रतन राजपूत जब दिल्ली में थिएटर में थीं, तब अक्सर उन्हें नौकरानी या दूसरे किस्म के साधारण किरदार निभाने के लिए दिए जाते थे। नाटक का हीरो उन्हें तवज्जो नहीं देता था। इसका कारण रतन का साधारण लुक और दुबली-पतली काया थी, लेकिन वही रतन जब जी टीवी के सीरियल अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो की लाली के रूप में प्रसिद्ध हुई तो उनके चाहने वालों की संख्या असंख्य हो गई। बहुत जल्द एक राष्ट्रीय चैनल पर अब वही रतन देश भर से आए नवयुवकों में से अपने लिए वर का चुनाव करेंगी। रतन के लिए यह गर्व का पल है। वे कहती हैं, मेरे पिता कमिश्नर हैं। उनका सिर किसी के सामने नहीं झुकता, लेकिन एक बेटी के पिता के तौर पर मैंने उन्हें सिर झुकाते देखा है। मैं पांच बहनों में सबसे छोटी हूं। स्वयंवर रचाकर मैं पिताजी को बेटा होने का अहसास कराऊंगी। पहली बार बेटी का बाप होने के बावजूद उनका सिर मेरी शादी में नहीं झुकेगा।
रतन ने पटना से दिल्ली और दिल्ली से मुंबई का सफर तय करके अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो से अभिनय जगत में सम्मान अर्जित कर छोटे शहर की लड़कियों की प्रेरणा बन गई। उनके द्वारा इमेजिन चैनल पर रियलिटी शो स्वयंवर 3 : रतन का रिश्ता के जरिए अपने लिए पति ढूंढना एक ऐतिहासिक कदम है। दुनिया हैरत में है। रतन आत्मविश्वास के साथ कहती हैं, इसमें हैरानी की क्या बात है! हर लड़की के जीवन में यह पड़ाव आता है। मैं बहुत खुश हूं। सीता जी मिथिलांचल से थीं। उनका स्वयंवर हुआ था। मैं भी मिथिलांचल से हूं और अब मेरा स्वयंवर होने जा रहा है। मैं बहुत उत्साहित हूं। मैं खुश हूं कि मुझे अपना वर चुनने का मौका मिल रहा है। आज के जमाने में कितनी लड़कियों को ऐसा मौका मिलता है? शादी मेरे बचपन का सपना था। मेरा वह सपना पूरा होने जा रहा है।
रतन के स्वयंवर की तैयारियां इन दिनों जोर-शोर से चल रही है। वे बैठकर सब देख रही हैं। इस बाबत रतन कहती हैं, अरे भाई लड़की की शादी होती है, तो वह खुद काम थोड़े ही करती है। मैं बैठकर सारी तैयारियां देख रही हूं। इमेजिन के लोग तैयारियां कर रहे हैं। रतन के मन में आजकल अनेक प्रकार की भावनाएं उमड़ रही हैं। कैसे-कैसे लड़के आएंगे? क्या उन्हें उनके सपनों का राजकुमार मिलेगा? रतन कहती हैं, मैं बहुत नर्वस हूं। मुझे डर भी है कि कहीं लोग लाली को ढूंढते हुए मेरे स्वयंवर में न आ पहुंचें। गौरतलब है कि रतन ने अपने परिवार और रिश्तेदारों की सहमति के बाद रियलिटी शो में स्वयंवर करने का फैसला किया है।
रतन को केयरिंग, सपोर्टिव, इंडिपेंडेंट और दूसरों का सम्मान करने वाला लड़का चाहिए। उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता की लड़का गांव से है या शहर से। रतन कॉन्फिडेंट हैं कि स्वयंवर का असर उनके करियर पर नहीं पड़ेगा। उनका कहना है, मैं शादी करने के बाद एक्टिंग को भूल नहीं जाऊंगी। दर्शकों को इससे क्या फर्क पड़ेगा कि रतन शादीशुदा है या नहीं। मैं पॉजिटिव सोचती हूं। देखते हैं कि शादी के बाद क्या होता है? रतन मानती हैं, इंसान ऊपर वाले के हाथ की कठपुतली है। वह जैसे नचाएगा, वैसे नाचना पड़ेगा। वैसे, जो होगा, अच्छा होगा, मैं इसी बात में यकीन करती हूं। मैं अपने स्वयंवर को लेकर पॉजिटिव हूं। मुझे आशा है कि मेरा जीवनसाथी शो में मिल जाएगा।
-रघुवेंद्र सिंह
No comments:
Post a Comment