-रघुवेंद्र सिंह
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में विजय, राहुल, राज और प्रेम ऐसे नाम हैं, जिन्हें बार-बार फिल्मों में देखा गया है, लेकिन गौर से देखा जाए, तो इनमें से प्रेम को छोड़कर कोई भी नाम उतना लोकप्रिय नहीं हुआ कि ब्रैंड बन जाए। आज फिल्म इंडस्ट्री का लगभग हर कलाकार प्रेम का किरदार निभाने की इच्छा रखता है। वैसे, प्रेम है ही ऐसा कि उससे हर किसी को प्यार हो जाए। वह भारतीय संस्कारों का संवाहक, सभ्य, मृदुभाषी, सीधा, सरल, खूबसूरत और नाम के अनुरूप प्रेम की प्रतिमूर्ति है। अब तो लोग समझ ही गए होंगे कि हम जाने-माने फिल्मकार सूरज बड़जात्या की फिल्म के नायक प्रेम की बात कर रहे हैं, जिन्होंने सन 1989 में फिल्म मैंने प्यार किया से प्रेम को आम लोगों के बीच स्थापित किया। उस वक्त के मासूम सलमान खान से शुरू हुआ प्रेम का सिलसिला आज चॉकलेटी अभिनेता शाहिद कपूर तक पहुंच चुका है। जल्द ही प्रेम का एक और रूप सबके सामने आने वाला है। हर दिल अजीज प्रेम के सफर पर एक नजर..
प्रेम और सलमान
सलमान खान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के पहले वह अभिनेता हैं, जिन्होंने सूरज बड़जात्या के प्रेम को सर्वप्रथम रुपहले पर्दे पर साकार किया। युवा प्रेम कहानी पर आधारित फिल्म मैंने प्यार किया में सलमान प्रेम चौधरी की भूमिका में थे और उनकेअॅपोजिट भाग्यश्री सुमन के किरदार में थीं। फिल्म की कहानी ने हर दिल को छुआ। प्रेम-सुमन की प्रेम कहानी ने बॉक्स-ऑफिस पर रिकॉर्ड बिजनेस किया। प्रेम के किरदार के लिए सलमान को उस साल का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला। सलमान दूसरी बार प्रेम के रूप में सूरज की 1994 में आई फिल्म हम आपके हैं कौन में दिखे। इस बार उनका साथ दे रही थीं माधुरी दीक्षित। माधुरी फिल्म में निशा की भूमिका में थीं। पहले प्रेम की तुलना में इस फिल्म का प्रेम ज्यादा लोकप्रिय हुआ। यह प्रेम देवर बनकर अपनी भाभी की बहन के ऊपर डोरे डालता दिखा। उसकी छेड़खानियां सबको पसंद आई। सूरज और प्रेम ने एक बार फिर अपना कमाल कर दिखाया।
सूरज बड़जात्या ने सलमान को वर्ष 1999 में फिल्म हम साथ साथ हैं में फिर प्रेम के रूप में पेश किया, लेकिन इस बार पहले की तरह प्रेम का जादू नहीं चल पाया! वैसे, इसमें प्रेम को कोई दोष नहीं दिया जा सकता, कहानी ही अलग थी। शायद यही वजह है कि यह फिल्म सूरज की पहली दो फिल्मों की तरह कमाल नहीं कर पाई। इस फिल्म के बाद सूरज ने सलमान को प्रेम के रूप में कभी कास्ट जरूर नहीं किया, लेकिन सलमान का प्रेम से ऐसा जुड़ाव हुआ कि वे बाद में आई अपनी कई फिल्मों जैसे अंदाज अपना-अपना, जुड़वा, चल मेरे भाई, कहीं प्यार न हो जाए, नो एन्ट्री, पार्टनर, मैरीगोल्ड और मैंने प्यार क्यों किया में प्रेम बनकर ही लोगों के सामने आए।
रितिक-अभिषेक बने प्रेम
सलमान खान से निराश होने के बाद सूरज बड़जात्या ने जवां दिलों की धड़कन रितिक रोशन और अभिषेक बच्चन को अपनी फिल्म मैं प्रेम की दिवानी हूं में प्रेम के रूप में पेश किया। इस बार प्रेम के हाव-भाव से लेकर बातचीत करने के अंदाज तक में भारी बदलाव देखने को मिला। सूरज ने इस फिल्म में अपने प्रेम के साथ जमकर प्रयोग किए। उनके दोनों प्रेम आधुनिकता के रंग में रंगे नजर आए। शायद पिछली फिल्म की असफलता से मायूस सूरज प्रेम को एक नए रूप में ढालना चाहते थे, लेकिन अफसोस, सूरज को कामयाबी नहीं मिली, दर्शकों ने उनके नए प्रेम को नकार दिया। सूरज की इस फिल्म के लिए काफी आलोचना भी हुई थी, क्योंकि उनकी फिल्में और उनके किरदार हमेशा संस्कारों के सीमित दायरे में गुफ्तगू करते दिखते थे, जबकि इस बार उन्होंने सारी सीमाओं को तोड़ दिया था। सूरज को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने चार साल का वक्त लिया और एक बार फिर अपने पुराने प्रेम के साथ फिल्म विवाह लेकर लौटे।
शाहिद में प्रेम की छवि
सलमान के बाद अभिनेता शाहिद कपूर ने प्रेम को सही तरीके से पर्दे पर पेश करने में सफलता पाई। जिस रूप में दर्शक प्रेम को देखना चाहते थे, सूरज ने उसे फिल्म विवाह में ठीक वैसे ही पेश किया। इस बार सूरज ने सीमाओं में रहकर प्यार और अहसास की दास्तान दर्शाई। विवाह में प्रेम और पूनम का सगाई से शादी तक का खूबसूरत सफर सबको बेहद भाया। शाहिद को प्रेम की संजीदा भूमिका निभाने के लिए जमकर सराहना भी मिली। इस फिल्म के बाद शाहिद कपूर इंडस्ट्री के अच्छे कलाकारों की फेहरिस्त में कुछ पायदान और ऊपर पहुंच गए।
अब सोनू बने प्रेम
राजश्री की नई फिल्म एक विवाह ऐसा भी में प्रेम फिर नजर आएगा। इस बार प्रेम के रूप में नजर आएंगे सोनू सूद। उनके साथ हैं ईशा कोप्पिकर, लेकिन अफसोस की बात यह है कि फिल्म का निर्देशन सूरज बड़जात्या नहीं कर रहे हैं। उन्होंने अपनी इस फिल्म के निर्देशन की जिम्मेदारी कौशिक घटक को सौंपी है, जो उनके लिए धारावाहिक वो रहने वाली महलों की का निर्देशन कर चुके हैं। प्रेम का किरदार निभाना सोनू सूद अपने लिए सम्मान की बात मानते हैं। वे कहते हैं, मेरे लिए प्रेम बनना सम्मान की बात है। मैंने सूरज बड़जात्या की सभी फिल्में देखी हैं, लेकिन मैं जो प्रेम का किरदार निभा रहा हूं, वह बिल्कुल अलग है। मुझे उम्मीद है कि प्रेम के रूप में दर्शक जरूर पसंद करेंगे।
1 comment:
सही विश्लेषण!!
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