Wednesday, September 30, 2009

अपना काम ईमानदारी से करती हूँ-रिषिता भंट्ट

रिषिता भंट्ट ने शाहरूख खान के अपोजिट फिल्म अशोका से शानदार तरीके से फिल्मी कॅरियर का आगाज किया। हासिल और जिज्ञासा जैसी चर्चित फिल्मों से उन्होंने अभिनेत्रियों की भीड़ में खुद को अलग स्थापित भी किया, लेकिन उनकी गिनती इंडस्ट्री की लोकप्रिय अभिनेत्रियों में कभी नहीं की गई। इस बात का रिषिता भंट्ट को जरा भी अफसोस नहीं है। रिषिता कहती हैं, मैं इस तरह की बातों में यकीन नहीं करती। मैंने कॅरियर के आरंभिक दिनों से लेकर अब तक फिल्म इंडस्ट्री के अच्छे निर्देशकों के साथ काम किया। फिर मुझे दुख क्यों हो? मैं अच्छा काम करने में यकीन करती हूं। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं चलती है, तो उसमें मेरा क्या कसूर है? मैं ईमानदारी से अपने हिस्से का काम खत्म करके आगे बढ़ जाती हूं। यदि मैं अच्छा काम नहीं करती, तो निर्माता-निर्देशक मुझे अपनी फिल्मों में कास्ट नहीं करते। मेरे पास काम की कमी नहीं है। मैं अपने कॅरियर की दशा और दिशा से खुश हूं।
रिषिता की आखिरी प्रदर्शित फिल्म शैडो थी, जिसमें वे नए कलाकार नासिर खान के साथ दिखीं। इस संदर्भ में रिषिता कहती हैं, मैं फिल्म साइन करते समय स्क्रिप्ट और अपना किरदार देखती हूं। मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि मेरे सह कलाकार कौन हैं? मेरा ध्यान अपने काम पर रहता है।
रिषिताभंट्ट की अगली फिल्म की देवांग ढोलकिया निर्देशित थ्री नाइट्स फोर डेज है। इस फिल्म में वह अनुज स्वाह्ने के साथ नए अंदाज में दिखाई देंगी। रिषिता इस फिल्म को लेकर काफी उत्साहित हैं। उनको उम्मीद है कि लंबे समय से बॉक्स- ऑफिस सफलता का उनका इंतजार इस फिल्म से खत्म हो होगा और उनके कॅरियर को नई दिशा मिलेगी।
-रघुवेन्द्र सिंह

ऐक्टर तो हर इंसान के अंदर है: सुखविंदर सिंह

सुखविंदर सिंह को जब कोई पंजाब दा मुंडा कहता है, वे बहुत खुश होते हैं। उनका चेहरा चमक उठता है। इंटरनेशनल सिंगिंग स्टार बनने के बावजूद वे अपनी जड़ों को भूले नहीं हैं। उनके दिलोदिमाग में आज भी अपनी जन्मभूमि अमृतसर की मिट्टी की खुशबू बसती है। गायकी के बाद अब जगबीर दाहिया की फिल्म खुदी को कर बुलंद इतना से सुखविंदर अभिनय सफर की शुरुआत कर रहे हैं। उन्हें यकीन है कि गायकी की तरह ही वे अभिनय में भी अपना नाम रोशन करेंगे। बातचीत गायक से अभिनेता बने सुखविंदर सिंह से..
क्या आपने सोचा था कि एक दिन फिल्मों में अभिनय भी करेंगे?
मैंने कभी नहीं सोचा था। लोग तो बचपन में स्कूल और कॉलेज में कभी-कभार अभिनय किए होते हैं, मैंने वह भी नहीं किया था। मैं हमेशा से सिंगर बनना चाहता था। खुदी को कर बुलंद इतना फिल्म में अभिनय करने के लिए मेरे हां कहने की वजह है और वह यह है कि फिल्म में मैं जिस किरदार को निभा रहा हूं, वह एकदम मेरे जैसा है। मैं जिस तरह अकेले में समाज की बुराइयों के बारे में सोचता हूं और कुछ करना चाहता हूं, वैसा ही ऋषि है। वह कॉमन मैन है।
आप भले ही स्वीकार न करें, लेकिन आपके अंदर ऐक्टर छुपा हुआ था?

हर इंसान के अंदर ऐक्टर छुपा होता है। हम घर में कभी-कभी ऐसे मेहमान की सेवा कर रहे होते हैं, जो हमें पसंद नहीं होते। नाखुश होते हुए भी हम उसके सामने खुश होने का दिखावा करते हैं। वह एक्टिंग ही है।
जगबीर दाहिया से पहले भी किसी ने आपको अभिनय के लिए अप्रोच किया था?
हां, लेकिन वे पॉपुलर सुखी को चाहते थे। वे मेरी पॉपुलरिटी को कैश करना चाहते थे, इसलिए मैंने उन्हें मना कर दिया। जगबीर दाहिया रिअॅल सुखविंदर सिंह को अपनी फिल्म में लेना चाहते थे। वे पहले मेरे पास अपनी फिल्म के लिए गाना गवाने आए थे, लेकिन रिकॉर्डिग के समय उन्हें मुझमें अपना हीरो दिख गया।
खुदी को कर बुलंद इतना किस तरह की फिल्म है?
यह विचार प्रधान फिल्म है। इसमें विचार ही नायक हैं। हमने समाज के कुछ ज्वलंत मुद्दों को फिल्म में उद्घाटित किया है। फिल्म में मैं छोटे शहर के संगीतकार की भूमिका निभा रहा हूं। मेरे साथ फिल्म में विक्रम, रूफी, श्रिया और गीतांजलि भी हैं।
अभिनय गायकी से मुश्किल लगी?
दोनों मुश्किल काम हैं। इस फिल्म की इनडोर शूटिंग में मुझे मुश्किल नहीं हुई, लेकिन आउटडोर शूटिंग में लद्दाख में एक रोमांटिक गाने की शूटिंग के समय मेरी हालत खराब हो गई थी। वहां शूटिंग के बाद ब्रांडी से हाथ-पैर की मालिश करनी पड़ी थी।
आगामी प्रोजेक्ट्स कौन-कौन से हैं?
मैं राकेश ओमप्रकाश मेहरा की एक फिल्म के लिए संगीत तैयार कर रहा हूं। इसके अलावा मैंने कई बड़ी और अच्छी फिल्मों में गीत गाये हैं, जिन्हें लोग जल्द ही सुनेंगे। काम जारी है।
संगीत के क्षेत्र में करियर बनाने वालों को कोई सुझाव देंगे?
मैं उनसे यही कहूंगा कि गलत जगह पर अपनी ऊर्जा नष्ट न करें। यदि आप सिंगर हैं, तो अपनी एक सीडी बनाइए और उसे संगीतकारों के पास भेज दीजिए। यह काम आप किसी भी शहर में बैठे कर सकते हैं। यकीन मानिए, ए आर रहमान जैसे बड़े संगीतकार वक्त निकालकर उन्हें सुनते हैं। मैं भी सुनता हूं। जिसकी आवाज अच्छी लगी, हम उसे जरूर मौका देंगे।
पंजाबी फिल्मों के लिए कुछ करने की योजना है?
मैं पंजाबी सिनेमा के लिए काम करना चाहता हूं, लेकिन पता नहीं क्यों लोग मेरे पास आने से डरते हैं। लोगों का लगता है कि मैं बहुत बड़ा सिंगर हो गया हूं, जबकि ऐसी कोई बात नहीं है।
आपके पास किसी इंटरनेशनल प्रोजेक्ट का प्रस्ताव आया है?
अब हमारा सिनेमा इंटरनेशनल हो चुका है। अब विदेश के लोग यहां आएंगे। मुझे यकीन है कि कुछ साल बाद हमारे यहां ऑस्कर जैसे बड़े पुरस्कार समारोह आयोजित होंगे।
-raghuvendra singh

Tuesday, September 29, 2009

बंधना नहीं किसी रिश्ते में: डिनो मोरिया

संजय गुप्ता निर्मित फिल्म एसिड फैक्ट्री में डिनो मोरिया पहली बार स्टाइलिश अंदाज में नजर आएंगे। वे इसे अपने करियर की खास फिल्म मानते हैं और इसकी बॉक्स ऑफिस सफलता को लेकर निश्चिंत हैं। सुपर्ण वर्मा निर्देशित एसिड फैक्ट्री, अपने करियर, फिल्म निर्माण और निजी जीवन के बारे में डिनो ने इस मुलाकात में बताई तमाम बातें।
डिनो से पहली सवाल हुआ कि एसिड फैक्ट्री से कैसे जुड़ना हुआ? वे कहते हैं, मैंने डेढ़ साल पहले यह फिल्म साइन की थी। संजय गुप्ता और सुपर्ण वर्मा ने मुझे फोन करके कहा कि एक अच्छी फिल्म है। फिर सुपर्ण मेरे पास आए और उन्होंने मुझे कहानी सुनाई। मुझे कहानी बहुत पसंद आई। मैंने संजय गुप्ता को फोन करके हां कह दिया। वे फिल्म की कहानी के बारे में बताते हैं, इसकी कहानी एक एसिड फैक्ट्री के अंदर की है। पांच-छह लोग उसके अंदर फंस जाते हैं। एसिड की वजह से सबकी याददाश्त चली जाती है। कोई किसी को नहीं पहचानता। उसके बाद उनके साथ क्या होता है? वे लोग कैसे बाहर आते हैं? इस फिल्म की शूटिंग साउथ अफ्रीका में हुई है। यह स्टाइलिश ऐक्शन थ्रिलर फिल्म है।
माना जाता है कि इस फिल्म के लिए डिनो को काफी तैयारी करनी पड़ी? वे बताते हैं, हां, जब मैंने एसिड फैक्ट्री की कहानी और अपने कैरेक्टर के बारे में सुना, तो मुझे लगा कि अपने किरदार के लिए मुझे नया लुक अख्तियार करना पड़ेगा। फिल्म के लिए मैंने अपने बाल बढ़ाए और मूंछ-दाढ़ी रखी। मैं अपनी हर फिल्म में नए लुक में आने की कोशिश करता हूं। इसमें कपड़े ज्यादा चेंज नहीं किए हैं, क्योंकि पूरी फिल्म हमने एक फैक्ट्री में शूट की। यह अड़तालीस घंटे की कहानी है। संजय गुप्ता अपनी हर फिल्म में स्टाइल पर विशेष ध्यान देते हैं। यह पहली ऐसी फिल्म है, जिसमें डिनो के अपोजिट कोई ऐक्ट्रेस नहीं है। वे स्वीकारते हैं, दरअसल इसमें रोमांस नहीं है। इसमें दीया मिर्जा हैं, लेकिन वे भी क्रिमीनल बनी हैं। फिल्म में केवल एक गाना है।
एसिड फैक्ट्री डिनो के करियर की कितनी खास फिल्म है? वे कहते हैं, यह मुझे पता नहीं, लेकिन इतना कहूंगा कि यह अलग किस्म की फिल्म है। मैं इसके पहले किसी फिल्म में स्टाइलिश तरीके से पेश नहीं किया गया। इसको प्रोगेसिव सिनेमा कह सकते हैं। जैसे पिछले दिनों विशाल भारद्वाज की कमीने आई थी। मुझे यकीन है कि एसिड फैक्ट्री भी चलेगी। यह फिल्म हिट होती है, तो मेरे करियर के लिए अच्छा होगा। आजकल छोटे बजट की रिअॅलिस्टिक फिल्में बन रही हैं। क्या डिनो उस तरह की फिल्में करना चाहते हैं? वे कहते हैं, मुझे वैसी फिल्में पसंद हैं। मैं वैसी फिल्म करना चाहता हूं, जिसकी स्क्रिप्ट ओरिजिनल हो। अब मैं प्रोड्यूसर बन गया हूं। यदि मुझे वैसी फिल्म नहीं मिलीं, तो मैं खुद ही प्रोड्यूस करूंगा। फिल्म निर्माण में आने का कारण क्या है? अपने बैनर में किस तरह की फिल्में बनाना चाहते हैं डिनो? वे कहते हैं, मैं जिस तरह की फिल्में करना चाहता हूं, यदि वैसी मुझे नहीं मिलीं, तो मैं खुद वैसी फिल्म प्रोड्यूस करूंगा। मैं इंतजार करके अपना समय बर्बाद नहीं करूंगा। फिल्म निर्माण में आने का मेरा मकसद यही है। मैं अपने बैनर में ऐसी फिल्में बनाना चाहता हूं, जिन्हें देखकर दर्शक ऐसा न महसूस करें कि उनका पैसा बर्बाद हो गया। मैंने एक स्क्रिप्ट फाइनल की है। अब एक अच्छे प्रस्तोता ढूंढ रहा हूं। मैं अपने होम प्रोडक्शन की पहली फिल्म में अभिनय नहीं कर रहा हूं।
हाल में डिनो ने कौन-सी फिल्म साइन की है? वे बताते हैं, इस वक्त मैं यशराज की प्यार इंपॉसिबल कर रहा हूं। उसमें उदय चोपड़ा और प्रियंका चोपड़ा हैं। इसके अलावा मैंने कोई फिल्म साइन नहीं की है। अब मैं सोच समझकर फिल्में कर रहा हूं। मैंने अतीत में बहुत गलतियां की हैं, अब नहीं करना चाहता। मैं अपने करियर की यादगार फिल्म का इंतजार कर रहा हूं। क्या सच है कि लारा दत्ता डिनो की खास दोस्त हैं? वे इस बारे में कहते हैं, फिलहाल मैं अकेला हूं और खुश हूं। मैं अभी किसी रिश्ते में नहीं बंधना चाहता। इस वक्त मैं काम पर फोकस करना चाहता हूं।

-raghuvendra singh

Wednesday, September 23, 2009

मुझे अच्छे लगते हैं शाहिद | रानी मुखर्जी

रानी मुखर्जी के करियर को लेकर आजकल तरह-तरह की बातें हो रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि दिल बोले हडि़प्पा रानी की आखिरी फिल्म है, तो कुछ लोग कह रहे हैं कि इस फिल्म से रानी ने वापसी की है। इस बारे में खुद रानी क्या सोचती हैं? जवाब में वे कहती हैं, पिछले कुछ वर्षो से मेरी हर फिल्म के प्रदर्शन के समय लोग यही कहते हैं, लेकिन मैं हर बार वापस आ जाती हूं। मेरी फिल्मों की असफलता का मतलब यह नहीं है कि मैं असफल हो गई। मैं अपनी हर फिल्म से एक कदम आगे बढ़ रही हूं।
रानी मुखर्जी अपनी बात जारी रखती हैं, सच कहूं, तो मैंने अपने करियर में इतने उतार-चढ़ाव देख लिए हैं कि अब मुझ पर इस तरह की बातों का कोई असर नहीं होता। मुझमें टैलेंट है और मैं इसी तरह काम करती रहूंगी। आजकल मैं अधिक फिल्में इसलिए नहीं कर रही हूं, क्योंकि मुझे कुछ अलग और चैलेंजिंग किरदार नहीं मिल रहे हैं। अब मैं उस मुकाम पर हूं, जहां मैं हर फिल्म का हिस्सा नहीं बन सकती।
यशराज बैनर की अनुराग सिंह निर्देशित फिल्म दिल बोले हडि़प्पा को लेकर रानी बेहद उत्साहित थी। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत भी की थी। रानी बताती हैं, पिछले साल अप्रैल में मैंने यह फिल्म साइन की। तभी पता चल गया था कि मुझे मेल क्रिकेटर का किरदार निभाना है। मैंने क्रिकेटर की तरह बॉडी बनाने के लिए योगा करना शुरू किया। साथ ही महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान अंजलि से क्रिकेट की ट्रेनिंग लेने लगी। यह ट्रेनिंग चौदह महीने तक चली। मैंने सात किलोग्राम अपना वजन घटाया और सही तरह से क्रिकेट खेलना भी सीख गई।
दिल बोले हडि़प्पा में रानी ने दो किरदार निभाए हैं। वे बताती हैं, इसमें मैं वीर और वीरा का किरदार निभा रही हूं। दोनों हैं एक ही और दोनों का लक्ष्य क्रिकेट खेलना है। मेरे अपोजिट शाहिद कपूर हैं। वे क्रिकेट के कोच बने हैं। मेरा सरदार का लुक क्रिकेटर हरभजन सिंह से प्रेरित है। दरअसल, मेरे लुक डिजाइनर माइक स्ट्रीन्गर लंदन के हैं। उन्हें मेरा लुक डिजाइन करने के लिए सरदार का फोटो चाहिए था, तो हमने हरभजन सिंह का फोटो भेज दिया। उन्होंने हरभजन सिंह को ध्यान में रखकर मेरा लुक डिजाइन किया है। मैंने इस बारे में हरभजन को बताया, तो वे बड़े खुश हुए। दिल बोले हडि़प्पा में रानी और शाहिद की जोड़ी पहली बार पर्दे पर आई है। उनके बारे में रानी कहती हैं, शाहिद सीरियस और फोकस्ड हैं। मुझे इस तरह के लोग अच्छे लगते हैं। फिल्म में हमारी जोड़ी बहुत अच्छी लग रही है। जब मुझे पता चला था कि शाहिद मेरे अपोजिट हैं, तो मैं बहुत खुश हुई। वे मेरे साथ अधिक मैच्योर दिख रहे हैं। उनके लिए यह फायदेमंद होगा। नए निर्देशक अनुराग सिंह के निर्देशन में काम के अनुभव के बारे में रानी कहती हैं, अनुराग बहुत प्यारे इंसान हैं। उन्होंने बढि़या फिल्म बनाई है, ऐसा फिल्म देखने वाले भी कहेंगे।
शादी के बारे में पूछने पर रानी गुस्सा हो जाती हैं। वे कहती हैं, शादी अभी नहीं करूंगी। पिछले तीन साल से लोग मेरी हर फिल्म की रिलीज के समय मेरी शादी होने की बात करते हैं। ऐसी बात कहने वाले लोग यह नहीं सोचते कि इसका मेरे करियर पर बुरा असर पड़ रहा है। जो निर्देशक मुझे साइन करने की योजना बनाते होंगे, वे शादी की बात सुनकर सोचते होंगे कि रानी शादी करने जा रही है, तो अपनी फिल्म के लिए किसी दूसरी ऐक्ट्रेस को कास्ट कर लेते हैं। जब मेरी शादी तय होगी, तब मैं चिल्ला-चिल्लाकर बताऊंगी। मैं मां-बाप की इकलौती बेटी हूं। वे लोग खुशी से यह बात दुनिया के साथ शेयर करेंगे। मैं प्राइवेसी पसंद करती हूं, इसका यह मतलब नहीं है कि मेरे बारे में लोग कुछ भी कहें। अब मैं ऐसी बातें बर्दाश्त नहीं करूंगी।
रानी मुखर्जी की ख्वाहिश ऐक्शन फिल्म करने की है। वे कहती हैं, मैंने हर जॉनर की फिल्में की हैं। सिर्फ ऐक्शन फिल्म नहीं कर सकी हूं। मेरे पास दो-तीन ऐक्शन फिल्मों की स्क्रिप्ट आई थीं, लेकिन वे मुझे पसंद नहीं आई। इस वक्त मैं फिट हूं और मुझे ऐक्शन फिल्म के लिए मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेनी पड़ी, तो मैं वह करूंगी। मैं नए निर्देशकों में विशाल भारद्वाज और इम्तियाज अली के साथ काम करना चाहती हूं।

-raghuvendra singh

Tuesday, September 22, 2009

अब मैं मैच्योर हो गया हूं-हरमन बावेजा

नई पीढी के लोकप्रिय अभिनेता हरमन बावेजा की फिल्म व्हाट्स योर राशि? प्रदर्शन के लिए तैयार है. इस रोमांटिक फिल्म में हरमन एक बार फिर प्रियंका चोपडा के साथ नज़र आयेंगे. प्रतिष्ठित फिल्मकार आशुतोष गोवारिकर की फिल्म व्हाट्स योर राशि? की सफलता को लेकर हरमन आश्वस्त हैं।
व्हाट्स योर राशि? फिल्म का ऑफर आया तब आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी?
आशुतोष गोवारिकर की फिल्म का ऑफर मिलना मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी। मैं बहुत खुश हुआ। मैंने एक पल भी नहीं सोचा और हां कह दिया। मुझे स्क्रिप्ट और फिल्म के नायक योगेश पटेल का किरदार पसंद आया। मैं जानता था कि आशुतोष गोवारिकर अपनी फिल्म के प्रत्येक किरदार के साथ न्याय करते हैं इसलिए मैंने जरा भी नहीं सोचा कि फिल्म में प्रियंका चोपड़ा के बारह किरदार हैं।
फिल्म के बारे में बताएं। क्या आप राशि में विश्वास करते हैं?
यह मधु राय के उपन्यास किंबाल रैवेंसवुड पर आधारित फिल्म है। हालांकि आशुतोष सर ने उपन्यास को हूबहू फिल्म में नहीं पेश किया है। उन्होंने कुछ बदलाव किए हैं। इसे रोमांटिक कॉमेडी कहा जा सकता है। यह एक अप्रवासी भारतीय युवक की कहानी है, जो भारत में अपने लिए दुल्हन ढूंढ़ने आता है। यहां वह बारह राशि की बारह लड़कियों से मिलता है। मैं इसमें गुजराती युवक योगेश पटेल का किरदार प्ले कर रहा हूं। मैं राशि में यकीन करता हूं, लेकिन ब्लाइंड फेथ नहीं करता।
यह फिल्म आपके लिए कितनी चुनौतीपूर्ण रही?
इसमें मुझे कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। प्रियंका चोपड़ा के फिल्म में बारह किरदार हैं, जबकि मेरा एक ही किरदार है। उससे मेरे लिए चुनौती बढ़ गई। हर बार नई लड़की से मिलने पर मुझे अलग तरह की प्रतिक्रिया देनी थी। मुझे हर बार बॉडी लैंग्वेज, वॉयस में चेंज करना होता था। दूसरे शब्दों में कहूं, तो मैंने अप्रत्यक्ष रूप से बारह किरदार किए हैं। योगेश पटेल के किरदार के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी।
प्रियंका चोपड़ा के साथ आपने पहली फिल्म की थी, तब आप नए थे। व्हाट्स योर राशि? में उनके साथ काम करते हुए आपने क्या बदलाव महसूस किए?
यह मेरी तीसरी फिल्म है। अब मैं मैच्योर हो गया हूं। प्रियंका चोपड़ा के साथ लव स्टोरी 2050 फिल्म की शूटिंग के समय मैं नर्वस महसूस करता था, लेकिन इसमें हम दोनों सहज थे। हम दोनों एक-दूसरे का कंफोर्ट लेवल जानते थे। हमें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई। इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा कांप्लेक्स कैरेक्टर प्ले कर रही है। उनके लिए यह मुश्किल फिल्म थी। हमने फिल्म की शूटिंग को एंज्वॉय किया।
आशुतोष गोवारिकर के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
शानदार। आशुतोष सर के साथ काम करके मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। वे अनुभवी एवं प्रतिभाशाली निर्देशक हैं। वे अपने कलाकारों से उम्दा काम लेना जानते हैं। मुझे लगता था कि वे अपनी फिल्मों की तरह गंभीर होंगे, लेकिन शूटिंग के दौरान मैंने पाया कि वे बेहद खुशमिजाज हैं।
अब स्वयं में क्या बदलाव महसूस कर रहे हैं?
आशुतोष सर एक्टिंग का स्कूल हैं। उनके साथ काम करने के बाद ऐसा लग रहा है कि मैं छह महीने की एक्टिंग की वर्कशॉप करके आ रहा हूं। अब मैं बेहतर एक्टर हो गया हूं। मैं उनके साथ दोबारा काम करना चाहता हूं।
जब आपको पता चला कि फिल्म में तेरह गाने हैं। आपकी क्या प्रतिक्रिया थी?
मैं संगीत प्रेमी हूं। मुझे सुनकर खुशी हुई कि व्हाट्स योर राशि में तेरह गाने हैं। आजकल अमूमन फिल्म में छह या सात गाने ही होते हैं। मैं लकी हूं कि मेरी फिल्म में तेरह गाने हैं। खास बात यह है कि सभी गाने फिल्म का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। हर गाने में एक कहानी है। सोहेल सेन ने खूबसूरत संगीत दिया है। लोगों को फिल्म के गीत पसंद आएंगे। मुझे फिल्म का आलिंगन सांग बहुत पसंद है।
इसके बाद कौन सी फिल्म आएगी?
अनीस बज्मी की फिल्म इट्स माई लाइफ। वह तमिल की सुपरहिट फिल्म बोमरीलू का रीमेक है। उसमें मेरे ओपोजिट जीनिलिया डिसूजा हैं।
पापा हैरी बावेजा की एक फिल्म आप कर रहे हैं?
हां, मैं अपने होम प्रोडक्शन की एक फिल्म कर रहा हूं, लेकिन अभी तक कोई स्क्रिप्ट फाइनल नहीं हो पायी है। जैसे ही स्क्रिप्ट फाइनल होगी, पापा उस फिल्म की घोषणा करेंगे।
-रघुवेन्द्र सिंह

12 किरदार जैसे 12 फिल्में /प्रियंका चोपड़ा

प्रसिद्ध फिल्मकार आशुतोष गोवारीकर की फिल्म ह्वाट्स योर राशि से प्रियंका चोपड़ा एक फिल्म में बारह किरदार निभाने का व‌र्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रही हैं। इस उपलब्धि से वे खुश हैं, लेकिन वे बहुत खुश उस वक्त होंगी, जब उनकी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल होगी। फैशन, दोस्ताना और कमीने से सफलता की हैट्रिक लगाने वाली प्रियंका ह्वाट्स योर राशि को लेकर उत्साहित तो हैं, साथ ही नर्वस भी। इस फिल्म में वे एक बार फिर हरमन बवेजा के साथ हैं। बातचीत प्रियंका से..
आशुतोष गोवारीकर ने जब बताया कि ह्वाट्स योर राशि में आपको बारह किरदार निभाने हैं, तब आपकी प्रतिक्रिया क्या हुई?
मैं मियामी में दोस्ताना फिल्म की शूटिंग कर रही थी। उन्होंने मुझे फोन करके पूछा, प्रियंका, तुमने अक्टूबर से कोई फिल्म साइन की है? मैंने कहा, नहीं। उन्होंने कहा, मेरे पास एक स्क्रिप्ट है, उसे सुनने के बाद तुम कोई फैसला करना। उन्होंने मुझे फोन पर ही स्क्रिप्ट सुनाई, लेकिन जब उन्होंने बताया कि फिल्म के सभी बारह किरदार मुझे ही निभाने हैं, तब मैं चौंक गई। मैंने उनसे पूछा कि एक लड़की बारह किरदार कैसे निभा सकती है? उन्होंने मुझे समझाया उसके बाद मैं फिल्म करने के लिए तैयार हो गई।
ह्वाट्स योर राशि और अपने बारह किरदारों के बारे में बताएंगी?
यह रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है। एक एनआरआई लड़का योगेश पटेल है। ह्वाट्स योर राशि में वह अपने लिए दुल्हन ढूंढने भारत आता है। उसके पास समय कम होता है, इसलिए वह बारह राशि की बारह लड़कियों से मिलने का फैसला करता है और तय करता है कि जिस लड़की से उसे प्यार हो जाएगा, उसी से शादी करेगा। यह फिल्म मधु राय के नॉवेल किंबाल रैवेंसवुड पर आधारित है। मैंने फिल्म में बारह राशि की बारह लड़कियों के किरदार निभाए हैं। वे सभी गुजराती हैं, लेकिन उनकी पृष्ठभूमि अलग-अलग है।
एक फिल्म में बारह किरदार निभाने का अनुभव कैसा रहा?
मेरी जिंदगी का सबसे मुश्किल अनुभव रहा। मेरी जिंदगी की यह सबसे मुश्किल फिल्म है। एक फिल्म में बारह किरदार निभाना, मेरे लिए बारह फिल्में करने जैसा था। एक किरदार को मुझे एक गाने और दो सीन में स्टैब्लिश करना था और कोई भी किरदार एक-दूसरे से मैच नहीं होने चाहिए थे। उस पर से उनकी राशि की खूबी के अनुसार उनमें कुछ चीजें जोड़नी थीं। मैंने हर लड़की की बॉडी लैंग्वेज, हेयर स्टाइल, ड्रेस और बात करने का लहजा बदला है। मुझे गुजराती कल्चर के बारे में पता नहीं था। मैंने हर किरदार को अपने तरीके से अलग करने की कोशिश की। मैं नहीं चाहती थी कि इस फिल्म का कोई भी किरदार दर्शकों को मेरी पिछली फिल्मों के किसी किरदार की याद दिलाए।
प्रत्येक किरदार की शूटिंग आपने बारी-बारी से की है?
नहीं। आशुतोष सर ने मुझसे कहा था कि हम एक किरदार की शूटिंग खत्म करने के बाद दूसरा शुरू करेंगे। उससे कंफ्यूजन नहीं होगा, लेकिन उन्होंने ऐसा किया नहीं। मैं किसी और किरदार की तैयारी करके सेट पर जाती थी और आशु सर कहते कि उसको नहीं, इस किरदार को कर लेते हैं। ऐसे में एक किरदार दूसरे से क्रॉस हो जाता था। उस पर से दिन-रात शूटिंग का तनाव। मैं तो पागल हो गई थी। बस, आगरा नहीं गई। इन्हीं सब कारणों से ह्वाट्स योर राशि की शूटिंग के दौरान मेरा स्वास्थ्य बिगड़ गया था। मैं सेट पर बेहोश हो जाती थी।
क्या आप राशि में विश्वास करती हैं और अपने हमसफर का चुनाव राशि के हिसाब से करना पसंद करेंगी?
पहले मैं राशि में यकीन नहीं करती थी। मैं सोचती थी कि दुनिया भर के लोग बारह राशि में कैसे फिट हो सकते हैं, लेकिन ह्वाट्स योर राशि फिल्म ने मेरा नजरिया बदल दिया। एक राशि के लोगों में कई समानताएं होती हैं। मैं राशि के हिसाब से अपना जीवनसाथी नहीं चुनूंगी। ह्वाट्स योर राशि का नायक योगेश पटेल भी ऐसा नहीं करता। यह फिल्म ज्योतिष के बारे में नहीं है, बल्कि यह फिल्म लोगों का अंधविश्वास तोड़ेगी।
आशुतोष गोवारीकर के निर्देशन में काम करने का अनुभव कैसा रहा?
आशु सर बहुत ही इंटेलीजेंट डायरेक्टर हैं। उनके साथ काम करके मजा आया। वे कहते थे कि यह उनकी सबसे मुश्किल फिल्म है। मैंने उनसे पूछा कि जोधा अकबर से भी मुश्किल? तो उन्होंने कहा कि एक फिल्म में बारह अलग-अलग कल्चर को दिखाना बहुत मुश्किल काम है।
माना जाता है कि फैशन, दोस्ताना और कमीने की सफलता के बाद आप नंबर वन अभिनेत्री बन गई हैं?
मुझे इंडस्ट्री में आए छह साल हुए हैं। मैं नहीं मानती कि मैं एक्टिंग की क्वीन बन गई हूं। मैं अभी सीख रही हूं। मैं हर दिन सेट पर कुछ न कुछ सीखती हूं। मैं लकी हूं कि मुझे कम समय में टैलेंटेड डायरेक्टर के साथ काम करने का अवसर मिला। आज मैं जो कुछ हूं, मेरे डायरेक्टरों की देन है।
इसके बाद आप किन फिल्मों में नजर आएंगी?
मैं यशराज बैनर की प्यार इंपॉसिबल और सिद्धार्थ आनंद की एक फिल्म अंजाना अंजानी कर रही हूं।
-raghuvendra singh

Saturday, September 19, 2009

तैयार हैं डांडिया क्वीन फाल्गुनी

डांडिया क्वीन फाल्गुनी पाठक वैसे तो पूरे वर्ष अधिकतर समय विदेश में स्टेज शो करते हुए बिताती हैं, लेकिन शारदीय नवरात्र आते ही अपने देश लौट आती हैं। वे जानती हैं कि नवरात्र के नौ दिन तक गरबा प्रेमी उन्हीं की सुमधुर और खनकती आवाज की स्वर लहरियों पर झूमना चाहते हैं। अपने चाहने वालों की खातिर ही वे पिछले डेढ़ महीने से इसकी विशेष तैयारी कर रही हैं। फाल्गुनी बताती हैं, जिस तरह मां दुर्गा के भक्त पूरे वर्ष इस नवरात्र का इंतजार करते हैं, वैसे ही मैं भी पूरे वर्ष इन दिनों का इंतजार करती हूं। नवरात्र के नौ दिन मेरे लिए बहुत खास होते हैं। इस दौरान मैं दुनिया की सब बातों को भुलाकर मां दुर्गा के भजन और गरबा गाती हूं। फाल्गुनी पिछले पंद्रह वर्षो से मुंबई में आयोजित होने वाले डांडिया शो से जुड़ी हैं। उनकी मौजूदगी में हर वर्ष लाखों लोग यहां डांडिया डांस का आनंद उठाने आते हैं। इस साल यह आयोजन गोरेगांव के स्पो‌र्ट्स कॉप्लेक्स में होना है। फाल्गुनी कहती हैं, इतना ही नहीं, इस साल फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने कोरियोग्राफर रेमो भी हमारे साथ हैं। वे डांस की कोरियोग्राफी करेंगे। इस बार हर रोज कोई न कोई जाना-माना फिल्म कलाकार हमारे साथ होगा। मुझे उम्मीद है, इस वर्ष अधिक लोग आएंगे। फाल्गुनी बताती हैं कि नवरात्र के बाद उनका नया हिंदी एलबम रिलीज होगा। उन्हीं के शब्दों में, चार वर्ष बाद मेरा हिंदी एलबम आ रहा है। मैं उस एलबम के भी कुछ गीत इस शो में गाऊंगी। हर बार की तरह इस साल भी मैंने नवरात्र के लिए कुछ नए गुजराती, मराठी और हिंदी फिल्मी गीतों की तैयारी की है। मैं अपने पुराने एलबम के हिट गाने भी गाऊंगी। गीत मैंने पायल है छनकाई.. से चर्चा पाने वाली फाल्गुनी आगे कहती हैं, नवरात्र के बाद मैं यूएस और उसके बाद कनाडा स्टेज शो के लिए जाऊंगी। फिर दीवाली में भारत आऊंगी।
-रघुवेन्द्र सिंह

अदनान के बेटे अजान बने संगीतकार

-रघुवेन्द्र सिंह
गायक-संगीतकार अदनान सामी ने पांच वर्ष की नन्ही उम्र में पियानो बजाना सीख लिया था और सोलह वर्ष की उम्र में उन्हें यूथोपिया में आई प्राकृतिक त्रासदी पर एक गीत लिखने के लिए यूनीसेफ ने खास पुरस्कार से नवाजा था। अब अदनान के बेटे अजान अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते नजर आ रहे हैं। पन्द्रह वर्षीय अजान निर्देशक प्रियदर्शन की फिल्म बम बम भोले से संगीतकार के रूप में अपने करियर का आगाज करने जा रहे हैं। जल्द ही सोनी म्यूजिक कंपनी उनका पहला म्यूजिक एलबम भी रिलीज करेगी। पिछले दिनों अजान कराची से मुंबई आए तो उनसे बातचीत हुई। प्रस्तुत हैं उसके अंश.. आप कब से संगीत से जुड़े हैं?

मैं बचपन से संगीत से जुड़ा हुआ हूं और पिछले सात वर्षो से वोकल, वेस्टर्न क्लासिकल और इंडियन क्लासिकल संगीत का कराची में प्रशिक्षण ले रहा हूं। मैंने सात वर्ष की उम्र में अपनी पहली कंपोजीशन तैयार की थी। मैं संगीत में ही करियर बनाऊंगा, यह तय कर चुका हूं। क्या पिता से प्रेरित होकर इस क्षेत्र में आए हैं?

मैं पिछले दस वर्षो से बाबा से नहीं मिला और न ही उनके संपर्क में था। मैं उनसे इस साल के शुरू में मिला। मैं बाबा का सबसे बड़ा फैन हूं। मैं उनके जितना बड़ा बनना चाहता हूं, पर अपने तरीके से। मैं उनसे प्रभावित नहीं हूं, लेकिन यह प्रतिभा मुझे बाबा से मिली है।

क्या यह सच है कि अदनान सामी का बेटा होने की वजह से लोग आपको मौके दे रहे हैं?

मैं मानता हूं कि उनका बेटा होने के कारण मेरे लिए चीजें सरल हो गई, लेकिन बता दूं कि मेरे वालिद मुझे प्रमोट नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि मैं अपनी प्रतिभा के बल पर पहचान बनाऊं। मुझमें प्रतिभा है, तभी तो सोनी जैसी म्यूजिक कंपनी, जिसके साथ माइकल जैक्सन जुड़े थे, उसने मुझे इसके लिए साइन किया है।

प्रियदर्शन की फिल्म बम बम भोले कैसे मिली?

प्रियदर्शन को मेरी कुछ कंपोजीशन अच्छी लगी। तब उन्होंने मुझे अपनी फिल्म में संगीत देने की जिम्मेदारी सौंपी। मेरे लिए यह बहुत बड़ा मौका है। दिसंबर में फिल्म प्रदर्शित होगी। उसके अलावा जनवरी में सोनी म्यूजिक कंपनी मेरा पहला म्यूजिक एलबम रिलीज करेगी। उसमें पॉप गाने होंगे।

आपको नहीं लगता कि आपकी पढ़ाई प्रभावित होगी?

मुझे पता है कि मुश्किलें आएंगी, लेकिन मैं मेहनत करूंगा। करियर और पढ़ाई दोनों को साथ लेकर चलूंगा। मैं ग्यारहवीं में पढ़ रहा हूं। मैं बहुत दूर जाना चाहता हूं। अभी से नहीं चलूंगा, तो पहुंचूंगा कैसे?

Friday, September 11, 2009

मल्लिका को भाया परदेस

ग्लैमरस गर्ल मल्लिका शेरावत को आजकल परदेस खूब भा रहा है। परदेसियों और परदेसी फिल्मकारों को मल्लिका भी खूब भा रही हैं। तभी तो उनके पास आने वाले अंग्रेजी फिल्मों के ऑफर में एकाएक बढ़ोतरी हो गई है। जेनिफर लिंच की फिल्म हिस्स के बाद पता चला है कि मल्लिका शेरावत ने हाल में एक अमेरिकी फिल्म साइन की है। इस फिल्म में वह केंद्रीय भूमिका निभा रही हैं। मल्लिका शेरावत फिलहाल उस फिल्म से जुड़ी कोई जानकारी नहीं देना चाहतीं है, पर वह इतना कहती हैं कि इस वक्त मेरी जिंदगी में सब कुछ अच्छा हो रहा है। मैं बहुत खुश हूं।
गौरतलब है कि कुआलालाम्पुर के ग्लोबल ब्रांड फोरम में स्पीकर बनने के सम्मान से लेकर हॉलीवुड के डाईवर्सिटी अवॉर्ड से सम्मानित होने और ट्विटर के दफ्तर में जाने वाली पहली एशियाई सेलेब्रिटी बनने तक के विभिन्न कारणों से मल्लिका शेरावत पिछले दिनों विदेशी मीडिया में लगातार छाई रहीं। बता दें कि मल्लिका आजकल लॉस एंजिल्स में हैं और अपनी लोकप्रियता को भुनाने में लगी हैं। विदेशी फिल्मकारों के साथ मीटिंग के जरिए वह हॉलीवुड में अपने कॅरियर की संभावनाओं को टटोल रही है।
मल्लिका का यह कदम उनके कॅरियर के लिए कितना हितकारी होगा, यह तो भविष्य ही बताएगा। फिलहाल, हिंदी फिल्मों से उनकी अनुपस्थिति उनके चाहने वालों को खल रही है।
-रघुवेन्द्र सिंह

ईशा ने दिया करियर को नया मोड़

ईशा कोप्पिकर ने कलर्स के रिअॅलिटी शो 100 प्रतिशत दे दना दन साइन करके अपने करियर को नया मोड़ दिया है। इसका मतलब यह नहीं कि उनका फिल्मी करियर समाप्त हो गया है। ईशा की तीन बड़ी फिल्में राइट या रॉन्ग, शबरी और हेलो डार्लिग प्रदर्शन के लिए तैयार हैं, लेकिन लोगों को यह बात साल रही है कि ईशा नई फिल्में क्यों नहीं साइन कर रही हैं? कहीं वे टिम्मी नारंग के साथ सात फेरे लेकर एक्टिंग को अलविदा कहने की योजना तो नहीं बना रहीं? पिछले दिनों हुई मुलाकात में तरंग से ईशा कोप्पिकर ने इन वजहों पर अच्छी बातचीत की।
आम धारणा है कि टीवी पर फिल्मों के चर्चित कलाकार तभी आते हैं, जब उनका फिल्मी करियर ढलान पर होता है। क्या ईशा इस बात से सहमत हैं? वे कहती हैं, देखिए, मैं फिल्में कर रही हूं। मेरी तीन फिल्में प्रदर्शन के लिए तैयार हैं। मैं एंटरटेनमेंट बिजनेस में हूं। मैं टीवी और फिल्म में फर्क नहीं करती। फिर टीवी की जो पहुंच है, फिल्म उसे छू भी नहीं सकती। गांव में लोग थिएटर में नहीं जाते, लेकिन वे घरों में कलर या ब्लैक ऐंड व्हाइट टीवी जरूर रखते हैं। आज टीवी की पहुंच बहुत बढ़ गई है। मैं टीवी में काम करना गलत नहीं मानती। मैंने 100 प्रतिशत दे दना दन के संचालन के लिए हां इसलिए किया, क्योंकि मुझे शो का कॉन्सेप्ट अच्छा लगा।
ईशा 100 प्रतिशत दे दना दन की खासियत और उसमें अपनी भूमिका के बारे में बताती हैं, यह शो कुश्ती पर आधारित है। कुश्ती हमारी मिट्टी से जुड़ा खेल है, लेकिन आज लोग इसे भूल गए हैं। हम इस रिअॅलिटी शो से कुश्ती को नई पहचान दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है कि फिल्म चक दे इंडिया से हॉकी को जैसे नई पहचान मिली थी, वैसा ही कमाल इस शो से कुश्ती का होगा। शो में साउथ अफ्रीका और भारत के पहलवानों के बीच कुश्ती का मुकाबला होता है। मैं इसमें संचालक की भूमिका निभा रही हूं। मैं शो में साउथ अफ्रीका और भारतीय पहलवानों के बीच पुल का काम करूंगी।
अब सवाल यह है कि क्या इस तरह के कार्यक्रमों में ईशा की दिलचस्पी रही है? वे स्वीकारती हैं, हां, मैं डब्ल्यूडब्ल्यूएफ काफी देखती हूं। मैंने देखा है कि इस तरह के शो बच्चों को बहुत पसंद हैं। इस शो में भी डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के लेवल की कुश्ती होगी, लेकिन इसमें भारतीय दर्शकों को ध्यान में रखते हुए काफी इमोशन और ड्रामा जोड़ा गया है। मैं पिछले आठ साल से मार्शल आर्ट से जुड़ी हुई हूं। मुझे ऐक्शन अच्छा लगता है। यह अलग बात है कि फिल्मों में मुझे ऐसा काम करने का मौका नहीं मिला। मुझे किसी भी खेल को प्रमोट करने का मौका मिलेगा, तो मैं जरूर करूंगी।
क्या यह शो साइन करने से पहले ईशा ने परिवार और टिम्मी नारंग से सलाह ली थी? वे कहती हैं, मैं बचपन से अपने मां-बाप से सलाह लेकर ही कोई फैसला लेती आई हूं, लेकिन मेरे प्रोफेशनल फैसलों में उन लोगों की खास भूमिका नहीं होती। दरअसल, मेरे मम्मी-पापा नॉन फिल्मी हैं। पापा डॉक्टर हैं और मम्मी गृहिणी। उन्हें इंडस्ट्री की अधिक जानकारी नहीं है, इसलिए वे लोग इस तरह के फैसले मुझ पर छोड़ देते हैं। अपने प्रोफेशनल फैसले मैं खुद लेती हूं।
बात होती है ईशा से कि क्या भविष्य में भी वे टीवी शो करेंगी और उन्होंने फिल्में साइन करना इधर बंद क्यों कर दिया है? वे स्पष्ट करती हैं, मैं भविष्य के बारे में कुछ नहीं कह सकती। यदि मेरे पास किसी शो के संचालन या शो में जज बनने का अच्छा ऑफर मिला, तो मैं जरूर करूंगी। जहां तक नई फिल्में न साइन करने की बात है, तो मैं नहीं मानती कि पूरे साल किसी को काम करते रहना चाहिए। मेरे पास जिन फिल्मों के ऑफर आते हैं, उनकी स्क्रिप्ट मुझे अच्छी नहीं लगती, तो मैं ऐसे ही किसी फिल्म के लिए हां नहीं कह सकती! अब मैं वही काम करूंगी, जो मुझे एक्साइट करेगा। हेलो डार्लिग और राइट या रॉन्ग की इन दिनों री-शूटिंग चल रही है। साल के अंत में ये फिल्में आ जाएंगी।
पिछले दिनों यह भी चर्चा रही कि ईशा टिम्मी नारंग से शादी करने जा रही हैं, इसीलिए फिल्में साइन नहीं कर रही हैं। सच क्या है? वे अपनी राय रखती हैं, यकीन मानिए, मैंने शादी के बारे में अभी तक सोचा नहीं है। जो लोग ऐसा सोच रहे हैं, मैं उनसे यही कहूंगी कि प्लीज, वे मेरी शादी के बारे में सोचना छोड़ दें। पता नहीं क्यों, मेरे मां-बाप से अधिक मीडिया को मेरी शादी की चिंता है। मैं साफ-साफ कह रही हूं कि जब भी शादी की तारीख तय करूंगी, सबको बता दूंगी।
-raghuvendra singh

Wednesday, September 9, 2009

मेहनत करना छोड़ दूंगा-सलमान खान

लंबे अंतराल के बाद सलमान खान की एक्शन फिल्म वांटेड आ रही है। कोरियोग्राफर प्रभु देवा ने इसका निर्देशन किया है। वांटेड में सलमान खान रोमांस के साथ दमदार एक्शन और आकर्षक नृत्य करते दिखाई देंगे। वांटेड को सलमान अपने करियर की सबसे मुश्किल फिल्म मानते हैं-
क्या वांटेड साइन करने से पहले आपको पता था कि यह पोखिरी का रीमेक है?
हां। बोनी कपूर ने पहले मुझे पोखिरी फिल्म दिखायी थी और मैंने उस फिल्म को देखने के फौरन बाद हां कह दिया था। मैं फिल्म के एक्शन पार्ट को लेकर थोड़ा सहमा था, लेकिन बोनी ने मुझे राजी कर लिया। फिल्म में मेरा जबरदस्त एक्शन है।
वांटेड से जुड़ने की क्या वजह थी?
काफी समय के बाद मेरे पास एक्शन फिल्म का ऑफर आया, तो मैं ना कैसे कहता। मुझे फिल्म की स्क्रिप्ट पसंद आयी। मैं रोमांटिक फिल्में, कॉमेडी फिल्में बहुत कर चुका। मैंने सोचा कि अब थोड़ा मेहनत करते हैं। यकीन मानिए, मैंने इस फिल्म के लिए बहुत मेहनत की है। यदि यह फिल्म नहीं चली तो मैं मेहनत करना छोड़ दूंगा।
किरदार एवं फिल्म के बारे में और कुछ बताएं? आपने तेरे नाम में भी राधे नाम का किरदार निभाया था?
वांटेड का राधे तेरे नाम के राधे से बिल्कुल अलग है। तेरे नाम का राधे कॉलेज का लड़का था। तेरे नाम में राधे को जितने लोग मारते हैं, उनको मारने में यह राधे पन्द्रह सेकेंड लगाएगा। इसमें राधे कांट्रेक्ट किलर है। कंप्लीट एंटरटेनर फिल्म है।
प्रभु देवा के निर्देशन में काम करने का अनुभव बांटेंगे?
वे जमीन से जुड़े इंसान हैं। वे कमाल के डांसर और कोरियोग्राफर हैं, मैं इतना जानता था, लेकिन वांटेड में उनके साथ काम करके पता चला कि वे उम्दा निर्देशक हैं। वे परफेक्शनिस्ट हैं। मुझे यह पहले से पता था कि प्रभु देवा निर्देशक हैं तो मुझे जबरदस्त डांस करना पड़ेगा। यह मेरे जिंदगी की सबसे मुश्किल फिल्म है।
आएशा टाकिया के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
आएशा फिल्म में श्रुति का किरदार निभा रही हैं। राधे उससे प्यार करता है। आएशा ने अपने किरदार को बहुत अच्छी तरह निभाया है। मैंने उनकी फिल्म डोर देखी है। वे सुपर्ब एक्ट्रेस हैं। मुझे उनके साथ काम करके खुशी हुई।
वांटेड के बाद आपकी कौन सी फिल्म प्रदर्शित होगी?
मैं और मिसेज खन्ना। उसमें करीना कपूर, मैं और सोहेल खान हैं। उसके बाद लंदन ड्रीम्स आएगी। उसमें अजय देवगन, मैं और असिन हैं।
-रघुवेन्द्र सिंह

Saturday, September 5, 2009

अंजाना अंजानी में प्रियंका संग रणबीर

मुंबई: ह्वाट्स योर राशि? फिल्म के प्रदर्शन के एक सप्ताह बाद अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा साजिद नाडियाडवाला की नई फिल्म अंजाना अंजानी की शूटिंग आरंभ करेंगी। इस फिल्म में प्रियंका पहली बार युवा दिलों की धड़कन रणबीर कपूर के साथ दिखाई देंगी।
फिल्म का निर्देशन सलाम नमस्ते और बचना ए हसीनों जैसी हिट फिल्मों को डायरेक्ट कर चुके सिद्धार्थ आनंद करेंगे। गौरतलब है कि प्रियंका चोपड़ा की आशुतोष गोवारिकर निर्देशित फिल्म ह्वाट्स योर राशि? का 19 सितंबर को टोरंटो फिल्म समारोह में व‌र्ल्ड प्रीमियर होगा। समारोह में आशुतोष गोवारिकर फिल्म के मुख्य कलाकारों हरमन बावेजा और प्रियंका के प्रीमियर में शिरकत करेंगे। प्रीमियर के पांच दिन बाद ह्वाट्स योर राशि? भारत में रिलीज होगी। कमीने की सफलता से उत्साहित प्रियंका उम्मीद कर रही हैं कि उनकी ह्वाट्स योर राशि? दर्शकों को पसंद आएगी। इस फिल्म में उन्होंने पहली बार बारह किरदार निभाए हैं। प्रियंका साजिद नाडियाडवाला की फिल्म अंजाना अंजानी की शूटिंग शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। वह रणबीर कपूर के साथ काम करने को लेकर भी उत्साहित हैं।

-raghuvendra singh

बिग बॉस-3 की मेजबानी करेंगे बिग बी

मुंबई। बिग-बी नाम से मशहूर बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन चार साल के अंतराल के बाद एक बार फिर छोटे पर्दे पर वापसी करने जा रहे हैं। अमिताभ रिएलिटी शो बिग-बॉस की मेजबानी करते दिखेंगे।
एक सूत्र ने बताया कि कलर्स चैनल पर प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम के तीसरे संस्करण में अमिताभ बतौर मेजबान बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी का स्थान लेंगे। ब्रिटेन के रिएलिटी कार्यक्रम बिग ब्रदर का रूपांतरण माने जाने वाले बिग-बॉस का प्रसारण इस साल दिसंबर से शुरू किया जा सकता है। अमिताभ इससे पहले भी टीवी कार्यक्रम की मेजबानी कर चुके हैं। वह भारतीय टेलीविजन जगत के सबसे मशहूर गेम-शो कौन बनेगा करोड़पति के मेजबान के तौर पर लगातार दो संस्करणों में दर्शकों का मनोरंजन कर चुके हैं।
बिग-बॉस का पहली बार प्रसारण 2006 में किया गया था और उस संस्करण के प्रस्तोता बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी थे। इसके बाद बिग ब्रदर का खिताब जीतने वाली शिल्पा ने यह जिम्मेदारी संभाली थी, और अब बारी है बिग बी की।

-raghuvendra singh


मेरी टीचर वंडरफुल

चुटकी में सुलझाती हैं समस्या-अविनाश मुखर्जी
मैं मुंबई के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ता हूं। स्कूल की प्रिंसिपल अंजलि बोवेन मेरी आदर्श टीचर हैं। मैं उन्हें अंजलि मिस बुलाता हूं। वे ऊपर से बहुत सख्त, लेकिन अंदर से नरम हैं। वे बहुत स्वीट हैं। वे स्कूल के बच्चों को हमेशा अच्छी-अच्छी बातें सिखाती हैं। वे बहुत अच्छी वक्ता हैं। उन्हें हमेशा सुनने का मन करता है। वैसे तो मेरा पढ़ने में मन नहीं लगता, लेकिन जब वे कोई स्पेशल क्लास लेती हैं तो मैं मिस नहीं करता। एक्चुअली, वे बहुत स्वीट बोलती हैं। उन्होंने मुझे क्लास का डिसिप्लिन इंचार्ज बनाया है।
अंजलि मिस मुझे बहुत मानती हैं। मैं जब बालिका वधू सीरियल में काम नहीं करता था, तब भी वे मुझे प्यार करती थीं। मैं जब किसी समस्या में फंसता हूं तो सीधे उन्हीं के पास जाता हूं। वे मुझे प्यार से अपने पास बैठाती हैं और एक पल में मेरी समस्या का अंत कर देती हैं। अंजलि मिस को मैं अपनी सेकेंड मॉम मानता हूं। मैं उनकी बहुत रिस्पेक्ट करता हूं। मैं आज भले ही पॉपुलर हो गया हूं, लेकिन वे मेरे साथ अलग बर्ताव नहीं करतीं। मैं गलती करता हूं तो वे डांटती हैं। पिछले दिनों की बात है। एक दिन वे क्लास में आईं और मेरी तरफ इशारा करके कहने लगीं कि मैं जानती हूं कि तुम आजकल क्या कर रहे हो? मैं डर गया, लेकिन बाद में पता चला कि वे मेरे शो की बात कर रही थीं। उस वक्त बालिका वधू में मेरा किरदार जगदीश सिगरेट पीना सीख रहा था।
अंजलि मिस की खासियत है कि वे सभी बच्चों को एक नजर से देखती हैं। वे स्कूल के सभी बच्चों की फ्रेंड हैं। कभी-कभी वे हमारे साथ गेम में हिस्सा लेती हैं और हमारा उत्साह बढ़ाती हैं। मैं जब कभी न्यूज चैनल पर देखता हूं कि फलां टीचर ने अपने स्टूडेंट की जमकर पिटाई की तो मुझे दुख होता है। हमारे स्कूल की टीचर तो ऐसा नहीं करतीं। मैं चाहूंगा कि हमारे टीचर जैसी सबको टीचर मिलें। मैंने अपने सहपाठियों के साथ प्लान किया है कि आज टीचर्स डे के दिन हम अपने स्कूल की सभी टीचर्स को विश करेंगे और उन्हें ग्रीटिंग कार्ड देंगे। मैं अंजलि मिस के लिए एक खास तोहफा भी ले जा रहा हूं।
सबसे कुछ सीखती हूँ- अविका गोर
मैं अपने स्कूल की टीचर को ही अपना टीचर नहीं मानती। मेरा टीचर प्रत्येक वह व्यक्ति है, जिससे मैं प्रतिदिन की जिंदगी में कुछ न कुछ सीखती हूं। फिर चाहे वह मेरे रेयान इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल अंजलि मिस हो या मेरी क्लास टीचर संगीता मिस, चाहे मेरी मम्मी हो या पापा या फिर बालिका वधू सीरियल के सेट पर काम करने वाले ब्वॉय। मेरी क्लास टीचर यदि मुझे मेहनत करना और अनुशासित जीवन जीने का पाठ पढ़ाती हैं तो मम्मी प्रैक्टिकल लाइफ को एंज्वॉय करना सिखाती हैं। पापा मेरे साथ रोज बालिका वधू के सेट पर जाते हैं और वे मुझे डायलॉग याद कराते हैं। मेरे सीरियल के सेट पर जो ब्वॉय हर वक्त लोगों को चाय-पानी देता है, उससे मैं सेवा भाव सीखती हूं। मैं प्रतिदिन सुबह से शाम तक इन लोगों से कुछ न कुछ सीखती हूं। मेरे लिए टीचर की परिभाषा अलग है। मैं टीचर्स डे के स्पेशल दिन अपने सभी टीचर्स से कहना चाहूंगी कि अविका आप सबसे बहुत प्यार करती है। यदि मुझ से कोई गलती हुई है तो प्लीज मुझे माफ कर दीजिए। मैंने अपनी प्रिंसिपल और क्लास टीचर के लिए अपने हाथ से ग्रीटिंग कार्ड बनाए हैं। उन्हें मैं फ्लावर के साथ टीचर्स को दूंगी।
-रघुवेन्द्र सिंह

Thursday, September 3, 2009

लकी हूं मैं-समीर दत्तानी

फिल्मकार श्याम बेनेगल की फिल्म वेलडन अब्बा के बाद समीर दत्तानी ने करण जौहर की आई हेट लव स्टोरी साइन की है। वे खुशी से कहते हैं, मेरे करियर का बुरा वक्त बीत गया है। मैं बहुत लकी हूं। तभी मुझे श्याम बेनेगल जैसे वरिष्ठ फिल्मकार के साथ काम करने का मौका मिला। उनके साथ कलाकार काम करने के लिए तरसते हैं। खुशी की बात यह है कि इस फिल्म की शूटिंग अभी खत्म हुई थी कि मेरे पास करण जौहर की आई हेट लव स्टोरी का ऑफर आ गया। यह यंग रोमांटिक कॉमेडी है। मुझे फिल्म की स्क्रिप्ट बहुत अच्छी लगी। इसलिए मैंने हां कह दिया। इस फिल्म को पुनीत मल्होत्रा निर्देशित करेंगे। इसमें इमरान खान और सोनम कपूर केंद्रीय भूमिका में हैं। यह मेरे करियर की बेस्ट फिल्म होगी। मैं इसकी शूटिंग शुरू होने का उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं।
श्याम बेनेगल की वेलडन अब्बा का जिक्र होने पर समीर उत्साह से कहते हैं, यह व्यंग्यात्मक कॉमेडी है। फिल्म मौजूदा राजनैतिक और सामाजिक व्यवस्था पर कटाक्ष करती है। इसकी कहानी आंध्र प्रदेश पर बेस्ड है। मैं इसमें आरिफ की भूमिका निभा रहा हूं। बोमन ईरानी फिल्म में अब्बा बने हैं। इसमें मेरे अपोजिट मिनिषा लांबा हैं। हमारे अलावा फिल्म में इला अरुण, रजत शर्मा, सोनाली कुलकर्णी और यशपाल शर्मा अहम भूमिका में नजर आएंगे। यह दिसंबर में प्रदर्शित होगी।
समीर को यकीन है कि इस फिल्म के प्रदर्शन के बाद उनके प्रति लोगों की सोच बदलेगी। वे कहते हैं, मैंने हमेशा अच्छी फिल्में की हैं। यह अलग बात है कि उनमें से कुछ बॉक्स ऑफिस पर नहीं चलीं, लेकिन बॉक्स-ऑफिस के कलेक्शन के आधार पर कलाकार का आकलन करना उचित नहीं है। मैं शिकायत नहीं कर रहा हूं। मैं अपनी बात रख रहा हूं। वैसे वेलडन अब्बा के प्रदर्शन के बाद निश्चित ही मेरी छवि बदलेगी। मेरे बारे में लोगों की सोच बदलेगी। आजकल मैं परसेप्ट पिक्चर कंपनी की हॉरर फिल्म 8 की शूटिंग कर रहा हूं। यह मॉडर्न स्टाइलिश हॉरर फिल्म है। मैं इस बात से बेहद खुश हूं कि वेलडन अब्बा, आई हेट लव स्टोरी और 8 तीनों अलग जॉनर की फिल्में हैं।
समीर अब खुद को जिम्मेदार महसूस कर रहे हैं। वे कहते हैं, फिल्म इंडस्ट्री के अनुभव ने मुझे सीखा दिया है। खुश हूं कि कम समय में मैंने बहुत कुछ सीख लिया। अब दूसरों के अनुभव की बजाए मैं अपने अनुभव से काम करूंगा। भावी योजनाओं के बारे में पूछने पर वे कहते हैं, हमारी लाइन ऐसी है कि यहां योजना बनाकर काम नहीं किया जा सकता। ऐसा इसलिए, क्योंकि कलाकार के हाथ में कुछ नहीं होता। मेरे सामने जो काम आता है, उसमें से बेस्ट चुन लेता हूं। वर्ष के अंत में करण जौहर की फिल्म की शूटिंग शुरू होगी। अभी मैं वेलडन अब्बा की रिलीज का इंतजार कर रहा हूं। मेरी दो साउथ की फिल्में भी प्रदर्शन के लिए तैयार हैं।
-raghuvendra singh

Wednesday, September 2, 2009

अच्छी स्क्रिप्ट की तलाश में हूँ-आफताब शिवदासानी/ मुलाकात

आफताब शिवदासानी की रुचि इधर रोमांटिक कॉमेडी फिल्मों में बढ़ गई है। उनकी फिल्में दे ताली, मनी है तो हनी है, आलू चाट और कमबख्त इश्क रोमांटिक कॉमेडी थीं। इस कड़ी में अब नई फिल्म डैडी कूल का नाम जुड़ चुका है। यह फिल्म के.मुरली मोहन राव द्वारा निर्देशित है। आफताब अपना मत रखते हैं, मैं जान-बूझकर इस जॉनर की फिल्में नहीं कर रहा हूं। मुझे जो स्क्रिप्ट और निर्देशक अच्छे लगते हैं, उनकी फिल्म मैं साइन कर लेता हूं। वैसे, डैडी कूल ब्लैक कॉमेडी है। ऐसी फिल्म मैंने पहली बार करी है।
इन्द्र कुमार और अशोक ठाकरिया निर्मित डैडी कूल में आफताब के साथ सुनील शेट्टी, आरती छाबरिया, आशीष चौधरी, चंकी पांडे, जावेद जाफरी और ट्यूलिप जोशी नजर आएं। इसका हिस्सा बनने के बारे में वे कहते हैं, मैंने 2004 में इन्द्र कुमार के साथ मस्ती फिल्म की थी। मुझे उनके साथ काम करके मजा आया। वे मेरे पास इस फिल्म का ऑफर लेकर आए, तो मुझे खुशी हुई। मैंने स्क्रिप्ट सुनी, तो मुझे अपना किरदार पसंद आया। मैंने उनसे कहा कि फिल्म कर रहा हूं। यह मस्ती से अधिक मजेदार फिल्म है।
डैडी कूल की खासियत आफताब बताते हैं, इसमें सिचुएशनल कॉमेडी है। निर्देशक ने कहानी इस तरह से लिखी है कि किसी की भावना को ठेस न पहुंचे। निर्देशक के.मुरली मोहन राव के साथ आफताब ने 2002 में क्या यही प्यार है फिल्म की थी। दोबारा उनके साथ काम करने का अनुभव वे बताते हैं, के.मुरली मोहन अनुशासित निर्देशक हैं। वे कलाकारों से उनकी सुविधा के अनुसार काम लेते हैं। वे चीखते-चिल्लाते नहीं हैं। उनके काम के अंदाज में उनका अनुभव झलकता है। मुझे उनके साथ काम करके हर बार मजा आया।
कमबख्त इश्क की सफलता से आफताब काफी उत्साहित थे ही। उनका मानना है कि फिल्म की सफलता का लाभ इससे जुड़े हर कलाकार को ही होता है। आफताब की अगली फिल्म संजय गुप्ता निर्मित ऐक्शन थ्रिलर एसिड फैक्ट्री होगी। उसके अलावा उनके पास कोई और फिल्म नहीं है। आफताब कहते हैं, अब मैं सोच-समझकर किसी फिल्म के लिए हां कहता हूं। मैंने हाल में एक नई फिल्म साइन की है। उसके लिए मैंने दस किलो वजन बढ़ाया है। मैं हमेशा अपनी इमेज के साथ प्रयोग करता रहा हूं, लेकिन वजन पहली बार किसी फिल्म के लिए बढ़ाया है। फिलहाल, मैं उस फिल्म के बारे में अधिक नहीं बता सकता।
लंबे समय से आफताब शिवदासानी के फिल्म निर्माण में आने की चर्चा है। उस बारे में पूछने पर वे कहते हैं, सच है कि मैं फिल्म निर्माण में आ रहा हूं। मैंने खुद यह बात कही है, लेकिन अभी तक मुझे अच्छी स्क्रिप्ट नहीं मिली है। मैं अच्छी स्क्रिप्ट की तलाश में हूं। उम्मीद है, जल्द ही काम शुरू करुंगा।
-raghuvendra singh

Tuesday, September 1, 2009

अब अभिनय करेंगे सुखविंदर सिंह | खबर

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गायक सुखविंदर सिंह जल्द ही बड़े पर्दे पर अभिनय करते नजर आएंगे। उन्होंने जगबीर दाहिया की फिल्म खुदी को कर बुलंद इतना साइन की है। इस फिल्म में सुखविंदर म्यूजिक टीचर की केंद्रीय भूमिका निभा रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, खुदी को कर बुलंद इतना तीन दोस्तों की कहानी है। इसमें सुखविंदर सिंह केंद्रीय भूमिका में दिखाई देंगे। उनके ओपोजिट नई लड़की श्रिया होंगी। सुखविंदर को फिल्म की स्क्रिप्ट बहुत अच्छी लगी इसीलिए नए बैनर और नए निर्देशक के बावजूद उन्होंने फिल्म में अभिनय करने के लिए हां कह दिया। वे फिल्म में छोटे शहर के म्यूजिक टीचर की भूमिका प्ले कर रहे हैं। खास बात है किसुखविंदर सिंह ने फिल्म की शूटिंग भी खत्म कर ली है और उन्होंने किसी को इस बात की भनक तक नहीं लगने दी। आजकल फिल्म का पोस्ट-प्रोडक्शन कार्य चल रहा है। गौरतलब है कि गायकसुखविंदर सिंह के मन में लंबे समय से अभिनय करने की ख्वाहिश थी। वे सही अवसर का इंतजार कर रहे थे। सुखविंदर की पहली फिल्म खुदी को कर बुलंद इतना वर्ष के अंत तक प्रदर्शित होगी।
-रघुवेन्द्र सिंह

अक्षय हैं स्वीट | रुपाली गांगुली

रिअॅलिटी शो फीयर फैक्टर के पार्ट टू में अभिनेत्री रुपाली गांगुली पहली बार अलग अंदाज में नजर आएंगी। अब तक उन्हें धारावाहिकों में घरेलू महिलाओं की भूमिका में देखा गया है। रुपाली कहती हैं, मैं इस शो को लेकर उत्साहित हूं। मुझे जिंदगी में पहली बार इतना रोमांचक शो करने को मिला है। मेरे पास जब शो का ऑफर आया, तब मैं दुविधा में थी कि करूं या नहीं, क्योंकि मैंने बचपन से लेकर आज तक ऐसा काम नहीं किया। बाद में मैंने सोचा कि ऐसे शो का हिस्सा बनने का मौका सबको नहीं मिलता। मैंने फौरन हां कह दिया।
शो बिग बॉस में रुपाली अक्सर रोती दिखती थीं। उन्हें लोगों की छोटी-छोटी बातें ठेस पहुंचाती थीं। इस शो में उन्होंने स्टंट कैसे किए? जवाब में वे कहती हैं, यही तो ताज्जुब वाली बात है। मैं बहुत इमोशनल हूं। मुझे छोटी-छोटी बातें लग जाती हैं। मैं आसानी से रो देती हूं। बिग बॉस के घर से बाहर आने के बाद मेरी छवि रोने-धोने वाली महिला की बन गई, लेकिन मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ा। उस शो से लोग यह भी जान गए कि मैं ईमानदार हूं। मैं इस शो में भी खूब रोई हूं। मैं हर स्टंट करने से पहले रोती थी। कई बार शो छोड़कर भागने का खयाल भी मेरे मन में आया। मुझे नहीं पता कि मैंने शो में क्या और कैसे किया है, लेकिन मैं खुश बहुत हूं।
रुपाली आगे कहती हैं, मैं शो की फैन हूं। हालांकि मैं ऐडवेंचरस बिल्कुल नहीं हूं। अक्षय कुमार के साथ शूटिंग करने के अनुभव रुपाली बताती हैं, अक्षय से मेरी पुरानी जान-पहचान थी। उन्होंने मेरे पापा अनिल गांगुली की फिल्म दिल की बाजी में काम किया था। वे बहुत स्वीट हैं। लोगों की खिंचाई करना उनकी आदत है। उन्होंने मेरी भी बहुत खिंचाई की, लेकिन साथ ही मेरा मार्गदर्शन भी किया। सभी प्रतियोगी उन्हें सर कहते थे। स्टंट करने से पहले कोई प्रतियोगी नर्वस होता था, तो वे उसका हौसला बढ़ाते थे।
रुपाली अपने अभिनय करियर से खुश हैं। संजीवनी, साराभाई वर्सेज साराभाई और बिग बॉस जैसे लोकप्रिय शो के बाद वे फीयर फैक्टर का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करती हैं। वे कहती हैं, मैंने शुरू से अलग काम करने की कोशिश की। दर्शकों ने हर शो में मुझे नए अंदाज में देखा, लेकिन सच कह रही हूं, मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं इस रोमांचक शो का हिस्सा बनूंगी। उम्मीद है कि इसमें मेरी उपस्थिति दर्शकों के लिए मनोरंजक होगी। लोग पहली बार मुझे स्टंट करते देखेंगे। मैं सबकी प्रतिक्रिया जानने का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं। बिग बॉस के बाद इस शो में रुपाली फिर कैरल ग्रेसियस के साथ नजर आएंगी। वे शो में कैरल की उपस्थिति से उत्सुक हैं। भावी योजनाओं के बारे में वे कहती हैं, शो फीयर फैक्टर के बाद उम्मीद है कि मेरे बारे में लोगों की सोच बदलेगी। मुझे अच्छा काम मिलेगा। मैं ऐसे ही और शो का हिस्सा बनना चाहूंगी।
-रघुवेन्द्र सिंह

टीचर मुझे पीटती थीं: रमेश खट्कर | मुलाकात

हरियाणा के जींद जिले से निर्देशक बनने की चाहत लिए 1996 में रमेश खट्कर मुंबई आए। इसी वर्ष उन्होंने जी टीवी के लिए एनकाउंटर सीरियल का निर्देशन किया। सीरियल रामगोपाल वर्मा को इतना पसंद आया कि उन्होंने रमेश को एक रोमांटिक फिल्म लिखने को दे दी। फिल्म मस्त रमेश ने ही लिखी थी। जंगल और कंपनी फिल्मों में रामू के मुख्य सहायक रहे रमेश अपनी पहली फिल्म टॉस लेकर आ रहे हैं। बातचीत रमेश से..
निर्देशक बनने का निर्णय आपने कब लिया?
मैंने बचपन में तय कर लिया था कि फिल्म निर्देशक बनना है। मैं स्कूल जाते समय दीवारों पर लगे फिल्मों के पोस्टर ध्यान से पढ़ता था और क्लास में टीचर से फिल्म के लेखक और निर्देशक के बारे में पूछता था। टीचर कहती थीं कि लड़का बिगड़ रहा है। वे मेरी जमकर पिटाई करती थीं। मैं सिनेमा से बहुत प्रभावित था। सिनेमा का आकर्षण मुझे मुंबई खींचकर लाया।
आपने निर्देशन का प्रशिक्षण लिया था कि मुंबई आते ही निर्देशित करने का मौका मिल गया?
मैंने कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है। मैं मुंबई आकर किसी निर्देशक को असिस्ट करना चाहता था। मेरे एक मित्र जी टीवी में काम करते थे। उनके सहयोग से मुझे एनकाउंटर निर्देशित करने का मौका मिला। रामू ने वह सीरियल देखा और मुझे मिलने के लिए बुलाया। मैं जब उनसे मिला, तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए एक फिल्म लिखो। मैं सोच रहा था कि वे थ्रिलर फिल्म लिखने के लिए कहेंगे, लेकिन उन्होंने रोमांटिक फिल्म लिखने को कहा। मैंने मस्त लिखी। जंगल और कंपनी फिल्मों में भी उनके साथ रहा। बाद में मैंने अपना अलग रास्ता चुन लिया।
रामू का साथ क्यों छोड़ दिया?
मैं अपनी तरह की फिल्म बनाना चाहता था। मैं अपनी सोच और सिद्धांत से समझौता करके काम नहीं कर सकता। हालांकि रामू का साथ छोड़ने के बाद मुझे काफी संघर्ष करना पड़ा। मैंने तीन-चार फिल्में लिखीं और निर्माताओं से मिला, लेकिन बात नहीं बनी। उन फिल्मों को बनाने का खयाल मैंने छोड़ दिया। 2007 में टॉस फिल्म का आइडिया मेरे दिमाग में आया और संयोग से मुकेश रमानी से मेरी मुलाकात हो गई।
टॉस किस तरह की फिल्म है?
मैं इसे किसी जॉनर में नहीं रख सकता। कॉलेज के दिनों में दोस्तों से डिस्कशन के दौरान इस फिल्म की कहानी उपजी थी। वही कहानी है। मीडिया और दर्शक तय करेंगे कि यह किस तरह की फिल्म है। इसकी कहानी छह दोस्तों की है, जो बचपन से साथ हैं। मैंने फिल्म के माध्यम से बताने की कोशिश की है कि मौजूदा समय में रिश्ते का अस्तित्व नहीं है। पैसा सबसे बड़ा हो गया है। क्या यह सही है? यही सवाल मैंने टॉस में उठाया है।
फिल्म निर्देशन का अनुभव कैसा रहा?
अच्छा रहा। निर्माता मुकेश रमानी ने मेरा भरपूर सहयोग किया। फिल्म के कलाकारों प्रशांत राज, आरती छाबरिया, महेश मांजरेकर, सुशांत सिंह, राजपाल यादव सभी का सहयोग मिला। अश्मित पटेल मेरे मित्र हैं। उन्होंने मित्रता निभाई। वे सेट पर ब्वॉय का भी काम करने से नहीं हिचकते थे। मैं लकी हूं कि मुझे सहयोगी टीम मिली।
भावी योजनाएं क्या हैं?
मैंने एक फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी है। टॉस की रिलीज के बाद उसके लिए कलाकारों का चयन करूंगा। टॉस मेरी पहली फिल्म है। मैं चाहूंगा कि दर्शक इसे देखें। मुझे उम्मीद है कि फिल्म देखने में उन्हें मजा आएगा।
-रघुवेन्द्र सिंह