इस साल भी फिल्म पुरस्कार समारोहों के लोकप्रिय होस्ट रहे साजिद खान। समारोह का सीजन खत्म होते ही अब वे अपनी फिल्म हाउसफुल 2 के निर्माण में व्यस्त हो चुके हैं। साजिद से हाउसफुल 2 और पुरस्कार समारोह को होस्ट करने के अनुभवों को लेकर बातचीत हुई। प्रस्तुत हैं अंश..
पुरस्कार समारोह को होस्ट करने का अनुभव कैसा रहा?
इस साल सात पुरस्कार समारोह हुए और ताज्जुब की बात है कि उसमें से पांच मैंने होस्ट किए। खुशी की बात है कि चैनल द्वारा मुझे बुलाया गया। मैं सन 2000 से लगातार पुरस्कार समारोह होस्ट कर रहा हूं। मेरा चूमर लोगों को पसंद आता है। पुरस्कार समारोह की वजह से ही मैं हाउसफुल 2 की स्क्रिप्ट के लिए नहीं बैठ पाया।
लोगों की हंसाने की कला आपने कहां से सीखी?
मुझे तो ऐसा ही लगता है कि मैं अंधों में काना राजा जैसा हूं। मुझे नहीं लगता है कि मैं फनी हूं। चूमर ऐसी चीज है, जिसमें गारंटी नहीं है कि सौ प्रतिशत लोग उसे सुनकर हंसें हीं। हां, ज्यादा लोग हंसेंगे तो आपका काम हो गया। मैं हमेशा बेहतर करने पर ध्यान देता हूं। साफ-सुथरी बातें करता हूं।
आप इंडस्ट्री के अंदर हैं और अधिकतर पुरस्कार समारोह से जुड़े रहते हैं। आपके अनुसार क्या पुरस्कार योग्य लोगों को दिए जाते हैं?
फिल्म के बारे में लोग जितना ज्यादा जानेंगे, उनमें फिल्म को लेकर उतनी एक्साइटमेंट बढ़ेगी। आज मनोरंजन के तमाम विकल्प उपलब्ध हैं। ऐसे में आपको अपनी फिल्म के लिए दर्शक जुटाने हैं, तो पहले से ही एक्साइटमेंट बनानी पड़ेगी। हाउसफुल 2 में रितेश देशमुख, जॉन अब्राहम, राहुल खन्ना, असिन, जैक्लीन फर्नाडीस और चंकी पांडे आ गए हैं।
नए नाम से फिल्म बनाने की बजाय हाउसफुल 2 नाम से सीक्वल क्यों बना रहे हैं?
सीक्वल तब बनते हैं, जब गारंटी होती है कि फिल्म लोगों को पसंद आएगी। हाउसफुल 2 ऐसा सीक्वल नहीं है कि जहां यह खत्म हुई थी, वहां से यह शुरू होगी। इसमें नई कहानी है और नए किरदार हैं। हम हाउसफुल को ब्रांड बना रहे हैं।
-रघुवेंद्र सिंह
पुरस्कार समारोह को होस्ट करने का अनुभव कैसा रहा?
इस साल सात पुरस्कार समारोह हुए और ताज्जुब की बात है कि उसमें से पांच मैंने होस्ट किए। खुशी की बात है कि चैनल द्वारा मुझे बुलाया गया। मैं सन 2000 से लगातार पुरस्कार समारोह होस्ट कर रहा हूं। मेरा चूमर लोगों को पसंद आता है। पुरस्कार समारोह की वजह से ही मैं हाउसफुल 2 की स्क्रिप्ट के लिए नहीं बैठ पाया।
लोगों की हंसाने की कला आपने कहां से सीखी?
मुझे तो ऐसा ही लगता है कि मैं अंधों में काना राजा जैसा हूं। मुझे नहीं लगता है कि मैं फनी हूं। चूमर ऐसी चीज है, जिसमें गारंटी नहीं है कि सौ प्रतिशत लोग उसे सुनकर हंसें हीं। हां, ज्यादा लोग हंसेंगे तो आपका काम हो गया। मैं हमेशा बेहतर करने पर ध्यान देता हूं। साफ-सुथरी बातें करता हूं।
आप इंडस्ट्री के अंदर हैं और अधिकतर पुरस्कार समारोह से जुड़े रहते हैं। आपके अनुसार क्या पुरस्कार योग्य लोगों को दिए जाते हैं?
झे कहना नहीं चाहिए, लेकिन एक बात बताइए कि आप और मैं पुरस्कार समारोह क्यों देखते हैं टीवी पर? एक आम आदमी इसलिए नहीं देखता टीवी पर पुरस्कार समारोह कि कौन क्या जीता है? वह नाच देखने के लिए देखता है। उसे यह इंतजार रहता है कि कौन आकर नाचने वाला है। पंद्रह साल पहले फिल्म पुरस्कारों की जो विश्वसनीयता थी, वो आज नहीं है। आज यह टीवी शो हो गए हैं। आज चैनल बताता है कि उसे कौन से ऐक्टर और ऐक्ट्रेस चाहिए। अब ट्रेंड हो गया है। अब वही लोग आते हैं समारोह में जिन्हें पता होता है कि वे अवॉर्ड जीतने वाले हैं या फिर वे लोग आते हैं जिन्हें स्टेज पर परफॉर्म करने के लिए पैसे दिए गए हैं।
दूसरे लोग रिलीज के पहले अपनी फिल्म के बारे में बात करने से बचते हैं, जबकि आप हाउसफुल 2 के बारे में अभी से बात कर रहे हैं? फिल्म के बारे में लोग जितना ज्यादा जानेंगे, उनमें फिल्म को लेकर उतनी एक्साइटमेंट बढ़ेगी। आज मनोरंजन के तमाम विकल्प उपलब्ध हैं। ऐसे में आपको अपनी फिल्म के लिए दर्शक जुटाने हैं, तो पहले से ही एक्साइटमेंट बनानी पड़ेगी। हाउसफुल 2 में रितेश देशमुख, जॉन अब्राहम, राहुल खन्ना, असिन, जैक्लीन फर्नाडीस और चंकी पांडे आ गए हैं।
नए नाम से फिल्म बनाने की बजाय हाउसफुल 2 नाम से सीक्वल क्यों बना रहे हैं?
सीक्वल तब बनते हैं, जब गारंटी होती है कि फिल्म लोगों को पसंद आएगी। हाउसफुल 2 ऐसा सीक्वल नहीं है कि जहां यह खत्म हुई थी, वहां से यह शुरू होगी। इसमें नई कहानी है और नए किरदार हैं। हम हाउसफुल को ब्रांड बना रहे हैं।
-रघुवेंद्र सिंह
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