निर्देशक : : पंकज शर्मा
तकनीकी टीम : निर्माता- स्मिता शेमारू, पंकज शर्मा, संगीतकार- शमीर टंडन
भारत में अभी तक सभी एनीमेशन फिल्में बाल दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं। बाल गणेश-2 भी उसी श्रेणी की फिल्म है। यह पंकज शर्मा की पहली एनीमेशन फिल्म बाल गणेश का सीक्वल है बाल गणेश-2। निर्देशक ने इसमें भगवान गणेश के बचपन के दिनों की तीन प्रेरणात्मक कहानियां दर्शाई हैं। पहली कहानी बाल गणेश द्वारा बिल्ली को सताने की है, जो बेचारे और असहाय जीवों को न सताने की सीख देती है। दूसरी कहानी उनकी प्रिय सवारी मुषकराज से जुड़ी है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देती है। और तीसरी कहानी नन्हें गणेश द्वारा महाभारत लिखने से जुड़ी है, जो त्याग और समर्पण दर्शाती है।
बाल गणेश-2 का एनीमेशन पक्ष उत्तम है। खास कर बाल गणेश का मोहक रूप एवं मुषकराज का चुलबुला अंदाज। गणेश और मुषकराज के बीच के कई दृश्य हास्य उत्पन्न करते हैं। फिल्म की शुरुआत मुंबई के कुछ स्टाइलिश चूहों से होती है। यह उनकी बोल चाल की मुंबईया भाषा से पता चलता है, लेकिन वे दृश्य मनोरंजक न होकर इरीटेट करते हैं। फिल्म में एक सुंदर गीत है, पर अचानक फिल्म में आने के कारण वह अवांछित प्रतीत होता है। बाल गणेश-2 नन्हें दर्शकों को पसंद आ सकती है। निर्देशक ने फिल्म के अंत में संकेत दिया है कि बाल गणेश का एक और सीक्वल आ सकता है।
-रघुवेंद्र सिंह
रेटिंग- दो स्टार
तकनीकी टीम : निर्माता- स्मिता शेमारू, पंकज शर्मा, संगीतकार- शमीर टंडन
भारत में अभी तक सभी एनीमेशन फिल्में बाल दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं। बाल गणेश-2 भी उसी श्रेणी की फिल्म है। यह पंकज शर्मा की पहली एनीमेशन फिल्म बाल गणेश का सीक्वल है बाल गणेश-2। निर्देशक ने इसमें भगवान गणेश के बचपन के दिनों की तीन प्रेरणात्मक कहानियां दर्शाई हैं। पहली कहानी बाल गणेश द्वारा बिल्ली को सताने की है, जो बेचारे और असहाय जीवों को न सताने की सीख देती है। दूसरी कहानी उनकी प्रिय सवारी मुषकराज से जुड़ी है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देती है। और तीसरी कहानी नन्हें गणेश द्वारा महाभारत लिखने से जुड़ी है, जो त्याग और समर्पण दर्शाती है।
बाल गणेश-2 का एनीमेशन पक्ष उत्तम है। खास कर बाल गणेश का मोहक रूप एवं मुषकराज का चुलबुला अंदाज। गणेश और मुषकराज के बीच के कई दृश्य हास्य उत्पन्न करते हैं। फिल्म की शुरुआत मुंबई के कुछ स्टाइलिश चूहों से होती है। यह उनकी बोल चाल की मुंबईया भाषा से पता चलता है, लेकिन वे दृश्य मनोरंजक न होकर इरीटेट करते हैं। फिल्म में एक सुंदर गीत है, पर अचानक फिल्म में आने के कारण वह अवांछित प्रतीत होता है। बाल गणेश-2 नन्हें दर्शकों को पसंद आ सकती है। निर्देशक ने फिल्म के अंत में संकेत दिया है कि बाल गणेश का एक और सीक्वल आ सकता है।
-रघुवेंद्र सिंह
रेटिंग- दो स्टार
1 comment:
आभार इस समीक्षा के लिए.
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