Saturday, October 24, 2009

संघर्ष बिना जिंदगी कुछ नहीं: प्रियंका कोठारी

प्रियंका कोठारी संघर्षशील स्वभाव की हैं। वे मुसीबतों से डरकर भागती नहीं, उनका सामना करती हैं। कुछ वर्ष पहले जब प्रियंका ने फिल्मों में करियर बनाने के लिए दिल्ली से मुंबई अकेले आने का फैसला परिजनों को सुनाया, तो किसी को यकीन नहीं हुआ। गैर फिल्मी पृष्ठभूमि की प्रियंका ने अपने दम पर हिंदी एवं दक्षिण भारतीय फिल्मों में पहचान बनाई है। यहां प्रियंका जिंदगी के प्रति अपने नजरिए से अवगत करा रही हैं।
आपकी नजर में जिंदगी क्या है?
संघर्ष..। संघर्ष के बिना जिंदगी कुछ नहीं।
जिंदगी में अहम क्या है?
प्यार, सम्मान और शांति।
जिंदगी में पतझड़ आ जाए, तो क्या करना चाहिए?
उसका मुकाबला करते हुए आगे बढ़ जाना चाहिए।
जिंदगी कब बदरंग लगने लगती है?
जब आप अपने मन की शांति खो देते हैं।
आपकी जिंदगी में पुरुष ज्यादा अहमियत रखते हैं या स्त्री?
मेरे लिए इंसान महत्व रखता है। पुरुष या स्त्री नहीं।
आपकी जिंदगी का लक्ष्य क्या है?
भगवान ने मेरे लिए जो रास्ता चुना है, उस पर चलती रहूं।
अब तक की जिंदगी का सबसे सुहाना पल कौन सा था?
जब मुझे पहली फिल्म जेम्स मिली थी, उस दिन मैं बहुत खुश थी। मुझे सारी दुनिया बदली नजर आ रही थी।
जिंदगी में मिला अब तक का सबसे कीमती तोहफा क्या है?
जब पापा ने कहा कि तुम अपनी जिंदगी अपनी मर्जी से जी सकती हो। उससे बड़ा तोहफा आज तक मुझे नहीं मिला।
जिंदगी की गाड़ी सरपट दौड़ती रहे, इसके लिए क्या जरूरी है?
आप खुद दौड़ते रहें। जिस दिन आप रुक गए, उस दिन जिंदगी भी रुक जाएगी।
जिंदगी में संघर्ष क्यों जरूरी है?
खुशी की कीमत जानने के लिए। संघर्ष के बिना आप खुशियों का मोल नहीं समझ सकते।

-raghuvendra singh

1 comment:

Jandunia said...

खैर ये सही है कि बिना संघर्ष के आप खुशियों का मोल नहीं जान सकते