हॉरर और थ्रिलर फिल्मों की शूटिंग का प्रसिद्ध स्थल है मुकेश मिल। यहाँ खौफनाक फिल्में ही नहीं बनतीं, इससे जुड़े किस्से भी पैदा कर देते हैं रीढ़ में सिहरन-
बीते साल की हिट फिल्म राज-द मिस्ट्री कंटीन्यूज का वह भयावह इंटरवल सीन सभी को याद होगा, जब कंगना रानाउत के भीतर पहली बार भूत प्रवेश करता है और वे अजीब सी आवाज में चीखते-चीखते दीवार पर टंग जाती हैं। उस दृश्य में इमरान हाशमी और अध्ययन सुमन भी थे। यह दृश्य फिल्माया गया था मुंबई में हॉरर फिल्मों की परफेक्ट लोकेशन मुकेश मिल में।
158 साल पुरानी मुकेश मिल के बारे में कहा जाता है कि यहां आत्माओं का वास है। कुछ फिल्मकार एवं कलाकार भूतों के डर से मिल में कभी शूटिंग करने नहीं गए, वहीं मधुर भंडारकर जैसे फिल्मकार मुकेश मिल को अपने लिए लकी मानते हैं और अपनी हर फिल्म के कुछ दृश्यों की शूटिंग यहां जरूर करते हैं। कुछ दिनों पहले विपुल शाह ने अपनी नई फिल्म एक्शन रिप्ले का होली गीत ऐश्वर्य राय बच्चन और नेहा धूपिया पर यहीं फिल्माया।
[आग में झुलसा अतीत]
मुकेश मिल का निर्माण 1852 में हुआ था। दस एकड़ की जमीन पर बनी इस मिल में कपड़े बनते थे। 1970 में मुकेश मिल शॉट सर्किट की वजह से पहली बार आग में झुलसी थी, लेकिन दो साल बाद मिल फिर से सुचारू रूप से चलने लगी। लगभग एक दशक बाद जब दोबारा यह मिल आग की चपेट में आयी तो संवर और संभल न सकी। इस बार आग की लपटें इतनी तेज और भयावह थीं कि मुकेश मिल का लगभग हर कोना कालिख में सन गया। कपड़े बनाने की मशीनें जल गईं, मिल की ऊंची दीवारें ध्वस्त हो गईं और साढ़े तीन हजार लोग अचानक बेरोजगार हो गए। मुकेश मिल खंडहर में तब्दील हो गयी। 1984 से मुकेश मिल को फिल्मों की शूटिंग के लिए किराए पर दिया जाने लगा। मिल खंडहर बन चुकी थी, इसलिए हॉरर और थ्रिलर फिल्मों की शूटिंग यहां तेजी से होने लगी और कुछ ही समय में मुकेश मिल इस किस्म की फिल्मों के लिए परफेक्ट लोकेशन बन गई।
[दफ्तर बन गए मेकअप रूम]
मुकेश मिल दक्षिण मुंबई के कोलाबा में एन ए सावंत मार्ग पर स्थित है। चर्चगेट रेलवे स्टेशन से टैक्सी द्वारा पन्द्रह मिनट में यहां पहुंचा जा सकता है। यह मुंबई के शोरगुल से दूर समुद्र के किनारे स्थित है। मिल की चहारदीवारी में इंटर करते ही अजीब सा सन्नाटा महसूस होता है। मिल के प्रांगण में हर तरफ खंडहर नजर आता है। खंडहरों में कई पेड़ उग आए हैं। मिल के पिछले हिस्से से विशाल समुद्र का आकर्षक नजारा देखा जा सकता है। फिलहाल, मिल के सिर्फ छोटे दफ्तर सलामत हैं। इनमें कुछ दफ्तरों को अब प्रॉपर्टी, मेकअप और डांसर रूम बना दिया गया है। गत छब्बीस वर्षो में मुकेश मिल में अनगिनत फिल्मों, म्यूजिक वीडियो, सीरियल और विज्ञापनों की शूटिंग हो चुकी है। हाल के वर्षो में भूतनाथ, राज-द मिस्ट्री, कुर्बान, जश्न, राज-द मिस्ट्री कंटीन्यूज, एसिड फैक्ट्री, एक खिलाड़ी एक हसीना, दस कहानियां, आवारापन, हे बेबी, ट्रैफिक सिग्नल फिल्मों की शूटिंग यहां हुई।
[भूतों का मसला]
मुकेश मिल में रात में शूटिंग करने वालों के पास कोई न कोई किस्सा बताने के लिए है। युवा निर्देशक रेंसिल डिसिल्वा बताते हैं, ''मिल में चिमनी के पास पीपल का एक पेड़ है। कहा जाता है कि वहां भूत-प्रेत रहते हैं। एक खिलाड़ी एक हसीना फिल्म की शूटिंग के समय फरदीन खान ने कहा कि यूनिट का कोई भी शख्स यदि अकेले चिमनी के पास चला जाएगा तो वे उसे दस हजार रूपए नकद देंगे, लेकिन कोई वहां जाने की हिम्मत न कर सका। टीवी एक्ट्रेस कामया पंजाबी बताती हैं, ''ठीक एक साल पहले की बात है। मैं जी टीवी के सीरियल बनूं मैं तेरी दुल्हन के अपने कमबैक सीन की शूटिंग कर रही थी। रात के आठ बजे थे। किसी ने आकर बताया कि मिल में दूसरी तरफ एक लड़की है। वह अजीब आवाज में बोल रही है कि यहां से चले जाओ। मेरी जगह है। मेरे डायरेक्टर और यूनिट के लोग उसे देखने गए। मैं भी जाने वाली थी, लेकिन मैं एक भयानक सीन अपने मन में नहीं बैठाना चाहती थी। वहां मेरी कई चीजें भी गायब हो गईं।'' उनके विपरीत तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता मधुर भंडारकर मुकेश मिल को लकी जगह मानते हैं। पेज थ्री, कॉरपोरेट, ट्रैफिक सिग्नल फिल्म के कुछ दृश्यों की शूटिंग उन्होंने मिल में की है। महेश भट्ट भी इसको बढि़या जगह मानते हैं।
[अब न होगी शूटिंग]
खंट्टी-मीठी यादों की सौगात देने वाली मुकेश मिल जल्द ही भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक नाम बनकर रह जाएगी। प्रॉपर्टी के मालिक विकास अग्रवाल मुकेश मिल के स्थान पर रेसिडेंसियल कम कमर्शियल कांप्लेक्स बनाने जा रहे हैं। मुकेश मिल को तोड़कर एक फाइव स्टार होटल बनाने की भी उनकी योजना है। यह सुनकर प्रख्यात फिल्मकार मुकेश भंट्ट बेहद आहत हैं। वे कहते हैं, ''मुकेश मिल के टूटने की बात सुनकर मेरा दिल बैठ गया। मैंने वहां अनगिनत फिल्में शूट की हैं। ऐसा लग रहा है कि मेरा वर्षो पुराना कोई दोस्त छूट रहा है। मैं ही नहीं पूरी फिल्म बिरादरी मुकेश मिल की कमी महसूस करेगी। मुकेश मिल्स फिल्म इंडस्ट्री का सबसे कीमती गहना है।''
[बकवास है यह बात]
प्रख्यात फिल्मकार महेश भंट्ट इस संदर्भ में अपना अनुभव कुछ यूं बांटते हैं, ''नब्बे में लोग मुकेश मिल को मनहूस जगह मानते थे। कहते थे कि वहां शूट हुई फिल्में फ्लॉप हो जाती हैं। मैंने पहली बार मुकेश मिल में अपनी फिल्म सड़क का मुहूर्त किया था। लोगों ने कहा कि आप वह सीन कहीं और री शूट कर लीजिए। मैंने कहा कि आप जाहिलों जैसी बातें क्यों कर रहे हैं? मैंने री शूट नहीं किया और बाद में सड़क सुपरहिट हुई। फिल्म इंडस्ट्री के लोग अजीब हैं। यहां फिल्म नहीं चलती तो अपने कथानक को लोग दोष नहीं देते, मुकेश मिल को दोष देते हैं!''
-रघुवेन्द्र सिंह
बीते साल की हिट फिल्म राज-द मिस्ट्री कंटीन्यूज का वह भयावह इंटरवल सीन सभी को याद होगा, जब कंगना रानाउत के भीतर पहली बार भूत प्रवेश करता है और वे अजीब सी आवाज में चीखते-चीखते दीवार पर टंग जाती हैं। उस दृश्य में इमरान हाशमी और अध्ययन सुमन भी थे। यह दृश्य फिल्माया गया था मुंबई में हॉरर फिल्मों की परफेक्ट लोकेशन मुकेश मिल में।
158 साल पुरानी मुकेश मिल के बारे में कहा जाता है कि यहां आत्माओं का वास है। कुछ फिल्मकार एवं कलाकार भूतों के डर से मिल में कभी शूटिंग करने नहीं गए, वहीं मधुर भंडारकर जैसे फिल्मकार मुकेश मिल को अपने लिए लकी मानते हैं और अपनी हर फिल्म के कुछ दृश्यों की शूटिंग यहां जरूर करते हैं। कुछ दिनों पहले विपुल शाह ने अपनी नई फिल्म एक्शन रिप्ले का होली गीत ऐश्वर्य राय बच्चन और नेहा धूपिया पर यहीं फिल्माया।
[आग में झुलसा अतीत]
मुकेश मिल का निर्माण 1852 में हुआ था। दस एकड़ की जमीन पर बनी इस मिल में कपड़े बनते थे। 1970 में मुकेश मिल शॉट सर्किट की वजह से पहली बार आग में झुलसी थी, लेकिन दो साल बाद मिल फिर से सुचारू रूप से चलने लगी। लगभग एक दशक बाद जब दोबारा यह मिल आग की चपेट में आयी तो संवर और संभल न सकी। इस बार आग की लपटें इतनी तेज और भयावह थीं कि मुकेश मिल का लगभग हर कोना कालिख में सन गया। कपड़े बनाने की मशीनें जल गईं, मिल की ऊंची दीवारें ध्वस्त हो गईं और साढ़े तीन हजार लोग अचानक बेरोजगार हो गए। मुकेश मिल खंडहर में तब्दील हो गयी। 1984 से मुकेश मिल को फिल्मों की शूटिंग के लिए किराए पर दिया जाने लगा। मिल खंडहर बन चुकी थी, इसलिए हॉरर और थ्रिलर फिल्मों की शूटिंग यहां तेजी से होने लगी और कुछ ही समय में मुकेश मिल इस किस्म की फिल्मों के लिए परफेक्ट लोकेशन बन गई।
[दफ्तर बन गए मेकअप रूम]
मुकेश मिल दक्षिण मुंबई के कोलाबा में एन ए सावंत मार्ग पर स्थित है। चर्चगेट रेलवे स्टेशन से टैक्सी द्वारा पन्द्रह मिनट में यहां पहुंचा जा सकता है। यह मुंबई के शोरगुल से दूर समुद्र के किनारे स्थित है। मिल की चहारदीवारी में इंटर करते ही अजीब सा सन्नाटा महसूस होता है। मिल के प्रांगण में हर तरफ खंडहर नजर आता है। खंडहरों में कई पेड़ उग आए हैं। मिल के पिछले हिस्से से विशाल समुद्र का आकर्षक नजारा देखा जा सकता है। फिलहाल, मिल के सिर्फ छोटे दफ्तर सलामत हैं। इनमें कुछ दफ्तरों को अब प्रॉपर्टी, मेकअप और डांसर रूम बना दिया गया है। गत छब्बीस वर्षो में मुकेश मिल में अनगिनत फिल्मों, म्यूजिक वीडियो, सीरियल और विज्ञापनों की शूटिंग हो चुकी है। हाल के वर्षो में भूतनाथ, राज-द मिस्ट्री, कुर्बान, जश्न, राज-द मिस्ट्री कंटीन्यूज, एसिड फैक्ट्री, एक खिलाड़ी एक हसीना, दस कहानियां, आवारापन, हे बेबी, ट्रैफिक सिग्नल फिल्मों की शूटिंग यहां हुई।
[भूतों का मसला]
मुकेश मिल में रात में शूटिंग करने वालों के पास कोई न कोई किस्सा बताने के लिए है। युवा निर्देशक रेंसिल डिसिल्वा बताते हैं, ''मिल में चिमनी के पास पीपल का एक पेड़ है। कहा जाता है कि वहां भूत-प्रेत रहते हैं। एक खिलाड़ी एक हसीना फिल्म की शूटिंग के समय फरदीन खान ने कहा कि यूनिट का कोई भी शख्स यदि अकेले चिमनी के पास चला जाएगा तो वे उसे दस हजार रूपए नकद देंगे, लेकिन कोई वहां जाने की हिम्मत न कर सका। टीवी एक्ट्रेस कामया पंजाबी बताती हैं, ''ठीक एक साल पहले की बात है। मैं जी टीवी के सीरियल बनूं मैं तेरी दुल्हन के अपने कमबैक सीन की शूटिंग कर रही थी। रात के आठ बजे थे। किसी ने आकर बताया कि मिल में दूसरी तरफ एक लड़की है। वह अजीब आवाज में बोल रही है कि यहां से चले जाओ। मेरी जगह है। मेरे डायरेक्टर और यूनिट के लोग उसे देखने गए। मैं भी जाने वाली थी, लेकिन मैं एक भयानक सीन अपने मन में नहीं बैठाना चाहती थी। वहां मेरी कई चीजें भी गायब हो गईं।'' उनके विपरीत तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता मधुर भंडारकर मुकेश मिल को लकी जगह मानते हैं। पेज थ्री, कॉरपोरेट, ट्रैफिक सिग्नल फिल्म के कुछ दृश्यों की शूटिंग उन्होंने मिल में की है। महेश भट्ट भी इसको बढि़या जगह मानते हैं।
[अब न होगी शूटिंग]
खंट्टी-मीठी यादों की सौगात देने वाली मुकेश मिल जल्द ही भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक नाम बनकर रह जाएगी। प्रॉपर्टी के मालिक विकास अग्रवाल मुकेश मिल के स्थान पर रेसिडेंसियल कम कमर्शियल कांप्लेक्स बनाने जा रहे हैं। मुकेश मिल को तोड़कर एक फाइव स्टार होटल बनाने की भी उनकी योजना है। यह सुनकर प्रख्यात फिल्मकार मुकेश भंट्ट बेहद आहत हैं। वे कहते हैं, ''मुकेश मिल के टूटने की बात सुनकर मेरा दिल बैठ गया। मैंने वहां अनगिनत फिल्में शूट की हैं। ऐसा लग रहा है कि मेरा वर्षो पुराना कोई दोस्त छूट रहा है। मैं ही नहीं पूरी फिल्म बिरादरी मुकेश मिल की कमी महसूस करेगी। मुकेश मिल्स फिल्म इंडस्ट्री का सबसे कीमती गहना है।''
[बकवास है यह बात]
प्रख्यात फिल्मकार महेश भंट्ट इस संदर्भ में अपना अनुभव कुछ यूं बांटते हैं, ''नब्बे में लोग मुकेश मिल को मनहूस जगह मानते थे। कहते थे कि वहां शूट हुई फिल्में फ्लॉप हो जाती हैं। मैंने पहली बार मुकेश मिल में अपनी फिल्म सड़क का मुहूर्त किया था। लोगों ने कहा कि आप वह सीन कहीं और री शूट कर लीजिए। मैंने कहा कि आप जाहिलों जैसी बातें क्यों कर रहे हैं? मैंने री शूट नहीं किया और बाद में सड़क सुपरहिट हुई। फिल्म इंडस्ट्री के लोग अजीब हैं। यहां फिल्म नहीं चलती तो अपने कथानक को लोग दोष नहीं देते, मुकेश मिल को दोष देते हैं!''
-रघुवेन्द्र सिंह
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