प्यार में धोखा खा चुकी खूबसूरत लड़की अब पर्दे पर आंसू बहाती नहीं, बल्कि ब्वॉयफ्रेंड की बैंड बजाती नजर आएगी। जी हाँ, आपका मनोरंजन करने आ रही हैं लव, सेक्स, चीट और क्राइम की सोशल नेटवर्किग साइट्स से उपजी नए किस्म की बोल्ड कहानियां।
सबसे बड़ा है दर्शक वर्ग
आजकल टेलीविजन पर लव का द एंड फिल्म का ताजा आइटम सांग 'मटन' खूब बज रहा है। इस गीत को देखकर एकबारगी यकीन नहीं होता कि इसका निर्माण पारिवारिक मनोरंजक फिल्मों के लिए लोकप्रिय यशराज फिल्म्स ने किया है परंतु समय और बाजार की मांग को देखते हुए यशराज ने इस तरह की फिल्मों के निर्माण के लिए अपने एक नए बैनर वाई फिल्म्स की शुरूआत की है और इसके संचालन की जिम्मेदारी यूथ चैनल एमटीवी के हेड आशीष पाटिल को सौंपी है। आशीष पाटिल कहते हैं, ''यूथ बहुत बड़ी ऑडियंस है। मैं सोच रहा हूं कि अब तक इसके बारे में किसी ने सोचा क्यों नहीं। जो जीता वही सिकंदर फिल्म के समय से यह दर्शक वर्ग अपनी पसंद की फिल्मों का इंतजार कर रहा था। दुनिया की सबसे यंग कंट्री है इंडिया। पंद्रह से पैंतीस की उम्र के बीच पैंतीस करोड़ लोग हैं। ये लोग तय करते हैं कि क्या देखा जाएगा और क्या खरीदा जाएगा!''
बोल्ड और बिंदास हैं युवा
आज का युवा सारे फार्मूलों को तोड़ना चाहता है। फेसबुक, ऑर्कुट, टिवट्र जैसी लोकप्रिय सोशल नेटवर्किग साइट्स पर आज के यूथ की अपनी अलग दुनिया है जिसमें वह मस्त रहता है। इस दुनिया की अलग भाषा है, जिसे समझने में पुराने लोगों को बहुत मशक्कत करनी पड़ रही है। निर्माता-निर्देशक अब इस दुनिया को ध्यान में रखकर फिल्में बना रहे हैं। नव स्थापित बैनर ऑल्ट एंटरटेनमेंट में लव सेक्स और धोखा जैसी बोल्ड चर्चित फिल्म का निर्माण कर चुकीं एकता कपूर अब रागिनी एमएमएस लेकर आ रही हैं। यह एक कपल की कहानी है। लड़का लड़की का एमएमएस बनाकर बेचने की मंशा से कमरे में कैमरा लगा देता है। वाई फिल्म्स की मुझसे फ्रेंडशिप करोगे फेसबुक पर होने वाली दोस्ती की कहानी है तो इस बैनर की वायरस दीवान एक हैकर की। अनुराग कश्यप और टिपिंग प्वाइंट फिल्म्स की संयुक्त प्रस्तुति शैतान फिल्म मेट्रो सिटी के यूथ की बोल्ड कहानी है। काबिले-जिक्र यह है कि वायरस दीवान से बोनी कपूर के बेटे अर्जुन कपूर एक्टिंग में डेब्यू कर रहे हैं।
नए सितारों का आगमन
यूथ बेस्ड फिल्मों के निर्माण के नए दौर का लाभ यह हुआ है कि अब नए विषयों, नए कलाकारों, नए किस्म के गीत-संगीत को मौका मिल रहा है। नए किस्म का बाजार खड़ा हो रहा है। इस बाजार को आजमाने का प्रयास पहले भी फिल्मकार करते रहे हैं। यशराज फिल्म्स का राकेट सिंह सेल्समैन ऑफ द ईयर, करण जौहर का वेकअप सिड और अनुराग कश्यप का उड़ान के रूप में यह प्रयास नजर आता है। रोजगार और रिलेशनशिप पर बनीं इन फिल्मों को मिले दर्शकों के पॉजिटिव रिस्पांस के बाद निर्माताओं का साहस बढ़ा। फिर यूथ ओरिएंटेड फिल्मों के निर्माण के लिए खास तौर से ऑल्ट एंटरटेनमेंट, वाई फिल्म्स, टिपिंग प्वाइंट फिल्म्स जैसे बैनरों की स्थापना हुई। शाहरूख खान के होम प्रोडक्शन की फिल्म ऑलवेज कभी कभी, कुमार मंगत की प्यार का पंचनामा भी इसी कड़ी की फिल्में हैं। यूथ फिल्मों के नए बाजार की अनदेखी करते हुए कुछ लोग यश चोपड़ा और एकता कपूर की ऐसी फिल्मों के निर्माण की पहल की आलोचना कर रहे हैं। हैरान हैं एकता कपूर, लेकिन वे कहती हैं, ''मुझे इन बातों की परवाह नहीं। युवाओं को मेरी फिल्में पसंद आ रही हैं। वे मेरी तारीफ करते हैं।''
चुनौती बना गीत-संगीत
निर्माता-निर्देशक खयाल रख रहे हैं कि आज का यूथ पाश्चात्य संगीत प्रेमी है। उसे अंग्रेजी गाने पसंद हैं। देव डी और उड़ान फिल्मों के लिए जुदा किस्म के गीत लिख चुके गीतकार अमिताभ भंट्टाचार्य का लव का द एंड फिल्म का 'मटन' सांग हो या 'फ्रीक आउट' सांग, दोनों यूथ में पॉपुलर हो रहे हैं। अमिताभ भंट्टाचार्य कहते हैं, ''आज का यूथ रॉक और पॉप सुनता है। वह हिंग्लिश बोलता है। उनके लिए गीत लिखना मेरे लिए चुनौती थी। मैं युवाओं के अड्डों पर गया और उन्हें ऑब्जर्व किया तब लव का द एंड के गाने लिख सका। अमिताभ का मानना है कि यूथ ओरिएंटेड गीत-संगीत से हिंदुस्तानी संगीत को नुकसान नहीं पहुंचेगा। बाजार में हर तरह की फिल्म और गीत-संगीत के लिए ऑडियंस है।''
प्रचार के हैं नए फंडे
दिलचस्प बात यह है कि इन फिल्मों के प्रचार के लिए निर्माता फेसबुक और ट्विटर के अलावा एसएमएस का इस्तेमाल कर रहे हैं। फिल्म कंपनियों की योजना यह भी है कि यदि फिल्में यूथ को पसंद आईं तो वे किरदारों के टी-शर्ट, मग आदि उत्पाद को बाजार में उतारेंगे। उम्मीद है कि फिल्मकार अपनी फिल्मों के जरिए यूथ को कोरा एंटरटेनमेंट नहीं परोसेंगे। वे मेट्रो सिटी के यूथ की कॉलेज की मौज-मस्ती, फेसबुक की दोस्ती और यंग लव स्टोरी की सीमा से बाहर निकलकर छोटे शहर के युवा की दुनिया को भी टटोलेंगे!
-रघुवेन्द्र सिंह
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