कम लोग जानते हैं कि एमपीथ्री फेम रुसलान मुमताज और फिल्म हाल-ए-दिल के नकुल मेहता बेस्ट फ्रेंड हैं। इनकी मित्रता छह वर्ष पहले एक नाटक की वजह से हुई थी। आज स्थिति यह है कि जब कोई निर्माता रुसलान से दो हीरो वाले प्रोजेक्ट के लिए संपर्क करता है, तो वे दूसरे हीरो के लिए नकुल का नाम तुरंत सुझा देते हैं। उन्होंने सतीश कौशिक की फिल्म तेरे संग में अपनी भूमिका के लिए नकुल को साइन करने की बात कह दी थी। यहां रुसलान अपने बेस्ट फ्रेंड नकुल से जुड़ी खास बातें शेयर कर रहे हैं तरंग से..।
इत्तफाकन हुई मुलाकात : मेरी और नकुल की पहली मुलाकात इत्तफाकन हुई। वे एक नाटक कर रहे थे। उन्होंने उसके लिए पूरी तैयारी भी कर ली थी, लेकिन अचानक उन्हें अमेरिका जाना पड़ा। उस नाटक के सर्वेसर्वा ने नकुल की भूमिका के लिए मुझसे संपर्क किया। नाटक का मंचन होने में एक सप्ताह का वक्त था। नकुल ने एक सप्ताह के भीतर मुझे नाटक के लिए पूरी तरह से ट्रेंड कर दिया। उस रिहर्सल के दौरान हमारी दोस्ती हुई। उसके बाद हमें एक विज्ञापन में साथ काम करने का अवसर मिला। फिर वक्त के साथ हमारी दोस्ती और मजबूत होती गई।
सुख-दुख शेयर करते हैं : फिल्मों में आने के पहले नकुल अक्सर मेरे घर आते थे। हम दोनों सलमान-आमिर और शाहरुख-सलमान की जोड़ी को ध्यान में रखकर सीन लिखते और फिर उसे हम परफॉर्म भी करते थे। हमें बहुत मजा आता था। हम दोनों साथ पार्टियों में जाते हैं। एक साथ खुशी बांटते हैं और मुश्किल में भी साथ रहते हैं। नकुल दिल के अच्छे हैं। वे हमेशा दूसरों के हित की सोचते हैं। हम दोनों में यही समानताएं हैं, जिनकी वजह से हम साथ हैं।
मदद के लिए तैयार : मेरी और नकुल की दोस्ती नि:स्वार्थ है। हम एक-दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। नकुल को जब पहली फिल्म हाल-ए-दिल मिली थी, तो मैं बहुत खुश हुआ था। हमने उस पल को सेलिब्रेट किया। मेरे पास जब किसी फिल्म का प्रस्ताव आता है और मुझे लगता है कि मैं फिल्म के लिए फिट नहीं हूं, तो मैं निर्माताओं को नकुल का नाम सुझा देता हूं। सतीश कौशिक अपनी फिल्म तेरे संग में मुझे साइन करने को लेकर दुविधा में फंसे, तो मैंने कहा कि आप नकुल को साइन कर लें। नकुल ने हाल-ए-दिल में अध्ययन सुमन की भूमिका के लिए मेरा नाम सुझाया था। साथ काम करने की
ख्वाहिश: फिल्म इंडस्ट्री में सब कुछ मिल सकता है, लेकिन सच्चा और अच्छा दोस्त मिलना मुश्किल है। मैं लकी हूं कि मुझे नकुल जैसा प्यारा दोस्त मिला। हम अपने बीच किसी भी तरह की गलतफहमी को टिकने नहीं देते। यही वजह है कि हमारी दोस्ती कायम है। मैं चाहूंगा कि यह दोस्ती भविष्य में भी बरकरार रहे। हमारी ख्वाहिश किसी फिल्म में साथ काम करने की है। उम्मीद है, जल्द ही हमारी यह ख्वाहिश पूरी हो जाएगी।
इत्तफाकन हुई मुलाकात : मेरी और नकुल की पहली मुलाकात इत्तफाकन हुई। वे एक नाटक कर रहे थे। उन्होंने उसके लिए पूरी तैयारी भी कर ली थी, लेकिन अचानक उन्हें अमेरिका जाना पड़ा। उस नाटक के सर्वेसर्वा ने नकुल की भूमिका के लिए मुझसे संपर्क किया। नाटक का मंचन होने में एक सप्ताह का वक्त था। नकुल ने एक सप्ताह के भीतर मुझे नाटक के लिए पूरी तरह से ट्रेंड कर दिया। उस रिहर्सल के दौरान हमारी दोस्ती हुई। उसके बाद हमें एक विज्ञापन में साथ काम करने का अवसर मिला। फिर वक्त के साथ हमारी दोस्ती और मजबूत होती गई।
सुख-दुख शेयर करते हैं : फिल्मों में आने के पहले नकुल अक्सर मेरे घर आते थे। हम दोनों सलमान-आमिर और शाहरुख-सलमान की जोड़ी को ध्यान में रखकर सीन लिखते और फिर उसे हम परफॉर्म भी करते थे। हमें बहुत मजा आता था। हम दोनों साथ पार्टियों में जाते हैं। एक साथ खुशी बांटते हैं और मुश्किल में भी साथ रहते हैं। नकुल दिल के अच्छे हैं। वे हमेशा दूसरों के हित की सोचते हैं। हम दोनों में यही समानताएं हैं, जिनकी वजह से हम साथ हैं।
मदद के लिए तैयार : मेरी और नकुल की दोस्ती नि:स्वार्थ है। हम एक-दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। नकुल को जब पहली फिल्म हाल-ए-दिल मिली थी, तो मैं बहुत खुश हुआ था। हमने उस पल को सेलिब्रेट किया। मेरे पास जब किसी फिल्म का प्रस्ताव आता है और मुझे लगता है कि मैं फिल्म के लिए फिट नहीं हूं, तो मैं निर्माताओं को नकुल का नाम सुझा देता हूं। सतीश कौशिक अपनी फिल्म तेरे संग में मुझे साइन करने को लेकर दुविधा में फंसे, तो मैंने कहा कि आप नकुल को साइन कर लें। नकुल ने हाल-ए-दिल में अध्ययन सुमन की भूमिका के लिए मेरा नाम सुझाया था। साथ काम करने की
ख्वाहिश: फिल्म इंडस्ट्री में सब कुछ मिल सकता है, लेकिन सच्चा और अच्छा दोस्त मिलना मुश्किल है। मैं लकी हूं कि मुझे नकुल जैसा प्यारा दोस्त मिला। हम अपने बीच किसी भी तरह की गलतफहमी को टिकने नहीं देते। यही वजह है कि हमारी दोस्ती कायम है। मैं चाहूंगा कि यह दोस्ती भविष्य में भी बरकरार रहे। हमारी ख्वाहिश किसी फिल्म में साथ काम करने की है। उम्मीद है, जल्द ही हमारी यह ख्वाहिश पूरी हो जाएगी।
-रघुवेन्द्र सिंह
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