लंबे समय तक प्रिंट मीडिया से जुड़े रहे हैं पंकज शुक्ल। अब भोजपुरी फिल्म भोले शंकर से बतौर निर्देशक अपनी नई पारी की शुरुआत कर रहे हैं। उनकी फिल्म के कलाकार हैं मिथुन चक्रवर्ती और मनोज तिवारी। प्रस्तुत हैं पंकज से बातचीत के अंश..
फिल्म निर्देशन में आने की इच्छा शुरू से थी?
नहीं, करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की थी। उस वक्त मेरे मन में फिल्म निर्देशन का खयाल नहीं था। मेरे मन में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आने के बाद फिल्म निर्देशन का विचार आया। दरअसल, वहां काम करते हुए मैं निर्देशक की अहमियत को समझ पाया। तभी मैंने फैसला किया कि निर्देशक बनना है।
निर्देशक बनने में किसी तरह की दिक्कत आई?
दिक्कत तो नहीं आई, लेकिन हां, यह जरूर अहसास हुआ कि निर्देशन आसान काम नहीं है। फिल्म पत्रकार होने का मुझे यह लाभ मिला कि इंडस्ट्री के लोगों से मेरा परिचय था। मिथुन दा ने गुरु के दौरान भोजपुरी फिल्मों में काम करने की इच्छा जाहिर की थी। पत्रकार होने की वजह से ही शायद उन्हें मैं अपनी फिल्म में काम करने के लिए राजी कर सका।
भोजपुरी फिल्मों की स्थिति अच्छी नहीं है और आप उसी से अपना करियर शुरू कर रहे हैं?
आप इसे मेरी जल्दबाजी या फिर मिथुन दा और मनोज तिवारी से निकटता का परिणाम कह सकते हैं, लेकिन मेरी फिल्म आज की भोजपुरी फिल्मों से अलग है। मैंने फिल्म बनाने से पहले मौजूदा दौर की भोजपुरी फिल्मों की असफलता पर रिसर्च किया। लोगों से बात की। मैंने पाया कि भोजपुरी फिल्मों में फूहड़ता आने की वजह से दर्शक सपरिवार थिएटर में नहीं जाते हैं। इसीलिए मैंने साफ-सुथरी फिल्म बनाई है।
भोले शंकर के बारे में बताएं?
यह एक पारिवारिक फिल्म है। मैंने इसकी कहानी युवाओं को ध्यान में रखकर लिखी है। कहानी के केंद्र में दो भाई भोले और शंकर हैं। इसमें भोले मनोज तिवारी और शंकर का किरदार मिथुन दा निभा रहे हैं। मैंने फिल्म के माध्यम से संदेश देने की कोशिश की है कि सिर्फ नौकरी से ही बेरोजगारी दूर नहीं होगी, हुनर भी व्यवसाय बन सकता है।
मिथुन दा और मनोज जी के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
इनके साथ काम करने का अनुभव अच्छा रहा। मिथुन दा ने डबिंग भी खुद की है। मनोज मेरे अच्छे मित्र हैं। वे अच्छे ऐक्टर तो हैं ही, बहुत अच्छे गायक भी हैं।
आगे की क्या योजना है?
मैंने अपना प्रोडक्शन हाउस शुरू किया है। उसके जरिए क्षेत्र विशेष की भाषा में फिल्म बनाकर डीवीडी पर रिलीज करने की हमारी योजना है। इसके अलावा, अभी मैं एक हिंदी फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम कर रहा हूं। मुझे कोई अच्छी स्क्रिप्ट मिली, तो भोजपुरी फिल्म भी बनाऊंगा।
फिल्म निर्देशन में आने की इच्छा शुरू से थी?
नहीं, करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की थी। उस वक्त मेरे मन में फिल्म निर्देशन का खयाल नहीं था। मेरे मन में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आने के बाद फिल्म निर्देशन का विचार आया। दरअसल, वहां काम करते हुए मैं निर्देशक की अहमियत को समझ पाया। तभी मैंने फैसला किया कि निर्देशक बनना है।
निर्देशक बनने में किसी तरह की दिक्कत आई?
दिक्कत तो नहीं आई, लेकिन हां, यह जरूर अहसास हुआ कि निर्देशन आसान काम नहीं है। फिल्म पत्रकार होने का मुझे यह लाभ मिला कि इंडस्ट्री के लोगों से मेरा परिचय था। मिथुन दा ने गुरु के दौरान भोजपुरी फिल्मों में काम करने की इच्छा जाहिर की थी। पत्रकार होने की वजह से ही शायद उन्हें मैं अपनी फिल्म में काम करने के लिए राजी कर सका।
भोजपुरी फिल्मों की स्थिति अच्छी नहीं है और आप उसी से अपना करियर शुरू कर रहे हैं?
आप इसे मेरी जल्दबाजी या फिर मिथुन दा और मनोज तिवारी से निकटता का परिणाम कह सकते हैं, लेकिन मेरी फिल्म आज की भोजपुरी फिल्मों से अलग है। मैंने फिल्म बनाने से पहले मौजूदा दौर की भोजपुरी फिल्मों की असफलता पर रिसर्च किया। लोगों से बात की। मैंने पाया कि भोजपुरी फिल्मों में फूहड़ता आने की वजह से दर्शक सपरिवार थिएटर में नहीं जाते हैं। इसीलिए मैंने साफ-सुथरी फिल्म बनाई है।
भोले शंकर के बारे में बताएं?
यह एक पारिवारिक फिल्म है। मैंने इसकी कहानी युवाओं को ध्यान में रखकर लिखी है। कहानी के केंद्र में दो भाई भोले और शंकर हैं। इसमें भोले मनोज तिवारी और शंकर का किरदार मिथुन दा निभा रहे हैं। मैंने फिल्म के माध्यम से संदेश देने की कोशिश की है कि सिर्फ नौकरी से ही बेरोजगारी दूर नहीं होगी, हुनर भी व्यवसाय बन सकता है।
मिथुन दा और मनोज जी के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
इनके साथ काम करने का अनुभव अच्छा रहा। मिथुन दा ने डबिंग भी खुद की है। मनोज मेरे अच्छे मित्र हैं। वे अच्छे ऐक्टर तो हैं ही, बहुत अच्छे गायक भी हैं।
आगे की क्या योजना है?
मैंने अपना प्रोडक्शन हाउस शुरू किया है। उसके जरिए क्षेत्र विशेष की भाषा में फिल्म बनाकर डीवीडी पर रिलीज करने की हमारी योजना है। इसके अलावा, अभी मैं एक हिंदी फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम कर रहा हूं। मुझे कोई अच्छी स्क्रिप्ट मिली, तो भोजपुरी फिल्म भी बनाऊंगा।
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