Thursday, July 30, 2009

मेरा लक्ष्य है डांस व अभिनय: भावना पाणि | मुलाकात

संजय गढ़वी की पहली फिल्म तेरे लिए से भावना पाणि ने अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा। उसके बाद वे इंटरनेशनल म्यूजिकल स्टेज शो भारती के मंचन में व्यस्त हो गई। आठ साल बाद भावना अब अंजुम रिजवी निर्मित फिल्म फास्ट फारवर्ड से वापसी कर रही हैं। यह डांस पर आधारित फिल्म है। इसमें वे अक्षय कपूर के अपोजिट नजर आएंगी। प्रस्तुत हैं भावना पाणि से बातचीत के प्रमुख अंश..
तेरे लिए के बाद इतना लंबा गैप करियर के लिए नुकसानदेह नहीं लगता?
मुझे काफी नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन भारती शो से मुझे विदेश में जो लोकप्रियता मिली है, उसके सामने यह नुकसान कुछ भी नहीं है। मैं जानती हूं कि लोग तेरे लिए की भावना को भूल चुके हैं। मेरे लिए यह अच्छा है। फास्ट फारवर्ड मेरी डेब्यू फिल्म है। तेरे लिए फिल्म मैंने सोलह साल की उम्र में की थी। मैं लोगों से कहती हूं कि उस वक्त मैं चाइल्ड आर्टिस्ट जैसी थी।
फास्ट फारवर्ड में किस अंदाज में दिखेंगी?
इसमें मैंने झील की भूमिका निभाई है। वह मिडिल क्लास की सीधी-सादी लड़की है। फास्ट फारवर्ड दो डांस ग्रुप की कहानी है। इसमें दर्शक बी बोइंग और हिप हॉप डांस देखेंगे। अंजुम रिजवी ने फिल्म की शूटिंग के दौरान मॉरीशस से डांस ट्रेनर बुलाए थे। मैं डांस की शौकीन हूं, लेकिन दुख की बात है यह कि मुझे फिल्म में डांस करने का अवसर ही नहीं मिला। अक्षय कपूर फिल्म में मेरे हीरो हैं।
फिल्मों में कैसे आना हुआ?
मम्मी-पापा ने छह साल की उम्र में मुझे ओडिसी नृत्य सीखने के लिए भेजा। मैं आठ साल तक नृत्य सीखती रही। उसी दौरान मेरे मन में परफार्मिग आ‌र्ट्स में करियर बनाने की इच्छा हुई। तब मैं कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी। शाहिद कपूर मेरे सीनियर थे। उन्होंने एक दिन मुझे बताया कि फिल्म तेरे लिए के लिए हीरोइन की तलाश की जा रही है। मैं लोगों से मिली। इस तरह मैं तेरे लिए की हीरोइन बन गई। मैंने अभिनय का प्रशिक्षण नहीं लिया है।
फास्ट फारवर्ड में अक्षय कपूर के साथ अभिनय करने का अनुभव कैसा रहा?
अक्षय डांस और अभिनय दोनों में माहिर हैं। मैंने उनकी फिल्म अलग देखी है। वे कमाल के डांसर हैं। मैं उनसे काफी प्रभावित हुई। उन्होंने फिल्म की शूटिंग के दौरान मेरी मदद की। उनके अलावा फिल्म में विनोद खन्ना और रेहान खान भी हैं। हम सभी ने शूटिंग को एंज्वॉय किया।
आपका लक्ष्य क्या है?
मेरा लक्ष्य है डांस और अभिनय को साथ लेकर चलना। इस क्षेत्र में ऊंचा मुकाम हासिल करना। मुझे पता है कि यह आसान नहीं होगा। इस वक्त फिल्म इंडस्ट्री में मारामारी बहुत है, लेकिन मुझे खुद पर भरोसा है।

-raghuvendra singh

अब अभिनय करेंगे राघव

युवा संगीतकार-गायक राघव सच्चर के नए म्यूजिक एलबम का नाम चार्मिग लुटेरा है। इसमें मात्र एक गीत है। राघव बताते हैं कि विदेशों में सिंगल सॉन्ग का चलन बेहद पॉपुलर है। मैं उस फॉरमेट को अपने नए म्यूजिक एलबम से भारत में ला रहा हूं। मैं जानता हूं कि सिंगल सॉन्ग का चलन मेरे लिए चुनौती होगी, लेकिन मैं लोगों को यकीन दिलाना चाहूंगा कि उनका पूरा पैसा मेरे एक गीत से वसूल हो जाएगा। मेरे म्यूजिक एलबम का नाम और गीत के बोल चार्मिग लुटेरा.. है। यह यूथफूल रोमांटिक सॉन्ग है। इसमें मेरे साथ नेहा भसीन की आवाज सुनने को मिलेगी। स्पष्ट कर दूं कि मैंने यह एलबम शहरी श्रोताओं को ध्यान में रखकर बनाया है।
राघव के यूनिवर्सल म्यूजिक कंपनी द्वारा अब तक तीन म्यूजिक एलबम राघव : फॉर द फ‌र्स्ट टाइम, 24 कैरेट और प्ले इट लाउड रिलीज हो चुके हैं। उनके सभी एलबम संगीत प्रेमियों द्वारा काफी सराहे गए। अब राघव ने खुद का म्यूजिक लेवल लॉन्च किया है। चार्मिग लुटेरा उनके (राघव सच्चर म्यूजिक लेवल) से रिलीज होने वाला पहला एलबम है। वे कहते हैं कि मैं यूनिवर्सल को सभी गीत तैयार करके देता था और वे उसे अपने बैनर तले रिलीज करते थे। मेरी मेहनत और पैसा तो जाता ही था, साथ ही हमेशा के लिए मेरे हाथ से मेरे गीतों का अधिकार भी चला जाता था। यदि मुझे अपने किसी गीत पर परफॉर्म करना होता, तो मुझे कंपनी से परमिशन लेनी पड़ती थी। बाद में मैंने अपना म्यूजिक लेवल लॉन्च करने का फैसला किया। इससे मेरी मेहनत, पैसा और गीत के अधिकार मेरे पास रहेंगे।
राघव बात जारी रखते हैं कि यदि सिंगल सॉन्ग का फॉरमेट हिट हो गया, तो मैं दूसरे कलाकारों को साइन करूंगा और उनकी प्रतिभा को दुनिया के सामने लाऊंगा। संभव है कि मैं अपना नया एलबम सिर्फ इंटरनेट पर रिलीज करूं। यदि कोई म्यूजिक कंपनी बाद में उसे रिलीज करना चाहेगी, तो उसे मुझसे सॉन्ग के अधिकार खरीदने पड़ेंगे। एक जुलाई को नए म्यूजिक एलबम चार्मिग लुटेरा को रिलीज करने की मेरी योजना है। राघव तीस वाद्य यंत्र बजाने में कुशल हैं। काबुल एक्सप्रेस, संडे, वन टू थ्री और हाल-ए-दिल फिल्मों के गीत-संगीत को चर्चा मिलने के बाद राघव की मांग फिल्म इंडस्ट्री में बढ़ गई है, लेकिन अब वे सोलो प्रोजेक्ट को ही प्राथमिकता दे रहे हैं।
वे कहते हैं कि मैंने इन्द्र कुमार की डैडी कूल और विक्रम भट्ट की फिर में संगीत दिया है। ये फिल्में तैयार हैं। अब तक मैं भीड़ में काम करता था, लेकिन अब ऐसा नहीं करूंगा। कबीर सदाना की फिल्म तुम मिलो तो सही से राघव एक्टिंग में भी डेब्यू कर रहे हैं। वे कहते हैं कि म्यूजिक वीडियो में एक्टिंग करके मैं थक गया था। मैं कुछ नया करना चाहता था। तभी कबीर मेरे पास प्रस्ताव लेकर आए। मैं फिल्म में सिंगर राघव सच्चर की भूमिका निभा रहा हूं।

-raghuvendra singh

नहीं बनना भीड़ का हिस्सा

करण मेहरा ने जब से जी टीवी के लोकप्रिय सीरियल अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो में गनेसिया की भूमिका की है, तब से वे हर दिन गंगा जमुना और लगान फिल्में बार-बार देख रहे हैं। वजह करण बताते हैं कि मैं दिल्ली में पला-बढ़ा हूं। मैंने ग्रामीण जिंदगी को नजदीक से कभी नहीं देखा। ऐसे में गनेसिया की भूमिका को जीवंत बनाने के लिए मैं इन फिल्मों की मदद ले रहा हूं। करण को दिल्ली से मुंबई आए पांच वर्ष हो चुके हैं। उन्होंने सीरियलों में आधुनिक युवक की ही भूमिकाएं की हैं। पहली बार उन्हें अगले जनम.. में ग्रामीण युवक की भूमिका निभाने का अवसर मिला है। करण कहते हैं कि गनेसिया की भूमिका मेरे लिए चैलेंज है। मैं पहली बार किसान बना हूं। शुरू में मैं इस भूमिका को निभाने में बिल्कुल सहज नहीं था। दरअसल, गनेसिया की एंट्री सीरियल में भले ही अब हुई है, लेकिन लाली के साथ चर्चा में वह हमेशा रहा। दर्शकों के मन में पहले से उसकी छवि बन चुकी थी। दर्शकों के मन की उस छवि के अनुकूल खुद को ढालना मेरे लिए मुश्किल काम था।
करण मेहरा आगे कहते हैं कि मैं अगले जनम.. को पिछले कुछ महीने से देख रहा था। मुझे इसकी कहानी बहुत अच्छी लगती है। मुझे नहीं पता था कि मुझे ही गनेसिया की भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा। मुझे सीरियल में अपने काम के लिए खूब तारीफ मिल रही है। पहले मेरे मन में जो डर था कि मैं गनेसिया की भूमिका को निभा पाऊंगा या नहीं, वह अब दूर हो गया है। लोगों की तारीफ सुनकर लग रहा है कि मैं इस भूमिका के साथ न्याय करने में सफल हूं। अब मैं सीरियल में काम करते हुए एंज्वॉय कर रहा हूं।
करण ने रोमांटिक भूमिकाओं से अपनी पहचान बनाई है, लेकिन अब वे गंभीर और मैच्योर भूमिकाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं। करण पिछले दिनों सहारा वन के डांस बेस्ड रिअॅलिटी शो सास वर्सेज बहू की ऐंकरिंग करते दिखे थे। रिअॅलिटी शो के प्रतियोगी बनने के बारे में वे कहते हैं, मेरे पास डांस बेस्ड रिअॅलिटी शो का प्रस्ताव आया था, लेकिन मैंने मना कर दिया। मैं भीड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहता।

-raghuvendra singh

टेक्नीकली बेस्ट है अज्ञात: रामगोपाल वर्मा | मुलाकात

अज्ञात रामगोपाल वर्मा की इस वर्ष प्रदर्शित होने वाली पहली फिल्म है। टेक्नीकली वे इसे अपने करियर की बेस्ट फिल्म मानते हैं। एक मुलाकात में रामू ने अज्ञात, श्रीलंका के जंगलों में शूटिंग के अनुभव, निजी जीवन, अभिनेत्रियों के साथ अपने लिंकअप और अपनी आलोचनाओं के बारे में बातचीत की..।
अज्ञात का विचार कैसे आया?
पांच वर्ष पहले की बात है। मैं नाच की शूटिंग के लिए कर्नाटक के जंगल में गया था। वह जंगल भयावह था। जब हम जंगल में बहुत अंदर निकल गए, तो अचानक मेरे मन में खयाल आया कि जो आदमी हमें जंगल में लेकर आया है, यदि उसे कुछ हो गया, तो हम जंगल से बाहर कैसे निकलेंगे! वहीं मेरे मन में अज्ञात की नींव पड़ी।
इसकी कहानी के बारे में बताएंगे?
यह थ्रिलर है। इसकी कहानी एक फिल्म के यूनिट की है, जो श्रीलंका के जंगलों में शूटिंग के लिए जाती है। जंगल में उनके साथ अजीब घटनाएं घटती हैं। एक-एक कर उनके साथी गायब होने लगते हैं। मैंने फिल्म के अंत में भी नहीं दिखाया है कि कौन-सी चीज उनके साथियों को गायब करती है। दर्शकों के लिए वह अज्ञात रहेगी। हॉलीवुड में जुरासिक पार्क, एनाकोंडा जैसी कई फिल्में इस विषय पर बनी हैं, लेकिन उनमें दिखाया गया है कि कोई जानवर लोगों को मारता है। अज्ञात दर्शकों के लिए नया अनुभव होगी।
निर्देशक अपनी प्रत्येक फिल्म से एक कदम आगे बढ़ता है। अज्ञात से आपको कितनी मजबूती मिली?
यह टेक्निकली मेरे करियर की बेस्ट फिल्म है। यह फिल्म मैंने साउंड इफेक्ट्स, कैमरा मूवमेंट, बैकग्राउंड स्कोर और कलाकारों के एक्सप्रेशन से बनाई है। मैंने इसमें इन चीजों का अच्छी तरह इस्तेमाल किया है।
प्रियंका (निशा) कोठारी के साथ आपके अनबन की चर्चा थी। इस फिल्म में उन्हें कैसे लिया?
मुझे अपने कलाकार और तकनीशियनों के साथ कभी प्रॉब्लम नहीं हुई। उन्हें प्रॉब्लम हुई, तो मुझे पता नहीं। मेरे पास सूटेबल कैरेक्टर होता है, तो मैं अपने कलाकारों को अवसर देता हूं। मैं विवेक ओबराय के साथ भी एक फिल्म रक्त-चरित्र बना रहा हूं।
अज्ञात में प्रियंका को किस तरह पेश किया है?
मेरी फिल्म का हीरो अज्ञात है और हीरोइन जंगल है। बाकी जो दस-पन्द्रह कलाकार हैं, वे सब कैरेक्टर हैं और वे सब महत्वपूर्ण हैं। मेरी फिल्म में प्रियंका एक कैरेक्टर मात्र हैं।
आपकी फिल्म की अभिनेत्रियों के साथ आपके लिंकअप की चर्चा अवश्य होती है। सच क्या है?
मैंने अमिताभ बच्चन के साथ सात और मनोज बाजपेयी के साथ पांच फिल्में बनाई हैं, तब तो किसी ने कुछ नहीं कहा। मैं किसी हीरोइन के साथ दूसरी फिल्म बनाता हूं, तो लोगों की नजरें उठ जाती हैं। यह लोगों की कल्पना है।
फिल्म अज्ञात की शूटिंग का अनुभव कैसा रहा?
जंगल मुझे हमेशा अ ाकर्षित करते हैं। मैंने नौ वर्ष पहले जंगल फिल्म बनाई थी। मुझे श्रीलंका के जंगलों में शूटिंग करने में मजा आया। वहां कई बड़े जानवर थे, लेकिन हमारी यूनिट बहुत बड़ी थी, इसलिए कोई जानवर हमारे पास नहीं आया। वहां सांप का डर हमेशा बना रहता था।
आपका निजी जीवन लोगों के लिए रहस्य है?
मैं रिअॅल लाइफ में बहुत फनी हूं। मेरे अंदर भी इमोशन हैं। मैं कभी गुस्सा नहीं होता। चौबीस घंटे में से चार घंटे सोता हूं और बाकी समय फिल्मों के बारे में सोचता हूं। फिल्में बनाना मेरे जीवन का एकमात्र लक्ष्य है।
सफलता-असफलता और आलोचना आपको प्रभावित करती हैं?
मुझे इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरे पास जितने आइडिया हैं, मैं उतनी फिल्में बनाऊंगा।
क्या नया करना चाहते हैं?
मैं हमेशा नई फिल्में बनाना चाहता हूं। रण और रक्त चरित्र के बाद मेरी एक रोमांटिक फिल्म बनाने की योजना है। आजकल मैं उसी की स्क्रिप्ट लिख रहा हूं। मुझे उम्मीद है, लोग उस फिल्म को बेहद पसंद करेंगे।
-raghuvendra Singh

Monday, July 27, 2009

अभी शादी नहीं करना चाहती कैटरीना

कैटरीना कैफ की अपार सफलता और असीम लोकप्रियता लोगों के लिए हैरानी की बात है। हो भी क्यों न? विदेश में पली-बढ़ी, हिंदी से अनभिज्ञ और भारतीय सिने प्रेमियों की रुचि से अंजान कैटरीना ने कम समय में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की शीर्ष अभिनेत्री का दर्जा जो हासिल कर लिया है! कुछ लोग तो उन्हें गॉडेस ऑफ लक यानी किस्मत की देवी मानने लगे हैं। कैटरीना इस वक्त लंदन में अपने परिवार के साथ लंबी छुट्टी पर हैं। लंदन रवाना होने से पहले उन्होंने अपनी सफलता के राज, जिंदगी के खोए अनमोल पल, सलमान खान से शादी, नई फिल्मों अजब प्रेम की गजब कहानी, दे दना दन और राजनीति और अपने नए लक्ष्य से पर्दा उठाया। प्रस्तुत हैं उसके प्रमुख अंश..
गॉडेस ऑफ लक..नो: प्लीज, मुझे गॉडेस ऑफ लक मत कहिए। यह सही नहीं है। मैं आज जिस मुकाम पर हूं, वहां पहुंचने के लिए दिन-रात मेहनत की है। मुझे नहीं लगता कि मैं किसी के लिए लकी हूं। एक प्रोजेक्ट या फिल्म की सफलता में सैंकड़ों लोगों का योगदान होता है। सबकी कड़ी मेहनत, समर्पण और लगन उसमें होती है। ऐसे में किसी फिल्म की सफलता का श्रेय सिर्फ मुझे देना सही नहीं होगा। यदि लोग जिंदगी में ऊंचा मुकाम हासिल करना चाहते हैं, तो खुद पर भरोसा रखिए, सही निर्णय लीजिए और अपना सौ प्रतिशत दीजिए। मेरी सफलता का राज यही है। मेरे हिसाब से सफलता का कोई विकल्प नहीं होता।
खोए हैं अनमोल पल: मैंने पंद्रह वर्ष की उम्र में काम करना शुरू कर दिया था। उस उम्र में लोग कॉलेज जाते हैं, दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करते हैं। सही मायने में वह उम्र जिंदगी को एंज्वॉय करने की होती है, लेकिन मैंने उस अनमोल समय को काम के चक्कर में खो दिया। दरअसल, मुझे पता चल गया था कि मेरी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। मैं कम उम्र में जिम्मेदार बन गई थी। मैं कभी यूनिवर्सिटी नहीं गई। आज मुझे अफसोस होता है, लेकिन जब अपनी उपलब्धियों को देखती हूं, तो खुशी होती है। इस मुकाम पर पहुंचने के लिए मैंने बहुत कुछ खोया भी है। मैंने लंबा संघर्ष किया है। मैं आज उस मुकाम पर हूं, जहां अपनी पसंद के लोगों के साथ काम करती हूं। मुझे खुद पर गर्व है।
दूर कर रही हूं कमियां: मैं जब से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में आई हूं, लोग मेरी हिंदी की आलोचना करते रहे हैं। मैंने सबकी आलोचना को सकारात्मक लिया और अपनी हिंदी सुधारने का फैसला किया। मैं अपनी कमियों को दूर कर रही हूं। मैं पिछले कुछ महीनों से हिंदी सीख रही हूं। अब हिंदी पर मेरी अस्सी प्रतिशत पकड़ बन गई है। सिंह इज किंग और न्यूयॉर्क फिल्मों की डबिंग मैंने खुद की है। अक्षय कुमार ने मेरी हिंदी की तारीफ भी की। प्रेस क्रॉन्फ्रेंस में लोग शिकायत करते हैं कि मैं हिंदी में जवाब क्यों नहीं देती? सच कहूं, तो वहां कन्फ्यूजन रहती है। मैं कोशिश में हूं कि लोगों की यह शिकायत भी जल्द दूर करूं।
दांव-पेंच सीख लिए: अब मैं हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दांव-पेंच सीख गई हूं। मैंने लोगों की बातों पर आंख मूंदकर भरोसा करना छोड़ दिया है। फिल्म इंडस्ट्री में कुछ ही लोग मेरे क्लोज हैं। सच कहूं, तो पहले जब लोग मेरा नाम किसी के साथ जोड़ते थे, तब मुझे गुस्सा आता था। दरअसल, मैं इमोशनल हूं। मुझे छोटी-छोटी बातें हर्ट करती हैं, लेकिन अब मैं ऐसी बातें सुनकर हंसती हूं। अब मैं अपने काम पर फोकस कर रही हूं। मैं जानती हूं कि जिंदगी में सब कुछ अच्छा नहीं हो सकता। जो मेरे अपने हैं, वे सच्चाई जानते हैं।
बोर नहीं करूंगी: मैं अलग-अलग किस्म की फिल्में कर रही हूं, ताकि दर्शक बोर न होएं। राजकुमार संतोषी की अजब प्रेम की गजब कहानी प्योर रोमांटिक फिल्म है। यह सितंबर में रिलीज होगी। प्रकाश झा की राजनीति पॉलिटिकल ड्रामा है। स्पष्ट कर दूं कि उसमें मैं सोनिया गांधी का रोल नहीं कर रही हूं और न हीं मैं उसमें पूरी तरह से नॉन ग्लैमरस अंदाज में दिखाई दूंगी। उस फिल्म में मेरे कैरेक्टर के कई शेड्स लोगों को देखने को मिलेंगे। प्रियदर्शन की फिल्म दे दना दन रोमांटिक कॉमेडी है। मुझे डर लग रहा है कि इन फिल्मों को देखने के बाद लोग क्या रिएक्ट करेंगे? मुझे लगता है कि लोग चौंक जाएंगे।
शादी अभी नहीं: लोगों ने मुझे जो प्यार दिया है, उसके लिए मैं शुक्रिया कहती हूं। लोगों के प्यार की वजह से ही आज मैं इस मुकाम पर हूं। मेरा लक्ष्य लंबे समय तक लोगों का मनोरंजन करना है। मैं शादी अभी नहीं करना चाहती हूं। इस वक्त मैं फिल्मों में बहुत व्यस्त हूं। फिल्मों की शूटिंग से फुर्सत मिलती है, तो मैं अपने परिवार के साथ वक्त बिताने विदेश चली जाती हूं। मुझे नहीं लगता कि मैं अभी शादी जैसी बड़ी जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हूं।

-रघुवेन्द्र सिंह

Wednesday, July 15, 2009

खुद को करूंगी साबित-श्रुति हसन

श्रुति हसन को अभिनय की कला विरासत में मिली है। वे अभिनेता कमल हसन और अभिनेत्री सारिका की बेटी हैं। लक श्रुति हसन की पहली फिल्म है। सोहम शाह निर्देशित इस फिल्म में तेइस वर्षीय श्रुति, संजय दत्ता, मिथुन चक्रवर्ती, इमरान खान और डैनी जैसे स्थापित कलाकारों के साथ दिखाई देंगी। श्रुति ने लक में अभिनय के साथ इसके टाइटल टै्रक आजमा लक आजमा.. को अपनी आवाज दी है। प्रस्तुत है, श्रुति हसन से बातचीत-
आपके मन में सिनेमा से जुड़ने का ख्याल पहली बार कब आया?
मैं बचपन से ही सिनेमा का हिस्सा बनना चाहती थी। मेरा सौभाग्य है कि मेरा जन्म कमल हसन जैसे महान कलाकार के घर हुआ। मुझे बचपन से ही सिनेमा की बारीकियां को जानने और उन्हें समझने का मौका मिला, लेकिन यकीन मानिए मुझे इस क्षेत्र में आने के लिए किसी ने प्रेरित नहीं किया और न ही दबाव डाला।
कमल हसन की बेटी होने का सबसे बड़ा लाभ क्या है?
मुझे बचपन से बेहतरीन फिल्में देखने और अच्छे एवं बुरे सिनेमा के बीच का फर्क समझने का अवसर मिला। कमल हसन ग्रेट फादर हैं। वे मुझे बहुत प्यार करते हैं। जहां तक प्रोफेशनली लाभ की बात है, तो मेरे लिए फिल्म इंडस्ट्री के दरवाजे आसानी से खुल गए।
क्या लक को आप आदर्श डेब्यू फिल्म मानती हैं?
लक रोमांचक एक्शन थ्रिलर है। लक मेरे लिए बेस्ट डेब्यू होगी। खास बात है कि मैं इसमें टिपीकल हीरोइन नहीं बनी हूं, जो हीरो के साथ रोमांस करती है और फैमिली में ड्रामा करती है। मैंने फिल्म में कई रोमांचक एक्शन दृश्य किए हैं। सोहम ने एक्शन दृश्य के लिए मेरे डुप्लीकेट का इस्तेमाल करने की बात कही थी, लेकिन मैंने उन्हें मना कर दिया और सभी एक्शन एवं स्टंट खुद ही किए।
लक की कहानी और अपनी भूमिका के बारे में बताएंगी?
लक की कहानी इसके नाम पर बेस्ड है। इसमें कई सारे पात्र हैं, जो अजीब परिस्थिति में फंस जाते हैं। उनकी जान पर बन आती है। इससे अधिक मैं कहानी का खुलासा नहीं कर सकती। इतना जरूर कहूंगी कि ऐसी कहानी न तो किसी ने अभी तक सुनी होगी और न ही ऐसी फिल्म इंडिया में अब तक बनी है। मैं इसमें आएशा की भूमिका निभा रही हूं। वह सच में जीती है और हमेशा रिस्क लेने के लिए तैयार रहती है। लक में मेरे पात्र के कई शेड्स हैं।
क्या सुनियोजित था कि आप एक्शन फिल्म से ही डेब्यू करेंगी?
मैंने कोई योजना नहीं बनाई थी। मुझे लक की स्क्रिप्ट अच्छी लगी। सोहम का फिल्म के प्रति अप्रोच और उनकी सोच स्पष्ट लगी। अब मैं शुद्ध रोमांटिक फिल्म करना चाहूंगी।
अभिनय और गायन में किसे ज्यादा एंज्वॉय करती हैं?
मैं दोनों को एंज्वॉय करती हँू। लक में मैंने एक गीत गाया है। उम्मीद है कि लोग अभिनय के साथ मेरे गायन की भी सराहना करेंगे। मैं अपने पापा की एक फिल्म का संगीत निर्देशन कर रही हूं। वह ए वेडनेसडे फिल्म का तमिल रीमेक है।
कमल हसन की बेटी होने के कारण किसी तरह का दबाव महसूस होता है?
बिल्कुल नहीं। यदि पहली फिल्म में लोग अपेक्षा करेंगे कि मैं पापा जैसा अभिनय करूंगी तो वह गलत होगा। मुझसे ऐसी उम्मीद करना बेमानी होगी। एक तो मैं लड़की हूं और दूसरा, मैं नई पीढ़ी की हूं। मैंने पापा से अभिनय के टिप्स नहीं लिये हैं। मैंने पैरेंट्स की फिल्में देखकर अभिनय सीखा है। मेरा लक्ष्य उन्हें क्रास करना है।
लक के अलावा आपने कोई फिल्म साइन की है?
मैं जल्दबाजी में नहीं हूं। मेरे पास कुछ फिल्मों के ऑफर आए हैं, लेकिन मैं लक के प्रदर्शित होने के बाद उन फिल्मों के बारे में बात करूंगी। मैं अच्छे लोगों के साथ अच्छा काम करना चाहती हूं।
-रघुवेन्द्र सिंह

अभिनय मुश्किल कला है: लीना झुंबानी

एकता कपूर के धारावाहिकों क्योंकि सास भी कभी बहू थी और कहानी घर घर की से प्रेरित होकर लीना झुंबानी अभिनय में आईं। लीना झुंबानी उत्साह के साथ बताती हैं, मैं बचपन में क्योंकि.. और कहानी घर घर की बहुत देखती थी और हमेशा स्वप्न में खुद को उन धारावाहिकों में देखती थी। मैंने उसी समय तय कर लिया था कि एक दिन पार्वती और तुलसी जैसी भूमिका करूंगी, लेकिन अफसोस कि जब मैं इस फील्ड में आई तो वैसे धारावाहिकों का दौर ही खत्म हो गया। मुझे दुख हुआ, पर खुशी इस बात की है कि मुझे उन्हीं धारावाहिकों की निर्मात्री एकता कपूर के देखरेख में अभिनय करने का मौका मिल रहा है। वैसे, उम्मीद है कि भविष्य में मुझे तुलसी जैसी भूमिका निभाने का मौका मिलेगा।
उन्नीस वर्षीय लीना एनडीटीवी इमैजिन पर प्रसारित धारावाहिक बंदिनी में खेमी की भूमिका निभा रही हैं। लीना बताती हैं, मैं अपनी दीदी के साथ शेयर बाजार के बिजनेस में काम करती थी। एक दिन उन्होंने बालाजी प्रोडक्शन हाउस की वेबसाइट पर उपलब्ध फार्म भरकर भेज दिया। हमें सकारात्मक रिस्पांस मिला। मैंने पहले भी बालाजी के कुछ धारावाहिकों के लिए ऑडिशन दिए थे, लेकिन पहला मौका बंदिनी में मिला। मैं खेमी की भूमिका को एंज्वॉय कर रही हूं। मैंने जब यह धारावाहिक साइन किया तभी मुझे पता चल गया था कि खेमी को लोग पसंद करेंगे। रोनित राय और आसिया काजी के साथ दर्शक मेरे काम की सराहना कर रहे हैं। यह मेरे लिए बड़ी बात है।
लीना झुंबानी अहमदाबाद की हैं। बंदिनी साइन करने से पहले वे तीन गुजराती फिल्मों और एक गुजराती धारावाहिक में मुख्य भूमिका निभा चुकी हैं। लीना बताती हैं, मैं पिछले दो सालों से अभिनय कर रही हूं। मैंने तीन गुजराती फिल्मों और एक गुजराती सीरियल में मुख्य भूमिका निभायी है, पर जब मुझे बंदिनी में सेकेंड लीड के लिए चुना गया तो मैं झिझकी नहीं। मेरी नजर में हर पात्र समान है। मैंने कुछ दिन पहले बालाजी के हॉरर शो कोई आने को है में मुख्य भूमिका निभायी थी।
लीना ने अभिनय में आने से पहले पन्द्रह दिन की एक्टिंग वर्कशाप की थी। वे अभिनय को मुश्किल कला मानती हैं। लीना कहती हैं, अभिनय में आने से पहले मुझे लगता था कि यह मुश्किल काम नहीं होगा, लेकिन अब मुझे अहसास हो रहा है कि जो आप नहीं हैं, उसे जीना कितना मुश्किल होता है। भावी योजनाओं के संदर्भ में वे कहती हैं, फिलहाल मैं अपना पूरा ध्यान बंदिनी पर लगा रही हूं। मैं अभी फिल्मों में काम नहीं करना चाहती। सोलह जुलाई को मैं बीस साल की होऊंगी। मेरे पास अभी काफी समय है। मेरा लक्ष्य अभिनय में ऊंचा मुकाम हासिल करना है। यकीन है, दर्शकों का प्यार और अपनों का सहयोग यूं ही मिलता रहा तो मैं अपनी मंजिल तक पहुंच जाऊंगी।
-रघुवेन्द्र

नई शुरुआत करेंगी ईशा

शादी के बाद ईशा कोप्पिकर ने नई फिल्में साइन करना बंद कर दिया है। कहीं ऐसा, तो नहीं कि पति टिम्मी नारंग को उनके फिल्मों में काम करने पर ऐतराज है। इस संदर्भ में पूछे जाने पर जानकारी मिली कि टिम्मी पत्नी ईशा से बेहद प्यार करते हैं। उन्हें ईशा के फिल्मों में काम करने पर आपत्ति नहीं है। वह अपनी पत्नी को बड़े पर्दे पर देखना पसंद करते हैं। ईशा ने अपनी मर्जी से नई फिल्में न साइन करने का फैसला किया है। टिम्मी और ईशा की आपसी समझ बहुत अच्छी है। वे एक-दूसरे के काम में कभी हस्तक्षेप नहीं करते हैं।
दरअसल, शादी के बाद नई जिंदगी की शुरुआत करने वाली ईशा अपने फिल्मी कॅरियर का आगाज भी अब नए सिरे से करना चाहती हैं। उनके पास नई फिल्मों के प्रस्ताव लगभग रोज आते हैं, लेकिन वह सबको मना कर देती हैं। इसका कारण है कि उन्हें मनमाफिक फिल्म नहीं मिल रही है। ईशा अब प्रभावशाली फिल्में करना चाहती है। उन्हे शादी के पूर्व की अपनी फिल्मों हैलो डार्लिग, राइट या रांग, हर पल और शबरी के प्रदर्शन का भी बेसब्री से इंतजार है। आजकल वह हैलो डार्लिग और राइट या रांग की शेष शूटिंग और डबिंग में व्यस्त हैं।
ईशा कोप्पिकर के मुताबिक, हैलो डार्लिग, राइट या रांग, हर पल और शबरी मेरे कॅरियर की खास फिल्में हैं। इनमें मैंने चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। रामगोपाल वर्मा की शबरी में, तो दर्शक मुझे महिला गैंगस्टर की भूमिका में देखकर चौक जाएंगे। जल्द ही दर्शक मुझे बड़े पर्दे पर देखेंगे। इन सभी फिल्मों के इस वर्ष प्रदर्शित होने की उम्मीद है। इनके प्रदर्शन के बाद मैं नई फिल्में साइन करूंगी। फिलहाल, मैं अपनी वैवाहिक जिंदगी को एंज्वॉय कर रही हूं। मैं टिम्मी के साथ खुश हूं। वह मेरा बहुत खयाल रखते हैं।
-रघुवेन्द्र सिंह

शाहिद से मिलेंगी करीना!

शाहिद कपूर और करीना कपूर ने अपनी एक साथ की आखिरी फिल्म मिलेंगे-मिलेंगे के अधूरे काम को पूरा कर दिया है। निर्देशक सतीश कौशिक की मानें तो वे दोनों लंबे समय बाद जल्द ही उनकी फिल्म के प्रचार के लिए एक साथ सबके सामने आएंगे। सतीश कौशिक इस बात से बेहद खुश हैं, क्योंकि उनकी फिल्म को इस जोड़ी के एकजुट होने से खूब चर्चा मिलेगी। पिछले दिनों सतीश कौशिक से उनकी फिल्म तेरे संग के संदर्भ में मुलाकात हुई। उन्होंने बताया कि तेरे संग के बाद उनकी फिल्म मिलेंगे मिलेंगे प्रदर्शित होगी। शाहिद और करीना ने हाल में बिना किसी झिझक के उनकी फिल्म की डबिंग को पूरा किया। सतीश कौशिक के अनुसार, मैं शाहिद और करीना के प्रोफेशनल रवैये से बेहद खुश हूं। उन्होंने मुझसे वादा किया है कि वे मेरी फिल्म के प्रचार में पूरा सहयोग देंगे। मिलेंगे-मिलेंगे रोमांटिक फिल्म है। मैं अपनी इस फिल्म को लेकर कॉनफिडेंट हूं। मुझे यकीन है कि इस फिल्म में शाहिद और करीना की जोड़ी दर्शकों को थिएटर तक खींचकर ले आएगी।
शाहिद कपूर और करीना कपूर जब वी मेट के बाद आज तक आमने-सामने नहीं हुए हैं। मिलेंगे-मिलेंगे फिल्म में उनकी ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री और लंबे समय बाद रीयल लाइफ में दोनों को एक साथ देखना दिलचस्प होगा।
-रघुवेन्द्र सिंह

मैं अच्छा डांसर हूं: अक्षय कपूर | मुलाकात

वर्ष 2006 में अलग फिल्म से अक्षय कपूर को अच्छी पहचान मिली, लेकिन निजी परेशानियों की वजह से उन्हें अचानक ग्लैमर व‌र्ल्ड से दूर होना पड़ा। यही वजह है कि उनकी अगली फिल्म के प्रदर्शन में तीन वर्ष का लंबा गैप हो गया। अक्षय की इस वर्ष दो फिल्में, अंजुम रिजवी की फास्ट फारवर्ड और विक्रम भट्ट की थ्री प्रदर्शित होंगी। प्रस्तुत है, युवा अभिनेता अक्षय कपूर से बातचीत।
अलग के बाद आप अचानक कहां चले गए थे?
मेरी तबियत खराब हो गई थी। उसके प्रदर्शन के तुरंत बाद मुझे चार बार टाइफाइड और दो बार जॉन्डिस हुआ। मैं शारीरिक रूप से कमजोर हो गया था। विदेश गया और वहां इलाज करवाया। वर्ष 2007 में अंजुम रिजवी का फास्ट फारवर्ड फिल्म मिली।
फास्ट फारवर्ड के बारे में बताएं।
यह डांस पर आधारित फिल्म है। इसकी कहानी दो दोस्तों की है। दोनों डांसर हैं। उनकी ख्वाहिश फेमस कोरियोग्राफर बनना है। दोनों अपनी मंजिल तक कैसे पहुंचते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। फिल्म में दोस्ती, प्रेम, तकरार जैसे कई इमोशंस हैं। मैं सनी की भूमिका निभा रहा हूं। सनी बदमाश है, लेकिन वह दिल का नेक है। मेरे साथ फिल्म में विनोद खन्ना, रेहान खान, भावना पानी प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
इसमें किस तरह का डांस देखने को मिलेगा?
हिप-हॉप डांस। यह डांस की मुश्किल विधाओं में से एक है। अन्य कलाकारों ने शूटिंग से पहले दो महीने तक इसका प्रशिक्षण लिया। मुझे अधिक तैयारी नहीं करनी पड़ी। मुझे डांस करने में मजा आता है। अलग फिल्म के बाद लोग जान गए हैं कि मैं अच्छा डांसर हूं।
कल किसने देखा में आप छोटे रोल में दिखे?
मैंने वह फिल्म निर्देशक विवेक शर्मा की वजह से की थी। मैं उनके साथ काम करना चाहता था। मेरी वह इच्छा पूरी हो गई। मुझे फिल्म के परिणाम या अपनी भूमिका के छोटे किए जाने का कोई दुख नहीं है।
विक्रम भट्ट की थ्री में आप किस अंदाज में दिखेंगे?
यह सस्पेंस थ्रिलर फिल्म है। पहले इसका नाम पर्पल लेक था। मेरे अलावा इसमें आशीष चौधरी और नौशीन हैं। हम तीनों के इर्दगिर्द फिल्म की कहानी घूमती है। कहानी का खुलासा मैं अभी नहीं कर सकता। इतना जरूर कहूंगा कि मैं अपनी पिछली सभी फिल्मों से उसमें एकदम नए अंदाज में नजर आऊंगा।
कोई अन्य फिल्म साइन की है?
फिलहाल तो नहीं। मैं फास्ट फारवर्ड और थ्री के प्रदर्शन का इंतजार कर रहा हूं। इन फिल्मों से मुझे बहुत उम्मीद है। इनके प्रदर्शन के बाद मैं कोई नया प्रोजेक्ट लूंगा। यकीन है कि जल्द ही मेरा दिन आएगा।
-रघुवेन्द्र सिंह

Monday, July 13, 2009

अब थक चुकी हूं: रिमी सेन

हंगामा, बागबान, धूम, गरम मसाला, फिर हेराफेरी और गोलमाल जैसी सफल फिल्मों की अभिनेत्री रिमी सेन आजकल घर पर आराम फरमा रही हैं। दरअसल, उन्हें कुछ इंट्रेस्टिंग काम नहीं मिल रहा है। दे ताली उनकी प्रदर्शित होने वाली आखिरी फिल्म थी। डेढ़ साल के बाद अब उनकी पंकज आडवाणी निर्देशित फिल्म संकट सिटी आ रही है। प्रस्तुत है रिमी सेन से बातचीत।
आपकी फिल्मों की संख्या लगातार कम क्यों हो रही है?
मुझे इंट्रेस्टिंग फिल्में नहीं मिल रही हैं, तो क्या करूं? अब मैं फिल्मों में शो पीस नहीं बनना चाहती। मैंने तीन-चार साल तक फिल्मों में सिर्फ वही किया। हीरो के आगे-पीछे घूमती रही या फिर सजाकर सीन में कहीं खड़ी कर दी गई। अब मैं थक चुकी हूं। मेरी कई सफल फिल्में तो हैं, लेकिन अचीवमेंट कुछ नहीं। मुझे उन फिल्मों में काम करके संतुष्टि भी नहीं मिली। मैं ऐक्ट्रेस हूं। मुझे शो पीस बनने का शौक नहीं है।
आप किस तरह की फिल्में करना चाहती हैं?
मैं छोटी फिल्में करना चाहती हूं। कहानी में कसाव हो और मेरी भूमिका मजबूत हो। उस फिल्म का हिस्सा बनना चाहती हूं, जिसे दर्शक लंबे समय तक याद रखें। पंकज आडवाणी की संकट सिटी वैसी फिल्म है। उन्होंने जब फिल्म की स्क्रिप्ट मुझे सुनाई, तो मुझे लगा कि इस फिल्म में काम करके मुझे संतुष्टि मिलेगी। अब मैं बड़ी फिल्मों में छोटी भूमिकाएं करने के मूड में नहीं हूं।
संकट सिटी में खास क्या है?
फिल्म की कहानी हर इनसान की अपनी कहानी लगेगी। इसकी सबसे बड़ी खासियत यही है। यह कॉमिक थ्रिलर है। मैं इसमें मोना की भूमिका निभा रही हूं। वह चोर है। मोना है तो लड़की, लेकिन वह हमेशा लड़कों की तरह रहती है। खास बात यह है कि मैं खुद रिअॅल लाइफ में ऐसी ही हूं। यह मत समझिए कि मैं चोर हूं। मैं भी लड़कों की तरह पेश आती हूं। मैं टॉम ब्वॉय हूं। फिल्म में मेरे अपोजिट केके मेनन हैं।
आजकल अभिनेत्रियां रणवीर कपूर और इमरान खान की नायिका बनना चाहती हैं। केके मेनन की नायिका बनने में आपको झिझक नहीं हुई?
मुझे अच्छा निर्देशक और अच्छी भूमिका मिलेगी, तो मैं किसी के साथ भी काम कर लूंगी। फिल्म साइन करते समय मैं हीरो नहीं देखती, बल्कि स्क्रिप्ट और अपनी भूमिका देखती हूं। मैं कभी यह डिमांड नहीं करती कि मुझे स्टार कलाकार के साथ काम करना है। मुझे खुद पर विश्वास है। मैं रणवीर और इमरान के साथ काम कर सकती हूं, लेकिन मेरी भूमिका में वजन होना चाहिए।
आप मीडिया से दूर क्यों रहती हैं?
मुझे मेकअप करना पसंद नहीं है। टीवी में आना है, तो अच्छा दिखना जरूरी है और अच्छा दिखने के लिए मेकअप करना पड़ता है। मुझे लड़कियों वाले काम पसंद नहीं हैं। मैं ज्यादा बात नहीं कर सकती, क्योंकि मैं हमेशा सच बोलती हूं। यही वजह है कि निर्माता-निर्देशक फिल्म के प्रचार के दौरान मुझे दूर रखते हैं। वे जानते हैं कि यदि फिल्म अच्छी नहीं होगी, तो मैं उसे मीडिया में अच्छा नहीं कहूंगी। मैं दर्शकों से झूठ नहीं बोल सकती।
तिग्मांशु धूलिया की शोमैन में आप 160 किग्रा की लड़की बनी हैं?
जी हां। मैं उस फिल्म में मोटी लड़की की भूमिका निभा रही हूं। वजन 160 किग्रा है। अनिल कपूर ने बधाई हो बधाई फिल्म में जैसी भूमिका की थी, उससे मेरा लुक मिलता है। इसके अलावा मेरे पास फिलहाल कोई फिल्म नहीं है।
क्या नया करने की ख्वाहिश है?
अच्छे लेखकों को ढूंढकर अच्छी स्क्रिप्ट लिखवाने की मेरी ख्वाहिश है। आजकल वाहियात स्क्रिप्ट लेकर लोग मेरे पास आते हैं। दो घंटे उन्हें सुनने के बाद लगता है कि समय बर्बाद हो गया। गनीमत है कि नए लोग छोटी और अच्छी फिल्में बना रहे हैं।
-रघुवेन्द्र सिंह

पापा के साथ काम करना चाहती हूं:सोनाक्षी सिन्हा

मुंबई. शाटगन यानी शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी सोनाक्षी सिन्हा ने अपने पापा के साथ काम करने की इच्छा जताई है। दबंग से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कर रही सोनाक्षी फिल्म में सलमान खान के अपोजिट दिखाई देंगी। दबंग का निर्देशन अभिनव कश्यप कर रहे हैं। सोनाक्षी के मुताबिक मैं पापा की बहुत बड़ी प्रशंसक हूं। मैं उस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं जब कोई निर्माता मुझे उनके साथ साइन करेगा। दबंग भी मैंने पापा की सहमति से साइन की है। अरबाज और सोहैल भाई से हमारे घरेलू संबंध हैं। फिल्म की स्कि्रप्ट सुनते ही मैंने हां कह दी। जब मैंने पापा को फिल्म के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि तुम इस फिल्म से डेब्यू कर सकती हो। फिल्म में मेरा किरदार गांव की लड़की का है। इसके लिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ रही है। अपनी पहली फिल्म को लेकर सोनाक्षी बेहद उत्साहित हैं। वह खुद को भाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें सलमान खान के साथ डेब्यू करने का मौका मिला।
-रघुवेन्द्र सिंह

Saturday, July 11, 2009

राखी को पसंद है संयुक्त परिवार

अधिकतर लोगों को यकीन नहीं है कि राखी सावंत एनडीटीवी इमेजिन के शो राखी का स्वयंवर के विजेता से विवाह करेंगी ही, लेकिन राखी कहती हैं, यह लोगों की गलतफहमी है। मैं अपने विवाह को लेकर गंभीर हूं। मैंने विवाह का फैसला सोच-विचार कर किया है। लोगों को लग रहा है कि मैं अंत में शो छोड़कर भाग जाऊंगी, लेकिन यकीन मानिए, ऐसा नहीं होगा। मैं इस कार्यक्रम के विजेता से धूमधाम से विवाह करूंगी। मैं नहीं चाहती कि राखी का स्वयंवर पार्ट-टू बनने की नौबत आए।
इस शो की शूटिंग उदयपुर के मशहूर फतेहगढ़ पैलेस में हो रही है। राखी इसे अपना सौभाग्य मानती हैं। वे कहती हैं, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरा विवाह पैलेस में होगा। देश भर के युवक मुझसे विवाह करने के लिए परीक्षा देंगे। लोगों को सुनकर आश्चर्य होगा कि मुझसे विवाह करने के लिए देश भर से दो हजार से अधिक लोगों ने ऑडिशन दिया था। अंतिम सोलह प्रतियोगियों में कौन मेरा पति बनता है? यह जानने के लिए मैं खुद उत्सुक हूं। बहरहाल, जो सच्चा होगा और संयुक्त परिवार से होगा, वही मेरा पति बनेगा। मैं खयाल रखूंगी कि प्रसिद्धि और सफलता पाने के लिए कोई मुझे अपनी सीढ़ी न बनाए। इस काम में मदद के लिए मैंने बड़े भाई रवि किशन को शो में बुलाया है।
राखी आगे कहती हैं, मैं विवाह के बाद खुद को आदर्श पत्नी, बहू और मां साबित करूंगी। साथ ही मैं फिल्मों में काम करना भी जारी रखूंगी। विवाह के बाद आइटम सॉन्ग करना बंद कर दूंगी, लेकिन तुलसी की भूमिका वाला सीरियल जरूर करूंगी। उम्मीद है कि विवाह के बाद मेरे प्रशंसकों की संख्या में कमी नहीं आएगी। मैं खयाल रखूंगी कि मेरे होने वाले पति को मेरे काम पर आपत्ति न हो। इस वक्त मेरा कोई अपना नहीं है, इसलिए मैं चाहूंगी कि विवाह के बाद मुझे संपूर्ण परिवार मिले। ऐसा परिवार, जिसमें देवर, ननद, सास, ससुर सब हों। मैं संयुक्त परिवार की बहू बनना पसंद करूंगी।
राखी सावंत अगस्त में शो के विजेता से पारंपरिक तरीके से विवाह करेंगी। वे कहती हैं, मेरे लिए धर्म और जाति मायने नहीं रखते। मैं होने वाले पति के धर्म के अनुसार पारंपरिक तरीके से ही विवाह करूंगी। मेरा विवाह इतिहास होगा। पहली बार कोई सेलिब्रिटी स्वयंवर रचाने जा रही है। मैं दुनिया के सामने अपने स्वयंवर के जरिए उदाहरण पेश करना चाहती हूं कि लड़कियों को उनका मनपसंद वर चुनने का अधिकार है। भारत में माता-पिता अमूमन अपनी पसंद का लड़का चुनकर उससे लड़कियों की शादी कर देते हैं। उसके बाद लड़का पसंद नहीं हो, तब भी लड़की को जिंदगी उसी के साथ गुजारनी पड़ती है। उम्मीद है, मेरे विवाह के बाद स्वयंवर की प्रथा फिर से प्रचलित होगी और लड़कियां मनचाहा जीवनसाथी चुन सकेंगी।
-रघुवेन्द्र सिंह

Thursday, July 9, 2009

6 माह शूटिंग 6 माह ऐश

रिया सेन को ग्लैमरस और सेक्सी कहलाने में कोई ऐतराज नहीं है। वे इसे उपलब्धि मानती हैं। रिया गर्व के साथ कहती हैं, अपने लिए ग्लैमरस और सेक्सी ऐक्ट्रेस का संबोधन सुनकर मुझे बहुत खुशी होती है। मैं अपनी इस इमेज का पूरा फायदा भी उठा रही हूं। इस इमेज की वजह से मुझे म्यूजिक वीडियो, फिल्मों में गेस्ट अपियरेंस, स्टेज शो मिलते रहते हैं। फिल्म इंडस्ट्री में बहुत सारी ऐक्ट्रेस हैं, जिन्हें यह सब चीजें नहीं मिलतीं। वे घर से सीधे सेट पर जाती हैं और सेट से वापस घर लौट जाती हैं। आजकल कई ऐक्ट्रेस सेक्सी और ग्लैमरस बनने में जुटी हुई हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही है। अब लोग मेरी तरह ग्लैमरस रोल करना चाहते हैं। दूसरे शब्दों में कहूं, तो लोग मेरी नकल कर रहे हैं।
रिया अपनी पिछली दोनों फिल्मों जोर लगा के हैय्या और पेइंग गेस्ट की असफलता से निराश नहीं हैं। वे उसकी वजह बताती हैं, फिल्म की शूटिंग खत्म होने के बाद मैं उसके बारे में सोचती ही नहीं हूं। मैं अपना काम ईमानदारी से करती हूं और आगे बढ़ जाती हूं। फिल्म की बॉक्स-ऑफिस सफलता और असफलता पर मेरा वश नहीं होता। मैं सकारात्मक सोच रखती हूं। मैं फिल्मों से अच्छी बातें सीखने की कोशिश करती हूं। पेइंग गेस्ट की शूटिंग से जुड़ी यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी। अब मैं अपनी नई फिल्मों तारा सितारा और नौका डूबी की रिलीज का इंतजार कर रही हूं।
रितुपर्णो घोष निर्देशित नौका डूबी को रिया अपने करियर की खास फिल्म मानती हैं। वे कहती हैं, इसमें मैं पहली बार सही मायने में नॉन ग्लैमरस अंदाज में दिखूंगी। उसकी शूटिंग के दौरान मुझे बहुत मजा आया। मैं सुबह सोकर उठते ही सेट पर पहुंच जाती थी। मेकअप का टेंशन नहीं रहता था। वर्ना हर फिल्म की शूटिंग में शॉट से पहले तीन घंटे तक मेकअप करना पड़ता है। खास बात यह है कि नौका डूबी में मैं बहन राइमा के साथ पहली बार काम कर रही हूं, लेकिन दुख की बात यह है कि फिल्म में राइमा के साथ मेरा एक भी दृश्य नहीं है। यह फिल्म जल्द ही बांग्ला और हिंदी दोनों भाषा में रिलीज होगी।
रिया आजकल हॉरर फिल्म शादी : ऑफ द डेड की शूटिंग कर रही हैं। यह उनकी पहली हॉरर फिल्म है। वे उत्साह से बताती हैं, फिल्म में मेरे अपोजिट पूरब कोहली हैं। उसके निर्माता मनमोहन शेट्टी और निर्देशक पवन हैं। यह पवन की पहली फिल्म है। आजकल मैं नए-नए प्रयोग कर रही हूं। पहले मैं अधिकतर कॉमेडी फिल्में करती थी, लेकिन अब हॉरर और थ्रिलर फिल्में भी कर रही हूं।
रिया अपने करियर की समीक्षा करते हुए आगे कहती हैं, मैं फिल्मों के स्वीकारने के मामले में शुरू से चूजी हूं। यही वजह है कि मेरी फिल्मों की फेहरिस्त लंबी नहीं है, लेकिन मैंने यदि दस फिल्में की हैं, तो उसमें से छह फिल्में हिट हुई हैं। सच कहूं, तो मैं ज्यादा फिल्में इसलिए नहीं करती, क्योंकि दर्शक बोर हो जाएंगे। मैं नंबर वन ऐक्ट्रेस बनने की होड़ में भी कभी नहीं रही। मुझे जितना मिलता है, उतने में खुश रहती हूं। मैं छह माह शूटिंग करती हूं और बाकी छह महीने ऐश करती हूं।
गौर करें, तो अब तक रिया अधिकतर मल्टीस्टारर फिल्मों में ही दिखी हैं। इस बारे में वे कहती हैं, मल्टीस्टारर फिल्मों में काम करने में हर्ज क्या है? पांच वर्ष पहले जब मैंने मल्टीस्टारर फिल्मों में काम करना शुरू किया था, तब इन फिल्मों का चलन बढ़ रहा था। उस समय लोगों ने मुझे ऐसी फिल्मों का हिस्सा बनने से रोका और कहा कि भीड़ में खो जाओगी, लेकिन मैंने अपने दिल की सुनी। आज हर कलाकार मल्टीस्टारर फिल्मों में काम कर रहा है। वैसे, जल्द ही मेरी सोलो फिल्में भी आएंगी।
-रघुवेन्द्र सिंह

सब कुछ पाया: उर्वशी शर्मा

उर्वशी शर्मा ने वर्ष 2007 में अब्बास-मस्तान की फिल्म नकाब से अभिनय की दुनिया में कदम रखा। उसके बाद वे बिग स्क्रीन से गायब हो गई। दो वर्ष के बाद उनकी फिल्म बाबर आ रही है। आजकल वे फिल्म को लेकर बिजी हैं। मुलाकात में उर्वशी ने बताया, फिल्म नकाब के बाद मुझसे लोगों की अपेक्षाएं बढ़ गई थीं। मैं ऐसी-वैसी फिल्म साइन करके दर्शकों को निराश नहीं करना चाहती थी। यही वजह है कि दूसरी फिल्म साइन करने में मुझे इतनी देर हुई। आशु त्रिखा की फिल्म बाबर की स्क्रिप्ट पढ़कर मुझे लगा कि यह मेरे करियर की दूसरी फिल्म हो सकती है। इसमें लोग मुझे नकाब की सोफिया के विपरीत अंदाज में देखेंगे।
बाबर रिअॅलिस्टिक फिल्म है। इसमें उर्वशी लखनऊ की मुसलिम लड़की बनी हैं। वे बताती हैं, पिछले वर्ष मैंने कलर्स के रिअॅलिटी शो फीअॅर फैक्टर में हिस्सा लिया था। उसमें आशु ने मुझे देखा। बिना मेकअप के मैं उन्हें अच्छी लगी। उन्हें मेरा रिअॅल लुक पसंद आया। शो से बाहर आने के बाद उन्होंने मुझसे संपर्क किया और बाबर की स्क्रिप्ट सुनाई। मुझे स्क्रिप्ट अच्छी लगी। मैंने उन्हें तुरंत हां कह दिया। सामान्य रूप से मैं किसी को जल्दी हां नहीं कहती। मैंने पहली फिल्म नकाब में लार्जर देन लाइफ किरदार निभाया था। बाबर में मुझे आम लड़की बनने का मौका मिल रहा था, जिसे गंवाना मैं नहीं चाहती थी।
आशु की फिल्म के लिए उर्वशी को काफी तैयारी करनी पड़ी? वे बताती हैं, रिअॅल विषय वाली फिल्म में किरदार की छोटी-छोटी बारीकियों पर ध्यान देना पड़ता है। रिअॅल लाइफ में मैं टॉम ब्वॉय हूं। उसके बाद मैं पंजाबी हूं। मेरी भाषा और पहनावा सब बिंदास है। लखनऊ की लड़की का किरदार निभाना मेरे लिए चुनौती था। किरदार के लिए मैंने सबसे पहले उर्दू सीखी, फिर तहजीब। ऐसा इसलिए, क्योंकि लखनऊ के लोग तहजीब के लिए जाने जाते हैं। उनका उठना-बैठना, बातचीत, सलाम-दुआ आदि में नजाकत नजर आती है। यह सब सीखना मेरे लिए मुश्किल रहा।
बाबर की कहानी उत्तर प्रदेश की अपराध जगत पर आधारित है। इसमें उर्वशी के साथ ओम पुरी, मिथुन चक्रवर्ती, सुशांत सिंह मुख्य किरदार निभा रहे हैं। बाबर का किरदार नए अभिनेता सोहम निभा रहे हैं। उर्वशी फिल्म की शूटिंग का अनुभव बांटती हैं, इसमें मैं ओम पुरी और मिथुन जी जैसे कलाकारों के साथ काम कर रही हूं। आशु जी शांत मिजाज के हैं। वे इत्मीनान से काम करते हैं। मैं शूटिंग को एंज्वॉय कर रही हूं।
उर्वशी ने एनकाउंटर फिल्म के निर्देशक अजय की नई फिल्म भी साइन की है। इसकी भी शूटिंग शुरू हो चुकी है। उसमें वे संजय दत्त, विनोद खन्ना और शबाना आजमी के साथ स्क्रीन शेयर कर रही हैं। उर्वशी बताती हैं, फिल्म का नाम अभी तय नहीं हुआ है। उसके अलावा मैंने रेवती वर्मा की फिल्म आपके लिए हैं हम भी साइन की है। उसमें मैं जया बच्चन के साथ काम कर रही हूं। मैं अपने करियर की दशा और दिशा से प्रसन्न हूं। मैंने अपनी मेहनत से सब कुछ पाया है।
उर्वशी के लिए छोटे पर्दे का अनुभव रोमांचक रहा। वे कहती हैं, शो फीयर फैक्टर ने मुझे गांव-गांव में लोकप्रिय बना दिया है। उस शो की वजह से मुझे आशु की फिल्म मिली। मेरे पास यदि उसी तरह के टीवी शो का ऑफर आया, तो मैं जरूर करूंगी। मुझे टीवी शो में काम करने में आपत्ति नहीं है।
-रघुवेन्द्र सिंह

Wednesday, July 8, 2009

शूटिंग स्थगित कर अमर सिंह को देखने गयीं जया

मुंबई: जया बच्चन अपनी नई फिल्म आपके लिए हम की शूटिंग स्थगित कर अमर सिंह को देखने सिंगापुर रवाना हो चुकी हैं। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद अमर सिंह सिंगापुर में अपनी किडनी का आपरेशन कराने गए हैं। एक सूत्र के मुताबिक जया बच्चन ने फिल्म की डायरेक्टर रेवती को शूटिंग के लिए 29 जून से 19 जुलाई तक डेट दी थी। आईफा पुरस्कार समारोह से वापस लौटने के बाद वह शूटिंग शुरू करने वाली थीं। लेकिन जब उन्हें पता चला कि जुलाई के दूसरे हफ्ते में अमर सिंह का आपरेशन होना है तो उन्होंने शूटिंग स्थगित करना बेहतर समझा। जया फिलहाल सिंगापुर में अमर सिंह के साथ हैं। उनका कहना है कि जब तक वह पूरी तरह ठीक नहीं होते, शूटिंग के बारे में सोच भी नहीं सकती। उन्होंने रेवती को शूटिंग की तारीख अगस्त में देने का आश्वासन दिया है। अमर सिंह सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ हास्पिटल एंड मेडिकल सेंटर में भर्ती हैं। उनके आपरेशन के दिन जया बच्चन के साथ अमिताभ, अभिषेक और ऐश्वर्या और संजय दत्त मौजूद होंगे।
-रघुवेन्द्र सिंह

Monday, July 6, 2009

आर जे बनेंगी मोना सिंह | खबर

मुंबई। थ्री इडियट्स के बाद मोना सिंह ने विराग मिश्रा की फिल्म एक भी गोली नहीं चली साइन की है। इस फिल्म में वे रेडियो जॉकी की भूमिका में नजर आएंगी। राजकुमार हिरानी की थ्री इडियट्स के बाद मोना की यह दूसरी फिल्म होगी। उनके ओपोजिट फिल्म में विनय पाठक हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, एक भी गोली नहीं चली फिल्म जाने भी दो यारों का मॉडर्न वर्जन है। विनय पाठक फिल्म में डॉन बने हैं, जबकि अभिनेत्री मोना सिंह आर जे की भूमिका निभा रही हैं। सतीश कौशिक भी इसमें डॉन की भूमिका में नजर आएंगे। फिल्म की शूटिंग अगस्त माह में शुरू होगी। विराग मिश्रा की यह पहली फिल्म है। गौरतलब है, विराग मिश्रा ने जिंदा, शूट आउट एट लोखंडवाला, संडे, दस कहानियां, वुडस्टॉक विला, मिशन इस्तानबुल फिल्मों के गीत लिखे हैं। उनकी आने वाली फिल्मों में संजय गुप्ता की अलीबाग और एसिड फैक्ट्री हैं। विराग मिश्रा ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा, एक भी गोली नहीं चली सीरियस कॉमेडी फिल्म है। यह गैंगस्टर की कहानी है। निर्देशक के तौर पर यह मेरी पहली फिल्म है। विनय पाठक, मोना सिंह और सतीश कौशिक फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं। आगामी जनवरी माह तक फिल्म बनकर तैयार हो जाएगी।
-रघुवेन्द्र सिंह

भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने नहीं दिया सम्मान: सतीश कौशिक | खबर

मुंबई। फिल्मकार एवं अभिनेता सतीश कौशिक को इस बात का गहरा दुख है कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया। सतीश कौशिक के मुताबिक, मैंने 2007 में एक अंगे्रजी फिल्म ब्रिक लेन में काम किया था। उस फिल्म के प्रदर्शन के बाद विदेश के लोगों ने मुझे जो प्यार और इज्जत दी, उसे देखने के बाद मुझे लगा कि काश भारत के लोगों ने भी मुझे ऐसा ही सम्मान दिया होता। मैं पिछले पच्चीस वर्षो से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अभिनय एवं निर्देशन कर रहा हूं, लेकिन यहां के लोगों ने मुझे कभी गंभीरता से नहीं लिया। सच्चाई तो यह है कि भारत में हास्य कलाकारों की इज्जत नहीं की जाती। लोग उन्हें हल्के से लेते हैं। महमूद और जॉनी वाकर को छोड़कर किसी हास्य कलाकार को लोगों ने गंभीरता से नहीं लिया। अजीब बात तो यह है कि परेश रावल जैसे कलाकार जब गंभीर काम करते हैं, तब उन्हें नोटिस किया जाता है। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय एवं फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट पुणे से अभिनय के गुर सीखने वाले सतीश कौशिक फिल्म मासूम से अभिनय के क्षेत्र में आए। रूप की रानी चोरों का राजा, प्रेम, हमारा दिल आपके पास है, मुझे कुछ कहना है और तेरे नाम सतीश कौशिक की बतौर निर्देशक उल्लेखनीय फिल्में हैं। कैलेंडर एवं पप्पू पेजर उनकी यादगार भूमिकाएं हैं। सतीश कौशिक आगे कहते हैं, मैंने फैसला किया है कि अब मैं गंभीर और पुख्ता काम करूंगा। तेरे संग फिल्म उस दिशा में मेरा पहला कदम है। मैं जल्द ही एक टीवी सीरियल में अभिनय करता नजर आऊंगा। इसके अलावा मैं इंटरनेशनल फिल्म रोड और विराग मिश्रा की एक फिल्म में काम कर रहा हूं। इन फिल्मों के प्रदर्शन के बाद मेरे प्रति लोगों की धारणा बदलेगी।
-रघुवेन्द्र सिंह

Saturday, July 4, 2009

नई मंजिलें छूने chali सोहा

नएपन की तलाश में सोहा अली खान अब छोटे पर्दे पर आ गई हैं। दरअसल वह फिल्मों में गंभीर और परिपक्व भूमिकाएं निभाकर थक चुकी हैं, इसलिए उन्होंने छोटे पर्दे पर आने का फैसला किया। सोहा कहती है, मैं काफी समय से नए काम के इंतजार में थी। तभी सिद्धार्थ बसु मेरे पास गेम शो गोदरेज खेलो जीतो जियो का प्रस्ताव लेकर आए। उन्होंने कहा कि यह फैमिली गेम शो है। इसके साथ सिर्फ आप न्याय कर सकती हैं। पहले तो मैंने उन्हें मना कर दिया, क्योंकि मैं खुद को अच्छी होस्ट नहीं मानती हूं। मैंने आजतक अपने घर में कभी कोई पार्टी होस्ट नहीं की। टेलीविजन पर गेम शो होस्ट करना मेरे लिए कठिन था। इस शो को मुझे शुद्ध हिंदी में होस्ट करना था। मैंने सुन रखा था कि शो के तीन एपीसोड की शूटिंग निर्माता एक दिन में करते हैं। दिलचस्प बात है कि बाद में इन्हीं चुनौतियों ने मुझे इस गेम शो का हिस्सा बनने के लिए विवश किया।
सोहा को गेम शो के जरिए अपने प्रशंसकों से मिलने एवं अपने बारे में उनकी निष्पक्ष राय को जानने का मौका मिल रहा है। स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाले इस गेम शो की खासियत एवं इससे जुड़े अपने अनुभव के बारे में सोहा कहती हैं, गोदरेज खेलो जीतो जियो अपनी तरह का पहला गेम शो है। इसमें उम्र की कोई सीमा नहीं है। इसके विजेताओं को घरेलू इस्तेमाल के कीमती सामान मिलेंगे। यह भी संभव है कि विजेता को एक फ्लैट भी मिल जाए। मैं स्वयं तरह-तरह के गेम खेलने की शौकीन हूं, इसलिए शो को होस्ट करने में मुझे मजा आ रहा है। इसमें देश के कोने-कोने से लोग हिस्सा ले रहे हैं। इस शो के जरिए मैं सीख रही हूं कि अलग-अलग स्वभाव के लोगों को किस तरह हैंडल करना चाहिए। मेरे लिए शो का अनुभव सुखद और लाभप्रद है।
इस वक्त सोहा की जिंदगी में कई नई चीजें हो रही हैं। सोहा बताती है कि इस गेम शो के अतिरिक्त पहली बार मैं एक हॉरर फिल्म द एक्सीडेंट और एक रोमांटिक फिल्म तुम मिले में काम कर रही हूं। पहली बार अपनी मां के साथ मैं संगीता दत्ता की अंग्रेजी फिल्म लाइफ गोज ऑन में काम कर रही हूं। दिलचस्प बात यह है कि उस फिल्म में भी मां मेरी मां की भूमिका निभा रही हैं। लाइफ गोज ऑन में मुझे ओम पुरी और गिरीश करनाड जैसे प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ भी स्क्रीन शेयर करने का मौका मिल रहा है। हाल में उस फिल्म की शूटिंग पूरी करके विदेश से मैं लौटी हूं। मेरे लिए नए साल का आगाज अच्छा हुआ है। उम्मीद कर रही हूं कि दर्शकों को मुझे नए अंदाज में देखने पर खुशी मिलेगी।
-रघुवेन्द्र सिंह

Friday, July 3, 2009

Guess the name of This Actor..

hey Guys! Can you guess the name of This Actor?
Hint-His debut film was released last year.

माता-पिता से आगे निकलना चाहती है श्रुति | खबर

मुंबई। प्रसिद्ध अभिनेता कमल हासन की बेटी श्रुति हासन अभिनय के क्षेत्र में अपने पिता और मां सारिका से ऊंचा मुकाम हासिल करना चाहती हैं। श्रुति हासन के मुताबिक, मैं लकी हूं कि मेरा जन्म कमल हासन जैसे ग्रेट एक्टर के घर में हुआ, लेकिन बताना चाहती हूं कि मैं अपनी मां सारिका और पिता कमल हासन से अभिनय के टिप्स नहीं लेतीं। मैं उनकी फिल्में देखकर अभिनय जरूर सीखती हूं। दोनों अलग तरह के एक्टर हैं। मेरा लक्ष्य अभिनय के क्षेत्र में मां और पिता से ऊंचा मुकाम हासिल करना है।
श्रुति हासन बुधवार की शाम यहां अपनी पहली फिल्म लक के प्रमोशनल कार्यक्रम में शिरकत कर रही थीं। उन्होंने पहली स्टेज परफार्मेस दी। श्रुति ने फिल्म लक के टाइटल ट्रैक आजमा लक आजमा पर परफॉर्म किया। श्रुति हासन ने बातचीत में कहा, मैंने सोचा नहीं था कि मुझे एक फिल्म में अभिनय के साथ गीत गाने का मौका भी मिलेगा। मैं वाकई बहुत लकी हूं। लक में अभिनय के साथ मेरी गायन प्रतिभा का इस्तेमाल करने का विचार सोहम शाह का था। गौरतलब है सोहम शाह निर्देशित लक रोमांचक एक्शन थ्रिलर है। इस फिल्म से श्रुति हासन अभिनय में डेब्यू कर रही हैं। उन्होंने फिल्म के गीतों को अपनी आवाज भी दी है। वे बचपन से गायन में सक्रिय हैं। लक के प्रमोशनल कार्यक्रम में श्रुति हासन के साथ इमरान खान, रवि किशन, चित्राशी रावत, निर्देशक सोहम शाह और निर्माता ढिल्लन मेहता उपस्थित थे। श्रुति ने बताया कि वे पिता कमल हासन की ए वेडनेस डे फिल्म के तमिल संस्करण में संगीत दे रही हैं।
-रघुवेन्द्र सिंह