-रघुवेंद्र सिंह
मुख्य कलाकार : शाईनी आहूजा, एशा देओल, के.के. रैना व कविता झा आदि।
निर्देशक : कुणाल शिवदसानी
तकनीकी टीम : बैनर- इरोज एंटरटेनमेंट, छायांकन- जहांगीर चौधरी, कला निर्देशक - बिजन दासगुप्ता, संगीतकार- जस्टिन-उदय
तकरीबन तीन सौ विज्ञापन फिल्में बना चुके निर्देशक कुणाल शिवदासानी की फिल्म हाईजैक विमान अपहरण की कहानी पर आधारित है। कहानी के केंद्र में चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर ग्राउंड मेंटीनेंस आफीसर के पद पर कार्यरत विक्रम मदान और उसकी आठ साल की बेटी प्रिया है।
विक्रम का अपना अतीत है जिसे याद कर वह हमेशा दुखी रहता है। उसकी खुशियां सिर्फ उसकी बेटी से हैं, जो दिल्ली के एक हास्टल में रहकर पढ़ाई कर रही है। इत्तफाक से प्रिया जिस फ्लाइट से अमृतसर जा रही है, उसे आतंकवादी हाईजैक कर लेते हैं। ईंधन भराने के लिए आतंकवादी विमान को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर उतारते हैं। आतंकवादी सरकार से मांग करते हैं कि यदि उनके सरगना रशीद को छोड़ दिया जाए तो वे सभी यात्रियों को छोड़ देंगे। विक्रम अपनी बेटी को बचाने के लिए विमान के अंदर जाता है और एयर होस्टेस सायरा की मदद से आतंकवादियों को मार डालता है।
निर्देशक कुणाल की शुरू से ही कहानी और फिल्मांकन पर पकड़ ढीली दिखती है। हां, वे कुछ इमोशनल दृश्यों को निभाने में जरूर सफल हुए हैं। शाइनी आहूजा ने अपने किरदार को जीने की भरपूर कोशिश की है। लेकिन, वे एक आम आदमी से नायक के रूप में उभरने में असफल रहे हैं। एशा देओल के अभिनय पर हंसी आती है। बाल कलाकार इशिता की मासूमियत आकर्षित करती है। आतंकवादी रशीद की भूमिका में के.के. रैना जंचे हैं। फिल्म का संगीत औसत है।
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