Saturday, September 27, 2008

बुरी आदत है बाल विवाह: अविका गौर

[रघुवेंद्र सिंह]
आजकल टी.वी. दर्शकों के बीच कलर्स चैनल का धारावाहिक 'बालिका वधू' काफी चर्चा में है। यह धारावाहिक भारतीय समाज में व्याप्त बाल विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथा को प्रभावी तरीके से उजागर कर रहा है। इस धारावाहिक की लोकप्रियता का आलम यह है कि इसकी केंद्रीय पात्र आनंदी की खुशी में दर्शक खुश होते है और उसके दुखी होने पर सबकी आंखों से आंसू छलक जाते है। आनंदी की भूमिका निभा रहीं ग्यारह वर्षीय बाल कलाकार अविका गोर ने इस सीरियल से जुड़े अनुभवों और अपने सपनों को शेयर किया जागरण से
आनंदी-अविका सेम है
मैं और आनंदी एक ही जैसे है। हां, आनंदी मुझसे तीन साल छोटी है। आनंदी की तरह मुझे भी पढ़ना और खेलना बहुत अच्छा लगता है। उसी की तरह मैं अपने मम्मी-पापा से बहुत प्यार करती हूं। उनके बिना मैं एक पल नहीं रह सकती हूं। मुझमें और आनंदी में एक बड़ी असमानता यही है कि उसकी छोटी उम्र में शादी हो गई है जबकि मैं बचपन को एंज्वॉय कर रही हूं। मैं खुश हूं कि मेरे जीवन में आनंदी की दादी सास जैसा कोई नहीं है।
बाल विवाह से थी अंजान
मैंने पहली कक्षा में बाल विवाह के बारे में पढ़ा था, लेकिन मुझे तब इस बारे में कुछ समझ नहीं आया था। बालिका वधू का हिस्सा बनने के बाद मैं बाल विवाह के बारे में अब अच्छी तरह जान चुकी हूं। मेरे हिसाब से बाल विवाह बुरा होता है। दुनिया के किसी भी मम्मी-पापा को अपनी बेटी के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए। लड़की की पढ़ाई छूट जाती है, उसके मम्मी-पापा छूट जाते है और सबसे खास बात यह है कि उसका बचपन खो जाता है।
एक्टिंग को काम नहीं मानती
मैं अब तक करम अपना-अपना, मेरी आवाज को मिल गई रोशनी, फिर कोई है और राजकुमार आर्यन में काम कर चुकी हूं। सच कहूं तो मैं एक्टिंग में पापा की वजह से आयी हूं। उन्होंने ही मुझे एक्टिंग में आने के लिए प्रेरित किया। मैं एक्टिंग को काम नहीं, खेल समझती हूं। मैं दिन भर सेट पर खेलती रहती हूं और खेलते-खेलते जाकर शॉट दे आती हूं। मुझे कैरम और बैडमिंटन खेलना अच्छा लगता है।
स्कूल की स्टार हूं
मैं मुंबई के मुलुंड स्थित शैरॉन इंग्लिश हाई स्कूल में पढ़ती हूं। अब मैं वहां की स्टार बन चुकी हूं। स्कूल में सभी मुझे बिंदड़ी, नकचढ़ी चुहिया, फुलरी और आनंदी कहकर बुलाते है। मैं स्कूल जाती हूं तो सभी आकर मुझसे सीरियल के बारे में पूछते है। मेरे सहपाठी आकर कहते है कि हम तुम्हारा सीरियल रोज देखते है। मेरे स्कूल की प्रिंसिपल कहती है कि तुम बहुत अच्छा काम कर रही हो।
अच्छी शरारतें करती हूं
मैं आनंदी की तरह बहुत भोली हूं। स्कूल हो या घर मैं शरारत बिल्कुल नहीं करती। हां, अच्छी शरारतें जरूर करती हूं। मैं लोगों के साथ खूब बातें करती हूं, भले ही वो मेरी बात सुनने में इंट्रेस्टेड न हों। ये भी तो शरारत हुई न? मैं अपनी पढ़ाई पर भी खूब ध्यान देती हूं। मैं अपनी किताबें सेट पर लेकर जाती हूं और जैसे ही फुरसत मिलती है, पढ़ने बैठ जाती हूं।
बनना चाहती हूं मिस यूनीवर्स
मैं बड़ी होकर मिस यूनिवर्स बनना चाहती हूं ताकि सुष्मिता सेन की तरह बड़ी हीरोइन बन सकूं। इसके साथ ही रितिक रोशन के साथ डांस करना चाहती हूं। मैं उन्हीं की तरह बहुत अच्छी डांसर हूं। मैं चार साल की उम्र से वेस्टर्न, क्लासिकल डांस सीख रही हूं। मैं जल्द ही बड़े पर्दे पर शाहिद कपूर और आएशा टाकिया के साथ फिल्म पाठशाला में एक्टिंग करती नजर आऊंगी।

No comments: