ईशा कोप्पिकर ने कलर्स के रिअॅलिटी शो 100 प्रतिशत दे दना दन साइन करके अपने करियर को नया मोड़ दिया है। इसका मतलब यह नहीं कि उनका फिल्मी करियर समाप्त हो गया है। ईशा की तीन बड़ी फिल्में राइट या रॉन्ग, शबरी और हेलो डार्लिग प्रदर्शन के लिए तैयार हैं, लेकिन लोगों को यह बात साल रही है कि ईशा नई फिल्में क्यों नहीं साइन कर रही हैं? कहीं वे टिम्मी नारंग के साथ सात फेरे लेकर एक्टिंग को अलविदा कहने की योजना तो नहीं बना रहीं? पिछले दिनों हुई मुलाकात में तरंग से ईशा कोप्पिकर ने इन वजहों पर अच्छी बातचीत की।
आम धारणा है कि टीवी पर फिल्मों के चर्चित कलाकार तभी आते हैं, जब उनका फिल्मी करियर ढलान पर होता है। क्या ईशा इस बात से सहमत हैं? वे कहती हैं, देखिए, मैं फिल्में कर रही हूं। मेरी तीन फिल्में प्रदर्शन के लिए तैयार हैं। मैं एंटरटेनमेंट बिजनेस में हूं। मैं टीवी और फिल्म में फर्क नहीं करती। फिर टीवी की जो पहुंच है, फिल्म उसे छू भी नहीं सकती। गांव में लोग थिएटर में नहीं जाते, लेकिन वे घरों में कलर या ब्लैक ऐंड व्हाइट टीवी जरूर रखते हैं। आज टीवी की पहुंच बहुत बढ़ गई है। मैं टीवी में काम करना गलत नहीं मानती। मैंने 100 प्रतिशत दे दना दन के संचालन के लिए हां इसलिए किया, क्योंकि मुझे शो का कॉन्सेप्ट अच्छा लगा।
ईशा 100 प्रतिशत दे दना दन की खासियत और उसमें अपनी भूमिका के बारे में बताती हैं, यह शो कुश्ती पर आधारित है। कुश्ती हमारी मिट्टी से जुड़ा खेल है, लेकिन आज लोग इसे भूल गए हैं। हम इस रिअॅलिटी शो से कुश्ती को नई पहचान दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है कि फिल्म चक दे इंडिया से हॉकी को जैसे नई पहचान मिली थी, वैसा ही कमाल इस शो से कुश्ती का होगा। शो में साउथ अफ्रीका और भारत के पहलवानों के बीच कुश्ती का मुकाबला होता है। मैं इसमें संचालक की भूमिका निभा रही हूं। मैं शो में साउथ अफ्रीका और भारतीय पहलवानों के बीच पुल का काम करूंगी।
अब सवाल यह है कि क्या इस तरह के कार्यक्रमों में ईशा की दिलचस्पी रही है? वे स्वीकारती हैं, हां, मैं डब्ल्यूडब्ल्यूएफ काफी देखती हूं। मैंने देखा है कि इस तरह के शो बच्चों को बहुत पसंद हैं। इस शो में भी डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के लेवल की कुश्ती होगी, लेकिन इसमें भारतीय दर्शकों को ध्यान में रखते हुए काफी इमोशन और ड्रामा जोड़ा गया है। मैं पिछले आठ साल से मार्शल आर्ट से जुड़ी हुई हूं। मुझे ऐक्शन अच्छा लगता है। यह अलग बात है कि फिल्मों में मुझे ऐसा काम करने का मौका नहीं मिला। मुझे किसी भी खेल को प्रमोट करने का मौका मिलेगा, तो मैं जरूर करूंगी।
क्या यह शो साइन करने से पहले ईशा ने परिवार और टिम्मी नारंग से सलाह ली थी? वे कहती हैं, मैं बचपन से अपने मां-बाप से सलाह लेकर ही कोई फैसला लेती आई हूं, लेकिन मेरे प्रोफेशनल फैसलों में उन लोगों की खास भूमिका नहीं होती। दरअसल, मेरे मम्मी-पापा नॉन फिल्मी हैं। पापा डॉक्टर हैं और मम्मी गृहिणी। उन्हें इंडस्ट्री की अधिक जानकारी नहीं है, इसलिए वे लोग इस तरह के फैसले मुझ पर छोड़ देते हैं। अपने प्रोफेशनल फैसले मैं खुद लेती हूं।
बात होती है ईशा से कि क्या भविष्य में भी वे टीवी शो करेंगी और उन्होंने फिल्में साइन करना इधर बंद क्यों कर दिया है? वे स्पष्ट करती हैं, मैं भविष्य के बारे में कुछ नहीं कह सकती। यदि मेरे पास किसी शो के संचालन या शो में जज बनने का अच्छा ऑफर मिला, तो मैं जरूर करूंगी। जहां तक नई फिल्में न साइन करने की बात है, तो मैं नहीं मानती कि पूरे साल किसी को काम करते रहना चाहिए। मेरे पास जिन फिल्मों के ऑफर आते हैं, उनकी स्क्रिप्ट मुझे अच्छी नहीं लगती, तो मैं ऐसे ही किसी फिल्म के लिए हां नहीं कह सकती! अब मैं वही काम करूंगी, जो मुझे एक्साइट करेगा। हेलो डार्लिग और राइट या रॉन्ग की इन दिनों री-शूटिंग चल रही है। साल के अंत में ये फिल्में आ जाएंगी।
पिछले दिनों यह भी चर्चा रही कि ईशा टिम्मी नारंग से शादी करने जा रही हैं, इसीलिए फिल्में साइन नहीं कर रही हैं। सच क्या है? वे अपनी राय रखती हैं, यकीन मानिए, मैंने शादी के बारे में अभी तक सोचा नहीं है। जो लोग ऐसा सोच रहे हैं, मैं उनसे यही कहूंगी कि प्लीज, वे मेरी शादी के बारे में सोचना छोड़ दें। पता नहीं क्यों, मेरे मां-बाप से अधिक मीडिया को मेरी शादी की चिंता है। मैं साफ-साफ कह रही हूं कि जब भी शादी की तारीख तय करूंगी, सबको बता दूंगी।
आम धारणा है कि टीवी पर फिल्मों के चर्चित कलाकार तभी आते हैं, जब उनका फिल्मी करियर ढलान पर होता है। क्या ईशा इस बात से सहमत हैं? वे कहती हैं, देखिए, मैं फिल्में कर रही हूं। मेरी तीन फिल्में प्रदर्शन के लिए तैयार हैं। मैं एंटरटेनमेंट बिजनेस में हूं। मैं टीवी और फिल्म में फर्क नहीं करती। फिर टीवी की जो पहुंच है, फिल्म उसे छू भी नहीं सकती। गांव में लोग थिएटर में नहीं जाते, लेकिन वे घरों में कलर या ब्लैक ऐंड व्हाइट टीवी जरूर रखते हैं। आज टीवी की पहुंच बहुत बढ़ गई है। मैं टीवी में काम करना गलत नहीं मानती। मैंने 100 प्रतिशत दे दना दन के संचालन के लिए हां इसलिए किया, क्योंकि मुझे शो का कॉन्सेप्ट अच्छा लगा।
ईशा 100 प्रतिशत दे दना दन की खासियत और उसमें अपनी भूमिका के बारे में बताती हैं, यह शो कुश्ती पर आधारित है। कुश्ती हमारी मिट्टी से जुड़ा खेल है, लेकिन आज लोग इसे भूल गए हैं। हम इस रिअॅलिटी शो से कुश्ती को नई पहचान दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है कि फिल्म चक दे इंडिया से हॉकी को जैसे नई पहचान मिली थी, वैसा ही कमाल इस शो से कुश्ती का होगा। शो में साउथ अफ्रीका और भारत के पहलवानों के बीच कुश्ती का मुकाबला होता है। मैं इसमें संचालक की भूमिका निभा रही हूं। मैं शो में साउथ अफ्रीका और भारतीय पहलवानों के बीच पुल का काम करूंगी।
अब सवाल यह है कि क्या इस तरह के कार्यक्रमों में ईशा की दिलचस्पी रही है? वे स्वीकारती हैं, हां, मैं डब्ल्यूडब्ल्यूएफ काफी देखती हूं। मैंने देखा है कि इस तरह के शो बच्चों को बहुत पसंद हैं। इस शो में भी डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के लेवल की कुश्ती होगी, लेकिन इसमें भारतीय दर्शकों को ध्यान में रखते हुए काफी इमोशन और ड्रामा जोड़ा गया है। मैं पिछले आठ साल से मार्शल आर्ट से जुड़ी हुई हूं। मुझे ऐक्शन अच्छा लगता है। यह अलग बात है कि फिल्मों में मुझे ऐसा काम करने का मौका नहीं मिला। मुझे किसी भी खेल को प्रमोट करने का मौका मिलेगा, तो मैं जरूर करूंगी।
क्या यह शो साइन करने से पहले ईशा ने परिवार और टिम्मी नारंग से सलाह ली थी? वे कहती हैं, मैं बचपन से अपने मां-बाप से सलाह लेकर ही कोई फैसला लेती आई हूं, लेकिन मेरे प्रोफेशनल फैसलों में उन लोगों की खास भूमिका नहीं होती। दरअसल, मेरे मम्मी-पापा नॉन फिल्मी हैं। पापा डॉक्टर हैं और मम्मी गृहिणी। उन्हें इंडस्ट्री की अधिक जानकारी नहीं है, इसलिए वे लोग इस तरह के फैसले मुझ पर छोड़ देते हैं। अपने प्रोफेशनल फैसले मैं खुद लेती हूं।
बात होती है ईशा से कि क्या भविष्य में भी वे टीवी शो करेंगी और उन्होंने फिल्में साइन करना इधर बंद क्यों कर दिया है? वे स्पष्ट करती हैं, मैं भविष्य के बारे में कुछ नहीं कह सकती। यदि मेरे पास किसी शो के संचालन या शो में जज बनने का अच्छा ऑफर मिला, तो मैं जरूर करूंगी। जहां तक नई फिल्में न साइन करने की बात है, तो मैं नहीं मानती कि पूरे साल किसी को काम करते रहना चाहिए। मेरे पास जिन फिल्मों के ऑफर आते हैं, उनकी स्क्रिप्ट मुझे अच्छी नहीं लगती, तो मैं ऐसे ही किसी फिल्म के लिए हां नहीं कह सकती! अब मैं वही काम करूंगी, जो मुझे एक्साइट करेगा। हेलो डार्लिग और राइट या रॉन्ग की इन दिनों री-शूटिंग चल रही है। साल के अंत में ये फिल्में आ जाएंगी।
पिछले दिनों यह भी चर्चा रही कि ईशा टिम्मी नारंग से शादी करने जा रही हैं, इसीलिए फिल्में साइन नहीं कर रही हैं। सच क्या है? वे अपनी राय रखती हैं, यकीन मानिए, मैंने शादी के बारे में अभी तक सोचा नहीं है। जो लोग ऐसा सोच रहे हैं, मैं उनसे यही कहूंगी कि प्लीज, वे मेरी शादी के बारे में सोचना छोड़ दें। पता नहीं क्यों, मेरे मां-बाप से अधिक मीडिया को मेरी शादी की चिंता है। मैं साफ-साफ कह रही हूं कि जब भी शादी की तारीख तय करूंगी, सबको बता दूंगी।
-raghuvendra singh
1 comment:
आपकी लेखन शैली का कायल हूँ. बधाई.
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