Friday, August 28, 2009

सत्तर के दशक की फिल्म किसान | फिल्म समीक्षा

मुख्य कलाकार : जैकी श्राफ, सोहेल खान, अरबाज़ खान, दीया मिजऱ्ा, नौहीद सायरसी
निर्देशक : पुनीत सिरा
तकनीकी टीम : निर्माता- सोहेल खान एवं रोनी स्क्रूवाला, बैनर-सोहेल खान प्रोडक्शन, पटकथा-वेकेना ढि़ल्लन, सोहेल खान, गीत- पंछी जालौनी, संगीत-डब्बू मलिक।
पुनीत सिरा की फिल्म किसान से खेत-खलिहान, हल और किसान बड़े पर्दे पर वापस लौटे हैं। किसान पंजाब के किसी गांव के विधुर किसान दयाल सिंह और उसके दो बेटों की कहानी है। दयाल सिंह बड़े बेटे को शहर पढ़ने के लिए भेजता है ताकि वह शिक्षित बने और छोटे बेटे को खेती में लगाता है। अचानक गांव में शहर का व्यवसायी सोहन सेठ आता है और वह किसानों से जमीन बेचने के लिए कहता है, लेकिन दयाल सिंह उसका विरोध करता है। यही बात दयाल सिंह को सोहन सेठ का दुश्मन बना देती है। यहीं से फिल्म विषय से भटकती है। किसान फिल्म से गायब हो जाते हैं और दयाल सिंह, उसके बेटों एवं सोहन सेठ के बीच लड़ाई छिड़ जाती है। गांव भी फिल्म से गायब हो जाता है।
पुनीत सिरा ने मनोज कुमार की फिल्मों से प्रेरित होकर किसान बनाई है। यह सत्तर के दशक की फिल्म प्रतीत होती है। इसकी कहानी, पात्र और फिल्म में पेश की गई किसानों की समस्या उसी जमाने की है। यदि पुनीत सिरा ने आज के किसानों की समस्याओं पर शोध करके फिल्म बनाई होती तो नयापन लगता। निर्देशक को ग्रामीण कल्चर भी जानने की जरूरत है। जैकी श्रॉफ, सोहेल खान, नौहीद सायरसी और दिया मिर्जा ने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है, जबकि अरबाज खान पूरी फिल्म में कन्फ्यूज लगते हैं। डब्बू मलिक का संगीत कहानी के अनुकूल है।
रेटिंग- ढ़ाई स्टार
-रघुवेन्द्र सिंह

हंसाने की असफल कोशिश रही डैडी कूल | फिल्म समीक्षा

मुख्य कलाकार : सुनील शेट्टी, आरती छाबरिया, आशीष चौधरी, ट्यूलिप जोशी, आफताब शिवदासानी, जावेद जाफरी, किम शर्मा, सोफी चौधरी, चंकी पांडे, राजपाल यादव, प्रेम चोपड़ा।
निर्देशक : कुमार मुरली मोहन राव
तकनीकी टीम : निर्माता- अशोक ठाकरिया, इन्द्र कुमार, बैनर- मारूति इंटरनेशनल एवं बिग पिक्चर्स, कहानी-पटकथा- तुषार हीरानंदानी, संवाद- फरहाद-साजिद, संगीत-राघव सच्चर।
अंतिम संस्कार दुख की घड़ी होती है, लेकिन के मुरली मोहन राव ने अपनी फिल्म डैडी कूल में इस दुखद समय में हंसाने की कोशिश की है। गोवा के एक ऑफिसर डगलस लाजरस के अंतिम संस्कार में उनके सगे-संबंधी और दोस्त पहुंचते हैं। उन सभी की अपनी कहानी एवं अपनी समस्याएं हैं, जो अंतिम संस्कार के समय सामने आती हैं। एक नशीली दवा के सेवन के कारण कहानी के कुछ पात्र अजीबो-गरीब हरकतें करने लगते हैं, जिस पर आपको हंसी आ सकती हैं। आजकल समलैंगिकता हर निर्देशक का पसंदीदा विषय बना हुआ है, के मुरली मोहन राव ने भी अपनी फिल्म में इसे भुनाया है। राजपाल यादव अभिनीत पात्र अचानक जब मृतक व्यक्ति डगलस के बेटे को बताता है कि वह और उसके पिता लवर्स थे तो कहानी में दिलचस्प मोड़ आता है, लेकिन अंत में निर्देशक ने इस प्लॉट का जिस प्रकार अंत किया है, उससे कहानी कमजोर बन जाती है।
डैडी कूल अंग्रेजी फिल्म डेथ एट ए फ्यूनरल का ऑफिशियल हिंदी रीमेक है। फिल्म इंटरवल के पहले हंसाती है, लेकिन बाद में ऐसा लगता है कि सभी पात्र जबरदस्ती हंसाने की कोशिश कर रहे हैं। फिल्म के इमोशनल दृश्य भी कमजोर हैं। सभी कलाकारों का अभिनय औसत है।
रेटिंग-दो स्टार
-रघुवेन्द्र सिंह

Thursday, August 27, 2009

भाग जॉनी में करन निभाएंगे मुख्य भूमिका

मुंबई। विक्रम भट्ट के होम प्रोडक्शन एएसए की अगली फिल्म भाग जॉनी में लोकप्रिय टीवी कलाकार करन सिंह ग्रोवर मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। मिली जानकारी के मुताबिक, भाग जॉनी रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है। यह एक लड़के और तीन लड़कियों की कहानी है। करन सिंह ग्रोवर इसमें मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। इसका निर्देशन दीपक तिजोरी कर रहे हैं। दीपक अपनी फिल्म फॉक्स के प्रदर्शन के बाद भाग जॉनी की शूटिंग शुरू करेंगे।
गौरतलब है कि करन सिंह ग्रोवर पहली बार बड़े पर्दे पर डिनो मोरिया और शीतल मेनन अभिनीत फिल्म भ्रम में दिखे थे। उसमें उन्होंने डिनो मोरियो के मित्र की छोटी सी भूमिका निभाई थी। आजकल करन सिंह ग्रोवर को स्टार वन के शो दिल मिल गए में देखा जा सकता है।
-रघुवेन्द्र सिंह

Wednesday, August 26, 2009

ब्लैक बेल्ट होल्डर बनेंगी ईशा

मुंबई। फिल्म अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर जल्द ही ताइक्वांडो की ब्लैक बेल्ट होल्डर बन जाएंगी। वे सितंबर के पहले सप्ताह में ब्लैक बेल्ट की परीक्षा देंगी। ईशा कोप्पिकर इस वक्त साउथ अफ्रीका में कलर्स के रियलिटी शो 100 प्रतिशत दे दना दन की शूटिंग कर रही हैं। साउथ अफ्रीका से ईशा ने बताया, मैं पिछले आठ वर्षो से मार्शल आर्ट से जुड़ी हूं। अब जल्द ही मैं ताइक्वांडो की ब्लैक बेल्ट होल्डर कहलाऊंगी। मैं सितंबर के पहले सप्ताह में ब्लैक बेल्ट की परीक्षा देने चार दिनों के लिए मुंबई आ रही हूं। मुझे उस वक्त बेहद खुशी होगी, जब लोग ब्लैक बेल्ट होल्डर ईशा कहकर बुलाएंगे। ईशा कोप्पिकर ने आगे कहा, मुझे यह बात खलती है कि अब तक फिल्मों में मुझे मार्शल आर्ट का प्रदर्शन करने का मौका नहीं मिला है।
गौरतलब है कि ईशा कोप्पिकर की तीन फिल्में राम गोपाल वर्मा की शबरी और मुक्ता आटर््स राइट या रांग एवं हैलो डार्लिग जल्द प्रदर्शित होंगी। वे कलर्स के रियलिटी शो 100 प्रतिशत दे दना दन से पहली बार छोटे पर्दे पर आ रही हैं। ईशा कोप्पिकर ने बताया कि वे कुश्ती खेल को प्रोमोट करने के मकसद से इस शो से जुड़ी हैं। वे इस शो में संचालन की जिम्मेदारी निभा रही हैं।
-रघुवेन्द्र सिंह

Tuesday, August 25, 2009

फिल्मों का डॉक्टर बन गया हूं-डेविड धवन

अपनी फिल्म के पात्रों की तरह खुशमिजाज़ और जिंदादिल हैं डेविड धवन. वे करीबियों को अपनी मजेदार बातों और दर्शकों को अपनी हास्य फिल्मों से हंसाते हैं. डेविड धवन की नई फिल्म है डू नॉट डिस्टर्ब। इस फिल्म में गोविंदा के साथ रितेश देशमुख, सुष्मिता सेन और लारा दत्ता केंद्रीय भूमिकाओं में हैं। प्रस्तुत है, डेविड धवन से बातचीत-
सिर्फ कॉमेडी फिल्में ही क्यों बनाते है?

देखिए, मैं चलती गाड़ी का बोनट नहीं खोलता। लोग कहते हैं कि आप कॉमेडी फिल्मों से अलग क्यों नहीं कुछ बनाते? अरे, मैं क्यों बनाऊं? पब्लिक जिसकी प्रशंसा करती है, मैं वही पिक्चर बनाऊंगा न। मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा ने पूरी जिंदगी एक ही तरह की फिल्में बनाईं। हर मेकर का एक स्टाइल होता है और वही उसकी पहचान होती है। मैं कॉमेडी फिल्में ही निर्देशित करूंगा।
डू नॉट डिस्टर्ब में किस तरह की कॉमेडी है?
कॉमेडी तो कॉमेडी होती है। कॉमेडी का प्रकार नहीं होता। जब हम कहानी लिखते हैं तो हमारा मकसद हंसाना होता है। हंसाने के लिए हम तरह-तरह की परिस्थिति बनाते हैं। मैं मनमोहन देसाई को फॉलो करता हूं। वे मेरे गुरू हैं। मेरी फिल्मों में जो फील है, वह मैंने उनसे ही लिया है। अब पिक्चर का फील ईजी हो गया है। अब ड्रामेबाजी और चिल्लाचिली कम हो गई है। मैं भी बदल गया हूं। वरना, नए लोग मुझे चेंज कर देते।
नए फिल्मकारों का डर है आपके मन में?
डर तो होना चाहिए। नहीं तो मैं काम अच्छा कैसे करूंगा। डर नहीं होगा तो आदमी कब निकल जाएगा, पता नहीं चलेगा। नई जेनरेशन बहुत अच्छी है। नए लड़के कम पैसों में अच्छी पिक्चर बना रहे हैं। मैं उनकी सराहना करता हूं।
नई चीजों के लिए खुद को कैसे तैयार रखते हैं?
मैं वक्त के साथ चलता हूं। मैं अग्रेसिव नेचर का हूं, लेकिन पिक्चर सोच-समझकर बनाता हूं। मैं उम्र के साथ और सोचने लगा हूं। मैं अपनी रिस्पेक्ट के हिसाब से काम करता हूं। अब बचकाना काम नहीं करता।
आप फिल्म निर्माण में क्यों नहीं आए?
जरूरत क्या है? मैं आराम से काम कर रहा हूं। प्रोड्यूसर बन गया तो मैं चैन से बैठ नहीं पाऊंगा। जब तक निर्देशक हूं, तब तक टेंशन नहीं है। मेरा बेटा रोहित भी दूसरे निर्माता के लिए फिल्म बना रहा है।
डू नॉट डिस्टर्ब की कहानी क्या है?
डेविड धवन की फिल्म है। लोग बाहर निकलेंगे तो कहेंगे कि इसी की फिल्म है। फिल्म में मजेदार माहौल है। सब किरदार अजीब सी सिचुएशन में फंसते हैं और बाद में एक-एक करके निकल जाते हैं। मैं फिल्म की कहानी नहीं बताऊंगा। मेरी फिल्म में वनलाइनर नहीं होता, स्क्रीन प्ले होता है। गोविंदा, रितेश, सुष्मिता, लारा सभी कलाकारों ने नई एक्टिंग की है।
गोविंदा अंधविश्वासी हो गए हैं। उनके प्रोफेशनलिज्म पर भी सवाल उठ रहा है। सच्चाई क्या है?
गोविंदा बहुत अच्छा इंसान है। उसने मेरे साथ तो कभी ऐसा नहीं किया। उसको आप जैसे हैंडल करो, वह काम करता है। उसने डेढ़ सौ पिक्चर की है। उसका अपना तरीका है। लोगों का क्या है?
संपादन, निर्देशन और लेखन में आप किसे अधिक एंज्वाय करते हैं?
मैं एडीटर पहले हूं उसके बाद सब कुछ। एडीटर होने की वजह से ही मैं आज इतना बड़ा डायरेक्टर बना हूं। अब मैं फिल्मों का डॉक्टर बन गया हूं। मुझे एडीटिंग में मजा आता है। मैंने बारह साल एडीटिंग की है, तब निर्देशक बना। एडीटर होने की वजह से मैं शूटिंग के समय टाइम, पैसा सब बचाता हूं। मुझे बत्तीस साल हो गए तब भी नए लोगों को टक्कर दे रहा हूं। मैं खुद को जवान महसूस करता हूं।
छोटे पर्दे पर आने का क्या लाभ हुआ?
मैंने तीस साल फिल्में बनाईं, लेकिन सड़क पर निकलता था, तो मुझे कोई नहीं पहचानता था। अब लोग आकर कहते हैं कि मैंने आपको हंस बलिए में देखा। छोटे पर्दे की ताकत बढ़ गई है। पर्दे के पीछे के लोगों को टेलीविजन पहचान दिला रहा है।
-रघुवेन्द्र सिंह

हौसला दिखाने को बेताब हसीनाएं

कलर्स के लोकप्रिय रिअॅलिटी शो फीयर फैक्टर खतरों के खिलाड़ी के दूसरे सीजन में साउथ अफ्रीका के खूबसूरत शहर केप टाउन में 13 खूबसूरत हसीनाएं अपने साहस से सभी को चौंकाने आ रही है। महागुरु की भूमिका में अक्षय कुमार उनमें हर एडवेंचर को पूरा करने का हौसला जगाएंगे।
फीयर फैक्टर इस बार शामिल सेलेब्रिटीज अपने क्षेत्र में खास पहचान रखती है। छोटे पर्दे से शोहरत की दुनिया में कदम रखने वाली मंदिरा बेदी ने व‌र्ल्ड कप की एक्सट्रा इनिंग्स से पॉपुलैरिटी के मुकाम को छुआ। टीवी एक्ट्रेस रूपाली गांगुली बिग बॉस के घर में भी रह चुकी है। रूपाली कहती है, मैं निजी जीवन में एडवेंचरस नहीं हूं। मैं भावुक हूं। छोटी-छोटी बातें मेरे दिल को लग जाती हैं और मेरी आंखों में आंसू जाते हैं। फीयर फैक्टर में लोग मेरा नया अंदाज देखकर दंग रह जाएंगे। श्वेता साल्वे मॉडलिंग के साथ ही लिपस्टिक, किटी पार्टी और लेफ्ट राइट लेफ्ट जैसे कई धारावाहिकों में अभिनय कर चुकी है।
मॉडलिंग से जुड़ी शोनाली नागरानी मिस इंडिया इंटरनेशनल 2003 में रनर अप रह चुकी है। शोनाली बताती है, ऐसे मुझे स्टंट का मौका मिला, ये बड़ी बात है। गाड़ी के साथ खाई में फेकने की कोशिश वाला स्टंट मेरे लिये बहुत कठिन था। एक तरफ खाई थी, तो दूसरे तरफ बुलडोजर। यह शो मेरे जीवन का बेस्ट शो है। सलमान खान के साथ किए एड से चर्चा में आयीं सुषमा रेड्डी ने चॉकलेट, डीप डार्क सीक्रेट, चुप चुपके और डॉन द चेज..में अभिनय किया है। मशहूर मॉडल कैरल ग्रेसियस कहती है, मैंने लाइफ में कभी स्टंट नहीं किए। अंडरवाटर और फ्लाइंग के दौरान मुझे पता चला कि मैं फिजीकली कितनी स्ट्रांग हूं।
जेसी रंधावा चर्चित माडल है। रोजा कैटलानो अभिनेता सैफ अली खान की एक्स गर्ल फ्रेंड के तौर पर चर्चा में आयीं। देशद्रोही में आइटम नंबर से वह बॉलीवुड में कदम रख चुकी है। पिया त्रिवेदी मॉडल होने के साथ ही चैनल वी में वीजे रह चुकी हैं। पिया कहती है कि बचपन से मुझे एडवेंचर से बहुत लगाव था। मैं पहले ही स्टंट से बहुत डरी हुई थीं, पर अक्षय ने मुझमें हौसला जगाया। अब तो मैं अक्षय की फैन बन गयी हूं। नौहीद सायरसी मॉडल है। म्यूजिक एल्बम पिया बसंती से चर्चा में आयी नौहीद वीजे भी रही है। नौहीद कहती हैं, मैं एडवेंचरस हूं। यह अलग बात है कि मेरे चेहरे पर वह दिखता नहीं है। इस शो में दर्शक रीयल नौहीद को देखेंगे और उम्मीद है कि शो के बाद मुझे मिलने वाली भूमिकाओं में बदलाव आएगा।
सोनिका कालीरमन खेल जगत से जुड़ी है। रेस्लर सोनिका कहती है, आजकल क्रिकेट, फुटबाल, टेनिस आदि खेलों के खिलाड़ी हमेशा मीडिया में रहते हैं, जिससे उनके खेल को लोकप्रियता मिलती है। मैं कुश्ती प्रमोट करने के इरादे से इस शो में आई हूं। अनुष्का मनचंदा सिंगर, मॉडल और वीजे है। फिल्म गोलमाल के टाइटल गीत से धूम मचाने वाली अनुष्का कहती है, मैं शो में इसलिए गई ताकि अपने बच्चों को बता सकूं कि मैंने खतरनाक शो भी किए हैं। मैं शो का अनुभव कभी नहीं भूल पाऊंगी। खासकर वे पल जब अक्षय कुमार स्टंट करने से पहले मुझसे कहते थे कि गाना गाओ। उन्होंने शो में मेरा नाम अंकुश रखा था। ब्रूना अब्दुल्ला मॉडल वीजे है। मॉडलिंग के साथ ही बॉलीवुड में दखल दे चुकीं ब्रूना फिल्म कैश में आइटम डांस से चर्चा में आयीं।

-raghuvendra singh

Friday, August 21, 2009

लोग मुझसे जलते हैं: राखी सावंत | मुलाकात

जनवरी, 2009 में टोरंटो के व्यवसायी इलेश परूजनवाला ने मुंबई में किऑन इंटरनेशनल फिल्म एकेडमी शुरू की। अप्रैल में उन्हें पता चला कि फिल्म इंडस्ट्री की चर्चित आइटम गर्ल राखी सावंत स्वयंवर रचाने जा रही हैं, तो उन्होंने शो में हिस्सा लिया। वे शो के सबसे रईस प्रतियोगी थे। राखी ने शो के सोलह प्रतियोगियों को ठुकराते हुए उन्हीं से सगाई की, लेकिन वे उनके साथ सात फेरे लेंगी या नहीं, यह न तो वे जानती हैं और न ही उनके मंगेतर इलेश। चर्चा है कि राखी और इलेश के बीच दो साल तक साथ रहने का अनुबंध हुआ है। तब तक राखी इलेश को उनका बिजनेस स्थापित करने में मदद करेंगी। वे स्कूल में क्लास लेने भी जाएंगी। फिलहाल, राखी और इलेश एक नए रिअॅलिटी शो पति-पत्नी और वो में बिजी हैं। प्रस्तुत है राखी सावंत से बातचीत..।
आपने इलेश को ही जीवनसाथी क्यों चुना?
इलेश औरतों की इज्जत करते हैं। वे समझदार हैं। उनके पास अच्छी फैमिली है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे मुझसे प्यार करते हैं, इसलिए मैंने उन्हें चुना। वे टोरंटो के हैं, इसलिए मैंने उन्हें जीवनसाथी नहीं चुना। मेरे पास पैसे की कमी नहीं है। मैं आत्मनिर्भर हूं। वे मेरा खयाल रखते हैं।
करियर को आगे बढ़ाना है, इसलिए शादी में देर कर रही हैं?
मुझे अपने करियर को लेकर टेंशन नहीं है। मैं तो सगाई के दिन ही इलेश से शादी करने के लिए तैयार थी, लेकिन उन्होंने शादी करने से मना किया। इलेश ने कहा कि वे मुझे जानने और समझने के लिए और वक्त चाहते हैं। मुझे लगा कि उन्हें वक्त देना चाहिए। मैं शादी भी दुनिया के सामने ही करूंगी। फिलहाल, हम दोनों ने तय नहीं किया है कि कितने महीने या कितने साल बाद शादी करेंगे।
सगाई के बाद खुद को कितनी जिम्मेदार महसूस कर रही हैं?
मुझमें कोई बदलाव नहीं आया है। मैं पहले की तरह ही काम करूंगी। आइटम सॉन्ग करूंगी। इलेश और उनके परिवार को कोई आपत्ति नहीं है। हां, पहले मैं अकेली थी। अब मुझे परिवार मिल गया है। उनका खयाल रखने की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई है। मैं जल्द ही टोरंटो जाऊंगी।
आपने शादी न करने की कसम खा ली थी। रिअॅलिटी शो में सोलह पुरुषों को करीब से देखने के बाद क्या पुरुषों के प्रति आपकी धारणा बदली है?
पुरुषों के बारे में तो आप ऐसे कह रहे हैं, जैसे मेरी लाइफ में कई पुरुष आए हैं! मेरी लाइफ में सिर्फ एक पुरुष था। सच है कि अभिषेक से अलग होने के बाद मैंने कहा था कि मैं शादी नहीं करूंगी, लेकिन मैं जिंदगी भर अकेली नहीं रह सकती थी। शो में इलेश अच्छे थे, मैंने उन्हें चुना। पुरुष बिरादरी के बारे में मैं कमेंट नहीं करना चाहती।
क्या आपके और इलेश के बीच दो साल साथ रहने का अनुबंध साइन हुआ है?
यह कोरी अफवाह है। जो लोग मुझसे जलते हैं, वे इस तरह की फालतू बातें कह रहे हैं। हमने कोई अनुबंध साइन नहीं किया है। मैंने अपनी मर्जी से इलेश को जीवनसाथी चुना है। लोग तो यह भी कह रहे थे कि मैं शो छोड़कर भाग जाऊंगी, किसी से शादी नहीं करूंगी। मैं नौटंकी कर रही हूं, लेकिन वह सब झूठ साबित हुआ न! ठीक वैसे ही, एक दिन यह बात भी झूठी निकलेगी।
करियर को लेकर आपकी क्या योजना है?
मेरी नई फिल्म दिल बोले हडि़प्पा आने वाली है। उसमें मैं रानी मुखर्जी के साथ चौके-छक्के लगाती दिखूंगी। मैंने सगाई की है, शादी नहीं। यह मत सोचिए कि मैं छुट्टी लेकर घर बैठ जाऊंगी। मैंने बहुत मुश्किल से इंडस्ट्री में जगह बनाई है, इतनी आसानी से नहीं जाऊंगी।
-raghuvendra singh

Thursday, August 20, 2009

दो हफ्ते आराम करेंगी प्रियंका | खबर

मुंबई। गत कुछ महीनों से फिल्मों की लगातार शूटिंग एवं प्रचार में व्यस्त प्रियंका चोपड़ा को उनके डॉक्टर ने दो हफ्ते आराम करने की सलाह दी है। एक मुलाकात में प्रियंका चोपड़ा ने बताया, मैं अपने परिवार के साथ दो हफ्ते के लिए विदेश जा रही हूं। मेरे डॉक्टर ने मुझे आराम करने को कहा है। इस दौरान मैं अपना फोन बंद रखूंगी। मैं दो हफ्ते तक किसी के संपर्क में नहीं रहूंगी। प्रियंका ने स्वीकार किया कि आशुतोष गोवारिकर की फिल्म व्हाट्स योर राशि के सेट पर वे तनाव की वजह से कई बार बेहोश हो गई थीं। तभी से उनकी तबियत खराब चल रही है।
गौरतलब है, व्हाट्स योर राशि में प्रियंका चोपड़ा ने बारह किरदार निभाए हैं और वे सभी किरदार एक-दूसरे से अलग है। इसमें वे हरमन बावेजा के साथ नजर आएंगी। प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि फैशन और कमीने उनके करियर की मुश्किल फिल्में थीं। इनकी सफलता के बाद उन्हें लग रहा है कि वे दसवीं कक्षा उत्तीर्ण कर गई हैं। अब उनकी सबसे मुश्किल फिल्म व्हाट्स योर राशि प्रदर्शन के लिए तैयार है। यदि वह सफल हुई तो वे बारहवीं पास हो जाएंगी।
फैशन, दोस्ताना और कमीने लगातार तीन सफल फिल्मों के बाद भी प्रियंका स्वयं को नंबर वन अभिनेत्री नहीं मान रहीं। प्रियंका चोपड़ा का कहना है, मैं एक्टिंग की क्वीन नहीं हूं। मैं अभी एक्टिंग सीख रही हूं। मैं हर दिन सेट पर कुछ न कुछ नया सीखती हूं। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे पांच साल के भीतर इंडस्ट्री के प्रसिद्ध फिल्मकारों के साथ काम करने का मौका मिला। मुझे किसी बात का घमंड नहीं है। प्रियंका को उम्मीद है कि उनकी आने वाली फिल्में व्हाट्स योर राशि और प्यार इंपासिबल दर्शकों को पसंद आएंगी। गौरतलब है कि विदेश रवाना होने से पहले प्रियंका चोपड़ा ने मंगलवार को देर रात तक चली कमीने फिल्म की प्राइवेट सक्सेस पार्टी में शिरकत किया।
-रघुवेन्द्र सिंह

Wednesday, August 19, 2009

काले गोरे से फर्क नहीं

nayi फिल्म एक्सीडेंट -ऑन हिल रोड से सेलिना जेटली साबित करने की कोशिश कर रही हैं कि वे परिपक्व और गंभीर भूमिका भी निभा सकती हैं। वे महज ग्लैमर डॉल नहीं हैं। सेलिना कहती हैं कि एक्सीडेंट मेरे करियर की पहली फिल्म है, जिसमें मुझे अदाकारी दिखाने का सही-सही मौका मिला है। मैं इस फिल्म में ऐसी लड़की की भूमिका निभा रही हूं, जिसके व्यक्तित्व के कई पहलू हैं। दर्शकों को तय करने में मुश्किल होगी कि सोनम चोपड़ा निगेटिव कैरेक्टर है या पॉजिटिव। सबसे बड़ी बात यह है कि इस फिल्म में मुझे निर्देशक, स्क्रिप्ट, टेक्नीशियन परफेक्ट मिले हैं। वर्ना होता क्या है कि यदि स्क्रिप्ट अच्छी होती है, तो निर्देशक और टेक्नीशियन अच्छे नहीं होते। मेरा दावा है कि दर्शक फिल्म में मेरे रिअॅल लुक को देखकर चौंकेंगे।
फिल्म की कहानी और अपनी भूमिका के बारे में जानकारी देती हैं सेलिना, यह एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है। यह किसी विदेशी फिल्म का रिमेक नहीं है और न ही किसी फिल्म से प्रेरित है। इसकी कहानी के केंद्र में सोनम चोपड़ा, प्रकाश श्रीवास्तव और सिद हैं। मैं इसमें सोनम चोपड़ा की भूमिका निभा रही हूं। सोनम महत्वाकांक्षी लड़की है। वह जिंदगी में बहुत आगे जाना चाहती है, लेकिन एक गलती से उसकी जिंदगी दांव पर लग जाती है। इसमें मैं फारूख शेख और अभिमन्यु सिंह के साथ दिखूंगी।
सेलिना आगे कहती हैं, यह एक रिअॅलिस्टिक फिल्म है, इसलिए इसमें मेरा लुक भी रिअॅल रखा गया है। मशहूर हेयर स्टाइलिश आलिम हकीम ने फिल्म में मेरी हेयर स्टाइल बनाई है। मैं इसमें प्योर ग्लैमरस नहीं दिखूंगी। फिल्म का हिस्सा बनने का एक कारण यह भी था कि मैं लोगों के मन में बसी अपनी ग्लैमरस डॉल की छवि खत्म करना चाहती थी। फिल्म में दर्शकों को कहीं भी सेलिना नहीं दिखाई देगी। इस फिल्म को देखने के बाद मेरे बारे में लोगों की धारणा बदलेगी, मुझे ऐसी उम्मीद है।
फारूख शेख, अभिमन्यु सिंह और नए निर्देशक महेश नायर के साथ काम करने के अनुभव के बारे में सेलिना कहती हैं, इस फिल्म की शूटिंग का अनुभव बहुत अच्छा रहा। मैं लकी हूं कि मुझे फारूख शेख के साथ काम करने का अवसर मिला। मैं उनकी प्रशंसक रही हूं। अभिमन्यु बेहद टैलेंटेड हैं। वे इस फिल्म से एक कदम और आगे बढ़ेंगे। उनके साथ मेरी केमिस्ट्री दर्शकों को पसंद आएगी। मैं खुश हूं कि महेश नायर ने अपनी फिल्म के लिए मुझे चुना। मुझे सोनम की चैलेंजिंग भूमिका निभाने का अवसर दिया। उन्होंने भी कमाल का काम किया है।
एक्सीडेंट के बाद सेलिना की रन भोला रन, हेलो डार्लिग, शोमैन और चाय गरम फिल्में एक के बाद एक रिलीज होंगी। सेलिना बताती हैं, फिल्म रन भोला रन में मैं पहली बार स्टंट करती दिखूंगी। यह फिल्म मेरे दिल के करीब है। शोमैन और चाय गरम की शूटिंग अभी जारी है। इनके अलावा मैं कैनेडियन फिल्म श्रीमती में भी काम कर रही हूं। हाल में मैंने एक अनाम हिंदी फिल्म भी साइन की है, लेकिन उसके बारे में अभी बात नहीं कर सकती। अपनी बात जारी रखते हुए सेलिना कहती हैं, मैं बांग्ला फिल्मों में काम करना चाहती हूं। मैं अंतरमहल और दहन जैसी गंभीर बांग्ला फिल्मों में काम करने की इच्छुक हूं। मेरे पास कॉमर्शिअॅल बांग्ला फिल्मों के ऑफर आए हैं, लेकिन मैंने मना कर दिया।
शादी के बारे में पूछने पर सेलिना कहती हैं, मुझे अभी तक ऐसा शख्स मिला ही नहीं, जिसके साथ मैं पूरी जिंदगी गुजारने का फैसला करूं। दरअसल, मैं ऐसा जीवनसाथी चाहती हूं, जो संस्कारी हो, जिसमें ग्रेट सेंस ऑफ ह्यूमर हो, मेरे मम्मी-पापा को रेस्पेक्ट दे और लंबा होने के साथ ही हैंडसम भी हो। मुझे काले और गोरे से फर्क नहीं पड़ता। हां, यदि फौजी हो, तो बहुत अच्छा होगा। मैं फिल्म इंडस्ट्री से जुडे़ लोग से शादी नहीं करना चाहती। वैसे भी अभी मैं सत्ताइस साल की हूं, शादी के लिए मेरे पास काफी वक्त है।

-raghuvendra singh

निर्देशक से निर्माता बने राजन शाही | मुलाकात

पिछले दस वर्षो से निर्देशन में सक्रिय राजन शाही अब निर्माता बन चुके हैं। उनके प्रोडक्शन हाउस डायरेक्टर्स कट के दो सीरियल सपना बाबुल का बिदाई और ये रिश्ता क्या कहलाता है काफी लोकप्रिय हुआ है। हाल में उनके नए धारावाहिक मात-पिता के चरणों में स्वर्ग का प्रसारण कलर्स चैनल पर शुरू हुआ है। राजन बीच-बीच में अपने प्रोडक्शन हाउस के सीरियलों के एपीसोड का निर्देशन करते रहते हैं। पहले उन्होंने जस्सी जैसी कोई नहीं, सात फेरे, मायका, विरासत, मिली और करीना-करीना सीरियलों का निर्देशन किया है। प्रस्तुत है राजन शाही से बातचीत।
आपके धारावाहिकों की लोकप्रियता का राज क्या है?
मुझे मानवीय रिश्ते के आदर्श पक्ष और संस्कार के अलावा कोई और कहानी आती ही नहीं। मैंने अपने माता-पिता से वही बातें सीखी हैं, जो धारावाहिकों में दिखा रहा हूं। आज की पीढ़ी मॉडर्न बनने के चक्कर में अपने संस्कार भूल गई है। मॉडर्न बच्चों को चार लोगों के सामने अपने माता-पिता और अपने बड़ों का पैर छूने में शर्म आती है। मैं अपने धारावाहिकों के जरिए युवाओं को उनकी पहचान को याद कराना चाहता हूं। शायद यही बात दर्शकों को अच्छी लगती है। मैं बेटी से कहता हूं कि मेरे धारावाहिकों को देखो और उनसे सीखो। मैं उसे कोई बात अलग से नहीं सिखाता।
अपने दस वर्ष के अनुभव को कुछ शब्दों में कैसे बयां करेंगे?
जितनी ख्वाहिश थी, उससे कई गुना अधिक ईश्वर ने मुझे दिया है। मैं दिल्ली से दस वर्ष पहले मुंबई आया था और रवि राय के साथ करियर की शुरुआत की। मेरे निर्देशन में बने कई धारावाहिक यादगार हो चुके हैं। मैं बहुत खुश हूं। होम प्रोडक्शन के पहले धारावाहिक बिदाई के निर्देशन की जिम्मेदारी शुरू में मैंने खुद संभाली थी, लेकिन बाद में अन्य कार्यो में व्यस्तता बढ़ गई। आज भी मैं बिदाई और ये रिश्ता.. के एपीसोड निर्देशित करता हूं। स्वर्ग का मैं क्रिएटिव डायरेक्टर हूं। मैं अपने शो के निर्माण के हर क्षेत्र में हस्तक्षेप रखता हूं। मेरी जर्नी सुखदाई है।
फिल्ममेकिंग में आने की बात है?
मैं 2010 के शुरू में होम-प्रोडक्शन की पहली हिंदी फिल्म की घोषणा करूंगा। आजकल स्क्रिप्ट पर काम कर रहा हूं। खुद स्क्रिप्ट लिख रहा हूं और उसका निर्देशन भी करूंगा। धारावाहिकों की तरह मेरी फिल्में भी पारिवारिक होंगी। अभी तक मैंने कलाकारों के चयन के बारे में कुछ नहीं सोचा है। मैं अच्छे कलाकारों के साथ काम करना चाहता हूं। सिनेमा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय काम करना चाहता हूं।
-raghuvendra singh

अच्छा लगता है सिंपल दिखना: सोहा | फैशन

सोहा अली खान ने बिग स्क्रीन पर विभिन्न किरदार निभाए हैं और हमेशा उन किरदारों के अनुरूप परिधान पहने हैं। रिअॅल लाइफ में वे किस तरह के कपड़े पहनना पसंद करती हैं और फैशन के बारे में वे क्या सोचती हैं? जानिए उन्हीं से..
किस परिधान में सहज महसूस करती हैं?
मैं फॉर्मल कपड़ों में सहज महसूस करती हूं। मुझे जींस और टी-शर्ट पहनना अधिक पसंद है।
आप किन फैशन डिजाइनरों के कपड़े पहनना पसंद करती हैं?
सब्यसांची, गौरी-नयनिका, शांतनु-निखिल, रितु कुमार और तरुण तहिलियानी मेरे फेवरेट फैशन डिजाइनर हैं। मैं अधिकतर इन्हीं के डिजाइन किए कपड़े पहनती हूं।
आपके वार्डरोब में ब्रांडेड कपड़े अधिक हैं या नॉन ब्रांडेड?
मैं ब्रांडेड कपड़ों के पीछे नहीं भागती। मैं बेहद सोच-समझकर खरीदारी करती हूं। मेरे वार्डरोब में हर तरीके के कपड़े हैं। मैं लेवल देखकर पैसे नहीं खर्च करती।
मां शर्मिला टैगोर की तरह क्या आपको भी साडि़यां पसंद हैं?
जी हां, लेकिन मेरे वार्डरोब में साडि़यां नहीं हैं। मां के पास साडि़यों का बहुत बड़ा कलेक्शन है। मैं उन्हीं की साडि़यां पहनकर कार्यक्रमों में जाती हूं।
किस रंग के परिधान आपको अधिक पसंद हैं?
मैं पीले रंग के सिवाय हर रंग के कपड़े पहनती हूं। मेरी स्किन पीली है। यदि मैं पीले रंग का कपड़ा पहनती हूं, तो अजीब लगता है।
क्या आपको गहने, पर्स और घडि़यों का शौक है?
मुझे गहने, घड़ी, पर्स और बेल्ट का जरा भी शौक नहीं है। मेरे पास सिर्फ एक बैग और एक ब्राउन कलर की चप्पल है। उसे मैं हमेशा पहनती हूं। यदि आप गौर करेंगे, तो मेरी प्रत्येक फिल्म में ब्राउन चप्पल आपको जरूर दिखेगी। मुझे ब्राउन चप्पल ही भाती है।
आपकी मां फैशन के लिए जानी जाती हैं। क्या उनसे टिप्स लेती हैं?
वे जब भी मुंबई आती हैं, मेरा वार्डरोब जरूर देखती हैं। उसके बाद कहती हैं, ये ड्रेस फेंको, आउट ऑफ फैशन हो गई है, वो ड्रेस मंगवाओ, तुम पर फबेगी। उन्हें हर चीज मैचिंग की चाहिए। मैं सुस्त हूं। मैं दस मिनट पहले तय करती हूं कि क्या पहनना है।
आपको मेकअप करना पसंद है?
बिल्कुल नहीं। मैं शूटिंग के समय या फिर किसी फंक्शन में ही मेकअप करके जाती हूं। मुझे सिंपल दिखना अच्छा लगता है।
पश्चिमी और भारतीय परिधानों में आप किसे ज्यादा पसंद करती हैं?
मैं अवसर के हिसाब से कपड़े पहनती हूं। मैं जिसमें आराम महसूस करती हूं, वही कपड़े पहनती हूं।
प्रशंसकों को फैशन के बारे में कोई सुझाव देना हो, तो क्या कहेंगी?
मुझे फोलो न करें। फैशन के मामले में अपने फैसले खुद लें। दूसरों की नकल न करें।
-raghuvendra singh