पिछले दिनों ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित होने वाली फिल्म स्लमडॉग मिलिनेयर के गीत जय हो.. से तो गायक सुखविंदर सिंह को अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली ही, गीत हौले हौले हो.. गाने के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला। वे खुश हैं। अब वे खुद को अधिक जिम्मेदार भी महसूस कर रहे हैं। सुखविंदर खुशी व्यक्त करते हैं, ए.आर. रहमान, गुलजार साहब और रसूल पुकुट्टी को ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित होना हम सभी के लिए गर्व की बात है। मैं खुश हूं कि गीत जय हो.. को अपार ख्याति मिली। रहमान के साथ मेरी जुगलबंदी विश्व स्तर पर सराही गई। अब हम पर और बेहतरीन करने की जिम्मेदारी आ गई है। लोगों की अपेक्षाएं और बढ़ गई हैं, लेकिन मैं इस बात को गंभीरता से नहीं लूंगा। जैसे मैं पहले अच्छे लोगों के साथ, अच्छे माहौल में काम करता था, उसी तरह काम करना जारी रखूंगा। मैं पहले की तरह ही कम काम में बहुत बिजी रहूंगा।
सुखविंदर आगे कहते हैं, हमने बिल्कुल नहीं सोचा था कि स्लमडॉग.. को इतनी उपलब्धि मिलेगी! जय हो.. गीत तो महज तीस मिनट में तैयार हो गया था! गुलजार साहब ने फटाफट गीत लिखा, रहमान ने संगीत तैयार किया और मैंने गा दिया। इस गीत को पहले सुभाष घई की फिल्म युवराज के लिए लिखा गया था, लेकिन गीत घई साहब को पसंद नहीं आया। इसे स्लमडॉग.. के सीन के मुताबिक पाया गया, तो उसमें रखा गया। हमने हमेशा की तरह उस गीत में भी अपना बेस्ट देने की कोशिश की। अब इस फिल्म के जरिए भारतीय गीत-संगीत को जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है, उसे हमें गंभीरता से लेना होगा। अब विश्वस्तरीय मंच पर कोई प्रस्तुति देने से पहले हमें खूब तैयारी करनी होगी, क्योंकि अब यह साबित हो चुका है कि हम जीनियस हैं। साथ ही हमें भारतीय संस्कृति-सभ्यता का भी खयाल रखना होगा, क्योंकि यही हमारी पहचान है। अब कोई भी भारतीय कलाकार विदेश में परफॉर्म करने जाएगा, तो निश्चित ही भीड़ बढ़ेगी। मुझ पर ही नहीं, सभी कलाकारों की जिम्मेदारी अब बढ़ गई है।
सुखविंदर खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें ए.आर. रहमान जैसे संगीतकार का साथ लंबे समय से प्राप्त है। उल्लेखनीय है कि रहमान और सुखविंदर 1998 में फिल्म दिल से में पहली बार साथ हुए और संगीत प्रेमियों को चल छैंया-छैंया.. जैसा हिट गीत सुनने को मिला। रहमान से अपने संबंधों के बारे में सुखविंदर कहते हैं, उनसे मेरा संबंध दस साल पुराना तो है। वे मेरी तरह शांति से काम करने में यकीन करते हैं और हड़बड़ी नहीं मचाते। हम दोनों पर ऊपर वाले की मेहरबानी है। हम गॉड गिफ्टेड आर्टिस्ट हैं। ऊपर वाले ने हमें लोगों का मनोरंजन करने का काम सौंपा है और हम वह काम ईमानदारी से कर रहे हैं। यह पूछने पर कि वे पिछले दिनों ऑस्कर पुरस्कार के दौरान रहमान से नाराज क्यों हो गए थे? जवाब में सुखविंदर कहते हैं, यह नई बात नहीं है। मैं रहमान से पिछले दस सालों से नाराज था इस बात के लिए कि बढि़या संगीतकार होने के बावजूद उन्हें देश-विदेश में सम्मान क्यों नहीं मिलता! रहमान इस बारे में कभी कुछ नहीं कहते थे! अब मेरी वह नाराजगी दूर हो गई है। सुखविंदर और रहमान की लोकप्रिय जोड़ी आने वाले दिनों में कमल हासन की मर्मयोगी और मणिरत्नम की फिल्म रावण में साथ काम करेगी। वे उन फिल्मों की रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सुखविंदर खुशी से कहते हैं, फिल्म मर्मयोगी और रावण में रहमान ने मुझे लेकर कुछ नए प्रयोग किए हैं। ये गीत हमारे अब तक के गाये गीतों से बिल्कुल अलग हैं। मैं उस प्रयोग को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। इनके अतिरिक्त विशाल भारद्वाज की फिल्म कमीने में भी मैंने नए अंदाज में एक गीत गाया है। मुझे इस बात की खुशी है कि संगीतकार मुझे लेकर नित नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। इस तरह मुझे कुछ नया सीखने और करने का मौका मिल जाता है। दिल की बात कहूं, तो जय हो.. गीत की सफलता ने मुझमें नया जोश और नई ऊर्जा भर दी है। इसे और बुलंद किया है पिछले दिनों मिले फिल्म रब ने बना दी जोड़ी का गीत हौले हौले हो जाएगा प्यार.. के लिए मिला फिल्म फेयर अवार्ड ने।
-रघुवेंद्र सिंह
सुखविंदर आगे कहते हैं, हमने बिल्कुल नहीं सोचा था कि स्लमडॉग.. को इतनी उपलब्धि मिलेगी! जय हो.. गीत तो महज तीस मिनट में तैयार हो गया था! गुलजार साहब ने फटाफट गीत लिखा, रहमान ने संगीत तैयार किया और मैंने गा दिया। इस गीत को पहले सुभाष घई की फिल्म युवराज के लिए लिखा गया था, लेकिन गीत घई साहब को पसंद नहीं आया। इसे स्लमडॉग.. के सीन के मुताबिक पाया गया, तो उसमें रखा गया। हमने हमेशा की तरह उस गीत में भी अपना बेस्ट देने की कोशिश की। अब इस फिल्म के जरिए भारतीय गीत-संगीत को जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है, उसे हमें गंभीरता से लेना होगा। अब विश्वस्तरीय मंच पर कोई प्रस्तुति देने से पहले हमें खूब तैयारी करनी होगी, क्योंकि अब यह साबित हो चुका है कि हम जीनियस हैं। साथ ही हमें भारतीय संस्कृति-सभ्यता का भी खयाल रखना होगा, क्योंकि यही हमारी पहचान है। अब कोई भी भारतीय कलाकार विदेश में परफॉर्म करने जाएगा, तो निश्चित ही भीड़ बढ़ेगी। मुझ पर ही नहीं, सभी कलाकारों की जिम्मेदारी अब बढ़ गई है।
सुखविंदर खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें ए.आर. रहमान जैसे संगीतकार का साथ लंबे समय से प्राप्त है। उल्लेखनीय है कि रहमान और सुखविंदर 1998 में फिल्म दिल से में पहली बार साथ हुए और संगीत प्रेमियों को चल छैंया-छैंया.. जैसा हिट गीत सुनने को मिला। रहमान से अपने संबंधों के बारे में सुखविंदर कहते हैं, उनसे मेरा संबंध दस साल पुराना तो है। वे मेरी तरह शांति से काम करने में यकीन करते हैं और हड़बड़ी नहीं मचाते। हम दोनों पर ऊपर वाले की मेहरबानी है। हम गॉड गिफ्टेड आर्टिस्ट हैं। ऊपर वाले ने हमें लोगों का मनोरंजन करने का काम सौंपा है और हम वह काम ईमानदारी से कर रहे हैं। यह पूछने पर कि वे पिछले दिनों ऑस्कर पुरस्कार के दौरान रहमान से नाराज क्यों हो गए थे? जवाब में सुखविंदर कहते हैं, यह नई बात नहीं है। मैं रहमान से पिछले दस सालों से नाराज था इस बात के लिए कि बढि़या संगीतकार होने के बावजूद उन्हें देश-विदेश में सम्मान क्यों नहीं मिलता! रहमान इस बारे में कभी कुछ नहीं कहते थे! अब मेरी वह नाराजगी दूर हो गई है। सुखविंदर और रहमान की लोकप्रिय जोड़ी आने वाले दिनों में कमल हासन की मर्मयोगी और मणिरत्नम की फिल्म रावण में साथ काम करेगी। वे उन फिल्मों की रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सुखविंदर खुशी से कहते हैं, फिल्म मर्मयोगी और रावण में रहमान ने मुझे लेकर कुछ नए प्रयोग किए हैं। ये गीत हमारे अब तक के गाये गीतों से बिल्कुल अलग हैं। मैं उस प्रयोग को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। इनके अतिरिक्त विशाल भारद्वाज की फिल्म कमीने में भी मैंने नए अंदाज में एक गीत गाया है। मुझे इस बात की खुशी है कि संगीतकार मुझे लेकर नित नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। इस तरह मुझे कुछ नया सीखने और करने का मौका मिल जाता है। दिल की बात कहूं, तो जय हो.. गीत की सफलता ने मुझमें नया जोश और नई ऊर्जा भर दी है। इसे और बुलंद किया है पिछले दिनों मिले फिल्म रब ने बना दी जोड़ी का गीत हौले हौले हो जाएगा प्यार.. के लिए मिला फिल्म फेयर अवार्ड ने।
-रघुवेंद्र सिंह
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