सोनम कपूर और धनुष के साथ आनंद एल राय फिल्म रांझणा के कुछ गंभीर दृश्यों की शूटिंग फिल्मसिटी में कर रहे थे. उनके सेट से कुछ खूबसूरत यादें लेकर लौटे हैं रघुवेन्द्र सिंह
कहानी
कुंदन (धनुष) और जोया (सोनम कपूर) की प्रेम कहानी है रांझणा. यह बनारस की गलियों में रची-बसी है. कुंदन का बचपन का प्यार है जोया, लेकिन वह उससे अपने प्यार का इजहार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. जोया पढ़ाई के लिए दिल्ली चली जाती है. जेएनयू में उसकी मुलाकात अकरम (अभय देओल) से होती है और फिर वह राजनीति में उतर जाती है. इस त्रिकोणीय प्रेम कहानी में दोस्ती और राजनीति का हल्का रंग भी है.
कुंदन (धनुष) और जोया (सोनम कपूर) की प्रेम कहानी है रांझणा. यह बनारस की गलियों में रची-बसी है. कुंदन का बचपन का प्यार है जोया, लेकिन वह उससे अपने प्यार का इजहार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. जोया पढ़ाई के लिए दिल्ली चली जाती है. जेएनयू में उसकी मुलाकात अकरम (अभय देओल) से होती है और फिर वह राजनीति में उतर जाती है. इस त्रिकोणीय प्रेम कहानी में दोस्ती और राजनीति का हल्का रंग भी है.
फिल्मसिटी में बसी दिल्ली
रांझणा यूं तो बनारस के शुद्ध वातावरण में बसी एक प्रेम कहानी है, लेकिन इस प्रेम कहानी का एक बहुत गंभीर पहलू भी है. जिसके तार दिल्ली की राजनीति से जुड़ते हैं. इस राजनीति में उतरकर जोया कुछ खोती है, तो कुछ पाती है. उसने क्या खोया है और क्या पाया है, यह तो आपको यह फिल्म देखने के बाद पता चलेगा, लेकिन मुंबई की फिल्मसिटी में आनंद एल राय कुछ ऐसे दृश्यों की शूटिंग कर रहे हैं, जिनमें सोनम कपूर और धनुष को अभिनय के अपने हुनर का प्रदर्शन करने का अवसर मिला है.
आम तौर पर सोनम कपूर पर्दे पर डिजाइनर लिबास में नजर आती हैं, लेकिन इसमें उन्होंने सादगी का चोला पहन रखा है. काले जूतों, ब्लू जींस और काली कमीज के ऊपर उन्होंने गले में एक शॉल लपेट रखा है. चेहरे पर गंभीरता है. वह अस्पताल से जैसे ही बाहर निकलती हैं, मीडिया उन पर टूट पड़ता है. लेकिन वह किसी सवाल का जवाब दिए बिना मीडिया को चीर कर निकल जाती हैं. महज दो टेक में आनंद एल राय इस सीन को ओके कर देते हैं. निर्माता-निर्देशक सुभाष घई के व्हिस्लिंगवुड्स इंटरनेशनल स्कूल के एक हिस्से को दिल्ली के अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है. कट होते ही आनंद राय हमसे सोनम कपूर की परफॉर्मेन्स के बारे में पूछते हैं और फिर अपने इस कलाकार की तारीफ में कहते हैं, ''सोनम कमाल की एक्ट्रेस हैं. वह जिस संजीदगी और समर्पण से काम करती हैं, वह प्रशंसनीय है. आनंद जानकारी देते हैं कि फिल्म की शूटिंग लगभग पूरी हो चुकी है और यहां वे फिल्म का प्री-क्लाइमेक्स सीन शूट कर रहे हैं.
रांझणा यूं तो बनारस के शुद्ध वातावरण में बसी एक प्रेम कहानी है, लेकिन इस प्रेम कहानी का एक बहुत गंभीर पहलू भी है. जिसके तार दिल्ली की राजनीति से जुड़ते हैं. इस राजनीति में उतरकर जोया कुछ खोती है, तो कुछ पाती है. उसने क्या खोया है और क्या पाया है, यह तो आपको यह फिल्म देखने के बाद पता चलेगा, लेकिन मुंबई की फिल्मसिटी में आनंद एल राय कुछ ऐसे दृश्यों की शूटिंग कर रहे हैं, जिनमें सोनम कपूर और धनुष को अभिनय के अपने हुनर का प्रदर्शन करने का अवसर मिला है.
आम तौर पर सोनम कपूर पर्दे पर डिजाइनर लिबास में नजर आती हैं, लेकिन इसमें उन्होंने सादगी का चोला पहन रखा है. काले जूतों, ब्लू जींस और काली कमीज के ऊपर उन्होंने गले में एक शॉल लपेट रखा है. चेहरे पर गंभीरता है. वह अस्पताल से जैसे ही बाहर निकलती हैं, मीडिया उन पर टूट पड़ता है. लेकिन वह किसी सवाल का जवाब दिए बिना मीडिया को चीर कर निकल जाती हैं. महज दो टेक में आनंद एल राय इस सीन को ओके कर देते हैं. निर्माता-निर्देशक सुभाष घई के व्हिस्लिंगवुड्स इंटरनेशनल स्कूल के एक हिस्से को दिल्ली के अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है. कट होते ही आनंद राय हमसे सोनम कपूर की परफॉर्मेन्स के बारे में पूछते हैं और फिर अपने इस कलाकार की तारीफ में कहते हैं, ''सोनम कमाल की एक्ट्रेस हैं. वह जिस संजीदगी और समर्पण से काम करती हैं, वह प्रशंसनीय है. आनंद जानकारी देते हैं कि फिल्म की शूटिंग लगभग पूरी हो चुकी है और यहां वे फिल्म का प्री-क्लाइमेक्स सीन शूट कर रहे हैं.
मैं फिर बनारस लौटना चाहूंगा
हम मॉनीटर के एक ओर बैठकर बातें करने में व्यस्त हैं, तो दूसरी ओर धनुष तल्लीनता से एक अंग्रेजी नॉवेल पढ़ रहे हैं. सेट के शोर-शराबे का उन पर कोई असर नहीं है. हम उनका ध्यान तोड़ते हैं. धनुष पहली बार साउथ का अपना साम्राज्य छोडक़र मुंबई आए हैं. रांझणा उनकी पहली हिंदी फिल्म है. बनारस में उन्होंने इस फिल्म की शूटिंग के दौरान एक महीने से ज्यादा वक्त बिताया. ''मुझे बनारस बहुत अच्छा लगा. अगर मौका मिले, तो मैं फिर उस शहर में लौटना चाहूंगा. उत्तर भारत के अपने प्रवास का अनुभव इन शब्दों में वे बयां करते हैं. अगला शॉट रेडी होते ही धनुष को बुलाया जाता है. इस शॉट में धनुष गलियारे में कुर्सी पर बैठे हैं और अकरम के परिजन आकर उनका शुक्रिया अदा करते हैं. शॉट खत्म हो जाता है, लेकिन धनुष के आस-पास न मेकअप आर्टिस्ट और न ही हेयर स्टाइलिस्ट नजर आता है. फिल्मकार आनंद बताते हैं, ''धनुष को मेकअप-हेयर आर्टिस्ट की जरूरत ही नहीं पड़ती. वे अपने आप सब कर लेते हैं.
लंच ब्रेक की घोषणा होती है. सोनम अपनी वैनिटी वैन में चली जाती हैं. आनंद हमें धनुष की वैनिटी वैन में लेकर पहुंचते हैं. धनुष की मांग पर आनंद घर से अपनी पत्नी के हाथ की बनी भिंडी की सब्जी लाए हैं. धनुष भिंडी की सब्जी की तारीफ करते नहीं थकते. ''मैंने भिंडी की ऐसी सब्जी कभी नहीं खाई थी. मैं भाभी जी (आनंद राय की पत्नी) का फैन बन गया हूं. जब हम उनकी टिफिन से भिंडी की सब्जी निकालते हैं, तो वे यह कहकर हमें फौरन रोक देते हैं. ''मुझे रात को भी सब्जी खानी है. धनुष बताते हैं कि बिना कोक के वह कभी खाना नहीं खाते थे, लेकिन मुंबई आने के बाद उनकी यह आदत छूट गई है और वह इस बात से बहुत खुश हैं.
सोनम ने जीत लिया दिल
अगला सीन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का फिल्माया जा रहा है. चीफ मिनिस्टर और कुछ अन्य नेताओं के साथ जोया डायस पर है. चीफ मिनिस्टर प्रेस को संबोधित करती हैं, ''एआईसीपी और हमारी पार्टी प्री-इलेक्शन इलेक्ट्रोरियल अलायंस में जा रहे हैं. वक्त आ गया है कि नया खून राजनीति में आए. राइट्स चाहिए तो ड्यूटी भी निभाओ. आओ जोया... और जोया उठकर डायस की ओर बढ़ती है. आनंद कट बोलते हैं. यह बेहद इमोशनल सीन है. सोनम को नम आंखों से एक लंबा डायलॉग बोलना है, लेकिन वह गिलसरीन नहीं लगातीं. वह डायस पर खड़ी होती हैं और डायलॉग बोलते-बोलते उनकी आंखों से आंसू छलक पड़ते हैं. चार रिटेक्स में आनंद सीन ओके कर देते हैं. सोनम तेज कदमों से आती हैं और आनंद के गले लग जाती हैं. सभी मॉनीटर पर शॉट चेक करते हैं. आनंद राय हमारा परिचय मशहूर थिएटरकर्मी अरविंद गौड़ से करवाते हैं और कहते हैं, ''अगर हमारी फिल्म में दोस्ती, कॉलेज और राजनीति असली दिखेगी, तो उसका श्रेय इन्हें जाएगा. अरविंद गौड़ पहली बार कैमरे के लिए एक्टिंग करके बेहद रोमांचित हैं.
मैं इस दुनिया से बिलॉन्ग नहीं करती
सोनम कपूर के लिए यह फिल्म एक चुनौती रही. इसकी शूटिंग आरंभ करने से पहले उन्होंने अरविंद गौड़ के साथ काफी दिनों तक वर्कशॉप की थी. उनके लगन की तारीफ करते हुए अरविंद ने कहा, ''सोनम ने जोया के किरदार के लिए बहुत मेहनत की. मुझे उनका सर्मपण देखकर बहुत खुशी हुई. सोनम फिल्म के सेट पर मस्त मिजाज नजर आईं. वह कभी पपी के साथ खेलती, उसके साथ तस्वीर निकालती, तो कभी अपने डायरेक्टर पर डायट करने का दबाव डालती दिखीं. ''सर के लिए ककड़ी और गाजर लाओ. आप डायट का खयाल रखो सर! कुछ इस तरीके से आनंद पर सोनम धौंस जमाती हैं. सोनम बीच-बीच में लेखक हिमांशु शर्मा के साथ अपने डायलॉग का रिहर्सल करती रहीं, जिनके अनुसार रांझणा आशिकों के लिए इन्सपिरेशनल फिल्म होगी. ब्रेक के दौरान उन्होंने अपने मोबाइल पर पुराने गाने प्ले कर दिए. सोनम ने दार्शनिक अंदाज में कहा, ''मुझे कभी-कभी लगता है कि मैं इस दुनिया से बिलॉन्ग ही नहीं करती हूं. मुझे पुराने जमाने में पैदा होना चाहिए था. मुझे पुराने जमाने के गीत वगैरह बहुत अच्छे लगते हैं. अब सोनम-धनुष के साथ आनंद राय रांझणा का क्लाइमेक्स सीन फिल्माने जा रहे थे. हमने उनसे विदा लेना बेहतर समझा, क्योंकि न तो हम अपना और न ही आपका इस फिल्म का मजा किरकिरा करना चाहते थे.
साभार: फिल्मफेयर
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