Sunday, June 12, 2011

शादी के बाद काम नहीं करना चाहती थी-पदमिनी कोल्हापुरे


अपने बेटे अभिनय के कहने पर पदमिनी कोल्हापुरे अभिनय की दुनिया में लौट आई। पिछले साल उनकी फिल्म बोलो राम आई थी। अभी वे माई फिल्म की शूटिंग कर रही हैं। खास बात यह है कि फिल्म में पदमिनी सगी मौसी गायिका आशा भोंसले के साथ अभिनय कर रही हैं। कहां थी पदमिनी? आज की फिल्मों से वे कितना इत्तेफाक रखती हैं? क्या उनका बेटा फिल्मों में आएगा? बता रही हैं पदमिनी इस मुलाकात में.....।

थक गई थी : मैं शादी के बाद काम नहीं करना चाहती थी। मैं थक चुकी थी। जीवन में एक वक्त आता है जब आप आराम करना चाहते हैं। महाराष्ट्रियन फैमिली में पले-बढ़े होने के नाते मैं शादी के बाद हमेशा से परिवार संभालना चाहती थी। मेरा बेटा बड़ा हो गया, तो मैं घर में बोर होने लगी। बेटे ने मुझसे एक दिन कहा कि आप इतनी अच्छी ऐक्ट्रेस हैं। आपको फिर से काम करना चाहिए। मैंने कहा कि फिर मुझे दिन भर घर से बाहर रहना पड़ेगा। उसने कहा कि जब मुझे आपकी ज्यादा जरूरत थी, तब आप मेरे पास थे। फिर मैंने फिल्मों में काम करने के बारे में सोचना शुरू किया।
नहीं करूंगी सीरियल: मेरे पास सीरियल के ऑफर आते हैं, लेकिन मुझे सीरियल वालों का हड़बड़ी में काम करना अच्छा नहीं लगता। वे आज ऑफर लेकर आते हैं और कहते हैं कि तीन दिन बाद शूटिंग शुरू होगी। महीने में पच्चीस दिन वे शूटिंग करते हैं। मुझे उनके काम करने का स्टाइल समझ में नहीं आता। मुझे तैयारी के लिए वक्त चाहिए होता है। मैं परफेक्शनिस्ट हूं। अगर मैं भिंडी की सब्जी बनाती हूं, तो उसे भी परफेक्ट बनाने की कोशिश करती हूं। क्योंकि सास भी कभी बहू थी सीरियल से स्मृति ईरानी के निकलने के बाद तुलसी के रोल के लिए मुझसे भी संपर्क किया गया था।
गर्व है काम पर: मैंने फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज लोगों के साथ काम किया है। मैंने लता मंगेशकर के साथ गीत गाया, दिलीप कुमार और नूतन के साथ एक्टिंग की, वी शांताराम के निर्देशन में काम किया। मैंने याद रखने योग्य रोल किए हैं। आहिस्ता आहिस्ता, प्रेम रोग, वो सात दिन, प्यार झुकता नहीं जैसी फिल्में कीं। मैं अपने दौर से बहुत खुश हूं। हमारे जमाने में फिल्में सिल्वर जुबली होती थीं। मैं अपने काम से बहुत खुश हूं पर मुझे अभी तक अपने बेस्ट रोल का इंतजार है।
बहुत इमोशनल है माई : फिल्म माई को लेकर मैं बहुत उत्साहित हूं। उसका बड़ा कारण है कि इसमें आशा जी एक्टिंग कर रही हैं। इसकी कहानी बहुत अच्छी है। मेरा रोल भी बहुत अच्छा है। मैं इस फिल्म में आशा जी की बेटी का रोल कर रही हूं। फिल्म का सब्जेक्ट बहुत इमोशनल है, लेकिन पुरानी फिल्मों की तरह ज्यादा मेलो ड्रामा नहीं है। इसमें एक संदेश भी है जिसका खुलासा मैं अभी नहीं कर सकती। यह फिल्म मेरे दिल के बहुत करीब है।
पढ़ाई छूटने का दुख : मैं सात साल की थी। आशा ताई मेरे घर आती थीं। वे कहती थीं किचल नाच के दिखा। ठीक वैसे ही जैसे गब्बर सिंह शोले में हेमा जी से कहता है। मैं वैसे ही नाचती थी। आशा ताई कहती थीं कि मैं तुझे फिल्मों में लाऊंगी। इश्क इश्क इश्क फिल्म के के गीत की रिकॉर्डिग के दौरान आशा ताई ने मुझे देव अंकल से मिलवाया। उन्होंने मुझसे पूछा कि फिल्म में काम करोगी। मैंने हां कहा। इश्क इश्क इश्क नहीं चली, लेकिन उसका अनुभव खूबसूरत रहा। मैं स्कूल को एंज्वॉय नहीं कर सकी, क्योंकि काम करने लगी थी। मुझे एजुकेशन कंप्लीट नहीं करने का दुख है।
फिल्मों में आएगा बेटा : मेरे बेटे ने जबसे होश सम्भाला है, उसे ऐक्टर बनना है। वह बाईस साल का हो गया है। आजकल वह अपने आपको ग्रूम कर रहा है। वह न्यूयॉर्क फिल्म एकेडमी से एक्टिंग की ट्रेनिंग लेकर लौटा है। अब वह डिक्शन, सिंगिंग आदि की ट्रेनिंग ले रहा है। ब्रदर इन लॉ के प्रोडक्शन हाउस में वह असिस्टेंट का काम भी कर रहा है। आजकल के लड़के और लड़कियां बहुत प्रोफेशनल हैं। उन्हें पता है कि क्या चाहिए और उसे पाने के लिए उन्हें क्या करना है?
-रघुवेंद्र सिंह 

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