयां छूएं।

-रघुवेंद्र सिंह

समझदारी जरूरी है: माही गिल

हाल ही में आई हिंदी फिल्म देव डी में अपने अभिनय से पंजाब की माही गिल ने बता दिया कि उनमें कुछ खास है। फिर गुलाल के प्रदर्शन के बाद तो अब हर कोई उन्हें पसंद करने लगा है। उनके अभिनय की तुलना लोग रेखा जैसी अभिनेत्री से भी करने लगे और साथ ही तब्बू से भी।
माही इस बात से बेहद खुश हैं। वे कहती हैं, मैंने उम्मीद नहीं की थी कि इन फिल्मों से मुझे अच्छी पहचान मिल जाएगी। लोग मेरे काम की सराहना कर रहे हैं। पिछले वर्ष तक मैं अनजाना चेहरा थी, लेकिन आज सड़क पर निकलती हूं, तो सब मेरी तरफ देखने लगते हैं। सच कहूं, तो इस वक्त मुझे ऐसा लग रहा है, जैसे मैं परीक्षा में फ‌र्स्ट आई हूं। मैंने ऐसी सफलता की कल्पना नहीं की थी। स्पष्ट कर दूं कि इस सफलता से पर्सनली मुझमें कोई बदलाव नहीं आया है।
रेखा और तब्बू के साथ तुलना पर माही कहती हैं, दोनों कमाल की एक्ट्रेस हैं। उनके लेवॅल पर पहुंचना मेरे लिए मुश्किल है, लेकिन उनके साथ अपनी तुलना पर मुझे खुशी होती है। कुछ महीने पहले तब्बू से मेरी मुलाकात हुई थी। उन्होंने माना कि हम दोनों में काफी समानताएं हैं। यह मेरे लिए गर्व की बात है। मैं कोशिश करूंगी कि भविष्य में ऐसी ही फिल्में करूं, ताकि दर्शकों का प्यार मिलता रहे। वैसे, उस वक्त मुझे ज्यादा खुशी होगी, जब कोई मेरी तरह बनना चाहेगा। मैं अपनी ऐसी ही पहचान बनाना चाहती हूं।
लगातार दो फिल्मों की सफलता के बाद माही निर्माता-निर्देशकों की पहली पसंद बन चुकी हैं। अब हर कोई उन्हें अपनी फिल्मों के लिए साइन करना चाहता है। माही कहती हैं, सही कह रहे हैं, लेकिन यह समय मेरे लिए बहुत मुश्किल भरा है। अब मुझसे लोगों की अपेक्षाएं बढ़ गई हैं, इसलिए फिल्मों के चयन में मुझे समझदारी से काम लेना होगा। कुछ प्राथमिकताएं पहले जैसी ही होंगी। जैसे, दमदार स्क्रिप्ट, बढि़या निर्देशक और उम्दा सह कलाकार। हां, बात यदि अनुराग कश्यप की होगी, तो मैं आंख मूंदकर फिल्म साइन कर लूंगी। वे मेरे लिए हमेशा स्पेशल रहेंगे। उम्मीद कर रही हूं कि भविष्य में अनुराग अपने साथ फिर काम करने का मौका देंगे।
माही इस वक्त यूटीवी की दो फिल्मों आगे से राइट और पान सिंह तोमर में काम कर रही हैं। आगे से राइट में वे श्रेयस तलपड़े के साथ हैं और पान सिंह तोमर में उनके नायक इरफान खान हैं। इन फिल्मों के संदर्भ में माही कहती हैं, ये दोनों मेरी पिछली फिल्मों से हर मामले में अलग हैं। इन फिल्मों में दर्शक मुझे नए अंदाज में देखेंगे। आजकल मैं इनकी शूटिंग कर रही हूं। आगे से राइट के निर्देशक इंद्रजीत नट्टूजी हैं और दूसरी फिल्म तिग्मांशु धूलिया के निर्देशन में बन रही है। श्रेयस और इरफान के साथ काम करने का अनुभव मेरे लिए सुखद है। खुश हूं कि करियर के शुरुआत में इरफान जैसे कलाकार के साथ काम करने का अवसर मिल रहा है। ये दोनों फिल्में इसी वर्ष प्रदर्शित होंगी।

-रघुवेंद्र सिंह

तीन चार महीने आराम करूंगी-मिनिषा लांबा | मुलाकात

मिनिषा लांबा अपनी पिछली रिलीज फिल्म किडनैप की असफलता को भुला चुकी हैं। अब उनका ध्यान अब्बा का कुंआ पर है। इस फिल्म में उनकी क्या भूमिका है..?
मिनिषा लांबा पिछली फिल्म किडनैप की असफलता को अब तक भुला चुकी हैं। अब वे अपनी नई फिल्म अब्बा का कुंआ की रिलीज की प्रतीक्षा में हैं। प्रसिद्ध फिल्मकार श्याम बेनेगल निर्देशित इस फिल्म में वे एक दिलचस्प लुक और रोचक रोल में नजर आएंगी। मिनिषा के पास इस वक्त अब्बा का कुंआ के अतिरिक्त कोई भी फिल्म नहीं है, लेकिन उन्हें इस बात का दुख नहीं है। वे बेफ्रिक होकर कहती हैं, श्याम जी की फिल्म अब्बा का कुंआ में काम करने के बाद फिल्मों के बारे में मेरी सोच बदल गई है या यह कह सकती हूं कि अब मैं अधिक समझदार हो गई हूं। इस वक्त मेरे पास कोई फिल्म नहीं है और मुझे फिल्म साइन करने की जल्दबाजी भी नहीं है। मेरे पास फिल्मों के प्रस्ताव लगातार आ रहे हैं, लेकिन मैं उन्हें स्वीकार नहीं कर रही हूं। अब मैं दमदार और अर्थपूर्ण भूमिकाएं ही करूंगी। फिलहाल मैंने तय किया है कि तीन-चार महीने आराम करूंगी। उसके बाद नई फिल्मों के बारे में सोचूंगी। लगातार शूटिंग कर के मैं थक गई हूं।
रोल की चर्चा होते ही वे उत्साह से कहती हैं, फिल्म अब्बा का कुंआ मेरे करियर के लिए मील का पत्थर साबित होगी। हाल ही में मैं हैदराबाद से फिल्म की शूटिंग खत्म की है। श्याम जी के साथ काम करने का अनुभव न अच्छा रहा। उनके निर्देशन में काम करने के बाद मेरे अंदर का कलाकार और ज्यादा निखर गया। मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ गया है। मैं भाग्यशाली हूं, जो मुझे उनके साथ काम करने का अवसर मिल गया!
मिनिषा अब्बा का कुंआ में अपने लुक और भूमिका के बारे में कहती हैं, फिल्म में मैंने गांव की एक लड़की की भूमिका निभाई है, जो सीधी-सादी, लेकिन चंचल है। सच तो यह है कि चार वर्ष के करियर में मैंने ऐसी भूमिका नहीं की है। यह मेरे करियर की पहली नॉन ग्लैमरस भूमिका है। इसका श्रेय मैं श्याम जी को ही दूंगी, क्योंकि मैंने स्वयं को उस अंदाज में कभी नहीं सोचा था! पहली बार मैं किसी फिल्म को लेकर इस कदर उत्साहित हूं। सच कहूं, तो फिल्म में मेरा लुक, पहनावा और बातचीत का अंदाज देखकर दर्शक चौंक जाएंगे!
मिनिषा फिल्म की कहानी के बारे में जानकारी देने से बचती हैं। वे कहती हैं, यह फिल्म पॉलिटिकल सटायर है। वे अपने सह-कलाकार बोमन ईरानी और समीर दत्तानी के बारे में बात करने में बिल्कुल नहीं हिचकिचातीं, बोमन के साथ मैं पहले फिल्म हनीमून टै्रवेल्स प्रा।लि. में काम कर चुकी हूं। उनके अभिनय के बारे में कुछ कहना, छोटी मुंह बड़ी बात होगी। वे फिल्म में मेरे अब्बा की भूमिका निभा रहे हैं। समीर के साथ यह मेरी पहली फिल्म है। वे स्वीट और सहयोगी कलाकार हैं। उनके साथ काम करने का अनुभव अच्छा रहा। उनके बारे में लोगों ने गलत धारणा बना ली है, लेकिन अब्बा का कुंआ देखने के बाद सबकी सोच बदल जाएगी। श्याम जी ने अपने हर कलाकार से बेहतरीन काम लिया है। सब जानते हैं कि निर्देशक अच्छा होता है, तो कलाकार अपने आप अच्छा हो जाता है।

-रघुवेंद्र सिंह

Monday, April 20, 2009

अर्थपूर्ण भूमिकाएं करूंगी: रिया सेन

रिया सेन ने अतीत से सीख लेते हुए अपने भविष्य को सुधारने का मन बनाया है। वह कहती है कि मुझे लगता है कि बदलाव की जरूरत है। मैं नहीं चाहती हूं कि कल जब मैं पीछे मुड़कर देखूं, तो मुझे निराशा हो, इसलिए मैंने फैसला किया है कि अब अर्थपूर्ण भूमिकाएं करूंगी। मैं ग्लैमरस भूमिकाएं करना जारी रखूंगी, लेकिन उसके साथ नॉन ग्लैमरस भूमिका भी करूंगी। मैं अपनी छवि वर्सटाइल एक्टर की बनाना चाहती हूं। मेरी नई फिल्म जोर लगा के हैय्या इस दिशा में मेरा पहला कदम है।
जोर लगा के हैय्या में रिया एक महाराष्ट्रियन लड़की बनी हैं। दर्शक पहली बार रिया को इस फिल्म में साड़ी एवं बिंदी लगाए देखेंगे। फिल्म की कहानी एवं अपनी भूमिका के विषय में रिया उत्साह से कहती हैं, यह फिल्म पर्यावरण प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या पर बनी है। हम अपने जीवन को खुशहाल बनाने के चक्कर में जाने-अनजाने पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं, इसका अंदाजा हमें नहीं है। यह फिल्म पर्यावरण प्रदूषण की समस्या के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करेगी और अपने आस-पास सफाई रखने का संदेश देगी। मैं इसमें महाराष्ट्रियन कंस्ट्रशन वर्कर की भूमिका निभा रही हूं। उसका नाम चमकी है। वह जब काम पर जाती है, तो लोग काम छोड़कर उसे ही देखने लगते हैं। मेरे अलावा फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, महेश मांजरेकर, गुलशन ग्रोवर और बाल कलाकारों की अहम भूमिका है। दिलचस्प बात यह है कि इसमें मेरे ओपोजिट कोई हीरो नहीं है।
जोर लगा के हैय्या निर्देशक गिरीश गिरीजा जोशी की पहली फिल्म है। नए निर्देशक के साथ काम करने के अनुभव के बारे में रिया कहती हैं, निर्देशक नया हो या पुराना मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। गिरीश जोशी अपना काम बखूबी जानते हैं। मैं फिल्म का हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रही हूं। दरअसल, मैं काफी समय से समाजसेवा के कार्यो से जुड़ी रही हूं। मुझे लगता है कि इस फिल्म के जरिए मैं अपने सामाजिक दायित्व को निभा रही हूं। यह मेरे कॅरियर की महत्वपूर्ण फिल्म है।
[रघुवेन्द्र सिंह]

Saturday, April 18, 2009

दर्शील सफारी: बन गया होशियार बच्चा

नन्हें सुपरस्टार दर्शील सफारी ने छठी कक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है। अब उनकी गर्मी की छुंिट्टयां आरंभ हो चुकी हैं। वे छुंिट्टयां विदेश में बिताने की योजना बना रहे हैं। दर्शील के लिए इस वक्त दोहरी खुशी का मौका है। दरअसल, उन्होंने प्रियदर्शन निर्देशित अपनी नई फिल्म 'बम बम बोले' की शूटिंग पूरी कर ली है। इस स्तंभ में दर्शील 'तारे जमीं पर' के बाद मिले स्टारडम, निजी जीवन के बदलाव, एवं गर्मी की छुंट्टी की योजना के संदर्भ में बता रहे हैं।-
[स्वभाव में नहीं आया बदलाव]
'तारे जमीं पर' की सफलता के बाद मेरी सामाजिक जिंदगी अवश्य बदल गयी है, लेकिन निजी जिंदगी में कोई बदलाव नहीं आया है। पहले की अपेक्षा व्यस्तता बढ़ गयी है। मैं समय से स्कूल जाता हूं और होमवर्क करता हूं। पहले जितनी शैतानियां मैं आज भी करता हूं। उसके लिए मम्मी की डांट पड़ती है। मेरे स्वभाव में कोई बदलाव नहीं आया है। हां, पहले मैं एक आम लड़का था, पर अब खास हो गया हूं। सब मुझसे मिलना चाहते हैं। मेरा ऑटोग्राफ लेना चाहते हैं। ये सब बातें खुशी देती हैं। छोटी उम्र में स्टार बनकर खुशी होती है, लेकिन मैं खुद को अन्य बच्चों से अलग नहीं समझता हूं।
[एंज्वॉय कर रहा हूं बचपन]
मुझे आउटडोर और इनडोर खेल पसंद हैं। इनडोर में मुझे कार्ड्स और कम्प्यूटर गेम तथा आउटडोर में क्रिकेट अच्छा लगता है। युवराज और धोनी मेरे पसंदीदा क्रिकेट खिलाड़ी हैं। अफसोस की बात यह है कि अब मुझे खेलने के लिए अधिक समय नहीं मिलता है। स्कूल की पढ़ाई, फिर होमवर्क और उसके बाद शूटिंग करनी पड़ती है। फिर भी मैं किसी न किसी तरह खेलने के लिए समय निकाल लेता हूं। अपने दोस्तों के साथ मिलकर शरारतें करता हूं। मैं अपने बचपन को अच्छी तरह एंज्वॉय कर रहा हूं। मुझे शूटिंग करने में मजा आता है। उसे भी मैं खेल समझता हूं। जो लोग मुझे करीब से नहीं जानते, वे लोग शिकायत करते हैं कि दर्शील बदल गया है।
[आ रही है बम बम बोले]
मैंने 'तारे जमीं पर' फिल्म में स्लो लर्नर लड़के की भूमिका निभायी थी, लेकिन दूसरी फिल्म 'बम बम बोले' में मैं तेज-तर्रार एवं होशियार बच्चा बना हूं। वह पढ़ने-लिखने में तेज है। पहली फिल्म के एकदम विपरीत भूमिका मैंने की है। यह भाई-बहन की कहानी है। इसमें मेरे साथ अतुल कुलकर्णी और एक नयी बाल कलाकार हैं। प्रियदर्शन अंकल इसके निर्देशक हैं। यह फिल्म मुझे एक कदम आगे ले जाती है। मैंने फिल्म की शूटिंग को खूब एंज्वॉय किया। प्रियदर्शन अंकल सेट पर मुझे खेलने की इजाजत देते थे। यह फिल्म इसी वर्ष प्रदर्शित होगी।
[ग्लैमर की डगर आसां नहीं]
मेरी उम्र के बच्चे ग्लैमर व‌र्ल्ड की तरफ बहुत जल्दी आकर्षित हो जाते हैं। मैं इसे बुरा नहीं मानता, लेकिन मैं नन्हें दोस्तों से कहना चाहूंगा कि ग्लैमर की डगर आसां नहीं है। यहां बहुत मुश्किलें हैं। हमें सर्वप्रथम अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना होगा। वह हमारी प्राथमिकता है। उसके बाद खेल-कूद में हिस्सा लेना चाहिए। इस वक्त गर्मी की छुंिट्टयां शुरू हो रही हैं। मैंने विदेश में अपनी छुंट्टी बिताने की योजना बनायी है। उसके बाद मैं अपनी नयी फिल्म की शूटिंग शुरू करूंगा। मेरी तीसरी फिल्म वॉल्ट डिज्नी निर्मित होगी।
[रितिक रोशन का प्रशंसक हूं]
मेरे पसंदीदा एक्टर रितिक रोशन हैं। उनकी सभी फिल्में मुझे पसंद हैं। मैं उनके साथ काम करने का इच्छुक हूं। मेरा लक्ष्य अच्छी फिल्मों का हिस्सा बनना है। मैं आमिर अंकल के साथ फिर काम करना चाहता हूं। उनके साथ काम करने का अलग मजा है। वे मुझे अच्छी तरह समझते हैं।
[रघुवेन्द्र सिंह]

पूरी तरह निराश करती है मेरी पड़ोसन | फिल्म समीक्षा

रेटिंग : *
मुख्य कलाकार : सरवर आहूजा, साधिका रंधावा, संजय मिश्रा, खयाली, हिना तसलीम, अशोक बागला।
निर्देशक : प्रकाश सैनी
तकनीकी टीम : निर्माता- अशोक बागला, संगीत निर्देशक- रवि मीत, मनोज नेगी।
प्रकाश सैनी निर्देशित फिल्म मेरी पड़ोसन का ज्योति स्वरूप की 1968 में आई बेहत हिट और मशहूर फिल्म पड़ोसन से कोई नाता नहीं। न ही इसका 2003 में आई बी एच तरुण कुमार की फिल्म नई पड़ोसन से कोई मेल है।
मेरी पड़ोसन की कहानी के केंद्र में विजू (संजय मिश्रा) और कविता (सादिका रंधावा) हैं। विजू पत्नी कविता के साथ छोटे शहर से मुंबई नौकरी के लिए आता है। दोनों एक-दूसरे से बेइंतहा प्यार करते हैं। विजू को यदा-कदा पड़ोसियों की कमी खलती है। अचानक विजू के पड़ोस में स्ट्रगलर निर्देशक श्याम गोपाल वर्मा (सरवर आहूजा) दो दोस्तों के साथ रहने आता है। श्याम स्वार्थ के लिए अपने भोले पड़ोसियों विजू और कविता का इस्तेमाल करता है। वह अपने दोस्तों की मदद से विजू और कविता को बिना बताए कांपिटिशन के लिए एक फिल्म शूट करता है। उसकी काल्पनिक कहानी धीरे-धीरे विजू और कविता की हंसती-खेलती विवाहित जिंदगी में बिखराव ला देती है।
प्रकाश सैनी ने पहली फिल्म से पूरी तरह निराश किया है। मेरी पड़ोसन पटकथा, संवाद, फिल्मांकन और किरदार के अनुरूप कलाकारों के चयन के मामले में कमजोर है। संजय मिश्रा को छोड़कर अन्य सभी कलाकारों ने बेमन से काम किया है। कलाकारों की उदासीनता पर्दे पर दिखती है। यही कारण है कि फिल्म शुरू से लेकर अंत तक बोर करती है। गीत-संगीत फिल्म को सपोर्ट करने की बजाए और बोझिल कर देता है।
-रघुवेन्द्र सिंह

Thursday, April 16, 2009

आत्मकथा लिखेंगी किरण खेर | खबर

मुंबई। लोकप्रिय चरित्र अभिनेत्री किरण खेर अपने जीवन को पुस्तक में समेटने जा रही हैं। उन्होंने आत्मकथा लिखने का फैसला किया है।
किरण खेर ने कहा कि, मैं अपनी आत्मकथा लिखने जा रही हूं। मैं पिछले कई महीने से इस बारे में विचार कर रही थी, लेकिन अब मैंने इसकी शुरूआत करने का फैसला किया है। मेरी आत्मकथा अंग्रेजी भाषा में होगी। मैं अंग्रेजी में अपनी भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त कर सकती हूं। मैं आत्मकथा में अपने जीवन को ईमानदारी से उद्घाटित करूंगी।
उल्लेखनीय है, किरण खेर गत पच्चीस वर्षो से अभिनय में सक्रिय हैं। उन्हें रितुपर्णो घोष की बंगाली फिल्म बाड़ीवाली के लिए वर्ष 2000 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। किरण खेर के पति अनुपम खेर ने कुछ वर्ष पहले अपनी आत्मकथा लिखने का फैसला किया था, लेकिन कुछ कारणों से वे लिख न सके। बाद में उन्होंने अपने जीवन पर आधारित नाटक कुछ भी हो सकता है लिखा। पिछले कुछ वर्षो से वे देश-विदेश में उस नाटक का सफलता से मंचन करते रहे हैं।
-रघुवेन्द्र सिंह

Tuesday, April 14, 2009

कंगना लांच करेंगी अपनी वेबसाइट | खबर

मुंबई। अभिनेत्री कंगना रानौत अपने प्रशंसकों से सीधा संपर्क स्थापित करने के उद्देश्य से अपनी वेबसाइट लांच करने जा रही हैं। उस वेबसाइट के जरिए लोग उनसे जुड़ी सच्ची जानकारियां प्राप्त कर सकेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार, कंगना रानौत अपने बारे में समय-समय पर उद्घाटित होने वाली गलत खबरों से आजिज हो चुकी हैं। उन्हें मीडिया के बीच आकर बार-बार सफाई देनी पड़ती है। उसका हल निकालते हुए उन्होंने अपनी वेबसाइट लांच करने का फैसला किया है। उस वेबसाइट पर उनसे जुड़ी सही जानकारियां उपलब्ध होंगी। साथ ही, वे वेबसाइट के जरिए अपनी प्रतिदिन की गतिविधियों से प्रशंसकों को अवगत कराती रहेंगी।
कंगना रानौत की प्रवक्ता ने खबर की पुष्टि की। उन्होंने कहा, इस वक्त कंगना हैदराबाद में नागार्जुन के साथ अपनी पहली तेलुगू फिल्म की शूटिंग कर रही हैं। माह के अंत में वे मुंबई वापस लौटेंगी। उसके बाद वे अपनी वेबसाइट लांच करेंगी।
-रघुवेन्द्र सिंह

Thursday, April 9, 2009

दो सेक्सी अभिनेत्रियों का रोमांस

नीतू चंद्रा और तनुश्री दत्ता की जोड़ी नई फिल्म अपार्टमेंट में दिखेगी। चर्चा है कि दोनों का रोल सफल फिल्म दोस्ताना के जॉन अब्राहम और अभिषेक बच्चन जैसा है।
भिषेक बच्चन और जॉन अब्राहम अभिनीत फिल्म दोस्ताना के बाद अब ऐसी ही कहानी वाली एक और फिल्म बनने वाली है। इस फिल्म में तनुश्री दत्ता और नीतू चंद्रा की जोड़ी बिग स्क्रीन को हॉट बनाएगी। यह जोड़ी मैग्ना फिल्म्स के बैनर तले बन रही जगमोहन मूंदड़ा की फिल्म अपार्टमेंट में दिखेगी। फिल्म में नीतू चंद्रा जहां गांव की लड़की की भूमिका में होंगी, वहीं तनुश्री दत्ता एयर होस्टेस की भूमिका में। पिछले दिनों फिल्म सिटी में तनुश्री और नीतू के बीच फिल्म के अत्यंत हॉट सीन की शूटिंग पूरी हुई। जब इस सीन की शूटिंग हो रही थी, उस वक्त निर्देशक ने स्टूडियो में मौजूद ज्यादातर लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। चर्चा है कि अपार्टमेंट अंग्रेजी फिल्म सिंगल व्हाइट फीमेल की रिमेक है। इस बात से इनकार करते हुए निर्माता नारी हीरा कहते हैं, यह किसी भी अंग्रेजी फिल्म की रिमेक नहीं है। हां, इसमें तनुश्री और नीतू केंद्रीय भूमिका में जरूर हैं और दोनों के बीच एक रहस्यमय कहानी चलती है, लेकिन यह बिल्कुल न सोचें कि इस फिल्म में वे दोनों लेस्बियन बनी हैं। दोनों के साथ वाले दृश्य देखकर लोगों को इस बात का भ्रम अवश्य हो सकता है। इतना कह सकता हूं कि अपार्टमेंट के प्रदर्शन के बाद इन दोनों की जोड़ी की हर कोई चर्चा करेगा।
गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले ईशा कोप्पिकर और अमृता अरोड़ा अभिनीत फिल्म गर्लफ्रेंड आई थी। उसमें दोनों अभिनेत्रियों के बीच गहरा प्रेम दिखाया गया था। इधर सुनने में आ रहा है कि नीतू अब सीधी-सादी और गंभीर भूमिकाएं निभाकर ऊब चुकी हैं। यही वजह है कि उन्होंने अपार्टमेंट में बोल्ड रोल करने का फैसला किया है। नीतू और तनुश्री के करीबी बताते हैं कि ये दोनों पहली बार साथ फिल्म में काम करने का मौका पाकर बेहद खुश हैं। शूटिंग के दौरान ये सेट पर अपने-अपने शहर से जुड़ी खूब बातें करती हैं। उनकी रिअल-लाइफ केमिस्ट्री अब इतनी अच्छी हो गई है कि शूटिंग के वक्त पता ही नहीं चलता है कि वे शॉट दे रही हैं या कुछ और कर रही हैं! इन दोनों की दोस्ती इन दिनों चर्चा में है।
उल्लेखनीय है कि नीतू चंद्रा पटना की हैं और तनुश्री दत्ता जमशेदपुर की। बहरहाल, दो सेक्सी अभिनेत्रियों का रोमांस दर्शकों के लिए निश्चित ही उत्सुकता का विषय हो सकता है। अब नीतू और तनुश्री की जोड़ी बिग स्क्रीन पर जूनियर बच्चन और जॉन अब्राहम जैसा कमाल कर पाती है या नहीं, यह अपार्टमेंट की रिलीज के बाद ही पता चलेगा, जिसके बारे में कहा गया है कि यह साल के अंत में रिलीज होगी।
-रघुवेंद्र सिंह

Wednesday, April 8, 2009

देश का नाम करेगे रोशन

आत्मविश्वास से भरपूर पूजा चोपड़ा (मिस इंडिया व‌र्ल्ड), एकता चौधरी , श्रिया किशोर (मिस इंडिया अर्थ) ने नेम, फेम एंड ग्लोरी की दुनिया में कदम आगे बढ़ा दिये है। पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन करना अब उनका लक्ष्य है-
[सफलता का एकमात्र मंत्र मेहनत है]
मिस इंडिया व‌र्ल्ड का खिताब जीतने के बाद आत्मविश्वास से भरपूर पुणे की 23 वर्षीय पूजा चोपड़ा कहती है कि इंसान को सपने देखने चाहिए तथा उन्हें सच में बदलने के लिए खूब मेहनत करनी चाहिए। सपने वाकई सच होते हैं। पूजा ने कुछ वर्ष पहले मिस इंडिया बनने का सपना देखा था और आज वह उस सपने को जी रही हैं।
पूजा मानती हैं, किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए मेहनत की जरूरत होती है। उसके अलावा मेरे साथ मां का आशीर्वाद, दोस्तों का प्यार और लोगों की दुआएं थीं। तभी इस मुकाम पर मैं आ सकी।
वहीं मिस इंडिया यूनीवर्स एकता चौधरी कहती हैं, मेहनत और किस्मत के अलावा खुद में विश्वास, ईमानदारी, दोस्तों और परिवार का साथ मेरी जीत का राज है।
मिस इंडिया अर्थ 22 वर्षीय श्रिया किशोर भी मेहनत को जीवन की सफलता का एकमात्र आधार मानती है। वह कहती हैं, मैं यहां तक सिर्फ और सिर्फ मेहनत के बल पर पहुंची हूं। इसी मेहनत के बल पर मुझे और आगे जाना है।
[समाज सेवा के लिए ताज की जरूरत नहीं]
मिस इंडिया व‌र्ल्ड पूजा का मानना है कि समाज सेवा के लिए किसी ताज की जरूरत नहीं होती। पूजा कहती हैं, मैं पिछले दो वर्ष से पुणे के एक अनाथालय से जुड़ी हूं। वहां तीस-बत्तीस बच्चे हैं। मैं उनके लिए कुछ न कुछ करती रहती हूं। देश के हर युवा को समाज सेवा की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए। तब हमारे देश का भविष्य सुनहरा होगा। मैं नहीं चाहती कि लोग यह सोचें कि मैं मिस इंडिया बन गई हूं, इसलिए अब समाज सेवा करने जाऊंगी।
समाज के प्रति उत्तरदायिव निभाने के सवाल पर एकता कहती हैं, मैं भ्रूण हत्या, गरीबी, एड्स, कैंसर आदि के खिलाफ आवाज उठाऊंगी। मैं युवा पीढ़ी का ध्यान इन समस्याओं की तरफ आकर्षित करने की कोशिश करूंगी।
वहीं मुंबई के कांदिवली इलाके में पली बढ़ी श्रिया इस विषय में कहती हैं, यह ताज जीतने के बाद नई जिम्मेदारियां आ गई हैं और मैं उन्हें निभाने के लिए तैयार हूं। मैं वादे नहीं करूंगी। मेरे सामने जो समस्या आएगी, उसके निवारण के लिए अपना सौ प्रतिशत दूंगी।
[अभिनय में अभी नहीं आना]
आमतौर पर मिस इंडिया और मिस यूनिवर्स का ताज जीतने के बाद सुंदरियां हिंदी फिल्मों का रूख करती हैं, लेकिन पूजा, एकता और श्रिया इसकी अपवाद हैं। फेमिना मिस ब्यूटीफुल स्माइल और ब्यूटीफुल बॉडी का खिताब भी अपने नाम करने वाली पूजा फिल्मों में जाने के सवाल पर कहती हैं, मैं एक वर्ष तक फिल्मों के बारे में नहीं सोचूंगी। यह जरूरी नहीं है कि मिस इंडिया बनने के बाद हर लड़की एक्टिंग में जाए।
वहीं एकता कहती हैं, अभिनय मुश्किल कला है। हर कोई अभिनय नहीं कर सकता। मैं खुद को अभी अभिनय के लिए फिट नहीं मानती।
उधर श्रिया कहती हैं, मैंने फिल्मों के बारे में अभी नहीं सोचा है। मैं वर्तमान में जीती हूं। इस वक्त मैं अभिनय के बारे में कुछ नहीं कहना चाहती।
[लक्ष्य पर निगाहे]
इन तीनों का ही का लक्ष्य अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन करना है।
मिस व‌र्ल्ड के लिये भारत का प्रतिनिधित्व करने को तैयार पूजा आत्मविश्वास से भरपूर होकर कहती है, मेरा लक्ष्य इस वर्ष का मिस व‌र्ल्ड का ताज जीतना है।
एकता चौधरी पूर्व मिस यूनीवर्स सुष्मिता सेन से प्रभावित है। उनकी तरह वह भी अपने सिर पर मिस यूनीवर्स का ताज सजाना चाहती है। वह कहती हैं, सुष्मिता सेन के बाद कोई लड़की मिस यूनिवर्स का ताज भारत न ला सकी।
श्रिया किशोर बताती हैं, पूजा और एकता की तरह मैं देश के लिए मिस अर्थ का ताज लाना चाहती हूं। हमारे पास तीन महीने का समय है। हम उस प्रतियोगिता के लिए जी-जान से मेहनत करेंगे और एक बार फिर देश को गौरवान्वित करेंगे।
-रघुवेन्द्र सिंह

Monday, April 6, 2009

आने से उसके आई बहार

अध्ययन सुमन और कंगना राणावत की प्रेम कहानी का आगाज दोस्ती से शुरू हुआ और उस दोस्ती ने प्रेम का रूप कब अपना लिया, यह हम दोनों को पता ही नहीं चला! इस वक्त अध्ययन और कंगना की गिनती फिल्म इंडस्ट्री के हॉट लव-कपल में की जा रही है। अध्ययन अपनी सबसे अच्छी दोस्त और गर्लफ्रेंड कंगना से उनके कैसे रिश्ते हैं, उस पर चर्चा कर रहे हैं तरंग से..
कंगना बिना अधूरा था : फिल्म इंडस्ट्री के गलियारों में ही मैं पला-बढ़ा हूं। बचपन से ही लड़कियां मेरी दोस्त हुआ करती थीं। अब तक के जीवन में मैं कभी कंगना जैसी लड़की से नहीं मिला था। वे जब से मेरी जिंदगी में आई हैं, सब कुछ अच्छा लगने लगा है और उनके आने से जिंदगी में बहार आ गई है। सच कहूं, तो पहले मुझे एक अजीब-सा अधूरापन महसूस होता था। लगता था कि जिंदगी में किसी चीज का अभाव है, लेकिन कंगना ने उस अधूरेपन को खत्म कर दिया है।
एक-दूसरे को समझते हैं : कंगना से मेरी मुलाकात फिल्म राज-द मिस्ट्री कंटीन्यूज की शूटिंग के दौरान हुई। पहली मुलाकात में ही मैं उनकी तरफ आकर्षित हो गया, लेकिन वे मुझसे सीनियर थीं, इसलिए उनके पास जाने की हिम्मत ही नहीं होती थी। मैं उन्हें छुप-छुप कर देखा करता और अपने दोस्तों से उनके बारे में बातें करता था, लेकिन एक कॉमन दोस्त ने मेरी पोल खोल दी। उसके बाद धीरे-धीरे हम दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगीं। जब हम एक-दूसरे को अच्छी तरह समझ गए, तो साथ-साथ चलने का फैसला कर लिया। अब न केवल मैं कंगना की हर पसंद-नापसंद को जानता हूं, बल्कि वे भी मुझे अच्छी तरह समझती हैं। सच कहूं, तो हम दोनों को एक-दूसरे का साथ भाता है।
करियर है प्राथमिकता : अभी हम दोनों की शादी करने की योजना नहीं है, क्योंकि अभी मेरे करियर की शुरुआत हुई है और कंगना इस वक्त तेजी से आगे भी बढ़ रही हैं। यही वक्त है, जब वे और ऊंचाई छू सकती हैं इसलिए ऐसे वक्त में हम शादी करके अपने करियर का सत्यानाश नहीं करना चाहते! वैसे, कंगना भी मुझे यही सलाह देती हैं। हमारे पास शादी करने के लिए काफी समय है। अभी हम लव-लाइफ को एंज्वॉय कर रहे हैं। हम दोनों के पैरेंट्स को भी जल्दबाजी नहीं है।
गर्व है : मैं गर्व महसूस करता हूं कि कंगना मेरी खास दोस्त हैं। उनके जैसी खुद्दार लड़कियां मैंने कम देखी हैं। उन्होंने अपने दम पर फिल्म इंडस्ट्री में जो मुकाम और पहचान बनाई है, वह दूसरों के लिए प्रेरणा हो सकती है। वे भारतीय संस्कारों में यकीन करती हैं। दूसरों का आदर करना जानती हैं। मैं चाहूंगा कि वे ऐसी ही रहें। प्रोफेशनल लाइफ में ऐसे ही आगे बढ़ती रहें और सफलता की नई ऊंचाइयां छूएं।

-रघुवेंद्र सिंह

शाहरुख-काजोल का प्रशंसक हूं-करण जौहर

करण जौहर की हर फिल्म का सिनेप्रेमियों को बेसब्री से इंतजार रहता है। यदि उस फिल्म में शाहरुख खान और काजोल की जादुई जोड़ी हो फिर तो उत्सुकता और बढ़ जाती है। करण जौहर कहते हैं, लंबे अंतराल के बाद मैं शाहरुख-काजोल फिल्म माई नेम इज खान में साथ लाने में सफल हुआ हूं। वे मेरे बेस्ट फ्रेंड हैं, लेकिन काम के मामले में हम सब प्रोफेशनल हैं।
करण जौहर की नयी फिल्म माई नेम इज खान की शूटिंग आरंभ हो चुकी है। हाल में वे न्यूयॉर्क से शाहरुख और काजोल के साथ फ‌र्स्ट शेड्यूल खत्म करके लौटे हैं। करण कहते हैं, माई नेम इज खान की कहानी रिजवान खान के इर्द-गिर्द घूमती है। वह खास किस्म की बीमारी का शिकार है। अभी मैं कहानी के बारे में अधिक जानकारी नहीं दे सकता। इतना जरूर कहूंगा कि शाहरुख और काजोल के प्रशंसक उन्हें इसमें बिल्कुल जुदा अंदाज में देखेंगे। मैं शाहरुख और काजोल को लेकर इस फिल्म में नया प्रयोग कर रहा हूं।
करण जौहर लार्जर देन लाइफ सिनेमा के लिए लोकप्रिय हैं। अब वे छोटे बजट की फिल्मों के निर्माण में आने की तैयारी कर रहे हैं। करण कहते हैं, मैं नए निर्देशकों और नए कलाकारों के साथ छोटे बजट की फिल्में बनाने की योजना बना रहा हूं। मेरे होम प्रोडक्शन की अयान मुखर्जी निर्देशित वेकअप सिद उस क्षेत्र में पहला कदम है। रणबीर कपूर और कोंकणा सेन की उपस्थिति से मत समझिए कि बड़े बजट की फिल्म है।
[रघुवेंद्र सिंह]

खलनायिका बनेंगी सेलिना

सीधी-सादी और ग्लैमरस भूमिकाएं निभाकर लगता है कि खूबसूरत सेलिना जेटली ऊब चुकी हैं। तभी तो उन्होंने अब निगेटिव भूमिका करने का फैसला किया है। इस क्रम में उन्होंने पिछले दिनों मैग्ना फिल्म्स की एक्सीडेंट ऑन हिल रोड फिल्म साइन की।
मैग्ना फिल्म्स के प्रमुख नारी हीरा के अनुसार, एक्सीडेंट ऑन हिल रोड में पहली बार दर्शक सेलिना को निगेटिव भूमिका में देखेंगे। यह एक हॉलीवुड फिल्म का रीमेक है। ओरिजिनल फिल्म में जिस अभिनेत्री ने काम किया था, उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस के कई पुरस्कारों से नवाजा गया था। यह परफॉर्मेस ओरिएंटेड फिल्म है।
इस फिल्म के बारे में सेलिना बताती है कि इसमें वृद्धाश्रम की देखरेख करने वाली लड़की की भूमिका में दिखाई देंगी।
फिल्म की शूटिंग अप्रैल में ही शुरू हो जाएगी। पूरब कोहली फिल्म में उनके बॉयफ्रेंड बने हैं। फिल्म का निर्देशन करेगे महेश नायर। सेलिना लंबे समय से परफॉर्मेस ओरिएंटेड फिल्म के ऑफर के इंतजार में थीं। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था, हिंदी फिल्मों में अभिनेत्रियों को ज्यादा करने के लिए कुछ नहीं होता है। यह देखकर निराशा होती है। अभिनेत्रियों को ध्यान में रखकर चुनिंदा फिल्मों का निर्माण किया जाता है। मुझे ऐसी फिल्म का इंतजार है, जिसकी पूरी कहानी मेरे आसपास घूमती हो।
[रघुवेंद्र सिंह]