Friday, April 29, 2011

रोमांस करने का मौका नहीं मिला: निखिल द्विवेदी


निखिल द्विवेदी ने पिछले महीने शादी की, लेकिन शोर इन द सिटी फिल्म का प्रदर्शन नजदीक होने के कारण वे हनीमून मनाने विदेश नहीं जा सके। माई नेम इज एंथोनी गोंजाल्विस और रावण के बाद शोर निखिल की तीसरी फिल्म है। सनी देओल अभिनीत अर्जुन फिल्म के रीमेक की शूटिंग की तैयारी में व्यस्त निखिल ने हमसे बातचीत की।

शादी के बाद जीवन कितना बदला है?
अब घर वक्त पर आना पड़ता है। शादी के बाद जिंदगी में ठहराव आ गया है।
शोर इन द सिटी समाज के किस तबके की बात करती है?
शोर समाज के हर तबके की बात करती है। शहर के शोरगुल, रोजी-रोटी की जद्दोजहद और छत पाने के संघर्ष को बयां करती है। इन पहलुओं को दर्शाने के लिए फिल्म में कई जिंदगियां हैं। कुछ ऊंचे तबके की हैं और कुछ निचले तबके की। मैं निचले तबके से आता हूं दो दोस्तों के साथ। हमारा छोटा सा गिरोह है। मैं क्रिमिनल की भूमिका निभा रहा हूं। रमेश नाम है उसका। बहुत सालों बाद मेल बांडिंग पर एक फिल्म आ रही है। दिल चाहता है के बाद ऐसी कोई फिल्म याद नहीं आती।
क्या इसे निखिल की फिल्म कह सकते हैं?
जी नहीं, इसे राज और कृष्णा डीके की फिल्म कह सकते हैं। उन्होंने यह फिल्म बनाई है। कलाकारों को पात्र के हिसाब से उन्होंने चुना है। सही मायने में यह सामूहिक फिल्म है।
क्या इसमें आपका रोमांटिक पहलू भी देखेंगे?
मैं इस मामले बदकिस्मत रहा हूं। पहली फिल्म माई नेम इज एंथोनी गोंजाल्विस के बाद स्क्रीन पर रोमांस करने का मौका नहीं मिला। रावण में पुलिस अधिकारी की भूमिका में था। इसमें तुषार मेरे साथ हैं।
क्या आपके किरदार को दर्शक साथ लेकर जाएंगे?
कोई भी कलाकार दावा नहीं कर सकता कि उसके किरदार की कौन सी बात दर्शक को अनोखी लग जाएगी। उम्मीद तो है कि यह किरदार दर्शकों को पसंद आएगा।
शोर जैसी छोटे बजट की फिल्म में प्रयोग करने की स्वतंत्रता किस हद तक होती है?
सुविधा के अभाव में प्रयोग ज्यादा होते हैं। शोर में हमने उन जगहों पर भी शूटिंग की जहां हमें परमिशन नहीं थी। हमने कैमरे छुपाकर चोरी से शूटिंग की।
-रघुवेन्द्र सिंह

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