एनडीटीवी इमेजिन पर प्रसारित धारावाहिक ज्योति श्रीनिधि शेट्टी का पहला सीरियल है। श्री इसमें सुषमा की निगेटिव भूमिका से दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ खींच रही हैं। वे चाहती भी थीं कि ऐसी ही भूमिका से करिअर की शुरुआत हो। पिछले दिनों श्रीनिधि से मुलाकात हुई। प्रस्तुत हैं उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश..
आपका ज्योति सीरियल से कैसे जुड़ना हुआ?
मैंने सात फेरे सीरियल के लिए ऑडीशन दिया था। वह ऑडीशन सलोनी की बेटी के किरदार के लिए था, लेकिन मेरा सेलेक्शन नहीं हुआ। कुछ दिन बाद उसी प्रोडक्शन हाउस से मुझे ज्योति सीरियल के लिए फोन आया। मैंने सुषमा और सुधा दोनों चरित्र के लिए ऑडीशन दिया। बाद में मुझे बताया गया कि सुषमा के लिए चुनी गई हूं।
सुषमा का किरदार आपसे बड़ी उम्र का है। इसे निभाने में दिक्कत नहीं होती?
मैंने एक्टिंग की ट्रेनिंग नहीं ली है। मुझे पता ही नहीं था कि एक्टिंग कैसे करते हैं। सुषमा के किरदार को निभाने में शुरू में मुझे बहुत दिक्कत होती थी, लेकिन अब नहीं होती। इसका श्रेय मैं सीरियल के पुराने निर्देशक सिद्धार्थ सेन गुप्ता को दूंगी। उन्होंने ही मुझे एक्टिंग करना सिखाया। सुषमा के किरदार में अब मैं इस कदर डूब गई हूं कि रिअल लाइफ में भी उसी तरह से सोचती हूं।
सुषमा और आपकी सोच में कितनी समानता है?
बिल्कुल भी नहीं। मैं सुषमा की तरह घमंडी और हमेशा लड़ने वाली लड़की नहीं हूं। मैं खुशमिजाज और बहुत चंचल हूं। मैं सेट पर रहूं या घर में, हमेशा हंसती और हंसाती रहती हूं। जो लोग मुझे जानते हैं, उन्हें हैरानी होती है कि मैं सुषमा का किरदार कैसे निभा रही हूं?
क्या उम्मीद थी कि सुषमा के किरदार से आपको चर्चा मिलेगी?
सच कहूं तो नहीं, लेकिन इतना पता था कि यह निगेटिव किरदार है, इसलिए लोग नोटिस जरूर करेंगे। मैं निगेटिव किरदार से ही डेब्यू करना चाहती थी। मेरा सपना सच हुआ।
अपने बारे में बताएंगी?
मैं नवी मुंबई की रहने वाली हूं। मुझे बचपन से डांस का शौक था। मैं डांस में कुशल भी हूं, लेकिन एक्टिंग में करिअर बनाने के बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था। धारावाहिक क्योंकि सास भी कभी बहू थी की तुलसी को देखकर इस फील्ड में मेरी रुचि बढ़ी। बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद मैंने अपना पोर्टफोलियो बनवाया और डिस्ट्रीब्यूट कर दिया। मैं छह महीने तक ऑडीशन देती रही, लेकिन कहीं से पॉजिटिव रिजल्ट नहीं आया। हर जगह लोग यह कहकर मुझे रिजेक्ट कर देते थे कि मेरी लंबाई कम है। मैं हतोत्साहित होती थी, लेकिन मम्मी मेरा हौसला बढ़ाती थीं।
आपका लक्ष्य क्या है?
मैं सबका दिल जीतना चाहती हूं। सुषमा के किरदार निभाने से लोगों में मेरी इमेज घमंडी और लड़ाकू लड़की की बन गई है। मैं उसे तोड़ना चाहती हूं। ज्योति सीरियल के लिए मैंने अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ दी। अगले साल ग्रेजुएशन पूरा करना मेरा लक्ष्य होगा।
आपका ज्योति सीरियल से कैसे जुड़ना हुआ?
मैंने सात फेरे सीरियल के लिए ऑडीशन दिया था। वह ऑडीशन सलोनी की बेटी के किरदार के लिए था, लेकिन मेरा सेलेक्शन नहीं हुआ। कुछ दिन बाद उसी प्रोडक्शन हाउस से मुझे ज्योति सीरियल के लिए फोन आया। मैंने सुषमा और सुधा दोनों चरित्र के लिए ऑडीशन दिया। बाद में मुझे बताया गया कि सुषमा के लिए चुनी गई हूं।
सुषमा का किरदार आपसे बड़ी उम्र का है। इसे निभाने में दिक्कत नहीं होती?
मैंने एक्टिंग की ट्रेनिंग नहीं ली है। मुझे पता ही नहीं था कि एक्टिंग कैसे करते हैं। सुषमा के किरदार को निभाने में शुरू में मुझे बहुत दिक्कत होती थी, लेकिन अब नहीं होती। इसका श्रेय मैं सीरियल के पुराने निर्देशक सिद्धार्थ सेन गुप्ता को दूंगी। उन्होंने ही मुझे एक्टिंग करना सिखाया। सुषमा के किरदार में अब मैं इस कदर डूब गई हूं कि रिअल लाइफ में भी उसी तरह से सोचती हूं।
सुषमा और आपकी सोच में कितनी समानता है?
बिल्कुल भी नहीं। मैं सुषमा की तरह घमंडी और हमेशा लड़ने वाली लड़की नहीं हूं। मैं खुशमिजाज और बहुत चंचल हूं। मैं सेट पर रहूं या घर में, हमेशा हंसती और हंसाती रहती हूं। जो लोग मुझे जानते हैं, उन्हें हैरानी होती है कि मैं सुषमा का किरदार कैसे निभा रही हूं?
क्या उम्मीद थी कि सुषमा के किरदार से आपको चर्चा मिलेगी?
सच कहूं तो नहीं, लेकिन इतना पता था कि यह निगेटिव किरदार है, इसलिए लोग नोटिस जरूर करेंगे। मैं निगेटिव किरदार से ही डेब्यू करना चाहती थी। मेरा सपना सच हुआ।
अपने बारे में बताएंगी?
मैं नवी मुंबई की रहने वाली हूं। मुझे बचपन से डांस का शौक था। मैं डांस में कुशल भी हूं, लेकिन एक्टिंग में करिअर बनाने के बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था। धारावाहिक क्योंकि सास भी कभी बहू थी की तुलसी को देखकर इस फील्ड में मेरी रुचि बढ़ी। बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद मैंने अपना पोर्टफोलियो बनवाया और डिस्ट्रीब्यूट कर दिया। मैं छह महीने तक ऑडीशन देती रही, लेकिन कहीं से पॉजिटिव रिजल्ट नहीं आया। हर जगह लोग यह कहकर मुझे रिजेक्ट कर देते थे कि मेरी लंबाई कम है। मैं हतोत्साहित होती थी, लेकिन मम्मी मेरा हौसला बढ़ाती थीं।
आपका लक्ष्य क्या है?
मैं सबका दिल जीतना चाहती हूं। सुषमा के किरदार निभाने से लोगों में मेरी इमेज घमंडी और लड़ाकू लड़की की बन गई है। मैं उसे तोड़ना चाहती हूं। ज्योति सीरियल के लिए मैंने अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ दी। अगले साल ग्रेजुएशन पूरा करना मेरा लक्ष्य होगा।
-raghuvendra Singh
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