चमचमाते आसमां से एक सितारा टूट गया
एक साथी आज हम सबसे हमारा छूट गया.
मन में थे शिकवे-गिले एक बार तो कहते भला
दर्द दिल का खुलकर एक बार तो कहते भला
कुछ खता हमसे हुई आज वो जो रूठ गया
एक साथी आज हम सबसे हमारा छूट गया.
माना कि हम सब ज़िन्दगी की रेस में व्यस्त थे
नंबर वन बनने की अंधाधुंध रेस में मस्त थे
देख तेरी जलती चिता आज सारा भ्रम टूट गया
एक साथी आज हम सबसे हमारा छूट गया.
मौन हैं स्तब्ध हैं इस क्षण से प्रतिबद्ध हैं
एक-दूसरे के लिए हम आज से कटिबद्ध हैं
अहम् का एक पल में मायाजाल टूट गया
एक साथी आज हम सबसे हमारा छूट गया.
चमचमाते आसमां से एक सितारा टूट गया
एक साथी आज हम सबसे हमारा छूट गया.
-रघुवेन्द्र सिंह
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