सशक्त अभिनेत्री एवं समाजसेवी शबाना आजमी आजमगढ़ में अपने पिता कैफी आजमी द्वारा स्थापित मिजवां वेलफेयर सोसायटी की सेवाओं को विस्तार देना चाहती हैं। वह मिजवां के साथ आजमगढ़ के दूसरे गांवों में चिकनकारी एवं सिलाई-कढ़ाई सेंटर खोलना चाहती हैं। जुहू में अपने निवास स्थान पर शबाना आजमी ने विशेष बातचीत में कहा कि हमें विदेश से चिकनकारी और क्रोशे के बहुत ऑर्डर मिल रहे हैं। हमें ज्यादा लोगों की जरूरत है। अब हम मिजवां में सीमित नहीं रह सकते। सरायमीर हो या फूलपुर या फिर आजमगढ़ के दूसरे गांव, हम दूसरे सेंटर से जुड़ेंगे। हम महिलाओं को प्रशिक्षण देंगे और रोजगार भी। मिजवां वेलफेयर सोसायटी के जरिए शबाना आजमी आजमगढ़ के मिजवां (पैतृक स्थान) में आठ वर्षो से अपने पिता के सपने को साकार करते हुए लड़कियों एवं महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम कर रही हैं। पिछले दिनों मुंबई में मिजवां वेलफेयर सोसायटी के मिजवां सोनेट्स इन फ्रेबिक फैशन शो में शबाना आजमी ने लोकप्रिय युवा अभिनेता रणबीर कपूर को मिजवां वेलफेयर सोसायटी का यूथ फेस घोषित किया। शबाना आजमी ने कहा कि रणबीर कपूर जब लड़कियों को लड़कों के बराबर मौका देने की बात कहेंगे तो दुनिया सुनेगी।
शबाना आज़मी मिजवां वेलफेयर सोसायटी के कार्यों और फिल्म स्टार के सहयोग कि बदौलत आजमगढ़ की छवि सुन्दर बनने के लिए लगातार काम कर रही हैं। शबाना आज़मी ने कहा, फिल्म इंडस्ट्री कि तमाम बड़ी हस्तियों ने आजमगढ़ का नाम लेकर उसे रोशन कर दिया है। आजमगढ़ के माथे पर लगा कलंक एक रात में मिटा दिया। शबाना अपने सामाजिक कार्यों के जरिये आजमगढ़ को नई पहचान दे रही हैं। शबाना ने कहा, आजमगढ़ की नई पहचान बन रही है। १८५७ की क्रांति में आजमगढ़ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। लोग उसे भूल रहे हैं। साहित्यिक और सांस्कृतिक तौर पर चाहे वह राहुल सांकृत्यायन, कैफ़ी आज़मी, शिबली नुमानी, सरजू पांडे ने आजमगढ़ को जो शान दी थी, उसे वापस लाना है। आजमगढ़ कि नह पहचान बनने के लिए जो काम कर रहा है, मैं उसके साथ हूँ। शबाना आज़मी ने अफ़सोस जाहिर करते हुए कहा की हैरत कि बात है कि आजमगढ़ के एमपी एकजुट होकर काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी पहचान आजमगढ़ से है क्योंकि मेरे नाम में आजमी है। मुझे आजमगढ़ पर नाज है। मेरे अब्बा वहां से थे। इस शहर से मेरा भावनात्मक लगाव है।
-रघुवेंद्र सिंह
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