-रघुवेंद्र सिंह
राजश्री प्रोडक्शन की नई फिल्म एक विवाह ऐसा भी उनकी पिछली फिल्म विवाह का सीक्वल नहीं है। हां, यह उनकी पिछली फिल्मों की तरह प्रेम, त्याग, समर्पण, नैतिक मूल्यों पर आधारित जरूर है। सूरज बड़जात्या ने इसके निर्देशन की जिम्मेदारी कौशिक घटक को दी है। राजश्री प्रोडक्शन के लोकप्रिय धारावाहिक वो रहने वाली महलों की का निर्देशन कर चुके कौशिक घटक की यह पहली फिल्म है।
सोनू सूद और ईशा कोप्पिकर अभिनीत एक विवाह ऐसा भी की कहानी प्रेम और चांदनी पर केंद्रित है। प्रेम बिजनेस फैमिली से ताल्लुक रखता है। वह सिंगर बनना चाहता है। गायकी की एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता के दौरान प्रेम की मुलाकात चांदनी से होती है। चांदनी मध्यमवर्गीय परिवार की सुशील लड़की है। वह अपने विधुर पिता और छोटे भाई-बहन के बीच की एकमात्र कड़ी है। गायकी की उस प्रतियोगिता के रिहर्सल के दौरान दोनों एक-दूसरे से प्रेम कर बैठते हैं।
इस बात की जानकारी जब प्रेम और चांदनी के घर वालों को मिलती है तो वे खुशी-खुशी उन दोनों को विवाह के बंधन में बांधने का फैसला करते हैं। लेकिन ठीक सगाई के दिन चांदनी के पिता की मृत्यु हो जाती है और दोनों परिवार की खुशियां एकाएक गम में तब्दील हो जाती हैं। प्रेम-चांदनी का विवाह स्थगित कर दिया जाता है। ऐसे दुख के समय में चांदनी के सभी रिश्तेदार उससे मुंह मोड़ लेते हैं। चांदनी पर अपने भाई अनुज और बहन संध्या को संभालने की जिम्मदारी आ जाती है। अब चांदनी को अपने विवाह और भाई-बहन की जिम्मेदारी में से किसी एक को चुनने की बारी आती है। चांदनी प्रेम से उसके परिवार की इच्छानुसार आगे बढ़ने की गुजारिश करती है और खुद अपने भाई-बहन की परवरिश करने का फैसला करती है। प्रेम चांदनी की बात मान लेता है और उससे इंतजार करने की बात कहकर चला जाता है।
क्या अंत में चांदनी और प्रेम का मिलन होता है? यह इस राजश्री की खूबसूरत फिल्म के संगीतमय सफर के दौरान ही आपको पता चलेगा।
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