Monday, June 6, 2011

राजनीति के शिकार रणबीर


रणबीर कपूर की तेज रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए फिल्म इंडस्ट्री में राजनीति शुरू हो चुकी है। 'राजनीति' फिल्म में प्रतिद्वंदियों को शिकस्त देने वाला यह युवा नायक क्या निजी जीवन में भी विजेता सिद्ध होगा?

¨हदी सिनेमा की फ‌र्स्ट फैमिली के लाडले रणबीर कपूर ने चार साल पूर्व जब बड़े पर्दे पर दस्तक दी, तो सारे हिंदुस्तान के मन में एक ही प्रश्न था कि क्या रणबीर अपने पूर्वजों की शानदार गौरवमयी अभिनय परंपरा को आगे बढ़ा पाएंगे? ऋषि और नीतू कपूर के इस दुलारे ने चार साल के छोटे से कॅरियर में अपने खानदान की गरिमा में चार चांद लगा दिए। अत्यंत कम समय में रणबीर कपूर ने बचना ऐ हसीनों, वेक अप सिड, अजब प्रेम की गजब कहानी और राजनीति जैसी अलग-अलग विधाओं की चार बड़ी सफल फिल्में दीं। बॉक्स ऑफिस पर औसत रही सांवरिया, रॉकेट सिंह सेल्समैन ऑफ द ईयर और अंजाना अंजानी फिल्मों में भी उनके काम की लोगों ने सराहना की।
देखते ही देखते रणबीर की लोकप्रियता भारत के छोटे कस्बों और गांवों तक में पहुंच गई। फलस्वरूप कंपनियां रणबीर कपूर को ब्रांड अंबेसडर बनाने की होड़ में लग गईं। फिल्मों के यूथ किंग रणबीर पेप्सिको, पैनॉसानिक इंडिया और निसान मोटर्स के ब्रांड अंबेसडर बनकर एड व‌र्ल्ड के भी किंग बन गए। हल्ला तब मच गया जब कई वर्ष तक ऋतिक रोशन को अपना ब्रांड अंबेसडर बनाए रखने वाली कंपनी जॉन प्लेयर्स ने ऋतिक की बजाए अपना अगला करार रणबीर कपूर के साथ कर लिया। रणबीर की कीमत ऋतिक रोशन जैसे शीर्ष कलाकारों के समकक्ष पहुंच गई।
रणबीर कपूर की लोकप्रियता और बाजार में तेजी से बढ़ती डिमांड उनके प्रतिद्वंदियों और शीर्ष अभिनेताओं की आंखों में चुभने लगी। फिर शुरू हो गई रणबीर की इमेज को धूमिल करने की राजनीति। उनकी स्पीड पर ब्रेक लगाने की राजनीति। कुछ समय से अलग-अलग लड़कियों से प्रेम संबंध को लेकर रणबीर कपूर का लगातार अखबारों और न्यूज चैनलों में आना इत्तेफाक भर नहीं है। कभी कट्रीना कैफ तो कभी नरगिस फाकरी तो कभी किसी अनाम चेहरे के साथ हर रोज रणबीर का नाम जोड़ा जा रहा है। रणबीर कपूर की इमेज एक अविश्वसनीय शख्स की बनाने की कोशिश की जा रही है। स्वयं रणबीर कपूर भी इस बात से वाकिफ हैं। हाल में उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि मेरे खिलाफ इस तरह की मुहिम बंद होनी चाहिए। रणबीर ने कहा, ''मैं हर दिन अखबार खोलता हूं तो किसी न किसी लड़की के साथ मेरे लिंकअप की खबर होती है। इससे मुझे और मेरे पैरेंट्स को दुख होता है।''
काबिले जिक्र है कि कुछ समय पूर्व तक यशराज फिल्म्स और धर्मा प्रोडक्शंस के प्रिय रहे रणबीर कपूर अब इन बैनरों की एक भी फिल्म में काम नहीं कर रहे हैं। इसके विपरीत यशराज फिल्म्स और धर्मा प्रोडक्शंस अब आमिर खान के भांजे इमरान खान पर फिदा हैं। यशराज फिल्म्स उन्हें लेकर कट्रीना कैफ के साथ मेरे ब्रदर की दुल्हन और आई हेट लव स्टोरीज के बाद करण जौहर दोबारा उनके साथ शार्ट टर्म शादी फिल्म बना रहे हैं।
दिलचस्प बात है कि किसी स्टार के साथ ही फिल्में बनाने वाले ये स्थापित बैनर नवोदित इमरान खान पर अपना पैसा क्यों लगा रहे हैं? यह बात अब रहस्य नहीं है कि इमरान खान को अपने मामा आमिर खान और मामा के अजीज दोस्त सलमान खान का कट्टर समर्थन हासिल है। इंडस्ट्री के जानकारों की मानें तो इस वक्त यशराज और करण जौहर के साथ आमिर और सलमान के संबंध बहुत अच्छे हैं। दोनों अपनी स्टार पॉवर का इस्तेमाल करके इमरान खान को रणबीर कपूर की टक्कर में खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं।
रणबीर कपूर और इमरान खान की गहरी दोस्ती टूटने का कारण भी यही है। फिलहाल वे अपनी काबिलियत के दम पर अकेले आगे बढ़ रहे हैं। इन दिनों वे जिन फिल्मों में काम कर रहे हैं, वे किसी फिल्मी घराने की फिल्में नहीं हैं। देखते हैं कि रणबीर कपूर फिल्म इंडस्ट्री की खेमों की राजनीति का सामना कैसे करते हैं। कैसे वे अपनी लोकप्रियता और प्रतिष्ठा को बरकरार रखते हुए अपने खानदान की आन, बान और शान की सुरक्षा करते हैं!
-रघुवेंद्र सिंह 

No comments: