ट्यूशन केवल आपका बच्चा ही नहीं पढ़ता, सिल्वर स्क्रीन पर चमकने वाले सितारे भी गुजरते हैं ऐसी ही प्रक्रिया से। बॉलीवुड में एक्िटग स्कूल्स के ट्रेडीशन और करेंट ट्रेंड पर निगाह डाली
रघुवेन्द्र सिंह ने -
चार दशक पहले तक फिल्म बिरादरी के लोगों का मानना था कि अभिनय जन्मजात कला है। इसे प्रशिक्षण के द्वारा इंसान को नहीं सिखाया जा सकता, लेकिन आज स्थिति पलट गई है। अब किसी कलाकार को ब्रेक देने से पहले निर्माता-निर्देशकों का पहला सवाल होता है कि क्या उन्होंने अभिनय सीखा है? उसका प्रशिक्षण लिया है? यही वजह है कि फिल्म इंडस्ट्री से आए रणबीर कपूर और सोनम कपूर को भी अभिनय की बारीकियां सीखनी पड़ीं। उन्होंने भी एक्टिंग की क्लास अटेंड कीं।
[हंसी का पात्र बनते थे प्रशिक्षु]तमाम विरोधों के बावजूद रोशन तनेजा 1963 में पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट में एक्टिंग डिपार्टमेंट शुरू करने में सफल रहे। इससे पहले नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में थिएटर की एक्टिंग सिखाई जाती थी। रोशन तनेजा के पहले बैच के विद्यार्थियों में सुभाष घई और असरानी भी थे। ये लोग जब अभिनय का प्रशिक्षण लेकर फिल्म इंडस्ट्री में काम तलाशने निकले तो लोग उनका मजाक उड़ाते थे। असरानी बताते हैं, ''लोग हमें देखकर हंसते थे कि डिप्लोमा लेकर आए हैं एक्टिंग करने।'' रोशन तनेजा बताते हैं, ''तब मैं असरानी से कहता था कि पांच साल इंतजार करो। मेरा कहा सच निकला। पांच साल बाद लोगों का नजरिया एकाएक बदल गया। मेरे स्टूडेंट्स को फिल्मों में काम मिलने लगा।''
[गुरुओं की बढ़ने लगी डिमांड]जया बच्चन, शबाना आजमी, ओम पुरी, नसीरूद्दीन शाह, अनिल धवन, शत्रुघ्न सिन्हा जैसे कई कलाकारों की फिल्मों में सफलता के बाद रोशन तनेजा से प्रशिक्षण लेने वालों की संख्या बढ़ने लगी। एफटीआईआई से प्रशिक्षित कलाकारों पर फिल्म के निर्माता-निर्देशकों की नजर रहने लगी। रोशन तनेजा बताते हैं, ''1973 में एफटीआईआई मैंने छोड़ दिया। वहां राजनीति होने लगी थी। सरकार ने एक्टिंग डिपार्टमेंट भी बंद कर दिया। मैंने 1976 में मुंबई में रोशन तनेजा एक्टर्स स्टूडियो खोला। अनिल कपूर और गुलशन ग्रोवर मेरे पहले बैच के स्टूडेंट थे। माधुरी दीक्षित, संजय दत्त, जूही चावला, अजय देवगन, मनीषा कोइराला, सुनील शेंट्टी, रानी मुखर्जी, सनी देओल, आमिर खान, तब्बू, करिश्मा कपूर, गोविंदा, सैफ अली खान, अभिषेक बच्चन, सोनम कपूर और रणबीर कपूर मेरे स्टूडेंट रहे हैं।'' 1972 में एफटीआईआई में रोशन तनेजा के स्टूडेंट रहे किशोर नमित कपूर ने पच्चीस साल पहले मुंबई में किशोर नमित कपूर एक्टिंग इंस्टीट्यूट खोला। फिल्म इंडस्ट्री के लोगों में उनका इंस्टीट्यूट बेहद लोकप्रिय है। प्रियंका चोपड़ा, रितिक रोशन, अक्षय खन्ना, अरबाज खान, अर्जुन रामपाल, जॉन अब्राहम, करीना कपूर, नील नितिन मुकेश, विवेक ओबराय उनके स्टूडेंट रहे हैं।
[मंहगे हो गए अभिनय के अध्यापक]रोशन तनेजा और किशोर नमित कपूर के साथ बैरी जॉन, अनुपम खेर और सुभाष घई अभिनय के लोकप्रिय अध्यापक माने जाते हैं। बैरी जॉन का द बैरी जॉन एक्टिंग स्टूडियो, सुभाष घई का ह्विस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल और अनुपम खेर का एक्टर प्रिपेयर्स मुंबई आए संघर्षशील कलाकारों का फेवरिट एक्टिंग स्कूल है। किशोर नमित कपूर कहते हैं, ''निर्माता-निर्देशकों को इन दिनों प्रोफेशनल कलाकार चाहिए। अब किसी के पास रीटेक लेने का टाइम नहीं है। यही वजह है कि एक्टिंग गुरुओं और एक्टिंग संस्थानों की डिमांड बढ़ रही है।'' प्रोफेशनल कलाकारों की बढ़ी डिमांड से एक्टिंग स्कूल मुनाफे का बिजनेस बन गया है। अनुपम खेर ने अपने स्कूल की शाखाएं देश के कई शहरों सहित विदेश में भी खोल दी हैं। सुभाष घई भी पीछे नहीं हैं। दिलचस्प बात है कि इन लोकप्रिय अध्यापकों के शिष्य बनने का सौभाग्य सिर्फ अमीर विद्यार्थियों को मिलता है। इन सभी अध्यापकों के संस्थान में चार महीने के एक्टिंग कोर्स की फीस एक से डेढ़ लाख रूपए है। इस बाबत बैरी जॉन तर्क देते हैं, ''अंधेरी में मैंने अपना एक्टिंग स्टूडियो खोला है। यह मुंबई का बेहद मंहगा एरिया है। रेंट, इक्वीपमेंट सब चीजें महंगी हैं। मैं बिजनेसमैन नहीं हूं। आर्टिस्ट हूं। फिर भी सब जोड़कर फीस वाजिब है।'' सुभाष घई कहते हैं, ''फीस मंहगी तो है, लेकिन हम जो नई शाखाएं खोलने जा रहे हैं, वहां फीस कम होगी। स्टूडेंट अफोर्ड कर सकेंगे।''
[तैयार हो रहे हैं नई पीढ़ी के सितारे]इस वक्त किशोर नमित कपूर के एक्टिंग स्कूल में सुनील शेंट्टी के भांजे कबीर, राजेश रोशन के बेटे ईशान रोशन, डेविड धवन के बेटे वरूण धवन, बोनी कपूर के बेटे अर्जुन कपूर ट्रेनिंग ले रहे हैं। रोशन तनेजा के स्कूल में दिलीप ताहिल के बेटे और सलमान खान के परिवार की नाजिया एक्टिंग सीख रही हैं। जो छात्र मोटी फीस नहीं वहन कर सकते, उनके लिए किशोर नमित कपूर एक ट्रस्ट तथा बैरी जॉन एक आश्रम खोलने की योजना बना रहे हैं। वहां छात्रों को निशुल्क एक्टिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी!
[टैलेंट बिना नहीं होती एक्टिंग]
रोशन तनेजा को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का पहला 'एक्टिंग गुरू' कहा जाता है। वे 1950 में स्कॉलरशिप पर अमेरिका एक्टिंग की ट्रेनिंग लेने गए। चार साल बाद वे मुंबई लौटे और उन्होंने एक्टिंग की ट्रेनिंग देने की वकालत की।
रोशन तनेजा से बातचीत के विशेष अंश-
[ऐसा माना जाता है कि अभिनय जन्मजात गुण है। फिर आपके जेहन में अभिनय सिखाने की बात कैसे आई?]यदि डांस और सिंगिंग सिखाई जा सकती है तो एक्टिंग क्यों नहीं। एक्टिंग भी तो कला है। लता मंगेशकर और रवि शंकर जैसे महान लोगों ने संगीत की ट्रेनिंग ली है। मैं स्वयं एक्टिंग की ट्रेनिंग लेकर लौटा था। मैं भी मानता हूं कि एक्टिंग के लिए टैलेंट जरूरी है। वरना आप एक्टिंग नहीं कर सकते।
[जब आपने एक्टिंग की ट्रेनिंग देने की पहल की तो लोगों की क्या प्रतिक्रिया थी?]
लोग कहते थे कि देखो भाई, सबको एक्टिंग सिखाने चले हैं। अमेरिका से ट्रेनिंग लेकर आए हैं। मेरी जर्नी फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, पुणे से शुरू हुई। 1963 में हमने वहां दो साल का एक्टिंग कोर्स शुरू किया। पांच साल के भीतर मेरे पहले स्टूडेंट नवीन निश्चल को सावन भादो फिल्म में हीरो के तौर पर ब्रेक मिला। बाद में जया बच्चन, शबाना आजमी, ओम पुरी, डैनी, नसीरूद्दीन शाह, शत्रुघ्न सिन्हा के चमकने के बाद तो लोगों को एक्टिंग की ट्रेनिंग जरूरी लगने लगी। अब कहते हैं कि पहले जाओ एक्टिंग की ट्रेनिंग लेकर आओ।
[दिलीप कुमार, अशोक कुमार और अमिताभ बच्चन ने एक्टिंग की ट्रेनिंग नहीं ली। वे एक्टिंग के लीजेंड कहलाते हैं। क्या कहेंगे?]अशोक कुमार, दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन की पहली फिल्म देखिए। कितना बुरा काम उन्होंने किया है। अशोक कुमार की बेटी प्रीति गांगुली मेरे यहां ट्रेनिंग के लिए आई थीं। एक बार दिलीप साब से मुलाकात हुई। उन्होंने कहा कि हमको दस साल लग गए एक्टिंग सीखते-सीखते। हम पढ़े-लिखे थे। अपनी गलतियों से सीखते गए। अशोक कुमार ने कहा था कि उन्होंने ऑन जॉब एक्टिंग सीखी। अमिताभ बच्चन आज भी मुझसे कहते हैं कि यदि मैंने एक्टिंग की ट्रेनिंग ली होती तो आज कहीं और होता।
[शाहरुख की सफलता का क्रेडिट नहीं ले सकता : बैरी जॉन ]मैं एक सवाल पूछना चाहता हूं। मैंने आज तक हजारों लोगों को ट्रेनिंग दी है, लेकिन सब शाहरुख खान जैसी सफलता क्यों नहीं हासिल कर पाए? शाहरुख ने जो कुछ अचीव किया है, यदि वह मेरे कारण है तो फिर मेरे और स्टूडेंट वह सब क्यों नहीं अचीव कर पाए? शाहरुख ने जो अचीव किया है उसका क्रेडिट उन्हें जाता है, क्योंकि मैंने उन्हें मुंबई जाने के लिए नहीं कहा था। मैंने शाहरुख खान को सिर्फ फाउंडेशन दी। उस वक्त मेरा एक्टिंग स्कूल नहीं था। मैं टैग (थिएटर एक्शन ग्रुप) से जुड़ा था। मैं वहां स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग देता था। मैं और शाहरुख साथ ट्रेनिंग करते थे। हम वर्कशॉप करते थे। कैरेक्टर क्रिएट करते थे। उन्हें परफॉर्म करते थे। शाहरुख अच्छे ऑबजर्वर हैं। उनकी जर्नी फेयरी टेल की तरह है। उन्होंने अपनी जर्नी खुद तय की है। कॅरियर को समझदारी से हैंडल किया है। शाहरुख की सफलता का क्रेडिट मैं नहीं ले सकता।
[बेस्ट स्टूडेंट है रितिक : किशोर नमित कपूर (रितिक रोशन के ट्रेनर)]राकेश रोशन एक्टिंग की ट्रेनिंग में बिलीव नहीं करते थे। रितिक अपनी मर्जी से मेरे पास आया था। उस वक्त वह हड्डियों का ढांचा था। जब उसने बात करनी शुरू की तभी मैंने पकड़ लिया कि वह हकलाता है। उसको बैकएक था। डॉक्टर ने उसे मना किया था एक्टिंग और डांस करने से। रितिक मेरा बेस्ट स्टूडेंट है। वैसा स्टूडेंट आज तक मुझे नहीं मिला। रितिक अनअज्यूंिमंग था। रितिक जैसा डेडीकेशन मैंने आज तक किसी स्टूडेंट में नहीं देखा। उसने कभी एक भी क्लास मिस नहीं की। उसने अपनी कमियों को सुधारा। रितिक ने सिंगिंग सीखी। सिंगिंग के जरिए उसने अपनी सांस पर कंट्रोल करना सीखा। रितिक ने बाद में मुझे बताया कि वह क्लास में डरता था और रोज ईश्वर से प्रार्थना करता था कि हकला न दे। थ्योरी कंप्लीट हुई तो हमने रितिक के साथ एक सीन शूट किया। रितिक वह कैसेट घर ले गया। उसकी मां पिंकी ने कैसेट देखा और वह रो पड़ीं। उन्होंने वह कैसेट राकेश रोशन को दिखाया। उस रात दो बजे राकेश जी का फोन आया कि बेटा तो पैदा हुआ था, लेकिन आज स्टार पैदा हो गया।