Monday, January 4, 2010

असफल विन्दू की पहली सफलता

पैंतालीस वर्षीय विंदू दारा सिंह की पहचान अब तक पॉपुलर सीनियर एक्टर एवं रेसलर दारा सिंह के बेटे की थी। पन्द्रह वर्ष से एक्टिंग में सक्रिय विंदू फिल्म इंडस्ट्री में सलमान खान और अक्षय कुमार के बेस्ट फ्रेंड के रूप में पहचाने जाते थे, लेकिन 'बिग बॉस' तृतीय रिएलिटी शो का विजेता घोषित होने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ली है।
[लीड से साइड रोल का सफर]
विंदू ने 1994 में अपने पिता दारा सिंह निर्मित फिल्म करन से एक्टिंग में डेब्यू किया। यह फिल्म चली नहीं तो दो वर्ष उपरांत दारा सिंह ने विंदू को लेकर पंजाबी फिल्म रब दियां राखां बनायी। दोनों फिल्मों की असफलता के बाद में विंदू ने टीवी का रूख किया। आंखें, चंद्रमुखी, श्श्श फिर कोई है, ब्लैक जैसे धारावाहिकों में उन्होंने निगेटिव एवं पॉजिटिव रोल किए, लेकिन यहां भी बात नहीं बनी।
[सफलता की उम्मीद]
विंदू को पहली बार सफलता तब मिली जब उन्होंने अपने पिता की तरह जय श्री हनुमान धारावाहिक में हनुमान का रोल निभाया। बाद में मैंने प्यार क्यूं किया, पार्टनर, मुझसे शादी करोगी और इस साल प्रदर्शित कमबख्त इश्क एवं मारुति मेरा दोस्त फिल्म में वह साइड रोल में दिखे। 'बिग बॉस' में जीत से कॅरियर में तेजी आने की आस लिए विंदू ने कहा, मैं रीचार्ज हो गया हूं। यह विजय निश्चित ही मेरे कॅरियर को नयी दिशा देगी।
'बिग बॉस' प्रथम के विजेता राहुल रॉय और 'बिग बॉस' द्वितीय के विजेता आशुतोष कौशिक आज कहीं नजर नहीं आते। 'बिग ब्रदर' में जीत से शिल्पा शेंट्टी के फिल्मी कॅरियर को खास लाभ नहीं हुआ था। ऐसे में विंदू का उम्मीदें रखना कितना सही है? विंदू कहते हैं कि मेरे दोस्त मानते हैं कि अब मैं बड़ा टीवी स्टार बन गया हूं, लेकिन मेरे पास कोई फिल्म और सीरियल नहीं है। मैं अच्छे काम का इंतजार कर रहा हूं। फिलहाल मैं अपनी पत्नी डीना और बेटी एमीलिया के साथ मुंबई के नए घर में समय बिताऊंगा।
उम्मीद करते हैं कि विंदू दारा सिंह के कॅरियर पर इस जीत का असर नजर आएगा।
-रघुवेन्द्र सिंह