Friday, May 20, 2011

एकता की रागिनी


जर्नलिज्म की पढ़ाई करने के बाद कैनाज मुंबई केअखबारों में छिटपुट लेखन कर रही थीं। ब्यूटी मैगजीन के फोटो शूट के दौरान उनकी मुलाकात एक असिस्टेंट डायरेक्टर से हुई। उन्होंने कैनाज को पाठशाला फिल्म के ऑडिशन में हिस्सा लेने के लिए बुलाया। कैनाज मोतीवाला अनजान थीं कि ऑडिशन उनकी जिंदगी का रुख बदल देगा। एकता कपूर की फिल्म रागिनी एमएमएस में केंद्रीय भूमिका निभा रहीं कैनाज बड़े पर्दे के अपने रोमांचक सफर के बारे में बता रही हैं हमें।

आश्चर्य से भरा है सफर : मैं मुंबई में पली-बढ़ी हूं। मैंने जयहिंद कॉलेज से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है। मैं हमेशा से जर्नलिस्ट बनना चाहती थी। ग्रेजुएशन करने के बाद मैंने मुंबई मिरर और इंडियन एक्सप्रेस अखबारों में सोशल इश्यू पर काफी कुछ लिखा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐक्ट्रेस बनूंगी। मैं एक ब्यूटी मैगजीन का मेकओवर फोटो शूट को-ऑर्डिनेट कर रही थी। उस शूट पर मुझसे पाठशाला फिल्म के असिस्टेंट डायरेक्टर मिले। उन्होंने कहा कि फिल्म के लिए ऑडिशन चल रहा है। आप जरूर आइए। मैंने यह जानने के लिए उस ऑडिशन में हिस्सा लिया कि फिल्मों के लिए कैसे ऑडिशन दिया जाता है। मुझे नहीं पता था कि वह ऑडिशन मेरी जिंदगी बदल देगा।
चढ़ गया नशा : पाठशाला की शूटिंग के बाद मुझ पर एक्टिंग का नशा चढ़ गया। मैंने फैमिली से कहा कि एक्टिंग में करियर बनाना चाहती हूं। किसी को मेरी बात पर यकीन नहीं हुआ। उन्होंने हैरानी से कहा कि क्या तुम श्योर हो? मैंने कहा कि मेहनत करूंगी। मैंने फिल्मों और विज्ञापनों के लिए ऑडिशन देना शुरू किया। कुछ समय में मुझे वेकअप सिड फिल्म मिल गई। मुझे कई विज्ञापन भी मिले। मेरी हिम्मत बढ़ने लगी। जब एकता कपूर की फिल्म रागिनी एमएमएस के लिए मुझे चुना गया तो कुछ समय के लिए यकीन नहीं हुआ।
डरावनी है रागिनी एमएमएस : एकता कपूर की फिल्म रागिनी एमएमएस सच्ची घटना पर आधारित है। मैं इसमें रागिनी की भूमिका निभा रही हूं। रागिनी साउथ मुंबई की शर्मीली लड़की है। उसे नहीं पता है कि दुनिया में कितने गंदे लोग हैं। उसका आठ महीने पुराना एक ब्वॉयफ्रेंड है जिसके साथ वह वीकेंड पर बाहर जाती है। डेट पर उनके साथ क्या हादसा होता है, यही कहानी है। इसमें कुछ वैसे सीन भी हैं जिन्हें करने के लिए मैंने वर्कशॉप किया। मैं किस्मत वाली हूं जो यह फिल्म मिली।
खुश हूं हिस्सा बनकर : फिल्म अपने आप में एक नया प्रयोग है। इसकी शूटिंग अलग तरीके से हुई है। अट्ठाईस दिन में हमने शूटिंग पूरी की। हर कमरे में पांच-छह कैमरे लगा दिए गए थे और हम परफॉर्म करते थे। हमारे मेकअप का टचअप नहीं किया जाता था। अनोखे-अनोखे एंगल से फिल्म शूट की गई है। पाठशाला और वेकअप सिड की शूटिंग से इसका अनुभव मेरे लिए अलग रहा। मुझे उम्मीद है कि रागिनी एमएमएस की रिलीज के बाद मैं डिमांड में आ जाऊंगी। मैंने श्यामक डावर के डांस स्कूल में डांस का प्रशिक्षण लिया है। उसका इस्तेमाल फिल्म में करने को जल्द ही मिलेगा।
-रघुवेंद्र सिंह 

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