Monday, April 18, 2011

लोग याद नहीं करेंगे तो भी चलेगा-बिपाशा बसु


जॉन अब्राहम के साथ बिपाशा बसु के अलगाव पर संशय बरकरार है। बिपाशा की नई फिल्म दम मारो दम के नायक राणा दगुबाटी के साथ नजदीकियां बढ़ती जा रही हैं। निजी जीवन की उथल-पुथल के साथ बिपाशा हिंदी सिनेमा में दस वर्ष पूरा कर रही हैं। दम मारो दम के बहाने तरंग ने उनसे दस वर्ष के सफर, राणा दगुबाटी और जॉन अब्राहम के बारे में की बातचीत..।

दस वर्ष के सफर को पलटकर देखती हैं, तो कैसा लगता है?
टाइम इतनी जल्दी बीत जाता है, पता नहीं चलता। समझ में नहीं आ रहा कि दस साल कैसे बीत गए। मैं कोशिश करती हूं कि हर साल एक इंसान और ऐक्टर के तौर पर खुद को रिइंवेंट कर सकूं। मैं अपने काम को लेकर खुश हूं। रोमांचित हूं। मेरा हर साल अच्छा बीता है।
वे कौन सी फिल्में हैं, जिन्हें आप उल्लेखनीय मानती हैं? जिनके लिए लोग आपको याद रखेंगे?
लोग याद नहीं करेंगे, तो भी चलेगा। मैं अपने काम से खुश हूं। मैंने जिन फिल्मों में काम किया है, उन पर गर्व है। जिन फिल्मों की लोग तारीफ करेंगे वे राज, जिस्म, धूम 2, कॉरपोरेट, बचना ऐ हसीनों, लम्हा होंगी।
दम मारो दम में आपने जोई का किरदार निभाया है। वह समाज के किस वर्ग की लड़कियों का प्रतिनिधित्व करती है?
जोई गोवा में पली-बढ़ी है। मां इंडियन हैं, फादर इंग्लिश थे। वह बहुत भाषाएं जानती है। वह एयर होस्टेस बनना चाहती है। उसका सपना बड़ा नहीं है। वह सिंपल है। वह लाइफ को खुलकर जीना चाहती है, लेकिन अचानक उसकी जिंदगी बदल जाती है। दम मारो दम की टैग लाइन है, क्या है कहानी तेरे बाप की। इसमें हर कैरेक्टर की एक इमोशनल जर्नी है। जोई हिंदी फिल्मों की टिपीकल हीरोइन नहीं है। इस फिल्म का हर किरदार नया है।
गोवा फिल्म की कहानी की पृष्ठभूमि है। क्या हम इसमें गोवा को एक नए रूप में देखेंगे?
हमारे कैमरामैन ने गोवा को नए अंदाज में शूट किया है। यह फिल्म ड्रग कारोबार पर है। हम यह कहानी कहीं भी बना सकते थे, लेकिन गोवा में बनाने के कारण कैरेक्टर को स्टाइलिश लुक मिल गया। गोवा की अपनी खूबसूरती तो है ही। राज और जिस्म से आपकी पहचान सेक्सी गर्ल की बनी। उसके बाद आपने लम्हा और आक्रोश आदि में नॉन ग्लैमरस किरदार किए।
इस फिल्म की जोई में क्या दोनों का मिश्रण देखने को मिलेगा?
फिल्म में हमारा पहनावा किरदार के हिसाब से होता है। यदि मैं डांसर का किरदार करूंगी, तो वैसा ड्रेस पहनूंगी। लम्हा में कश्मीरी लड़की का किरदार निभाया था। उसका लुक अलग था। आक्रोश में सिंपल कॉटन साड़ी पहनी थी। मैंने हमेशा मिक्स कैरेक्टर किए। आपकी इमेज जैसी बन जाती है फिर आपके पास वैसे किरदार आते हैं। जब एक बार आपकी अपनी पहचान बन जाती है तो आप प्रयोग कर सकते हैं। मेरे करियर की शुरुआत में ऐसा ही हुआ, लेकिन अब मैं प्रयोग करती हूं।
दम मारो दम में रोहन सिप्पी के निर्देशन का अनुभव कैसा रहा?
रोहन सुलझे हुए डायरेक्टर हैं। वे क्लीयर थे कि उन्हें कलाकारों से क्या चाहिए। वे अपने कलाकारों को फ्रीडम देते हैं। हम उनकी खिंचाई भी कर सकते थे, लेकिन वे इतने स्वीट हैं कि हमने कुछ नहीं किया।
राणा दगुबाटी इसमें आपके नायक हैं। उनके साथ कैसी केमिस्ट्री रही?
वे अच्छे कलाकार हैं। उनकी स्क्रीन प्रेजेंस अच्छी है। उन्हें हिंदी नहीं आती, लेकिन तब मैं हैरान रह गई जब सेट पर देखा कि उन्हें अपने डायलॉग के अलावा मेरे और अभिषेक बच्चन के डायलॉग भी याद थे। वे मेहनती हैं।
जॉन के साथ आपके ब्रेकअप की बात चर्चा में है। सच क्या है?
मैं जॉन के बारे में बहुत कुछ बोल चुकी हूं। वह मेरी जान है। इस बारे में और कोई सफाई मुझे नहीं देनी है। वैसे भी यह सब चलता रहेगा..
-रघुवेंद्र सिंह 

No comments: