सतीश कौशिक ने ऊंची उड़ान भरी है। फिल्म निर्देशन में नहीं, बल्कि एक्टिंग में। इंग्लिश फिल्म ब्रिक लेन और रोड, मूवी में सशक्त अभिनय के कारण सतीश की विदेश में भी बेहतरीन गंभीर ऐक्टर की पहचान बन गई है। वे अपनी नई पहचान को पुख्ता करने में जुटे हैं। भारतीय फिल्म प्रेमियों के बीच भी सतीश उसी पहचान के साथ आना चाहते हैं। तीन सवाल सतीश कौशिक से..।
अब महसूस करते होंगे कि आपको कॉमिक ऐक्टर की पहचान से छुटकारा मिल गया?
मैंने कैलेंडर और पप्पू पेजर से मिली पहचान को एंज्वॉय किया था, लेकिन मुझे यह बात खराब लगी थी कि लोगों ने कॉमिक ऐक्टर मान लिया था। लोगों को लगता था कि मैं सिर्फ कॉमिक रोल ही कर सकता हूं। इसलिए मैं प्रूव करना चाहता था कि कॉमिक से अलग रोल भी कर सकता हूं। मैंने प्रूव कर दिया है, लेकिन अभी उसे और पुख्ता करना है। अब मैं सीरियस और स्ट्रॉन्ग रोल ही कर रहा हूं। मैंने महेश मांजरेकर की फिल्म सिटी ऑफ गॉड में स्ट्रांग रोल किया है। मैं प्रवाल रमन की एक फिल्म रूम नंबर 404 कर रहा हूं। अब मेरी नई जर्नी शुरू हो चुकी है, मैं इसे एंज्वॉय कर रहा हूं।
नए ऐक्टर सतीश कौशिक का जन्म कैसे हुआ?
फिरोज अब्बास खान के नाटक सेल्समैन रामलाल ने नए सतीश को जन्म दिया। उस नाटक से मुझे इंटरनेशनल फिल्म ब्रिक लेन मिली। उस फिल्म के लिए मुझे इंटरनेशनल मीडिया के बीच जबरदस्त रिव्यू मिले। वैसा रिव्यू किसी इंडियन ऐक्टर को विदेश में नहीं मिला, लेकिन खुद को प्रमोट न करने के कारण इंडिया में किसी को पता नहीं चला। मेरी दूसरी इंटरनेशनल फिल्म रोड, मूवी को भी विदेश में खूब सराहा गया। टोरंटो, दोहा और बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में फिल्म देखने के बाद लोगों ने थिएटर में खड़े होकर मेरा अभिवादन किया। अभी तक मैंने कॉमर्शियल फिल्मों में काम किया था, लेकिन ब्रिक लेन और रोड, मूवी में लोगों को नया सतीश देखने को मिल रहा है।
आपको नहीं लगता है कि एक्टिंग की व्यस्तता आपको निर्देशन से दूर ले जा रही है?
ऐसी बात नहीं है। मेरी नई फिल्म मिलेंगे मिलेंगे जल्द रिलीज हो रही है। उसमें शाहिद कपूर और करीना कपूर हैं, लेकिन अब मैं गैप लेकर दिल से फिल्म बनाना चाहता हूं। मुझे दुनिया भर के लोगों से तारीफ मिल रही है। मैं नई दुनिया को देख रहा हूं। मैं टोरंटो दो बार होकर आया, दोहा और बर्लिन भी गया। वहां जाकर सिनेमा के बारे में मेरी नई सोच बनी। मैं अगली फिल्म ऐसा बनाना चाहता हूं, जिसे देखकर लोगों को लगे कि वे नए सतीश कौशिक की फिल्म देख रहे हैं। स्क्रिप्ट रेडी है। सितंबर में उसे शुरू करूंगा।
अब महसूस करते होंगे कि आपको कॉमिक ऐक्टर की पहचान से छुटकारा मिल गया?
मैंने कैलेंडर और पप्पू पेजर से मिली पहचान को एंज्वॉय किया था, लेकिन मुझे यह बात खराब लगी थी कि लोगों ने कॉमिक ऐक्टर मान लिया था। लोगों को लगता था कि मैं सिर्फ कॉमिक रोल ही कर सकता हूं। इसलिए मैं प्रूव करना चाहता था कि कॉमिक से अलग रोल भी कर सकता हूं। मैंने प्रूव कर दिया है, लेकिन अभी उसे और पुख्ता करना है। अब मैं सीरियस और स्ट्रॉन्ग रोल ही कर रहा हूं। मैंने महेश मांजरेकर की फिल्म सिटी ऑफ गॉड में स्ट्रांग रोल किया है। मैं प्रवाल रमन की एक फिल्म रूम नंबर 404 कर रहा हूं। अब मेरी नई जर्नी शुरू हो चुकी है, मैं इसे एंज्वॉय कर रहा हूं।
नए ऐक्टर सतीश कौशिक का जन्म कैसे हुआ?
फिरोज अब्बास खान के नाटक सेल्समैन रामलाल ने नए सतीश को जन्म दिया। उस नाटक से मुझे इंटरनेशनल फिल्म ब्रिक लेन मिली। उस फिल्म के लिए मुझे इंटरनेशनल मीडिया के बीच जबरदस्त रिव्यू मिले। वैसा रिव्यू किसी इंडियन ऐक्टर को विदेश में नहीं मिला, लेकिन खुद को प्रमोट न करने के कारण इंडिया में किसी को पता नहीं चला। मेरी दूसरी इंटरनेशनल फिल्म रोड, मूवी को भी विदेश में खूब सराहा गया। टोरंटो, दोहा और बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में फिल्म देखने के बाद लोगों ने थिएटर में खड़े होकर मेरा अभिवादन किया। अभी तक मैंने कॉमर्शियल फिल्मों में काम किया था, लेकिन ब्रिक लेन और रोड, मूवी में लोगों को नया सतीश देखने को मिल रहा है।
आपको नहीं लगता है कि एक्टिंग की व्यस्तता आपको निर्देशन से दूर ले जा रही है?
ऐसी बात नहीं है। मेरी नई फिल्म मिलेंगे मिलेंगे जल्द रिलीज हो रही है। उसमें शाहिद कपूर और करीना कपूर हैं, लेकिन अब मैं गैप लेकर दिल से फिल्म बनाना चाहता हूं। मुझे दुनिया भर के लोगों से तारीफ मिल रही है। मैं नई दुनिया को देख रहा हूं। मैं टोरंटो दो बार होकर आया, दोहा और बर्लिन भी गया। वहां जाकर सिनेमा के बारे में मेरी नई सोच बनी। मैं अगली फिल्म ऐसा बनाना चाहता हूं, जिसे देखकर लोगों को लगे कि वे नए सतीश कौशिक की फिल्म देख रहे हैं। स्क्रिप्ट रेडी है। सितंबर में उसे शुरू करूंगा।
-raghuvendra singh
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