Wednesday, May 28, 2014

मैंने कभी ट्रेंड फॉलो नहीं किया: सनी देओल

घायल रिटर्न्स को खुद डायरेक्ट करने का फैसला आपने क्यों किया? पहले इसे अश्विनी चौधरी  निर्देशित करने वाले थे.
हां, एक-दो डायरेक्टर से बात चल रही थी, लेकिन इवेंचुअली, मुझे ये पिक्चर बनानी थी, बीकॉज दिस इज सम कैरेक्टर व्हिच आई ऑलवेज वॉन्टेड टू डू. देन आई डिसाइडेड टू डू मायसेल्फ. और काफी टाइम से मैं डायरेक्शन भी करना चाहता था. मुझे ये कैरेक्टर बहुत पसंद है, तो मैंने सोचा कि क्यों न इसी से शुरू करूं. फिलहाल, मैंने अपने सभी प्रोजेक्ट्स आगे कर दिया हैं. यही मेरी प्राथमिकता है.

दिल्लगी और घायल रिटर्न्स के बीच काफी लंबा वक्त गुजर गया. इस दौरान आपने डायरेक्शन को मिस किया?
ऐसे तो कुछ मिस-विस की बात नहीं होती है. लेकिन सबसे ज्यादा मजा एक्टिंग में ही आता है. डायरेक्शन में एक अलग संतुष्टि होती है, क्योंकि आप जो कहना चाहते हैं, वह कह सकते हैं. फिल्म में जो कुछ भी आप बताओगे, वह सब आपके दिमाग से ही निकला हुआ है. आपने हां की होगी. वह क्रिएटिव सैटिस्फैक्शन अलग ही होता है. डेफिनेटली, पूरा वक्त चला जाता है. मेरा बहुत टाइम जा रहा है घायल रिटर्न्स में, लेकिन अगर टाइम नहीं लगेगा, तो अच्छी चीज बनेगी नहीं.

घायल रिटर्न्स में आप एक्ट भी कर रहे हैं. एक साथ दो जिम्मेदारियों का निबाह करना मुश्किल नहीं होगा?
मैं पहले दिल्लगी में एक्ट और डायरेक्ट कर चुका हूं. मेरे लिए यह कोई नई चीज नहीं है. एव्रीथिंच्च् यू डू इन द लाइफ इज ए चैलेंज. और चैलेंज तो वह लोगों के लिए हो जाता है, लेकिन आप तो उसे कर रहे होते हैं, क्योंकि आप करना चाहते हो. इसमें पहला या दूसरा आना है, उसकी रेस तो नहीं है. जब आप एक्ट और डायरेक्ट करते हैं, तो अलग बात होती है, लेकिन जैसे कि मैंने बताया कि मैं पहले भी यह काम कर चुका हूं. तो उसकी ओर इतना गौर नहीं करता हूं कि ये कैसे करूंगा और वो कैसे करूंगा.

बतौर एक्टर आप जो प्रोजेक्ट्स चुन रहे हैं, वह सब आपकी इमेज और दर्शकों की पसंद के हिसाब से हैं, लेकिन क्या वजह है कि वह बॉक्स-ऑफिस पर नहीं चल रहे हैं?
जी अगर मुझे पता होता कि किस चीज पर कैसा रिस्पॉन्स मिलेगा, तो मैं हर चीज सही ही करता ना (मुस्कुराते हैं). उसके बारे में कुछ कह नहीं सकते. कोई चीज चलती है और वह इतनी बकवास होती है कि फिर हम उसके बारे में भी कुछ कह नहीं सकते. तो चलना-ना चलना इज नॉट इन आवर हैंड. जबसे इंडस्ट्री है, तबसे हम लोग यही बातें कर रहे हैं. लेकिन इसका कोई पक्का जवाब नहीं मिला है. सब कुछ स्पेक्युलेशन पर चल रहा है. आज किसी को बोल दो कि यह ठीक है, पता चलता है कि कल वही ठीक नहीं होता. उस वक्त कोई ऐसी चीज ठीक होगी, जिसके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं था. उस वक्त फिर सब कहते हैं कि हां, मुझे पता था. आई थिंक इट्स ऑल मैटर ऑफ पर्सनल चॉइस. हर चीज का अपना एक वक्त होता है और हर चीज का अपना लाइक और डिस्लाइक्स होते हैं. चलना-न चलना बॉक्स ऑफिस पर, इतने साल तक तो मेरे लिए कभी मायने नहीं रखा. बेशक यह बहुत महत्वपूर्ण है, तभी आपको प्रोजेक्ट्स कर पाते हैं. इतना तो मुझे यकीन है कि जहां पर भी हम जाते हैं, लोग हमें बहुत प्यार करते हैं. दैट इज बिकॉज ऑफ वर्क और तो हमने कुछ किया नहीं है.

आप ट्रेंड को फॉलो करने में बिलीव करते हैं?
ट्रेंड क्या है? आज कोई चलेगा, तो वह ट्रेंड बन जाएगा. सब वही करने लगते हैं. कल कुछ और चलता है, तो वह ट्रेंड बन जाता है. वो चीजें मैंने कभी फॉलो नहीं की. हां, एक-दो प्रोजेक्ट्स होंगे, जिन्हें मैंने किया है, क्योंकि लोगों ने कहा कि इस जॉनर की पिक्चर चलेगी, तो मैंने कर ली. मैंने जब भी सफलता पाई है, इट हैज ऑलवेज बीन सब्जेक्ट, विद फिल्म्स, जो उस जमाने के नहीं थे और उस वक्त वैसी फिल्में नहीं चलती थीं, उनका ट्रेंड नहीं था. सो इट इज नॉट सेटिंग ट्रेंड ऑर डूइंग एनिथिंग,  बेसिकली डूइंग व्हाट यू एंजॉय डूइंग. आपको अपने काम में मजा आ रहा है, तो फिर वही आपकी सेटिस्फैक्शन है.

टीवी पर कॉमेडी शोज आप देखते हैं? क्या लोग आपके सामने भी आपकी मिमिक्री करते हैं?
जब कभी-कभार मैं इन शोज पर जाता हूं, तो देख लेता हूं. वैसे नहीं देखता हूं. हां, मेरे सामने भी लोग मेरी मिमिक्री करते हैं और बताते हैं कि वो कितना अच्छा कर लेते हैं. तो जब मैं उनको बोलते हुए सुनता हूं, तो सोचता हूं कि क्या वाकई में मैं ऐसा हूं या नहीं हूं (हंसते हैं). मैं खुद से सवाल करने लग जाता हूं. ऑबवियसली मैं उसे एंजॉय करता हूं. पहली बार जब देखा, तब अच्छा नहीं लगता था, क्योंकि कोई नहीं चाहता कि उसकी कोई मिमिक्री करे. लेकिन बाद में इट बिकम्स योर पार्ट ऑफ लाइफ. आपको दिखता भी है कि वह इसे करते हुए एंजॉय करता है, इसलिए कर रहा है. अगर वह इसे करना एंजॉय नहीं करता, तो क्यों करता? मैंने कभी पिन पॉइंट किया नहीं कि कौन मेरी मिमक्री अच्छी करता है.

आपको यह आपत्तिजनक लगता है?
देखिए, हर आदमी जो भी अपने प्रोफेशन में है, जो भी वह करता है, उसकी वजह होती है. और इसमें भी टैलेंट होता है. ऐसे नहीं होता यह. मेरे अंदर मिमक्री का टैलेंट नहीं है, लेकिन मैं अपनी कहानी के अंदर ओरिजिनैलिटी लाने में लगा रहता हूं.

सरदारों पर सबसे ज्यादा जोक बनाए जाते हैं. उसको आप कैसे देखते हैं?
वी आर एक्टर्स बैसिकली, इसलिए इन चीजों पर मैं गौर नहीं करता. लेकिन इतना कहूंगा कि कोई भी धर्म हो, कौम हो, कहीं की भी हो, उस पर कोई चीज पर्सनल नहीं कहनी चाहिए. क्योंकि हर्ट करती है. उसके अलावा, हम अपना मजाक उड़ाते रहते हैं, तो उस चीज की कोई फिक्र नहीं है. उसकी परवाह नहीं है. क्योंकि उससे ना कोई आदमी बनता है और ना ही बिगड़ता है.

नए डायरेक्टर्स में किसका काम आपको अच्छा लगता है?
अच्छे डायरेक्टर्स हैं. मुझे नाम याद नहीं रहते. मैंने उड़ान देखी थी विक्रमादित्य मोटवानी की. वह मुझे अच्छी लगी थी. कहानी मुझे बहुत अच्छी लगी थी... सुजॉय घोष. इस ढंग के डायरेक्टर्स अच्छे लगते हैं, जिन्होंने कहानी को समझा हो और आएम श्योर उसको काफी वक्त दिया होगा, तभी ऐसी कहानियां बनती हैं.

इस तरह का काम देखकर आपके अंदर के निर्देशक को चुनौती महसूस होती है?
देखिए, जो फॉर्मूला फिल्म्स बना सकता है, वह वही बना सकता है. उसके लिए भी एक काबिलियत चाहिए होती है. उसका अपना बिलीफ होता है, जिसे आप सब लाइक करते हैं. इट इज एंटरटेनमेंट. कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जिसमें कैरेक्टर में डेप्थ होती है. जिसे आप देखना एंजॉय करते हैं. आप अपनी या दुनिया में जो देख रहे होते हैं, उसकी एक झलक मिलती है. ये नहीं है कि वो बेहतर हैं और ये बेहतर नहीं हैं. हर चीज में आदमी अपनी कैपसिटी के हिसाब से चलता है. बस यही है कि जब एक आदमी जो कर पाता है, वह उसे करता है, तो लगता है कि वह बहुत आसान है. दूसरा आदमी भी उस ढंग की फिल्में बनाने लग जाता है. वह गलत चीज है. अगर कोई चीज चलती है, तो सब वही बनाने लगते हैं. वह गलत है. आपको वह करना चाहिए, जो आपको अच्छा लगता है और जो आपका बिलीफ है. नॉट बिकॉज वह आपको लगता है कि सक्सेज होगा. 

नए कलाकारों में किसका काम आपको अच्छा लग रहा है?
सब अभी यंग हैं, अभी काम कर रहे हैं, उनको अभी मैच्योर होना है, दे हैव लॉट टू लर्न एंड ये आ जाते हैं, तो एक टेस्ट शुरू हो जाता है कि आप हर साल किस ढंग से आप अपने आपको आगे लेकर जाओगे, क्या क्या करोगे, तो कुछ कह नहीं सकता. मैंने किसी का काम ज्यादा देखा नहीं है. मैं फिल्में ज्यादा देखता नहीं हूं. लेकिन डेफिनेटिली आई हैव सीन चिंटूज सन रणबीर्स फिल्म्स. एक फिल्म देखी थी, वह अच्छी लगी थी. बाकी एक्टर्स की झलक देख लेता हूं कभी टीवी पर या कभी यू ट्यूब पर. अच्छे हैं सब. उन्हें देखकर लगता है कि जब मैं यंग था, तो मुझमें भी ऐसा ही कॉन्फिडेंस था. बट डेफिनेटिली दे ऑल आर मेच्योरिंग अप. गिव देम सम कपल ऑफ ईयर्स...

नए अभिनेताओं में से किस पर आपका डायलॉग ढाई किलो का हाथ फिट होगा?
देखिए, जब मुझे ये डायलॉग दिया गया था, तो मुझे भी नहीं पता था कि ये मुझ पर फिट होगा या नहीं. उस वक्त भी सब एक्टरों की पहचान थी, जब मैं था तब. एक एक्टर को वही करना चाहिए, जो उनकी पर्सनैलिटी कहती है. जरूरी नहीं है कि जिस ढंग से मैं डायलॉग बोलता हूं, वही एक तरीका है. दैट्स नॉट द राइट वे. ऑबवियसली, वह मुझे सूट करता है, तो पब्लिक को वह बात सही लगती है. मजा क्या है कि अगर आप भी वही डायलॉग बोलो, जो दूसरा कोई बोलता है. क्यों एंजॉय करेगी पब्किल? अनलेस एंड अनटिल आएम ए मिमक्री आर्टिस्ट (हाहाहा).

धरम जी और आपके बीच किस तरह का संबंध रहा है? आजकल पापा और बेटे के बीच दोस्त का रिश्ता होता है
देखिए, अगर आप गिने-चुने परिवारों की बात कर रहे हैं, जहां इस ढंग के रिश्ते होते हैं. पूरा देश तो ऐसा नहीं है. जहां भी हम जाते हैं, देखते हैं कि लोग हमारी तरह ही हैं. कुछ अलग चीज नहीं है उनमें. जहां उन्हें लगता है कि ये बाप की इज्जत नहीं कर रहा है, तो उन्हें अजीब सा लगता है. उन्हें लगता है कि यह हमारे जैसे ही हैं.

अपने बेटे करण के साथ आपने दोस्त का रिश्ता बनाया है?
देखिए, कोई रिश्ता रखता नहीं है. ये रिश्ते अपने आप डेवलप होते हैं. कुदरती बन जाते हैं. कोई जबरदस्ती नहीं करता है कि बेटे के संग ऐसा रिश्ता रखें. हमारी एक फैमिली है, जो सालों से एक ढंग से जी रही है. और हम सब अपने रहन-सहन से खुश हैं. दैट्स व्हाट इट इज. इसमें कोई साइंटफिक चीज नहीं है.

सुना है कि आपके घर के दरवाजे पंजाब से आने वाले हर इंसान के लिए खुले रहते हैं?
ऐसा नहीं है. बेसिकली, वी आर वेरी ओपन हार्टेड पीपुल. अगर किसी को जरूरत होती है और हम कुछ मदद कर सकते हैं, तो हम आगे बढक़र करते हैं. और खाने-पीने से तो किसी को क्या इंकार करना. किसी को भी इंकार नहीं करना चाहिए. आप पंजाब में किसी के घर चले जाओ, वह आपको खिलाएंगे-पिलाएंगे. यह नॉर्मल है. इसको हम लोग क्यों नॉर्मल नहीं समझते, मुझे समझ में नहीं आता. सबको पता है कि हम किस ढंग के हैं. 

आज सभी स्टार्स ट्विटर पर हैं, लेकिन आप क्यों नहीं हैं?
मैं वहां क्या बोलूंगा कि अभी मैंने खाना खाया है, अब मैं उठा हूं और अब वहां जा रहा हूं (हंसते हैं). मैं अपना काम छोडक़र क्या यह सब करने में लगा रहूं. सफाई देता रहूं कि मैं गलत नहीं हूं, अगर कोई कुछ छाप दे तो. अगर आपको लगता है कि मैं गलत हूं, तो ठीक है. आप अच्छे हो, 120 करोड़ लोगों का आपके पास है डाटा? व्हाई वी आर वेस्टिंग आवर टाइम इन ऑल दिस. आपको जानें लोग तो आपके काम से जानें, आपके व्यवहार से जानें, जरूरी नहीं है कि आपको उसे एक झंडा बनाके पूरे देश में आप उसे लेकर चलें. वी होंट बिलीव इन ऑल दीज थिंगस. वी आर एक्टर्स, वी बीकम्स स्टार्स बीकॉज पिक्चर चल जाती है. पर बेसिकली, वी आर एक्टर्स.

आपके बेटे करण की कैसी तैयारी चल रही है?
जब आप तय करते हो कि आपको इस फील्ड में जाना है, तो आप उस हिसाब से तैयारी करते हो. मैंने अपने हिसाब से तैयारी की थी. करण को क्या करना है, क्या बनना है, वह अपनी तैयारी कर रहा है. ये नहीं है कि वह बॉडी बिल्डिंग कर रहा है, वह डासिंग सीख रहा है. हां, एज एन एक्टर, यू हैव टू बी फ्लेक्सिब इन एव्री थिंग. आप जितनी अधिक चीजें जान लोगे, अच्छा है. पता नहीं कब उसका इस्तेमाल आप कर सकोगे. नॉलेज एक एक्टर की एैसेट्स होती है.

कब तक घोषणा करेंगे कि करण किस फिल्म से डेब्यू करेंगे?
मैंने तय किया है कि मैं तब तक किसी चीज के बारे में बात नहीं करूंगा, जब तक वह चीज शुरू नहीं हो जाएगी. क्योंकि फिर बातें ही बातें रह जाती हैं और फिर लोग पूछना शुरू कर देते हैं कि आपने ये कहा था, उसका क्या हुआ. एनर्जी उसके ऊपर वेस्ट होती है. हां यार, मुझसे गलती हो गई, सॉरी यार. उस वक्त मुझे लगा था कि मैं वो करूंगा, तो कह दिया. यह मैंने समय के साथ सीखा है कि चुप रहो. उतना ही बोलो, जितना आप कर रहे हो.

एक्टिंग फ्रंट पर क्या है?
दो-तीन प्रोजेक्ट्स हैं. लेकिन उनके बारे में अभी बात नहीं करना चाहता, क्योंकि फिर लोग कहेंगे कि वह पुश हो गई, वह रिलीज नहीं हो रही. लोगों को तो मसाला चाहिए. उसके बिना किसी को मजा नहीं आता. मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं तो काम कर रहा हूं. लेकिन जिस आदमी ने इतने पैसे लगाए हैं, उसका सत्यानाश क्यों कर रहे हैं. तो उस हिसाब से सोचना चाहिए. मुझ पर हार्म करना है, तो सीधा कीजिए. क्यों किसी को डैमेज करना, आई डोंट थिंक इट्स राइट. क्योंकि मेरा तो पैसा नहीं लगा ना. जिसका भी लगा, उसका क्यों नुकसान करना, आपको क्या हक है. आपके बारे में कोई ऐसा कुछ कहे कि आपके बिजनेस को ठेंस लगे, तो आई थिंक दैट्स बीइंग क्रिमिनली रॉन्ग. अगर हमें फर्क पडऩा होता, तो अभी तक हम यहां नहीं होते. अगर मैं कोई पिक्चर प्रोड्यूस करूं, उसमें कोई प्रॉब्लम हो, तो हर चीज में प्रॉब्लम होती है. किसी की लाइफ एकदम स्मूद नहीं है. लेकिन उसी को निपट कर आप आगे बढ़ते हैं, वही लाइफ है. क्यों शोर मचाकर उसे आप निगेटिव-पॉजिटिव-निगेटिव करोगे, तो फाइनेंशियली नुकसान पहुंचेगा प्रोजेक्ट को. उन्हें लगेगा कि सनी की पिक्चर के बारे में ऐसा बोल रहे हैं, तो मैं उसे नहीं लेता हूं, दिक्कत होगी. पैसे की कोई वैल्यू नहीं है, इसका मतलब. इन चीजों को खयाल रखना चाहिए.
- रघुवेंद्र सिंह 



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