जैक्लिन फर्नाडिस तेजी से आगे बढ़ रही हैं। मर्डर 2 और हाउसफुल 2 जैसी दो बड़ी फिल्में उन्हें मिल चुकी हैं। लोगों को आश्चर्य हो रहा है आखिर जैक्लिन में ऐसी क्या बात है कि करियर की शुरुआत में ही अलादीन और जाने कहां से आई है जैसी दो असफल फिल्में देने के बावजूद उनकी लोकप्रियता में इजाफा ही हुआ है। जैक्लिन का कहना है, मेरे व्यक्तित्व में कुछ अलग बात है, जो लोगों को बहुत पसंद आ रही है।
बहरहाल, इस बात में कोई शक नहीं है कि जैक्लिन के व्यक्तित्व में कुछ तो अलग बात जरूर है। अपनी फिल्म हाउसफुल 2 में जैक्लिन को जॉन अब्राहम के अपोजिट साइन करने वाले निर्देशक साजिद खान का कहना है, जैक्लिन आने वाले समय की कट्रीना कैफ हैं।
जैक्लिन की तुलना अलादीन फिल्म की रिलीज के समय से कट्रीना से की गई थी। कहीं ऐसा तो नहीं कि कट्रीना से मिलती-जुलती शक्ल की होने के कारण वे निर्माता-निर्देशकों की पसंद बनी हैं? कट्रीना से अपनी तुलना पर जैक्लिन कहती हैं, यह मेरे लिए कांप्लिमेंट है, पर कट्रीना से मेरी तुलना सही नहीं है। कट्रीना की अलग खासियत है। मुझमें अलग बात है। जैक्लिन की इस बात से उनकी चतुराई का अंदाजा लगाया जा सकता है।
जैक्लिन ने 2007 में मुंबई में कदम रखा था। उस वक्त उनका फिल्म इंडस्ट्री में कोई परिचित नहीं था, लेकिन चार वर्ष के भीतर उनके दोस्तों और शुभचिंतकों में रितेश देशमुख, अक्षय कुमार, अर्जुन रामपाल, साजिद खान, जॉन अब्राहम और अमिताभ बच्चन का नाम शामिल हो चुका है। इन स्टार्स से दोस्ती का ही फल है कि जैक्लिन हर फिल्म समारोह के मंच से लेकर पेज थ्री पार्टी में नजर आती हैं। जैक्लिन इसका श्रेय अपने अच्छे स्वभाव को देती हैं। साथ ही वे कहती हैं, पीआर एक्टिविटी का लाभ मुझे बहुत मिला है। स्ट्रांग पीआर होने के कारण ही आज भारत के छोटे शहरों में भी लोग मुझे जानते हैं।
हाउसफुल फिल्म के गीत अपनी तो जैसे-तैसे.. ने जैक्लिन की लोकप्रियता बढ़ाने में अच्छी मदद की। उनका हॉट अंदाज इस गीत में सबको भा गया। इस गीत में अपने लुक के लिए मिली सकारात्मक प्रतिक्रियाओं के आधार पर जैक्लिन ने अपने करियर को मोड़ देने की बात सोची। उन्होंने भ˜ कैंप की फिल्म मर्डर 2 साइन की। इस फिल्म की रिलीज हुई कुछ तस्वीरों में देखा जा सकता है कि जैक्लिन ने खुद को हॉट साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अभी से चर्चा है कि इसमें इमरान हाशमी के साथ उनके कई किस और हॉट बेड सीन होंगे। जैक्लिन की चमकती किस्मत से अब मल्लिका सहरावत को भी कोफ्त होने लगी है।
वैसे जैक्लिन नहीं मानतीं कि उन्हें किस्मत से फिल्में मिल रही हैं। उनका कहना है कि पहली फिल्म उन्हें किस्मत से मिली, लेकिन अब उनकी मेहनत को देखकर निर्माता-निर्देशक उन्हें साइन कर रहे हैं। एक फिल्म विशेषज्ञ जैक्लिन की बात से सहमति जताते हुए कहते हैं कि चार साल के भीतर उन्होंने दिन-रात एक करके अपनी हिंदी सुधार ली है। अब वे न केवल हिंदी में इंटरव्यू देती हैं, बल्कि फिल्मों के अपने डायलॉग सफाई के साथ बोलती भी हैं। वे बहुत मेहनती हैं। उनकी मेहनत नजर आ रही है। गौरतलब है कि मर्डर और हाउसफुल फिल्मों के सीक्वल मर्डर 2 और हाउसफुल 2 की सफलता लगभग तय मानी जा रही है। ऐसे में साफ है कि जैक्लिन साल के अंत तक शीर्ष अभिनेत्रियों के लिए मुसीबत बन जाएंगी। अगर दो फ्लॉप फिल्मों की हीरोइन होने के बावजूद जैक्लिन निर्माताओं की पसंद बनी हुई हैं, तो दो हिट फिल्मों के बाद उनकी स्थिति क्या होगी, जाना जा सकता है?
-रघुवेंद्र सिंह
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