Friday, November 7, 2008

तोहफे में मिली एक विवाह ऐसा भी: ईशा कोप्पिकर

-रघुवेंद्र सिंह
राजश्री प्रोडक्शन की नई फिल्म एक विवाह ऐसा भी में अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर नायिका चांदनी की भूमिका निभा रही हैं। चांदनी अपने पापा की लाडली और जिम्मेदार बेटी है, जो स्वभाव से बहुत चुलबुली है। जब उसकी जिंदगी में प्रेम आता है, तब वह समर्पित प्रेमिका बनकर सामने आती है। संक्षेप में कहें, तो खूबसूरत चांदनी शुद्ध भारतीय संस्कारों की संवाहक है। एक मुलाकात में ईशा से एक विवाह ऐसा भी के बारे में बातचीत की। प्रस्तुत हैं उसके प्रमुख अंश..
एक विवाह ऐसा भी की चांदनी से आप कितना इत्तिफाक रखती हैं?
मैं चांदनी की परछाई हूं। चूंकि मैं ग्लैमरस भूमिकाएं निभाती रही हूं, इसीलिए लोग सोचते हैं कि मैं रिअॅल-लाइफ में भी वैसी ही हूं। सच तो यह है कि मुझे करीब से बहुत कम लोग जानते हैं। मैं अपनी फैमिली की लाडली हूं। सरल, स्नेही, मिलनसार, खुशमिजाज, साफदिल, जिम्मेदार और सच में जीने वाली लड़की हूं। वैसे, सच तो यह है कि ऐसे ही लोग पसंद भी हैं मुझे।
फिर तो चांदनी की भूमिका निभाने का अनुभव बहुत सुखद रहा होगा?
बिल्कुल। यह मेरा अब तक का सबसे अच्छा किरदार है। मैं सूरज बड़जात्या और अपने निर्देशक कौशिक घटक की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे चांदनी के किरदार को निभाने का सुनहरा अवसर दिया। इस फिल्म के प्रदर्शन के बाद मेरी पहचान बदल जाएगी। मुझे पूरा यकीन है कि फिल्म मेरे करियर को नया मोड़ देगी।
आपकी लोगों में पहचान एक ग्लैमरस ऐक्ट्रेस के रूप में है। ऐसे में जब चांदनी की भूमिका का प्रस्ताव आया, तो आप चौंकी नहीं?
बिल्कुल नहीं, बल्कि मुझे खुशी हुई कि फिल्म इंडस्ट्री में सूरज जी जैसे कुछ फिल्ममेकर भी हैं, जिन्हें आर्टिस्ट की इमेज से कोई फर्क नहीं पड़ता! दरअसल, सूरज जी जानते हैं कि कलाकार के रूप में मुझमें कितनी संभावना है? वैसे, मैं पहली बार इस तरह की भूमिका नहीं निभा रही हूं। सच तो यह है कि मैंने साउथ की फिल्मों में इसी तरह की भूमिकाएं पहले भी की हैं। वहां मेरी छवि गर्ल नेक्स्ट डोर की है। खास बात यह है कि सूरज जी ने पिछले साल मुझे यह फिल्म मेरे जन्मदिन के तोहफे में दी है।
शीर्षक से प्रतीत हो रहा है कि यह राजश्री की पिछली लोकप्रिय फिल्म विवाह का सिक्वल है?
नहीं, एक विवाह ऐसा भी का विवाह से कोई कनेक्शन नहीं है। इसकी कहानी चांदनी और प्रेम के अटूट प्यार, त्याग, समर्पण और संघर्ष की है। प्रेम की भूमिका में सोनू सूद हैं। चांदनी और प्रेम का विवाह तय होता है, लेकिन चांदनी पर अचानक ऐसी मुसीबत आती है कि प्रेम के परिवार वाले उससे रिश्ता नहीं करने का निर्णय लेते हैं। हालांकि प्रेम और चांदनी एक-दूसरे से अटूट प्यार करते हैं। अंत में चांदनी और प्रेम का मिलन कैसे होता है, यह देखना दर्शकों को सुखद अनुभव देगा!
अब तक आपने स्टार कलाकारों के साथ काम किया है। सोनू सूद जैसे कम चर्चित कलाकार केसाथ काम करने से आप हिचकी नहीं?
मुझे जब सूरज जी ने यह बताया कि प्रेम की भूमिका सोनू सूद निभाएंगे, तो मैं हैरान जरूर हुई थी, लेकिन उन्होंने मुझे समझाया कि आप ऐक्टर पर नहीं, फिल्म पर ध्यान दीजिए और मुझ पर विश्वास रखिए। मैंने वही किया और आज फाइनल फिल्म देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। सोनू ने प्रेम के चरित्र को बहुत ही खूबसूरती से निभाया है। लोगों को उनके साथ मेरी केमिस्ट्री बहुत अच्छी लगेगी।
राजश्री और निर्देशक कौशिक घटक के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
मैं अब तक यही सोचा करती थी कि राजश्री की फिल्में इतनी साफ-सुथरी कैसे होती हैं! उनकी फिल्मों में भावनाओं को इतनी अच्छी तरह से कैसे पेश किया जाता है! अब मुझे अपने सभी सवालों का जवाब मिल गया है। दरअसल, राजश्री परिवार के लोग बहुत संस्कारी और प्यारे हैं। वे लोग कलाकार को इतना प्यार और आदर देते हैं कि क्या बताएं! वे लोग इज्जत देकर मार डालते हैं। चूंकि कौशिक घटक भी अब उसी परिवार के सदस्य हो गए हैं, इसलिए उनमें इन गुणों का होना स्वाभाविक ही है। कौशिक जी बहुत सिंपल और प्यारे इनसान हैं। वे दिखने में दुबले-पतले जरूर हैं, लेकिन काम तूफान की तरह करते हैं। सच तो यह है कि मैं राजश्री के साथ दोबारा काम करने की इच्छा रखती हूं।
चांदनी के परिचय के बाद आपके लिए भूमिकाएं चुनना मुश्किल नहीं हो जाएगा?
मैं अभी से फिल्में साइन करने के मामले में चूजी हो गई हूं। अब मैं सिर्फ चैलेंजिंग भूमिकाओं के लिए ही हां कहती हूं। मेरी कई फिल्में हेलो डार्लिग, हर पल, शबरी और राइट या रॉन्ग प्रदर्शन के लिए तैयार हैं। इनमें मेरी अलग-अलग रंग वाली भूमिकाएं दर्शकों के लिए सरप्राइज होंगी।

2 comments:

Udan Tashtari said...

अच्छा लगा इन्टरव्यू पढ़कर. कल सारेगामापा पर देखा था.

Raghuvendra Singh said...

bahut-bahut dhanywaad Sir!!