Monday, November 16, 2009

संघर्ष नहीं करना पड़ा: मोहित चौहान

सुमधुर आवाज की बदौलत मोहित चौहान सबके अजीज बन चुके हैं। हर तरफ उनके गाये गीत सुने और सराहे जा रहे हैं। चाहे लव आज कल का ये दूरियां.. गीत हो या कमीने का पहली बार मुहब्बत की है..। दिल्ली 6 का मसकली.. और जब वी मेट का तुम से ही दिन होता है.. गीतों को श्रोता अभी तक भूले नहीं होंगे। उन्होंने सिल्क रूट बैंड से करिअर का आगाज किया और पहचान और बूंदे जैसे म्यूजिक एलबम बनाए। आठ वर्ष बाद वे नया म्यूजिक एलबम फितूर लेकर आ रहे हैं। बातचीत मोहित से..
आपके गीतों की लोकप्रियता का राज क्या है?
मेरे संगीतकारों और मेरी कड़ी मेहनत का यह फल है। मैं कह सकता हूं कि सही गीत चुने गए और भाग्यशाली हूं कि उन गीतों का सही तरीके से प्रोमोशन हुआ।
क्या आपने सोचा था कि पा‌र्श्व गायन की दुनिया में स्टार बन जाएंगे?
पा‌र्श्व गायन मेरा लक्ष्य नहीं था। मैं अपने बैंड के साथ खुश था। वहां मुझे आजादी थी। मैं अपने हिसाब से काम करता था। खुद गीत लिखता था और गाता था। 2004 में बैंड के बिखरने के बाद मैं पा‌र्श्व गायन में आया। मेरी किस्मत अच्छी थी। काम मिलता गया और इस तरह मुझे संघर्ष नहीं करना पड़ा।
लंबे अंतराल के बाद आपका नया म्यूजिक एलबम आ रहा है?
हां, मेरा आखिरी म्यूजिक एलबम बूंदें 2000 में आया था। तब मैं सिल्क रूट के साथ था। बैंड के बिखरने के बाद मैं फिल्मों के लिए गीत गाने में व्यस्त हो गया। उस तरफ मेरा रुझान बढ़ गया, लेकिन साथ में मैं नए गीत बनाता रहा। उन्हीं गीतों को मैं फितूर में पेश कर रहा हूं।
फितूर में कितने और किस तरह के गीत हैं?
एलबम में दस गाने हैं। इन्हें मैंने ही लिखा है और इनकी धुनें भी खुद ही बनाई हैं। इस अलबम को यूनीवर्सल म्यूजिक कंपनी रिलीज कर रही है। इसमें कुछ गीत रोमांटिक हैं। गीत जीने दे.. मैंने टाइगर को डेडीकेट किया है। इस गीत के जरिए मैंने लोगों से गुजारिश की है कि टाइगर को बचाएं। एलबम में नब्बे प्रतिशत असली वाद्य यंत्रों का इस्तेमाल किया है।
अमूमन गायक तब म्यूजिक एलबम लेकर आते हैं, जब फिल्म के गीतों से उन्हें संतुष्टि नहीं मिलती। फितूर बनाने का उद्देश्य क्या है?
यह सच है। फिल्मों में हम दूसरे के लिखे गीतों और दूसरे की धुनों पर गाते हैं। जैसे, जब प्रीतम मुझे गाने के लिए बुलाते हैं, तो पहले वे मुझे सिचुएशन समझाते हैं। एलबम में हमारा अपना रस होता है। हम अपने अनुसार काम करते हैं। फितूर में मेरी फीलिंग है।
आपका फितूर क्या है?
फितूर का अर्थ होता है जुनून, पागलपन। मेरा फितूर गीत बनाना है। मैं चाहता हूं कि जीवन भर गीत बनाता रहूं, गाता रहूं और घूमता रहूं।
आपने एक फिल्म में संगीत दिया था। अब बंद कर दिया?
हां, मैंने मैं, मेरी पत्नी और वो फिल्म में संगीत दिया था। इधर गायकी में लग गया, लेकिन कुछ फिल्मकारों से संगीत को लेकर बातचीत चल रही है। जल्द ही मैं फिल्मों में संगीत दूंगा।
आगे किन फिल्मों में आपकी आवाज सुनने को मिलेगी?
तुम मिले, दो पैसे की धूप चार आने की बारिश और डांस पे चांस फिल्मों के लिए मैंने गीत गाए हैं।
-raghuvendra Singh

1 comment:

Murari Pareek said...

mohit chauhaan ki mulakat bahut achchi lgai!!!