तीन वर्ष की नन्हीं धृति भाटिया को सारा जग धारावाहिक जय श्री कृष्णा के प्यारे से नटखट कृष्ण के रूप में जानने लगा है। कलर्स चैनल पर प्रसारित जय श्री कृष्णा का प्रमुख आकर्षण धृति का मनमोहक अभिनय और दिलचस्प संवाद अदायगी है। धृति के पिता गगन भाटिया और मम्मी पूनम भाटिया इसे चमत्कार मानते हैं। आइए, धृति को करीब से जानते हैं।
[सात माह की उम्र में बनीं मॉडल]
जानकर हैरानी होगी कि धृति ने मात्र सात माह की उम्र में मॉडलिंग की दुनिया में कदम रख दिया था। दिल्ली निवासी पापा गगन बताते हैं, हर मां-बाप की तरह हमारी ख्वाहिश भी अपनी बेटी को स्क्रीन पर देखने की थी। सो, हमने छह माह की उम्र में उसका पोर्टफोलियो बनवाया और दिल्ली के हर मॉडल को-ऑर्डिनेटर को फोटो दे दिए। एक महीने बाद ही धृति को एक गारमेंट कंपनी के प्रिंट एड के लिए सेलेक्ट कर लिया गया और उसने सात माह की उम्र में पहली बार कैमरा फेस किया। दरअसल, हमें उसी वक्त एहसास हो चुका था कि धृति आम बच्ची नहीं है। उसमें कुछ खास है। यही बात हमारी बिल्डिंग के लोग भी कहते थे।
[खेल है अभिनय]
धृति डेढ़ साल पहले मुंबई आयीं। यहां आने के कुछ ही दिन बाद उन्हें हॉर्लेक्स एवं इमामी पाउडर के विज्ञापन में काम करने का मौका मिल गया। धृति ने सात माह पहले जय श्री कृष्णा के लिए ऑडिशन दिया था। यह उनका पहला धारावाहिक है। धृति के मम्मी-पापा हर समय उनके साथ कोल्हापुर में जय श्री कृष्णा के सेट पर मौजूद रहते हैं। पापा कहते हैं, धृति के लिए कृष्ण की भूमिका निभाना अब खेल बन चुका है। वह पहले गौर से निर्देशक के निर्देशों को सुनती है और उसके बाद कैमरे के सामने जाकर वैसा ही करती है। उसकी समझदारी देखकर सब लोग हैरान रह जाते हैं। हां, शूटिंग के दौरान वह डायलॉग नहीं बोल पाती। बाद में वह अपने डायलॉग खुद ही डब करती है। अब तो वह जान चुकी है कि उसे सेट पर मटका तोड़ना है, गोपियों को छेड़ना है, बांसुरी बजानी है और कंस मामा को तंग करना है।
[रूठने पर रुक जाती है शूटिंग]
तीन साल की नन्हीं सी धृति सेट पर सबका खिलौना हैं। धारावाहिक के सभी कलाकार उनके साथ खूब खेलते है। पापा गगन कहते हैं, धृति मन लगाकर प्रोफेशनल कलाकार की तरह शूटिंग करती है। सुबह नौ बजे सोकर उठती हैं। उनकी मम्मी उन्हें फटाफट तैयार करती हैं और दस बजे तक हम सभी सेट पर पहुंच जाते हैं। धृति को कृष्ण बनाने में डेढ़ घंटे लगते हैं। वह सुबह में तीन घंटे शूटिंग करती हैं और दोपहर को लंच के बाद सेट पर ही सो जाती हैं। फिर शाम को दो घंटे शूटिंग करती हैं। सब लोग धृति की हर सुविधा का ख्याल रखते हैं। यदि वह कभी रूठ जाती है तो सारी शूटिंग रुक जाती है इसलिए सब लोग उसे खुश रखने में लगे रहते हैं।
[जल्द जाएंगी स्कूल]
धृति दाल, चावल और दही बड़े चाव से खाती हैं। वे फुरसत के समय सेट पर बैट-बॉल खेलती हैं। धृति के पापा कहते हैं, अभी धृति के पास सीरियल और फिल्मों के बहुत ऑफर आ रहे हैं, लेकिन हम उस पर बोझ नहीं डालना चाहते। हम पैसे के लिए उससे एक्टिंग नहीं करवा रहे हैं। उसे स्क्रीन पर देखने की हमारी ख्वाहिश अब पूरी हो गयी है। आगामी मई माह में हम उसका एडमिशन नर्सरी में करवाने जा रहे हैं। हमने तय किया है कि स्कूल ज्वाइन करने के बाद धृति एक्टिंग नहीं करेंगी। धृति बड़ी होकर क्या करेंगी? यह उन्हीं पर निर्भर करेगा।
-रघुवेंद्र सिंह
[सात माह की उम्र में बनीं मॉडल]
जानकर हैरानी होगी कि धृति ने मात्र सात माह की उम्र में मॉडलिंग की दुनिया में कदम रख दिया था। दिल्ली निवासी पापा गगन बताते हैं, हर मां-बाप की तरह हमारी ख्वाहिश भी अपनी बेटी को स्क्रीन पर देखने की थी। सो, हमने छह माह की उम्र में उसका पोर्टफोलियो बनवाया और दिल्ली के हर मॉडल को-ऑर्डिनेटर को फोटो दे दिए। एक महीने बाद ही धृति को एक गारमेंट कंपनी के प्रिंट एड के लिए सेलेक्ट कर लिया गया और उसने सात माह की उम्र में पहली बार कैमरा फेस किया। दरअसल, हमें उसी वक्त एहसास हो चुका था कि धृति आम बच्ची नहीं है। उसमें कुछ खास है। यही बात हमारी बिल्डिंग के लोग भी कहते थे।
[खेल है अभिनय]
धृति डेढ़ साल पहले मुंबई आयीं। यहां आने के कुछ ही दिन बाद उन्हें हॉर्लेक्स एवं इमामी पाउडर के विज्ञापन में काम करने का मौका मिल गया। धृति ने सात माह पहले जय श्री कृष्णा के लिए ऑडिशन दिया था। यह उनका पहला धारावाहिक है। धृति के मम्मी-पापा हर समय उनके साथ कोल्हापुर में जय श्री कृष्णा के सेट पर मौजूद रहते हैं। पापा कहते हैं, धृति के लिए कृष्ण की भूमिका निभाना अब खेल बन चुका है। वह पहले गौर से निर्देशक के निर्देशों को सुनती है और उसके बाद कैमरे के सामने जाकर वैसा ही करती है। उसकी समझदारी देखकर सब लोग हैरान रह जाते हैं। हां, शूटिंग के दौरान वह डायलॉग नहीं बोल पाती। बाद में वह अपने डायलॉग खुद ही डब करती है। अब तो वह जान चुकी है कि उसे सेट पर मटका तोड़ना है, गोपियों को छेड़ना है, बांसुरी बजानी है और कंस मामा को तंग करना है।
[रूठने पर रुक जाती है शूटिंग]
तीन साल की नन्हीं सी धृति सेट पर सबका खिलौना हैं। धारावाहिक के सभी कलाकार उनके साथ खूब खेलते है। पापा गगन कहते हैं, धृति मन लगाकर प्रोफेशनल कलाकार की तरह शूटिंग करती है। सुबह नौ बजे सोकर उठती हैं। उनकी मम्मी उन्हें फटाफट तैयार करती हैं और दस बजे तक हम सभी सेट पर पहुंच जाते हैं। धृति को कृष्ण बनाने में डेढ़ घंटे लगते हैं। वह सुबह में तीन घंटे शूटिंग करती हैं और दोपहर को लंच के बाद सेट पर ही सो जाती हैं। फिर शाम को दो घंटे शूटिंग करती हैं। सब लोग धृति की हर सुविधा का ख्याल रखते हैं। यदि वह कभी रूठ जाती है तो सारी शूटिंग रुक जाती है इसलिए सब लोग उसे खुश रखने में लगे रहते हैं।
[जल्द जाएंगी स्कूल]
धृति दाल, चावल और दही बड़े चाव से खाती हैं। वे फुरसत के समय सेट पर बैट-बॉल खेलती हैं। धृति के पापा कहते हैं, अभी धृति के पास सीरियल और फिल्मों के बहुत ऑफर आ रहे हैं, लेकिन हम उस पर बोझ नहीं डालना चाहते। हम पैसे के लिए उससे एक्टिंग नहीं करवा रहे हैं। उसे स्क्रीन पर देखने की हमारी ख्वाहिश अब पूरी हो गयी है। आगामी मई माह में हम उसका एडमिशन नर्सरी में करवाने जा रहे हैं। हमने तय किया है कि स्कूल ज्वाइन करने के बाद धृति एक्टिंग नहीं करेंगी। धृति बड़ी होकर क्या करेंगी? यह उन्हीं पर निर्भर करेगा।
-रघुवेंद्र सिंह
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