सुभाष घई ने फिल्म परदेस में आदित्य नारायण से दर्शकों का परिचय कराया था। अब वे बड़े हो गए हैं। उन्हें बड़ा होते हुए लोगों ने छोटे पर्दे पर देखा। विक्रम भट्ट की फिल्म शापित से युवा आदित्य अभिनय की नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। शापित में आदित्य अभिनेत्री श्वेता अग्रवाल से रोमांस तो करते दिखेंगे ही, वे भूत-प्रेत से भी लड़ते नजर आएंगे। बातचीत आदित्य से..
अमूमन ऐक्टर रोमांटिक फिल्म से डेब्यू करते हैं, लेकिन आपने हॉरर फिल्म से ऐसा करने का फैसला क्यों किया?
मैं ऐसी फिल्म करना चाहता था, जिसकी स्टोरी और स्क्रीनप्ले मुझे एक्साइट करे। शापित की स्टोरी और स्क्रीनप्ले विक्रम जी ने खुद लिखी है। यह आजकल के नॉर्मल कपल की कहानी है, जो सीसीडी और बरिस्ता जाते हैं। विक्रम जी ने इक्कीसवीं सदी के कपल को फैंटसी वर्ल्ड में डाल दिया है। यह मुझे मजेदार लगा। यह एंटरटेनिंग हॉरर फिल्म है।
फिल्म की कहानी और अपनी भूमिका के बारे में बताएंगे?
यह अमन और काया की कहानी है। अमन 21 साल का है। वह सीधा-सादा है। काया उसकी पहला प्यार है। अमन कॉलेज की पढ़ाई खत्म होने के बाद काया का हाथ मांगता है। तब उसे पता चलता है कि काया का परिवार शापित है, इसलिए वे उसके साथ शादी नहीं कर सकते। अमन और काया उस आत्मा को ढूंढने निकलते हैं, जो शाप की वजह है। उनके साथ शुभ भी होता है। काया का रोल श्वेता अग्रवाल और शुभ का रोल राहुल देव कर रहे हैं। मैं अमन का रोल कर रहा हूं।
इस फिल्म में आपको परफॉर्म करने का कितना मौका मिला है?
मैंने इसमें सब कुछ किया है। विक्रम जी ने मुझे बताया था। उनसे एक बहुत बड़े ऐक्टर ने कहा था कि मैं आपकी फिल्में देखता हूं, तो पाता हूं कि उसमें कहानी हीरो होता है। आपका हीरो कभी हीरो नहीं होता। जब विक्रम इसकी कहानी लिख रहे थे, तो उन्होंने डिसाइड किया कि इसमें उनका हीरो ही हीरो होगा। मैं लकी हूं कि शापित मुझे मिली। ढाई घंटे की फिल्म में छब्बीस मिनट मैं स्क्रीन पर अकेला हूं। डांस और कॉमेडी को छोड़कर मैंने फिल्म में सब कुछ किया है। मैंने फिल्म में चार गाने गाये हैं। टाइटिल ट्रैक मैंने खुद लिखा, कंपोज किया और गाया भी है। मैंने फिल्म में बॉडी भी दिखाई है। मेरी शो रील है शापित। विक्रम जी भी यही कहते हैं।
एक्टिंग में कुछ लोग शौकिया, तो कुछ पैशन की वजह से आते हैं। आप एक्टिंग में क्यों आए?
मैं ऐक्टर, सिंगर, म्यूजीशियन और ऐंकर हूं, लेकिन मैंने कभी खुद को कैटेगराइज नहीं किया। मुझे संतुष्टि तब मिलती है, जब मेरे सामने कुछ लोग हों और मैं उन्हें एंटरटेन करूं। एक्टिंग इस देश में लोगों को एंटरटेन करने का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है।
विक्रम भट्ट के निर्देशन में काम करने का अनुभव कैसा रहा?
मुझे लगा नहीं था कि विक्रम के साथ मजा आएगा। वे सीरियस दिखते हैं, लेकिन जब मैंने उनके साथ काम शुरू किया, तो पाया कि वे फनी हैं। वे बहुत अच्छे ऐक्टर भी हैं। शूटिंग के दौरान जब मैं फंस जाता था, तो वे सीन करके दिखाते थे। मैं विक्रम जी से बहुत सवाल पूछता था। मैं उनके साथ बैठकर अमित जी और आमिर खान के बारे में पूछता था। उन्होंने बताया कि आमिर गुलाम के क्लाइमेक्स सीन के लिए तेरह दिन तक नहीं नहाये थे। मैं भी शापित के क्लाइमेक्स सीन के लिए सत्रह दिन नहीं नहाया।
पहली फिल्म का प्रेशर महसूस कर रहे हैं?
अब महसूस कर रहा हूं। मैं बहुत अटैच हो गया हूं फिल्म से। मैंने पहली फिल्म को दिल पर ले लिया है। शापित अच्छी बनी है और अच्छी फिल्म को ऑडियंस जरूर मिलती है। मैं कॉन्फिडेंट हूं।
क्या आप भविष्य में टीवी के लिए भी काम करेंगे?
हां, मैं ऐंकरिंग करूंगा। मैं बड़े और बेहतर शो के साथ आऊंगा।
आपकी पसंदीदा हॉरर फिल्में कौन सी हैं?
राज, भूत, डरना मना है, 1920 और राज-2।
अमूमन ऐक्टर रोमांटिक फिल्म से डेब्यू करते हैं, लेकिन आपने हॉरर फिल्म से ऐसा करने का फैसला क्यों किया?
मैं ऐसी फिल्म करना चाहता था, जिसकी स्टोरी और स्क्रीनप्ले मुझे एक्साइट करे। शापित की स्टोरी और स्क्रीनप्ले विक्रम जी ने खुद लिखी है। यह आजकल के नॉर्मल कपल की कहानी है, जो सीसीडी और बरिस्ता जाते हैं। विक्रम जी ने इक्कीसवीं सदी के कपल को फैंटसी वर्ल्ड में डाल दिया है। यह मुझे मजेदार लगा। यह एंटरटेनिंग हॉरर फिल्म है।
फिल्म की कहानी और अपनी भूमिका के बारे में बताएंगे?
यह अमन और काया की कहानी है। अमन 21 साल का है। वह सीधा-सादा है। काया उसकी पहला प्यार है। अमन कॉलेज की पढ़ाई खत्म होने के बाद काया का हाथ मांगता है। तब उसे पता चलता है कि काया का परिवार शापित है, इसलिए वे उसके साथ शादी नहीं कर सकते। अमन और काया उस आत्मा को ढूंढने निकलते हैं, जो शाप की वजह है। उनके साथ शुभ भी होता है। काया का रोल श्वेता अग्रवाल और शुभ का रोल राहुल देव कर रहे हैं। मैं अमन का रोल कर रहा हूं।
इस फिल्म में आपको परफॉर्म करने का कितना मौका मिला है?
मैंने इसमें सब कुछ किया है। विक्रम जी ने मुझे बताया था। उनसे एक बहुत बड़े ऐक्टर ने कहा था कि मैं आपकी फिल्में देखता हूं, तो पाता हूं कि उसमें कहानी हीरो होता है। आपका हीरो कभी हीरो नहीं होता। जब विक्रम इसकी कहानी लिख रहे थे, तो उन्होंने डिसाइड किया कि इसमें उनका हीरो ही हीरो होगा। मैं लकी हूं कि शापित मुझे मिली। ढाई घंटे की फिल्म में छब्बीस मिनट मैं स्क्रीन पर अकेला हूं। डांस और कॉमेडी को छोड़कर मैंने फिल्म में सब कुछ किया है। मैंने फिल्म में चार गाने गाये हैं। टाइटिल ट्रैक मैंने खुद लिखा, कंपोज किया और गाया भी है। मैंने फिल्म में बॉडी भी दिखाई है। मेरी शो रील है शापित। विक्रम जी भी यही कहते हैं।
एक्टिंग में कुछ लोग शौकिया, तो कुछ पैशन की वजह से आते हैं। आप एक्टिंग में क्यों आए?
मैं ऐक्टर, सिंगर, म्यूजीशियन और ऐंकर हूं, लेकिन मैंने कभी खुद को कैटेगराइज नहीं किया। मुझे संतुष्टि तब मिलती है, जब मेरे सामने कुछ लोग हों और मैं उन्हें एंटरटेन करूं। एक्टिंग इस देश में लोगों को एंटरटेन करने का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है।
विक्रम भट्ट के निर्देशन में काम करने का अनुभव कैसा रहा?
मुझे लगा नहीं था कि विक्रम के साथ मजा आएगा। वे सीरियस दिखते हैं, लेकिन जब मैंने उनके साथ काम शुरू किया, तो पाया कि वे फनी हैं। वे बहुत अच्छे ऐक्टर भी हैं। शूटिंग के दौरान जब मैं फंस जाता था, तो वे सीन करके दिखाते थे। मैं विक्रम जी से बहुत सवाल पूछता था। मैं उनके साथ बैठकर अमित जी और आमिर खान के बारे में पूछता था। उन्होंने बताया कि आमिर गुलाम के क्लाइमेक्स सीन के लिए तेरह दिन तक नहीं नहाये थे। मैं भी शापित के क्लाइमेक्स सीन के लिए सत्रह दिन नहीं नहाया।
पहली फिल्म का प्रेशर महसूस कर रहे हैं?
अब महसूस कर रहा हूं। मैं बहुत अटैच हो गया हूं फिल्म से। मैंने पहली फिल्म को दिल पर ले लिया है। शापित अच्छी बनी है और अच्छी फिल्म को ऑडियंस जरूर मिलती है। मैं कॉन्फिडेंट हूं।
क्या आप भविष्य में टीवी के लिए भी काम करेंगे?
हां, मैं ऐंकरिंग करूंगा। मैं बड़े और बेहतर शो के साथ आऊंगा।
आपकी पसंदीदा हॉरर फिल्में कौन सी हैं?
राज, भूत, डरना मना है, 1920 और राज-2।
-raghuvendra Singh
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