Wednesday, September 30, 2009

ऐक्टर तो हर इंसान के अंदर है: सुखविंदर सिंह

सुखविंदर सिंह को जब कोई पंजाब दा मुंडा कहता है, वे बहुत खुश होते हैं। उनका चेहरा चमक उठता है। इंटरनेशनल सिंगिंग स्टार बनने के बावजूद वे अपनी जड़ों को भूले नहीं हैं। उनके दिलोदिमाग में आज भी अपनी जन्मभूमि अमृतसर की मिट्टी की खुशबू बसती है। गायकी के बाद अब जगबीर दाहिया की फिल्म खुदी को कर बुलंद इतना से सुखविंदर अभिनय सफर की शुरुआत कर रहे हैं। उन्हें यकीन है कि गायकी की तरह ही वे अभिनय में भी अपना नाम रोशन करेंगे। बातचीत गायक से अभिनेता बने सुखविंदर सिंह से..
क्या आपने सोचा था कि एक दिन फिल्मों में अभिनय भी करेंगे?
मैंने कभी नहीं सोचा था। लोग तो बचपन में स्कूल और कॉलेज में कभी-कभार अभिनय किए होते हैं, मैंने वह भी नहीं किया था। मैं हमेशा से सिंगर बनना चाहता था। खुदी को कर बुलंद इतना फिल्म में अभिनय करने के लिए मेरे हां कहने की वजह है और वह यह है कि फिल्म में मैं जिस किरदार को निभा रहा हूं, वह एकदम मेरे जैसा है। मैं जिस तरह अकेले में समाज की बुराइयों के बारे में सोचता हूं और कुछ करना चाहता हूं, वैसा ही ऋषि है। वह कॉमन मैन है।
आप भले ही स्वीकार न करें, लेकिन आपके अंदर ऐक्टर छुपा हुआ था?

हर इंसान के अंदर ऐक्टर छुपा होता है। हम घर में कभी-कभी ऐसे मेहमान की सेवा कर रहे होते हैं, जो हमें पसंद नहीं होते। नाखुश होते हुए भी हम उसके सामने खुश होने का दिखावा करते हैं। वह एक्टिंग ही है।
जगबीर दाहिया से पहले भी किसी ने आपको अभिनय के लिए अप्रोच किया था?
हां, लेकिन वे पॉपुलर सुखी को चाहते थे। वे मेरी पॉपुलरिटी को कैश करना चाहते थे, इसलिए मैंने उन्हें मना कर दिया। जगबीर दाहिया रिअॅल सुखविंदर सिंह को अपनी फिल्म में लेना चाहते थे। वे पहले मेरे पास अपनी फिल्म के लिए गाना गवाने आए थे, लेकिन रिकॉर्डिग के समय उन्हें मुझमें अपना हीरो दिख गया।
खुदी को कर बुलंद इतना किस तरह की फिल्म है?
यह विचार प्रधान फिल्म है। इसमें विचार ही नायक हैं। हमने समाज के कुछ ज्वलंत मुद्दों को फिल्म में उद्घाटित किया है। फिल्म में मैं छोटे शहर के संगीतकार की भूमिका निभा रहा हूं। मेरे साथ फिल्म में विक्रम, रूफी, श्रिया और गीतांजलि भी हैं।
अभिनय गायकी से मुश्किल लगी?
दोनों मुश्किल काम हैं। इस फिल्म की इनडोर शूटिंग में मुझे मुश्किल नहीं हुई, लेकिन आउटडोर शूटिंग में लद्दाख में एक रोमांटिक गाने की शूटिंग के समय मेरी हालत खराब हो गई थी। वहां शूटिंग के बाद ब्रांडी से हाथ-पैर की मालिश करनी पड़ी थी।
आगामी प्रोजेक्ट्स कौन-कौन से हैं?
मैं राकेश ओमप्रकाश मेहरा की एक फिल्म के लिए संगीत तैयार कर रहा हूं। इसके अलावा मैंने कई बड़ी और अच्छी फिल्मों में गीत गाये हैं, जिन्हें लोग जल्द ही सुनेंगे। काम जारी है।
संगीत के क्षेत्र में करियर बनाने वालों को कोई सुझाव देंगे?
मैं उनसे यही कहूंगा कि गलत जगह पर अपनी ऊर्जा नष्ट न करें। यदि आप सिंगर हैं, तो अपनी एक सीडी बनाइए और उसे संगीतकारों के पास भेज दीजिए। यह काम आप किसी भी शहर में बैठे कर सकते हैं। यकीन मानिए, ए आर रहमान जैसे बड़े संगीतकार वक्त निकालकर उन्हें सुनते हैं। मैं भी सुनता हूं। जिसकी आवाज अच्छी लगी, हम उसे जरूर मौका देंगे।
पंजाबी फिल्मों के लिए कुछ करने की योजना है?
मैं पंजाबी सिनेमा के लिए काम करना चाहता हूं, लेकिन पता नहीं क्यों लोग मेरे पास आने से डरते हैं। लोगों का लगता है कि मैं बहुत बड़ा सिंगर हो गया हूं, जबकि ऐसी कोई बात नहीं है।
आपके पास किसी इंटरनेशनल प्रोजेक्ट का प्रस्ताव आया है?
अब हमारा सिनेमा इंटरनेशनल हो चुका है। अब विदेश के लोग यहां आएंगे। मुझे यकीन है कि कुछ साल बाद हमारे यहां ऑस्कर जैसे बड़े पुरस्कार समारोह आयोजित होंगे।
-raghuvendra singh

1 comment:

निर्मला कपिला said...

बहुत अच्छा लगा सुखविन्दर जी के बारे मे जान कर धन्यवाद्