दीपल शॉ को लोग ग्लैमरस और सेक्सी गर्ल कहते हैं, लेकिन वे इनसे अलग भी हैं। ए वेडनेसडे, कर्मा और होली, राइट या रांग आदि फिल्में करने वाली अभिनेत्री दीपल अब महिला प्रधान फिल्म विकल्प में एक महत्वाकांक्षी लड़की के किरदार में दिखेंगी। बातचीत दीपल से..।
आप कहां थीं? मीडिया से आपने दूरी क्यों बना रखी है?
मीडिया ने मुझे बहुत परेशान किया। मीडिया ने एक ढांचा बना दिया है कि दीपल वीडियो एलबम टाइप गर्ल है, जबकि मैं अपनी हर फिल्म में एकचुनौतीपूर्ण भूमिका निभा रही हूं। मैंने तय किया है कि मैं मीडिया से दूर रहूंगी और अपना काम करूंगी। फिर काम अपने आप बोलेगा। मैं मीडिया से नाराज नहीं हूं। दरअसल, मीडिया मुझे समझ नहीं पा रहा है। मैं उस दिन का इंतजार करूंगी, जब मीडिया मुझे समझेगा।
आपको मीडिया द्वारा बनाया गया ढांचा पसंद नहीं है?
ढांचा पसंद होने की बात नहीं है। मुझे पता है किबतौर कलाकार मैं दर्शकों को बहुत कुछ दे रही हूं और दर्शक उसे स्वीकार भी कर रहे हैं। लेकिन मीडिया इस बात को स्वीकार न करके मुझे बार-बार पुराने ढांचे में डाल रहा है। मुझे ग्लैमर गर्ल कहलाना पसंद है। मेरी उम्र है ग्लैमर गर्ल कहलाने की, लेकिन यह कहना कि दीपल सिर्फ एक ग्लैमर गर्ल है, गलत है।
विकल्प कैसी फिल्म है?
थ्रिलर है। इसका सार यह है कि जो आप चुनते हैं, वही बनते हैं। यह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर रिषिका की कहानी है। वह कोल्हापुर में पली-बढ़ी है। अनाथ है। बहुत छुई-मुई सी लड़की है। वह दिखने में ग्लैमरस नहीं है। दब-दब कर जीती है, लेकिन उसके मन में चाह है कि टेक्नोलॉजी केसहारे वह अपने देश का नाम रोशन करे। रिषिका अपनी पहचान बना पाती है या नहीं? अपने देश का नाम रोशन कर पाती है या नहीं? सफल होती है या नहीं? यही फिल्म में दिखाया गया है।
विकल्प से जुड़ने की वजह क्या रही?
फिल्म के निर्देशक सचिन ने कहानी सुनाने के बाद मेरा ऑडिशन नहीं लिया। उन्होंने कहा कि मुझे मेरी रिषिका मिल गई। मेरे जुड़ने की खास वजह यह है कि जिंदगी में पहली बार अच्छी परफॉर्मेस वाला रोल किसी ने मुझे दिया। मैं खुश हो गई। मैं अगर यह फिल्म नहीं करती, तो बेवकूफ कहलाती। इसकी पूरी कहानी मेरे इर्द-गिर्द घूमती है, इसीलिए कोई बड़ा ऐक्टर इसमें काम करने के लिए तैयार नहीं हुआ। इसमें सभी कलाकार एनएसडी के हैं। इसमें मुझे पहली बार एक मराठी गर्ल का किरदार निभाने का मौका मिला है। आपके लिए फिल्म को चलाना बहुत भारी होगा।
आप प्रेशर महसूस कर रही हैं?
दीपल एक फिल्म को अपने कंधे पर लेकर चल रही है, तो जाहिर है कि डिस्ट्रीब्यूटर के लिए यह कॉमर्शियल सेटअप नहीं होगा, लेकिन दीपल कोशिश कर रही है। विकल्प की कहानी बहुत प्रेरक है। हमने एक अच्छी फिल्म बनाई है।
अपने करियर की अब तक की ग्रोथ को कैसे देखती हैं?
मेरे हिसाब से बहुत अच्छी है। मैं सकारात्मक सोचती हूं। मुझे मेरी सोच और लक्ष्य पता है। मेरा लक्ष्य अनोखा है। हिंदी फिल्मों में हीरोइने हमेशा सेकंडरी होती हैं। मैं उस ब्रांड को बदलना चाहती हूं। मैं समझदारी से आगे बढ़ रही हूं। अपने बारे में सिर्फ मैं जानती हूं और जब मैं विकल्प जैसी फिल्में करूंगी, तो बड़े निर्माता-निर्देशक भी मेरे बारे में जानेंगे। मैं दुनिया के हर सिनेमा पर अपनी छाप छोड़ना चाहती हूं।
टीवी को करियर के लिए विकल्प के तौर पर देखती हैं?
मैं टीवी में तभी जाऊंगी, जब मेरी वजह से टीवी में कोई वैल्यू ऐडिशन होगा। यदि टीवी मुझमें वैल्यू ऐड करेगा, तो मैं नहीं जाऊंगी। मेरे पास शो बिग बॉस का ऑफर आया था, लेकिन मैंने मनाकर दिया। मेरा जो लक्ष्य नहीं है, उसके बारे में मैं क्यों बात करूं?
आप कहां थीं? मीडिया से आपने दूरी क्यों बना रखी है?
मीडिया ने मुझे बहुत परेशान किया। मीडिया ने एक ढांचा बना दिया है कि दीपल वीडियो एलबम टाइप गर्ल है, जबकि मैं अपनी हर फिल्म में एकचुनौतीपूर्ण भूमिका निभा रही हूं। मैंने तय किया है कि मैं मीडिया से दूर रहूंगी और अपना काम करूंगी। फिर काम अपने आप बोलेगा। मैं मीडिया से नाराज नहीं हूं। दरअसल, मीडिया मुझे समझ नहीं पा रहा है। मैं उस दिन का इंतजार करूंगी, जब मीडिया मुझे समझेगा।
आपको मीडिया द्वारा बनाया गया ढांचा पसंद नहीं है?
ढांचा पसंद होने की बात नहीं है। मुझे पता है किबतौर कलाकार मैं दर्शकों को बहुत कुछ दे रही हूं और दर्शक उसे स्वीकार भी कर रहे हैं। लेकिन मीडिया इस बात को स्वीकार न करके मुझे बार-बार पुराने ढांचे में डाल रहा है। मुझे ग्लैमर गर्ल कहलाना पसंद है। मेरी उम्र है ग्लैमर गर्ल कहलाने की, लेकिन यह कहना कि दीपल सिर्फ एक ग्लैमर गर्ल है, गलत है।
विकल्प कैसी फिल्म है?
थ्रिलर है। इसका सार यह है कि जो आप चुनते हैं, वही बनते हैं। यह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर रिषिका की कहानी है। वह कोल्हापुर में पली-बढ़ी है। अनाथ है। बहुत छुई-मुई सी लड़की है। वह दिखने में ग्लैमरस नहीं है। दब-दब कर जीती है, लेकिन उसके मन में चाह है कि टेक्नोलॉजी केसहारे वह अपने देश का नाम रोशन करे। रिषिका अपनी पहचान बना पाती है या नहीं? अपने देश का नाम रोशन कर पाती है या नहीं? सफल होती है या नहीं? यही फिल्म में दिखाया गया है।
विकल्प से जुड़ने की वजह क्या रही?
फिल्म के निर्देशक सचिन ने कहानी सुनाने के बाद मेरा ऑडिशन नहीं लिया। उन्होंने कहा कि मुझे मेरी रिषिका मिल गई। मेरे जुड़ने की खास वजह यह है कि जिंदगी में पहली बार अच्छी परफॉर्मेस वाला रोल किसी ने मुझे दिया। मैं खुश हो गई। मैं अगर यह फिल्म नहीं करती, तो बेवकूफ कहलाती। इसकी पूरी कहानी मेरे इर्द-गिर्द घूमती है, इसीलिए कोई बड़ा ऐक्टर इसमें काम करने के लिए तैयार नहीं हुआ। इसमें सभी कलाकार एनएसडी के हैं। इसमें मुझे पहली बार एक मराठी गर्ल का किरदार निभाने का मौका मिला है। आपके लिए फिल्म को चलाना बहुत भारी होगा।
आप प्रेशर महसूस कर रही हैं?
दीपल एक फिल्म को अपने कंधे पर लेकर चल रही है, तो जाहिर है कि डिस्ट्रीब्यूटर के लिए यह कॉमर्शियल सेटअप नहीं होगा, लेकिन दीपल कोशिश कर रही है। विकल्प की कहानी बहुत प्रेरक है। हमने एक अच्छी फिल्म बनाई है।
अपने करियर की अब तक की ग्रोथ को कैसे देखती हैं?
मेरे हिसाब से बहुत अच्छी है। मैं सकारात्मक सोचती हूं। मुझे मेरी सोच और लक्ष्य पता है। मेरा लक्ष्य अनोखा है। हिंदी फिल्मों में हीरोइने हमेशा सेकंडरी होती हैं। मैं उस ब्रांड को बदलना चाहती हूं। मैं समझदारी से आगे बढ़ रही हूं। अपने बारे में सिर्फ मैं जानती हूं और जब मैं विकल्प जैसी फिल्में करूंगी, तो बड़े निर्माता-निर्देशक भी मेरे बारे में जानेंगे। मैं दुनिया के हर सिनेमा पर अपनी छाप छोड़ना चाहती हूं।
टीवी को करियर के लिए विकल्प के तौर पर देखती हैं?
मैं टीवी में तभी जाऊंगी, जब मेरी वजह से टीवी में कोई वैल्यू ऐडिशन होगा। यदि टीवी मुझमें वैल्यू ऐड करेगा, तो मैं नहीं जाऊंगी। मेरे पास शो बिग बॉस का ऑफर आया था, लेकिन मैंने मनाकर दिया। मेरा जो लक्ष्य नहीं है, उसके बारे में मैं क्यों बात करूं?
-रघुवेंद्र सिंह
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