डॉक्टर, मॉडल और ऐक्ट्रेस अदिति गोवित्रीकर केलिए रियलिटी शो बिग बॉस 3 का दूसरा अनुभव था। इसके पहले उन्होंने फीयर फैक्टर -खतरों के खिलाड़ी में हिस्सा लिया था। पहले रियलिटी शो में अदिति ने शारीरिक चुनौतियों को स्वीकार किया और दूसरे में मानसिक चुनौतियों को। वे ग्यारह सप्ताह परिवार से दूर, अलग-अलग पृष्ठभूमि और भिन्न सोच के लोगों के साथ तालमेल बिठाती रहीं। कलर्स के इस चर्चित शो से बाहर निकलने के बाद अदिति पाठकों के सामने अपनी बात रख रही हैं। उनकी बातें, उन्हीं की जुबानी..
क्या पाया, क्या खोया?
मैंने बिग बॉस के घर में अपने बच्चों को सबसे अधिक मिस किया। इतने लंबे समय तक कभी बच्चों से दूर नहीं रही। मैं दूर जाती भी थी, तो बच्चों से लगातार संपर्क में रहती थी। मैंने ग्यारह सप्ताह उनका साथ इस शो में जाकर खोया और दूसरी तरफ इस शो में मैंने तीन अच्छे दोस्त तनाज करीम, बख्तियार ईरानी और शमिता शेट्टी पाए। मुझे अलग-अलग पर्सनैल्टी और बैकग्राउंड के लोगों से बात करने और साथ रहने का अनुभव मिला। अब मैं अपने बारे में जान गई हूं कि मैं क्या कर सकती हूं।
रियलिटी शो में मसाला जरूरी
बिग बॉस के घर से निकलने के बाद मुझे रियलाइज हुआ कि इस तरह के शो में जो लोग मसाला दे सकते हैं, हंगामा कर सकते हैं, वही असली खिलाड़ी हैं। वे शो के फाइनल तक जाते हैं। शमिता और तनाज जैसे सीधे और अच्छे लोग ऐसे शो में नहीं रह सकते। मैं बिग बॉस के घर में यही सोचकर रही कि यह मेरा काम है। मैंने खुद चौबीस घंटे कैमरे के सामने रहने का फैसला किया था। शो ने मुझे बहुत कुछ सिखा दिया है, जो जिंदगी में हमेशा काम आएगा।
शो की रियलिटी
बिग बॉस जैसा कोई रियलिटी शो नहीं है। यह मैं अपने अनुभव के आधार पर कह रही हूं। इससे पहले मैंने खतरों के खिलाड़ी में हिस्सा लिया था, लेकिन उसका अनुभव अलग था। एक चारदीवारी में दुनिया से संपर्क खत्म करके चौरासी दिन तक वही चेहरे देखना सजा की तरह है। इस शो में दो दोस्त दुश्मन बन सकते हैं, लेकिन यदि आप तेज दिमाग के हैं और खुद पर कंट्रोल रखना जानते हैं, तो इसमें रह सकते हैं। मैंने शो को चुनौती मानकर स्वीकार किया था और खुश हूं कि मैं शो के फाइनल के करीब तक पहुंची।
फिल्मों पर फोकस
मैंने बिग बॉस में जाने से पहले दो फिल्में साइन की थीं। एक मराठी और एक हिंदी। सबसे पहले उनकी शूटिंग खत्म करूंगी। उसके बाद मैं नए काम के लिए हां कहूंगी। मैं कुछ दिन अपने बच्चे के साथ रहूंगी। पिछले दिनों मेरी फिल्म दे दना दन रिलीज हुई। उसे देखूंगी। पहले की तरह फिल्मों पर मैं फोकस करूंगी। यदि कोई मजेदार टीवी शो का ऑफर आया, तो उसके बारे में भी विचार करूंगी।
क्या पाया, क्या खोया?
मैंने बिग बॉस के घर में अपने बच्चों को सबसे अधिक मिस किया। इतने लंबे समय तक कभी बच्चों से दूर नहीं रही। मैं दूर जाती भी थी, तो बच्चों से लगातार संपर्क में रहती थी। मैंने ग्यारह सप्ताह उनका साथ इस शो में जाकर खोया और दूसरी तरफ इस शो में मैंने तीन अच्छे दोस्त तनाज करीम, बख्तियार ईरानी और शमिता शेट्टी पाए। मुझे अलग-अलग पर्सनैल्टी और बैकग्राउंड के लोगों से बात करने और साथ रहने का अनुभव मिला। अब मैं अपने बारे में जान गई हूं कि मैं क्या कर सकती हूं।
रियलिटी शो में मसाला जरूरी
बिग बॉस के घर से निकलने के बाद मुझे रियलाइज हुआ कि इस तरह के शो में जो लोग मसाला दे सकते हैं, हंगामा कर सकते हैं, वही असली खिलाड़ी हैं। वे शो के फाइनल तक जाते हैं। शमिता और तनाज जैसे सीधे और अच्छे लोग ऐसे शो में नहीं रह सकते। मैं बिग बॉस के घर में यही सोचकर रही कि यह मेरा काम है। मैंने खुद चौबीस घंटे कैमरे के सामने रहने का फैसला किया था। शो ने मुझे बहुत कुछ सिखा दिया है, जो जिंदगी में हमेशा काम आएगा।
शो की रियलिटी
बिग बॉस जैसा कोई रियलिटी शो नहीं है। यह मैं अपने अनुभव के आधार पर कह रही हूं। इससे पहले मैंने खतरों के खिलाड़ी में हिस्सा लिया था, लेकिन उसका अनुभव अलग था। एक चारदीवारी में दुनिया से संपर्क खत्म करके चौरासी दिन तक वही चेहरे देखना सजा की तरह है। इस शो में दो दोस्त दुश्मन बन सकते हैं, लेकिन यदि आप तेज दिमाग के हैं और खुद पर कंट्रोल रखना जानते हैं, तो इसमें रह सकते हैं। मैंने शो को चुनौती मानकर स्वीकार किया था और खुश हूं कि मैं शो के फाइनल के करीब तक पहुंची।
फिल्मों पर फोकस
मैंने बिग बॉस में जाने से पहले दो फिल्में साइन की थीं। एक मराठी और एक हिंदी। सबसे पहले उनकी शूटिंग खत्म करूंगी। उसके बाद मैं नए काम के लिए हां कहूंगी। मैं कुछ दिन अपने बच्चे के साथ रहूंगी। पिछले दिनों मेरी फिल्म दे दना दन रिलीज हुई। उसे देखूंगी। पहले की तरह फिल्मों पर मैं फोकस करूंगी। यदि कोई मजेदार टीवी शो का ऑफर आया, तो उसके बारे में भी विचार करूंगी।
-raghuvendra singh
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