Tuesday, March 11, 2014

ऑन द सेट्स- बॉबी जासूस

दास्तान-ए-इश्क
विद्या बालन और अली फजल के बीच हैदराबाद में बॉबी जासूस के सेट पर इश्क के बेइंतेहा खूबसूरत लम्हे कायम हुए और उनके गवाह बनकर लौटे हैं रघुवेन्द्र सिंह  
निर्माता- दिया मिर्जा और साहिल सांघा (बॉर्न फ्री एंटरटेनमेंट)
निर्देशक- समीर शेख
कलाकार- विद्या बालन, अली फजल, सुप्रिया पाठक, तन्वी आजमी, अर्जन बाजवा
संगीत- शांतनु मोइत्रा
गीत- स्वानंद किरकिरे
कोरियोग्राफर- बंृदा
लोकेशन- कुतुब शाही टॉम्ब, हैदराबाद


कहानी
बॉबी (विद्या बालन) हैदराबाद की तीस साल की एक लडक़ी है. वह अपने अब्बा की तीन बेटियों में सबसे बड़ी है. अब्बा को उसके निकाह की फिक्र है, लेकिन बॉबी किचन में बंधकर नहीं रहना चाहती. वह जासूस बनना चाहती है. उसका मकसद है कि एक दिन वह हैदराबाद की नंबर वन जासूस बने. उसे अपनी जिंदगी बदलकर रख देने वाले केस का बेसब्री से इंतजार है.
कुतुब शाही टॉम्ब्स का वीराना मंजर गुलजार हो उठा, जब लोगों को इस बात की भनक लगी कि यहां विद्या बालन अपनी फिल्म बॉबी जासूस की शूटिंग कर रही हैं. उनके दीदार के लिए हुजूम उमड़ पड़ा, मगर जनता को इस बात का इल्म नहीं था कि विद्या एक टॉम्ब की चहारदीवारी के भीतर अपने माशूक से इश्क फरमा रही हैं. निर्माता साहिल सांघा हमें अंदर लेकर गए, तो हम सैकड़ों दीयों से रौशन दिलकश नजारा देखकर बेबाक रह गए. ट्रेडिशनल पाकिस्तानी लिबास- काले अनारकली और एजार पैंट्स में विद्या अपने हुस्न से कहर बरपा रही थीं, तो अली फजल नवाबी लिबास कुर्ता-पायजामा और सदरी में लाजवाब लग रहे थे. शांतनु मोइत्रा की धुन, स्वानंद किरकिरे के अल्फाज और पापोन के सुरों से सजे उल्फत के गीत तू मेरा अफसाना, तू मेरा पैमाना... ने माहौल को किसी ख्वाब सा बना रखा था. कोरियोग्राफर बंृदा के एक्शन बोलने के बाद विद्या और अली के बीच इश्क में छेडख़ानी का सिलसिला चल पड़ा. हम फटी आंखों से दोनों को एक-दूसरे की बांहों में कभी सिमटते, तो कभी छेडख़ानियां करते देख रहे थे. अचानक अली के कदमों से विद्या का दुपट्टा दब गया और वह डगडमा गईं. अली ने फौरन उन्हें संभाला. फिर दोबारा शॉट लेने की तैयारी शुरू हो गई.
दिया से हम रू-ब-रू हुए, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, देखो, दिया यहां दीए जला रही है. और फिर वह खिलखिलाकर हंस पड़ीं. बॉबी जासूस की पहली तस्वीर हमें याद है, जिसमें विद्या भिखारन के रूप में थीं. यहां उन्हें बेइंतेहा खूबसूरत अंदाज में देखकर हम उलझन में पड़ गए. दिया ने इसे सुलझाते हुए बताया, विद्या के इस फिल्म में कई लुक हैं, क्योंकि वह एक जासूस बनी हैं. मगर फिलवक्त हम जो गीत शूट कर रहे हैं, वह एक ड्रीम सीक्वेंस है. लाजमी है कि यह सब किसी के दिमाग में चल रहा है और वह जानने के लिए आपको इंतजार करना होगा. हम बात तो दिया से कर रहे थे, मगर हमारी नजरें मुड़-मुडक़र विद्या-अली की ओर जा रही थीं, जो अभ्यास कर रहे थे. शॉट लेने के लिए सिनेमैटोग्राफर विशाल सिंह तैयार थे. दिया ने तमिल में सबको फ्रेम से बाहर निकलने की गुजारिश की. स्टाइलिस्ट थिया दौडक़र विद्या का लिबास सही करती हैं. मेकअप आर्टिस्ट टचअप देने में मशगूल होता है और विद्या खुद में गुम उंगलियों पर स्टेप्स याद कर रही होती हैं. अली-विद्या कैमरे के सामने आते हैं, लेकिन शॉट के अंतिम पलों में दोनों का आपसी तालमेल बिगड़ जाता है. बंृदा उनकी तारीफ करके हौसलाअफजाई करती हैं.
विद्या को भूख महसूस होती है. वह खाने के लिए कुछ देने की गुजारिश करती हैं. अली फौरन चॉकलेट मंगवाते हैं, मगर फिलहाल विद्या अपने खाने-पीने पर काबू रखे हुए हैं. वह चॉकलेट खाने से इंकार कर देती हैं. निर्देशक समर शेख उनके सामने विकल्प रखते हैं- चाय, कॉफी? विद्या पानी से ही काम चला लेती हैं. आठवें टेक में यह शॉट मुकम्मल होता है और तालियों की गडग़ड़ाहट से टॉम्ब गूंज उठता है. विद्या और अली बेहद खुश होते हैं. दिया गंभीरता से कहती हैं, एक शॉट लेने में कितनी मेहनत और वक्त लगता है, लेकिन जब हम फिल्म देखते हैं, तो बेरहमी के साथ उसे बुरा कहकर खारिज कर देते हैं. साहिल आकर विद्या से कहते हैं कि वह दो मिनट के लिए बाहर आ जाएं, क्योंकि उनके फैंस उन्हें देखना चाहते हैं. हम अली से विद्या के साथ उनके लाजवाब तालमेल का रहस्य बारे में पूछते हैं. हमने शूटिंग पर आने से पहले मुंबई में दस दिन की वर्कशॉप की थी. उससे बहुत मदद मिली. अली ने बताया. अपने किरदार के बारे में उन्होंने बताया, मैं इसमें तसव्वुर का किरदार निभा रहा हूं. बॉबी और तसव्वुर का ट्रैक बहुत मजेदार है. इसी बीच दिया आईं और उन्होंने बताया कि विद्या के साथ शॉट देने के बाद अली ने अपनी मम्मी को फोन करके कहा था कि मम्मी, अब मैं स्टार बन गया. और उन्होंने कहा कि हमने कई लडक़ों का ऑडिशन लिया था, लेकिन हमें एक नया चेहरा चाहिए था. अली में स्टार वाली बात है. यह अली की लॉन्च फिल्म की तरह है.
शाम के साढ़े सात बज चुके हैं. अब साहिल और दिया के चेहरे पर परेशानी नजर आती है. अभी दो शॉट बाकी हैं और उन्हें नौ बजे तक इस जगह से निकलना है. अब लोकेशन बदल चुकी है. रौशनी में नहाए एक टॉम्ब के सामने लाल लहंगे में विद्या और सफेद शेरवानी में अली एक-दूसरे की खूबसूरती में इजाफा करते दिख रहे हैं. इस शॉट में अली को विद्या को हवा में उठाकर स्पिन करना है. सब हैरत में हैं कि दोनों यह शॉट कैसे करेंगे. मगर सात रिटेक के बाद विद्या-अली यह शॉट करने में कामयाब होते हैं. विद्या खुशी के मारे तालियां बजाने लगती हैं और अपने सह-कलाकार को गले से लगा लेती हैं. अगला दृश्य और मुश्किल है, क्योंकि वक्त कम है और इसमें अली को विद्या के ऊपर झुककर उनके चेहरे और गले पर उंगलियां फेरनी है और विद्या को प्यार से उनकी छेडख़ानी को रोकना है. इस शॉट में दिया खुद ब्लोइंग फैन लेकर तैनात रहती हैं. महज एक टेक में यह शॉट मुकम्मल हो जाता है. विद्या से हम ऐसे सीन के दौरान एक कलाकार की दिक्कत और झिझक के बारे में पूछते हैं, पहले होती थी थोड़ी-बहुत परिणीता के वक्त. एक एक्टर की सबसे बड़ी ताकत होती है- बेबाकी, बेशर्मी और बेझिझक. बेशर्मी जरूरी होती है, क्योंकि सौ लोगों के सामने आपको रोना, हंसना, गिरना, उठना पड़ता है. पिछले पांच-छह सालों में मुझसे जिस तरह का काम हुआ है, वो इसीलिए हुआ है, क्योंकि मुझमें एक बेशर्मी आ गई है. किरदार के लिए जो सही है, मैं वह करूंगी.
दक्षिण भारतीय फिल्मों की जानी-मानी कोरियोग्राफर बंृदा का यह विद्या के साथ पहला अनुभव है. पहली दफा में ही वह उनकी मुरीद बन गई हैं. बकौल बंृदा, मेरे हिसाब से विद्या को परफेक्शन, सिंप्लिसिटी और डाउन टू अर्थ होने के लिए पुरस्कार मिलने चाहिए.  शॉट रेडी होने के बाद जब तक हम नहीं बोलते हैं, कॉल द आर्टिस्ट, तब तक कोई आता नहीं है, लेकिन विद्या वक्त से पहले ही सामने होती हैं. यह गाना शूट करना बहुत मुश्किल था, क्योंकि यह डांस नंबर नहीं है. यह एक ट्रेडिशनल मुस्लिम गाना है और हमारे पास केवल दो दिन थे, जिसमें इसे खत्म करना था. मगर विद्या और अली के समर्पण की वजह से यह मुमकिन हो सका. विद्या आकर बंृदा को गले लगाती हैं और बॉबी जासूस की टीम को शुक्रिया अदा करती हैं. फिर विद्या और अली होटल के लिए रवाना हो जाते हैं और दिया-साहिल अगले दिन के शूट के बारे में निर्देशक समर शेख से चर्चा करने के लिए ठहरते हैं. हम भी इन खूबसूरत यादों को समेटकर लौट पड़ते हैं.

बॉबी जासूस से संबंधित रोचक तथ्य
- बॉबी जासूस की कहानी पहले मुंबई में सेट थी. हैदराबाद में एक प्रवास के दौरान दिया को इसकी कहानी अपने होम टाउन में शिफ्ट करने का विचार सूझा. लेखक समर और संयुक्ता को यह खयाल बहुत अच्छा लगा.
- बॉबी जासूस के लिए विद्या बालन ने हैदराबादी जुबान पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की. पहली बार वह इसमें हैदराबादी लहजे में संवाद बोलती दिखेंगी.
- दिया, साहिल और बृंदा ने तू मेरा अफसाना... गीत पर दो महीने पहले काम शुरू कर दिया था. दिया ने गीत के लुक में फोटोशूट करवाया. पीपीटी तैयार की और फिर उसे डिजाइनर अंकिता डोंगरे को भेजा, ताकि वह कॉस्ट्यूम बना सकें.
साभार: फिल्मफेयर

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