फिल्म धोबी घाट में अभिनेता आमिर खान की मौजूदगी के बावजूद सबका ध्यान अपनी ओर खींचने में सफल हुए प्रतीक बब्बर। फिल्म में उन्होंने साबित किया कि उनका लुक और पर्सनैल्टी भले ही हिंदी फिल्मों के अभिनेता जैसी नहीं है, लेकिन वे अपने अभिनय से सबका दिल जीतने का दम रखते हैं। शायद यही वजह है कि रोहन सिप्पी ने अपनी नई फिल्म दम मारो दम में अभिषेक बच्चन जैसे स्थापित अभिनेता के रहते हुए कहानी का केंद्र प्रतीक को बनाना उचित समझा। चौंकिए मत, दम मारो दम की कहानी के नायक हैं युवा प्रतीक। उम्मीद से ज्यादा रफ्तार से आगे बढ़ रहे प्रतीक अपनी इन उपलब्धियों से बहुत खुश हैं। बस उन्हें एक बात का दुख है। प्रतीक कहते हैं, काश! मेरी मम्मी जीवित होतीं। मेरी सफलता को देखकर वे बहुत खुश होतीं। मैं उन्हें बहुत मिस कर रहा हूं।
मां के प्यार पाने से वंचित रहे प्रतीक अपने अब तक के सफर में ज्यादातर अकेले रहे हैं। उनकी परवरिश नाना-नानी के घर हुई। पिता के प्यार के मामले में भी उनकी किस्मत दूसरे बेटों जैसी नहीं रही। उन्हें पिता राज बब्बर का अपेक्षित प्यार नहीं मिला। प्रतीक आज शबाना आजमी में अपनी मां को देखते हैं, तो आमिर खान में बड़ा भाई। स्नेहिल रिश्तों की छांव से वंचित रहे प्रतीक बिना किसी संकोच के कहते हैं, शबाना आंटी में मुझे मेरी मां नजर आती हैं। वे मुझे बेटे जैसा प्यार देती हैं। आमिर बड़े भाई की तरह मुझे गाइड करते हैं। डांटते हैं और प्यार भी करते हैं।
प्रतीक अंतर्मुखी हैं। वे अपने दिल की बात खुलकर किसी से नहीं कह पाते। वे चुप रहना पसंद करते हैं। सवालों का जवाब वे कम शब्दों में देते हैं और अपनी दुनिया में खोए से रहते हैं। मीडिया से उनके व्यक्तित्व का यह पहलू छुपा नहीं है। प्रतीक कहते हैं, मैं बचपन से ऐसा ही हूं। बहुत कम बोलता हूं। मुझे जानने वाले लोग इस बात से परिचित हैं। दिलचस्प बात यह है कि प्रतीक की यही बात उनकी विशेषता बन गई है। हिंदी फिल्मकारों को उनके रूप में अपनी कहानी के रोचक किरदार को जीवंत करने वाला एक अनूठा कलाकार मिल गया है। जाने तू या जाने ना का अमित हो या धोबी घाट का मुन्ना, दोनों ही रोचक किरदार थे। गोवा की पृष्ठभूमि पर रची-बसी और मादक द्रव्यों के व्यापार पर आधारित रोहन सिप्पी की फिल्म दम मारो दम में भी प्रतीक ने एक अलग किस्म का किरदार निभाया है। इसमें उनके द्वारा अभिनीत लॉरी का किरदार है तो स्टूडेंट, लेकिन वह अब तक हिंदी फिल्मों में दिखे स्टूडेंट जैसा नहीं है। प्रतीक के अनुसार, फिल्म दम मारो दम में मेरा किरदार अलग किस्म का है। मुझे उम्मीद है, लोग मेरे किरदार को पसंद करेंगे। गौरतलब है कि इस फिल्म में प्रतीक ने अभिषेक बच्चन के अलावा बिपाशा बसु के साथ काम किया है। प्रतीक ने हाल में प्रकाश झा की फिल्म आरक्षण की शूटिंग पूरी की है। उनके लिए खुशी की बात यह है कि इसमें उन्हें अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिला। अमिताभ बच्चन उनकी मम्मी स्मिता पाटिल के को-स्टार रह चुके हैं और जाने तू या जाने ना देखने के बाद उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि प्रतीक ने उन्हें स्मिता की याद दिला दी। प्रतीक बिग बी के साथ काम करके बेहद खुश हैं। वे कहते हैं, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैं गर्व महसूस कर रहा हूं। प्रतीक की गिनती आज हॉट युवा कलाकारों में हो रही है। दम मारो दम और आरक्षण के बाद उनकी अगली फिल्म संजय लीला भंसाली के होम प्रोडक्शन की माई फ्रेंड पिंटो होगी। वे कहते हैं, मैं धीरे-धीरे और सधे कदम बढ़ा रहा हूं।
-रघुवेंद्र सिंह
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