Thursday, August 16, 2012

मैं शादी के लिए तैयार हूं- तुषार कपूर


हिंदी फिल्मों में तुषार कपूर ने एक दशक पूरा कर लिया है. उतार-चढ़ाव भरे अपने रोचक सफर की कहानी उन्होंने Filmfare में रघुवेन्द्र सिंह से साझा कीं

अभी तक द डर्टी पिक्चर फिल्म के लिए उनके पास बधाई संदेशों का आना जारी है. वे इसी दौरान शूट आउट एट वडाला फिल्म के अपने मुश्किल किरदार की तैयारी भी कर रहे हैं. दस वर्ष पश्चात भी एक नए कलाकार की तरह तुषार कपूर की मांग निर्माता-निर्देशकों के बीच बरकरार है. वे खुश हैं और स्वयं को लकी मानते हैं कि लोग उन्हें आज भी सोलो हीरो के तौर पर लेकर फिल्में बना रहे हैं. जुहू स्थित अपने कृष्णा बंगले में आराम की मुद्रा में बैठे तुषार कपूर भूत, वर्तमान और भविष्य के बारे में उत्साह के साथ मेरे प्रश्नों के जवाब दे रहे हैं. 

द डर्टी पिक्चर के लिए कैसी प्रतिक्रियाएं मिलीं? इसकी सफलता का आपको कितना लाभ हुआ है?
ट्विटर, फेसबुक और मैसेज के जरिए लोग बधाई संदेश भेज रहे हैं. लोगों को मेरा काम बहुत पसंद आया, खासकर मेरा ऊ ला ला वाला सीक्वेंस. पचास प्रतिशत लोगों का मानना है कि मेरा रोल और बड़ा हो सकता था. यह फिल्म मेरे लिए चैलेंज थी क्योंकि यह हीरोइन ओरिएंटेड फिल्म थी, लेकिन मेरा काम लोगों ने नोटिस किया, वही मेरे लिए बहुत बड़ी बात है. हमने पहले सोचा नहीं था कि यह इतनी बड़ी हिट हो जाएगी. शुरु में यही लगा था कि रागिनी एमएमएस और एलएसडी जैसा रिस्पांस मिलेगा. जब यह शुरू हुई थी तब एक नीश फिल्म थी. बायोपिक विद नोन फेसेज, लेकिन ऊ ला ला का थिएट्रिकल रिलीज होने के बाद यह मास की फिल्म बन गई.

गालियों और बोल्ड सीन की लोगों ने भत्र्सना की..
जैसे कि सिल्क अवॉर्ड फंक्शन में कहती है कि आप लोग मेरी फिल्मों को देखते हो, हिट बनाते हो, लेकिन अपनाते नहीं हो. उसी डबल स्टैंडर्ड को दर्शाने के लिए डर्टी पिक्चर टाइटल रखा गया था. इस फिल्म को बनाते वक्त हमने सोचा कि एक सेक्सी स्टार की लाइफ दिखा रहे हैं तो उसकी पर्सनैलिटी को बेझिझक सामने लाना है, इसलिए हमने वह रास्ता अपनाया. एलएसडी में जैसे हम सोसायटी का सच दिखाना चाहते थे, वैसे ही इसमें उस लडक़ी के सच को ईमानदारी से दिखाना चाहते थे, इसलिए इसमें सिल्क की निडरता नजर आती है.

2012 आपके लिए सीक्वल फिल्मों का साल होगा. क्या सुपर कूल हैं हम, शूट आउट एट लोखंडवाला का सीक्वल शूट आउट एट वडाला और आप अपनी पहली फिल्म मुझे कुछ कहना है का सीक्वल भी कर रहे हैं? 
मुझे कुछ कहना है 2 नहीं बन रही है. किसी ने उसके सीक्वल की अफवाह उड़ा दी थी. क्या सुपर कूल हैं हम सीक्वल है. यह सेक्स कॉमेडी होगी. शूट आउट एट वडाला प्रीक्वल है. यह हिंदुस्तान की पहली प्रीक्वल फिल्म है. यह साठ-सत्तर के दशक की कहानी है, जब मुंबई में पठान रहते थे. उस वक्त दाउद छोटे थे. उस दौर का ड्रामा है. चार दिन की चांदनी फ्रेश फिल्म थी.

शूट आउट एट वडाला में आपका किरदार एवं लुक कैसा होगा?
यह साठ के दशक कामुसलमान होगा. अभी किरदार पर काम चल रहा है. मार्च में शूटिंग शुरू करेंगे. उस किरदार के लिए मुझे तैयारी करने की जरूरत पड़ेगी. बहुत अग्रेसिव है. आप उसे जेल में आप पाएंगे.

आपने हिंदी फिल्मों में दस साल पूरा कर लिया. इस सफर को कैसे देखते हैं? इसे कितना संतोषजनक मानते हैं?
खुश हूं. 2004 से हर साल मुझे एक अच्छी फिल्म मिली है. क्या कूल हैं हम, गोलमाल 1, शूट आउट एट लोखंडवाला, गोलमाल 2, गोलमाल 3 और डर्टी पिक्चर. मल्टीस्टारर फिल्मों का मैं नंबर वन हीरो हूं. मैं संतुष्ट तब होऊंगा, जब मुझे कुछ कहना है की तरह एक बढिय़ा सोलो फिल्म और मिलेगी. लंबे समय से मेरी सोलो फिल्म चली नहीं है, फिर भी मुझे सोलो फिल्म मिल रही है. लकी हूं कि मुझे ऐसे निर्देशकों का साथ मिल रहा है.

2001 में जब आपने करियर शुरू किया था, तब आपके क्या सपने थे?
उस वक्त मुझे कुछ आइडिया नहीं था. मुझे एक ब्रेक चाहिए था. करियर शुरू करना था. डायरेक्टर का ब्रेक मिले या एक्टर का ब्रेक मिले. मुझे एक्टर का ब्रेक मिला, मैंने वो ले लिया. मैंने कुछ प्लान नहीं किया था. मैंने गलतियों से सीखा है. पहली फिल्म चल गई क्योंकि डायरेक्टर ने मेरे ऊपर इतनी मेहनत की, प्रोडय्सूर इतने अच्छे थे कि मुझे बैठे-बैठे हिट मिल गई. उसके बाद जब मुझे टीम सही नहीं मिली तब मुंह की खानी पड़ी.

आपने कभी प्लान नहीं किया कि फलां निर्देशक या फलां किस्म की फिल्म करनी है? 
डैड ने मुझसे कहा कि हाथ में चार फिल्में होनी चाहिए. मैंने उस चक्कर में गलत फिल्में कर लीं. मुझे मालूम था कि स्क्रिप्ट सही नहीं है, लेकिन हिम्मत नहीं थी कि ना कहूं. मैं बहुत डरा-डरा रहता था. खाकी के बाद मैंने डिसाइड किया कि एक फिल्म ही करूंगा, लेकिन अच्छी करूंगा. इस इंडस्ट्री को समझने में मैंने बहुत वक्त लिया.

फिल्म इंडस्ट्री में आज आप खुद को कहां पाते हैं?
मैं खुद को भागयशाली समझता हूं कि मुझे कुछ बेहतरीन निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिला. अपने दम पर मैंने यहां एक मुकाम बनाया है. वक्त के साथ मैं आगे बढ़ता जा रहा हूं. उम्मीद है कि बहुत जल्द मैं अपने लक्ष्य के करीब पहुंच जाऊंगा.

लोग एकता कपूर और आपकी तुलना करते हैं और उन्हें ज्यादा सफल माना जाता है. व्यक्तिगत तौर पर आप इसे आप कैसे लेते हैं? हर्ट होते हैं?
बिल्कुल हर्ट नहीं होता. मैं अपनी सफलता को किसी के साथ तुलना करके जज नहीं करता हूं. मैं अपनी जर्नी के हिसाब से खुद को जज करता हूं. सच है कि मैं एकता से कांपिट नहीं कर सकता. टीवी में उन्होंने बहुत ही अलग मुकाम बनाया है, लेकिन जहां फिल्म का सवाल है.. मैं नहीं मानता कि मैंने कम हिट फिल्में दी हैं. मैंने बालाजी से पहले शुरूआत की थी. मैंने एक्टर के तौर पर अपनी अलग जगह बनाई है. फिल्म के मामले में कोई नहीं कह सकता कि मैं किसी से पीछे हूं. हां, अगर मैं एक नाकाम एक्टर होता, किसी का मोहताज होता, किसी की बदौलत मुझे ब्रेक मिला होता, तो शायद हर्ट होता. मुझे कुछ कहना है, गोलमाल, खाकी फिल्मों की वजह से मेरी पहचान बनी है, ना कि सिर्फ डर्टी पिक्चर और शोर इन दि सिटी की वजह से.

एकता को एक साहसी निर्माता माना जा रहा है. क्या आप मानते हैं कि वे फिल्म मेकिंग को नई दिशा दे रही हैं?
यशराज जैसे स्थापित फिल्म निर्माण कंपनियों से उनकी तुलना नहीं कर सकते, लेकिन पिछले दस सालों में जो कंपनियां हैं, उनके सामने उन्होंने कम समय में बालाजी को लाकर खड़ा कर दिया है. वह बहुत बड़ी उपलब्धि है. वे दर्शकों को कुछ नया देखने का अवसर दे रही हैं.

एकता ने अपने करियर में उतार-चढ़ाव देखे हैं. आप उन्हें करीब से देखते रहे हैं. वे कैसे मैनेज करती हैं? उनसे क्या सीखना चाहते हैं?
वो हमेशा काम में पूरी तरह इंवॉल्व हो जाती हैं. वे हर चीज के बारे में जानकारी इकट्ठी करती हैं. वे ना कहना जानती हैं. मुझे ना कहने में बुरा लगता है. मैं अधिकार के साथ अपनी बात कह नहीं पाता. मैं उनसे यह हुनर सीखना चाहूंगा. मैं उनसे पहले जान लेता हूं कि क्या सही और गलत है, लेकिन शायद वे प्रोड्यूसर हैं इसलिए अधिकार के साथ अपनी बातें कह लेती हैं.

क्या आप मानते हैं कि एकता अपनी व्यक्तिगत जिंदगी को वक्त नहीं देती हैं?
मैंने इसकी शुरूआत योगा से करवाई है. स्कैश में उनको डाला है मैंने. वो रात को काम करती हैं, लेकिन अब वह कम हो गया है. अब उनका टाइम टेबल सुधर गया है.

एकता की शादी करने की योजना नहीं है?
मैंने एकता से इस बारे में पूछा था. उन्होंने कहा कि शादी के लिए वक्त नहीं है. एकता को लगता है कि अभी तक उन्होंने कुछ खास अचीव नहीं किया है. उनकी महत्वाकांक्षाएं बहुत ज्यादा हैं.

आपकी दोस्त अमृता अरोरा सेटल हो गई हैं और अब करीना भी शादी करने जा रही हैं. वे पूछती नहीं हैं कि आप कब शादी कर रहे हैं?
करीना कहती हैं कि अब तुम्हे अपने लिए लाइफ पार्टनर ढूंढना पड़ेगा. तुम कमिटेड रिलेशनशिप से डरते हो और कुछ नहीं है. मैं शादी के लिए तैयार हूं, लेकिन लडक़ी मिलनी चाहिए ना.

रणवीर सिंह जैसे नए कलाकारों से आप कांपिटिशन महसूस करते हैं?
कांपिटिशन तो है. जो कहता है कि मेरा किसी कांपिटिशन नहीं है, वह झूठा होगा. लेकिन यह आकाश इतना बड़ा है कि इसके नीचे सब आ सकते हैं. इंडस्ट्री में कुछ लोग हैं, जो अपने काम पर कम ध्यान देते हैं और इस बारे में ज्यादा सोचते हैं कि इसको कैसे गिराएं.

क्या इंडस्ट्री में राजनीति होती है. दूसरों को गिराने के लिए पैंतरे चले जाते हैं?
कोई किसी का कुछ बिगाड़ तो नहीं सकता है, लेकिन लोग पता लगा कर रखते हैं कि किसकी कौन सी फिल्म आ रही है. मनाते हैं कि फिल्म न चले. कांपिटिशन में ऐसा नहीं होना चाहिए. ऐसा होना चाहिए कि उसकी चले, लेकिन मेरी उससे ज्यादा चले.

आप कॉमेडी फिल्मों में ज्यादा काम कर रहे हैं. बदलाव नहीं चाहते हैं?
ज्यादा चेंज की इच्छा नहीं है. मुझे हिट फिल्में चाहिए. कॉमेडी से नहीं, मुझे गोलमाल से ब्रेक चाहिए था. मुझे दिखाना था कि मैं उससे अलग भी कुछ कर सकता हूं. डर्टी पिक्चर और शोर इन द सिटी ने मुझे वह अलग पहचान दी. गोलमाल ने मुझे जो पहचान दी, उस पर मैं गर्व महसूस करता हूं, लेकिन उसी दायरे में सिमटकर नहीं रहना चाहता था. अब मुझे शोर जैसी फिल्में करनी हैं, डांस ओरिएंटेड फिल्में करनी हैं, सोलो एक्शन फिल्में करनी हैं.

जितेन्द्र ने फिल्मों से क्यों खुद को बिल्कुल अलग कर दिया है?
डैड को अब फिल्मों में इंट्रेस्ट नहीं है. उन्हें लगता है कि दो ढ़ाई सौ फिल्में कर लीं. बहुत हैं. उन्हें अब स्टारडम का शौक नहीं है. अब वे बिजनेस में मशरूफ हैं. वे प्रॉपर्टी के काम में बिजी रहते हैं. कंपनी की फाइनेंशियल चीजें वही संभालते हैं.

चार दिन की चांदनी फिल्म का सेट अप कैसे बना? समीर काॢणक अलग टीम के साथ काम करते थे और आप अलग.
यह इत्तेफाक की बात है. पिछले साल 24 जुलाई मैं डर्टी पिक्चर की शूटिंग पूरी करके मुंबई आया था. उसी दिन मेरा नैरेशन रखा था. समीर ने कहा कि हमें अगस्त में फिल्म स्टार्ट करनी है. मैंने कहा कि अभी आए हो और पंद्रह दिन में शूटिंग स्टार्ट करने के लिए कह रहे हो. डेट कैसे एडजस्ट करेंगे. डर्टी पिक्चर का तीन चार दिन का काम है, हम तुम शबाना का प्रमोशन स्टार्ट हो रहा है और क्या सुपर कूल हैं हम की शूटिंग शुरू करनी है. मैं टेंशन में था. लकली, सब वक्त पर हो गया. क्या सुपर कूल हैं हम नवंबर के लिए स्थगित हो गई.

फिल्म प्रोडक्शन में आने की आपकी प्लानिंग थी. क्या हुआ?
मैंने प्लान किया था, लेकिन मुझे कोई ईमानदार और भरोसेमंद डायरेक्टर या राइटर मिला नहीं है. मुझे सब फ्रॉड लगते हैं.



मेरी नायिकाएं, मेरी दोस्त 
करीना कपूर
2001 से 2011 तक मेरी बेस्ट फिल्में मुझे कुछ कहना है, गोलमाल रिटन्र्स और गोलमाल 3 के साथ रही हैं. करीना मेरी फ्रेंड भी हैं, इसलिए हमारे बीच एक खास रिश्ता है. मेरे लिए वह नंबर वन हैं. पहले उन्हें गुस्सा जल्दी आता था, बचपना उनमें ज्यादा था. पर अब वह मेच्योर हो गई हैं. वे कहती हैं कि मैं नंबर वन हूं और यह पोजीशन मैं छोडूंगी नहीं. उनकी यह क्वालिटी मुझे पसंद है.

ईशा देओल
उनके साथ मैंने चार फिल्में क्या दिल ने कहा, इंसान, कुछ तो है और वन टू थ्री कीं. चारों चलीं नहीं, लेकिन हमारे बीच दोस्ती अच्छी हो गई. मैं उनके संपर्क में नहीं हूं. उन्होंने खुद को सबसे अलग कर रखा है, लेकिन उनके साथ काम करके हमेशा मजा आया.

विद्या बालन
करीना के बाद अगर मुझे किसी के साथ काम करके मजा आया है तो वे विद्या बालन हैं. दोनोंं में कुछ अलग बात है. दोनों मेच्योर हैं और एक्ट्रेस भी अच्छी हैं. ये दोनों मेरी फेवरेट हैं.

ईशा कोप्पिकर
क्या कूल हैं हम में हमने साथ काम किया. हमारी केमिस्ट्री लोगों को पसंद आई थी. उस वक्त हमारी अच्छी दोस्ती थी. उनके साथ हंसी-मजाक का रिश्ता था. उनके अंदर यह जज्बा था कि मैं स्टार की बेटी नहीं हूं तो क्या हुआ, फिर भी अपनी पहचान बना लूंगी, दुनिया को दिखा दूंगी. अब हम टच में नहीं हैं.

अमृता अरोरा
वे मेरी बहुत अच्छी दोस्त हैं. गोलमाल 2 और शर्त में हमने साथ काम किया. वह मोस्ट एंटरटेनिंग हैं. उनके साथ वक्त कैसे गुजरता है, पता ही नहीं चलता. वे खूब गॉसिप करती हैं, जमकर मस्ती-मजाक करती हैं. वे डिनर के लिए बाहर जाने का फौरन प्लान बना लेती हैं, सेट पर पार्टी करने का तरीका वे अच्छी तरह जानती हैं.

अमृता राव
वे अपने आप को बहुत सीरियसली लेती हैं. वे अपने काम को लेकर सीरियस रहती हैं. वे विश्लेषण बहुत करती हैं. मैं कहता हूं कि अमृता अच्छी लग रही हो, टेंशन मत लो. उनके साथ काम करते वक्त मैंने यह बातें कहकर उन्हें बहुत ईजी कर दिया.

कुलराज रंधावा
कुलराज बहुत स्वीट हैं. वे अभी फिल्मों में नई हैं. चार दिन की चांदनी में हमने पहली बार साथ काम किया. मैं उन्हें प्यार से कुलजीत, कुलविंदर, कुलदीप या कुलभूषण बुलाता हूं. वे बुरा नहीं मानती हैं.

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