आत्मविश्वास से भरपूर पूजा चोपड़ा (मिस इंडिया वर्ल्ड), एकता चौधरी , श्रिया किशोर (मिस इंडिया अर्थ) ने नेम, फेम एंड ग्लोरी की दुनिया में कदम आगे बढ़ा दिये है। पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन करना अब उनका लक्ष्य है-
[सफलता का एकमात्र मंत्र मेहनत है]
मिस इंडिया वर्ल्ड का खिताब जीतने के बाद आत्मविश्वास से भरपूर पुणे की 23 वर्षीय पूजा चोपड़ा कहती है कि इंसान को सपने देखने चाहिए तथा उन्हें सच में बदलने के लिए खूब मेहनत करनी चाहिए। सपने वाकई सच होते हैं। पूजा ने कुछ वर्ष पहले मिस इंडिया बनने का सपना देखा था और आज वह उस सपने को जी रही हैं।
पूजा मानती हैं, किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए मेहनत की जरूरत होती है। उसके अलावा मेरे साथ मां का आशीर्वाद, दोस्तों का प्यार और लोगों की दुआएं थीं। तभी इस मुकाम पर मैं आ सकी।
वहीं मिस इंडिया यूनीवर्स एकता चौधरी कहती हैं, मेहनत और किस्मत के अलावा खुद में विश्वास, ईमानदारी, दोस्तों और परिवार का साथ मेरी जीत का राज है।
मिस इंडिया अर्थ 22 वर्षीय श्रिया किशोर भी मेहनत को जीवन की सफलता का एकमात्र आधार मानती है। वह कहती हैं, मैं यहां तक सिर्फ और सिर्फ मेहनत के बल पर पहुंची हूं। इसी मेहनत के बल पर मुझे और आगे जाना है।
[समाज सेवा के लिए ताज की जरूरत नहीं]
मिस इंडिया वर्ल्ड पूजा का मानना है कि समाज सेवा के लिए किसी ताज की जरूरत नहीं होती। पूजा कहती हैं, मैं पिछले दो वर्ष से पुणे के एक अनाथालय से जुड़ी हूं। वहां तीस-बत्तीस बच्चे हैं। मैं उनके लिए कुछ न कुछ करती रहती हूं। देश के हर युवा को समाज सेवा की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए। तब हमारे देश का भविष्य सुनहरा होगा। मैं नहीं चाहती कि लोग यह सोचें कि मैं मिस इंडिया बन गई हूं, इसलिए अब समाज सेवा करने जाऊंगी।
समाज के प्रति उत्तरदायिव निभाने के सवाल पर एकता कहती हैं, मैं भ्रूण हत्या, गरीबी, एड्स, कैंसर आदि के खिलाफ आवाज उठाऊंगी। मैं युवा पीढ़ी का ध्यान इन समस्याओं की तरफ आकर्षित करने की कोशिश करूंगी।
वहीं मुंबई के कांदिवली इलाके में पली बढ़ी श्रिया इस विषय में कहती हैं, यह ताज जीतने के बाद नई जिम्मेदारियां आ गई हैं और मैं उन्हें निभाने के लिए तैयार हूं। मैं वादे नहीं करूंगी। मेरे सामने जो समस्या आएगी, उसके निवारण के लिए अपना सौ प्रतिशत दूंगी।
[अभिनय में अभी नहीं आना]
आमतौर पर मिस इंडिया और मिस यूनिवर्स का ताज जीतने के बाद सुंदरियां हिंदी फिल्मों का रूख करती हैं, लेकिन पूजा, एकता और श्रिया इसकी अपवाद हैं। फेमिना मिस ब्यूटीफुल स्माइल और ब्यूटीफुल बॉडी का खिताब भी अपने नाम करने वाली पूजा फिल्मों में जाने के सवाल पर कहती हैं, मैं एक वर्ष तक फिल्मों के बारे में नहीं सोचूंगी। यह जरूरी नहीं है कि मिस इंडिया बनने के बाद हर लड़की एक्टिंग में जाए।
वहीं एकता कहती हैं, अभिनय मुश्किल कला है। हर कोई अभिनय नहीं कर सकता। मैं खुद को अभी अभिनय के लिए फिट नहीं मानती।
उधर श्रिया कहती हैं, मैंने फिल्मों के बारे में अभी नहीं सोचा है। मैं वर्तमान में जीती हूं। इस वक्त मैं अभिनय के बारे में कुछ नहीं कहना चाहती।
[लक्ष्य पर निगाहे]
इन तीनों का ही का लक्ष्य अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन करना है।
मिस वर्ल्ड के लिये भारत का प्रतिनिधित्व करने को तैयार पूजा आत्मविश्वास से भरपूर होकर कहती है, मेरा लक्ष्य इस वर्ष का मिस वर्ल्ड का ताज जीतना है।
एकता चौधरी पूर्व मिस यूनीवर्स सुष्मिता सेन से प्रभावित है। उनकी तरह वह भी अपने सिर पर मिस यूनीवर्स का ताज सजाना चाहती है। वह कहती हैं, सुष्मिता सेन के बाद कोई लड़की मिस यूनिवर्स का ताज भारत न ला सकी।
श्रिया किशोर बताती हैं, पूजा और एकता की तरह मैं देश के लिए मिस अर्थ का ताज लाना चाहती हूं। हमारे पास तीन महीने का समय है। हम उस प्रतियोगिता के लिए जी-जान से मेहनत करेंगे और एक बार फिर देश को गौरवान्वित करेंगे।
-रघुवेन्द्र सिंह
[सफलता का एकमात्र मंत्र मेहनत है]
मिस इंडिया वर्ल्ड का खिताब जीतने के बाद आत्मविश्वास से भरपूर पुणे की 23 वर्षीय पूजा चोपड़ा कहती है कि इंसान को सपने देखने चाहिए तथा उन्हें सच में बदलने के लिए खूब मेहनत करनी चाहिए। सपने वाकई सच होते हैं। पूजा ने कुछ वर्ष पहले मिस इंडिया बनने का सपना देखा था और आज वह उस सपने को जी रही हैं।
पूजा मानती हैं, किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए मेहनत की जरूरत होती है। उसके अलावा मेरे साथ मां का आशीर्वाद, दोस्तों का प्यार और लोगों की दुआएं थीं। तभी इस मुकाम पर मैं आ सकी।
वहीं मिस इंडिया यूनीवर्स एकता चौधरी कहती हैं, मेहनत और किस्मत के अलावा खुद में विश्वास, ईमानदारी, दोस्तों और परिवार का साथ मेरी जीत का राज है।
मिस इंडिया अर्थ 22 वर्षीय श्रिया किशोर भी मेहनत को जीवन की सफलता का एकमात्र आधार मानती है। वह कहती हैं, मैं यहां तक सिर्फ और सिर्फ मेहनत के बल पर पहुंची हूं। इसी मेहनत के बल पर मुझे और आगे जाना है।
[समाज सेवा के लिए ताज की जरूरत नहीं]
मिस इंडिया वर्ल्ड पूजा का मानना है कि समाज सेवा के लिए किसी ताज की जरूरत नहीं होती। पूजा कहती हैं, मैं पिछले दो वर्ष से पुणे के एक अनाथालय से जुड़ी हूं। वहां तीस-बत्तीस बच्चे हैं। मैं उनके लिए कुछ न कुछ करती रहती हूं। देश के हर युवा को समाज सेवा की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए। तब हमारे देश का भविष्य सुनहरा होगा। मैं नहीं चाहती कि लोग यह सोचें कि मैं मिस इंडिया बन गई हूं, इसलिए अब समाज सेवा करने जाऊंगी।
समाज के प्रति उत्तरदायिव निभाने के सवाल पर एकता कहती हैं, मैं भ्रूण हत्या, गरीबी, एड्स, कैंसर आदि के खिलाफ आवाज उठाऊंगी। मैं युवा पीढ़ी का ध्यान इन समस्याओं की तरफ आकर्षित करने की कोशिश करूंगी।
वहीं मुंबई के कांदिवली इलाके में पली बढ़ी श्रिया इस विषय में कहती हैं, यह ताज जीतने के बाद नई जिम्मेदारियां आ गई हैं और मैं उन्हें निभाने के लिए तैयार हूं। मैं वादे नहीं करूंगी। मेरे सामने जो समस्या आएगी, उसके निवारण के लिए अपना सौ प्रतिशत दूंगी।
[अभिनय में अभी नहीं आना]
आमतौर पर मिस इंडिया और मिस यूनिवर्स का ताज जीतने के बाद सुंदरियां हिंदी फिल्मों का रूख करती हैं, लेकिन पूजा, एकता और श्रिया इसकी अपवाद हैं। फेमिना मिस ब्यूटीफुल स्माइल और ब्यूटीफुल बॉडी का खिताब भी अपने नाम करने वाली पूजा फिल्मों में जाने के सवाल पर कहती हैं, मैं एक वर्ष तक फिल्मों के बारे में नहीं सोचूंगी। यह जरूरी नहीं है कि मिस इंडिया बनने के बाद हर लड़की एक्टिंग में जाए।
वहीं एकता कहती हैं, अभिनय मुश्किल कला है। हर कोई अभिनय नहीं कर सकता। मैं खुद को अभी अभिनय के लिए फिट नहीं मानती।
उधर श्रिया कहती हैं, मैंने फिल्मों के बारे में अभी नहीं सोचा है। मैं वर्तमान में जीती हूं। इस वक्त मैं अभिनय के बारे में कुछ नहीं कहना चाहती।
[लक्ष्य पर निगाहे]
इन तीनों का ही का लक्ष्य अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन करना है।
मिस वर्ल्ड के लिये भारत का प्रतिनिधित्व करने को तैयार पूजा आत्मविश्वास से भरपूर होकर कहती है, मेरा लक्ष्य इस वर्ष का मिस वर्ल्ड का ताज जीतना है।
एकता चौधरी पूर्व मिस यूनीवर्स सुष्मिता सेन से प्रभावित है। उनकी तरह वह भी अपने सिर पर मिस यूनीवर्स का ताज सजाना चाहती है। वह कहती हैं, सुष्मिता सेन के बाद कोई लड़की मिस यूनिवर्स का ताज भारत न ला सकी।
श्रिया किशोर बताती हैं, पूजा और एकता की तरह मैं देश के लिए मिस अर्थ का ताज लाना चाहती हूं। हमारे पास तीन महीने का समय है। हम उस प्रतियोगिता के लिए जी-जान से मेहनत करेंगे और एक बार फिर देश को गौरवान्वित करेंगे।
-रघुवेन्द्र सिंह
2 comments:
इनलोगों को मेरी शुभकामनाएं।
इनलोगों को मेरी शुभकामनाएं।
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