रेटिंग : *
मुख्य कलाकार : सरवर आहूजा, साधिका रंधावा, संजय मिश्रा, खयाली, हिना तसलीम, अशोक बागला।
निर्देशक : प्रकाश सैनी
तकनीकी टीम : निर्माता- अशोक बागला, संगीत निर्देशक- रवि मीत, मनोज नेगी।
प्रकाश सैनी निर्देशित फिल्म मेरी पड़ोसन का ज्योति स्वरूप की 1968 में आई बेहत हिट और मशहूर फिल्म पड़ोसन से कोई नाता नहीं। न ही इसका 2003 में आई बी एच तरुण कुमार की फिल्म नई पड़ोसन से कोई मेल है।
मेरी पड़ोसन की कहानी के केंद्र में विजू (संजय मिश्रा) और कविता (सादिका रंधावा) हैं। विजू पत्नी कविता के साथ छोटे शहर से मुंबई नौकरी के लिए आता है। दोनों एक-दूसरे से बेइंतहा प्यार करते हैं। विजू को यदा-कदा पड़ोसियों की कमी खलती है। अचानक विजू के पड़ोस में स्ट्रगलर निर्देशक श्याम गोपाल वर्मा (सरवर आहूजा) दो दोस्तों के साथ रहने आता है। श्याम स्वार्थ के लिए अपने भोले पड़ोसियों विजू और कविता का इस्तेमाल करता है। वह अपने दोस्तों की मदद से विजू और कविता को बिना बताए कांपिटिशन के लिए एक फिल्म शूट करता है। उसकी काल्पनिक कहानी धीरे-धीरे विजू और कविता की हंसती-खेलती विवाहित जिंदगी में बिखराव ला देती है।
प्रकाश सैनी ने पहली फिल्म से पूरी तरह निराश किया है। मेरी पड़ोसन पटकथा, संवाद, फिल्मांकन और किरदार के अनुरूप कलाकारों के चयन के मामले में कमजोर है। संजय मिश्रा को छोड़कर अन्य सभी कलाकारों ने बेमन से काम किया है। कलाकारों की उदासीनता पर्दे पर दिखती है। यही कारण है कि फिल्म शुरू से लेकर अंत तक बोर करती है। गीत-संगीत फिल्म को सपोर्ट करने की बजाए और बोझिल कर देता है।
-रघुवेन्द्र सिंह
मुख्य कलाकार : सरवर आहूजा, साधिका रंधावा, संजय मिश्रा, खयाली, हिना तसलीम, अशोक बागला।
निर्देशक : प्रकाश सैनी
तकनीकी टीम : निर्माता- अशोक बागला, संगीत निर्देशक- रवि मीत, मनोज नेगी।
प्रकाश सैनी निर्देशित फिल्म मेरी पड़ोसन का ज्योति स्वरूप की 1968 में आई बेहत हिट और मशहूर फिल्म पड़ोसन से कोई नाता नहीं। न ही इसका 2003 में आई बी एच तरुण कुमार की फिल्म नई पड़ोसन से कोई मेल है।
मेरी पड़ोसन की कहानी के केंद्र में विजू (संजय मिश्रा) और कविता (सादिका रंधावा) हैं। विजू पत्नी कविता के साथ छोटे शहर से मुंबई नौकरी के लिए आता है। दोनों एक-दूसरे से बेइंतहा प्यार करते हैं। विजू को यदा-कदा पड़ोसियों की कमी खलती है। अचानक विजू के पड़ोस में स्ट्रगलर निर्देशक श्याम गोपाल वर्मा (सरवर आहूजा) दो दोस्तों के साथ रहने आता है। श्याम स्वार्थ के लिए अपने भोले पड़ोसियों विजू और कविता का इस्तेमाल करता है। वह अपने दोस्तों की मदद से विजू और कविता को बिना बताए कांपिटिशन के लिए एक फिल्म शूट करता है। उसकी काल्पनिक कहानी धीरे-धीरे विजू और कविता की हंसती-खेलती विवाहित जिंदगी में बिखराव ला देती है।
प्रकाश सैनी ने पहली फिल्म से पूरी तरह निराश किया है। मेरी पड़ोसन पटकथा, संवाद, फिल्मांकन और किरदार के अनुरूप कलाकारों के चयन के मामले में कमजोर है। संजय मिश्रा को छोड़कर अन्य सभी कलाकारों ने बेमन से काम किया है। कलाकारों की उदासीनता पर्दे पर दिखती है। यही कारण है कि फिल्म शुरू से लेकर अंत तक बोर करती है। गीत-संगीत फिल्म को सपोर्ट करने की बजाए और बोझिल कर देता है।
-रघुवेन्द्र सिंह
1 comment:
Interesting Story by you ever. Being in love is, perhaps, the most fascinating aspect anyone can experience. प्यार की कहानी
Thank You.
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